• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery आर्या मैडम

sunoanuj

Well-Known Member
3,153
8,407
159
Bahut hi behtarin kamukta se bharpur update … Varun ki maar li dono vasna ki bhuki auraton ne ….
 

vakharia

Supreme
4,853
10,977
144
सोनिया मैडम हंस कर बोली. "अरे नहीं, इसे तो मजा आ रहा होगा. मेरा बस चलता तो पूरी ठूस देती, इतनी पतली घिसी हुई चप्पल तो है तेरी. बल्कि मैं तो कल से इसे पूरी जोड़ी मुंह में लेने को सिखाऊँगी."

मेरी बोलती बंद करके सोनिया मैडम ने पूरा डिल्डो मेरी गांड में डाल कर ही दम लिया. मुझे लग रहा था कि जैसे मेरी गांड फ़ट जायेगी. आँखों में आँसू आ गये पर आर्या मैडम की चप्पल चूसने और दांतों से चबाने के सिवाय मैं कुछ नहीं कर सकता था.

आर्या मैडम ने भी मुझ पर तरस खा कर कहा. "सोनिया, धीरे करना था, देख बेचारे को कितना दर्द हो रहा है." सोनिया मैडम बोली. "अरे तू नहीं जानती, दर्द तो होगा पर इसे मजा भी आ रहा है, इसका लंड हाथ में लेकर देख. पक्का मेसोचिस्ट लड़का है. इससे जितनी दुष्टता करके इसे भोगोगी, उतना इसे मजा आयेगा"

आर्या मैडम ने मेरा लंड हाथ में लिया तो वह अब लोहे जैसा कडा था. मुझे वास्तव में दर्द के साथ साथ बहुत मीठी अनुभूति हो रही थी. सोनिया मैडम ने अपना साइकलाजी में एक्सपर्ट होना फ़िर साबित कर दिया था.

मुझ पर चढ. कर डिल्डॊ का दूसरा भाग अपनी बुरे में लेते हुए और उसके पट्टे कमर में बांधते हुए सोनिया मैडम बोली. "अरे अभी तो कुछ नहीं हुआ. अब देख जब मैं इसकी गांड मारूम्गी तो कैसा चहकेगा." कहते हुए वे मेरी गांड मारने लगी. गांड मारते हुए उन्हों ने अपनी मजबूत जांघें मेरी कमर के इर्द गिर्द जकड ली थी जैसे मर्द करते हैं.

वे गांड मारने की कला में उस्ताद निकली. इतनी जोर से और हचक हचक कर उन्हों ने मेरी मारी कि मैं हर वार पर सिसक सिसक जाता. करीब करीब पूरा डिल्डो मेरे गुदा से निकालती और फ़िर बेरहमी से अपनी कमर के एक ही जोरदार झटके में अंदर जड. तक पेल देती. सोनिया मैडम के कहने पर आर्या मैडम मेरे सामने आकर बैठ गई और अपनी बुर में सोनिया मैडम का मुंह समेट कर चुसवाने लगी. पूरे आधे घंटे मेरी मारने के बाद ही और दोनों मैडमों के दो तीन बार झडने पर ही उनकी वासना शांत हुई.

फ़िर सोनिया मैडम ने अपनी बुर में से डिल्डो निकाला पर मेरी गांड में धंसा भाग वैसा ही रहने दिया. मुझे पलट कर पलंग पर सीधा लिटाकर आर्या मैडम मुझ पर चढ. कर मुझे चोदने लगी. मेरे और उनके वजन से डिल्डो और मेरी गांड में घुस गया और मैं दर्द से छटपटा उठा.

मेरे मुंह से आर्या मैडम की चप्पल निकालकर अब सोनिया मैडम मेरा मुंह बंद करने को और मुझे गांड मरवाने के लिये अपनी चूत का रस इनाम स्वरूप देने को मेरे मुंह पर बैठ गई. उधर आर्या मैडम उछल उछल कर मेरा लंड चोदने लगे. आखिर जब मैं जोर से झड़ा तो सोनिया मैडम ने फ़िर फ़टकार लगायी. "फ़िर से झड गया बदमाश बिना परमिशन के, अब देख कल तुझे आठ इंची डिल्डॊ से चोदूँगी."

मुझे वैसा ही असहाय छोड़ कर दोनों सिक्सटी नाइन करने लगी. इस बार सोनिया मैडम आर्या मैडम की चूत चूसते हुए साफ़ बोली. "आर्या रानी, वीर्य काफ़ी अच्छा है बच्चे का. अब मैं सीधा चूस कर देखती हूँ. देखूँ तो कैसा लगता है."

उन्हों ने मेरा झड़ा लंड मुंह में लिया और चूसने लगी. चूसने में भी वे माहिर थी. जीभ रगड रगड कर, दांतों से हल्के हल्के चबा कर पाँच मिनिट में मेरा खड़ा करके उन्हों ने दस मिनिट मेरा खड़ा लंड चूसने का आनंद उठाया और मुझे झड़ा कर चटखारे ले लेकर वे उसका रस पीने लगी. रस खतम करके मुंह पोंछती हुई उठ बैठी. "मीठा लड़का है रानी, और चुसूँगी. तुझे भी चाहिये?"

आर्या मैडम हंसने लगी. "अरे दो बार झड गया है, अब दो तीन घंटे कुछ नहीं मिलेगा. तूने आखिर इतनी जल्दी क्यों की?" मैं तो बिलकुल लस्त पड़ा था. लगता था कि जैसे लंड का सारा रस किसी ने निचोड लिया हो. थोड़ा दुख भी रहा था. गोटियाँ भी खाली होकर दुख रही थी, गांड में दर्द तो था ही, डिल्डो पूरा अंदर धंस कर मेरे गुदा को चौड़ा कर रहा था.

सोनिया मैडम मेरे बाल सहलाती हुई बोली. "लगा शर्त, अगले दो घंटों में, मैं इसे चार बार झड़ाऊँगी, दो बार तू पीना, दो बार मैं पियूँगी. और चोद भी लूँगी. इस प्यारे बच्चे ने मेरा दिल डामाडोल कर दिया है. प्रण तो मैंने यही किया था कि सिर्फ़ तेरे जैसी नरम नरम औरतों और लड़कियों से ही संभोग करूंगी पर इससे चुदवाने में मुझे कोई हर्ज नहीं है."

आर्या मैडम बोली. "आखिर इसका खड़ा कैसे करेगी जानेमन? यह तो काम से गया लगता है दिन भर के लिये." डिल्डॊ को फ़िर अपनी बुर में घुसाकर बांधती हुई सोनिया मैडम बोली. "गांड मारकर. अब ऐसी मारती हूँ कि दस मिनिट में खड़ा हो जायेगा, तू देखती जा."

और उन्हों ने फ़िर मेरी मारना शुरू कर दी. बहुत दर्द हुआ और मैं कसमसा उठा पर मेरी सिसकारियों का मजा लेते हे मैडम ने पूरे जोर से बेरहमी से हचक हचक कर मेरी मारी. गांड ऐसे दुखने लगी जैसे फ़त गई हो पर वैसा ही हुआ जैसा वे कह रही थी. धीरे धीरे मेरा फ़िर खड़ा हो गया.

मुझे अब सीधा लिटा कर सोनिया मैडम चोदने लगी. उनकी मखमली टाइट चूत ने ऐसा जादू किया कि मैं नीचे से उछल उछल कर उन्हें चोदने की कोशिश करने लगा, भले ही ऐसा करने से डिल्डो मेरी गांड में धंस कर मुझे और पीड़ा पहुंचाता था. आर्या मैडम उनके बाजू में बैठ कर उनसे लिपट गई और दोनों ने मिलकर मुझे खूब चोदा. आखिर सोनिया मैडम ने लंड अपनी चूत में से निकाल कर उठी और आर्या मैडम ने उनके रस से लिपटे मेरे लंड को चूस कर मुझे झड़ा दिया.

दोनों मिलकर अगले तीन घंटे इसी तरह मुझे भोगती रहीं. बीच में सोनिया मैडम ने आर्या मैडम से कहा कि एक बार वे मेरी मारें क्यों की सोनिया मैडम तीन चार बार मेरी गांड मारकर थक गयी थी. मुझे लगा था कि आर्या मैडम तो थोड़ी दया करेंगी और धीरे धीरे मारेंगी पर इस सारी क्रीडा में वे भी ऐसी उत्तेजित हो गयी थी कि उन्हों ने भी बड़ी बेरहमी से उछल उछल कर मेरी मारी.

इस बार सोनिया मैडम की ऊंची एडी की हवाई चप्पल मेरे मुंह में डाल दी गयी थी. मोटी हील मुंह में अंदर लेने को मुझे बहुत तकलीफ़ हुई पर सोनिया मैडम ने हील अंदर डाल कर ही दम लिया.

इस पर भी उनका जी नहीं भरा. "आर्या डार्लिंग, पूरी चप्पल मुंह में डालते हैं, तब मजा आयेगा!" आर्या मैडम ने कहा. "अरे कैसे पूरी अंदर लेगा ये, और वह भी हाई हील की?"

"जबरदस्ती ठूसनी पड़ेगी. चल जोर लगाते हैं. तू चिंता न कर. इसे कुछ नहीं होगा. बड़ा चुदैल हरामी लड़का है. और चप्पलों से तो इसे प्यार है! फ़िर खुद मुंह में लेगा." सोनिया मैडम ने मेरा सिर हाथ से थामकर पूरे जोर से चप्पल मेरे मुंह में ठूसते हुए कहा. दोनों ने मिलकर दबा दबा कर किसी तरह पूरी चप्पल मेरे मुंह में ठूस ही दी. मुंह में होती यातना के बावजूद दो सेक्सी चुदैलो की इस जबरदस्ती से और मुंह में भरे रबर से मेरे लंड पर जादू जैसा प्रभाव हुआ और लंड फ़िर खड़ा होने लगा.

"देखा रानी? अब कल तेरी चप्पलों की जोड़ी मुंह में लेगा यह बच्चा. तेरी रबर की स्लिपर पतली भी हैं. और मैं तो सोच रही हूँ कि इसे चप्पलें खिला ही क्यों न दें! आखिर रबर ही तो हैं, आसानी से पचा जायेगा." मेरे मुंह पर अब एक ब्रेसियर कस कर बांध दी गई जिससे चप्पल मैं बाहर न निकाल सकूँ. मुझे ओंधा पटककर मेरी गांड फ़िर मारी जाने लगी. अब तो मेरा हर अंग ,में दर्द हो रहा था; मुंह में ठुसी चप्पल से मेरे गाल भी फ़ूल गये थे और बहुत दुख रहे थे.

मेरी यह दुर्दशा चलती रही. आखिर छठी बार झडने पर मैं अति तृप्ति और गांड, गोटियों और लंड में होती भयानक पीड़ा से बेहोश हो गया. गोटियाँ तो ऐसे दुख रही थी कि जैसे किसी ने उन्हें निचोड लिया हो.

आप को मुझ पर दया आ रही होगी. पर सच तो यह था कि अगर कोई मुझे छुड़ा देता तो भी मैं नहीं भागता. सारी पीड़ा और बुरी तरह से एक खिलौने की तरह भोगे जाने के बावजूद मैं इन दोनों चुदैल और सेडिस्टिक मैडमों के वासना जाल में फंस चुका था. लंड मे ऐसी गुदगुदी हो रही थी कि दोनों मिलकर मुझसे कुछ भी करवाती तो मैं कुछ न कहता.

जब मैं दोपहर को होश में आया तो अपने आप को बेंच पर बंधा पाया. मुंह में से चप्पल निकाल दी गयी थी. लंड सिकुड कर मिर्ची हो गया था. सारी वासना खतम हो गयी थी. अंग अंग में पीड़ा हो रही थी जैसे चक्की में पीस डाला हो. अब तो मैं बस यही मना रहा था कि थोड़ा आराम मिले. पर वे दोनों तो मेरे होश में आने की ही राह देख रही थी.

सोनिया मैडम मुस्करा कर बोली. "हमने तो खाना खा लिया बेटे, तू भूखा होगा. पहले कुछ खा ले. मैंने सोचा था कि तू मुंह में दी हुई चप्पल खा लेगा! पर तूने यह सुनहरा मौका गंवा दिया.” नाश्ता कर में फिर उन दोनों के साथ लेट गया।

सुबह की ही तरह इनाम स्वरूप मुझे सोनिया मैडम की चूत चोदने को मिली. फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि सोनिया मैडम ने खुद ही ऊपर से मेरे लंड पर बैठ कर मेरा लंड अपनी बुर में लिया और फ़िर ऊपर नीचे होकर चुदवाने लगी. लगता है कि उन्हें काफ़ी मजा आया क्यों की बहुत देर मजे लेकर उन्हों ने चुदवाया. मेरे एक बार झडने पर भी उन्हें तसल्ली नहीं हुई और वे तब तक मेरे झड़ें लंड को अपनी बुर में सिकोड़ कर लिये रहीं जब तक वह फ़िर खड़ा नहीं हो गया. अगले काम-करम के खतम होते होते मैं थक कर चूर हो गया और मुझे गहरी बेहोशी सी नींद लग गयी.

मेरी नींद सीधे शाम को ही खुली. देखा कि मेरी गांड से डिल्डो निकालकर गुदा पर ठंडी क्रीम लगा दी गयी थी जिससे मेरा दर्द कम हो. गांड और लंड में भी दर्द काफ़ी हो रहा था पर एक सम्पूर्ण तृप्ति की भावना मेरी नस नस में भर गयी थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने देखा कि दोनों मेरे बाजू में ही पड़ीं चूमा-चाटी कर रही थी.

मुझे जगा देख कर प्यार से मेरे पास आकर सोनिया मैडम बोली. "जाग गये बेटे, चल और मरायेगा?" मैं बोला "मार लीजिये मैडम, आप का ही दास हूँ, आप दोनों तो मेरी देवियाँ हैं." मेरी बात पर सोनिया मैडम होकर दोनों हंसने लगी. "बहादुर बच्चा है." फ़िर मेरी ओर मुड. कर सोनिया मैडम बोली. "अब कल मारेंगे बेटे, आठ इंची से. परसों दस इंची से और आखिरी दिन पूरा एक फ़ुट वाला डिल्डो तेरी गांड में उतार दूँगी, आज तो तुझे इनाम देते हैं, चल तेरे लिये बहुत सारा चूत का रस तैयार है."

बारी बारी से दोनों की बुर मैंने रात भर चूसी और मन भर कर चूत रस का पान किया. रात को एक बार मैंने आर्या मैडम की गांड भी मारी. गांड मारते हुए उस मीठे अनुभव का आस्वाद लेते हुए मैंने साहस करके सोनिया मैडम से भी विनती की कि अपनी कसी साँवली गांड का मजा भी मुझे लेने दें. उन्हों ने हंस कर कहा कि जरूर पर परसों एक फ़ुट के डिल्डॊ से मेरी मारने के बाद वे मुझे उनकी गांड मारने देंगी.

और वैसा ही हुआ. दूसरे दिन मेरी गांड आठ इंची डिल्डो से मारी गयी. मुझे चप्पल भी इसी दिन खिलाई गई. उसके बाद अगले दिन दस इंची डिल्डो जब घुसा तो मुझे लगा कि फ़ट जायेगी. पर यह तो कुछ नहीं था. अगले दिन एक फ़ुट के डिल्डो से मराने में सच में मेरी जान ही निकल गयी. इतना दर्द हुआ कि आधा डिल्डो घुसने तक ही अपने चप्पल भरे मुंह से दबी चीख निकालकर मैं बेहोश हो गया.

सोनिया मैडम भी ऐसी बेरहम निकली कि मेरी बेहोशी में ही पूरा डिल्डो घुसाने के बजाय मेरे होश में आने का उन्हों ने इंतज़ार किया और फ़िर मेरे रोने का मजा ले ले कर धीरे धीरे बाकी का वह मोटा ताजा रबर का शिश्न मेरे चूतड़ों के बीच गाड़ा. अगर मैं ज्यादा गोम्गियाने या तड़पने लगता तो आर्या मैडम मेरा मुंह अपने हाथ से बंद करके चप्पल और अंदर डाल देती.

अब दूसरे दिन की बात फ़िर विस्तार से बताता हूँ. आठ इंची डिल्डो से मेरी मारने के पहले सोनिया मैडम के कहने पर अपनी रबर की बाथरूम स्लीपरों की जोड़ी आर्या मैडम ने पूरी मेरे मुंह में ठूस दी. इसमें आधा घंटा लग गया और मैं काफ़ी तड़पा और बिलखा पर दोनों ने मेरी एक न सुनी. बात यह थी कि मुंह में होते दर्द के बावजूद चप्पलों के प्रति मेरी वासना के कारण मेरा लंड पूरे जोर से खड़ा था. इसलिए मेरे तड़पने को नखरा कह कर नजरअंदाज कर दिया गया.

पहने दोनों चप्पलें साथ में रख कर पम्जे मेरे मुंहे में डाले गये. फ़िर दबा दबा कर वह बड़ा रबर का सेन्डविच मेरे मुंह में ठुसा गया. पट्टे मुंह में जाने के बाद जब सिर्फ़ हील बाहर बची तो पाँच मिनिट मुझे सुस्ताने दिया गया. इस समय आर्या मैडम ने मुझपर दया करके कहा भी कि अब रहने देते हैं, यह ऐसे ही खा लेगा. पर सोनिया मैडम ने पूरी जोड़ी मेरे मुंह में देने की कसम खा रखी थी. मेरी छाती पर बैठकर दोनों हाथों से कस कर दबा दबा कर उन्हों ने आखिर जोड़ी मेरे मुंह में डाल ही दी.

मेरा मुंह ब्रेसियर से कस कर बांध दिया गया. सोनिया मैडम ने अब मेरी गांड में आठ इम्चे डिल्डो डाला और उसे अपनी चूत में डाल कर बांध लिया. मुझे बहुत दर्द हो रह था और उसीका फ़ायदा उन्हों ने उठाया, मुझे चप्पल खाना शुरू करने को एक इन्सेन्टिव दिया. मेरे ऊपर लेटे लेटे मुझे साफ़ बता दिया कि तब तक मेरे मुंह पर बम्धी ब्रा नहीं खुलेगी जब तक मैं चबा चबा कर आर्या मैडम की दोनों चप्पलें खा न जाऊँ. उन्हों ने यह भी कहा कि जब तक मैं चप्पल चबाऊँगा और खाऊँगा, वे चुपचाप रहेंगी. पर यहाँ मेरा चबाना बंद हुआ और वहाँ वे हचक हचक कर उस एक फुट के लौड़े से मेरी गांड चोदने लगेंगी.

दर्द और सुख से भरा वह दिन मुझे हमेशा याद रहेगा. आर्या मैडम के पैरों की सौंधी खुशबू वाली उस चप्पल को चबा चबा कर निगलने में मुझे तीन घंटे लग गये. जबड़ा चलने से दुखता था. मुंह जब बहुत दुखता तो मैं रुक जाता. चबाना रुकते ही सोनिया मैडम मेरी गांड मारने लगती. उस पीड़ा को रोकने के लिये मैं फ़िर चप्पल चाबा कर उनके टुकड़े करने में लग जाता. जब तक मैं चप्पल चबाना और निगलना नहीं शुरू करता, तब तक वह एक फ़ुटिया डिल्डो लगातार मेरी गांड में चलता रहा. सोनिया मैडम थक जाती तो उनकी जगह आर्या मैडम ले लेती.

किसी तरह मैंने टुकड़े तोड़े और उन्हें चबा चबा कर लगदा कर निगलने लगा. पहली बार जब मुझे निगलता देखा तो दोनों बहुत खुश हुई और मेरे गाल चूम कर मुझे शाबाशी दी. मेरा लंड तो सुख से झूम रहा था. उसे भी वे दोनों पुचकार पुचकार कर मुझे वासना की धार पर बनाए रखती थी. आखिर जब मैंने चप्पल का आखिरी टुकडा निगला तब मुझे छोड़ा गया.

आर्या मैडम ने अब दूसरी पुरानी स्लिपर की जोड़ी पहन ली. "चप्पलें कम पड़ेंगी सोनिया, लानी पड़ेंगी." उशा मैडम बोली. "तू फ़िकर न कर. मेरे एक और जोड घर पर है, आज ले आऊँगी. छुट्टी भर का खाना बच्चे के लिये हो जायेगा. बाद में और खरीद लेंगे."

दिन भर मुझे आराम दिया गया और फ़िर दूसरे दिन अपने वायदे के अनुसार सोनिया मैडम ने मुझसे गांड मरायी. मारने के पहले मैंने उनकी गांड चूसी. लंड कस के खड़ा होने से मुझे मजा आ गया.

उनकी गांड भी अच्छी खासी हुई और सकरी थी, कुम्वारी जो थी. इसलिये मेरा लोहे के रॉड जैसा लंड डालते हुए सोनिया मैडम को भी काफ़ी दर्द हुआ. बीच में वे उठ कर अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर आर्या मैडम ने मेरी सहायता की और सोनिया मैडम के हाथ पैर पकड. कर उन्हें पट पटक दिया.

"सोनिया रानी, गांड तो अब मरानी ही पड़ेगी, मेरी रोज मारती है, इस लड़के की भी इतनी मारी, अब खुद भी मरवा ले चुपचाप, और फ़िर तूने वादा किया है इससे." कराहती बिलबिलाती सोनिया मैडम पर चढ कर मैंने उनकी चूचियाँ बेरहमी से मसलते हुए ऐसी गांड मारी कि उन्हें हमेशा याद रहेगी. उस गांड मारने में जो एक बलात्कार का हल्का सा नशा था उसने मुझे स्वर्ग में ला खड़ा किया.

बाद में मुझे थोड़ा डर लगा कि सोनिया मैडम अगर बुरा मान गयी हों तो सारा खेल खतम हो जायेगा. पर उन्हों ने यह बड़ी स्पोर्टिंगली लिया. हाँ अपना बदला उन्हों ने कई बार लिया, एक फ़ूटी डिल्डॊ से मेरी गांड मार मार कर. अपनी गांड मरवाते हुए मैंने एक बार उनसे पूछा भी कि आखिर क्यों उन्हों ने मेरी इतनी मारी. मेरी कुंवारी कसी हुई जवान गांड फ़ुकला और ढीली करके उन्हें क्या मिला?

उन्हों ने हचक हचक कर मेरी गांड में वह नकली लंड पेलते हुए कहा. "बेटे, एक तो मुझे मजा आता है, खास कर जब तू दर्द से बिलबिलाता है तो बहुत अच्छा लगता है, लगता है सारी मर्द जाति से मैं बदला ले रही हूँ. पर दूसरा कारण यह है कि सेक्स का असली मजा तुझे तभी आयेगा जब तू मर्द औरत दोनों से संभोग करेगा. औरतों से चुदाई तो तूने कर ली. अब किसी मस्त जवान मर्द को पकड. तेरे बहुत से गठीले बदन के सीनियर हैं जो पक्के होमो हैं. तेरे जैसे चिकने छोकरे पर तो फ़िदा हो जाएंगे. मुझे मालूम है. तुझे बहुत मजा आयेगा. और तेरी गांड मैंने अब चौड़ी कर ही दी है, तुझे जरा भी दर्द नहीं होगा किसी हट्टे कट्टे जवान से मराते हुए. बल्कि एक रात में कई लोगो से मरा लिया कर. समझ ले यही मेरा उपहार है."

मैडम की बात मुझे हमेशा याद रही खास कर जब पहली बार मैंने अपने एक सीनियर से गांड मरवायी. तब तक मेरी गांड आराम मिलने से काफ़ी टाइट हो चुकी थी पर मरवाने का अनुभव होने से मैंने वह सीनियर को बहुत सुख दिया.

अपने वायदे के अनुसार छुट्टी खतम होने के पहले मुझे सोनिया मैडम ने आर्या मैडम की पुरानी चप्पल जोड़ी और अपनी हाई हील की हवाई चप्पल जोड़ी खिला कर ही दम लिया. हाँ अब जोड़ी नहीं खिलाई, मेरा काम आसान करने को रोज एक सिंगल चप्पल खिलाई जाती. आर्या मैडम की तो प्यारी सी नाजुक चप्पल थी, सोनिया मैडम की मोटी हाई हील स्लिपर मुंह में लेने में मुझे बहुत तकलीफ़ हुई. ऐसा लगता था कि गाल फ़ट जाएंगे पर वे पूरी मुंह में एक साथ ठूंस कर ही मानी. लगता है कि मेरी स्लिपर फेटीश बहुत गहरी है क्यों की यह सब सितम मैं प्यार से झेल गया, कभी छूटने की कोशिश नहीं की. सोनिया मैडम भी चप्पल ठूसने के बाद मेरा मुंह बांध कर रखती थी जब तक मैं उसे चबा कर निगल नहीं जाता था.

छूट्टी के आखिरी दिन दोनों मुझे शॉपिंग करवाने ले गई. मुझे रिझाने को मेरी पसंद की ब्रेसियर और पेन्टी उन्हों ने खरीदी; वैसे ही तीन तीन जोड़ी चप्पलें भी ली, खास मेरी पसंद की. बोली कि अगली छुट्टी तक पहन पहन कर घिस कर चिकनी और मुलायम करके रखेम्गी जिससे मुझे खाने में तकलीफ़ न हो और हफ़्ते भर रोज एक चप्पल का प्रसाद मुझे मिले.

बाद में भी हमारा यह संभोग कई वर्ष चलता रहा. हर तरह के विकृत और घिनौने काम मुझ से करवाये गये जो मैंने बड़े मजे से अपनी उन दोनों मैडमों के लिये किये. एक बार तो रात भर एक लेस्बियन पार्टी हुई जिसमें मुझे हाथ पैर बांध कर लिटा दिया गया और सब ने मेरा मुंह बाथरूम की तरह इस्तेमाल किया. उस रात को याद करके आज भी सुख और एक अजीब सिहरन से मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं.

अब मैं पचीस साल का हूँ. दोनों मैडमों की उम्र बढ़ने से वे और पिलपिली हो गयी हैं पर हैं अब भी बला की चिकनी और चुदैल. मैं नौकरी से छुट्टी लेकर साल में दो बार अपनी इन चुदैल मैडमों से मिलने और उनकी सेवा करने जरूर जाता हूँ. चप्पल भोग अब भी लगता है.

--- समाप्त ---
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
3,307
12,885
159
सोनिया मैडम हंस कर बोली. "अरे नहीं, इसे तो मजा आ रहा होगा. मेरा बस चलता तो पूरी ठूस देती, इतनी पतली घिसी हुई चप्पल तो है तेरी. बल्कि मैं तो कल से इसे पूरी जोड़ी मुंह में लेने को सिखाऊँगी."

मेरी बोलती बंद करके सोनिया मैडम ने पूरा डिल्डो मेरी गांड में डाल कर ही दम लिया. मुझे लग रहा था कि जैसे मेरी गांड फ़ट जायेगी. आँखों में आँसू आ गये पर आर्या मैडम की चप्पल चूसने और दांतों से चबाने के सिवाय मैं कुछ नहीं कर सकता था.

आर्या मैडम ने भी मुझ पर तरस खा कर कहा. "सोनिया, धीरे करना था, देख बेचारे को कितना दर्द हो रहा है." सोनिया मैडम बोली. "अरे तू नहीं जानती, दर्द तो होगा पर इसे मजा भी आ रहा है, इसका लंड हाथ में लेकर देख. पक्का मेसोचिस्ट लड़का है. इससे जितनी दुष्टता करके इसे भोगोगी, उतना इसे मजा आयेगा"

आर्या मैडम ने मेरा लंड हाथ में लिया तो वह अब लोहे जैसा कडा था. मुझे वास्तव में दर्द के साथ साथ बहुत मीठी अनुभूति हो रही थी. सोनिया मैडम ने अपना साइकलाजी में एक्सपर्ट होना फ़िर साबित कर दिया था.

मुझ पर चढ. कर डिल्डॊ का दूसरा भाग अपनी बुरे में लेते हुए और उसके पट्टे कमर में बांधते हुए सोनिया मैडम बोली. "अरे अभी तो कुछ नहीं हुआ. अब देख जब मैं इसकी गांड मारूम्गी तो कैसा चहकेगा." कहते हुए वे मेरी गांड मारने लगी. गांड मारते हुए उन्हों ने अपनी मजबूत जांघें मेरी कमर के इर्द गिर्द जकड ली थी जैसे मर्द करते हैं.

वे गांड मारने की कला में उस्ताद निकली. इतनी जोर से और हचक हचक कर उन्हों ने मेरी मारी कि मैं हर वार पर सिसक सिसक जाता. करीब करीब पूरा डिल्डो मेरे गुदा से निकालती और फ़िर बेरहमी से अपनी कमर के एक ही जोरदार झटके में अंदर जड. तक पेल देती. सोनिया मैडम के कहने पर आर्या मैडम मेरे सामने आकर बैठ गई और अपनी बुर में सोनिया मैडम का मुंह समेट कर चुसवाने लगी. पूरे आधे घंटे मेरी मारने के बाद ही और दोनों मैडमों के दो तीन बार झडने पर ही उनकी वासना शांत हुई.

फ़िर सोनिया मैडम ने अपनी बुर में से डिल्डो निकाला पर मेरी गांड में धंसा भाग वैसा ही रहने दिया. मुझे पलट कर पलंग पर सीधा लिटाकर आर्या मैडम मुझ पर चढ. कर मुझे चोदने लगी. मेरे और उनके वजन से डिल्डो और मेरी गांड में घुस गया और मैं दर्द से छटपटा उठा.

मेरे मुंह से आर्या मैडम की चप्पल निकालकर अब सोनिया मैडम मेरा मुंह बंद करने को और मुझे गांड मरवाने के लिये अपनी चूत का रस इनाम स्वरूप देने को मेरे मुंह पर बैठ गई. उधर आर्या मैडम उछल उछल कर मेरा लंड चोदने लगे. आखिर जब मैं जोर से झड़ा तो सोनिया मैडम ने फ़िर फ़टकार लगायी. "फ़िर से झड गया बदमाश बिना परमिशन के, अब देख कल तुझे आठ इंची डिल्डॊ से चोदूँगी."

मुझे वैसा ही असहाय छोड़ कर दोनों सिक्सटी नाइन करने लगी. इस बार सोनिया मैडम आर्या मैडम की चूत चूसते हुए साफ़ बोली. "आर्या रानी, वीर्य काफ़ी अच्छा है बच्चे का. अब मैं सीधा चूस कर देखती हूँ. देखूँ तो कैसा लगता है."

उन्हों ने मेरा झड़ा लंड मुंह में लिया और चूसने लगी. चूसने में भी वे माहिर थी. जीभ रगड रगड कर, दांतों से हल्के हल्के चबा कर पाँच मिनिट में मेरा खड़ा करके उन्हों ने दस मिनिट मेरा खड़ा लंड चूसने का आनंद उठाया और मुझे झड़ा कर चटखारे ले लेकर वे उसका रस पीने लगी. रस खतम करके मुंह पोंछती हुई उठ बैठी. "मीठा लड़का है रानी, और चुसूँगी. तुझे भी चाहिये?"

आर्या मैडम हंसने लगी. "अरे दो बार झड गया है, अब दो तीन घंटे कुछ नहीं मिलेगा. तूने आखिर इतनी जल्दी क्यों की?" मैं तो बिलकुल लस्त पड़ा था. लगता था कि जैसे लंड का सारा रस किसी ने निचोड लिया हो. थोड़ा दुख भी रहा था. गोटियाँ भी खाली होकर दुख रही थी, गांड में दर्द तो था ही, डिल्डो पूरा अंदर धंस कर मेरे गुदा को चौड़ा कर रहा था.

सोनिया मैडम मेरे बाल सहलाती हुई बोली. "लगा शर्त, अगले दो घंटों में, मैं इसे चार बार झड़ाऊँगी, दो बार तू पीना, दो बार मैं पियूँगी. और चोद भी लूँगी. इस प्यारे बच्चे ने मेरा दिल डामाडोल कर दिया है. प्रण तो मैंने यही किया था कि सिर्फ़ तेरे जैसी नरम नरम औरतों और लड़कियों से ही संभोग करूंगी पर इससे चुदवाने में मुझे कोई हर्ज नहीं है."

आर्या मैडम बोली. "आखिर इसका खड़ा कैसे करेगी जानेमन? यह तो काम से गया लगता है दिन भर के लिये." डिल्डॊ को फ़िर अपनी बुर में घुसाकर बांधती हुई सोनिया मैडम बोली. "गांड मारकर. अब ऐसी मारती हूँ कि दस मिनिट में खड़ा हो जायेगा, तू देखती जा."

और उन्हों ने फ़िर मेरी मारना शुरू कर दी. बहुत दर्द हुआ और मैं कसमसा उठा पर मेरी सिसकारियों का मजा लेते हे मैडम ने पूरे जोर से बेरहमी से हचक हचक कर मेरी मारी. गांड ऐसे दुखने लगी जैसे फ़त गई हो पर वैसा ही हुआ जैसा वे कह रही थी. धीरे धीरे मेरा फ़िर खड़ा हो गया.

मुझे अब सीधा लिटा कर सोनिया मैडम चोदने लगी. उनकी मखमली टाइट चूत ने ऐसा जादू किया कि मैं नीचे से उछल उछल कर उन्हें चोदने की कोशिश करने लगा, भले ही ऐसा करने से डिल्डो मेरी गांड में धंस कर मुझे और पीड़ा पहुंचाता था. आर्या मैडम उनके बाजू में बैठ कर उनसे लिपट गई और दोनों ने मिलकर मुझे खूब चोदा. आखिर सोनिया मैडम ने लंड अपनी चूत में से निकाल कर उठी और आर्या मैडम ने उनके रस से लिपटे मेरे लंड को चूस कर मुझे झड़ा दिया.

दोनों मिलकर अगले तीन घंटे इसी तरह मुझे भोगती रहीं. बीच में सोनिया मैडम ने आर्या मैडम से कहा कि एक बार वे मेरी मारें क्यों की सोनिया मैडम तीन चार बार मेरी गांड मारकर थक गयी थी. मुझे लगा था कि आर्या मैडम तो थोड़ी दया करेंगी और धीरे धीरे मारेंगी पर इस सारी क्रीडा में वे भी ऐसी उत्तेजित हो गयी थी कि उन्हों ने भी बड़ी बेरहमी से उछल उछल कर मेरी मारी.

इस बार सोनिया मैडम की ऊंची एडी की हवाई चप्पल मेरे मुंह में डाल दी गयी थी. मोटी हील मुंह में अंदर लेने को मुझे बहुत तकलीफ़ हुई पर सोनिया मैडम ने हील अंदर डाल कर ही दम लिया.

इस पर भी उनका जी नहीं भरा. "आर्या डार्लिंग, पूरी चप्पल मुंह में डालते हैं, तब मजा आयेगा!" आर्या मैडम ने कहा. "अरे कैसे पूरी अंदर लेगा ये, और वह भी हाई हील की?"

"जबरदस्ती ठूसनी पड़ेगी. चल जोर लगाते हैं. तू चिंता न कर. इसे कुछ नहीं होगा. बड़ा चुदैल हरामी लड़का है. और चप्पलों से तो इसे प्यार है! फ़िर खुद मुंह में लेगा." सोनिया मैडम ने मेरा सिर हाथ से थामकर पूरे जोर से चप्पल मेरे मुंह में ठूसते हुए कहा. दोनों ने मिलकर दबा दबा कर किसी तरह पूरी चप्पल मेरे मुंह में ठूस ही दी. मुंह में होती यातना के बावजूद दो सेक्सी चुदैलो की इस जबरदस्ती से और मुंह में भरे रबर से मेरे लंड पर जादू जैसा प्रभाव हुआ और लंड फ़िर खड़ा होने लगा.

"देखा रानी? अब कल तेरी चप्पलों की जोड़ी मुंह में लेगा यह बच्चा. तेरी रबर की स्लिपर पतली भी हैं. और मैं तो सोच रही हूँ कि इसे चप्पलें खिला ही क्यों न दें! आखिर रबर ही तो हैं, आसानी से पचा जायेगा." मेरे मुंह पर अब एक ब्रेसियर कस कर बांध दी गई जिससे चप्पल मैं बाहर न निकाल सकूँ. मुझे ओंधा पटककर मेरी गांड फ़िर मारी जाने लगी. अब तो मेरा हर अंग ,में दर्द हो रहा था; मुंह में ठुसी चप्पल से मेरे गाल भी फ़ूल गये थे और बहुत दुख रहे थे.

मेरी यह दुर्दशा चलती रही. आखिर छठी बार झडने पर मैं अति तृप्ति और गांड, गोटियों और लंड में होती भयानक पीड़ा से बेहोश हो गया. गोटियाँ तो ऐसे दुख रही थी कि जैसे किसी ने उन्हें निचोड लिया हो.

आप को मुझ पर दया आ रही होगी. पर सच तो यह था कि अगर कोई मुझे छुड़ा देता तो भी मैं नहीं भागता. सारी पीड़ा और बुरी तरह से एक खिलौने की तरह भोगे जाने के बावजूद मैं इन दोनों चुदैल और सेडिस्टिक मैडमों के वासना जाल में फंस चुका था. लंड मे ऐसी गुदगुदी हो रही थी कि दोनों मिलकर मुझसे कुछ भी करवाती तो मैं कुछ न कहता.

जब मैं दोपहर को होश में आया तो अपने आप को बेंच पर बंधा पाया. मुंह में से चप्पल निकाल दी गयी थी. लंड सिकुड कर मिर्ची हो गया था. सारी वासना खतम हो गयी थी. अंग अंग में पीड़ा हो रही थी जैसे चक्की में पीस डाला हो. अब तो मैं बस यही मना रहा था कि थोड़ा आराम मिले. पर वे दोनों तो मेरे होश में आने की ही राह देख रही थी.

सोनिया मैडम मुस्करा कर बोली. "हमने तो खाना खा लिया बेटे, तू भूखा होगा. पहले कुछ खा ले. मैंने सोचा था कि तू मुंह में दी हुई चप्पल खा लेगा! पर तूने यह सुनहरा मौका गंवा दिया.” नाश्ता कर में फिर उन दोनों के साथ लेट गया।

सुबह की ही तरह इनाम स्वरूप मुझे सोनिया मैडम की चूत चोदने को मिली. फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि सोनिया मैडम ने खुद ही ऊपर से मेरे लंड पर बैठ कर मेरा लंड अपनी बुर में लिया और फ़िर ऊपर नीचे होकर चुदवाने लगी. लगता है कि उन्हें काफ़ी मजा आया क्यों की बहुत देर मजे लेकर उन्हों ने चुदवाया. मेरे एक बार झडने पर भी उन्हें तसल्ली नहीं हुई और वे तब तक मेरे झड़ें लंड को अपनी बुर में सिकोड़ कर लिये रहीं जब तक वह फ़िर खड़ा नहीं हो गया. अगले काम-करम के खतम होते होते मैं थक कर चूर हो गया और मुझे गहरी बेहोशी सी नींद लग गयी.

मेरी नींद सीधे शाम को ही खुली. देखा कि मेरी गांड से डिल्डो निकालकर गुदा पर ठंडी क्रीम लगा दी गयी थी जिससे मेरा दर्द कम हो. गांड और लंड में भी दर्द काफ़ी हो रहा था पर एक सम्पूर्ण तृप्ति की भावना मेरी नस नस में भर गयी थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने देखा कि दोनों मेरे बाजू में ही पड़ीं चूमा-चाटी कर रही थी.

मुझे जगा देख कर प्यार से मेरे पास आकर सोनिया मैडम बोली. "जाग गये बेटे, चल और मरायेगा?" मैं बोला "मार लीजिये मैडम, आप का ही दास हूँ, आप दोनों तो मेरी देवियाँ हैं." मेरी बात पर सोनिया मैडम होकर दोनों हंसने लगी. "बहादुर बच्चा है." फ़िर मेरी ओर मुड. कर सोनिया मैडम बोली. "अब कल मारेंगे बेटे, आठ इंची से. परसों दस इंची से और आखिरी दिन पूरा एक फ़ुट वाला डिल्डो तेरी गांड में उतार दूँगी, आज तो तुझे इनाम देते हैं, चल तेरे लिये बहुत सारा चूत का रस तैयार है."

बारी बारी से दोनों की बुर मैंने रात भर चूसी और मन भर कर चूत रस का पान किया. रात को एक बार मैंने आर्या मैडम की गांड भी मारी. गांड मारते हुए उस मीठे अनुभव का आस्वाद लेते हुए मैंने साहस करके सोनिया मैडम से भी विनती की कि अपनी कसी साँवली गांड का मजा भी मुझे लेने दें. उन्हों ने हंस कर कहा कि जरूर पर परसों एक फ़ुट के डिल्डॊ से मेरी मारने के बाद वे मुझे उनकी गांड मारने देंगी.

और वैसा ही हुआ. दूसरे दिन मेरी गांड आठ इंची डिल्डो से मारी गयी. मुझे चप्पल भी इसी दिन खिलाई गई. उसके बाद अगले दिन दस इंची डिल्डो जब घुसा तो मुझे लगा कि फ़ट जायेगी. पर यह तो कुछ नहीं था. अगले दिन एक फ़ुट के डिल्डो से मराने में सच में मेरी जान ही निकल गयी. इतना दर्द हुआ कि आधा डिल्डो घुसने तक ही अपने चप्पल भरे मुंह से दबी चीख निकालकर मैं बेहोश हो गया.

सोनिया मैडम भी ऐसी बेरहम निकली कि मेरी बेहोशी में ही पूरा डिल्डो घुसाने के बजाय मेरे होश में आने का उन्हों ने इंतज़ार किया और फ़िर मेरे रोने का मजा ले ले कर धीरे धीरे बाकी का वह मोटा ताजा रबर का शिश्न मेरे चूतड़ों के बीच गाड़ा. अगर मैं ज्यादा गोम्गियाने या तड़पने लगता तो आर्या मैडम मेरा मुंह अपने हाथ से बंद करके चप्पल और अंदर डाल देती.

अब दूसरे दिन की बात फ़िर विस्तार से बताता हूँ. आठ इंची डिल्डो से मेरी मारने के पहले सोनिया मैडम के कहने पर अपनी रबर की बाथरूम स्लीपरों की जोड़ी आर्या मैडम ने पूरी मेरे मुंह में ठूस दी. इसमें आधा घंटा लग गया और मैं काफ़ी तड़पा और बिलखा पर दोनों ने मेरी एक न सुनी. बात यह थी कि मुंह में होते दर्द के बावजूद चप्पलों के प्रति मेरी वासना के कारण मेरा लंड पूरे जोर से खड़ा था. इसलिए मेरे तड़पने को नखरा कह कर नजरअंदाज कर दिया गया.

पहने दोनों चप्पलें साथ में रख कर पम्जे मेरे मुंहे में डाले गये. फ़िर दबा दबा कर वह बड़ा रबर का सेन्डविच मेरे मुंह में ठुसा गया. पट्टे मुंह में जाने के बाद जब सिर्फ़ हील बाहर बची तो पाँच मिनिट मुझे सुस्ताने दिया गया. इस समय आर्या मैडम ने मुझपर दया करके कहा भी कि अब रहने देते हैं, यह ऐसे ही खा लेगा. पर सोनिया मैडम ने पूरी जोड़ी मेरे मुंह में देने की कसम खा रखी थी. मेरी छाती पर बैठकर दोनों हाथों से कस कर दबा दबा कर उन्हों ने आखिर जोड़ी मेरे मुंह में डाल ही दी.

मेरा मुंह ब्रेसियर से कस कर बांध दिया गया. सोनिया मैडम ने अब मेरी गांड में आठ इम्चे डिल्डो डाला और उसे अपनी चूत में डाल कर बांध लिया. मुझे बहुत दर्द हो रह था और उसीका फ़ायदा उन्हों ने उठाया, मुझे चप्पल खाना शुरू करने को एक इन्सेन्टिव दिया. मेरे ऊपर लेटे लेटे मुझे साफ़ बता दिया कि तब तक मेरे मुंह पर बम्धी ब्रा नहीं खुलेगी जब तक मैं चबा चबा कर आर्या मैडम की दोनों चप्पलें खा न जाऊँ. उन्हों ने यह भी कहा कि जब तक मैं चप्पल चबाऊँगा और खाऊँगा, वे चुपचाप रहेंगी. पर यहाँ मेरा चबाना बंद हुआ और वहाँ वे हचक हचक कर उस एक फुट के लौड़े से मेरी गांड चोदने लगेंगी.

दर्द और सुख से भरा वह दिन मुझे हमेशा याद रहेगा. आर्या मैडम के पैरों की सौंधी खुशबू वाली उस चप्पल को चबा चबा कर निगलने में मुझे तीन घंटे लग गये. जबड़ा चलने से दुखता था. मुंह जब बहुत दुखता तो मैं रुक जाता. चबाना रुकते ही सोनिया मैडम मेरी गांड मारने लगती. उस पीड़ा को रोकने के लिये मैं फ़िर चप्पल चाबा कर उनके टुकड़े करने में लग जाता. जब तक मैं चप्पल चबाना और निगलना नहीं शुरू करता, तब तक वह एक फ़ुटिया डिल्डो लगातार मेरी गांड में चलता रहा. सोनिया मैडम थक जाती तो उनकी जगह आर्या मैडम ले लेती.

किसी तरह मैंने टुकड़े तोड़े और उन्हें चबा चबा कर लगदा कर निगलने लगा. पहली बार जब मुझे निगलता देखा तो दोनों बहुत खुश हुई और मेरे गाल चूम कर मुझे शाबाशी दी. मेरा लंड तो सुख से झूम रहा था. उसे भी वे दोनों पुचकार पुचकार कर मुझे वासना की धार पर बनाए रखती थी. आखिर जब मैंने चप्पल का आखिरी टुकडा निगला तब मुझे छोड़ा गया.

आर्या मैडम ने अब दूसरी पुरानी स्लिपर की जोड़ी पहन ली. "चप्पलें कम पड़ेंगी सोनिया, लानी पड़ेंगी." उशा मैडम बोली. "तू फ़िकर न कर. मेरे एक और जोड घर पर है, आज ले आऊँगी. छुट्टी भर का खाना बच्चे के लिये हो जायेगा. बाद में और खरीद लेंगे."

दिन भर मुझे आराम दिया गया और फ़िर दूसरे दिन अपने वायदे के अनुसार सोनिया मैडम ने मुझसे गांड मरायी. मारने के पहले मैंने उनकी गांड चूसी. लंड कस के खड़ा होने से मुझे मजा आ गया.

उनकी गांड भी अच्छी खासी हुई और सकरी थी, कुम्वारी जो थी. इसलिये मेरा लोहे के रॉड जैसा लंड डालते हुए सोनिया मैडम को भी काफ़ी दर्द हुआ. बीच में वे उठ कर अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर आर्या मैडम ने मेरी सहायता की और सोनिया मैडम के हाथ पैर पकड. कर उन्हें पट पटक दिया.

"सोनिया रानी, गांड तो अब मरानी ही पड़ेगी, मेरी रोज मारती है, इस लड़के की भी इतनी मारी, अब खुद भी मरवा ले चुपचाप, और फ़िर तूने वादा किया है इससे." कराहती बिलबिलाती सोनिया मैडम पर चढ कर मैंने उनकी चूचियाँ बेरहमी से मसलते हुए ऐसी गांड मारी कि उन्हें हमेशा याद रहेगी. उस गांड मारने में जो एक बलात्कार का हल्का सा नशा था उसने मुझे स्वर्ग में ला खड़ा किया.

बाद में मुझे थोड़ा डर लगा कि सोनिया मैडम अगर बुरा मान गयी हों तो सारा खेल खतम हो जायेगा. पर उन्हों ने यह बड़ी स्पोर्टिंगली लिया. हाँ अपना बदला उन्हों ने कई बार लिया, एक फ़ूटी डिल्डॊ से मेरी गांड मार मार कर. अपनी गांड मरवाते हुए मैंने एक बार उनसे पूछा भी कि आखिर क्यों उन्हों ने मेरी इतनी मारी. मेरी कुंवारी कसी हुई जवान गांड फ़ुकला और ढीली करके उन्हें क्या मिला?

उन्हों ने हचक हचक कर मेरी गांड में वह नकली लंड पेलते हुए कहा. "बेटे, एक तो मुझे मजा आता है, खास कर जब तू दर्द से बिलबिलाता है तो बहुत अच्छा लगता है, लगता है सारी मर्द जाति से मैं बदला ले रही हूँ. पर दूसरा कारण यह है कि सेक्स का असली मजा तुझे तभी आयेगा जब तू मर्द औरत दोनों से संभोग करेगा. औरतों से चुदाई तो तूने कर ली. अब किसी मस्त जवान मर्द को पकड. तेरे बहुत से गठीले बदन के सीनियर हैं जो पक्के होमो हैं. तेरे जैसे चिकने छोकरे पर तो फ़िदा हो जाएंगे. मुझे मालूम है. तुझे बहुत मजा आयेगा. और तेरी गांड मैंने अब चौड़ी कर ही दी है, तुझे जरा भी दर्द नहीं होगा किसी हट्टे कट्टे जवान से मराते हुए. बल्कि एक रात में कई लोगो से मरा लिया कर. समझ ले यही मेरा उपहार है."

मैडम की बात मुझे हमेशा याद रही खास कर जब पहली बार मैंने अपने एक सीनियर से गांड मरवायी. तब तक मेरी गांड आराम मिलने से काफ़ी टाइट हो चुकी थी पर मरवाने का अनुभव होने से मैंने वह सीनियर को बहुत सुख दिया.

अपने वायदे के अनुसार छुट्टी खतम होने के पहले मुझे सोनिया मैडम ने आर्या मैडम की पुरानी चप्पल जोड़ी और अपनी हाई हील की हवाई चप्पल जोड़ी खिला कर ही दम लिया. हाँ अब जोड़ी नहीं खिलाई, मेरा काम आसान करने को रोज एक सिंगल चप्पल खिलाई जाती. आर्या मैडम की तो प्यारी सी नाजुक चप्पल थी, सोनिया मैडम की मोटी हाई हील स्लिपर मुंह में लेने में मुझे बहुत तकलीफ़ हुई. ऐसा लगता था कि गाल फ़ट जाएंगे पर वे पूरी मुंह में एक साथ ठूंस कर ही मानी. लगता है कि मेरी स्लिपर फेटीश बहुत गहरी है क्यों की यह सब सितम मैं प्यार से झेल गया, कभी छूटने की कोशिश नहीं की. सोनिया मैडम भी चप्पल ठूसने के बाद मेरा मुंह बांध कर रखती थी जब तक मैं उसे चबा कर निगल नहीं जाता था.

छूट्टी के आखिरी दिन दोनों मुझे शॉपिंग करवाने ले गई. मुझे रिझाने को मेरी पसंद की ब्रेसियर और पेन्टी उन्हों ने खरीदी; वैसे ही तीन तीन जोड़ी चप्पलें भी ली, खास मेरी पसंद की. बोली कि अगली छुट्टी तक पहन पहन कर घिस कर चिकनी और मुलायम करके रखेम्गी जिससे मुझे खाने में तकलीफ़ न हो और हफ़्ते भर रोज एक चप्पल का प्रसाद मुझे मिले.

बाद में भी हमारा यह संभोग कई वर्ष चलता रहा. हर तरह के विकृत और घिनौने काम मुझ से करवाये गये जो मैंने बड़े मजे से अपनी उन दोनों मैडमों के लिये किये. एक बार तो रात भर एक लेस्बियन पार्टी हुई जिसमें मुझे हाथ पैर बांध कर लिटा दिया गया और सब ने मेरा मुंह बाथरूम की तरह इस्तेमाल किया. उस रात को याद करके आज भी सुख और एक अजीब सिहरन से मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं.

अब मैं पचीस साल का हूँ. दोनों मैडमों की उम्र बढ़ने से वे और पिलपिली हो गयी हैं पर हैं अब भी बला की चिकनी और चुदैल. मैं नौकरी से छुट्टी लेकर साल में दो बार अपनी इन चुदैल मैडमों से मिलने और उनकी सेवा करने जरूर जाता हूँ. चप्पल भोग अब भी लगता है.


--- समाप्त ---

Ek aur umda kahani ka ant..................

vakharia Bhai, aage bhi aise hi hum sabko aanandit karte rahenge
 
  • Like
Reactions: vakharia

vakharia

Supreme
4,853
10,977
144
Ek aur umda kahani ka ant..................

vakharia Bhai, aage bhi aise hi hum sabko aanandit karte rahenge
ज़रूर। आपका स्नेह यूँ ही बना रहे ऐसी मनोकामना 🙏
 
  • Like
Reactions: Ajju Landwalia

Delta101

Active Member
1,315
1,129
143
सोनिया मैडम हंस कर बोली. "अरे नहीं, इसे तो मजा आ रहा होगा. मेरा बस चलता तो पूरी ठूस देती, इतनी पतली घिसी हुई चप्पल तो है तेरी. बल्कि मैं तो कल से इसे पूरी जोड़ी मुंह में लेने को सिखाऊँगी."

मेरी बोलती बंद करके सोनिया मैडम ने पूरा डिल्डो मेरी गांड में डाल कर ही दम लिया. मुझे लग रहा था कि जैसे मेरी गांड फ़ट जायेगी. आँखों में आँसू आ गये पर आर्या मैडम की चप्पल चूसने और दांतों से चबाने के सिवाय मैं कुछ नहीं कर सकता था.

आर्या मैडम ने भी मुझ पर तरस खा कर कहा. "सोनिया, धीरे करना था, देख बेचारे को कितना दर्द हो रहा है." सोनिया मैडम बोली. "अरे तू नहीं जानती, दर्द तो होगा पर इसे मजा भी आ रहा है, इसका लंड हाथ में लेकर देख. पक्का मेसोचिस्ट लड़का है. इससे जितनी दुष्टता करके इसे भोगोगी, उतना इसे मजा आयेगा"

आर्या मैडम ने मेरा लंड हाथ में लिया तो वह अब लोहे जैसा कडा था. मुझे वास्तव में दर्द के साथ साथ बहुत मीठी अनुभूति हो रही थी. सोनिया मैडम ने अपना साइकलाजी में एक्सपर्ट होना फ़िर साबित कर दिया था.

मुझ पर चढ. कर डिल्डॊ का दूसरा भाग अपनी बुरे में लेते हुए और उसके पट्टे कमर में बांधते हुए सोनिया मैडम बोली. "अरे अभी तो कुछ नहीं हुआ. अब देख जब मैं इसकी गांड मारूम्गी तो कैसा चहकेगा." कहते हुए वे मेरी गांड मारने लगी. गांड मारते हुए उन्हों ने अपनी मजबूत जांघें मेरी कमर के इर्द गिर्द जकड ली थी जैसे मर्द करते हैं.

वे गांड मारने की कला में उस्ताद निकली. इतनी जोर से और हचक हचक कर उन्हों ने मेरी मारी कि मैं हर वार पर सिसक सिसक जाता. करीब करीब पूरा डिल्डो मेरे गुदा से निकालती और फ़िर बेरहमी से अपनी कमर के एक ही जोरदार झटके में अंदर जड. तक पेल देती. सोनिया मैडम के कहने पर आर्या मैडम मेरे सामने आकर बैठ गई और अपनी बुर में सोनिया मैडम का मुंह समेट कर चुसवाने लगी. पूरे आधे घंटे मेरी मारने के बाद ही और दोनों मैडमों के दो तीन बार झडने पर ही उनकी वासना शांत हुई.

फ़िर सोनिया मैडम ने अपनी बुर में से डिल्डो निकाला पर मेरी गांड में धंसा भाग वैसा ही रहने दिया. मुझे पलट कर पलंग पर सीधा लिटाकर आर्या मैडम मुझ पर चढ. कर मुझे चोदने लगी. मेरे और उनके वजन से डिल्डो और मेरी गांड में घुस गया और मैं दर्द से छटपटा उठा.

मेरे मुंह से आर्या मैडम की चप्पल निकालकर अब सोनिया मैडम मेरा मुंह बंद करने को और मुझे गांड मरवाने के लिये अपनी चूत का रस इनाम स्वरूप देने को मेरे मुंह पर बैठ गई. उधर आर्या मैडम उछल उछल कर मेरा लंड चोदने लगे. आखिर जब मैं जोर से झड़ा तो सोनिया मैडम ने फ़िर फ़टकार लगायी. "फ़िर से झड गया बदमाश बिना परमिशन के, अब देख कल तुझे आठ इंची डिल्डॊ से चोदूँगी."

मुझे वैसा ही असहाय छोड़ कर दोनों सिक्सटी नाइन करने लगी. इस बार सोनिया मैडम आर्या मैडम की चूत चूसते हुए साफ़ बोली. "आर्या रानी, वीर्य काफ़ी अच्छा है बच्चे का. अब मैं सीधा चूस कर देखती हूँ. देखूँ तो कैसा लगता है."

उन्हों ने मेरा झड़ा लंड मुंह में लिया और चूसने लगी. चूसने में भी वे माहिर थी. जीभ रगड रगड कर, दांतों से हल्के हल्के चबा कर पाँच मिनिट में मेरा खड़ा करके उन्हों ने दस मिनिट मेरा खड़ा लंड चूसने का आनंद उठाया और मुझे झड़ा कर चटखारे ले लेकर वे उसका रस पीने लगी. रस खतम करके मुंह पोंछती हुई उठ बैठी. "मीठा लड़का है रानी, और चुसूँगी. तुझे भी चाहिये?"

आर्या मैडम हंसने लगी. "अरे दो बार झड गया है, अब दो तीन घंटे कुछ नहीं मिलेगा. तूने आखिर इतनी जल्दी क्यों की?" मैं तो बिलकुल लस्त पड़ा था. लगता था कि जैसे लंड का सारा रस किसी ने निचोड लिया हो. थोड़ा दुख भी रहा था. गोटियाँ भी खाली होकर दुख रही थी, गांड में दर्द तो था ही, डिल्डो पूरा अंदर धंस कर मेरे गुदा को चौड़ा कर रहा था.

सोनिया मैडम मेरे बाल सहलाती हुई बोली. "लगा शर्त, अगले दो घंटों में, मैं इसे चार बार झड़ाऊँगी, दो बार तू पीना, दो बार मैं पियूँगी. और चोद भी लूँगी. इस प्यारे बच्चे ने मेरा दिल डामाडोल कर दिया है. प्रण तो मैंने यही किया था कि सिर्फ़ तेरे जैसी नरम नरम औरतों और लड़कियों से ही संभोग करूंगी पर इससे चुदवाने में मुझे कोई हर्ज नहीं है."

आर्या मैडम बोली. "आखिर इसका खड़ा कैसे करेगी जानेमन? यह तो काम से गया लगता है दिन भर के लिये." डिल्डॊ को फ़िर अपनी बुर में घुसाकर बांधती हुई सोनिया मैडम बोली. "गांड मारकर. अब ऐसी मारती हूँ कि दस मिनिट में खड़ा हो जायेगा, तू देखती जा."

और उन्हों ने फ़िर मेरी मारना शुरू कर दी. बहुत दर्द हुआ और मैं कसमसा उठा पर मेरी सिसकारियों का मजा लेते हे मैडम ने पूरे जोर से बेरहमी से हचक हचक कर मेरी मारी. गांड ऐसे दुखने लगी जैसे फ़त गई हो पर वैसा ही हुआ जैसा वे कह रही थी. धीरे धीरे मेरा फ़िर खड़ा हो गया.

मुझे अब सीधा लिटा कर सोनिया मैडम चोदने लगी. उनकी मखमली टाइट चूत ने ऐसा जादू किया कि मैं नीचे से उछल उछल कर उन्हें चोदने की कोशिश करने लगा, भले ही ऐसा करने से डिल्डो मेरी गांड में धंस कर मुझे और पीड़ा पहुंचाता था. आर्या मैडम उनके बाजू में बैठ कर उनसे लिपट गई और दोनों ने मिलकर मुझे खूब चोदा. आखिर सोनिया मैडम ने लंड अपनी चूत में से निकाल कर उठी और आर्या मैडम ने उनके रस से लिपटे मेरे लंड को चूस कर मुझे झड़ा दिया.

दोनों मिलकर अगले तीन घंटे इसी तरह मुझे भोगती रहीं. बीच में सोनिया मैडम ने आर्या मैडम से कहा कि एक बार वे मेरी मारें क्यों की सोनिया मैडम तीन चार बार मेरी गांड मारकर थक गयी थी. मुझे लगा था कि आर्या मैडम तो थोड़ी दया करेंगी और धीरे धीरे मारेंगी पर इस सारी क्रीडा में वे भी ऐसी उत्तेजित हो गयी थी कि उन्हों ने भी बड़ी बेरहमी से उछल उछल कर मेरी मारी.

इस बार सोनिया मैडम की ऊंची एडी की हवाई चप्पल मेरे मुंह में डाल दी गयी थी. मोटी हील मुंह में अंदर लेने को मुझे बहुत तकलीफ़ हुई पर सोनिया मैडम ने हील अंदर डाल कर ही दम लिया.

इस पर भी उनका जी नहीं भरा. "आर्या डार्लिंग, पूरी चप्पल मुंह में डालते हैं, तब मजा आयेगा!" आर्या मैडम ने कहा. "अरे कैसे पूरी अंदर लेगा ये, और वह भी हाई हील की?"

"जबरदस्ती ठूसनी पड़ेगी. चल जोर लगाते हैं. तू चिंता न कर. इसे कुछ नहीं होगा. बड़ा चुदैल हरामी लड़का है. और चप्पलों से तो इसे प्यार है! फ़िर खुद मुंह में लेगा." सोनिया मैडम ने मेरा सिर हाथ से थामकर पूरे जोर से चप्पल मेरे मुंह में ठूसते हुए कहा. दोनों ने मिलकर दबा दबा कर किसी तरह पूरी चप्पल मेरे मुंह में ठूस ही दी. मुंह में होती यातना के बावजूद दो सेक्सी चुदैलो की इस जबरदस्ती से और मुंह में भरे रबर से मेरे लंड पर जादू जैसा प्रभाव हुआ और लंड फ़िर खड़ा होने लगा.

"देखा रानी? अब कल तेरी चप्पलों की जोड़ी मुंह में लेगा यह बच्चा. तेरी रबर की स्लिपर पतली भी हैं. और मैं तो सोच रही हूँ कि इसे चप्पलें खिला ही क्यों न दें! आखिर रबर ही तो हैं, आसानी से पचा जायेगा." मेरे मुंह पर अब एक ब्रेसियर कस कर बांध दी गई जिससे चप्पल मैं बाहर न निकाल सकूँ. मुझे ओंधा पटककर मेरी गांड फ़िर मारी जाने लगी. अब तो मेरा हर अंग ,में दर्द हो रहा था; मुंह में ठुसी चप्पल से मेरे गाल भी फ़ूल गये थे और बहुत दुख रहे थे.

मेरी यह दुर्दशा चलती रही. आखिर छठी बार झडने पर मैं अति तृप्ति और गांड, गोटियों और लंड में होती भयानक पीड़ा से बेहोश हो गया. गोटियाँ तो ऐसे दुख रही थी कि जैसे किसी ने उन्हें निचोड लिया हो.

आप को मुझ पर दया आ रही होगी. पर सच तो यह था कि अगर कोई मुझे छुड़ा देता तो भी मैं नहीं भागता. सारी पीड़ा और बुरी तरह से एक खिलौने की तरह भोगे जाने के बावजूद मैं इन दोनों चुदैल और सेडिस्टिक मैडमों के वासना जाल में फंस चुका था. लंड मे ऐसी गुदगुदी हो रही थी कि दोनों मिलकर मुझसे कुछ भी करवाती तो मैं कुछ न कहता.

जब मैं दोपहर को होश में आया तो अपने आप को बेंच पर बंधा पाया. मुंह में से चप्पल निकाल दी गयी थी. लंड सिकुड कर मिर्ची हो गया था. सारी वासना खतम हो गयी थी. अंग अंग में पीड़ा हो रही थी जैसे चक्की में पीस डाला हो. अब तो मैं बस यही मना रहा था कि थोड़ा आराम मिले. पर वे दोनों तो मेरे होश में आने की ही राह देख रही थी.

सोनिया मैडम मुस्करा कर बोली. "हमने तो खाना खा लिया बेटे, तू भूखा होगा. पहले कुछ खा ले. मैंने सोचा था कि तू मुंह में दी हुई चप्पल खा लेगा! पर तूने यह सुनहरा मौका गंवा दिया.” नाश्ता कर में फिर उन दोनों के साथ लेट गया।

सुबह की ही तरह इनाम स्वरूप मुझे सोनिया मैडम की चूत चोदने को मिली. फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि सोनिया मैडम ने खुद ही ऊपर से मेरे लंड पर बैठ कर मेरा लंड अपनी बुर में लिया और फ़िर ऊपर नीचे होकर चुदवाने लगी. लगता है कि उन्हें काफ़ी मजा आया क्यों की बहुत देर मजे लेकर उन्हों ने चुदवाया. मेरे एक बार झडने पर भी उन्हें तसल्ली नहीं हुई और वे तब तक मेरे झड़ें लंड को अपनी बुर में सिकोड़ कर लिये रहीं जब तक वह फ़िर खड़ा नहीं हो गया. अगले काम-करम के खतम होते होते मैं थक कर चूर हो गया और मुझे गहरी बेहोशी सी नींद लग गयी.

मेरी नींद सीधे शाम को ही खुली. देखा कि मेरी गांड से डिल्डो निकालकर गुदा पर ठंडी क्रीम लगा दी गयी थी जिससे मेरा दर्द कम हो. गांड और लंड में भी दर्द काफ़ी हो रहा था पर एक सम्पूर्ण तृप्ति की भावना मेरी नस नस में भर गयी थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने देखा कि दोनों मेरे बाजू में ही पड़ीं चूमा-चाटी कर रही थी.

मुझे जगा देख कर प्यार से मेरे पास आकर सोनिया मैडम बोली. "जाग गये बेटे, चल और मरायेगा?" मैं बोला "मार लीजिये मैडम, आप का ही दास हूँ, आप दोनों तो मेरी देवियाँ हैं." मेरी बात पर सोनिया मैडम होकर दोनों हंसने लगी. "बहादुर बच्चा है." फ़िर मेरी ओर मुड. कर सोनिया मैडम बोली. "अब कल मारेंगे बेटे, आठ इंची से. परसों दस इंची से और आखिरी दिन पूरा एक फ़ुट वाला डिल्डो तेरी गांड में उतार दूँगी, आज तो तुझे इनाम देते हैं, चल तेरे लिये बहुत सारा चूत का रस तैयार है."

बारी बारी से दोनों की बुर मैंने रात भर चूसी और मन भर कर चूत रस का पान किया. रात को एक बार मैंने आर्या मैडम की गांड भी मारी. गांड मारते हुए उस मीठे अनुभव का आस्वाद लेते हुए मैंने साहस करके सोनिया मैडम से भी विनती की कि अपनी कसी साँवली गांड का मजा भी मुझे लेने दें. उन्हों ने हंस कर कहा कि जरूर पर परसों एक फ़ुट के डिल्डॊ से मेरी मारने के बाद वे मुझे उनकी गांड मारने देंगी.

और वैसा ही हुआ. दूसरे दिन मेरी गांड आठ इंची डिल्डो से मारी गयी. मुझे चप्पल भी इसी दिन खिलाई गई. उसके बाद अगले दिन दस इंची डिल्डो जब घुसा तो मुझे लगा कि फ़ट जायेगी. पर यह तो कुछ नहीं था. अगले दिन एक फ़ुट के डिल्डो से मराने में सच में मेरी जान ही निकल गयी. इतना दर्द हुआ कि आधा डिल्डो घुसने तक ही अपने चप्पल भरे मुंह से दबी चीख निकालकर मैं बेहोश हो गया.

सोनिया मैडम भी ऐसी बेरहम निकली कि मेरी बेहोशी में ही पूरा डिल्डो घुसाने के बजाय मेरे होश में आने का उन्हों ने इंतज़ार किया और फ़िर मेरे रोने का मजा ले ले कर धीरे धीरे बाकी का वह मोटा ताजा रबर का शिश्न मेरे चूतड़ों के बीच गाड़ा. अगर मैं ज्यादा गोम्गियाने या तड़पने लगता तो आर्या मैडम मेरा मुंह अपने हाथ से बंद करके चप्पल और अंदर डाल देती.

अब दूसरे दिन की बात फ़िर विस्तार से बताता हूँ. आठ इंची डिल्डो से मेरी मारने के पहले सोनिया मैडम के कहने पर अपनी रबर की बाथरूम स्लीपरों की जोड़ी आर्या मैडम ने पूरी मेरे मुंह में ठूस दी. इसमें आधा घंटा लग गया और मैं काफ़ी तड़पा और बिलखा पर दोनों ने मेरी एक न सुनी. बात यह थी कि मुंह में होते दर्द के बावजूद चप्पलों के प्रति मेरी वासना के कारण मेरा लंड पूरे जोर से खड़ा था. इसलिए मेरे तड़पने को नखरा कह कर नजरअंदाज कर दिया गया.

पहने दोनों चप्पलें साथ में रख कर पम्जे मेरे मुंहे में डाले गये. फ़िर दबा दबा कर वह बड़ा रबर का सेन्डविच मेरे मुंह में ठुसा गया. पट्टे मुंह में जाने के बाद जब सिर्फ़ हील बाहर बची तो पाँच मिनिट मुझे सुस्ताने दिया गया. इस समय आर्या मैडम ने मुझपर दया करके कहा भी कि अब रहने देते हैं, यह ऐसे ही खा लेगा. पर सोनिया मैडम ने पूरी जोड़ी मेरे मुंह में देने की कसम खा रखी थी. मेरी छाती पर बैठकर दोनों हाथों से कस कर दबा दबा कर उन्हों ने आखिर जोड़ी मेरे मुंह में डाल ही दी.

मेरा मुंह ब्रेसियर से कस कर बांध दिया गया. सोनिया मैडम ने अब मेरी गांड में आठ इम्चे डिल्डो डाला और उसे अपनी चूत में डाल कर बांध लिया. मुझे बहुत दर्द हो रह था और उसीका फ़ायदा उन्हों ने उठाया, मुझे चप्पल खाना शुरू करने को एक इन्सेन्टिव दिया. मेरे ऊपर लेटे लेटे मुझे साफ़ बता दिया कि तब तक मेरे मुंह पर बम्धी ब्रा नहीं खुलेगी जब तक मैं चबा चबा कर आर्या मैडम की दोनों चप्पलें खा न जाऊँ. उन्हों ने यह भी कहा कि जब तक मैं चप्पल चबाऊँगा और खाऊँगा, वे चुपचाप रहेंगी. पर यहाँ मेरा चबाना बंद हुआ और वहाँ वे हचक हचक कर उस एक फुट के लौड़े से मेरी गांड चोदने लगेंगी.

दर्द और सुख से भरा वह दिन मुझे हमेशा याद रहेगा. आर्या मैडम के पैरों की सौंधी खुशबू वाली उस चप्पल को चबा चबा कर निगलने में मुझे तीन घंटे लग गये. जबड़ा चलने से दुखता था. मुंह जब बहुत दुखता तो मैं रुक जाता. चबाना रुकते ही सोनिया मैडम मेरी गांड मारने लगती. उस पीड़ा को रोकने के लिये मैं फ़िर चप्पल चाबा कर उनके टुकड़े करने में लग जाता. जब तक मैं चप्पल चबाना और निगलना नहीं शुरू करता, तब तक वह एक फ़ुटिया डिल्डो लगातार मेरी गांड में चलता रहा. सोनिया मैडम थक जाती तो उनकी जगह आर्या मैडम ले लेती.

किसी तरह मैंने टुकड़े तोड़े और उन्हें चबा चबा कर लगदा कर निगलने लगा. पहली बार जब मुझे निगलता देखा तो दोनों बहुत खुश हुई और मेरे गाल चूम कर मुझे शाबाशी दी. मेरा लंड तो सुख से झूम रहा था. उसे भी वे दोनों पुचकार पुचकार कर मुझे वासना की धार पर बनाए रखती थी. आखिर जब मैंने चप्पल का आखिरी टुकडा निगला तब मुझे छोड़ा गया.

आर्या मैडम ने अब दूसरी पुरानी स्लिपर की जोड़ी पहन ली. "चप्पलें कम पड़ेंगी सोनिया, लानी पड़ेंगी." उशा मैडम बोली. "तू फ़िकर न कर. मेरे एक और जोड घर पर है, आज ले आऊँगी. छुट्टी भर का खाना बच्चे के लिये हो जायेगा. बाद में और खरीद लेंगे."

दिन भर मुझे आराम दिया गया और फ़िर दूसरे दिन अपने वायदे के अनुसार सोनिया मैडम ने मुझसे गांड मरायी. मारने के पहले मैंने उनकी गांड चूसी. लंड कस के खड़ा होने से मुझे मजा आ गया.

उनकी गांड भी अच्छी खासी हुई और सकरी थी, कुम्वारी जो थी. इसलिये मेरा लोहे के रॉड जैसा लंड डालते हुए सोनिया मैडम को भी काफ़ी दर्द हुआ. बीच में वे उठ कर अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर आर्या मैडम ने मेरी सहायता की और सोनिया मैडम के हाथ पैर पकड. कर उन्हें पट पटक दिया.

"सोनिया रानी, गांड तो अब मरानी ही पड़ेगी, मेरी रोज मारती है, इस लड़के की भी इतनी मारी, अब खुद भी मरवा ले चुपचाप, और फ़िर तूने वादा किया है इससे." कराहती बिलबिलाती सोनिया मैडम पर चढ कर मैंने उनकी चूचियाँ बेरहमी से मसलते हुए ऐसी गांड मारी कि उन्हें हमेशा याद रहेगी. उस गांड मारने में जो एक बलात्कार का हल्का सा नशा था उसने मुझे स्वर्ग में ला खड़ा किया.

बाद में मुझे थोड़ा डर लगा कि सोनिया मैडम अगर बुरा मान गयी हों तो सारा खेल खतम हो जायेगा. पर उन्हों ने यह बड़ी स्पोर्टिंगली लिया. हाँ अपना बदला उन्हों ने कई बार लिया, एक फ़ूटी डिल्डॊ से मेरी गांड मार मार कर. अपनी गांड मरवाते हुए मैंने एक बार उनसे पूछा भी कि आखिर क्यों उन्हों ने मेरी इतनी मारी. मेरी कुंवारी कसी हुई जवान गांड फ़ुकला और ढीली करके उन्हें क्या मिला?

उन्हों ने हचक हचक कर मेरी गांड में वह नकली लंड पेलते हुए कहा. "बेटे, एक तो मुझे मजा आता है, खास कर जब तू दर्द से बिलबिलाता है तो बहुत अच्छा लगता है, लगता है सारी मर्द जाति से मैं बदला ले रही हूँ. पर दूसरा कारण यह है कि सेक्स का असली मजा तुझे तभी आयेगा जब तू मर्द औरत दोनों से संभोग करेगा. औरतों से चुदाई तो तूने कर ली. अब किसी मस्त जवान मर्द को पकड. तेरे बहुत से गठीले बदन के सीनियर हैं जो पक्के होमो हैं. तेरे जैसे चिकने छोकरे पर तो फ़िदा हो जाएंगे. मुझे मालूम है. तुझे बहुत मजा आयेगा. और तेरी गांड मैंने अब चौड़ी कर ही दी है, तुझे जरा भी दर्द नहीं होगा किसी हट्टे कट्टे जवान से मराते हुए. बल्कि एक रात में कई लोगो से मरा लिया कर. समझ ले यही मेरा उपहार है."

मैडम की बात मुझे हमेशा याद रही खास कर जब पहली बार मैंने अपने एक सीनियर से गांड मरवायी. तब तक मेरी गांड आराम मिलने से काफ़ी टाइट हो चुकी थी पर मरवाने का अनुभव होने से मैंने वह सीनियर को बहुत सुख दिया.

अपने वायदे के अनुसार छुट्टी खतम होने के पहले मुझे सोनिया मैडम ने आर्या मैडम की पुरानी चप्पल जोड़ी और अपनी हाई हील की हवाई चप्पल जोड़ी खिला कर ही दम लिया. हाँ अब जोड़ी नहीं खिलाई, मेरा काम आसान करने को रोज एक सिंगल चप्पल खिलाई जाती. आर्या मैडम की तो प्यारी सी नाजुक चप्पल थी, सोनिया मैडम की मोटी हाई हील स्लिपर मुंह में लेने में मुझे बहुत तकलीफ़ हुई. ऐसा लगता था कि गाल फ़ट जाएंगे पर वे पूरी मुंह में एक साथ ठूंस कर ही मानी. लगता है कि मेरी स्लिपर फेटीश बहुत गहरी है क्यों की यह सब सितम मैं प्यार से झेल गया, कभी छूटने की कोशिश नहीं की. सोनिया मैडम भी चप्पल ठूसने के बाद मेरा मुंह बांध कर रखती थी जब तक मैं उसे चबा कर निगल नहीं जाता था.

छूट्टी के आखिरी दिन दोनों मुझे शॉपिंग करवाने ले गई. मुझे रिझाने को मेरी पसंद की ब्रेसियर और पेन्टी उन्हों ने खरीदी; वैसे ही तीन तीन जोड़ी चप्पलें भी ली, खास मेरी पसंद की. बोली कि अगली छुट्टी तक पहन पहन कर घिस कर चिकनी और मुलायम करके रखेम्गी जिससे मुझे खाने में तकलीफ़ न हो और हफ़्ते भर रोज एक चप्पल का प्रसाद मुझे मिले.

बाद में भी हमारा यह संभोग कई वर्ष चलता रहा. हर तरह के विकृत और घिनौने काम मुझ से करवाये गये जो मैंने बड़े मजे से अपनी उन दोनों मैडमों के लिये किये. एक बार तो रात भर एक लेस्बियन पार्टी हुई जिसमें मुझे हाथ पैर बांध कर लिटा दिया गया और सब ने मेरा मुंह बाथरूम की तरह इस्तेमाल किया. उस रात को याद करके आज भी सुख और एक अजीब सिहरन से मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं.

अब मैं पचीस साल का हूँ. दोनों मैडमों की उम्र बढ़ने से वे और पिलपिली हो गयी हैं पर हैं अब भी बला की चिकनी और चुदैल. मैं नौकरी से छुट्टी लेकर साल में दो बार अपनी इन चुदैल मैडमों से मिलने और उनकी सेवा करने जरूर जाता हूँ. चप्पल भोग अब भी लगता है.


--- समाप्त ---
Ye kya bhai ending me Hero ko hi pel diya? Climax mein to hero ki hi le li gayi
 
  • Like
Reactions: vakharia
Top