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जोरू का गुलाम भाग २४२, 'कीड़े' और 'कीड़े पकड़ने की मशीन, पृष्ठ १४९१
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Ye pichhle 2 bar pichhe vale update me bhi ye plan padha tha. Message D melo ka cousin direct flight pakad kar Delhi aaega fir gajiyabad se vapas train me. Aur vo bhi dusre dibbe se hote hue utar jaega. Tab tak vo sath honge.जोरू का गुलाम -भाग २३६
मंगलवार -दिल्ली
३२,९३,531
मिसेज डी मेलो
गेट पर मैंने बोल दिया था की , अगर कोई मुझे पूछे तो उसकी गाडी भी सीधे पीछे , मेरी गाड़ी के पास भेज देना।
दो बजे मिसेज डी मेलो आ गयीं।
मिसेज डी मेलो, इनकी सेक्रेटरी,
लेकिन आर्गनाइजेशन में देखे तो इनसे बहुत ज्यादा एक्सपीरियंस, आफिस पॉलिटिक्स से लेकर कॉर्पोरटे आफिस के अंदरूनी हाल चाल तक सब उनकी उँगलियों पर, और सिर्फ इनकी नहीं मेरी और मम्मी की भी बहुत ख़ास, पर सुनती सब थीं , बोलती बहुत कम
और सबसे बड़ी दो बातें सुपर लॉयल और सुपर शार्प, वूड हाउस की कहानियों में जो हालत जीव्स की है एकदम उसी तरह से, बड़ी से बड़ी मुसीबत में बिना हिम्मत खोये, बिना कुछ बोले रास्ता निकाल लेने वाली,
और उन्होंने पूरी बात बता दी।
सुबह कांफ्रेंस एक स्पेशल रूम में हुए जिसे ये लोग 'एग ' कहते हैं। ये बगिंग , हैकिंग प्रूफ है , इसकी अंदरूनी दीवाले सर्जिकल स्टील की बनी हैं , और यह दिन में चार बार बग्स के लिए चेक होता है। और तब से यह उसी कमरे में बैठे सबसे बाते कर रहे हैं , सिर्फ एक बार बाहर निकल कर मिसेज डी मेलो को उन्होंने इंस्ट्रक्शन दिया।
वो अभी आलरेडी एक बगल के शहर में निकल गए हैं , जहाँ उनके एक फ्रेंड रहते हैं। इनके लिए मिसेज डी मेलो ने एक रूम भी एक होटल में बुक करा दिया है। वो वहीँ चेक इन करेंगे , अपने दोस्त से मिलेंगे और कुछ कम्पनी का भी काम है। दो दिन के लिए रूम बुक है।
लेकिन असली प्रोग्राम दूसरा है , जो सिर्फ मिसेज डी मेलो को मालूम है।
मिसेज डी मेलो और उनके एक कजिन का फर्स्ट एसी में दिल्ली के लिए एक कूपे बुक है , जो ट्रेन शाम सात बजे यहाँ से चलकर सुबह ६ बजे दिल्ली पहुंच जाती है। लेकिन रस्ते में जब ट्रेन उस शहर में पहुंचेगी , जहाँ के लिए ये गए हैं , वहां वो फर्स्ट एसी कूपे में आ जाएंगे और इनका कजिन उतर जाएगा , वह साढ़े दस की आखिरी फ्लाइट से दिल्ली पहुँच जाएगा और वहां से गाजियाबाद।
इनकी ट्रेन पांच बजे के करीब गाजियाबाद पहुंचेगी , वहां वह ट्रेन से उतर जाएंगे और मिसेज डी मेलो का कजिन वापस कूपे में ,...
अगर कोई ट्रैकमिसेज डी मेलो को ट्रैक करने की भी कोशिश करेगा तो वो यहां पर अपने कजिन के साथ फर्स्ट एसी कूपे से उतरेंगी , जिस स्टेशन पर चेंज होगा वहां भी ये दोनों लोग स्टेशन पर दो मिनट के लिए उतरेंगे , फिर वापस ट्रेन में चढ़ेंगे , .... और उनका कजिन वहां से बगल के डिब्बों से होता हुआ , तीन चार डिब्बे के बाद, जब ट्रेन स्टार्ट होगी उतर जाएगा।
ये बैग डी मेलो ही ले जाएंगी , और फर्स्ट एसी कूपे में ही इन्हे मिल जाएगा।
अब मैं समझ चुकी थी , ये बैग इन्होने क्यों मंगवाया।
जहाँ जिस शहर में उन्होंने होटल बुक करवाया है , वहीँ पर उनका फोन , कार्ड्स सब रह जाएंगे . निश्चित रुप से कोई उन्हें उनके कार्ड और मोबाइल से ट्रेस कर रहा होगा , वो फोन और कार्ड उसी शहर में दो दिन तक इस्तेमाल होंगे। और उन्ह ट्रैक करने वाला यही समझेगा की वो उसी शहर में हैं , जबकि वो कल अर्ली मॉर्निंग दिल्ली पहुँच चुके होंगे।
इस बैग में कई मोबाइल फोन थे , जिनमे कुछ तो एकदम बिना इस्तेमाल किये हुए , कुछ सिर्फ वन टाइम इस्तेमाल वाले थे। इसी तरह करीब आधी दर्जन सिम थीं , अलग अलग देशों की , अलग अलग लोगों के नामों की . लेकिन एकदम अनट्रेसेब्ल। उसके साथ भारी मात्रा में कैश भी था , जिससे कार्ड का इस्तेमाल भी उन्हें कम से कम करना पड़े। लेकिन कुछ कार्ड भी थे लेकिन अलग नामों से ,...
इस तरह एक दो दिन तक उन्हें टाइम मिल जाएगा।
हम लोगों की बात ख़तम होने के बाद किसी ने आकर बतलाया की मेंहदी वाले आये हैं , दो लड़कियां दो लड़के ,... मैंने उन्हें मिसेज डी मेलो से इंट्रोड्यूस करवाया , और कई ड्राइंग उन्होंने शेयर भी कीं।
करीब आधे घंटे तक, सब टेक्नीकल डिटेल, मेहदी के कौन कैसे बनते हैं क्या क्या पड़ता है जिससे मेहँदी के रंग ज्यादा चटख हों और वो जल्दी सूख जाए, मेंहदी की डिजाइंस हाथ और पैर के साथ बाकी बॉडी पार्ट्स पर और फिर ब्राइडल मेहँदी,
वो मेहदी वलियाँ भी मान गयी की कोई जानकार थी,
मेरा बैग मिसेज डी मेलो के कार के पीछे वाली सीट पर , रखे एक बड़े बैग के अंदर चला गया।
और ढाई बजे तक मिसेज डी मेलो चली गयीं ,
यानी अगर कोई मिसेज डी मेलो को ट्रेस भी कर रहा होता, मेरी और उनके बीच की फोन की बात को हैक भी कर लिया होता तो उसे यही पता चलता की मिसेज डी मेलो, मेहदी वालो से मिलने आयी थी और क्लब में आकर चेक करने पर भी यही पता चलता की मिसेज डी मेलो ने मेंहदी वालो से बात की।
उनके जाने १० मिनट बाद सुजाता आयी , ...तब तक मैं जहाँ रेन डांस होना था , आर्टिफिसियल रेन , उनसे पानी के प्रेशर , एक साथ कितने शावर चलेंगे , कितनी एरिया कवर होगी , .... ये सब डिस्कस करती रही ,
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और सुजाता के आते ही तो फिर बदमाशियां छेड़खानियां , ... उसने आते ही मेंहदी वाले लड़कों को देख कर एकदम , मेरे कान में बोली ,
"स्साले मस्त चिकने लगते हैं , एकदम खाने लायक ,... अभी मूंछ भी नहीं आयी ठीक से , लेकिन औजार सही होगा मेरी गारंटी। "
और फिर उन्हें चिढ़ाने पर जुट गयी , क्या पहन कर आओगे , ... कैसी मेंहदी लगाते ही , सिर्फ हाथ पर ,
वो लड़के भी लड़कियों के साथ कितना इंटरैक्ट करते होंगे , तुरंत डबल मीनिंग पर आ गए ,
" वो तो लगवाने वाली पर डिपेंड करता है , कहाँ ,कैसे लगवाती है। "
" नहीं नहीं यहाँ सिर्फ तुम सब तय करोगे , ... एक बार उसने हाथ फैला दिया तो बाकी सब ,... " सुजाता एकदम पीछे पड़ गयी , ...
और जब उसने टैब निकाल कर मेंहदी की ड्राइंग्स दिखायीं , तो इस बेचारे लौंडों की फट गयी
कोई हाथ पर नहीं थी , दस बारह तो सिर्फ बूब्स की , और पांच सीधे गुलाबो के चारो ओर ,
" देख पहले दोनों हाथ पर , ... पैर पर ,.... वो तो तुम लोग कर ही लोगे , असली चीज ये सब हैं ,... एक बार हाथ पैर पर लग गया तो हाथपैर थोड़े ही चला पाएंगी , फिर ये सब ,... " सुजाता ने ट्रिक भी बता दी और एक्स्सपीरिएंस भी पूछ लिया , टैब दिखा कर ,
" इसके पहले भी किसी को यहाँ लगाया है " बूब्स वाली मेंहदी खुली थी ,
" हाँ , ज्यादा नहीं , ज़रा सी ,.. दो तीन लड़कियों ने सुहागरात के पहले , ब्राइडल मेंहदी के साथ। "
" अरे यहां भी तो सुहागरात ही है सबकी उस दिन , ... और अच्छे से लगाया न तो अगले दिन तो ,... क्या पता तुम लोगों की भी , उस दिन तुम लोगो की उम्र वाली कच्ची कलियाँ ही रहेंगी। "
मैंने ध्यान नहीं दिया था , चमची नंबर २ आ गयी थी अभी अभी और वो बोली।
" एकदम अरे अगर पहले दिन , सैटरडे के दिन , तुमने अच्छे से लगाया न तो फिर संडे को तो ,... सोच सोच के मुट्ठ मत मारने लगना अभी से , ... एक से हाईस्कूल वालियां ,.. कोरी कच्ची कलियाँ ,... लेकिन क्या पहन के आओगे ,.... " सुजाता ने पूछ लिया और बिना उन सब के बोले ,
चमची नंबर दो ने फैसला सुना दिया ,
अरे उस दिन यहाँ कोई चड्ढी बनियान नहीं पहनेगा , तो अगर उस दिन वो तुम लोगों ने पहना तो गेट से ही बाहर ,... और फंक्शन का दिन है , तो सिर्फ कुरता ,.. बाकि छोटी सी कुर्ती और पाजामे में , और नार्मल नहीं चूड़ीदार देह से चिपका , सब कुछ दिखता है वाला , ... मैं खुद चेक करुँगी , ... "
और साथ में जो लड़कियां थीं उन्हें भी वही ड्रेस ,.. नो अंडरगार्मेंट्स ,... टाइट छोटी सी प्याजी कुर्ती और लेगिंग्स या केप्री।
अपनी सारी डिजाइन टैब से सुजाता ने उन चारों को वही व्हाट्सऐप कर दिया।
उनके जाने के बाद असली बदमाशी वाली प्लानिंग शुरू हुयी ,
तीज के अगले दिन की तीज प्रिंसेज ,... बल्कि हम तीनो को मालूम था असली टारगेट तो दोनों रसगुल्ले होने थे ,
ऊपर मन से तो ,मैं भी मस्ती वाली बाते कर रही थीं, चमची नंबर दो को एक से एक किंकी बातें करने के लिए उकसा रही थी,लेकिन मेरा मन इनमे लगा था। पहुँच जाय ठीक ठाक, क्या होगा, लेकिन फिर मैंने सर झटक दिया, मैं भी बड़ी बेवकूफ हूँ । ये हैं न सब ठीक कर लेंगे बस, एक बार पहुँच जाएँ
मन बार बार उमड़ घुमड़ कर इन्ही के पास जा रहा था।