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Erotica अरिन्दम से बनी अवंतिका

Ye kahani kis font me likhun???

  • Hindi

    Votes: 15 78.9%
  • Hinglish

    Votes: 4 21.1%

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KD's Love

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19
कुमुद ने मुझे उठा कर बाथरूम में ले गए और कमोड पर बिठा दिया। और बाथ टब में गरम पानी भरने लगे।
मैं - आप जाइए न।
कुमुद - क्यों।
मैं - मुझे शर्म आ रही है।
कुमुद - जब सेक्स कर रहीं थीं तब तो शर्म नहीं आ रही थी।
मैं - वो बात अलग है अभी जाइए आप।
कुमुद - अच्छा ठीक है जाता हूं हो जाए तो बुला लेना।
वो हस कर चले गए। उन्होंने बाहर जाके इतनी देर में बेड शीट चेंज कर दी और पुरानी बेड शीट को अलग साइड में रख दिया।
इधर बाथरूम से उनके जाते ही मैं रिलैक्स हुई और बाथरूम करने को हुई तो मेरी चूत में अंदर जलन सी हुई। लेकिन बाथरूम लगी थी तो कैसे भी करके मैने की। फिर मैंने उनको आवाज़ दी तो वो अंदर आए और मुझे उठा कर बाथ टब की तरफ ले जाने लगे।
मैं - उस तरफ क्यों ले जा रहे हैं।
कुमुद - शांत
उन्होंने मुझे बाथ टब में बिठा दिया। बाथ टब में बैठते ही मेरी चूत में झटका सा लगा।
मैं - आह मां
कुमुद - अब समझ आया मैं क्यों ले कर आया।
मैं - हां, उफ्फ अब थोड़ा आराम लग रहा है।
कुछ देर बाद वो मुझे ले कर वापस रूम में गए। मैने देखा कि बेड शीट चेंज हो चुकी थी।
मैं - ये अपने क्यों किया मैं कर देती ना।
कुमुद - क्यों मैने कर दिया तो क्या हो गया। मैने कुछ गलत कर दिया है क्या।
मैं - नहीं मेरा मतलब ये नहीं था। मम्मी ने कहा था कि सारा काम अपने आप करना अपने पति से मत करवाना।
कुमुद - किस टाइम में जी रही हो। अगर तुम ठीक हो गईं होतीं लड़का होती तो क्या अपनी पत्नी की मदद नहीं करतीं।
मैं अब क्या कहती जो वो बोल रहे थे वो सच ही था। मैने पुरानी बाली बेड शीट उठा कर अलमारी में रख दी।
कुमुद - अब ये तुमने क्यों किया।
मैं - बस ऐसे ही। मुझे ये रखना थी, मेरे फर्स्ट सेक्स की निशानी है ये।
कुमुद - हम्मम्मम
फिर हम लोग एक दूसरे को हग कर के लेट गए। वो मेरे सर को सहलाने लगे कुछ ही देर में मुझे नींद आ गई।
कुमुद - (जब मैं सो गई तब) मैने तुम्हें बहुत सताने की कोशिश की थी, बहुत परेशान किया था, बहुत ही ह्यूमिलिएट किया था लेकिन अब नहीं। अब तुम्हें मैं कोई भी दुख नहीं होने दूंगा।
अगले दिन सुबह हम हमारे रूम के गेट को खटखटाने से उठे।
मम्मी - कुमुद बेटे, अव्नी बेटी उठ जाओ। 11 बज गए हैं।
कुमुद - मम्मी हम उठ गए हैं।
मम्मी - OK बेटे जल्दी से तैयार हो कर बाहर आओ।
कुमुद - जी मम्मी हम आते हैं तैयार हो कर।
मम्मी चली गईं तब कुमुद ने मुझे उठाया।
कुमुद - (मेरा सर सहलाते हुए) उठो जान सुबह के 11 बज गए हैं।
मैं उनके उठाने से उठ गई तो देखा वो मुझे बड़े प्यार से देख रहे थे और मेरा सर सहला रहे थे। मैं ये देख मुस्कुराने लगी।
कुमुद - I love you Jaan.
मैं - I love you too.
ये बोल मैने उन्हें किस कर लिया।
कुमुद - इतने से क्या होगा।
ये बोल वो मुझे किस करने लगे। हमारी जब तक सांसें नहीं फूलने लगी तब तक किस चला। फिर अलग हो कर
कुमुद - उठ जाओ मम्मी आईं थीं उठाने।
मैं ये सुन जल्दी से बाथरूम की तरफ जाने लगी तो दर्द हुआ। मैं - ohh mummy.
कुमुद - क्या हुआ जान दर्द अभी भी हो रहा है??
मैं - हम्म।
फिर कुमुद मुझे उठा कर बाथरूम तक ले गए।
कुमुद - जब हो जाए तो आवाज़ दे देना OK.
वो मुझे बाथरूम में छोड़ कर बाहर आ गए। मैने बाथरूम की और धीरे धीरे बाथटब तक गई और ड्रेस उतार कर साइड में रख दी। जब मैने ड्रेस उतारी तो सामने लगे सीसे में खुद को देखा। मेरी पूरी बॉडी पर जगह जगह लव बाइट्स थे। मेरे बूब्स पर भी निसान थे। मेरे लिप्स का साइज डबल हो गया था। जब मैने अपनी चूत को देखा तो उसका कलर पिंक कलर से बदल कर रेड हो गया था। बड़े साइज के लन्ड से सेक्स करने की वजह से चूत का मुंह खुल गया था और वो बहुत फूल गई थी।
मैं जा कर बाथटब में बैठ गई और गरम पानी से सेंक लेने लगी। कुछ देर बाद जब आराम मिला तब मैं उठ कर बाहर आई। मैं ऐसे ही बिना ड्रेस के बाहर आ गई थी।
कुमुद - मुझे बुला लेना चाहिए था।
मैं - नहीं अब बाहर भी तो जाना है तो क्या आपकी गोद में जाऊंगी।
कुमुद - हम्मम। वैसे अगर ऐसे ही रहोगी तो बाहर जाने का प्लान कैंसल करना पड़ेगा।
जब कुमुद ने ये कहा तब मुझे अहसास हुआ कि मैं बिना कपड़ों के खड़ी हुई हूं।
मैं - very funny. जाइए अब आप तैयार हो जाइए।
कुमुद हस कर अपने कपड़े ले कर चले गए। इतने में मैं तैयार हो गई। मैने लहंगा पहना था।मैने हाथों में चूड़ियां पहनी फिर मैने बाल बांधे पर सिंदूर नहीं लगाया। जब कुमुद बाहर आए तो मुझे देखते रह गए।
मैं - सुनिए मेरे ये सिंदूर लगा दीजिए।
कुमुद ने आगे बढ़ कर मेरे हाथ से सिंदूर की डिब्बी ले ली और मेरी मांग में सिंदूर लगा दिया। फिर टॉवल से उसे सेट कर दिया। मैने देखा तो बड़े ही हल्के से लगा था। मैं ये देख कर खुश हो गई पर मैंने उनसे ये पूछा।
मैं - ये मांग में सिंदूर बहुत अच्छे से लगाया है लेकिन हल्के से क्यों पति लोग तो मांग में सिंदूर भर के लगाते हैं।
कुमुद - मैं औरों जैसा नहीं हूं और तुम्हारे एग्जाम्स भी होने वाले हैं अगले मंथ से तो ऐसे ही सही है।
मैं - हम्मम थैंक्यू। अब बाहर चलें वर्ना मम्मी आ जाएंगी।
कुमुद - जब इतनी खूबसूरत बीवी हो तो रूम से बाहर कौन बेवकूफ जाना चाहेगा।
जब तक मैं कुछ बोलती तब तक मम्मी आ गईं और गेट खटखटाया।
मम्मी - बेटे हो गए तैयार।
कुमुद - जी मम्मी आ जाइए।
मम्मी गेट खोल कर अंदर आ गईं।
मम्मी - वाह मेरे बच्चों कितने सुंदर लग रहे हो और मेरी बच्ची पर तो कितना नूर आ गया है।
मैं ये सुन शर्मा गई।
मम्मी - चलो बच्चों नाश्ता कर लो चल कर।
हम बाहर आए और नाश्ता करने लगे। सब हमें ही देख रहे थे। जैसे पता करना चाहते हों कि कुछ हुआ रात में या नहीं। मैं उनको देख देख कर शर्मा रही थी। हमने जल्दी से नाश्ता किया। पर मेरे दिमाग़ में ये विचार आया कि हम लेट उठे वो समझ में आता है लेकिन बाकी फैमिली वाले लेट क्यों उठे। ये इसलिए क्योंकि उनके चहरे बता रहे थे कि ये लोग अभी उठे हैं। हमने शान्ति से नाश्ता किया और उठ कर रूम में चले गए तो मैने कुमुद से पूछा
मैं - सुनिए एक प्रश्न है मेरे दिमाग में।
कुमुद - हां पूछो।
मैं - हम लेट उठे वो तो समझ में आता है लेकिन फैमिली वाले क्यों लेट उठे।
कुमुद - जब सब स्लीपिंग पिल्स खा कर सोएंगे तो लेट तो उठेंगे ही।
मैं - मतलब। मैं कुछ समझी नहीं।
कुमुद कुछ बोलते कि मम्मी आ गईं।
मम्मी - बात ये है बेटी मैने सब को नींद की दवा दे दी थी दूध में मिलाके।
कुमुद - हां इसीलिए सब लेट उठे।
मैं - पर ऐसा क्यों किया मम्मी आपने और आपको भी पता है ये सब।
मम्मी - उसे इसलिए पता है बाबू क्योंकि स्लीपिंग पिल्स इसी ने ला कर दी थी। पहले प्रश्न का जवाब ये है कि रात को तेरी चीखें पूरा घर सुन लेता इसलिए सबको ये दी थी। थोड़ी देर में बाहर आ जाओ दोनो लोग मंदिर चलना है ठीक है।
मैं - जी मम्मी
मम्मी हमे तैयार होने को बोल बाहर चली गईं
कुमुद - ये सही बात है सच में जान रात में सच में तुम्हारी चीखें बहुत निकल रहीं थीं।
मैं - (शर्मा कर) क्या आप भी।
मैं जल्दी से अलमारी में साड़ी निकाल कर लाई।
मैं - जल्दी से चेंज कर लेती हूं मंदिर में साड़ी पहन कर ही जाना ठीक रहेगा।
कुमुद - हां।
मैं - (कुछ देर बाद) पर मुझे साड़ी सही से बांधनी नहीं आती मम्मी ने बताया था लेकिन साड़ी बांधने की खुशी की वजह से सब भूल गई।
कुमुद - मैं पीहू को बुलाता हूं।
मैं - हां ये ठीक रहेगा।
कुमुद ने पीहू दीदी को आवाज़ दी।
मैं - पर कुमुद आप पीहू दीदी को उनके नाम से क्यों बुलाते हैं दीदी क्यों नहीं बोलते।
कुमुद - क्यों कि मैं तुम्हारी पीहू दीदी से बड़ा हूं तो इसलिए।
मैं - ओह।
इतने में पीहू दीदी आ गईं।
पीहू - क्या हुआ, बुलाया तुम लोगों ने।
मैं - (पीहू दीदी को साड़ी देते हुए) ये साड़ी बांधनी है।
पीहू दीदी - हां तो चाची ने तुम्हें बांधनी सिखाई थी ना।
मैं - मैं भूल गई।
कुमुद चेंज करने चले गए और दीदी मुझे साड़ी बांधने लगीं और बताती भी जा रहीं थीं कि कैसे क्या करना है।
जब तक साड़ी बंधी तब तक कुमुद तैयार हो कर आ भी गए। दीदी ने मुझे तैयार किया और वो चली गईं। कुमुद मुझे देखने लगे।
मैं - ऐसे क्या देख रहे हैं।
कुमुद - अपनी खूबसूरत बीवी को।
मैं ये सुन शर्मा गई। कुमुद मेरे पास आ गए और मुझे पकड़ कर अपने पास घसीट लिया। वो मुझे किस करने लगे। अभी हम किस कर रहे थे कि मम्मी आ गईं।
मम्मी - बच्चों। Ohh sorry.
ये बोल मम्मी बाहर चली गईं। मम्मी की आवाज़ सुन हम अलग हो गए।
कुमुद - मम्मी सॉरी। आ जाइए।
मम्मी - ये सब करने से कोई रोक नहीं रहा है लेकिन दरवाज़ा तो बंद कर लेना चाहिए।
मैं - सॉरी मम्मी वो।
मम्मी - अच्छा ठीक है। चलो अब तुम लोग सब तैयार हो गए हैं। बाहर वेट कर रहे हैं सब लोग। चलो अब।
कुमुद और मैं - सॉरी मम्मी। चलिए।
मम्मी - (धीरे से मुश्कुराईं) हां चलो।
हम सब मंदिर पूजा कर के वापस आए। और लंच की तैयारी होने लगी।
मम्मी - चेंज कर लो फिर किचेन में आ कर मदद करना।
बड़ी मम्मी - हम लोग हैं तो उसे अभी क्यों परेशान कर रही है। जा बेटा जा कर आराम कर। हम बुला लेंगे तुम लोगों को।
हम बड़ी मम्मी की बात सुन रूम में आ गए।
मैं चेंज करने जा रही थी कि कुमुद ने मुझे पकड़ लिया।
 

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कुमुद ने मुझे उठा कर बाथरूम में ले गए और कमोड पर बिठा दिया। और बाथ टब में गरम पानी भरने लगे।
मैं - आप जाइए न।
कुमुद - क्यों।
मैं - मुझे शर्म आ रही है।
कुमुद - जब सेक्स कर रहीं थीं तब तो शर्म नहीं आ रही थी।
मैं - वो बात अलग है अभी जाइए आप।
कुमुद - अच्छा ठीक है जाता हूं हो जाए तो बुला लेना।
वो हस कर चले गए। उन्होंने बाहर जाके इतनी देर में बेड शीट चेंज कर दी और पुरानी बेड शीट को अलग साइड में रख दिया।
इधर बाथरूम से उनके जाते ही मैं रिलैक्स हुई और बाथरूम करने को हुई तो मेरी चूत में अंदर जलन सी हुई। लेकिन बाथरूम लगी थी तो कैसे भी करके मैने की। फिर मैंने उनको आवाज़ दी तो वो अंदर आए और मुझे उठा कर बाथ टब की तरफ ले जाने लगे।
मैं - उस तरफ क्यों ले जा रहे हैं।
कुमुद - शांत
उन्होंने मुझे बाथ टब में बिठा दिया। बाथ टब में बैठते ही मेरी चूत में झटका सा लगा।
मैं - आह मां
कुमुद - अब समझ आया मैं क्यों ले कर आया।
मैं - हां, उफ्फ अब थोड़ा आराम लग रहा है।
कुछ देर बाद वो मुझे ले कर वापस रूम में गए। मैने देखा कि बेड शीट चेंज हो चुकी थी।
मैं - ये अपने क्यों किया मैं कर देती ना।
कुमुद - क्यों मैने कर दिया तो क्या हो गया। मैने कुछ गलत कर दिया है क्या।
मैं - नहीं मेरा मतलब ये नहीं था। मम्मी ने कहा था कि सारा काम अपने आप करना अपने पति से मत करवाना।
कुमुद - किस टाइम में जी रही हो। अगर तुम ठीक हो गईं होतीं लड़का होती तो क्या अपनी पत्नी की मदद नहीं करतीं।
मैं अब क्या कहती जो वो बोल रहे थे वो सच ही था। मैने पुरानी बाली बेड शीट उठा कर अलमारी में रख दी।
कुमुद - अब ये तुमने क्यों किया।
मैं - बस ऐसे ही। मुझे ये रखना थी, मेरे फर्स्ट सेक्स की निशानी है ये।
कुमुद - हम्मम्मम
फिर हम लोग एक दूसरे को हग कर के लेट गए। वो मेरे सर को सहलाने लगे कुछ ही देर में मुझे नींद आ गई।
कुमुद - (जब मैं सो गई तब) मैने तुम्हें बहुत सताने की कोशिश की थी, बहुत परेशान किया था, बहुत ही ह्यूमिलिएट किया था लेकिन अब नहीं। अब तुम्हें मैं कोई भी दुख नहीं होने दूंगा।
अगले दिन सुबह हम हमारे रूम के गेट को खटखटाने से उठे।
मम्मी - कुमुद बेटे, अव्नी बेटी उठ जाओ। 11 बज गए हैं।
कुमुद - मम्मी हम उठ गए हैं।
मम्मी - OK बेटे जल्दी से तैयार हो कर बाहर आओ।
कुमुद - जी मम्मी हम आते हैं तैयार हो कर।
मम्मी चली गईं तब कुमुद ने मुझे उठाया।
कुमुद - (मेरा सर सहलाते हुए) उठो जान सुबह के 11 बज गए हैं।
मैं उनके उठाने से उठ गई तो देखा वो मुझे बड़े प्यार से देख रहे थे और मेरा सर सहला रहे थे। मैं ये देख मुस्कुराने लगी।
कुमुद - I love you Jaan.
मैं - I love you too.
ये बोल मैने उन्हें किस कर लिया।
कुमुद - इतने से क्या होगा।
ये बोल वो मुझे किस करने लगे। हमारी जब तक सांसें नहीं फूलने लगी तब तक किस चला। फिर अलग हो कर
कुमुद - उठ जाओ मम्मी आईं थीं उठाने।
मैं ये सुन जल्दी से बाथरूम की तरफ जाने लगी तो दर्द हुआ। मैं - ohh mummy.
कुमुद - क्या हुआ जान दर्द अभी भी हो रहा है??
मैं - हम्म।
फिर कुमुद मुझे उठा कर बाथरूम तक ले गए।
कुमुद - जब हो जाए तो आवाज़ दे देना OK.
वो मुझे बाथरूम में छोड़ कर बाहर आ गए। मैने बाथरूम की और धीरे धीरे बाथटब तक गई और ड्रेस उतार कर साइड में रख दी। जब मैने ड्रेस उतारी तो सामने लगे सीसे में खुद को देखा। मेरी पूरी बॉडी पर जगह जगह लव बाइट्स थे। मेरे बूब्स पर भी निसान थे। मेरे लिप्स का साइज डबल हो गया था। जब मैने अपनी चूत को देखा तो उसका कलर पिंक कलर से बदल कर रेड हो गया था। बड़े साइज के लन्ड से सेक्स करने की वजह से चूत का मुंह खुल गया था और वो बहुत फूल गई थी।
मैं जा कर बाथटब में बैठ गई और गरम पानी से सेंक लेने लगी। कुछ देर बाद जब आराम मिला तब मैं उठ कर बाहर आई। मैं ऐसे ही बिना ड्रेस के बाहर आ गई थी।
कुमुद - मुझे बुला लेना चाहिए था।
मैं - नहीं अब बाहर भी तो जाना है तो क्या आपकी गोद में जाऊंगी।
कुमुद - हम्मम। वैसे अगर ऐसे ही रहोगी तो बाहर जाने का प्लान कैंसल करना पड़ेगा।
जब कुमुद ने ये कहा तब मुझे अहसास हुआ कि मैं बिना कपड़ों के खड़ी हुई हूं।
मैं - very funny. जाइए अब आप तैयार हो जाइए।
कुमुद हस कर अपने कपड़े ले कर चले गए। इतने में मैं तैयार हो गई। मैने लहंगा पहना था।मैने हाथों में चूड़ियां पहनी फिर मैने बाल बांधे पर सिंदूर नहीं लगाया। जब कुमुद बाहर आए तो मुझे देखते रह गए।
मैं - सुनिए मेरे ये सिंदूर लगा दीजिए।
कुमुद ने आगे बढ़ कर मेरे हाथ से सिंदूर की डिब्बी ले ली और मेरी मांग में सिंदूर लगा दिया। फिर टॉवल से उसे सेट कर दिया। मैने देखा तो बड़े ही हल्के से लगा था। मैं ये देख कर खुश हो गई पर मैंने उनसे ये पूछा।
मैं - ये मांग में सिंदूर बहुत अच्छे से लगाया है लेकिन हल्के से क्यों पति लोग तो मांग में सिंदूर भर के लगाते हैं।
कुमुद - मैं औरों जैसा नहीं हूं और तुम्हारे एग्जाम्स भी होने वाले हैं अगले मंथ से तो ऐसे ही सही है।
मैं - हम्मम थैंक्यू। अब बाहर चलें वर्ना मम्मी आ जाएंगी।
कुमुद - जब इतनी खूबसूरत बीवी हो तो रूम से बाहर कौन बेवकूफ जाना चाहेगा।
जब तक मैं कुछ बोलती तब तक मम्मी आ गईं और गेट खटखटाया।
मम्मी - बेटे हो गए तैयार।
कुमुद - जी मम्मी आ जाइए।
मम्मी गेट खोल कर अंदर आ गईं।
मम्मी - वाह मेरे बच्चों कितने सुंदर लग रहे हो और मेरी बच्ची पर तो कितना नूर आ गया है।
मैं ये सुन शर्मा गई।
मम्मी - चलो बच्चों नाश्ता कर लो चल कर।
हम बाहर आए और नाश्ता करने लगे। सब हमें ही देख रहे थे। जैसे पता करना चाहते हों कि कुछ हुआ रात में या नहीं। मैं उनको देख देख कर शर्मा रही थी। हमने जल्दी से नाश्ता किया। पर मेरे दिमाग़ में ये विचार आया कि हम लेट उठे वो समझ में आता है लेकिन बाकी फैमिली वाले लेट क्यों उठे। ये इसलिए क्योंकि उनके चहरे बता रहे थे कि ये लोग अभी उठे हैं। हमने शान्ति से नाश्ता किया और उठ कर रूम में चले गए तो मैने कुमुद से पूछा
मैं - सुनिए एक प्रश्न है मेरे दिमाग में।
कुमुद - हां पूछो।
मैं - हम लेट उठे वो तो समझ में आता है लेकिन फैमिली वाले क्यों लेट उठे।
कुमुद - जब सब स्लीपिंग पिल्स खा कर सोएंगे तो लेट तो उठेंगे ही।
मैं - मतलब। मैं कुछ समझी नहीं।
कुमुद कुछ बोलते कि मम्मी आ गईं।
मम्मी - बात ये है बेटी मैने सब को नींद की दवा दे दी थी दूध में मिलाके।
कुमुद - हां इसीलिए सब लेट उठे।
मैं - पर ऐसा क्यों किया मम्मी आपने और आपको भी पता है ये सब।
मम्मी - उसे इसलिए पता है बाबू क्योंकि स्लीपिंग पिल्स इसी ने ला कर दी थी। पहले प्रश्न का जवाब ये है कि रात को तेरी चीखें पूरा घर सुन लेता इसलिए सबको ये दी थी। थोड़ी देर में बाहर आ जाओ दोनो लोग मंदिर चलना है ठीक है।
मैं - जी मम्मी
मम्मी हमे तैयार होने को बोल बाहर चली गईं
कुमुद - ये सही बात है सच में जान रात में सच में तुम्हारी चीखें बहुत निकल रहीं थीं।
मैं - (शर्मा कर) क्या आप भी।
मैं जल्दी से अलमारी में साड़ी निकाल कर लाई।
मैं - जल्दी से चेंज कर लेती हूं मंदिर में साड़ी पहन कर ही जाना ठीक रहेगा।
कुमुद - हां।
मैं - (कुछ देर बाद) पर मुझे साड़ी सही से बांधनी नहीं आती मम्मी ने बताया था लेकिन साड़ी बांधने की खुशी की वजह से सब भूल गई।
कुमुद - मैं पीहू को बुलाता हूं।
मैं - हां ये ठीक रहेगा।
कुमुद ने पीहू दीदी को आवाज़ दी।
मैं - पर कुमुद आप पीहू दीदी को उनके नाम से क्यों बुलाते हैं दीदी क्यों नहीं बोलते।
कुमुद - क्यों कि मैं तुम्हारी पीहू दीदी से बड़ा हूं तो इसलिए।
मैं - ओह।
इतने में पीहू दीदी आ गईं।
पीहू - क्या हुआ, बुलाया तुम लोगों ने।
मैं - (पीहू दीदी को साड़ी देते हुए) ये साड़ी बांधनी है।
पीहू दीदी - हां तो चाची ने तुम्हें बांधनी सिखाई थी ना।
मैं - मैं भूल गई।
कुमुद चेंज करने चले गए और दीदी मुझे साड़ी बांधने लगीं और बताती भी जा रहीं थीं कि कैसे क्या करना है।
जब तक साड़ी बंधी तब तक कुमुद तैयार हो कर आ भी गए। दीदी ने मुझे तैयार किया और वो चली गईं। कुमुद मुझे देखने लगे।
मैं - ऐसे क्या देख रहे हैं।
कुमुद - अपनी खूबसूरत बीवी को।
मैं ये सुन शर्मा गई। कुमुद मेरे पास आ गए और मुझे पकड़ कर अपने पास घसीट लिया। वो मुझे किस करने लगे। अभी हम किस कर रहे थे कि मम्मी आ गईं।
मम्मी - बच्चों। Ohh sorry.
ये बोल मम्मी बाहर चली गईं। मम्मी की आवाज़ सुन हम अलग हो गए।
कुमुद - मम्मी सॉरी। आ जाइए।
मम्मी - ये सब करने से कोई रोक नहीं रहा है लेकिन दरवाज़ा तो बंद कर लेना चाहिए।
मैं - सॉरी मम्मी वो।
मम्मी - अच्छा ठीक है। चलो अब तुम लोग सब तैयार हो गए हैं। बाहर वेट कर रहे हैं सब लोग। चलो अब।
कुमुद और मैं - सॉरी मम्मी। चलिए।
मम्मी - (धीरे से मुश्कुराईं) हां चलो।
हम सब मंदिर पूजा कर के वापस आए। और लंच की तैयारी होने लगी।
मम्मी - चेंज कर लो फिर किचेन में आ कर मदद करना।
बड़ी मम्मी - हम लोग हैं तो उसे अभी क्यों परेशान कर रही है। जा बेटा जा कर आराम कर। हम बुला लेंगे तुम लोगों को।
हम बड़ी मम्मी की बात सुन रूम में आ गए।
मैं चेंज करने जा रही थी कि कुमुद ने मुझे पकड़ लिया।
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कुमुद ने मुझे उठा कर बाथरूम में ले गए और कमोड पर बिठा दिया। और बाथ टब में गरम पानी भरने लगे।
मैं - आप जाइए न।
कुमुद - क्यों।
मैं - मुझे शर्म आ रही है।
कुमुद - जब सेक्स कर रहीं थीं तब तो शर्म नहीं आ रही थी।
मैं - वो बात अलग है अभी जाइए आप।
कुमुद - अच्छा ठीक है जाता हूं हो जाए तो बुला लेना।
वो हस कर चले गए। उन्होंने बाहर जाके इतनी देर में बेड शीट चेंज कर दी और पुरानी बेड शीट को अलग साइड में रख दिया।
इधर बाथरूम से उनके जाते ही मैं रिलैक्स हुई और बाथरूम करने को हुई तो मेरी चूत में अंदर जलन सी हुई। लेकिन बाथरूम लगी थी तो कैसे भी करके मैने की। फिर मैंने उनको आवाज़ दी तो वो अंदर आए और मुझे उठा कर बाथ टब की तरफ ले जाने लगे।
मैं - उस तरफ क्यों ले जा रहे हैं।
कुमुद - शांत
उन्होंने मुझे बाथ टब में बिठा दिया। बाथ टब में बैठते ही मेरी चूत में झटका सा लगा।
मैं - आह मां
कुमुद - अब समझ आया मैं क्यों ले कर आया।
मैं - हां, उफ्फ अब थोड़ा आराम लग रहा है।
कुछ देर बाद वो मुझे ले कर वापस रूम में गए। मैने देखा कि बेड शीट चेंज हो चुकी थी।
मैं - ये अपने क्यों किया मैं कर देती ना।
कुमुद - क्यों मैने कर दिया तो क्या हो गया। मैने कुछ गलत कर दिया है क्या।
मैं - नहीं मेरा मतलब ये नहीं था। मम्मी ने कहा था कि सारा काम अपने आप करना अपने पति से मत करवाना।
कुमुद - किस टाइम में जी रही हो। अगर तुम ठीक हो गईं होतीं लड़का होती तो क्या अपनी पत्नी की मदद नहीं करतीं।
मैं अब क्या कहती जो वो बोल रहे थे वो सच ही था। मैने पुरानी बाली बेड शीट उठा कर अलमारी में रख दी।
कुमुद - अब ये तुमने क्यों किया।
मैं - बस ऐसे ही। मुझे ये रखना थी, मेरे फर्स्ट सेक्स की निशानी है ये।
कुमुद - हम्मम्मम
फिर हम लोग एक दूसरे को हग कर के लेट गए। वो मेरे सर को सहलाने लगे कुछ ही देर में मुझे नींद आ गई।
कुमुद - (जब मैं सो गई तब) मैने तुम्हें बहुत सताने की कोशिश की थी, बहुत परेशान किया था, बहुत ही ह्यूमिलिएट किया था लेकिन अब नहीं। अब तुम्हें मैं कोई भी दुख नहीं होने दूंगा।
अगले दिन सुबह हम हमारे रूम के गेट को खटखटाने से उठे।
मम्मी - कुमुद बेटे, अव्नी बेटी उठ जाओ। 11 बज गए हैं।
कुमुद - मम्मी हम उठ गए हैं।
मम्मी - OK बेटे जल्दी से तैयार हो कर बाहर आओ।
कुमुद - जी मम्मी हम आते हैं तैयार हो कर।
मम्मी चली गईं तब कुमुद ने मुझे उठाया।
कुमुद - (मेरा सर सहलाते हुए) उठो जान सुबह के 11 बज गए हैं।
मैं उनके उठाने से उठ गई तो देखा वो मुझे बड़े प्यार से देख रहे थे और मेरा सर सहला रहे थे। मैं ये देख मुस्कुराने लगी।
कुमुद - I love you Jaan.
मैं - I love you too.
ये बोल मैने उन्हें किस कर लिया।
कुमुद - इतने से क्या होगा।
ये बोल वो मुझे किस करने लगे। हमारी जब तक सांसें नहीं फूलने लगी तब तक किस चला। फिर अलग हो कर
कुमुद - उठ जाओ मम्मी आईं थीं उठाने।
मैं ये सुन जल्दी से बाथरूम की तरफ जाने लगी तो दर्द हुआ। मैं - ohh mummy.
कुमुद - क्या हुआ जान दर्द अभी भी हो रहा है??
मैं - हम्म।
फिर कुमुद मुझे उठा कर बाथरूम तक ले गए।
कुमुद - जब हो जाए तो आवाज़ दे देना OK.
वो मुझे बाथरूम में छोड़ कर बाहर आ गए। मैने बाथरूम की और धीरे धीरे बाथटब तक गई और ड्रेस उतार कर साइड में रख दी। जब मैने ड्रेस उतारी तो सामने लगे सीसे में खुद को देखा। मेरी पूरी बॉडी पर जगह जगह लव बाइट्स थे। मेरे बूब्स पर भी निसान थे। मेरे लिप्स का साइज डबल हो गया था। जब मैने अपनी चूत को देखा तो उसका कलर पिंक कलर से बदल कर रेड हो गया था। बड़े साइज के लन्ड से सेक्स करने की वजह से चूत का मुंह खुल गया था और वो बहुत फूल गई थी।
मैं जा कर बाथटब में बैठ गई और गरम पानी से सेंक लेने लगी। कुछ देर बाद जब आराम मिला तब मैं उठ कर बाहर आई। मैं ऐसे ही बिना ड्रेस के बाहर आ गई थी।
कुमुद - मुझे बुला लेना चाहिए था।
मैं - नहीं अब बाहर भी तो जाना है तो क्या आपकी गोद में जाऊंगी।
कुमुद - हम्मम। वैसे अगर ऐसे ही रहोगी तो बाहर जाने का प्लान कैंसल करना पड़ेगा।
जब कुमुद ने ये कहा तब मुझे अहसास हुआ कि मैं बिना कपड़ों के खड़ी हुई हूं।
मैं - very funny. जाइए अब आप तैयार हो जाइए।
कुमुद हस कर अपने कपड़े ले कर चले गए। इतने में मैं तैयार हो गई। मैने लहंगा पहना था।मैने हाथों में चूड़ियां पहनी फिर मैने बाल बांधे पर सिंदूर नहीं लगाया। जब कुमुद बाहर आए तो मुझे देखते रह गए।
मैं - सुनिए मेरे ये सिंदूर लगा दीजिए।
कुमुद ने आगे बढ़ कर मेरे हाथ से सिंदूर की डिब्बी ले ली और मेरी मांग में सिंदूर लगा दिया। फिर टॉवल से उसे सेट कर दिया। मैने देखा तो बड़े ही हल्के से लगा था। मैं ये देख कर खुश हो गई पर मैंने उनसे ये पूछा।
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कुमुद - मैं औरों जैसा नहीं हूं और तुम्हारे एग्जाम्स भी होने वाले हैं अगले मंथ से तो ऐसे ही सही है।
मैं - हम्मम थैंक्यू। अब बाहर चलें वर्ना मम्मी आ जाएंगी।
कुमुद - जब इतनी खूबसूरत बीवी हो तो रूम से बाहर कौन बेवकूफ जाना चाहेगा।
जब तक मैं कुछ बोलती तब तक मम्मी आ गईं और गेट खटखटाया।
मम्मी - बेटे हो गए तैयार।
कुमुद - जी मम्मी आ जाइए।
मम्मी गेट खोल कर अंदर आ गईं।
मम्मी - वाह मेरे बच्चों कितने सुंदर लग रहे हो और मेरी बच्ची पर तो कितना नूर आ गया है।
मैं ये सुन शर्मा गई।
मम्मी - चलो बच्चों नाश्ता कर लो चल कर।
हम बाहर आए और नाश्ता करने लगे। सब हमें ही देख रहे थे। जैसे पता करना चाहते हों कि कुछ हुआ रात में या नहीं। मैं उनको देख देख कर शर्मा रही थी। हमने जल्दी से नाश्ता किया। पर मेरे दिमाग़ में ये विचार आया कि हम लेट उठे वो समझ में आता है लेकिन बाकी फैमिली वाले लेट क्यों उठे। ये इसलिए क्योंकि उनके चहरे बता रहे थे कि ये लोग अभी उठे हैं। हमने शान्ति से नाश्ता किया और उठ कर रूम में चले गए तो मैने कुमुद से पूछा
मैं - सुनिए एक प्रश्न है मेरे दिमाग में।
कुमुद - हां पूछो।
मैं - हम लेट उठे वो तो समझ में आता है लेकिन फैमिली वाले क्यों लेट उठे।
कुमुद - जब सब स्लीपिंग पिल्स खा कर सोएंगे तो लेट तो उठेंगे ही।
मैं - मतलब। मैं कुछ समझी नहीं।
कुमुद कुछ बोलते कि मम्मी आ गईं।
मम्मी - बात ये है बेटी मैने सब को नींद की दवा दे दी थी दूध में मिलाके।
कुमुद - हां इसीलिए सब लेट उठे।
मैं - पर ऐसा क्यों किया मम्मी आपने और आपको भी पता है ये सब।
मम्मी - उसे इसलिए पता है बाबू क्योंकि स्लीपिंग पिल्स इसी ने ला कर दी थी। पहले प्रश्न का जवाब ये है कि रात को तेरी चीखें पूरा घर सुन लेता इसलिए सबको ये दी थी। थोड़ी देर में बाहर आ जाओ दोनो लोग मंदिर चलना है ठीक है।
मैं - जी मम्मी
मम्मी हमे तैयार होने को बोल बाहर चली गईं
कुमुद - ये सही बात है सच में जान रात में सच में तुम्हारी चीखें बहुत निकल रहीं थीं।
मैं - (शर्मा कर) क्या आप भी।
मैं जल्दी से अलमारी में साड़ी निकाल कर लाई।
मैं - जल्दी से चेंज कर लेती हूं मंदिर में साड़ी पहन कर ही जाना ठीक रहेगा।
कुमुद - हां।
मैं - (कुछ देर बाद) पर मुझे साड़ी सही से बांधनी नहीं आती मम्मी ने बताया था लेकिन साड़ी बांधने की खुशी की वजह से सब भूल गई।
कुमुद - मैं पीहू को बुलाता हूं।
मैं - हां ये ठीक रहेगा।
कुमुद ने पीहू दीदी को आवाज़ दी।
मैं - पर कुमुद आप पीहू दीदी को उनके नाम से क्यों बुलाते हैं दीदी क्यों नहीं बोलते।
कुमुद - क्यों कि मैं तुम्हारी पीहू दीदी से बड़ा हूं तो इसलिए।
मैं - ओह।
इतने में पीहू दीदी आ गईं।
पीहू - क्या हुआ, बुलाया तुम लोगों ने।
मैं - (पीहू दीदी को साड़ी देते हुए) ये साड़ी बांधनी है।
पीहू दीदी - हां तो चाची ने तुम्हें बांधनी सिखाई थी ना।
मैं - मैं भूल गई।
कुमुद चेंज करने चले गए और दीदी मुझे साड़ी बांधने लगीं और बताती भी जा रहीं थीं कि कैसे क्या करना है।
जब तक साड़ी बंधी तब तक कुमुद तैयार हो कर आ भी गए। दीदी ने मुझे तैयार किया और वो चली गईं। कुमुद मुझे देखने लगे।
मैं - ऐसे क्या देख रहे हैं।
कुमुद - अपनी खूबसूरत बीवी को।
मैं ये सुन शर्मा गई। कुमुद मेरे पास आ गए और मुझे पकड़ कर अपने पास घसीट लिया। वो मुझे किस करने लगे। अभी हम किस कर रहे थे कि मम्मी आ गईं।
मम्मी - बच्चों। Ohh sorry.
ये बोल मम्मी बाहर चली गईं। मम्मी की आवाज़ सुन हम अलग हो गए।
कुमुद - मम्मी सॉरी। आ जाइए।
मम्मी - ये सब करने से कोई रोक नहीं रहा है लेकिन दरवाज़ा तो बंद कर लेना चाहिए।
मैं - सॉरी मम्मी वो।
मम्मी - अच्छा ठीक है। चलो अब तुम लोग सब तैयार हो गए हैं। बाहर वेट कर रहे हैं सब लोग। चलो अब।
कुमुद और मैं - सॉरी मम्मी। चलिए।
मम्मी - (धीरे से मुश्कुराईं) हां चलो।
हम सब मंदिर पूजा कर के वापस आए। और लंच की तैयारी होने लगी।
मम्मी - चेंज कर लो फिर किचेन में आ कर मदद करना।
बड़ी मम्मी - हम लोग हैं तो उसे अभी क्यों परेशान कर रही है। जा बेटा जा कर आराम कर। हम बुला लेंगे तुम लोगों को।
हम बड़ी मम्मी की बात सुन रूम में आ गए।
मैं चेंज करने जा रही थी कि कुमुद ने मुझे पकड़ लिया।
लंड लेने के बाद ही असली निखार, या नूर लड़की पर आता है..... Nice update
 

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मैं चेंज करने जा रही थी कि कुमुद ने मुझे पकड़ लिया।
कुमुद - कहां जा रही हो जाने मन।
मैं - चेंज करने।
कुमुद - आज यही साड़ी पहने रहो।
मैं - मैं अभी संभाल नहीं पाती हूं।
कुमुद - संभालना सीख जाओगी धीरे धीरे।
मैं - पर मम्मी
कुमुद - बड़ी मम्मी देख लेंगी। मैं पति हूं तुम्हारा मेरी बात नहीं मानोगी।
मैं - OK. आपके लिए तो जान भी देने को तैयार हूं।
कुमुद - जान मत दो अपनी कुछ और दे दो।
मैं - क्या
कुमुद चूत पर हाथ रखते हैं।
कुमुद - ये दे देना बस।
मैं - क्या आप भी हटिए।
कुमुद मुझे किस करने लगे, पहले तो मैंने विरोध किया लेकिन बाद में उनका साथ देने लगी। कुमुद किस करते हुए मेरे बूब्स दबाने लगे। अभी हम किस कर ही रहे थे कि पीहू दीदी आ गईं।
पीहू दीदी - अवंतिका बेटा चल..... ओह, सॉरी
पीहू दीदी सॉरी बोल घूम गईं। हम पीहू दीदी को देख एक दम अलग हो गए। हम दोनो सर झुका कर खड़े हो गए
मैं - सॉरी दीदी।
पीहू दीदी - गेट तो बंद कर लिया करो तुम लोग। जब देखो लगे रहते हो। मम्मी देख लेती तो।
मैं - और कैसे देखेंगी।
पीहू दीदी - मतलब।
मैं - सुबह डांट पड़ चुकी है।
पीहू दीदी - फिर भी कुछ समझ नहीं आया।
कुमुद - सॉरी न यार अब हो गया तो क्या करें।
मैं - हां तो आपको क्या मुझे ही सब सुनाते हैं।
पीहू दीदी - लड़कियों को ही सब सुनाते हैं ये समझ लो।
कुमुद - वो सब छोड़ो तुम क्यों आईं थीं।
पीहू दीदी - अरे हां मैं तो भूल ही गई, मम्मी बुला रहीं हैं तुम दोनो को खाने के लिए।
कुमुद - हां चलो हम आते हैं।
पीहू दीदी - ठीक है जल्दी आओ दोनो लोग।
पीहू दीदी जा ही रहीं थीं कि मम्मी आ गईं।
मम्मी - अरे तुम लोग बातें कर रहे हो। (पीहू दीदी से)पीहू तू भी लग गई आ कर बातों में।
पीहू दीदी - नहीं चाची इन लोगों ने बातों में लगा लिया।
मम्मी - अच्छा ठीक है। (मुझ से) बेटा तुमने चेंज नहीं किया।
मैं - इन्होंने मना किया था चेंज करने के लिए इसलिए नहीं किया चेंज।
मम्मी - हम्मम OK. चलो अब सब लोग।
हम लोग लंच करने के लिए चले गए। लंच के बाद हम सब बैठे हुए थे।
पापा - बेटी आपके एग्जाम्स कब से स्टार्ट हैं।
मैं - अगले महीने से स्टार्ट हैं पापा।
पापा - हम्मम। तैयारी कैसी चल रही है।
मैं - अच्छी चल रही है पापा।
कुमुद - don't worry पापा. मैं हूं न। मैं तैयारी करवा दूंगा। एग्जाम्स अच्छे ही जाएंगे।
पापा - OK. (कुमुद से) और बेटा आपके एग्जाम्स कब से होंगे।
कुमुद - मेरे एग्जाम्स तो जुलाई में होते हैं पापा। अभी 5 महीने हैं।
पापा - हम्मम। जाओ बच्चों अभी पढ़ो जा कर। हम्मम।
हम दोनो - जी पापा।
फिर हम लोग कमरे में आ गए। मैं कमरे में आते ही बेड पर लेट गई।
कुमुद - पापा ने पढ़ने को बोला था न।
मैं - अभी पढ़ने का मूड नहीं है।
कुमुद - फिर क्या करना है। एग्जाम में सिर्फ 1 महीना है पढ़ाई भी तो जरूरी है। चलो उठो वरना पापा को बुला लूंगा।
मैं - (जल्दी से) उठ रही हूं। क्या आप भी, आप दोस्त अच्छे थे पति गंधे हो।
कुमुद - मैं गंधा हूं होने दो। पर पढ़ाई भी जरूरी है।
मैं - OK
फिर मैं पढ़ने लगी। साथ में कुमुद भी अपनी बुक्स ले कर बैठ गए पढ़ने के लिए। बीच में रूही और पीहू दीदी आईं और हमे पढ़ते देख कर चुप चाप चले गए। हमें पढ़ता देख शाम को मम्मी चाय दे गईं। फिर डिनर टाइम तक हमने पढ़ाई की और डिनर कर के हम कुछ देर प्यार करने के बाद सो गए। अगले दिन कुमुद ने मुझे उठाया।
कुमुद - उठो जान सुबह हो गई है।
मैने उठ कर देखा तो अभी सुबह के 4 बज रहे थे।
मैं - अभी तो 4 बजे हैं जान अभी से उठा दिया।
कुमुद - हां तो 4 बज रहे हैं। जिम करती थी न तुम सुबह उठ कर।
मैं - अब उसकी क्या ज़रूरत है।
कुमुद - क्यों ज़रूरत नहीं है। अभी क्या हुआ है।
मैं - अब देखिए मैं लड़की बन गई हूं तो इसकी ज़रूरत नहीं है।
कुमुद - अरे ये भी कोई बात हुई। तुम लड़की बन गई हो तो क्या हुआ। तुम खुद की सुरक्षा कर सकती हो इससे।
मैं - क्यों आप नहीं करेंगे मेरी सुरक्षा।
कुमुद - मैं करूंगा लेकिन अगर कहीं मैं नहीं हुआ तब क्या करोगी। तब के लिए है ये।
मैं - OK, OK. चलिए।
यही नियम हमारा एग्जाम होने तक रहा। हम सुबह उठते जिम करते फिर ब्रेकफ़ास्ट करती उसके बाद पढ़ाई, लंच में और डिनर में मम्मी की मदद करती। और रात में प्यार करके सो जाते।
एग्जाम्स के लास्ट दिन हम लोग डिनर करने के बाद बैठे हुए थे एक साथ।
कुमुद - पापा अभी तो अवंतिका के एग्जाम्स भी हो गए हैं तो हम कहीं बाहर घूम कर आते हैं।
मम्मी - अरे हां हमने तुम दोनो के लिए कुछ रखा हुआ है। आज वो दिन आ ही गया।
पापा ये सुन मुस्कुराने लगे। मैं और कुमुद एक दूसरे को देखने लगे। मम्मी अपने कमरे में गईं और एक एनवेलप ले कर आईं।
मम्मी - ये लो बच्चों तुम्हारे लिए।
मैने वो एनवेलप खोल के देखा तो उसमें टिकट्स थीं।
मैं - ये तो टिकट्स हैं गोवा की। पर ये सिर्फ हमारे लिए हैं।
कुमुद - हां। पर मैं तो हम सब के लिए कह रहा था।
पापा - हम फिर कभी चलेंगे एक साथ। अभी तुम दोनो घूम आओ।
मम्मी -(हस कर) और वैसे भी ये जगह हमारे साथ जाने की थोड़े ही है।
ये सुन पापा हसने लगे और हम शर्मा गए।
मम्मी - बच्चों अगले हफ्ते जाना है तो अभी आप लोग जा कर आराम करो।
हम लोग रूम में आ गए आराम करने।
कुमुद - वहां के लिए ड्रेस हैं तुम्हारे पास।
मैं - हां क्यों।
कुमुद - अच्छा दिखाओ तो
मैने अपनी ड्रेसेज दिखाईं तो कुमुद देख हसने लगे।
कुमुद - ये ड्रेसेज वहां के लिए सही नहीं हैं। वहां के लिए नई ड्रेसेज लेनी पड़ेंगी।
मैं - पर इसमें क्या खराबी है।
कुमुद - मेरी जान वो गोवा है तो वहां के लिए उसके हिसाब से ही ड्रेसेज होनी चाहिए।
मैं - पर मुझे नहीं पता तो क्या करूं। कल मम्मी के साथ चली जाऊंगी।
कुमुद कुछ बोलते मम्मी आ गईं।
मम्मी - बच्चों अंदर आ जाऊं।
मैं - आइए न मम्मी।
मम्मी - ये कपड़ों की मार्केट क्यों लगा रखी है तुमने बेटा।
मैं - मम्मी ये मेरी ड्रेसेज देख रहे थे गोवा के लिए। कह रहे हैं ये ड्रेसेज वहां के लिए सही नहीं हैं।
कुमुद - सही तो कह रहा हूं मम्मी।
मम्मी - हां और क्या। कुमुद सही कह रहा है। ये ड्रेसेज वहां के हिसाब से सही नहीं हैं।
मैं - अब मैं क्या करूं। आप मुझे दिलवा देंगी कल?
मम्मी - मैं दो तीन दिन बिज़ी हूं बेटा। कुछ मीटिंग्स हैं।
मैं - फिर।
मम्मी - don't worry my dear. पीहू गांव में ही है तो मैं रूही और पीहू को बुलवा लेती हूं। कल सुबह तक वो लोग आ जाएंगी।
 

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मैं चेंज करने जा रही थी कि कुमुद ने मुझे पकड़ लिया।
कुमुद - कहां जा रही हो जाने मन।
मैं - चेंज करने।
कुमुद - आज यही साड़ी पहने रहो।
मैं - मैं अभी संभाल नहीं पाती हूं।
कुमुद - संभालना सीख जाओगी धीरे धीरे।
मैं - पर मम्मी
कुमुद - बड़ी मम्मी देख लेंगी। मैं पति हूं तुम्हारा मेरी बात नहीं मानोगी।
मैं - OK. आपके लिए तो जान भी देने को तैयार हूं।
कुमुद - जान मत दो अपनी कुछ और दे दो।
मैं - क्या
कुमुद चूत पर हाथ रखते हैं।
कुमुद - ये दे देना बस।
मैं - क्या आप भी हटिए।
कुमुद मुझे किस करने लगे, पहले तो मैंने विरोध किया लेकिन बाद में उनका साथ देने लगी। कुमुद किस करते हुए मेरे बूब्स दबाने लगे। अभी हम किस कर ही रहे थे कि पीहू दीदी आ गईं।
पीहू दीदी - अवंतिका बेटा चल..... ओह, सॉरी
पीहू दीदी सॉरी बोल घूम गईं। हम पीहू दीदी को देख एक दम अलग हो गए। हम दोनो सर झुका कर खड़े हो गए
मैं - सॉरी दीदी।
पीहू दीदी - गेट तो बंद कर लिया करो तुम लोग। जब देखो लगे रहते हो। मम्मी देख लेती तो।
मैं - और कैसे देखेंगी।
पीहू दीदी - मतलब।
मैं - सुबह डांट पड़ चुकी है।
पीहू दीदी - फिर भी कुछ समझ नहीं आया।
कुमुद - सॉरी न यार अब हो गया तो क्या करें।
मैं - हां तो आपको क्या मुझे ही सब सुनाते हैं।
पीहू दीदी - लड़कियों को ही सब सुनाते हैं ये समझ लो।
कुमुद - वो सब छोड़ो तुम क्यों आईं थीं।
पीहू दीदी - अरे हां मैं तो भूल ही गई, मम्मी बुला रहीं हैं तुम दोनो को खाने के लिए।
कुमुद - हां चलो हम आते हैं।
पीहू दीदी - ठीक है जल्दी आओ दोनो लोग।
पीहू दीदी जा ही रहीं थीं कि मम्मी आ गईं।
मम्मी - अरे तुम लोग बातें कर रहे हो। (पीहू दीदी से)पीहू तू भी लग गई आ कर बातों में।
पीहू दीदी - नहीं चाची इन लोगों ने बातों में लगा लिया।
मम्मी - अच्छा ठीक है। (मुझ से) बेटा तुमने चेंज नहीं किया।
मैं - इन्होंने मना किया था चेंज करने के लिए इसलिए नहीं किया चेंज।
मम्मी - हम्मम OK. चलो अब सब लोग।
हम लोग लंच करने के लिए चले गए। लंच के बाद हम सब बैठे हुए थे।
पापा - बेटी आपके एग्जाम्स कब से स्टार्ट हैं।
मैं - अगले महीने से स्टार्ट हैं पापा।
पापा - हम्मम। तैयारी कैसी चल रही है।
मैं - अच्छी चल रही है पापा।
कुमुद - don't worry पापा. मैं हूं न। मैं तैयारी करवा दूंगा। एग्जाम्स अच्छे ही जाएंगे।
पापा - OK. (कुमुद से) और बेटा आपके एग्जाम्स कब से होंगे।
कुमुद - मेरे एग्जाम्स तो जुलाई में होते हैं पापा। अभी 5 महीने हैं।
पापा - हम्मम। जाओ बच्चों अभी पढ़ो जा कर। हम्मम।
हम दोनो - जी पापा।
फिर हम लोग कमरे में आ गए। मैं कमरे में आते ही बेड पर लेट गई।
कुमुद - पापा ने पढ़ने को बोला था न।
मैं - अभी पढ़ने का मूड नहीं है।
कुमुद - फिर क्या करना है। एग्जाम में सिर्फ 1 महीना है पढ़ाई भी तो जरूरी है। चलो उठो वरना पापा को बुला लूंगा।
मैं - (जल्दी से) उठ रही हूं। क्या आप भी, आप दोस्त अच्छे थे पति गंधे हो।
कुमुद - मैं गंधा हूं होने दो। पर पढ़ाई भी जरूरी है।
मैं - OK
फिर मैं पढ़ने लगी। साथ में कुमुद भी अपनी बुक्स ले कर बैठ गए पढ़ने के लिए। बीच में रूही और पीहू दीदी आईं और हमे पढ़ते देख कर चुप चाप चले गए। हमें पढ़ता देख शाम को मम्मी चाय दे गईं। फिर डिनर टाइम तक हमने पढ़ाई की और डिनर कर के हम कुछ देर प्यार करने के बाद सो गए। अगले दिन कुमुद ने मुझे उठाया।
कुमुद - उठो जान सुबह हो गई है।
मैने उठ कर देखा तो अभी सुबह के 4 बज रहे थे।
मैं - अभी तो 4 बजे हैं जान अभी से उठा दिया।
कुमुद - हां तो 4 बज रहे हैं। जिम करती थी न तुम सुबह उठ कर।
मैं - अब उसकी क्या ज़रूरत है।
कुमुद - क्यों ज़रूरत नहीं है। अभी क्या हुआ है।
मैं - अब देखिए मैं लड़की बन गई हूं तो इसकी ज़रूरत नहीं है।
कुमुद - अरे ये भी कोई बात हुई। तुम लड़की बन गई हो तो क्या हुआ। तुम खुद की सुरक्षा कर सकती हो इससे।
मैं - क्यों आप नहीं करेंगे मेरी सुरक्षा।
कुमुद - मैं करूंगा लेकिन अगर कहीं मैं नहीं हुआ तब क्या करोगी। तब के लिए है ये।
मैं - OK, OK. चलिए।
यही नियम हमारा एग्जाम होने तक रहा। हम सुबह उठते जिम करते फिर ब्रेकफ़ास्ट करती उसके बाद पढ़ाई, लंच में और डिनर में मम्मी की मदद करती। और रात में प्यार करके सो जाते।
एग्जाम्स के लास्ट दिन हम लोग डिनर करने के बाद बैठे हुए थे एक साथ।
कुमुद - पापा अभी तो अवंतिका के एग्जाम्स भी हो गए हैं तो हम कहीं बाहर घूम कर आते हैं।
मम्मी - अरे हां हमने तुम दोनो के लिए कुछ रखा हुआ है। आज वो दिन आ ही गया।
पापा ये सुन मुस्कुराने लगे। मैं और कुमुद एक दूसरे को देखने लगे। मम्मी अपने कमरे में गईं और एक एनवेलप ले कर आईं।
मम्मी - ये लो बच्चों तुम्हारे लिए।
मैने वो एनवेलप खोल के देखा तो उसमें टिकट्स थीं।
मैं - ये तो टिकट्स हैं गोवा की। पर ये सिर्फ हमारे लिए हैं।
कुमुद - हां। पर मैं तो हम सब के लिए कह रहा था।
पापा - हम फिर कभी चलेंगे एक साथ। अभी तुम दोनो घूम आओ।
मम्मी -(हस कर) और वैसे भी ये जगह हमारे साथ जाने की थोड़े ही है।
ये सुन पापा हसने लगे और हम शर्मा गए।
मम्मी - बच्चों अगले हफ्ते जाना है तो अभी आप लोग जा कर आराम करो।
हम लोग रूम में आ गए आराम करने।
कुमुद - वहां के लिए ड्रेस हैं तुम्हारे पास।
मैं - हां क्यों।
कुमुद - अच्छा दिखाओ तो
मैने अपनी ड्रेसेज दिखाईं तो कुमुद देख हसने लगे।
कुमुद - ये ड्रेसेज वहां के लिए सही नहीं हैं। वहां के लिए नई ड्रेसेज लेनी पड़ेंगी।
मैं - पर इसमें क्या खराबी है।
कुमुद - मेरी जान वो गोवा है तो वहां के लिए उसके हिसाब से ही ड्रेसेज होनी चाहिए।
मैं - पर मुझे नहीं पता तो क्या करूं। कल मम्मी के साथ चली जाऊंगी।
कुमुद कुछ बोलते मम्मी आ गईं।
मम्मी - बच्चों अंदर आ जाऊं।
मैं - आइए न मम्मी।
मम्मी - ये कपड़ों की मार्केट क्यों लगा रखी है तुमने बेटा।
मैं - मम्मी ये मेरी ड्रेसेज देख रहे थे गोवा के लिए। कह रहे हैं ये ड्रेसेज वहां के लिए सही नहीं हैं।
कुमुद - सही तो कह रहा हूं मम्मी।
मम्मी - हां और क्या। कुमुद सही कह रहा है। ये ड्रेसेज वहां के हिसाब से सही नहीं हैं।
मैं - अब मैं क्या करूं। आप मुझे दिलवा देंगी कल?
मम्मी - मैं दो तीन दिन बिज़ी हूं बेटा। कुछ मीटिंग्स हैं।
मैं - फिर।
मम्मी - don't worry my dear. पीहू गांव में ही है तो मैं रूही और पीहू को बुलवा लेती हूं। कल सुबह तक वो लोग आ जाएंगी।
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मैं चेंज करने जा रही थी कि कुमुद ने मुझे पकड़ लिया।
कुमुद - कहां जा रही हो जाने मन।
मैं - चेंज करने।
कुमुद - आज यही साड़ी पहने रहो।
मैं - मैं अभी संभाल नहीं पाती हूं।
कुमुद - संभालना सीख जाओगी धीरे धीरे।
मैं - पर मम्मी
कुमुद - बड़ी मम्मी देख लेंगी। मैं पति हूं तुम्हारा मेरी बात नहीं मानोगी।
मैं - OK. आपके लिए तो जान भी देने को तैयार हूं।
कुमुद - जान मत दो अपनी कुछ और दे दो।
मैं - क्या
कुमुद चूत पर हाथ रखते हैं।
कुमुद - ये दे देना बस।
मैं - क्या आप भी हटिए।
कुमुद मुझे किस करने लगे, पहले तो मैंने विरोध किया लेकिन बाद में उनका साथ देने लगी। कुमुद किस करते हुए मेरे बूब्स दबाने लगे। अभी हम किस कर ही रहे थे कि पीहू दीदी आ गईं।
पीहू दीदी - अवंतिका बेटा चल..... ओह, सॉरी
पीहू दीदी सॉरी बोल घूम गईं। हम पीहू दीदी को देख एक दम अलग हो गए। हम दोनो सर झुका कर खड़े हो गए
मैं - सॉरी दीदी।
पीहू दीदी - गेट तो बंद कर लिया करो तुम लोग। जब देखो लगे रहते हो। मम्मी देख लेती तो।
मैं - और कैसे देखेंगी।
पीहू दीदी - मतलब।
मैं - सुबह डांट पड़ चुकी है।
पीहू दीदी - फिर भी कुछ समझ नहीं आया।
कुमुद - सॉरी न यार अब हो गया तो क्या करें।
मैं - हां तो आपको क्या मुझे ही सब सुनाते हैं।
पीहू दीदी - लड़कियों को ही सब सुनाते हैं ये समझ लो।
कुमुद - वो सब छोड़ो तुम क्यों आईं थीं।
पीहू दीदी - अरे हां मैं तो भूल ही गई, मम्मी बुला रहीं हैं तुम दोनो को खाने के लिए।
कुमुद - हां चलो हम आते हैं।
पीहू दीदी - ठीक है जल्दी आओ दोनो लोग।
पीहू दीदी जा ही रहीं थीं कि मम्मी आ गईं।
मम्मी - अरे तुम लोग बातें कर रहे हो। (पीहू दीदी से)पीहू तू भी लग गई आ कर बातों में।
पीहू दीदी - नहीं चाची इन लोगों ने बातों में लगा लिया।
मम्मी - अच्छा ठीक है। (मुझ से) बेटा तुमने चेंज नहीं किया।
मैं - इन्होंने मना किया था चेंज करने के लिए इसलिए नहीं किया चेंज।
मम्मी - हम्मम OK. चलो अब सब लोग।
हम लोग लंच करने के लिए चले गए। लंच के बाद हम सब बैठे हुए थे।
पापा - बेटी आपके एग्जाम्स कब से स्टार्ट हैं।
मैं - अगले महीने से स्टार्ट हैं पापा।
पापा - हम्मम। तैयारी कैसी चल रही है।
मैं - अच्छी चल रही है पापा।
कुमुद - don't worry पापा. मैं हूं न। मैं तैयारी करवा दूंगा। एग्जाम्स अच्छे ही जाएंगे।
पापा - OK. (कुमुद से) और बेटा आपके एग्जाम्स कब से होंगे।
कुमुद - मेरे एग्जाम्स तो जुलाई में होते हैं पापा। अभी 5 महीने हैं।
पापा - हम्मम। जाओ बच्चों अभी पढ़ो जा कर। हम्मम।
हम दोनो - जी पापा।
फिर हम लोग कमरे में आ गए। मैं कमरे में आते ही बेड पर लेट गई।
कुमुद - पापा ने पढ़ने को बोला था न।
मैं - अभी पढ़ने का मूड नहीं है।
कुमुद - फिर क्या करना है। एग्जाम में सिर्फ 1 महीना है पढ़ाई भी तो जरूरी है। चलो उठो वरना पापा को बुला लूंगा।
मैं - (जल्दी से) उठ रही हूं। क्या आप भी, आप दोस्त अच्छे थे पति गंधे हो।
कुमुद - मैं गंधा हूं होने दो। पर पढ़ाई भी जरूरी है।
मैं - OK
फिर मैं पढ़ने लगी। साथ में कुमुद भी अपनी बुक्स ले कर बैठ गए पढ़ने के लिए। बीच में रूही और पीहू दीदी आईं और हमे पढ़ते देख कर चुप चाप चले गए। हमें पढ़ता देख शाम को मम्मी चाय दे गईं। फिर डिनर टाइम तक हमने पढ़ाई की और डिनर कर के हम कुछ देर प्यार करने के बाद सो गए। अगले दिन कुमुद ने मुझे उठाया।
कुमुद - उठो जान सुबह हो गई है।
मैने उठ कर देखा तो अभी सुबह के 4 बज रहे थे।
मैं - अभी तो 4 बजे हैं जान अभी से उठा दिया।
कुमुद - हां तो 4 बज रहे हैं। जिम करती थी न तुम सुबह उठ कर।
मैं - अब उसकी क्या ज़रूरत है।
कुमुद - क्यों ज़रूरत नहीं है। अभी क्या हुआ है।
मैं - अब देखिए मैं लड़की बन गई हूं तो इसकी ज़रूरत नहीं है।
कुमुद - अरे ये भी कोई बात हुई। तुम लड़की बन गई हो तो क्या हुआ। तुम खुद की सुरक्षा कर सकती हो इससे।
मैं - क्यों आप नहीं करेंगे मेरी सुरक्षा।
कुमुद - मैं करूंगा लेकिन अगर कहीं मैं नहीं हुआ तब क्या करोगी। तब के लिए है ये।
मैं - OK, OK. चलिए।
यही नियम हमारा एग्जाम होने तक रहा। हम सुबह उठते जिम करते फिर ब्रेकफ़ास्ट करती उसके बाद पढ़ाई, लंच में और डिनर में मम्मी की मदद करती। और रात में प्यार करके सो जाते।
एग्जाम्स के लास्ट दिन हम लोग डिनर करने के बाद बैठे हुए थे एक साथ।
कुमुद - पापा अभी तो अवंतिका के एग्जाम्स भी हो गए हैं तो हम कहीं बाहर घूम कर आते हैं।
मम्मी - अरे हां हमने तुम दोनो के लिए कुछ रखा हुआ है। आज वो दिन आ ही गया।
पापा ये सुन मुस्कुराने लगे। मैं और कुमुद एक दूसरे को देखने लगे। मम्मी अपने कमरे में गईं और एक एनवेलप ले कर आईं।
मम्मी - ये लो बच्चों तुम्हारे लिए।
मैने वो एनवेलप खोल के देखा तो उसमें टिकट्स थीं।
मैं - ये तो टिकट्स हैं गोवा की। पर ये सिर्फ हमारे लिए हैं।
कुमुद - हां। पर मैं तो हम सब के लिए कह रहा था।
पापा - हम फिर कभी चलेंगे एक साथ। अभी तुम दोनो घूम आओ।
मम्मी -(हस कर) और वैसे भी ये जगह हमारे साथ जाने की थोड़े ही है।
ये सुन पापा हसने लगे और हम शर्मा गए।
मम्मी - बच्चों अगले हफ्ते जाना है तो अभी आप लोग जा कर आराम करो।
हम लोग रूम में आ गए आराम करने।
कुमुद - वहां के लिए ड्रेस हैं तुम्हारे पास।
मैं - हां क्यों।
कुमुद - अच्छा दिखाओ तो
मैने अपनी ड्रेसेज दिखाईं तो कुमुद देख हसने लगे।
कुमुद - ये ड्रेसेज वहां के लिए सही नहीं हैं। वहां के लिए नई ड्रेसेज लेनी पड़ेंगी।
मैं - पर इसमें क्या खराबी है।
कुमुद - मेरी जान वो गोवा है तो वहां के लिए उसके हिसाब से ही ड्रेसेज होनी चाहिए।
मैं - पर मुझे नहीं पता तो क्या करूं। कल मम्मी के साथ चली जाऊंगी।
कुमुद कुछ बोलते मम्मी आ गईं।
मम्मी - बच्चों अंदर आ जाऊं।
मैं - आइए न मम्मी।
मम्मी - ये कपड़ों की मार्केट क्यों लगा रखी है तुमने बेटा।
मैं - मम्मी ये मेरी ड्रेसेज देख रहे थे गोवा के लिए। कह रहे हैं ये ड्रेसेज वहां के लिए सही नहीं हैं।
कुमुद - सही तो कह रहा हूं मम्मी।
मम्मी - हां और क्या। कुमुद सही कह रहा है। ये ड्रेसेज वहां के हिसाब से सही नहीं हैं।
मैं - अब मैं क्या करूं। आप मुझे दिलवा देंगी कल?
मम्मी - मैं दो तीन दिन बिज़ी हूं बेटा। कुछ मीटिंग्स हैं।
मैं - फिर।
मम्मी - don't worry my dear. पीहू गांव में ही है तो मैं रूही और पीहू को बुलवा लेती हूं। कल सुबह तक वो लोग आ जाएंगी।
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आप सभी से एक रिक्वेस्ट है कि आप लोग KD's ANGEL से बोलिए कि मैसेज का रिप्लाई करें। क्योंकि गोवा ट्रिप में वो हम लोगों को मिलीं थीं। गोवा ट्रिप के लिए उनका नाम देने के लिए उनसे परमिशन के लिए पर्सनल में व्हाट्सएप पर भी मैसेज किया है लेकिन उनका रिप्लाई कहीं से नहीं आ रहा है। आप लोग उनसे बोलिए कि रिप्लाई करें।
 
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आप सभी से एक रिक्वेस्ट है कि आप लोग KD's ANGEL से बोलिए कि मैसेज का रिप्लाई करें। क्योंकि गोवा ट्रिप में वो हम लोगों को मिलीं थीं। गोवा ट्रिप के लिए उनका नाम देने के लिए उनसे परमिशन के लिए पर्सनल में व्हाट्सएप पर भी मैसेज किया है लेकिन उनका रिप्लाई कहीं से नहीं आ रहा है। आप लोग उनसे बोलिए कि रिप्लाई करें।
KD's ANGEL जी pls reply दे...
 

KD's Love

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मैने जब पीहू दीदी को फोन किया तो पता चला मम्मी की पहले से ही बात हो चुकी है।
मैं - दीदी आप कल आ सकती हैं। मेरी ड्रेस की शॉपिंग होनी है।
पीहू दीदी - अरे बेटू चाची से दोपहर में ही बात हो चुकी है मेरी।
मैं - क्या कहा आपने मम्मी पहले से ही बात कर चुकी हैं।
पीहू दीदी - हां बेटू। बात ऐसी है कि वो तेरे साथ शॉपिंग पर जाते हुए उनको शर्म आ रही थी इसलिए उन्होंने पहले से ही मुझे बोल रखा है। मैं निकल चुकी हूं शाम तक पहुंच जाऊंगी तेरे पास।
मैं - उनको मेरे साथ शॉपिंग पर जाते हुए शर्म आ रही थी?? पर क्यों
पीहू दीदी - बेटू तू हनीमून पर जा रही है वो भी गोवा तो वहां के लिए कुछ स्पेशल ड्रेस चाहिए होंगी। इसलिए शर्म आ रही है उनको।
मैं - ऐसी कौन सी ड्रेसेज चाहिए होंगी जिसे लेने में शर्म आए।
पीहू दीदी - जब लेने जाएंगे तब तुझे पता चल जाएगा।
मैं - (रूठ कर) OK. Bye
पीहू दीदी - (हस्ते हुए) Bye.
मैने फोन रख दिया और कपड़े अलमारी में रखने के बाद कुमुद को सब बताया।
कुमुद - सही तो कहा पीहू ने, मम्मी को थोड़ी तो शर्म आएगी ही। गोवा के लिए कुछ स्पेशल ड्रेस लेनी होंगी।
मैं - मैं लड़की हूं और मुझे ही नहीं पता बाकी सब को पता है। ऐसा क्या है।
कुमुद - तुम्हें लड़की बने अभी कितना टाइम हुआ है, सिर्फ 1 महीना। और उसकी ट्रेनिंग करते हुए 1 साल। उससे पहले तुम कहीं बाहर गईं नहीं। तुम्हारा फ्रेंड भी मैं ही था। फिल्में तुम देखती नहीं। गर्लफ्रेंड बनाई थी वो भी फुल ड्रेस पहनने वाली थी। तो तुमको कहां से पता होगा। मैं डॉक्टर हूं तो मुझे सब पता है।
मैं - अच्छा जी बताएंगे ज़रा कौन कौन से कपड़े होते हैं लड़कियों के लिए।
कुमुद - कल जब ड्रेसेज लेने जाओगी तब पता चल जाएगा न।
मैं अभी कुछ और बोलती कि कुमुद ने मुझे अपने पास घसीट लिया और किस करना शुरू कर दिया। पहले तो मैने रेसिस्ट किया लेकिन पता नहीं क्या हो जाता था मुझे जब कुमुद मुझे किस करते थे। मैने पहले भी लिप किस किया था रूही के साथ लेकिन तब इतना अच्छा नहीं लगा था लेकिन जब भी कुमुद किस करते मैं खुद को रोक ही नहीं पाती थी। मन करता था की बस ये किस लाइफ लॉन्ग चलता रहे।
हमने करीब 5 मिनट किस किया जब मेरी सांस फूलने लगी तब कुमुद अलग हुए। वो अलग मेरी वजह से हुए थे लेकिन पता नहीं मुझे क्या हुआ था मेरी सांस फूल रही थी पर फिर भी मैने फिर से जबरन कुमुद को किस करना स्टार्ट कर दिया। इससे कुमुद चौंके जरूर लेकिन खुश बहुत हुए। हमारी सांसें फूलने के बाद भी हम अलग नहीं हो रहे थे। किस करते हुए कुमुद मेरे बम दबाने लगे। मैं तो पहले से ही पागल हुई जा रही थी की कुमुद की इस हरकत से तो पागल हो गई। मैने उनका लन्ड पकड़ लिया पैंट पर से ही और उसे सहलाने लगी। जब मैने ऐसा किया तब कुमुद एक दम से अलग हो गए। मैं हैरान हो गई कि ये अलग क्यों हो गए। मैं उन्हें फिर से पकड़ने लगी।
मैं - क्या हुआ आप को। इस तरह अलग क्यों हो गए।
कुमुद - अभी मम्मी पापा जाग रहे हैं जान अगर कुछ किया तो पूरे घर में शोर मच जाएगा।
मैं - मुझे कुछ नहीं पता मुझे तो करना है। अगर ऐसा था तो आपने स्टार्ट ही क्यों किया। आपको स्टार्ट ही नहीं करना चाहिए था।
कुमुद को शायद मेरी बातों से गुस्सा आने लगा था।
कुमुद - (मुझे गोद में उठाते हुए) मैं तो तुम्हारे लिए सोच रहा था जब तुम्हे ही कोई फर्क नहीं पड़ता है तो मुझे क्या।
ये बोल मुझे बेड पर पटक दिया और किस करने लगे। साथ में मेरे बूब्स भी प्रेस करने लगे। मैं पागल हुई जा रही थी। मैं एक हाथ से उनके सर को सहला रही थी और दूसरे हाथ से उनके लन्ड को पकड़ लिया। उन्होंने मेरे ब्लाउज़ को खोल दिया और मेरी ब्रा को भी ऊपर कर दिया। फिर किस तोड़ कर मेरे बूब्स चूसने लगे। जब वो मेरे बूब्स चूस रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि उसमे से कुछ निकल रहा है।
मैं - ammmm जान मज़ा आ रहा है ऐसा लग रहा है कि इसमें से कुछ निकल रहा है।
कुमुद कभी लेफ्ट वाले को चूसते और राइट वाले को प्रेस करते, कभी राइट वाले को चूसते तो लेफ्ट वाले को प्रेस करते। फिर वो एक हाथ नीचे ले गए और मेरी साड़ी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाने लगे।
मैं - ammmmm जान खा जाओ इन्हें। बहुत बड़े हो गए हैं ये।
कुमुद - मुझे बड़े ही अच्छे लगते हैं।
फिर वो मेरी पेट की तरफ गए और मेरी स्टमक बेली को चाटने लगे। अभी उन्होंने चाटना शुरू ही किया था कि मैं झड़ गई। उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरी साड़ी और पेटीकोट को निकल दिया मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में रह गई। ब्रा भी बूब्स से अलग ऊपर ही थी। उन्होंने मेरी ब्रा और पैंटी को भी उतार दिया और मुझे फिर से लिटा दिया। और मेरी चूत को चूसने लगे। मैं उनके सर को अपनी चूत पर दबाने लगी।
मैं - ohhhhhh जान बड़ा मज़ा आ रहा है। अब बस भी करो अब डाल भी दो।
कुमुद - क्या डाल दूं।
मैं - वो ही
मुझे पता नहीं क्यों लन्ड बोलते हुए शर्म आ रही थी।
कुमुद - बोलो क्या डाल दूं और कहां डाल दूं।अगर नहीं बोला तो मैं ऐसे ही छोड़ दूंगा।
मैं - नहीं प्लीज़। (फिर रुक कर) अपना लन्ड डाल दो मेरी चूत में।
कुमुद ये सुन सीधे हो गए और अपने कपड़े उतार कर अपने लन्ड को सहलाते हुए मेरे सर की तरफ आए।
कुमुद - पहले इसको गीला तो करो।
मैने सुहागरात को भी लन्ड चूसा था तब से मुझे लन्ड चूसने में बड़ा मज़ा आने लगा था। मैने झट से अपना मुंह खोल दिया और अपने मुंह में ले लिया। मैं उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। फिर कुछ देर बाद कुमुद मेरे मुंह से लन्ड निकाला और मेरी पैंटी उठा के मेरे मुंह में डाल दी। मुझे पता था ये मेरी पैंटी है लेकिन अब पति ने डाली है तो कोई बात नहीं और ये ज़रूरी भी था शायद। फिर कुमुद ने लन्ड सेट किया और एक जोर का धक्का मारा तो एक झटके में 5 इंच लन्ड घुस गया। मेरी अभी एक ही बाहर चुदाई हुई इसलिए एक दम से लन्ड जाने से मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे। मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी ये तो गनीमत थी कि मेरे मुंह में कपड़ा घुसा हुआ था वरना मम्मी पापा अभी हमारे रूम का गेट ही पीट रहे होते। अभी मैं संभल भी नहीं पाई कि कुमुद ने एक और धक्का दे दिया। इस धक्के के बाद तो बस ऐसा लग रहा था किसी ने जलती हुई शरिया मेरी चूत में घुसेड़ दी हो। मेरी आंखें टंगने लगीं थीं लेकिन कुमुद ने हल्के पानी के छींटे मारे मैं होश में आ गई। वो हौले हौले से मेरे अंदर बाहर हो रहे थे। साथ में वो मेरे बूब्स को चूस और दबा भी रहे थे। 5 मिनट बाद मैं फिर से झड़ गई। कुमुद ने चूत में से लन्ड निकाल लिया।
मैं - अभी तो आपका हुआ नहीं है फिर क्यों निकल लिया।
उन्होंने कुछ कहा नहीं बस मुझे पकड़ कर घुमा दिया और घोड़ी बना दिया। पर फिर से चूत में लन्ड डाल दिया। ऐसे ही पोजिशन चेंज कर कर के कभी घोड़ी बना के कभी लिटा के मुझे चोदते रहे। करीब डेढ़ घंटे बाद उनका हुआ। मैं अपने झड़ने की गिनती ही भूल चुकी थी। वो साइड में लेट गए।
कुमुद - जान मज़ा आया।
मैं ये सुन शर्मा गई और उनकी छाती ने मुंह छुपा लिया।
कुमुद - वाह जी वाह। क्या अदा है अभी करते टाइम तो कितने जोश में थीं। जब हो गया अब शर्म आ रही है।
मैं - आ रही है तो आ रही है।
कुमुद - बताओ ना जान मज़ा आया।
मैं -(शरमाते हुए) hmmm आया।
ये सुन उन्होंने मुझे किस किया और उठने लगे।
मैं - अब कहां जा रहे हैं आप।
कुमुद बिना कुछ बोले उठे और मुझे भी गोद में उठाया और बाथरूम में ले गए। और शावर के नीचे खड़ा कर के शॉवर ऑन कर दिया। हम शॉवर के कर बाहर आए तो मैंने अपने कपड़े पहने और बेड संभाला। फिर हमने कुछ देर आराम की।
रात के 8 बजे पीहू दीदी और रूही आ गईं। हमने डिनर कर कुछ देर बातें की और अपने अपने कमरे में चले गए आराम करने।
 
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फ्रेंड्स KD's ANGEL ने परमिशन दे दी है लेकिन कुछ रिस्ट्रिक्शन के साथ। थैंक्यू फ्रेंड्स।
 
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