अगला अपडेटसुनीता एक दम बेसुध अस्पताल में बैठी थी। उसे अपने कीये पर बहुत पछतावा था। लेकीन अब जो होना था वो तो हो गया था।सुनीता की आंखो से आसूं , सुखने का नाम ही नही ले रहा था।अस्पताल में सभी लोग मौजुद थे, अनन्या , आरती , कीरन और राजू।ईन सब को तो ये पता भी नही था की, आखीर सुनीता ने...