Kya bat hai Komalji. Kafi shansae update. Anand babu to anand babu nikle. Chuhe se chumban aur uska chamcha darta hai. To chuha kyo lekar gae. Ye to pata tha. Par Reet ne jo payal pahenai thi. Vo bhi kam aa jaegi. Ye nahi socha tha. Sayad bomb hi dami hoga. Mahak aur uske bad dusri ladki ko kya khubsurti se bahar nikala. Aur gunja ke time risk le liya. Bahar se aa rahi sari aavaj dushman ka dhyan bhatkane ke lie kafi thi. Par sahi tarike se gunja ko bhi nikala. Magar bomb kyo nahi fata.डाइवर्ज़न- रिजक्यू
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बहुत मुश्किल था।
मैं खिड़की से चिपक के खड़ा था। कोई डाइवर्ज़न क्रियेट करना होगा। मैंने गुन्जा को इशारे से समझा दिया। मेरे जेब में पायल पड़ी थी, जो सुबह गुड्डी और रीत ने मुझे पहनायी थी और घर से निकलते समय भी नहीं उतारने दिया था। बाजार में पहुँचकर मैंने वो अपनी जेब में रख ली थी।
चूहे के पिंजरे से मैंने पनीर का एक टुकड़ा निकाला और पायल में लपेट के, पूरी ताकत से बाहर की ओर अधखुले दरवाजे की ओर फेंका। झन्न की आवाज हुई। दरवाजे से लड़कर पायल अधखुले दरवाजे के बाहर जा गिरी- “झन-झन-झन…”
“कौन है?” वो आदमी चिल्लाया और बाहर दरवाजे की ओर लपका जिधर से पायल की आवाज आई थी।
इतना डायवर्ज़न काफी था।
मैंने गुन्जा को पहले ही इशारा कर रखा था।
उसके दायीं ओर वाली लड़की को पहले उठकर मेरे पास आना था। वो झटके से उठकर मेरे पास आई। एक पल के लिये मेरे दिल कि धड़कन रुक सी गई थी।
कहीं बाम्ब,.... लेकिन कुछ नहीं हुआ।
और जब वो मेरे पास आई तो मेरे दिल की धड़कन दो पल के लिये रुक गई।
महक,… लम्बी, गोरी, सुरू के पेड़ जैसी छरहरी और सबसे बढ़कर उसकी फिगर।
लेकिन अभी उसका टाईम नहीं था। मैंने उसके कान में फुसफुसाया-
“दिवाल से सटकर जाना पीछे वाले दरवाजे पे। इसके बाद गुन्जा के बगल की दूसरी लड़की को मैं उठाऊँगा। तुम दरवाजे पे उस लड़की का इंतेजार करना और पीछे वाली सीढ़ी से…”
महक को सीढ़ी का रास्ता मालूम था। उसने मुझे आँखों में अश्योर किया और दीवाल से सटे-सटे बाहर की ओर।
मैं डर रहा था की जब वो दरवाजे से बाहर निकले तब कहीं कोई आवाज ना हो?
खतरा दरवाजे के पास खड़े आदमी से था, निश्चित रूप से मैनेजमेंट में वो थोड़े नीचे लेवल का था और चुम्मन ने उसे इन लड़कियों का ध्यान रखने के लिए बोला होगा, लेकिन अगर उसे महक के दरवाजा खोलने की आवाज भी सुनाई पड़ी और उसने बेंच की ओर देखा तो फिर सब काम गड़बड़ हो जाएगा।
नीचे से अनाउंसमेंट और तेज हो गए थे, कभी पुलिस की आवाज आती कभी चुम्मन की माँ की, और उस आदमी का ध्यान उन आवाजों की ओर,
और मेर ध्यान कभी उसकी ओर कभी महक की ओर, मुझे गुड्डी की बात का अंदाजा था की चुम्मन और उसका चमचा चूहे से डरते हैं
और मैंने एक चूहा छोड़ दिया।
वो आदमी दरवाजे के बाहर खड़ा था, पनीर का टुकड़ा उसके पैरों के पास, …और पल भर में चूहा वहीं।
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वो जोर से उछला- “चूहा…”
और महक,…. दरवाजे के पार हो गई।
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बाहर से लाउडस्पीकर की आवाजें बन्द हो गई थी और अब फायर ब्रिगेड वाले वाटर कैनन छोड़ रहे थे।
बन्द होने पर भी कुछ पानी बाहर के बरामदे में आ रहा था।
वो आदमी फिर बेचैन होकर बाहर की ओर गया और फिर.
डाइवर्जन और रिजक्यू का जो तरीका एक बार चल गया था, दुबारा फिर से वही, और बाहर के अनाउंसमेंट, वाटर कैनन के चक्कर मे चौकीदारी कर रहे चमचे के दिमाग में कुछ नहीं घुस पा रहा था।
और फिर से
पायल, पनीर का टुकड़ा और चूहा।
और अबकी चूहे ने उसे काट लिया।
वो चीखा और अब दूसरी लड़की दिवार से सटकर बाहर की ओर।
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चूहे हमेशा दिवार से सटकर चलते हैं और अंधेरे में देख सकते हैं। जो चूहे मैं लाया था इनके दांत बड़े तीखे होते हैं। ये बात उस आदमी को भी मालूम थी और वो दीवार के नजदीक नहीं आ सकता था। लेकिन अब मामला फँस गया।
अभी तक बेन्च पे कम से कम गुन्जा का वजन था। लेकिन उसके हटने के बाद,....?
मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था, एक तो टाइम बहुत तेजी से भाग रहा था, दूसरे बाकी दोनों लड़कियों के हटने के बाद सब प्रेशर गुंजा का था बेंच पर और अगर यह प्रेशर ऐक्टिवेटेड बॉम्ब है तो गुंजा के हटते ही पक्का बॉम्ब एक्क्सपलोड होगा और गुंजा मैक्सिमम रिस्क पर होगी,....
लेकिन और कोई चारा नहीं था,
वो चमचा जैसे ही अंदर आता देखता की दो लड़कियां गायब हैं वो चुम्मन को खबर करता और फिर रिमोट और बॉम्ब,....
और एक और परेशानी बची थी डाइवर्जन, पनीर, पायल चूहा अब कुछ नहीं था और बार बार चल भी नहीं सकता था।
दो लड़कियां तो बच के कमरे के बाहर निकल गयी थीं, और सीढ़ी वाले दरवाजे के पास होंगी,.... लेकिन गुंजा अभी भी खतरे में थीं।
वो आदमी अब और एलर्ट होकर अन्दर की ओर देख रहा था। जैसे ही वो रियलाईज करता की दो लड़कियां गायब हैं, तो मेरे लिये मुश्किलें टूट पड़ती।
क्या करूं? क्या करूं? मैं सोच रहा था। तब तक जोरदार आवाज हुई- “बूम। बूम…”
मैं समझ गया ये डमी ग्रेनेड है। धुआँ और आवाज। लेकिन उसने बरामदे में शीशा तोड़ दिया था और उसी के रास्ते वाटर कैनन का पानी।
गुंजा बस टिकी बैठी थी और अब दुबारा मौका नहीं मिलने वाला था।
मेरे इशारे के पहले ही, वो मेरी ओर कूद पड़ी।
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और मैं स्लिप के फील्डर की तरह पहले से तैयार। मैंने उसे कैच किया और उसी के साथ रोल करते हुये जमीन पर दरवाजे की ओर।
बाम्ब नहीं फूटा।
लेकिन एक दूसरा धमाका हो गया।

Amezing ....Amezing.... Amezing... Jitni bhi tarif karu kam hai. Kya update hai. Maza hi aa gaya. Gunja ko nikalne se pahele dusra gunda aa gaya. Beanch khali dekh kar bhadak gaya. Sale chumban ke sath hatha pai hui. Chaku gunja ko lagne nahi diya. Anand babu ne vo short apne par le lie. Jio mere hero. Jio Anand babu jiaa ho. Love it. Gunja ko bhi nikal hi diaa.चाक़ू
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कमरे में एक दूसरा आदमी दाखिल हो गया-
“क्या हो रहा है यहां? तू नीचे जा। अब लगता है की टाईम आ गया है…”
और उसने लाइटर निकालकर जला ली। और जैसे ही लाईटर की रोशनी बेन्च की ओर पड़ी। बेन्च खाली,
वो चिल्लाया- “लड़कियां कहां गईं?” देख जायेंगी कहां? यहीं कहीं होगीं, ढूँढ़ जल्दी…”
मैं और गुन्जा दम साधे फर्श पे थे, और लाइटर की रोशनी हम लोगों की ओर भी आ गई। पक्का यही चुम्मन था, फर्श पर गुंजा को पकडे, चिपके मैं उसकी आवाज से महसूस कर रहा था। उसकी आवाज में एक अथार्टी के साथ, एक डर एक हल्का सा फ्रस्ट्रेशन और झुंझलाहट भी थी, जैसे कोई जुआरी आखिर दांव मेन सब कुछ लगा दे और जीती हुयी बाजी जैसे अचानक उलट जाए, बेंच खाली, लड़कियां गायब, खिड़की के रस्ते वाटर कैनन से हमला शुरू हो गया था,
और जैसे कोई जंगली जानवर फंस जाए, उसके निकलने का कोई रास्ता नहीं बचे तो वो सिर्फ हमला कर सकता है और एकदम खूंख्वार हो जाता है, वो अपनी जान पर खेल कर जान लेने पर उतारू होता है, मैं समझ गया था चुम्मन अब उस मूड में होगा और गुंजा अभी भी उसी कमरे में है,
डीबी के खबरी ने बताया था, चुम्मन मशहूर चाक़ू बाज है, उसका निशाना कभी गलत नहीं होता,
एक चाकू तेजी से,… हवा में लहराता।
मैं सिर्फ इतना कर सका की रोल करके मैंने गुन्जा को अपने नीचे कर लिया। पूरी तरह मेरे नीचे दबी, चारों ओर मेरी बांहें, पैर।
चाकू मेरी बांह में लगा और अबकी बार वो खरोंच नहीं थी, घाव थोड़ा गहरा था। खून तेजी से निकलने लगा। अगर मैंने गुंजा को उस तरह पलक झपकते दबोचा नहीं होता तो निश्चित रूप से चाक़ू गुंजा के सीने में पैबस्त होता, और चाक़ू भी पूरे ९ इंच के फल वाला, तीखा,
मैंने गुंजा से बोला- “तू भाग। बाकी लड़कियां पीछे वाली सीढ़ी पे खड़ी होंगी। तू भी वहीं खड़ी होकर मेरा इंतजार करना। मैं रोकता हूँ इसको…”
हम लोग दरवाजे के पास ही थे।
गुंजा सरक कर, क्रॉल करती हुई दरवाजे के बाहर निकल गई और दौड़ती हुई सीढ़ी की ओर।

और मैं स्लिप के फील्डर की तरह पहले से तैयार। मैंने उसे कैच किया और उसी के साथ रोल करते हुये जमीन पर दरवाजे की ओर ---
What a level Of Eroticness . . Shararat se bharpoor Gunja Jisko Khule me Anand babu sapne me bhee pakadne ke baare me soch nahi pate . . Vo gunja khud Anand babu Ke taraf kudi . .
Whatever be the Condition Komal didi never miss a chance to discribe the Eroticness, & This makes her queen . .![]()

Kya romanchit update hai. Maza aa gaya. Vah anamd babu wah. Sala chumban khud hi puchh raha hai. Ki kiska ashik hai. Are babu Anand babu to guddi ka ashik hai. Par jitni bhi baki hai vo khud hamare anand babu ki ashik hai. Kya action kiya anand babu ne. Ghayal hote hue bhi pin se. Amezing action. Aur mahek rani. Ek aur sali. Khud hi intro de diya handsome jija ko dekh kar. Amezing update.एडवांटेज टीम गुंजा
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लाइटर के बुझने से कमरे में एक बार फिर से अँधेरा था,
लेकिन तीनो लड़कियां अब कमरे के बाहर थीं और सीढ़ी के दरवाजे पर, लेकिन कमरे में मैं अभी भी फंसा था, चाक़ू का घाव मेरे दाएं हाथ में, काफी गहरा था, खून बह रहा था और वो अब एकदम मेरे बगल में आकर खड़ा था, मेरे लिए बचना तो छोड़िये, उठना मुश्किल था।
वो आदमी मेरे पास आ चुका था।
लाईटर बुझ चुका था,लेकिन उस अन्धेरे में भी उसने एक बड़ा चाकू जो निकाला, उसकी चमक साफ दिख रही थी।
वो आदमी-
“क्यों साले, किसका आशिक है तू? उस महक का। बुरचोदी, उसकी बहन तो बच गई ये नहीं बचने वाली मेरे हाथ से। या गुंजा का? अब स्वर्ग में जाकर मिलना महक से। घबड़ाना मत दो-चार महीने मजे लेकर उसे भी भेज दूंगा तेरे पास, ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा…”
और उसने चाकू ऊपर की ओर उठाया।
मैं जमीन पे गिरा था, उसके पैरों के पास।
गुड्डी से जो मैंने बाल वाला कांटा लिया था और उसने मजाक में मेरे बालों में खोंस दिया था,... मेरे हाथ में था।
खच्च। खच्च। खच्च। दो बार दायें पैर में एक बार बायें पैर में। जितनी मेरे हाथ में ताकत हो सकती थी, उतनी ताकत लगा के, बस यही मौका था बचने का।
वो आदमी लड़खड़ाकर गिर पड़ा।
उठते हुये मैंने उसके दायें हाथ की मेन आर्टरी में, पूरी ताकत से कांटा चुभोया और खून छल-छल बहने लगा।
निकलते-निकलते मैंने देखा कि एक मोबाइल फर्श पे गिरा है।
मैंने उसे तुरन्त उठा लिया और कमरे के बाहर।
उसी समय एक आँसू गैस का शेल खिड़की तोड़ता हुआ कमरे में।
20 मिनट हो चुका था।
मुझे 5 मिनट में बाहर निकलकर आल क्लियर का मेसेज देना था, वरना कमांडो अन्दर।
लेकिन ज्यादा तुरन्त की समस्या ये थी.... ये दोनों पीछा तो करेंगे ही कैसे उसे कम से कम 5-10 मिनट के लिये डिले किया जाय।
दरवाजा बन्द करके मैंने टूटा हुआ ताला उसमें लटका दिया- ऐडवांटेज एक मिनट।
मैंने गुड्डी से जो चूड़ियां ली थी, सीढ़ी की उल्टी डायरेक्शन में मैंने बिखरा दी और कुछ एक कमरे के सामने। अगर वो कन्फुज हुये तो- ऐडवांटेज दो मिनट।
मैं वापस दौड़ता हुआ सीढ़ी की ओर।
तीनों लड़कियां सीढ़ी के पार खड़ी थी।
महक ने बोला- “चलें नीचे?”
मैंने कहा- “अभी नहीं…” और सीढ़ी का दरवाजा बन्द कर दिया।
पीछे से जोर-जोर से दरवाजा खड़खड़ाने की आवाज आ रही थी।
मैंने बोला- “ये जो कापियों का बन्डल रखा है ना उसे उठा-उठाकर यहां रखो…”
वो बोली- “मेरा नाम महक है। महक दीप…”
मैंने कहा- “मुझे मालूम है। लेकिन प्लीज जरा जल्दी…” और जल्दी-जल्दी कापियों से जो बैरीकेडिंग हो सकती थी किया।
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Ek aur bat
Itni ladkiya hai yaha
Kisi ko to sex krne ka man krta hoga

Komalji aaj rat tak sayad me JKG ke updates padh kar complete kar dungi. To ab fagun ya fir chhutki??? Ya fir holi ka koi aur hi plan hai.![]()
Erotica - जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
जोरू का गुलाम भाग २५६ पृष्ठ १६०७ अब मेरी बारी अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करेंexforum.live
अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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