घर पच कर मयूर ने अपना लैपटॉप नकला और फेसबुक पर रागनी का नाम टाइप कया, रागनी शमा इस नाम क कई ोफाइल खुल गयी पर उनमे से कोई भी रागनी नही थी, उसने इटााम, गूगल लस सब जगह टाइप कया, पर उसे नेट पर एक भी जगह रागनी का फोटो दखाई नही दया | अजीब बात है आज क आधुनक लडक और नेट पर कोई उपत नही | आग दोन तरफ बराबर लगी थी - रागनी ने अपना मोबाइल खोला और गूगल कया ेडरक मोटेल, मसूरी और उसके सामने एक खूबसूरत मोटेल का फोटो, लोकेशन, म अवलालट, रेट उभर कर आ गये, इन सबमे उसको दलची नही थी उसने पेज के नचे नजर डाली कांटेट पसनल पर लक कया और उसे दखाई दया मयूर ेडरक और साथ म कांटेट इनफामशन म एक मोबाइल नंबर भी लखा था, उसने नंबर अपने मोबाइल म सेव कया और हाटअप पर जाकर रेश कया, मयूर का नंबर उसमे शो होने लगा था उसने ोफाइल पचर पे लक कया और उसे पचर म वही दो नीली आख अपनी और देखती ई दखाई द, उसने फोटो अपने मोबाइल म डाउनलोड कया और मेसेज बॉस म हेलो लखा, फर मटा दया | हेलो लखने और मटने का सलसला लगभग आधे घंटे तक चलता रहा, वो मेसेज भेज कर उसको हेलो बोलना भी चाह रही थी पर एक भय उसे रोक रहा था, सुबह जब वो सो कर उठ तो उसने हमत जुटाई गुड मोनग लखा और आंख बंद कर सट् का बटन दबा दया | मयूर सुबह उठा तो उसे अपने हाट्सएप म कई रेगुलर मेसेज के साथ एक अननोन नबर भी दखाई दया, जसपर मैसेज आया था – गुड मोरनग उसने ोफाइल पचर पे लक कया और रागनी अपनी सहेलय के साथ बच पर दखाई दे रही थी, तो मेडम ने मेरा नबर कही से ले लया, उसने मेसेज का जवाब दया – वैरी गुड मोरनग, कैसी हो, आज शाम को हो या ? शाम के 8 बजे तक तक कोई रलाई नही आया और रात भी नकल गयी, अगले दन सूरज नकलने के साथ ही मयूर क ख़ुशी, मायूसी म बदल गयी आखर उसने उसके मेसेज के रलाई य नही कया ? फर उसे एक हद फम का आईडया सुझा, रागनी क हद फमे बत पसंद है, उसको ऐसा ही आईडया पसंद आएगा – उसने मैसेज कया आज दन के सेकंड शो क दो टगट ली है, तुहारा इंतजार कं गा वजेता मटलेस के बहार, बस टड के पास, रात 9 बजे सी यू बाय
काई लू जस और वाइट शट पहना, लैक फॉमल शूज, करीने से सजे बाल और लज से महकता वो खुद, मंजल बत पास है, आजकल लडकया भी हद मूवीज देख देख कर ामा वीन बन गई है, उसने कार टाट क और मटलेस के पाकग म ही जा कर रोक, कार से उतरा और रागनी का इंतजार करने लगा | उसने घडी देखी समय लगभग 8:30 बजा था, धीरे धीरे 9 बजने आई और उसके दल क धड़कन बढ़ गयी, या होगा अगर वो नही आई तो, 9 क 10:30 ई और 11 बजने आ गयी, उसका मन बैठने लगा, अब वो नही आएगी, वो पुरे शो के खतम होने तक वही खड़ा रहा, लगभग 11 बजे तक उसका मन डूब गया और वो बुझे मन से अपनी कार क और चल पड़ा | रागनी नह आई तो नही ही आई, अजीब लडक है, उसने कहा – अब म कभी उसे मैसेज नही कं गा, न ही कभी मलूँगा चाहे कुछ भी हो जाये | उस रात वो बना कुछ खाए सो गया, उसका कुछ भी करने का मन नही हो रहा था, शाम खराब हो गयी थी | सुबह उठकर गम पानी का शावर लेते ए वो उसके सामने रागनी का चेहरा उभर आया, उसका मन गुसे, खीज, और अजीब से दद से भर गया, आज रववार है, आज उसको फेअर (मेले) म जाना था, पर उसका कही जाने का मन नही हो रहा था | वो चुपचाप बैठा शूय को घुर रहा था क तभी फ़ोन क घट बजी, उसने फ़ोन उठाया और एक खनकती ए आवाज सुनाई द – मयूर म कब से तुहारा इंतजार कर रही ँ तुम आये य नही ? वो आवाज रागनी क ही थी | उसके मुंह से बोल नही फुट रहे थे, बड़ी मुकल से उसने पूछा – कहाँ नही आया म ? सरी तरफ से रागनी ने कहा – माय गॉड, या तुमने मेरा मेसेज नही पढ़ा जो मेने तुहारे मूवी वाले मेसेज के बाद कया था ? अब मयूर के मन म उसुकता अपने परवान पर थी – नही, या था उसमे ? पढो, पहले उसे मेसेज को पढो और मुझे फ़ोन करो, म यहाँ तुहारा वेट कर रही ँ | मयूर ने फ़ौरन हाटएप खोला, उसमे रागनी से नाम के नचे एक मैसेज था जो अभी तक अनरड था, उसने मेसेज पर लक करा उसमे लखा था – मयूर म यहाँ मूवी देखने नही आई ँ वो तो म डएगो म बत देख सकती थी, म यहाँ पहाड़ो क सुदरता देखने आई ँ चलो मेला देखने चलते है म कल तुहारा बस टड के पास वाली शॉप पे मलूंगी सुबह 11 बजे, सी यू बाय |
मयूर को अपनी गलती का अहसास आ, उसने मूवी चलने के लए