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Erotica अरिन्दम से बनी अवंतिका

Ye kahani kis font me likhun???

  • Hindi

    Votes: 15 78.9%
  • Hinglish

    Votes: 4 21.1%

  • Total voters
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KD's Love

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शाम को मम्मी के उठाने से मेरी आंख खुली।
मम्मी - उठ जा बेटी देख शाम हो गई है। अब ये बात गांठ बांध ले लड़कियां चाहें कितने भी बजे सोएं या पूरी रात जागें लेकिन घर का काम उन्हीं को करना पड़ता है। अब तेरी शादी हो गई है तेरा पति है। उसके सारे काम तुझे ही करने होंगे। फिर चाहें दिन हो या रात हो। उसकी जिम्मेदारी अब तुझ पर है।
फिर हम रूम से बाहर आए और चाय पी फिर डिनर की तैयारी शुरू हुई। जिसमे मम्मी ने मुझसे मीठा बनवाया। खाने की टेबल पर दादा, दादी, ताऊ जी, पापा, चाचा, कुमुद, अरुण, पीहू दीदी, रूही और सुशीला आंटी बैठे थे।
मम्मी - देख बेटा तेरी अब शादी हुई है एक बात और सुन ले अब से तू कुमुद के खाना खाने के बाद ही खाना खाएगी। अब ये सोंच रही है ना ऐसा क्यों तो पत्नियां हमेशा पति के बाद खाना खाती हैं। आज के लिए तुझे छूट है। अगर कुमुद तुझे साथ बिठा कर खाने के लिए कहता है तो अलग बात है। OK
मैं - जी मम्मी।
फिर हम खाना ले कर डाइनिंग टेबल पर लगाने लगे। और मुझे कुमुद के पास बिठा दिया गया खाने के लिए।
दादी और मम्मी की बात इशारों में हुई पता नहीं क्या बात हुई पर दादी शांत हो गईं।
सबने खाना खाया तो मम्मी ने खीर दी सबको खाने के लिए।
मम्मी - ये खीर खा कर बताइए कैसी बनी है ये हमारी बेटी ने बनाई है।
सब बड़े एक्साइट हो गए खीर खाने के लिए। सबको खीर दी गई। सब कुमुद की तरफ देखने लगे कि कुमुद का क्या रिएक्शन है।
कुमुद - delicious taste. बहुत स्वादिष्ट बनी है खीर।
कुमुद के खीर की तारीफ करते ही सब खीर पर टूट पड़े।
दादी - सचमें बहुत स्वादिष्ट है खीर।
सभी के रिएक्शन सेम ही रहे। दादी ने, बड़ी मम्मी ने, चाची ने, सुशीला आंटी ने और मम्मी ने मुझे पैसे और गिफ्ट दिए। जब सबने कुछ न कुछ दे दिया तो सबकी नज़र कुमुद की तरफ गई।
रूही - ऐ जीजा जी मेरी बहन को क्या दे रहे हो इस खीर के लिए।
कुमुद - मेरा सब कुछ इसका ही है तो और क्या दूं।
रूही - ऐसा नहीं चलेगा। देना तो पड़ेगा।
मैं इन दोनो की नोक झोंक सुन कर मुस्कुरा रही थी।
कुमुद - अच्छा ठीक है मैं वो गिफ्ट रात में देने वाला था लेकिन अब इतनी जिद कर रही हो तो अभी दिए देता हूं। रात के लिए कुछ दूसरा देख लूंगा।
ये बोल वो मेरे कमरे में गए और कुछ पेपर्स ले कर आए।
कुमुद - ये मेरे घर के पेपर्स हैं और जितनी भी प्रॉपर्टी है मेरे पास सब मैने अवंतिका के नाम कर दी है।
ये सुन सबके मुंह खुल गए।
मम्मी - पर बेटा ये सब की क्या ज़रूरत थी।
मैं - मैं ये नहीं ले सकती।
कुमुद - ये मैं अपनी खुशी से दे रहा हूं बहुत पहले से मैने ये सब डॉक्यूमेंट्स बनवा लिए थे आज ही के लिए।
सुशीला आंटी - मेरे पास भी कुछ है देने के लिए वो तो मैं देना ही भूल गई थी।
मम्मी - तूने गिफ्ट दे तो दिया अब क्या बाकी है।
सुशीला आंटी - है कुछ।
ये बोल वो भी कोई पेपर्स ले कर आईं। मैं कुछ कुछ समझ गई थी कि हो न हो ये भी सुशीला आंटी के घर के पेपर्स हैं।
सुशीला आंटी - ये ले बेटा तेरे लिए मेरी तरफ से ये छोटा सा गिफ्ट।
मैं - ये किस के पेपर्स हैं आंटी।
सुशीला आंटी - खुद ही देख लो।
मैने पेपर एनवेलप से निकल कर देखे तो जो मैने सोंचा था वही हुआ। ये सुशीला आंटी के घर के पेपर्स थे वो भी मेरे नाम पर।
मैं - मैं ये नहीं ले सकती आंटी वो आपका घर है। आपकी और अंकल की यादें होंगी उसमें।
सुशीला आंटी - अब ये घर मेरा है बेटी, तूने बचपन में मेरा दूध पिया है तो इस नाते मैं भी तेरी मां जैसी हो गई। तेरे पापा मुझे रखी बंधवाते हैं वो मुझे बहन मानते हैं।और मां या बुआ कुछ भी दें चुपचाप ले लेना चाहिए। और वैसे भी तुम लोगों ने दिल से मुझे इस घर में पनाह दी है। मैने सिर्फ वो घर ही दिया है बाकी जो कुछ भी है मेरे नाम पर है। इसलिए चुपचाप रख लो वरना थप्पड़ खा कर लेना पड़ेगा।
सुशीला आंटी की बात सुन सब इमोशनल हो गए। मैं उठ कर सुशीला आंटी के गले लग गई। मम्मी भी उठ कर सुशीला आंटी के पास आ गईं।
अरुण - यार सच कहा है लोगों ने औरतें कितनी ड्रामेटिक होती हैं।
सब अरुण को घूरने लगे।
अरुण - क्या। सही तो कहा है मैने जहां देखो जब देखो रोना शुरू।
बड़ी मम्मी - चुप करके बैठ, तू बड़ा जानता है औरतों को हां। एक थप्पड़ मारूंगी अकल ठिकाने आ जायेगी।
बड़ी मम्मी की डांट सुन अरुण टेड़ा मुंह कर के बैठ गया।
खाना खा कर मम्मी और सुशीला आंटी बर्तन ले कर किचेन में रखने गईं। सब लोग उठ कर डाइनिंग हॉल में बैठ गए। मैं अपने कमरे में चली गई क्योंकि मुझे सबके साथ बैठने में शर्म आ रही थी।
किचन में बर्तन रखने के बाद मम्मी ने पीहू दीदी और रूही को मुझे तैयार करने के लिए कहा।
मम्मी - पीहू बेटा, रूही बेटा जाओ अवंतिका को तैयार करो जा कर।
दोनो - जी चाची।
फिर दोनो मेरे कमरे में आईं और मुझे वो साड़ी जो मैने शादी के टाइम पहनी थी फिर से पहनाई और मेकअप किया।
रूही - (मेकअप करते टाइम) देख ले उस दिन तूने मेरी चूत की सील तोडी थी मुझे बहुत दर्द हुआ था अब आज तेरी सुहागरात है। हमारे जीजा जी तेरी सील तोड़ेंगे। वहां पर पूरे फॉर्म हाउस पर सिर्फ हम लोग ही थे तो मेरी चीख कोई नहीं सुन पाया लेकिन तेरी चीख सब सुनेंगे।
पीहू दीदी - चुप कर क्यों डरा रही है उसे। देख अवंतिका दर्द तो होगा ही लेकिन सेक्स के फर्स्ट टाइम ही होता है। अगर तूने अपने पति के सामने खुद को मजबूत कर के दर्द को छुपा लिया तो पति के नज़र में तेरी इज्जत बढ़ जाएगी। बाद में फिर जब भी करोगी तो फिर कुछ नहीं होगा और मज़ा आएगा।

ये दोनो मुझे तैयार करते जा रहे थे और कभी समझाते तो कभी डराते जा रहे थे। मुझे उनकी बातें सुन कर डर भी लग रहा था और एक्सिटमेंट भी हो रही थी।
पीहू दीदी - (मुझे तैयार करने के बाद) तुम कुछ देर बैठो यहां हम तुम्हें कुछ देर बाद ले जाएंगे तुम्हारे नए कमरे में।
मैं - हम्म।
वो दोनो मुझे छोड़ चली गईं। मैं बैठी उनका इंतज़ार कर रही थी। शायद करीब दो घंटे हो गए थे क्योंकि रात के 9 बज गए थे। पीहू दीदी आईं मुझे लेने और मुझे कुमुद के कमरे में ले कर गईं। कुमुद का कमरा मेरे कमरे से बड़ा और सुव्यवस्थित होता था जो आज बहुत अच्छे से सजा हुआ भी था। पूरे बेड पर फूल्स बिछे हुए थे और बीच में गुलाब से दिल बना हुआ था।
दीदी ने मुझे बेड पर बिठा दिया और मेरी साड़ी का पल्लू मेरे सर पर रख दिया घूंघट बना के। दीदी ने मुझे एक ग्लास में दूध ला कर दिया।
पीहू दीदी - देख अवंतिका तुझे सेक्स के बारे में जानकारी है। बस फर्क इतना है कि पहले तू लड़का थी एक लड़के की तरह तूने सेक्स लाइफ जी थी लेकिन अब से तू एक लड़की की तरह सेक्स लाइफ जिएगी। रूही ने तेरे साथ सेक्स करते टाइम जो किया था अब तुझे वो सब करना होगा अपने पति के साथ।
मैं - जी। जब मैने रूही के साथ वो सब किया था तब उसको बहुत दर्द हुआ था तो अब जब मेरे साथ वो सब होने जा रहे है तो मुझे कितना दर्द होगा।
पीहू दीदी - क्यों डर लग रहा है?
मैं - हां शायद।
पीहू दीदी - मुझे विश्वास है तुझ पर सब हैंडल कर लेगी तू। और कुमुद सब संभाल लेगा। तुझे भी। चल मैं चलती हूं। थोड़ी देर में आएगा कुमुद।
पीहू दीदी मुझे समझा कर चलीं गईं। मैं अपने आने वाले समय के लिए खुद को तैयार करने लगी। मैं पहले लड़का थी तो ये सोंचती थी कि कोई लड़की मेरे लिए ऐसे घूंघट में बैठ मेरा इंतज़ार करेगी। लेकिन किसे पता था कि घूंघट में बैठ मैं ही किसी का इंतज़ार करूंगी कि इस घूंघट को वो आकर उठाएगा और मेरे शरीर पर और मेरे जीवन पर पूर्ण अधिकार स्थापित करेगा। मम्मी ने आज कहा था कि आज के बाद मेरे जीवन में उसकी इजाज़त के विना कुछ भी नहीं होगा। अगर उसने किसी काम के लिए मना कर दिया तो मैं वो काम नहीं कर सकती हूं। मेरे गलत करने पर उसका मुझे डांटने का या फिर मारने का भी अधिकार होगा।
मैं ये सब सोंच ही रही थी कि कुमुद कमरे में आ गए। कुमुद को देख कर मैं कुछ सिमट गई थी।
 

Jlodhi35

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पीहू दीदी - देख अवंतिका तुझे सेक्स के बारे में जानकारी है। बस फर्क इतना है कि पहले तू लड़का थी एक लड़के की तरह तूने सेक्स लाइफ जी थी लेकिन अब से तू एक लड़की की तरह सेक्स लाइफ जिएगी। रूही ने तेरे साथ सेक्स करते टाइम जो किया था अब तुझे वो सब करना होगा अपने पति के साथ।

nice

Bas yahi ladke Or ladke wali filing Achhe se batana ki ladke ban ke kysi filing thi os lakdi ban ke kysi.
 

dkpk

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शाम को मम्मी के उठाने से मेरी आंख खुली।
मम्मी - उठ जा बेटी देख शाम हो गई है। अब ये बात गांठ बांध ले लड़कियां चाहें कितने भी बजे सोएं या पूरी रात जागें लेकिन घर का काम उन्हीं को करना पड़ता है। अब तेरी शादी हो गई है तेरा पति है। उसके सारे काम तुझे ही करने होंगे। फिर चाहें दिन हो या रात हो। उसकी जिम्मेदारी अब तुझ पर है।
फिर हम रूम से बाहर आए और चाय पी फिर डिनर की तैयारी शुरू हुई। जिसमे मम्मी ने मुझसे मीठा बनवाया। खाने की टेबल पर दादा, दादी, ताऊ जी, पापा, चाचा, कुमुद, अरुण, पीहू दीदी, रूही और सुशीला आंटी बैठे थे।
मम्मी - देख बेटा तेरी अब शादी हुई है एक बात और सुन ले अब से तू कुमुद के खाना खाने के बाद ही खाना खाएगी। अब ये सोंच रही है ना ऐसा क्यों तो पत्नियां हमेशा पति के बाद खाना खाती हैं। आज के लिए तुझे छूट है। अगर कुमुद तुझे साथ बिठा कर खाने के लिए कहता है तो अलग बात है। OK
मैं - जी मम्मी।
फिर हम खाना ले कर डाइनिंग टेबल पर लगाने लगे। और मुझे कुमुद के पास बिठा दिया गया खाने के लिए।
दादी और मम्मी की बात इशारों में हुई पता नहीं क्या बात हुई पर दादी शांत हो गईं।
सबने खाना खाया तो मम्मी ने खीर दी सबको खाने के लिए।
मम्मी - ये खीर खा कर बताइए कैसी बनी है ये हमारी बेटी ने बनाई है।
सब बड़े एक्साइट हो गए खीर खाने के लिए। सबको खीर दी गई। सब कुमुद की तरफ देखने लगे कि कुमुद का क्या रिएक्शन है।
कुमुद - delicious taste. बहुत स्वादिष्ट बनी है खीर।
कुमुद के खीर की तारीफ करते ही सब खीर पर टूट पड़े।
दादी - सचमें बहुत स्वादिष्ट है खीर।
सभी के रिएक्शन सेम ही रहे। दादी ने, बड़ी मम्मी ने, चाची ने, सुशीला आंटी ने और मम्मी ने मुझे पैसे और गिफ्ट दिए। जब सबने कुछ न कुछ दे दिया तो सबकी नज़र कुमुद की तरफ गई।
रूही - ऐ जीजा जी मेरी बहन को क्या दे रहे हो इस खीर के लिए।
कुमुद - मेरा सब कुछ इसका ही है तो और क्या दूं।
रूही - ऐसा नहीं चलेगा। देना तो पड़ेगा।
मैं इन दोनो की नोक झोंक सुन कर मुस्कुरा रही थी।
कुमुद - अच्छा ठीक है मैं वो गिफ्ट रात में देने वाला था लेकिन अब इतनी जिद कर रही हो तो अभी दिए देता हूं। रात के लिए कुछ दूसरा देख लूंगा।
ये बोल वो मेरे कमरे में गए और कुछ पेपर्स ले कर आए।
कुमुद - ये मेरे घर के पेपर्स हैं और जितनी भी प्रॉपर्टी है मेरे पास सब मैने अवंतिका के नाम कर दी है।
ये सुन सबके मुंह खुल गए।
मम्मी - पर बेटा ये सब की क्या ज़रूरत थी।
मैं - मैं ये नहीं ले सकती।
कुमुद - ये मैं अपनी खुशी से दे रहा हूं बहुत पहले से मैने ये सब डॉक्यूमेंट्स बनवा लिए थे आज ही के लिए।
सुशीला आंटी - मेरे पास भी कुछ है देने के लिए वो तो मैं देना ही भूल गई थी।
मम्मी - तूने गिफ्ट दे तो दिया अब क्या बाकी है।
सुशीला आंटी - है कुछ।
ये बोल वो भी कोई पेपर्स ले कर आईं। मैं कुछ कुछ समझ गई थी कि हो न हो ये भी सुशीला आंटी के घर के पेपर्स हैं।
सुशीला आंटी - ये ले बेटा तेरे लिए मेरी तरफ से ये छोटा सा गिफ्ट।
मैं - ये किस के पेपर्स हैं आंटी।
सुशीला आंटी - खुद ही देख लो।
मैने पेपर एनवेलप से निकल कर देखे तो जो मैने सोंचा था वही हुआ। ये सुशीला आंटी के घर के पेपर्स थे वो भी मेरे नाम पर।
मैं - मैं ये नहीं ले सकती आंटी वो आपका घर है। आपकी और अंकल की यादें होंगी उसमें।
सुशीला आंटी - अब ये घर मेरा है बेटी, तूने बचपन में मेरा दूध पिया है तो इस नाते मैं भी तेरी मां जैसी हो गई। तेरे पापा मुझे रखी बंधवाते हैं वो मुझे बहन मानते हैं।और मां या बुआ कुछ भी दें चुपचाप ले लेना चाहिए। और वैसे भी तुम लोगों ने दिल से मुझे इस घर में पनाह दी है। मैने सिर्फ वो घर ही दिया है बाकी जो कुछ भी है मेरे नाम पर है। इसलिए चुपचाप रख लो वरना थप्पड़ खा कर लेना पड़ेगा।
सुशीला आंटी की बात सुन सब इमोशनल हो गए। मैं उठ कर सुशीला आंटी के गले लग गई। मम्मी भी उठ कर सुशीला आंटी के पास आ गईं।
अरुण - यार सच कहा है लोगों ने औरतें कितनी ड्रामेटिक होती हैं।
सब अरुण को घूरने लगे।
अरुण - क्या। सही तो कहा है मैने जहां देखो जब देखो रोना शुरू।
बड़ी मम्मी - चुप करके बैठ, तू बड़ा जानता है औरतों को हां। एक थप्पड़ मारूंगी अकल ठिकाने आ जायेगी।
बड़ी मम्मी की डांट सुन अरुण टेड़ा मुंह कर के बैठ गया।
खाना खा कर मम्मी और सुशीला आंटी बर्तन ले कर किचेन में रखने गईं। सब लोग उठ कर डाइनिंग हॉल में बैठ गए। मैं अपने कमरे में चली गई क्योंकि मुझे सबके साथ बैठने में शर्म आ रही थी।
किचन में बर्तन रखने के बाद मम्मी ने पीहू दीदी और रूही को मुझे तैयार करने के लिए कहा।
मम्मी - पीहू बेटा, रूही बेटा जाओ अवंतिका को तैयार करो जा कर।
दोनो - जी चाची।
फिर दोनो मेरे कमरे में आईं और मुझे वो साड़ी जो मैने शादी के टाइम पहनी थी फिर से पहनाई और मेकअप किया।
रूही - (मेकअप करते टाइम) देख ले उस दिन तूने मेरी चूत की सील तोडी थी मुझे बहुत दर्द हुआ था अब आज तेरी सुहागरात है। हमारे जीजा जी तेरी सील तोड़ेंगे। वहां पर पूरे फॉर्म हाउस पर सिर्फ हम लोग ही थे तो मेरी चीख कोई नहीं सुन पाया लेकिन तेरी चीख सब सुनेंगे।
पीहू दीदी - चुप कर क्यों डरा रही है उसे। देख अवंतिका दर्द तो होगा ही लेकिन सेक्स के फर्स्ट टाइम ही होता है। अगर तूने अपने पति के सामने खुद को मजबूत कर के दर्द को छुपा लिया तो पति के नज़र में तेरी इज्जत बढ़ जाएगी। बाद में फिर जब भी करोगी तो फिर कुछ नहीं होगा और मज़ा आएगा।

ये दोनो मुझे तैयार करते जा रहे थे और कभी समझाते तो कभी डराते जा रहे थे। मुझे उनकी बातें सुन कर डर भी लग रहा था और एक्सिटमेंट भी हो रही थी।
पीहू दीदी - (मुझे तैयार करने के बाद) तुम कुछ देर बैठो यहां हम तुम्हें कुछ देर बाद ले जाएंगे तुम्हारे नए कमरे में।
मैं - हम्म।
वो दोनो मुझे छोड़ चली गईं। मैं बैठी उनका इंतज़ार कर रही थी। शायद करीब दो घंटे हो गए थे क्योंकि रात के 9 बज गए थे। पीहू दीदी आईं मुझे लेने और मुझे कुमुद के कमरे में ले कर गईं। कुमुद का कमरा मेरे कमरे से बड़ा और सुव्यवस्थित होता था जो आज बहुत अच्छे से सजा हुआ भी था। पूरे बेड पर फूल्स बिछे हुए थे और बीच में गुलाब से दिल बना हुआ था।
दीदी ने मुझे बेड पर बिठा दिया और मेरी साड़ी का पल्लू मेरे सर पर रख दिया घूंघट बना के। दीदी ने मुझे एक ग्लास में दूध ला कर दिया।
पीहू दीदी - देख अवंतिका तुझे सेक्स के बारे में जानकारी है। बस फर्क इतना है कि पहले तू लड़का थी एक लड़के की तरह तूने सेक्स लाइफ जी थी लेकिन अब से तू एक लड़की की तरह सेक्स लाइफ जिएगी। रूही ने तेरे साथ सेक्स करते टाइम जो किया था अब तुझे वो सब करना होगा अपने पति के साथ।
मैं - जी। जब मैने रूही के साथ वो सब किया था तब उसको बहुत दर्द हुआ था तो अब जब मेरे साथ वो सब होने जा रहे है तो मुझे कितना दर्द होगा।
पीहू दीदी - क्यों डर लग रहा है?
मैं - हां शायद।
पीहू दीदी - मुझे विश्वास है तुझ पर सब हैंडल कर लेगी तू। और कुमुद सब संभाल लेगा। तुझे भी। चल मैं चलती हूं। थोड़ी देर में आएगा कुमुद।
पीहू दीदी मुझे समझा कर चलीं गईं। मैं अपने आने वाले समय के लिए खुद को तैयार करने लगी। मैं पहले लड़का थी तो ये सोंचती थी कि कोई लड़की मेरे लिए ऐसे घूंघट में बैठ मेरा इंतज़ार करेगी। लेकिन किसे पता था कि घूंघट में बैठ मैं ही किसी का इंतज़ार करूंगी कि इस घूंघट को वो आकर उठाएगा और मेरे शरीर पर और मेरे जीवन पर पूर्ण अधिकार स्थापित करेगा। मम्मी ने आज कहा था कि आज के बाद मेरे जीवन में उसकी इजाज़त के विना कुछ भी नहीं होगा। अगर उसने किसी काम के लिए मना कर दिया तो मैं वो काम नहीं कर सकती हूं। मेरे गलत करने पर उसका मुझे डांटने का या फिर मारने का भी अधिकार होगा।
मैं ये सब सोंच ही रही थी कि कुमुद कमरे में आ गए। कुमुद को देख कर मैं कुछ सिमट गई थी।
Mast story hot
 
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अगले दिन शाम को पार्टी रखी गई जिसमे सब बड़े अच्छे से तैयार हुए थे। पार्टी में हमारी फैमिली के अलावा एरिया के कुछ लोग भी शामिल हुए थे। पापा ने पार्टी में मेरी और कुमुद की शादी का अनाउंस किया जिसे सुन सब घर वाले बहुत खुश हो गए लेकिन ताऊ जी की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था। उनसे ज्यादा खुश तो कोई दिख ही नहीं रहा था। शायद वो इसलिए इतने ज्यादा खुश थे कि मेरी और अरुण की शादी की बात नहीं हो रही है। मेरी और कुमुद की शादी अगले महीने के लिए तय हुई। लेकिन कन्फर्म तो पंडित जी ही करेंगे तो उनको अगले दिन बुलाया गया। पार्टी में मेरा और कुमुद का डांस भी करवाया गया। डांस के बाद सबने डिनर किया उसके बाद सब सोने चले गए।
अगले दिन पंडित जी आए उन्हें कुमुद की और मेरी पुरानी कुंडली दी गई। पंडित जी मेरी पुरानी कुंडली से नई कुंडली बनाई। फिर कुंडली को मिला कर देखा।
पंडित जी - देखिए ये नई कुंडली और इस बालक की कुंडली को मैने मिलान किया। 36 में से 32 गुण मिलते हैं इन दोनो के। आपने एक महीने पहले की शादी की तारीख़ निकालने के लिए कहा था लेकिन इनकी शादी 10 दिन बाद ही करवानी होगी क्योंकि 10 दिन बाद का मुहूर्त अतिशुभ है। इस दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की शादी हुई थी। वरना 2 साल बाद का समय सही है शादी के लिए।
हमें 10 दिन बाद का समय ही पसंद आया। और फिर 10 दिन बाद की शादी की तारीख़ तय हो गई।
पंडित जी - बस आपको शादी के एक दिन पहले एक पूजा करवानी होगी। पूजा शाम को 9 बजे से शुरू होगी और शादी का मुहूर्त सुबह 6बजे का है। पूजा देर रात 3 बजे तक चलेगी जिसमें सभी जोड़े बैठेंगे। जिनकी शादी हो गई है वो पहले बैठेंगे, उनके बाद ये दोनो पूजा बेदी पर बैठेंगे। 3 बजे पूजा संपन्न होगी। आप लोगों को 3 घंटे का समय दिया जायेगा शादी के लिए तैयार होने के लिए और बधू को तैयार करने के लिए। पूजा के लिए जो बेदी तैयार की जाएगी उसी पर ही शादी होगी।
पंडित जी सब तय करके चले गए। पंडित जी के जाने के बाद हमने ये सोचने लगे कि समय कम है ये कैसे होगा।
दादा जी - अब जब पंडित जी ने 10 दिन बाद की तारीख़ तय कर दी है तो इसमें सोचना कैसा। अब दिन कम हैं तो क्या हुआ सब एक साथ मिल कर तैयारी करेंगे तो सब हो जाएगा। 10 दिन भी काफी होते हैं।
दादा जी की इस बात से सब सहमत थे तो सब लग गए अपने अपने काम मे। ड्रेसेज वाले को और ज्वेलर को घर पर ही बुलवा लिया गया था। एक साल से मैं लड़की की तरह रहना सीख रही थी तो ड्रेसेज का पता था तो ड्रेसेज मेरी और कुमुद की पसंद के ही ली गईं लेकिन ज्वैलरी के बारे में कुछ नहीं पता था। ज्वैलरी में तो मुझे सिर्फ , हार, नाक की बाली, बुन्दे या टॉप्स, पायल और चूड़ियां ये ही सब होता है। लेकिन अब पता चल रहा था कि ज्वैलरी कई टाइप की होती हैं। ज्वैलरी में मांग टीका, शीश टीका, झुमका, टॉप्स, हार, नेकलेस, बाजू बंद, चूड़ी, कंगन, हाथ फूल, पाजेब, पायल, बिछिया और भी बहुत सी ज्वैलरी होती हैं। ज्वैलरी मेरे साथ सभी लेडीज़ और कुमुद पसंद कर रहे थे। जिसमे 70% पसंद कुमुद की थी और 30% मम्मी और बाकी लेडीज़ की। मुझे ज्वैलरी का कुछ पता नहीं था तो मैं शांत ही रही और सब को देखती रही। शादी की तैयारी होते होते दिन कब बीत गए पता ही नहीं चला और पूजा का दिन भी आ गया। हमें पता था एक बार पूजा में बैठ गए तो पूजा के संपन्न होने से पहले उठ नहीं सकते थे तो बीच के कार्य जैसे किसी चीज़ की आवश्यकता पड़े तो उसके लिए पीहू दीदी, अरुण और रूही को रखा गया। पूजा के संपन्न होने बाद मुझे मेरे कमरे में ले जाया गया शादी के लिए तैयार करने। मैने लड़की बनने की प्रैक्टिस की थी लेकिन कभी साड़ी बांधना नहीं सिखाया था मम्मी ने।
मम्मी - बेटा लड़कियों की जब शादी होती है तब उसके बाद से लड़कियों को साड़ी ही पहनना पड़ती है। आज मैं तुझे साड़ी पहनाऊंगी और उसे कैसे पहनना है सिखाऊंगी भी।
मैं साड़ी पहनने के लिए मैने ब्रा, पैंटी, ब्लाउज़ और पेटीकोट पहन कर खड़ी थी। मम्मी साड़ी ले कर आईं और मुझे साड़ी पहनाना शुरू किया।
मम्मी ने साड़ी का एक छोर को पकड़ मेरे पेटीकोट के अंदर फसाते हुए कमर पर लपेटने लगीं। साड़ी को अपनी उंगलियों से पेटीकोट के अंदर डालती हुई बड़े करीने से लपेट रहीं थी ऐसा लग रहा था कि वो ये नहीं चाहती हैं कि साड़ी में सिलवटें पड़ें। मम्मी जैसे जैसे साड़ी को लपेट रहीं थीं वैसे वैसे मुझे उसकी कोमलता का अहसास हो रहा था। मम्मी ने साड़ी को लपेटने के बाद अपने हाथों से सिलवटें सही कर दीं। उसमें मोड़ बनाते हुए मेरी कमर पर फिट कर दी। साड़ी न निकल जाए उसके लिए सेफ्टी पिन से टैग भी कर दिया। फिर दूसरे छोर को ले उसमे कुछ मोड़ डाल ब्लाउज़ पर से ले जाते हुए मेरे कंधे पर रख दिया। और उसने कुछ प्लेटें डालीं। साड़ी का वो छोर जो कांधे पर था मेरे घुटने तक लटक रहा था।
मैने लड़कियों के कपड़े पहनने शुरू कर दिए थे लेकिन उस दिन जब साड़ी पहनी थी तब ऐसा लग रहा था कि मैं पूरी हो गई हूं। लोग सही कहते हैं लड़कियां चाहे जो पहन लें लेकिन एक ऐसा ड्रेस है जो लड़कियों को नारी होने का एहसास कराती है। साड़ी सिर्फ एक कपड़ा ही नहीं है एक नारीत्व का प्रतीक है। जिसका मुझे उस दिन एहसास हो रहा था। मैने लड़कियों वाले कपड़े पहले भी पहने थे लेकिन फुल ड्रेस ही पहनी थी जिसमे मेरी नाभि कभी नहीं दिखी थी लेकिन साड़ी में मेरी नाभि दिख रही थी। साड़ी ने मेरी नाभि और कमर की खूबसूरती बढ़ा दी थी। साड़ी बांधने के बाद मम्मी ने मेरा मेकअप किया और ज्वैलरी पहनाई। मैं आईने में खुद को देख कर खो गई थी कि मैं ऐसी भी दिख सकती हूं। सब मुझे कहते थे कि मैं बहुत खूबसूरत हूं लेकिन मैने कभी नहीं माना लेकिन उस दिन पता चला था कि मैं सच में खूबसूरत हूं। सभी लोग सही बोलते थे।
शादी की विधियां शुरू हुईं और मुझे बुलाया गया।
कुमुद - शादी होने से पहले मुझे कुछ बात करनी है अवंतिका से अकेले में।
कुमुद की बात सुन सब कंफ्यूज हो गए कि अब क्या बात करनी है लेकिन मुझे और कुमुद को अलग कमरे में भेजा गया।
कुमुद - मुझे तुम्हें कुछ बताना है।
मैं - यही न कि आप मुझे गै बना कर बदनाम करना चाहते थे और बदला लेने की कोशिश कर रहे थे। मैने आप को रिंग फाइट में हराया था उसका बदला लेना था न आपको।
कुमुद ये सुन चौंक गए।
कुमुद - तुम्हें कैसे पता चला।
मैं - दो महीने पहले जब आप अपने दोस्त से बात कर रहे थे तब मैं आपके और उसके लिए नाश्ता ले कर आई थी तब सुना था मैने। ये सुन मैं चली गई थी। मैं ये समझ ही नहीं पा रही हूं कि वो फाइट एक गेम फाइट थी उसके बाद मैने आप को सॉरी बोल भी दिया था। मैं आपसे अच्छी फाइट करती थी तो उसमें मेरी गलती थी क्या। मैं आपसे प्यार करने लगी थी इसलिए मैंने आज तक ये बात किसी से नहीं कही थी।
कुमुद - मैं सबसे अच्छी फाइट करता था उसके बाद तुम आईं और मुझे एक स्टेट चैंपियन को हराया तो मुझे बुरा लगा था मेरे ईगो को ठेस पहुंची थी इसलिए मैं तुझे गै बना कर बदनाम करना चाहता था लेकिन उसके बाद का क्यों नहीं सुना तूने।
मैं - मतलब क्या है आपका।
कुमुद - वो दिन उस प्लान का लास्ट दिन था। उस दिन हमने प्लान को कैंसल कर के उसका दीऐंड कर दिया था। उस दिन मैं उसे ये ही बता रहा था। मैने तुझे बदनाम करने के लिए किन्नरों को भेजा, बहुत से ऐसे काम किए जिससे तू ह्यूमिलिएट हो मेरे ईगो को सैटिशफैक्शन हो लेकिन जब भी तू ह्यूमिलिएट होती थी तब मैं अंदर से टूट जाता था। मुझे पता नहीं क्यों खुद को बुरा लगता था। तू मेरे सारे काम एक लड़की की तरह करती थी ऐसा लगता था कि कोई बीवी अपने पति के सारे काम करती है जिसे देख कर मैं खुद तुझे प्यार करने लगा था तुझे एक लड़की की तरह पसंद करने लगा था।
मैं - तो फिर अब क्यों बता रहे हैं आप।
कुमुद - मैं अपना रिश्ता सच पर बनाना चाहता था इसलिए। तो क्या तुम अब भी शादी करोगी मुझसे।
मैं - मैने आपको पहले ही बता दिया है कि मैं आपसे प्यार करने लगी थी, हां मैं आपसे प्यार करती हूं तो शादी के लिए तैयार हूं।
फिर हम बाहर आए और शादी की विधियां फिर से शुरू हुईं और मेरा हाथ कुमुद के हाथ में दे दिया गया हमेशा के लिए। मैं पहले लड़का थी, फिर लड़की बनी अब किसी की पत्नी बन गई थी। मैं आज से अवंतिका कुमुद चंदेल बन गई थी। अब मुझे लोग कुमुद के नाम से जानेंगे।
हमारी शादी की सारी विधियां होते होते 9 बज गए थे। शादी की विधियां पूरे 3 घंटे चलीं थीं। रात से पूजा और शादी की बिधियों में पूरे 12 घंटे हो गए थे और सबको नींद आ रही थी तो मुझे मेरे कमरे में पहुंचाया गया और कुमुद को अपने कमरे में भेज दिया गया। क्योंकि शाम को सुहागरात होनी थी तो थोड़ी आराम की भी ज़रूरत थी।
Nice update
 

KD's Love

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कुमुद रूम में इंटर हुए और डोर को लॉक कर दिया। और धीरे धीरे मेरे पास आए और आकर बेड पर बैठ गए। मैं बहुत शर्मा रही थी। कुमुद ने मेरा हाथ पकड़ लिया तो मेरी पूरी बॉडी में झटका लगा। कुमुद ने मेरा घूंघट उठाया तो मैने अपनी आंखें बंद कर लीं।
कुमुद - मेरी जान आंखें खोलो।
कुमुद के कहने पर भी मैने आंखें बन्द ही रखीं। मुझे आंख न खोलते देख कुमुद ने मुझे कसम दे दी।
कुमुद - आंखें खोलो जान, जान तुम्हें मेरी कसम हो।
मैने कसम का सुन कर झट से अपनी आंखें खोल दीं। मुझे आंखें खोलते देखते हुए कुमुद मुस्कुराने लगे। मैं उन्हें असमंजस से देख रही थी। कुमुद आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगे। किस करने से मेरी आंखें फिर से बंद हो गईं। कुमुद ने मुझे किस करना छोड़ दिया।
कुमुद - आंखें खोल कर मेरी आंखों में देखो।
कुमुद की आवाज़ में थोड़ी सख्ती सी थी। मैने तुरन्त आंखें खोल लीं। पता नहीं क्यों मुझे डर लगा था उनकी आवाज़ से।
कुमुद - डरो नहीं, डर क्यों रही हो, चलो पहले बात ही कर लेते हैं।
मैं - ज-ज-जी
कुमुद - फिर डर रही हो। तुमको पता तो है तुम मुझसे ज्यादा अच्छी हो फाइट में। तब भी डर रही हो।
मैं - मुझे पता है कि मैं अच्छी फाइटर हूं और पहले ऐसा नहीं था लेकिन पता नहीं क्यों अब डर सा लग रहा है।
कुमुद - मम्मी ने कुछ कहा।
मैं - मम्मी ने वो मम्मी ने
कुमुद - क्या कहा मम्मी ने बोलो
मैं - वैसे तो कुछ नहीं कहा लेकिन वो मुझे समझा रहीं थीं अब से कैसे रहना है, क्या करना है। पति की किसी भी बात पर आर्गुमेंट नहीं करना है। उसकी हर बात माननी है और बहुत कुछ।
कुमुद मेरे इस तरह से बोलने से शायद समझ गए कि मैं उन्हें बता कर परेशान नहीं करना चाहती थी।
कुमुद - Don't worry. मुझ पर भरोसा है ना।
मैने हां में गर्दन हिला दी।
कुमुद - फिर परेशान क्यों होती हो। वैसे ये बताओ आगे साड़ी पहनने का प्लान है। क्योंकि साड़ी में बहुत ही खूबसूरत लग रही हो तुम।
मैं - मुझे बांधना नहीं आती। पर अगर आप को पसंद है तो मैं एक दो बार में सीख लूंगी।
कुमुद - कोई बात नहीं सीख लो स्पेशल ओकेजन के लिए। कभी पहन कर बाहर जाना पड़ा तब के लिए। अभी जींस टॉप पहन सकती हो।
मैं ये सुन खुश हो गई।
कुमुद - अब तो डर नहीं लग रहा है।
मैं - नहीं।
कुमुद - Perfect. तो मुझे किस करो आंखें खोल के।
मैं - पर किस के टाइम आंखें तो अपने आप बन्द हो जाती हैं।
कुमुद ने मुझे मुस्कुरा के देखा तो मैं समझ गई कि वो मज़ाक कर रहे हैं। मैं उनके सीने से लग गई और एक दो घूंसे प्यार से मारे उनके सीने पर।
कुमुद - मुझे स्ट्रिक्ट होने पर मजबूर कर रही हो। पता है पति पर हाथ उठाना पाप होता है।
मैं - Sorry.
कुमुद - सॉरी से काम नहीं चलेगा मैडम।
मैं उन्हें देखने लगी।
कुमुद - अगर माफी चाहिए तो पैर छू कर आशीर्वाद लो।
मैं बेड से उतर कर उनके पैर छूने लगी तो उन्होंने पकड़ लिया।
कुमुद - हर बात माननी जरूरी नहीं होती। दिल से निकले कि पैर छूना है तब छूना। हम्म्म्
मैं - हम्म्म्
कुमुद मुझे पकड़ कर फिर किस करने लगे मैं किस में खो चुकी थी। मैं उनके सर के पीछे हाथ लगा उनके बाल सहलाने लगी। कुमुद किस करते करते मेरे बूब्स प्रेस करने लगे। मैं तो बस पागल हुई जा रही थी। किस करते करते उन्होंने मेरी साड़ी खोल दी। वो फिर से मेरे बूब्स प्रेस करने लगे। वो एक हाथ से मेरे बूब्स प्रेस कर रहे थे तो दूसरे हाथ से मेरे ब्लाउज़ की डोरी खोल दी। किस की वजह से पता ही नहीं चला मेरा ब्लाउज़ मेरे शरीर से अलग हो चुका था। मैं ऊपर सिर्फ ब्रा में थी। मुझे तब होश आया जब उनके हाथ मेरी ब्रा स्ट्रैप पर लगे। मुझे शर्म आने लगी थी। कुमुद मुझे किस किए जा रहे थे। मैं फिर से किस में खो गई। कुछ देर बाद जब उनकी सांसें फूली तब वो अलग हुए। कुछ देर सांसें दुरुस्त करने लगे मैं उनके बालों को सहला रही थी और वो मेरे बूब्स को प्रेस करने में लगे हुए थे। फिर उन्होंने मेरी ब्रा खोल दी। मैं उसको पकड़ने लगी।
कुमुद - जान मुझे प्यार करती हो न
मैने अपना सर हां में हिलाया।
कुमुद - तो फिर छोड़ो इसे।
मैने अपनी ब्रा छोड़ दी। उन्होंने ब्रा निकाल दी। मैं अब टॉपलेस हो गई थी। उन्होंने मुझे गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया। मैं बस उन्हें ही देख रही थी अब मैं उनसे फिर वो मेरे बूब्स को चूसने लगे। एक साइड के बूब्स चूसते तो दूसरे साइड के बूब्स को दबा रहे थे। कभी एक साइड कभी दूसरे साइड के बूब्स के साथ ये किया। ये सब 20 मिनट चला मैं तो पागल हुई जा रही थी और एक बार झड़ भी चुकी थी। उनके चूसने से मेरे बूब्स लाल हो गए थे। वो बूब्स छोड़ नीचे को हुए और मेरी नाभि को चाटने लगे। इतनी देर से मेरी सिसकी पूरे कमरे में गूंज रही थी।
मैं - ahhhh issssss जान मैं पागल हुई जा रही हूं।
वो और जोर से जीभ से चाटने लगे। मेरी कमर बार बार ऊपर उठ रही थी। मेरी नाभि चाटते चाटते उन्होंने मेरे पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया। मैने उनकी हेल्प करने के लिए अपनी कमर उठा दी। उन्होंने मेरा पेटीकोट निकाल दिया। मैं अब सिर्फ पैंटी पहने थी। उन्होंने पैंटी निकालने के लिए जैसे ही उसे पकड़ा मैने उनका हाथ पकड़ लिया। उन्होंने मुझे अपना हाथ पकड़ते देखा तो पैंटी के ऊपर से ही चूसने लगे। मैं बेचैन हो गई और कमर उठा दी शायद इसी का इंतज़ार था उन्हें। उन्होंने एक दम से मेरी पैंटी नीचे कर दी। मैने अपनी चूत पर हाथ रख कर उसे छुपा लिया। वो फिर से ऊपर आ गए और मुझे किस करने लगे। मुझे किस करते हुए उन्होंने धीरे धीरे मेरे हाथ हटाने की कोशिश की तो मैने हाथ हटा लिया। अब मेरी चूत पर उनके हाथ थे। मेरी चूत मेरे चूत रस से पूरी भीगी हुई थी। उन्होंने मेरी चूत को सहलाते हुए अपनी एक उंगली मेरी चूत में डालने की कोशिश की तो मुझे दर्द हुआ।
मैं - aaahhhhhhhh जान दर्द हो रहा है।
उन्होंने दर्द का सुन हाथ हटा लिया लेकिन किस करते रहे और मेरे बूब्स दबाने लगे। फिर कुछ देर बाद वो मेरे बूब्स चूसने लगे। 5 मिनट तक चूसने के बाद मेरी चूत पर आ गए। जब मेरी चूत पर उनकी जवान लगी तो मेरी कमर ऊपर उठ गई और उनके मुंह से और लग गई। मैं उनका सर अपनी चूत पर दबाने लगी। उनके चूसने से मेरी बॉडी अकड़ने लगी। वो समझ गए कि मैं झड़ने वाली हूं। वो और तेज से चूसने लगे। मैं झड़ने लगी तो उन्होंने मौका देख के अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी जो मज़ा मुझे मिल रहा था उसकी वजह से मुझे दर्द कम हुआ। वो ऐसे ही मेरी चूत में उंगली अंदर बाहर करते रहे। मैं फिर से गर्म होने लगी। कुछ देर बाद उन्होंने अपनी दो उंगली मेरी चूत में डाली। मुझे दर्द हुआ लेकिन इतना नहीं हुआ वो कुछ देर ऐसे ही करते रहे फिर उन्होंने अपनी तीन उंगली डालीं और अंदर बाहर करते रहे और मेरी चूत को अपनी जवान से चूसते रहे। मैं उनके सर को अपनी चूत में घुसेड़ देना चाहती थी।
मैं - जान अब कंट्रोल नहीं हो रहा बस अब डाल दो।
उन्होंने ये सुना तो मुस्कुरा कर बोले।
कुमुद - क्या डाल दूं जान।
मैं - वही
कुमुद - क्या वही नाम बताओ।
मैं उनके ऐसे बार पूछने से परेशान होने लगी थी।
मैं - अपना लन्ड दल दो बस।
ये सुन कुमुद खड़े हुए और अपने कपड़े उतारने लगे। उनका लन्ड जब मेरे लन्ड था उससे भी बड़ा और कुछ मोटा लग रहा था। मेरा लन्ड सिर्फ 9 इंच था लेकिन उनका तो 11 इंच लग रहा था और मोटा भी कम से कम 3 से 4 इंच होगा। मैं उनके लन्ड को बड़े गौर से देख रही थी।
कुमुद - क्या हुआ जान अच्छा नहीं लगा क्या।
मैं - नहीं ऐसा नहीं है ये तो मेरे से भी बड़ा है।
कुमुद ये सुन खुश हो गए।
कुमुद - ये तो अच्छी बात है ना।
ये बोल कुमुद मेरे पास आ गए और मेरे मुंह के पास कर दिया। मैं कभी उसे कभी कुमुद को देख रही थी।
कुमुद - इसे चूस के गीला करो जान।
मैं लन्ड को देख ही रही थी चूसने का सुन कर मुस्कुराने लगी।
कुमुद - क्या हुआ जान हस क्यों रही हो।
मैं - मैं कुछ सोंच कर हस रही हूं।
कुमुद - क्या
मैं - कुछ टाइम पहले मैने भी ऐसे ही ये करवाया था रूही से तब वो मना कर रही थी लेकिन मेरे ज्यादा कहने की वजह से उसने किया था। अब समझ में आ रहा है कैसा लगता होगा लड़कियों को ये सब करने में। पर आप परेशान न हों अपने पति की हर बात मानूंगी मैं।
कुमुद - अगर पसंद नहीं है तो फिर कभी कर लेना।
मैं - आप परेशान न हों।
ये बोल मैने उनका लन्ड पकड़ लिया।
ये सब करते हुए अजीब लग रहा था लेकिन मम्मी ने और पीहू दीदी ने कहा था "तेरा पति जो करे वो करने देना या जो करवाए वो करना, पति खुश होगा तो तुझे भी खुश रखेगा।" इसलिए ये सब मैं कर रही थी।
मैने लन्ड को पहले जीभ से चाटा जब कुछ सही लगा तो उसको मुंह में ले लिया।
कुमुद - इसको जैसे कुल्फी चूसी जाती है वैसे ही चूसो।
मैं उनके लन्ड को कुल्फी की तरह चूसने लगी। कुछ देर चूसने के बाद मजा आने लगा तो मैं जोर जोर से चूसने लगी। मैने करीब 10 मिनट लन्ड को चूसा होगा कुमुद ने मेरे मुंह से लन्ड निकाल लिया और मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गए और मेरी चूत पर अपना लन्ड घिसने लगे।
मैं - म्मम्मममम अब डाल दो अंदर।
कुमुद ने क्रीम ली और मेरी चूत के अंदर अच्छे से लगाई और अपने लन्ड पर लगाई फिर चूत के छेद पर रख कर दवाने लगे।
कुमुद - जान थोड़ा दर्द होगा सहन करना।
मैं - आप एक ही बार में डाल देना। बिना पूरा डाले रुकना मत।
कुमुद ने सुना तो मुझे किस करने लगे और हल्के जोर से धक्का लगाया तो उनके लन्ड का सिर्फ टोपा ही अंदर गया। मुझे ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत में चाकू मार दिया हो। मैं चिल्ला नहीं सकती थी मेरी आंखों से आंसू आने लगे। उन्होंने पूरी ताकत लगा एक धक्का और लगाया जिससे 5 इंच तक अंदर गया। मेरी चूत से खून निकलने लगा था। वो मुझे किस करते जा रहे थे और मेरी आंखों में देखते जा रहे थे। वो रुकना चाहते थे। उन्होंने किस तोड़ दी। मुझे दर्द में देख कर उनकी आंख से भी आंसू आने लगे थे।
मैं - जान आप क्यों परेशान हो रहे हैं ये तो होता ही है आप पूरा एक साथ डाल दो तो जो होगा एक साथ होगा।
उन्होंने ये सुना तो मुझे किस करने लगे और एक और धक्का लगाया तो उनका लन्ड चीरते हुए अंदर चूत में घुस गया। मैं बेहोश हो गई थी। पास में रखी बोतल से पानी ले कर मेरे मुंह पर छीटें मारीं तो मुझे होश आया।
मैं - आआह्ह्ह मम्मी, जान बहुत दर्द हो रहा है ऐसा लग रहा है मेरी जान निकल जायेगी।
कुमुद मेरे बूब्स दबा रहे थे और मेरे किस करने लगे थे।
कुमुद - बस बस मेरी जान हो गया, हो गया।
कुमुद कुछ देर सिर्फ मुझे किस करते रहे करीब 5 मिनट तक। 5 मिनट बाद मुझे ठीक लगने लगा तो मैने उन्हें नीचे से झटका दिया। जिससे उन्हें पता चल गया। तब उन्होंने मुझे कंधे से पकड़ लिया और अपना पूरा लन्ड धीरे धीरे बाहर निकाला फिर झटके से पूरा अंदर डाल दिया। मैं जोर से चिल्ला उठी। उन्होंने करीब 10 से 15 धक्के ऐसे ही इसी तरह मारे। हर धक्के पर मेरे मुंह से हाय मम्मी, ओह मम्मी मर गई, आह, ओह ही निकल रहा था। उनका लन्ड मेरी चूत में जगह बनाने में लगा हुआ था। जब धीरे धीरे उनके लन्ड ने मेरी चूत में जगह बना ली तो दर्द कम होने लगा। जब मेरा दर्द बिल्कुल कम हो गया तो मैं उनका साथ देने लगी। हमारा ये सेक्स ऐसा लग रहा था जैसे हम बहुत पहले से सेक्स कर रहे हों लेकिन ऐसा नहीं था हम पहली बार ही सेक्स कर रहे थे। मैने अपने पैर उनके कमर से चिपका लिए। वो मुझे कभी धीरे धीरे कभी तेज़ धक्कों से चोद रहे थे। सेक्सी आवाजों से पूरा कमरा गूंज रहा था। हमारी आवाजें इतनी तेज़ थीं कि पूरे घर ने ये आवाज़ें सुनीं होंगी। वो बिना रुके धक्के लगाए जा रहे थे। मैं कभी अपने पैर उनके कमर में लपेट लेती कभी बेड पर रख लेती। कभी वो मेरे पैर को अपने कंधे पर रख लेते। मैं इतनी देर में दो बार झड़ चुकी थी जो मिला कर चार बार हो गया था। हमारे सेक्स करते करते 1 घंटा हो गया था। तभी कुछ धक्कों के बाद वो गुर्राने लगे। उन्होंने मुझे अपने शरीर से ऐसे चिपका लिया था कि हमारे बीच से हवा भी पास न हो।
कुमुद - i am cumming, I am cumming.
मैं - i am cumming also.
हम दोनों एक साथ झड़ गए। वो झड़ने के बाद मेरे ऊपर गिर गए। मैं उनका सर सहलाने लगी। 10 दिन बाद हम अलग हुए और वो साइड में लेट गए।
मैं बेड पर पैर खोले उसी पोजीशन में लेती हुई थी। ऐसा लग रहा था जैसे 1 घंटे के रेगुलर सेक्स के बाद मेरे पैर बंद ही नहीं होंगे बंद होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। मेरा और कुमुद का शरीर पूरा पसीना पसीना हो गया था। मेरे बाल गीले हो कर शोल्डर और फेस पर चिपक गए थे। मुझे बाथरूम लगने लगी तो मैं उठने लगी तो मेरे पैर में दर्द हुआ तो मैं चीख कर बैठ गई।
कुमुद - क्या हुआ कहां जा रही हो।
मैं - बाथरूम लग रही है, बाथरूम जाना है।
कुमुद - हां तो मुझे बताओ मैं ले कर चलता हूं।
 

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कुमुद रूम में इंटर हुए और डोर को लॉक कर दिया। और धीरे धीरे मेरे पास आए और आकर बेड पर बैठ गए। मैं बहुत शर्मा रही थी। कुमुद ने मेरा हाथ पकड़ लिया तो मेरी पूरी बॉडी में झटका लगा। कुमुद ने मेरा घूंघट उठाया तो मैने अपनी आंखें बंद कर लीं।
कुमुद - मेरी जान आंखें खोलो।
कुमुद के कहने पर भी मैने आंखें बन्द ही रखीं। मुझे आंख न खोलते देख कुमुद ने मुझे कसम दे दी।
कुमुद - आंखें खोलो जान, जान तुम्हें मेरी कसम हो।
मैने कसम का सुन कर झट से अपनी आंखें खोल दीं। मुझे आंखें खोलते देखते हुए कुमुद मुस्कुराने लगे। मैं उन्हें असमंजस से देख रही थी। कुमुद आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगे। किस करने से मेरी आंखें फिर से बंद हो गईं। कुमुद ने मुझे किस करना छोड़ दिया।
कुमुद - आंखें खोल कर मेरी आंखों में देखो।
कुमुद की आवाज़ में थोड़ी सख्ती सी थी। मैने तुरन्त आंखें खोल लीं। पता नहीं क्यों मुझे डर लगा था उनकी आवाज़ से।
कुमुद - डरो नहीं, डर क्यों रही हो, चलो पहले बात ही कर लेते हैं।
मैं - ज-ज-जी
कुमुद - फिर डर रही हो। तुमको पता तो है तुम मुझसे ज्यादा अच्छी हो फाइट में। तब भी डर रही हो।
मैं - मुझे पता है कि मैं अच्छी फाइटर हूं और पहले ऐसा नहीं था लेकिन पता नहीं क्यों अब डर सा लग रहा है।
कुमुद - मम्मी ने कुछ कहा।
मैं - मम्मी ने वो मम्मी ने
कुमुद - क्या कहा मम्मी ने बोलो
मैं - वैसे तो कुछ नहीं कहा लेकिन वो मुझे समझा रहीं थीं अब से कैसे रहना है, क्या करना है। पति की किसी भी बात पर आर्गुमेंट नहीं करना है। उसकी हर बात माननी है और बहुत कुछ।
कुमुद मेरे इस तरह से बोलने से शायद समझ गए कि मैं उन्हें बता कर परेशान नहीं करना चाहती थी।
कुमुद - Don't worry. मुझ पर भरोसा है ना।
मैने हां में गर्दन हिला दी।
कुमुद - फिर परेशान क्यों होती हो। वैसे ये बताओ आगे साड़ी पहनने का प्लान है। क्योंकि साड़ी में बहुत ही खूबसूरत लग रही हो तुम।
मैं - मुझे बांधना नहीं आती। पर अगर आप को पसंद है तो मैं एक दो बार में सीख लूंगी।
कुमुद - कोई बात नहीं सीख लो स्पेशल ओकेजन के लिए। कभी पहन कर बाहर जाना पड़ा तब के लिए। अभी जींस टॉप पहन सकती हो।
मैं ये सुन खुश हो गई।
कुमुद - अब तो डर नहीं लग रहा है।
मैं - नहीं।
कुमुद - Perfect. तो मुझे किस करो आंखें खोल के।
मैं - पर किस के टाइम आंखें तो अपने आप बन्द हो जाती हैं।
कुमुद ने मुझे मुस्कुरा के देखा तो मैं समझ गई कि वो मज़ाक कर रहे हैं। मैं उनके सीने से लग गई और एक दो घूंसे प्यार से मारे उनके सीने पर।
कुमुद - मुझे स्ट्रिक्ट होने पर मजबूर कर रही हो। पता है पति पर हाथ उठाना पाप होता है।
मैं - Sorry.
कुमुद - सॉरी से काम नहीं चलेगा मैडम।
मैं उन्हें देखने लगी।
कुमुद - अगर माफी चाहिए तो पैर छू कर आशीर्वाद लो।
मैं बेड से उतर कर उनके पैर छूने लगी तो उन्होंने पकड़ लिया।
कुमुद - हर बात माननी जरूरी नहीं होती। दिल से निकले कि पैर छूना है तब छूना। हम्म्म्
मैं - हम्म्म्
कुमुद मुझे पकड़ कर फिर किस करने लगे मैं किस में खो चुकी थी। मैं उनके सर के पीछे हाथ लगा उनके बाल सहलाने लगी। कुमुद किस करते करते मेरे बूब्स प्रेस करने लगे। मैं तो बस पागल हुई जा रही थी। किस करते करते उन्होंने मेरी साड़ी खोल दी। वो फिर से मेरे बूब्स प्रेस करने लगे। वो एक हाथ से मेरे बूब्स प्रेस कर रहे थे तो दूसरे हाथ से मेरे ब्लाउज़ की डोरी खोल दी। किस की वजह से पता ही नहीं चला मेरा ब्लाउज़ मेरे शरीर से अलग हो चुका था। मैं ऊपर सिर्फ ब्रा में थी। मुझे तब होश आया जब उनके हाथ मेरी ब्रा स्ट्रैप पर लगे। मुझे शर्म आने लगी थी। कुमुद मुझे किस किए जा रहे थे। मैं फिर से किस में खो गई। कुछ देर बाद जब उनकी सांसें फूली तब वो अलग हुए। कुछ देर सांसें दुरुस्त करने लगे मैं उनके बालों को सहला रही थी और वो मेरे बूब्स को प्रेस करने में लगे हुए थे। फिर उन्होंने मेरी ब्रा खोल दी। मैं उसको पकड़ने लगी।
कुमुद - जान मुझे प्यार करती हो न
मैने अपना सर हां में हिलाया।
कुमुद - तो फिर छोड़ो इसे।
मैने अपनी ब्रा छोड़ दी। उन्होंने ब्रा निकाल दी। मैं अब टॉपलेस हो गई थी। उन्होंने मुझे गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया। मैं बस उन्हें ही देख रही थी अब मैं उनसे फिर वो मेरे बूब्स को चूसने लगे। एक साइड के बूब्स चूसते तो दूसरे साइड के बूब्स को दबा रहे थे। कभी एक साइड कभी दूसरे साइड के बूब्स के साथ ये किया। ये सब 20 मिनट चला मैं तो पागल हुई जा रही थी और एक बार झड़ भी चुकी थी। उनके चूसने से मेरे बूब्स लाल हो गए थे। वो बूब्स छोड़ नीचे को हुए और मेरी नाभि को चाटने लगे। इतनी देर से मेरी सिसकी पूरे कमरे में गूंज रही थी।
मैं - ahhhh issssss जान मैं पागल हुई जा रही हूं।
वो और जोर से जीभ से चाटने लगे। मेरी कमर बार बार ऊपर उठ रही थी। मेरी नाभि चाटते चाटते उन्होंने मेरे पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया। मैने उनकी हेल्प करने के लिए अपनी कमर उठा दी। उन्होंने मेरा पेटीकोट निकाल दिया। मैं अब सिर्फ पैंटी पहने थी। उन्होंने पैंटी निकालने के लिए जैसे ही उसे पकड़ा मैने उनका हाथ पकड़ लिया। उन्होंने मुझे अपना हाथ पकड़ते देखा तो पैंटी के ऊपर से ही चूसने लगे। मैं बेचैन हो गई और कमर उठा दी शायद इसी का इंतज़ार था उन्हें। उन्होंने एक दम से मेरी पैंटी नीचे कर दी। मैने अपनी चूत पर हाथ रख कर उसे छुपा लिया। वो फिर से ऊपर आ गए और मुझे किस करने लगे। मुझे किस करते हुए उन्होंने धीरे धीरे मेरे हाथ हटाने की कोशिश की तो मैने हाथ हटा लिया। अब मेरी चूत पर उनके हाथ थे। मेरी चूत मेरे चूत रस से पूरी भीगी हुई थी। उन्होंने मेरी चूत को सहलाते हुए अपनी एक उंगली मेरी चूत में डालने की कोशिश की तो मुझे दर्द हुआ।
मैं - aaahhhhhhhh जान दर्द हो रहा है।
उन्होंने दर्द का सुन हाथ हटा लिया लेकिन किस करते रहे और मेरे बूब्स दबाने लगे। फिर कुछ देर बाद वो मेरे बूब्स चूसने लगे। 5 मिनट तक चूसने के बाद मेरी चूत पर आ गए। जब मेरी चूत पर उनकी जवान लगी तो मेरी कमर ऊपर उठ गई और उनके मुंह से और लग गई। मैं उनका सर अपनी चूत पर दबाने लगी। उनके चूसने से मेरी बॉडी अकड़ने लगी। वो समझ गए कि मैं झड़ने वाली हूं। वो और तेज से चूसने लगे। मैं झड़ने लगी तो उन्होंने मौका देख के अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी जो मज़ा मुझे मिल रहा था उसकी वजह से मुझे दर्द कम हुआ। वो ऐसे ही मेरी चूत में उंगली अंदर बाहर करते रहे। मैं फिर से गर्म होने लगी। कुछ देर बाद उन्होंने अपनी दो उंगली मेरी चूत में डाली। मुझे दर्द हुआ लेकिन इतना नहीं हुआ वो कुछ देर ऐसे ही करते रहे फिर उन्होंने अपनी तीन उंगली डालीं और अंदर बाहर करते रहे और मेरी चूत को अपनी जवान से चूसते रहे। मैं उनके सर को अपनी चूत में घुसेड़ देना चाहती थी।
मैं - जान अब कंट्रोल नहीं हो रहा बस अब डाल दो।
उन्होंने ये सुना तो मुस्कुरा कर बोले।
कुमुद - क्या डाल दूं जान।
मैं - वही
कुमुद - क्या वही नाम बताओ।
मैं उनके ऐसे बार पूछने से परेशान होने लगी थी।
मैं - अपना लन्ड दल दो बस।
ये सुन कुमुद खड़े हुए और अपने कपड़े उतारने लगे। उनका लन्ड जब मेरे लन्ड था उससे भी बड़ा और कुछ मोटा लग रहा था। मेरा लन्ड सिर्फ 9 इंच था लेकिन उनका तो 11 इंच लग रहा था और मोटा भी कम से कम 3 से 4 इंच होगा। मैं उनके लन्ड को बड़े गौर से देख रही थी।
कुमुद - क्या हुआ जान अच्छा नहीं लगा क्या।
मैं - नहीं ऐसा नहीं है ये तो मेरे से भी बड़ा है।
कुमुद ये सुन खुश हो गए।
कुमुद - ये तो अच्छी बात है ना।
ये बोल कुमुद मेरे पास आ गए और मेरे मुंह के पास कर दिया। मैं कभी उसे कभी कुमुद को देख रही थी।
कुमुद - इसे चूस के गीला करो जान।
मैं लन्ड को देख ही रही थी चूसने का सुन कर मुस्कुराने लगी।
कुमुद - क्या हुआ जान हस क्यों रही हो।
मैं - मैं कुछ सोंच कर हस रही हूं।
कुमुद - क्या
मैं - कुछ टाइम पहले मैने भी ऐसे ही ये करवाया था रूही से तब वो मना कर रही थी लेकिन मेरे ज्यादा कहने की वजह से उसने किया था। अब समझ में आ रहा है कैसा लगता होगा लड़कियों को ये सब करने में। पर आप परेशान न हों अपने पति की हर बात मानूंगी मैं।
कुमुद - अगर पसंद नहीं है तो फिर कभी कर लेना।
मैं - आप परेशान न हों।
ये बोल मैने उनका लन्ड पकड़ लिया।
ये सब करते हुए अजीब लग रहा था लेकिन मम्मी ने और पीहू दीदी ने कहा था "तेरा पति जो करे वो करने देना या जो करवाए वो करना, पति खुश होगा तो तुझे भी खुश रखेगा।" इसलिए ये सब मैं कर रही थी।
मैने लन्ड को पहले जीभ से चाटा जब कुछ सही लगा तो उसको मुंह में ले लिया।
कुमुद - इसको जैसे कुल्फी चूसी जाती है वैसे ही चूसो।
मैं उनके लन्ड को कुल्फी की तरह चूसने लगी। कुछ देर चूसने के बाद मजा आने लगा तो मैं जोर जोर से चूसने लगी। मैने करीब 10 मिनट लन्ड को चूसा होगा कुमुद ने मेरे मुंह से लन्ड निकाल लिया और मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गए और मेरी चूत पर अपना लन्ड घिसने लगे।
मैं - म्मम्मममम अब डाल दो अंदर।
कुमुद ने क्रीम ली और मेरी चूत के अंदर अच्छे से लगाई और अपने लन्ड पर लगाई फिर चूत के छेद पर रख कर दवाने लगे।
कुमुद - जान थोड़ा दर्द होगा सहन करना।
मैं - आप एक ही बार में डाल देना। बिना पूरा डाले रुकना मत।
कुमुद ने सुना तो मुझे किस करने लगे और हल्के जोर से धक्का लगाया तो उनके लन्ड का सिर्फ टोपा ही अंदर गया। मुझे ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत में चाकू मार दिया हो। मैं चिल्ला नहीं सकती थी मेरी आंखों से आंसू आने लगे। उन्होंने पूरी ताकत लगा एक धक्का और लगाया जिससे 5 इंच तक अंदर गया। मेरी चूत से खून निकलने लगा था। वो मुझे किस करते जा रहे थे और मेरी आंखों में देखते जा रहे थे। वो रुकना चाहते थे। उन्होंने किस तोड़ दी। मुझे दर्द में देख कर उनकी आंख से भी आंसू आने लगे थे।
मैं - जान आप क्यों परेशान हो रहे हैं ये तो होता ही है आप पूरा एक साथ डाल दो तो जो होगा एक साथ होगा।
उन्होंने ये सुना तो मुझे किस करने लगे और एक और धक्का लगाया तो उनका लन्ड चीरते हुए अंदर चूत में घुस गया। मैं बेहोश हो गई थी। पास में रखी बोतल से पानी ले कर मेरे मुंह पर छीटें मारीं तो मुझे होश आया।
मैं - आआह्ह्ह मम्मी, जान बहुत दर्द हो रहा है ऐसा लग रहा है मेरी जान निकल जायेगी।
कुमुद मेरे बूब्स दबा रहे थे और मेरे किस करने लगे थे।
कुमुद - बस बस मेरी जान हो गया, हो गया।
कुमुद कुछ देर सिर्फ मुझे किस करते रहे करीब 5 मिनट तक। 5 मिनट बाद मुझे ठीक लगने लगा तो मैने उन्हें नीचे से झटका दिया। जिससे उन्हें पता चल गया। तब उन्होंने मुझे कंधे से पकड़ लिया और अपना पूरा लन्ड धीरे धीरे बाहर निकाला फिर झटके से पूरा अंदर डाल दिया। मैं जोर से चिल्ला उठी। उन्होंने करीब 10 से 15 धक्के ऐसे ही इसी तरह मारे। हर धक्के पर मेरे मुंह से हाय मम्मी, ओह मम्मी मर गई, आह, ओह ही निकल रहा था। उनका लन्ड मेरी चूत में जगह बनाने में लगा हुआ था। जब धीरे धीरे उनके लन्ड ने मेरी चूत में जगह बना ली तो दर्द कम होने लगा। जब मेरा दर्द बिल्कुल कम हो गया तो मैं उनका साथ देने लगी। हमारा ये सेक्स ऐसा लग रहा था जैसे हम बहुत पहले से सेक्स कर रहे हों लेकिन ऐसा नहीं था हम पहली बार ही सेक्स कर रहे थे। मैने अपने पैर उनके कमर से चिपका लिए। वो मुझे कभी धीरे धीरे कभी तेज़ धक्कों से चोद रहे थे। सेक्सी आवाजों से पूरा कमरा गूंज रहा था। हमारी आवाजें इतनी तेज़ थीं कि पूरे घर ने ये आवाज़ें सुनीं होंगी। वो बिना रुके धक्के लगाए जा रहे थे। मैं कभी अपने पैर उनके कमर में लपेट लेती कभी बेड पर रख लेती। कभी वो मेरे पैर को अपने कंधे पर रख लेते। मैं इतनी देर में दो बार झड़ चुकी थी जो मिला कर चार बार हो गया था। हमारे सेक्स करते करते 1 घंटा हो गया था। तभी कुछ धक्कों के बाद वो गुर्राने लगे। उन्होंने मुझे अपने शरीर से ऐसे चिपका लिया था कि हमारे बीच से हवा भी पास न हो।
कुमुद - i am cumming, I am cumming.
मैं - i am cumming also.
हम दोनों एक साथ झड़ गए। वो झड़ने के बाद मेरे ऊपर गिर गए। मैं उनका सर सहलाने लगी। 10 दिन बाद हम अलग हुए और वो साइड में लेट गए।
मैं बेड पर पैर खोले उसी पोजीशन में लेती हुई थी। ऐसा लग रहा था जैसे 1 घंटे के रेगुलर सेक्स के बाद मेरे पैर बंद ही नहीं होंगे बंद होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। मेरा और कुमुद का शरीर पूरा पसीना पसीना हो गया था। मेरे बाल गीले हो कर शोल्डर और फेस पर चिपक गए थे। मुझे बाथरूम लगने लगी तो मैं उठने लगी तो मेरे पैर में दर्द हुआ तो मैं चीख कर बैठ गई।
कुमुद - क्या हुआ कहां जा रही हो।
मैं - बाथरूम लग रही है, बाथरूम जाना है।
कुमुद - हां तो मुझे बताओ मैं ले कर चलता हूं।
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कुमुद रूम में इंटर हुए और डोर को लॉक कर दिया। और धीरे धीरे मेरे पास आए और आकर बेड पर बैठ गए। मैं बहुत शर्मा रही थी। कुमुद ने मेरा हाथ पकड़ लिया तो मेरी पूरी बॉडी में झटका लगा। कुमुद ने मेरा घूंघट उठाया तो मैने अपनी आंखें बंद कर लीं।
कुमुद - मेरी जान आंखें खोलो।
कुमुद के कहने पर भी मैने आंखें बन्द ही रखीं। मुझे आंख न खोलते देख कुमुद ने मुझे कसम दे दी।
कुमुद - आंखें खोलो जान, जान तुम्हें मेरी कसम हो।
मैने कसम का सुन कर झट से अपनी आंखें खोल दीं। मुझे आंखें खोलते देखते हुए कुमुद मुस्कुराने लगे। मैं उन्हें असमंजस से देख रही थी। कुमुद आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगे। किस करने से मेरी आंखें फिर से बंद हो गईं। कुमुद ने मुझे किस करना छोड़ दिया।
कुमुद - आंखें खोल कर मेरी आंखों में देखो।
कुमुद की आवाज़ में थोड़ी सख्ती सी थी। मैने तुरन्त आंखें खोल लीं। पता नहीं क्यों मुझे डर लगा था उनकी आवाज़ से।
कुमुद - डरो नहीं, डर क्यों रही हो, चलो पहले बात ही कर लेते हैं।
मैं - ज-ज-जी
कुमुद - फिर डर रही हो। तुमको पता तो है तुम मुझसे ज्यादा अच्छी हो फाइट में। तब भी डर रही हो।
मैं - मुझे पता है कि मैं अच्छी फाइटर हूं और पहले ऐसा नहीं था लेकिन पता नहीं क्यों अब डर सा लग रहा है।
कुमुद - मम्मी ने कुछ कहा।
मैं - मम्मी ने वो मम्मी ने
कुमुद - क्या कहा मम्मी ने बोलो
मैं - वैसे तो कुछ नहीं कहा लेकिन वो मुझे समझा रहीं थीं अब से कैसे रहना है, क्या करना है। पति की किसी भी बात पर आर्गुमेंट नहीं करना है। उसकी हर बात माननी है और बहुत कुछ।
कुमुद मेरे इस तरह से बोलने से शायद समझ गए कि मैं उन्हें बता कर परेशान नहीं करना चाहती थी।
कुमुद - Don't worry. मुझ पर भरोसा है ना।
मैने हां में गर्दन हिला दी।
कुमुद - फिर परेशान क्यों होती हो। वैसे ये बताओ आगे साड़ी पहनने का प्लान है। क्योंकि साड़ी में बहुत ही खूबसूरत लग रही हो तुम।
मैं - मुझे बांधना नहीं आती। पर अगर आप को पसंद है तो मैं एक दो बार में सीख लूंगी।
कुमुद - कोई बात नहीं सीख लो स्पेशल ओकेजन के लिए। कभी पहन कर बाहर जाना पड़ा तब के लिए। अभी जींस टॉप पहन सकती हो।
मैं ये सुन खुश हो गई।
कुमुद - अब तो डर नहीं लग रहा है।
मैं - नहीं।
कुमुद - Perfect. तो मुझे किस करो आंखें खोल के।
मैं - पर किस के टाइम आंखें तो अपने आप बन्द हो जाती हैं।
कुमुद ने मुझे मुस्कुरा के देखा तो मैं समझ गई कि वो मज़ाक कर रहे हैं। मैं उनके सीने से लग गई और एक दो घूंसे प्यार से मारे उनके सीने पर।
कुमुद - मुझे स्ट्रिक्ट होने पर मजबूर कर रही हो। पता है पति पर हाथ उठाना पाप होता है।
मैं - Sorry.
कुमुद - सॉरी से काम नहीं चलेगा मैडम।
मैं उन्हें देखने लगी।
कुमुद - अगर माफी चाहिए तो पैर छू कर आशीर्वाद लो।
मैं बेड से उतर कर उनके पैर छूने लगी तो उन्होंने पकड़ लिया।
कुमुद - हर बात माननी जरूरी नहीं होती। दिल से निकले कि पैर छूना है तब छूना। हम्म्म्
मैं - हम्म्म्
कुमुद मुझे पकड़ कर फिर किस करने लगे मैं किस में खो चुकी थी। मैं उनके सर के पीछे हाथ लगा उनके बाल सहलाने लगी। कुमुद किस करते करते मेरे बूब्स प्रेस करने लगे। मैं तो बस पागल हुई जा रही थी। किस करते करते उन्होंने मेरी साड़ी खोल दी। वो फिर से मेरे बूब्स प्रेस करने लगे। वो एक हाथ से मेरे बूब्स प्रेस कर रहे थे तो दूसरे हाथ से मेरे ब्लाउज़ की डोरी खोल दी। किस की वजह से पता ही नहीं चला मेरा ब्लाउज़ मेरे शरीर से अलग हो चुका था। मैं ऊपर सिर्फ ब्रा में थी। मुझे तब होश आया जब उनके हाथ मेरी ब्रा स्ट्रैप पर लगे। मुझे शर्म आने लगी थी। कुमुद मुझे किस किए जा रहे थे। मैं फिर से किस में खो गई। कुछ देर बाद जब उनकी सांसें फूली तब वो अलग हुए। कुछ देर सांसें दुरुस्त करने लगे मैं उनके बालों को सहला रही थी और वो मेरे बूब्स को प्रेस करने में लगे हुए थे। फिर उन्होंने मेरी ब्रा खोल दी। मैं उसको पकड़ने लगी।
कुमुद - जान मुझे प्यार करती हो न
मैने अपना सर हां में हिलाया।
कुमुद - तो फिर छोड़ो इसे।
मैने अपनी ब्रा छोड़ दी। उन्होंने ब्रा निकाल दी। मैं अब टॉपलेस हो गई थी। उन्होंने मुझे गोद में उठा कर बेड पर लिटा दिया। मैं बस उन्हें ही देख रही थी अब मैं उनसे फिर वो मेरे बूब्स को चूसने लगे। एक साइड के बूब्स चूसते तो दूसरे साइड के बूब्स को दबा रहे थे। कभी एक साइड कभी दूसरे साइड के बूब्स के साथ ये किया। ये सब 20 मिनट चला मैं तो पागल हुई जा रही थी और एक बार झड़ भी चुकी थी। उनके चूसने से मेरे बूब्स लाल हो गए थे। वो बूब्स छोड़ नीचे को हुए और मेरी नाभि को चाटने लगे। इतनी देर से मेरी सिसकी पूरे कमरे में गूंज रही थी।
मैं - ahhhh issssss जान मैं पागल हुई जा रही हूं।
वो और जोर से जीभ से चाटने लगे। मेरी कमर बार बार ऊपर उठ रही थी। मेरी नाभि चाटते चाटते उन्होंने मेरे पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया। मैने उनकी हेल्प करने के लिए अपनी कमर उठा दी। उन्होंने मेरा पेटीकोट निकाल दिया। मैं अब सिर्फ पैंटी पहने थी। उन्होंने पैंटी निकालने के लिए जैसे ही उसे पकड़ा मैने उनका हाथ पकड़ लिया। उन्होंने मुझे अपना हाथ पकड़ते देखा तो पैंटी के ऊपर से ही चूसने लगे। मैं बेचैन हो गई और कमर उठा दी शायद इसी का इंतज़ार था उन्हें। उन्होंने एक दम से मेरी पैंटी नीचे कर दी। मैने अपनी चूत पर हाथ रख कर उसे छुपा लिया। वो फिर से ऊपर आ गए और मुझे किस करने लगे। मुझे किस करते हुए उन्होंने धीरे धीरे मेरे हाथ हटाने की कोशिश की तो मैने हाथ हटा लिया। अब मेरी चूत पर उनके हाथ थे। मेरी चूत मेरे चूत रस से पूरी भीगी हुई थी। उन्होंने मेरी चूत को सहलाते हुए अपनी एक उंगली मेरी चूत में डालने की कोशिश की तो मुझे दर्द हुआ।
मैं - aaahhhhhhhh जान दर्द हो रहा है।
उन्होंने दर्द का सुन हाथ हटा लिया लेकिन किस करते रहे और मेरे बूब्स दबाने लगे। फिर कुछ देर बाद वो मेरे बूब्स चूसने लगे। 5 मिनट तक चूसने के बाद मेरी चूत पर आ गए। जब मेरी चूत पर उनकी जवान लगी तो मेरी कमर ऊपर उठ गई और उनके मुंह से और लग गई। मैं उनका सर अपनी चूत पर दबाने लगी। उनके चूसने से मेरी बॉडी अकड़ने लगी। वो समझ गए कि मैं झड़ने वाली हूं। वो और तेज से चूसने लगे। मैं झड़ने लगी तो उन्होंने मौका देख के अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी जो मज़ा मुझे मिल रहा था उसकी वजह से मुझे दर्द कम हुआ। वो ऐसे ही मेरी चूत में उंगली अंदर बाहर करते रहे। मैं फिर से गर्म होने लगी। कुछ देर बाद उन्होंने अपनी दो उंगली मेरी चूत में डाली। मुझे दर्द हुआ लेकिन इतना नहीं हुआ वो कुछ देर ऐसे ही करते रहे फिर उन्होंने अपनी तीन उंगली डालीं और अंदर बाहर करते रहे और मेरी चूत को अपनी जवान से चूसते रहे। मैं उनके सर को अपनी चूत में घुसेड़ देना चाहती थी।
मैं - जान अब कंट्रोल नहीं हो रहा बस अब डाल दो।
उन्होंने ये सुना तो मुस्कुरा कर बोले।
कुमुद - क्या डाल दूं जान।
मैं - वही
कुमुद - क्या वही नाम बताओ।
मैं उनके ऐसे बार पूछने से परेशान होने लगी थी।
मैं - अपना लन्ड दल दो बस।
ये सुन कुमुद खड़े हुए और अपने कपड़े उतारने लगे। उनका लन्ड जब मेरे लन्ड था उससे भी बड़ा और कुछ मोटा लग रहा था। मेरा लन्ड सिर्फ 9 इंच था लेकिन उनका तो 11 इंच लग रहा था और मोटा भी कम से कम 3 से 4 इंच होगा। मैं उनके लन्ड को बड़े गौर से देख रही थी।
कुमुद - क्या हुआ जान अच्छा नहीं लगा क्या।
मैं - नहीं ऐसा नहीं है ये तो मेरे से भी बड़ा है।
कुमुद ये सुन खुश हो गए।
कुमुद - ये तो अच्छी बात है ना।
ये बोल कुमुद मेरे पास आ गए और मेरे मुंह के पास कर दिया। मैं कभी उसे कभी कुमुद को देख रही थी।
कुमुद - इसे चूस के गीला करो जान।
मैं लन्ड को देख ही रही थी चूसने का सुन कर मुस्कुराने लगी।
कुमुद - क्या हुआ जान हस क्यों रही हो।
मैं - मैं कुछ सोंच कर हस रही हूं।
कुमुद - क्या
मैं - कुछ टाइम पहले मैने भी ऐसे ही ये करवाया था रूही से तब वो मना कर रही थी लेकिन मेरे ज्यादा कहने की वजह से उसने किया था। अब समझ में आ रहा है कैसा लगता होगा लड़कियों को ये सब करने में। पर आप परेशान न हों अपने पति की हर बात मानूंगी मैं।
कुमुद - अगर पसंद नहीं है तो फिर कभी कर लेना।
मैं - आप परेशान न हों।
ये बोल मैने उनका लन्ड पकड़ लिया।
ये सब करते हुए अजीब लग रहा था लेकिन मम्मी ने और पीहू दीदी ने कहा था "तेरा पति जो करे वो करने देना या जो करवाए वो करना, पति खुश होगा तो तुझे भी खुश रखेगा।" इसलिए ये सब मैं कर रही थी।
मैने लन्ड को पहले जीभ से चाटा जब कुछ सही लगा तो उसको मुंह में ले लिया।
कुमुद - इसको जैसे कुल्फी चूसी जाती है वैसे ही चूसो।
मैं उनके लन्ड को कुल्फी की तरह चूसने लगी। कुछ देर चूसने के बाद मजा आने लगा तो मैं जोर जोर से चूसने लगी। मैने करीब 10 मिनट लन्ड को चूसा होगा कुमुद ने मेरे मुंह से लन्ड निकाल लिया और मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गए और मेरी चूत पर अपना लन्ड घिसने लगे।
मैं - म्मम्मममम अब डाल दो अंदर।
कुमुद ने क्रीम ली और मेरी चूत के अंदर अच्छे से लगाई और अपने लन्ड पर लगाई फिर चूत के छेद पर रख कर दवाने लगे।
कुमुद - जान थोड़ा दर्द होगा सहन करना।
मैं - आप एक ही बार में डाल देना। बिना पूरा डाले रुकना मत।
कुमुद ने सुना तो मुझे किस करने लगे और हल्के जोर से धक्का लगाया तो उनके लन्ड का सिर्फ टोपा ही अंदर गया। मुझे ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत में चाकू मार दिया हो। मैं चिल्ला नहीं सकती थी मेरी आंखों से आंसू आने लगे। उन्होंने पूरी ताकत लगा एक धक्का और लगाया जिससे 5 इंच तक अंदर गया। मेरी चूत से खून निकलने लगा था। वो मुझे किस करते जा रहे थे और मेरी आंखों में देखते जा रहे थे। वो रुकना चाहते थे। उन्होंने किस तोड़ दी। मुझे दर्द में देख कर उनकी आंख से भी आंसू आने लगे थे।
मैं - जान आप क्यों परेशान हो रहे हैं ये तो होता ही है आप पूरा एक साथ डाल दो तो जो होगा एक साथ होगा।
उन्होंने ये सुना तो मुझे किस करने लगे और एक और धक्का लगाया तो उनका लन्ड चीरते हुए अंदर चूत में घुस गया। मैं बेहोश हो गई थी। पास में रखी बोतल से पानी ले कर मेरे मुंह पर छीटें मारीं तो मुझे होश आया।
मैं - आआह्ह्ह मम्मी, जान बहुत दर्द हो रहा है ऐसा लग रहा है मेरी जान निकल जायेगी।
कुमुद मेरे बूब्स दबा रहे थे और मेरे किस करने लगे थे।
कुमुद - बस बस मेरी जान हो गया, हो गया।
कुमुद कुछ देर सिर्फ मुझे किस करते रहे करीब 5 मिनट तक। 5 मिनट बाद मुझे ठीक लगने लगा तो मैने उन्हें नीचे से झटका दिया। जिससे उन्हें पता चल गया। तब उन्होंने मुझे कंधे से पकड़ लिया और अपना पूरा लन्ड धीरे धीरे बाहर निकाला फिर झटके से पूरा अंदर डाल दिया। मैं जोर से चिल्ला उठी। उन्होंने करीब 10 से 15 धक्के ऐसे ही इसी तरह मारे। हर धक्के पर मेरे मुंह से हाय मम्मी, ओह मम्मी मर गई, आह, ओह ही निकल रहा था। उनका लन्ड मेरी चूत में जगह बनाने में लगा हुआ था। जब धीरे धीरे उनके लन्ड ने मेरी चूत में जगह बना ली तो दर्द कम होने लगा। जब मेरा दर्द बिल्कुल कम हो गया तो मैं उनका साथ देने लगी। हमारा ये सेक्स ऐसा लग रहा था जैसे हम बहुत पहले से सेक्स कर रहे हों लेकिन ऐसा नहीं था हम पहली बार ही सेक्स कर रहे थे। मैने अपने पैर उनके कमर से चिपका लिए। वो मुझे कभी धीरे धीरे कभी तेज़ धक्कों से चोद रहे थे। सेक्सी आवाजों से पूरा कमरा गूंज रहा था। हमारी आवाजें इतनी तेज़ थीं कि पूरे घर ने ये आवाज़ें सुनीं होंगी। वो बिना रुके धक्के लगाए जा रहे थे। मैं कभी अपने पैर उनके कमर में लपेट लेती कभी बेड पर रख लेती। कभी वो मेरे पैर को अपने कंधे पर रख लेते। मैं इतनी देर में दो बार झड़ चुकी थी जो मिला कर चार बार हो गया था। हमारे सेक्स करते करते 1 घंटा हो गया था। तभी कुछ धक्कों के बाद वो गुर्राने लगे। उन्होंने मुझे अपने शरीर से ऐसे चिपका लिया था कि हमारे बीच से हवा भी पास न हो।
कुमुद - i am cumming, I am cumming.
मैं - i am cumming also.
हम दोनों एक साथ झड़ गए। वो झड़ने के बाद मेरे ऊपर गिर गए। मैं उनका सर सहलाने लगी। 10 दिन बाद हम अलग हुए और वो साइड में लेट गए।
मैं बेड पर पैर खोले उसी पोजीशन में लेती हुई थी। ऐसा लग रहा था जैसे 1 घंटे के रेगुलर सेक्स के बाद मेरे पैर बंद ही नहीं होंगे बंद होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। मेरा और कुमुद का शरीर पूरा पसीना पसीना हो गया था। मेरे बाल गीले हो कर शोल्डर और फेस पर चिपक गए थे। मुझे बाथरूम लगने लगी तो मैं उठने लगी तो मेरे पैर में दर्द हुआ तो मैं चीख कर बैठ गई।
कुमुद - क्या हुआ कहां जा रही हो।
मैं - बाथरूम लग रही है, बाथरूम जाना है।
कुमुद - हां तो मुझे बताओ मैं ले कर चलता हूं।
Nice one.
 
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