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Aniket mere khud ke personal favourite characters me se ek hai bhaiअनिकेत ने एक जिंदादिल इंसान की मिसाल कायम कर दी । मैच्योरिटी की इन्तहा दिखाई ।
कोई और शख्स होता तो वो अविनाश से अपने सारे रिश्ते नाते तोड़ लेता । शक के कीड़े कुलबुलाने लगते । ऐसे सब्जेक्ट पर अनेकों मूवी बन चुकी है और सभी में ऐसे हालात में दोस्तों के बीच मतभेद ही रहा था । पर अनिकेत ने परिपक्वता दिखाई और अपने दोस्त का घर ही नहीं बसाया बल्कि नौकरी भी अरेंजमेंट करवा दी ।
वह उसके दिल की बात समझा । उसकी मजबूरियां समझा । हर समय चुहलबाज़ी करने वाला लड़का अपने कर्म से सेन्सियरिटी दिखा गया ।
well tab to aap keh sakte hai ke wo scenes inspired by true events theबहुत ही बेहतरीन स्टोरी थी । एक सच्चे दोस्त की पहचान उजागर करती हुई लाजबाव स्टोरी थी । हम भी एक समय सभी दोस्त एक खास ठिकाने पर शाम को मिला करते थे । एक अड्डा होता है दोस्तों का जब वो अपने सुख-दुख एक दूसरे से शेयर करते हैं । ऐसा ही इस कहानी में भी था । अविनाश , यश और अनिकेत का टिकड़ी में बैठना और वाइन पीते हुए सुख दुःख शेयर करना मुझे बहुत ही बढ़िया लगा ।
waah, abhi ye gaana dobara sunungaअपडेट नम्बर पैंतालीस मुझे कुछ ज्यादा ही भाया । संजना का बारिश से लगाव और अविनाश एवं संजना का बारिश में भीगते हुए हसीन पलों का आनंद उठाना एक वास्तविक प्रेमी युगल का एहसास दिला गया ।
मुझे विश्वास है शायद ही कोई प्रेमी युगल हो जिसे बारिश से लगाव न हो । यह दिन ही प्रेमियों का होता है ।
इस मौसम में प्रेमिका कुछ ज्यादा ही अपने प्रेमी को याद करती है । इसी पर एक गीत समर्पित करता हूं -
" हाय हाय ये मजबूरी , ये मौसम और ये दूरी ।
मुझे पल पल है तड़पाए ।
तेरी दो टकिया की नोकरी में , मेरे लाखों का सावन जाए । "
मनोज कुमार की बेहतरीन फिल्म " रोटी कपड़ा और मकान " का गीत है यह ।
दोनों का बारिश में भीगते हुए बाइक से जाना फिर एक झोपड़ी में पकौड़े और चाय का सेवन करना , इसके पहले संजना और उसकी मां के बीच आंखों आंखों से ही बातें करना सब कुछ दिल को स्पर्श कर गया ।
Aapka is behtarin review ke liye tahe dil se bahut bahut shukriya bhaiCongratulations for completed another lovely story.
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट Adirshi bhai.
जगमग जगमग अपडेट ।