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Adultery आर्या मैडम

sunoanuj

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Waiting for next kamuk update do do havas ki pyasi aurton ka ….
 

Kumarshiva

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Lajwaab story
Piss drinking ka concept bahut hi unique and majedar hai , waiting for more
Koi aur aisi story hai piss drinking,rough chudai wali story hai to name batana plz
 
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vakharia

Supreme
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मुझे लिटा कर उन्हों ने प्यार से चूमा और फ़िर शैतानी से मेरे लंड को चूस कर झडने के करीब ला दिया. मेरे सिसकते ही वे खिलखिलाकर अलग हो गई. "अब ठीक है, अब लग रहा है मेरा सजीला गोरा चिकना गुड्डा." उन्हों ने अब कपड़े पहनना शुरू किया. खूब बनी ठनी जैसे पिया के लिये शृंगार कर रही हों.

मेरे पूछने पर मुस्करा कर बोली. "तू ठीक कह रहा है, सोनिया मेरे लिये प्रीतम जैसी है और मैं उसकी सजनी हूँ. वह बहुत एग्रेसिव है और हमारे खेल में हमेशा मर्द जैसी बनकर मुझे ऐसी भोगती है जैसे मैं उसकी बीवी हूँ. मेरे साथ क्या क्या करती है, तू खुद ही देख लेना. पूरा सज धज कर रति शुरू करने का मजा और ही है. धीरे धीरे अपनी यार को नंगा करने में वह आनंद आता है कि जैसे सुहाग रात हो."

बेल बजी तो मुझे एक और चुंबन देकर वे कमरे से चली गई. कुछ देर में दरवाजा खुला और आर्या मैडम और सोनिया मैडम अंदर आई. आर्या मैडम का सजा रूप तो मैं आधे घंटे से देख ही रहा था. सोनिया मैडम को भी मैं देखता रह गया. वे एक जीन्स और छोटा सा टॉप पहनी थी. उनका पेट खुला था और गहरी नाभि साफ़ दिख रही थी. टॉप इतना टाइट था कि अंदर की कसी ब्रा के शंकु उनमें से उभर कर साफ़ दिख रहे थे.

दोनों मेरे पास आयी और मुझे देखने लगी. आर्या मैडम ने बड़े गर्व से मुझे अपनी सहेली को पेश किया. "देख मेरा खिलौना, मेरा गुड्डा." सोनिया मैडम ने घूर घूर कर मुझे देखा जैसे खरीदने के पहले किसी खिलौने को देखा जाता है. फ़िर मुस्करा दी. जाहिर था कि मैं उन्हें पसंद आ गया था. "अरे ये छोकरा? मैंने भी बहुत बार इसे देखा है. ये फ़र्स्ट ईयर में है ना? लगता है जैसे स्कूल में हो. तेरी नज़र भी पैनी है रानी, क्या माल चुना है, बहुत प्यारा चिकना बच्चा है."

आर्या मैडम ने मेरे तन कर खड़े लंड को मुठ्ठी में पकड़कर ऊपर नीचे करते हुए कहा. "देख क्या प्यारा लंड है. तुझे भी पसंद आयेगा. ले चखेगी?"

"अभी नहीं, तू ही चखना मेरे सामने और मैं तुझे चखते हुए चखूँगी." सोनिया मैडम ने मजाक करते हुए कहा. दोनों मेरे बारे में ऐसी बातें कर रही थी जैसे मैं सच में उनका खिलौना हूँ.

सोनिया मैडम ने अब मेरे खड़े लंड को गौर से देखा और फ़िर उनकी आँखों में एक नटखट चमक आ गयी. "आर्या जान, चल ऐसा करते हैं कि अपना काम शुरू करते हैं, इसी छोकरे के सामने. इतने दिन बाद मिली हो तो चलो मजा कर ले. इसको ऐसे ही बंधे रहने दो. मैं देखना चाहती हूँ कि इसका कितना और कडक होता है. देखें तो बिना झड़ें यह कितनी देर रह सकता है."

मेरे मन को एक अजीब सुखद भावना गुदगुदा गई. साथ में डर भी लगा. मुझे मालूम था कि मेरी यह दो चुदैल टीचरे अब मेरे सामने वासना का ऐसा खेल खेलेंगी कि जिसे देखने को लोग तरसते है. इस भाग्य के साथ साथ मुझे अतृप्त रहकर अपने लंड में होती मीठी अगन को न जाने कितनी देर बिना झड़ें सहना होगा!

अब तक दोनों एक दूसरे की बाँहों में थी और लिपटकर चूमाचाटी कर रही थी. धीरे धीरे उन्हों ने एक दूसरे के कपड़े उतारे. सोनिया मैडम ने तुरंत ही अपना टॉप और जीन निकाल डाले और सिर्फ़ सफ़ेद रंग की ब्रेसियर और पेन्टी ही उनके शरीर पर रही गई. वे अब आर्या मैडम की साड़ी और ब्लाउज़ बड़े प्यार से उतारने लगी. सोनिया मैडम का सांवला काला अर्धनग्न शरीर गजब ढा रहा था. जल्द ही उन्हों ने आर्या मैडम के भी कपड़े निकालकर उन्हें भी अर्धनग्न कर दिया. आज आर्या मैडम काली ब्रा और चड्डी पहने थी और उनके गोरे रंग पर वह गजब ढा रही थी.

दोनों अब वहीं पलंग के सामने पड़े सोफ़े पर बैठ कर एक दूसरे से लिपटकर प्रेमालाप करने लगी. चुंबन लेना, हाथों से अपनी साथिन का शरीर सहलाना और ब्रा के ऊपर से ही उरोज मर्दन करना इत्यादि रति शुरू हो गई. एक दूसरे की जांघों के बीच हाथ डालकर वे अपनी साथिन की बुर को पेन्टी पर से ही रगडने लगी.

उनके चुंबन ऐसे थे कि देखते ही किसी का खड़ा हो जाये. सादे प्यार के चुंबन नहीं थे, बल्कि प्रखर वासना से भरे, मुंह खोल कर मुंहों को चूसने वाले चुंबन थे. उनके खुले मुंह एक दूसरे पर ऐसे जमे थे जैसे वे किसी फ़ल का रस चूस रही हों. बीच बीच में वे चुंबन तोडकर अपनी जीभेम लड़ाती और फ़िर उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगती.

पूरा मस्त होने पर ब्रेसियर और पेंटियाँ भी निकाल दी गई. दोनों अब वहीं सोफ़े पर उलटी लेटकर सिक्सटी-नाइन में जुट गई. मैं तो बस कसमसा कर देखने के सिवाय कुछ नहीं कर सकता था. एक दो बार बुर चूस कर झडने के बाद दोनों उठ बैठी. बिना कुछ बोले आर्या मैडम जाकर दो तकिये अपने चूतड़ों के नीचे लेकर सो गई जैसे चुदाने की तैयारी कर रही हों. मैं सोच ही रहा था कि सोनिया मैडम अब क्या करेंगी, तभी मुझे जवाब मिल गया.

एक ड्रावर खोल कर सोनिया मैडम ने एक लम्बा डेढ. फ़ुट का ई शेप का डिल्डो निकाला. आधा अपनी चूत में घुसाकर सोनिया मैडम ने डिल्डो के दो पट्टे अपनी कमर में बांध लिये. डिल्डो का आधा भाग अब कोण बनाता हुआ ऐसा खड़ा था कि जैसे सोनिया मैडम का लंड हो. उसे पकड़कर सोनिया मैडम बिलकुल ऐसे पुचकार रही थी जैसे सचमुच में उनका शिश्न हो. फ़िर मेरी ओर देखकर मुझे चिढ़ाकर हंसते हुए वे पलंग पर चढकर आर्या मैडम के ऊपर झुकी और डिल्डो उनकी चूत में जड. तक उतार दिया

डिल्डॊ बहुत मोटा था, मेरे लंड से दुगना तो जरूर होगा. पर दोनों चुदैल मैडमों के भोंसड़े उसे आसानी से खा गयी थी. इसी से मुझे अंदाजा हुआ कि उनकी चूते कितनी गीली थी. आर्या मैडम पर लेटकर अब सोनिया मैडम उन्हें चोदने लगी.

ऐसी चुदाई मैंने कभी नहीं देखी या सुनी थी और मैं देख देख कर पागल सा हो गया. सोनिया मैडम अपनी सहेली को ऐसे हचक हचक कर चोद रही थी जैसे मर्द औरत पर चढ. कर चोदता है. लगातार वे अपने चूतड उछाल उछाल कर पूरे जोर से आर्या मैडम की बुर में अपना नकली लंड पेल रही थी. इस जोर से अगर कोई मर्द चोदता तो जरूर दो मिनिट में झड जाता. यहाँ डिल्डो होने से उसके ढीले होने का प्र्श्न ही नहीं था.

बीच में अगर सोनिया मैडम झड जाती तो सुस्ताने के लिये आर्या मैडम पर लेटकर उनका मुंह चूमने लगती. बीच बीच में झुककर उनकी चूची चूस लेती या फ़िर अपना मम्मा आर्या मैडम को चूसने दे देती. आर्या मैडम भी अपने नितंब उछाल उछाल कर चुदवा रही थी. उनकी हालत थोड़ी खस्ता जरूर थी क्यों की उनके कई बार झडने पर भी सोनिया मैडम उन्हें चोदती ही रहीं, जरा भी न रुकी. चुदी झड़ी बुर में डिल्डो चलने से आर्या मैडम को वह सहन नहीं हो रहा था पर उनका मुंह अपने मुंह से बंद करके उनकी सहेली उन्हें बेदर्दी से चोदती रही. मजा दोनों को खूब आ रहा था.

दोनों ने मन भर कर खूब चुदाई की. आखिर तृप्त होकर सोनिया मैडम उठी और सपाक से डिल्डो खींच कर बाहर निकाला. आर्या मैडम कराहने लगी. "सोनिया, तूने मेरी आज बजा दी, लगता है शरीर में जान ही नहीं है."

उष मैडमने उन्हें मीठी गाली दी. "साली चुदैल रंडी, मजा आता है ऐसा चुदवाकर तभी तो गांड उछाल कर चुदवाती है. चल अब डिल्डो साफ़ करते हैं."

उन्हों ने झुककर आर्या मैडम की चूती बुर चाट कर साफ़ की और फ़िर अपनी बुर में से भी डिल्डो खींच कर निकाल लिया. आर्या मैडम की जीभ से अपनी चूत साफ़ करवा कर दोनों आमने सामने हंसते हुए बड़ी अधीरता से बैठ गई. गीला डिल्डो ऐसा लग रहा था कि शहद या चासनी में डुबो कर निकाला गया हो.

फ़िर उस गीले चिपचिपे डिल्डो को उठाकर दोनों ने मुंह में ले लिया. दोनों ने वह भाग मुंह में लिया था जो दूसरी की बुर में था. देखते देखते दोनों डिल्डो को आधा आधा निगल गयी और उनके होंठ आपस में मिल गये. इसी आसन में वे एक दूसरे का चुंबन लेती हुई और अपने अपने मुंह में निगला हुआ डिल्डो का भाग चूस कर अपनी सहेली की बुर का रस चखती हुई बहुत देर बैठी रहीं.

मैं यह देखता ही रह गया. इस आसानी से उन्हों ने वह आठ इम्च लम्बा और दो इम्च मोटा भाग अपने गले में उतार लिया था कि सिवाय उनके फ़ूले गालों के कोई नहीं बता सकता था कि वे डिल्डो मुंह में लिये हैं. इस मस्त नज़ारे को देख मैं तड़प कर चिल्ला उठा. अपनी मैडमो से मैं गिड़गिड़ा कर यह कहने लगा कि मुझे कम से कम डिल्डो ही चाटने दें जिससे उस अमृत का कुछ तो स्वाद मैं ले सकूँ.

दोनों ने डिल्डो मुंह से बाहर निकाला और मेरे पास आयी. डिल्डो पर अब भी कुछ रस लगा था, साथ ही दोनों का थूक भी अब उस पर लिपटा था. आर्या मैडम ने बड़े प्यार से डिल्डो मेरे मुंह पर रखा और मैं उसे प्यासे की तरह चाटने लगा. दोनों का मुखरस और चूत रस मिलकर कुछ ऐसा मिश्रण बन गया था जैसे कामदेव का प्रसाद हो.

डिल्डो पूरा चटवाकर आर्या मैडम मेरे ऊपर चढ. बैठी. "चलो वाइन पीते हैं." कहकर सोनिया मैडम तीन गिलास और एक वाइन की बोतल ले आई. "दो में ही निकालना रानी." आर्या मैडम ने कहा. उड़ेलते हुए सोनिया मैडम ने पूछा. "क्यों, इस बच्चे को भी पीने दे ना." हाथ में वाइन का गिलास लेकर हंसते हुए आर्या मैडम मेरे मुंह पर अपनी चूत लगाकर बैठ गई. "यह सिर्फ़ शेंपेन पीता है, और वह भी मेरी बुर की. बेटे, जरा मुंह खोल, तुझे भी प्यास लगी होगी"

मैंने मुंह खोला और आर्या मैडम अपने गिलास से वाइन सिप करते हुए सावधानी से मेरे मुंह में धीरे धीरे रुक रुक कर मूतने लगी. मैं चटखारे ले ले कर उनकी बुर का शरबत पीने लगा. सोनिया मैडम जो वाइन सिप कर रही थी, मुझे मूत पीता देखकर अचम्भे में रुक गई. फ़िर आँखें फ़ैला कर बोली. "अरी आर्या जान, यह लड़का तो हीरा है हीरा, मजा आ गया मेरी जान, तूने तो लम्बा हाथ मारा है. और क्या क्या करता है यह?"

मूतते मूतते आर्या मैडम ने मेरी उनके पैरों और चप्पलों के चाटने की आदत के बारे में बताया. सुनकर सोनिया मैडम अपनी उँगली अपनी बुर में चलाती हुई बोली. "स्लिपर फेटीश है? बहुत अच्छे. बस तू देख, अब इससे क्या क्या करवाते हैं, बहुत दिन से मेरी फेंटेसी थी कि कोई गुलाम मिले, जिससे गंदे गंदे काम करवाऊ. हसीन कमसिन लडकी होती तो ज्यादा मजा आता. पर यह लड़का भी कम चिकना नहीं, इसी से काम चला लूँगी."

फ़िर उन्हों ने आर्या मैडम के कान में फ़ुसफ़ुसा कर कुछ कहा. मुंह बना कर आर्या मैडम मेरी ओर देखकर हंसने लगी. " क्या क्या सोचती है तू, बेचारा वरुण, उसे पता चले तो घबरा जायेगा." सोनिया मैडम बोली. "अरे उसे मजा आ जायेगा. देखती जा."
 

vakharia

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शुक्रिया Kumarshiva
 
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Ajju Landwalia

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मुझे लिटा कर उन्हों ने प्यार से चूमा और फ़िर शैतानी से मेरे लंड को चूस कर झडने के करीब ला दिया. मेरे सिसकते ही वे खिलखिलाकर अलग हो गई. "अब ठीक है, अब लग रहा है मेरा सजीला गोरा चिकना गुड्डा." उन्हों ने अब कपड़े पहनना शुरू किया. खूब बनी ठनी जैसे पिया के लिये शृंगार कर रही हों.

मेरे पूछने पर मुस्करा कर बोली. "तू ठीक कह रहा है, सोनिया मेरे लिये प्रीतम जैसी है और मैं उसकी सजनी हूँ. वह बहुत एग्रेसिव है और हमारे खेल में हमेशा मर्द जैसी बनकर मुझे ऐसी भोगती है जैसे मैं उसकी बीवी हूँ. मेरे साथ क्या क्या करती है, तू खुद ही देख लेना. पूरा सज धज कर रति शुरू करने का मजा और ही है. धीरे धीरे अपनी यार को नंगा करने में वह आनंद आता है कि जैसे सुहाग रात हो."

बेल बजी तो मुझे एक और चुंबन देकर वे कमरे से चली गई. कुछ देर में दरवाजा खुला और आर्या मैडम और सोनिया मैडम अंदर आई. आर्या मैडम का सजा रूप तो मैं आधे घंटे से देख ही रहा था. सोनिया मैडम को भी मैं देखता रह गया. वे एक जीन्स और छोटा सा टॉप पहनी थी. उनका पेट खुला था और गहरी नाभि साफ़ दिख रही थी. टॉप इतना टाइट था कि अंदर की कसी ब्रा के शंकु उनमें से उभर कर साफ़ दिख रहे थे.

दोनों मेरे पास आयी और मुझे देखने लगी. आर्या मैडम ने बड़े गर्व से मुझे अपनी सहेली को पेश किया. "देख मेरा खिलौना, मेरा गुड्डा." सोनिया मैडम ने घूर घूर कर मुझे देखा जैसे खरीदने के पहले किसी खिलौने को देखा जाता है. फ़िर मुस्करा दी. जाहिर था कि मैं उन्हें पसंद आ गया था. "अरे ये छोकरा? मैंने भी बहुत बार इसे देखा है. ये फ़र्स्ट ईयर में है ना? लगता है जैसे स्कूल में हो. तेरी नज़र भी पैनी है रानी, क्या माल चुना है, बहुत प्यारा चिकना बच्चा है."

आर्या मैडम ने मेरे तन कर खड़े लंड को मुठ्ठी में पकड़कर ऊपर नीचे करते हुए कहा. "देख क्या प्यारा लंड है. तुझे भी पसंद आयेगा. ले चखेगी?"

"अभी नहीं, तू ही चखना मेरे सामने और मैं तुझे चखते हुए चखूँगी." सोनिया मैडम ने मजाक करते हुए कहा. दोनों मेरे बारे में ऐसी बातें कर रही थी जैसे मैं सच में उनका खिलौना हूँ.

सोनिया मैडम ने अब मेरे खड़े लंड को गौर से देखा और फ़िर उनकी आँखों में एक नटखट चमक आ गयी. "आर्या जान, चल ऐसा करते हैं कि अपना काम शुरू करते हैं, इसी छोकरे के सामने. इतने दिन बाद मिली हो तो चलो मजा कर ले. इसको ऐसे ही बंधे रहने दो. मैं देखना चाहती हूँ कि इसका कितना और कडक होता है. देखें तो बिना झड़ें यह कितनी देर रह सकता है."

मेरे मन को एक अजीब सुखद भावना गुदगुदा गई. साथ में डर भी लगा. मुझे मालूम था कि मेरी यह दो चुदैल टीचरे अब मेरे सामने वासना का ऐसा खेल खेलेंगी कि जिसे देखने को लोग तरसते है. इस भाग्य के साथ साथ मुझे अतृप्त रहकर अपने लंड में होती मीठी अगन को न जाने कितनी देर बिना झड़ें सहना होगा!

अब तक दोनों एक दूसरे की बाँहों में थी और लिपटकर चूमाचाटी कर रही थी. धीरे धीरे उन्हों ने एक दूसरे के कपड़े उतारे. सोनिया मैडम ने तुरंत ही अपना टॉप और जीन निकाल डाले और सिर्फ़ सफ़ेद रंग की ब्रेसियर और पेन्टी ही उनके शरीर पर रही गई. वे अब आर्या मैडम की साड़ी और ब्लाउज़ बड़े प्यार से उतारने लगी. सोनिया मैडम का सांवला काला अर्धनग्न शरीर गजब ढा रहा था. जल्द ही उन्हों ने आर्या मैडम के भी कपड़े निकालकर उन्हें भी अर्धनग्न कर दिया. आज आर्या मैडम काली ब्रा और चड्डी पहने थी और उनके गोरे रंग पर वह गजब ढा रही थी.

दोनों अब वहीं पलंग के सामने पड़े सोफ़े पर बैठ कर एक दूसरे से लिपटकर प्रेमालाप करने लगी. चुंबन लेना, हाथों से अपनी साथिन का शरीर सहलाना और ब्रा के ऊपर से ही उरोज मर्दन करना इत्यादि रति शुरू हो गई. एक दूसरे की जांघों के बीच हाथ डालकर वे अपनी साथिन की बुर को पेन्टी पर से ही रगडने लगी.

उनके चुंबन ऐसे थे कि देखते ही किसी का खड़ा हो जाये. सादे प्यार के चुंबन नहीं थे, बल्कि प्रखर वासना से भरे, मुंह खोल कर मुंहों को चूसने वाले चुंबन थे. उनके खुले मुंह एक दूसरे पर ऐसे जमे थे जैसे वे किसी फ़ल का रस चूस रही हों. बीच बीच में वे चुंबन तोडकर अपनी जीभेम लड़ाती और फ़िर उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगती.

पूरा मस्त होने पर ब्रेसियर और पेंटियाँ भी निकाल दी गई. दोनों अब वहीं सोफ़े पर उलटी लेटकर सिक्सटी-नाइन में जुट गई. मैं तो बस कसमसा कर देखने के सिवाय कुछ नहीं कर सकता था. एक दो बार बुर चूस कर झडने के बाद दोनों उठ बैठी. बिना कुछ बोले आर्या मैडम जाकर दो तकिये अपने चूतड़ों के नीचे लेकर सो गई जैसे चुदाने की तैयारी कर रही हों. मैं सोच ही रहा था कि सोनिया मैडम अब क्या करेंगी, तभी मुझे जवाब मिल गया.

एक ड्रावर खोल कर सोनिया मैडम ने एक लम्बा डेढ. फ़ुट का ई शेप का डिल्डो निकाला. आधा अपनी चूत में घुसाकर सोनिया मैडम ने डिल्डो के दो पट्टे अपनी कमर में बांध लिये. डिल्डो का आधा भाग अब कोण बनाता हुआ ऐसा खड़ा था कि जैसे सोनिया मैडम का लंड हो. उसे पकड़कर सोनिया मैडम बिलकुल ऐसे पुचकार रही थी जैसे सचमुच में उनका शिश्न हो. फ़िर मेरी ओर देखकर मुझे चिढ़ाकर हंसते हुए वे पलंग पर चढकर आर्या मैडम के ऊपर झुकी और डिल्डो उनकी चूत में जड. तक उतार दिया

डिल्डॊ बहुत मोटा था, मेरे लंड से दुगना तो जरूर होगा. पर दोनों चुदैल मैडमों के भोंसड़े उसे आसानी से खा गयी थी. इसी से मुझे अंदाजा हुआ कि उनकी चूते कितनी गीली थी. आर्या मैडम पर लेटकर अब सोनिया मैडम उन्हें चोदने लगी.

ऐसी चुदाई मैंने कभी नहीं देखी या सुनी थी और मैं देख देख कर पागल सा हो गया. सोनिया मैडम अपनी सहेली को ऐसे हचक हचक कर चोद रही थी जैसे मर्द औरत पर चढ. कर चोदता है. लगातार वे अपने चूतड उछाल उछाल कर पूरे जोर से आर्या मैडम की बुर में अपना नकली लंड पेल रही थी. इस जोर से अगर कोई मर्द चोदता तो जरूर दो मिनिट में झड जाता. यहाँ डिल्डो होने से उसके ढीले होने का प्र्श्न ही नहीं था.

बीच में अगर सोनिया मैडम झड जाती तो सुस्ताने के लिये आर्या मैडम पर लेटकर उनका मुंह चूमने लगती. बीच बीच में झुककर उनकी चूची चूस लेती या फ़िर अपना मम्मा आर्या मैडम को चूसने दे देती. आर्या मैडम भी अपने नितंब उछाल उछाल कर चुदवा रही थी. उनकी हालत थोड़ी खस्ता जरूर थी क्यों की उनके कई बार झडने पर भी सोनिया मैडम उन्हें चोदती ही रहीं, जरा भी न रुकी. चुदी झड़ी बुर में डिल्डो चलने से आर्या मैडम को वह सहन नहीं हो रहा था पर उनका मुंह अपने मुंह से बंद करके उनकी सहेली उन्हें बेदर्दी से चोदती रही. मजा दोनों को खूब आ रहा था.

दोनों ने मन भर कर खूब चुदाई की. आखिर तृप्त होकर सोनिया मैडम उठी और सपाक से डिल्डो खींच कर बाहर निकाला. आर्या मैडम कराहने लगी. "सोनिया, तूने मेरी आज बजा दी, लगता है शरीर में जान ही नहीं है."

उष मैडमने उन्हें मीठी गाली दी. "साली चुदैल रंडी, मजा आता है ऐसा चुदवाकर तभी तो गांड उछाल कर चुदवाती है. चल अब डिल्डो साफ़ करते हैं."

उन्हों ने झुककर आर्या मैडम की चूती बुर चाट कर साफ़ की और फ़िर अपनी बुर में से भी डिल्डो खींच कर निकाल लिया. आर्या मैडम की जीभ से अपनी चूत साफ़ करवा कर दोनों आमने सामने हंसते हुए बड़ी अधीरता से बैठ गई. गीला डिल्डो ऐसा लग रहा था कि शहद या चासनी में डुबो कर निकाला गया हो.

फ़िर उस गीले चिपचिपे डिल्डो को उठाकर दोनों ने मुंह में ले लिया. दोनों ने वह भाग मुंह में लिया था जो दूसरी की बुर में था. देखते देखते दोनों डिल्डो को आधा आधा निगल गयी और उनके होंठ आपस में मिल गये. इसी आसन में वे एक दूसरे का चुंबन लेती हुई और अपने अपने मुंह में निगला हुआ डिल्डो का भाग चूस कर अपनी सहेली की बुर का रस चखती हुई बहुत देर बैठी रहीं.

मैं यह देखता ही रह गया. इस आसानी से उन्हों ने वह आठ इम्च लम्बा और दो इम्च मोटा भाग अपने गले में उतार लिया था कि सिवाय उनके फ़ूले गालों के कोई नहीं बता सकता था कि वे डिल्डो मुंह में लिये हैं. इस मस्त नज़ारे को देख मैं तड़प कर चिल्ला उठा. अपनी मैडमो से मैं गिड़गिड़ा कर यह कहने लगा कि मुझे कम से कम डिल्डो ही चाटने दें जिससे उस अमृत का कुछ तो स्वाद मैं ले सकूँ.

दोनों ने डिल्डो मुंह से बाहर निकाला और मेरे पास आयी. डिल्डो पर अब भी कुछ रस लगा था, साथ ही दोनों का थूक भी अब उस पर लिपटा था. आर्या मैडम ने बड़े प्यार से डिल्डो मेरे मुंह पर रखा और मैं उसे प्यासे की तरह चाटने लगा. दोनों का मुखरस और चूत रस मिलकर कुछ ऐसा मिश्रण बन गया था जैसे कामदेव का प्रसाद हो.

डिल्डो पूरा चटवाकर आर्या मैडम मेरे ऊपर चढ. बैठी. "चलो वाइन पीते हैं." कहकर सोनिया मैडम तीन गिलास और एक वाइन की बोतल ले आई. "दो में ही निकालना रानी." आर्या मैडम ने कहा. उड़ेलते हुए सोनिया मैडम ने पूछा. "क्यों, इस बच्चे को भी पीने दे ना." हाथ में वाइन का गिलास लेकर हंसते हुए आर्या मैडम मेरे मुंह पर अपनी चूत लगाकर बैठ गई. "यह सिर्फ़ शेंपेन पीता है, और वह भी मेरी बुर की. बेटे, जरा मुंह खोल, तुझे भी प्यास लगी होगी"

मैंने मुंह खोला और आर्या मैडम अपने गिलास से वाइन सिप करते हुए सावधानी से मेरे मुंह में धीरे धीरे रुक रुक कर मूतने लगी. मैं चटखारे ले ले कर उनकी बुर का शरबत पीने लगा. सोनिया मैडम जो वाइन सिप कर रही थी, मुझे मूत पीता देखकर अचम्भे में रुक गई. फ़िर आँखें फ़ैला कर बोली. "अरी आर्या जान, यह लड़का तो हीरा है हीरा, मजा आ गया मेरी जान, तूने तो लम्बा हाथ मारा है. और क्या क्या करता है यह?"

मूतते मूतते आर्या मैडम ने मेरी उनके पैरों और चप्पलों के चाटने की आदत के बारे में बताया. सुनकर सोनिया मैडम अपनी उँगली अपनी बुर में चलाती हुई बोली. "स्लिपर फेटीश है? बहुत अच्छे. बस तू देख, अब इससे क्या क्या करवाते हैं, बहुत दिन से मेरी फेंटेसी थी कि कोई गुलाम मिले, जिससे गंदे गंदे काम करवाऊ. हसीन कमसिन लडकी होती तो ज्यादा मजा आता. पर यह लड़का भी कम चिकना नहीं, इसी से काम चला लूँगी."

फ़िर उन्हों ने आर्या मैडम के कान में फ़ुसफ़ुसा कर कुछ कहा. मुंह बना कर आर्या मैडम मेरी ओर देखकर हंसने लगी. " क्या क्या सोचती है तू, बेचारा वरुण, उसे पता चले तो घबरा जायेगा." सोनिया मैडम बोली. "अरे उसे मजा आ जायेगा. देखती जा."

Bahut hi badhiya update he vakharia Bhai,

Bechare varun ke sath ye dono hawas ki maari sex ki bhukhi aurate na jane kya kya gul khilane wali he...........

Keep posting Bro
 

sunoanuj

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मुझे लिटा कर उन्हों ने प्यार से चूमा और फ़िर शैतानी से मेरे लंड को चूस कर झडने के करीब ला दिया. मेरे सिसकते ही वे खिलखिलाकर अलग हो गई. "अब ठीक है, अब लग रहा है मेरा सजीला गोरा चिकना गुड्डा." उन्हों ने अब कपड़े पहनना शुरू किया. खूब बनी ठनी जैसे पिया के लिये शृंगार कर रही हों.

मेरे पूछने पर मुस्करा कर बोली. "तू ठीक कह रहा है, सोनिया मेरे लिये प्रीतम जैसी है और मैं उसकी सजनी हूँ. वह बहुत एग्रेसिव है और हमारे खेल में हमेशा मर्द जैसी बनकर मुझे ऐसी भोगती है जैसे मैं उसकी बीवी हूँ. मेरे साथ क्या क्या करती है, तू खुद ही देख लेना. पूरा सज धज कर रति शुरू करने का मजा और ही है. धीरे धीरे अपनी यार को नंगा करने में वह आनंद आता है कि जैसे सुहाग रात हो."

बेल बजी तो मुझे एक और चुंबन देकर वे कमरे से चली गई. कुछ देर में दरवाजा खुला और आर्या मैडम और सोनिया मैडम अंदर आई. आर्या मैडम का सजा रूप तो मैं आधे घंटे से देख ही रहा था. सोनिया मैडम को भी मैं देखता रह गया. वे एक जीन्स और छोटा सा टॉप पहनी थी. उनका पेट खुला था और गहरी नाभि साफ़ दिख रही थी. टॉप इतना टाइट था कि अंदर की कसी ब्रा के शंकु उनमें से उभर कर साफ़ दिख रहे थे.

दोनों मेरे पास आयी और मुझे देखने लगी. आर्या मैडम ने बड़े गर्व से मुझे अपनी सहेली को पेश किया. "देख मेरा खिलौना, मेरा गुड्डा." सोनिया मैडम ने घूर घूर कर मुझे देखा जैसे खरीदने के पहले किसी खिलौने को देखा जाता है. फ़िर मुस्करा दी. जाहिर था कि मैं उन्हें पसंद आ गया था. "अरे ये छोकरा? मैंने भी बहुत बार इसे देखा है. ये फ़र्स्ट ईयर में है ना? लगता है जैसे स्कूल में हो. तेरी नज़र भी पैनी है रानी, क्या माल चुना है, बहुत प्यारा चिकना बच्चा है."

आर्या मैडम ने मेरे तन कर खड़े लंड को मुठ्ठी में पकड़कर ऊपर नीचे करते हुए कहा. "देख क्या प्यारा लंड है. तुझे भी पसंद आयेगा. ले चखेगी?"

"अभी नहीं, तू ही चखना मेरे सामने और मैं तुझे चखते हुए चखूँगी." सोनिया मैडम ने मजाक करते हुए कहा. दोनों मेरे बारे में ऐसी बातें कर रही थी जैसे मैं सच में उनका खिलौना हूँ.

सोनिया मैडम ने अब मेरे खड़े लंड को गौर से देखा और फ़िर उनकी आँखों में एक नटखट चमक आ गयी. "आर्या जान, चल ऐसा करते हैं कि अपना काम शुरू करते हैं, इसी छोकरे के सामने. इतने दिन बाद मिली हो तो चलो मजा कर ले. इसको ऐसे ही बंधे रहने दो. मैं देखना चाहती हूँ कि इसका कितना और कडक होता है. देखें तो बिना झड़ें यह कितनी देर रह सकता है."

मेरे मन को एक अजीब सुखद भावना गुदगुदा गई. साथ में डर भी लगा. मुझे मालूम था कि मेरी यह दो चुदैल टीचरे अब मेरे सामने वासना का ऐसा खेल खेलेंगी कि जिसे देखने को लोग तरसते है. इस भाग्य के साथ साथ मुझे अतृप्त रहकर अपने लंड में होती मीठी अगन को न जाने कितनी देर बिना झड़ें सहना होगा!

अब तक दोनों एक दूसरे की बाँहों में थी और लिपटकर चूमाचाटी कर रही थी. धीरे धीरे उन्हों ने एक दूसरे के कपड़े उतारे. सोनिया मैडम ने तुरंत ही अपना टॉप और जीन निकाल डाले और सिर्फ़ सफ़ेद रंग की ब्रेसियर और पेन्टी ही उनके शरीर पर रही गई. वे अब आर्या मैडम की साड़ी और ब्लाउज़ बड़े प्यार से उतारने लगी. सोनिया मैडम का सांवला काला अर्धनग्न शरीर गजब ढा रहा था. जल्द ही उन्हों ने आर्या मैडम के भी कपड़े निकालकर उन्हें भी अर्धनग्न कर दिया. आज आर्या मैडम काली ब्रा और चड्डी पहने थी और उनके गोरे रंग पर वह गजब ढा रही थी.

दोनों अब वहीं पलंग के सामने पड़े सोफ़े पर बैठ कर एक दूसरे से लिपटकर प्रेमालाप करने लगी. चुंबन लेना, हाथों से अपनी साथिन का शरीर सहलाना और ब्रा के ऊपर से ही उरोज मर्दन करना इत्यादि रति शुरू हो गई. एक दूसरे की जांघों के बीच हाथ डालकर वे अपनी साथिन की बुर को पेन्टी पर से ही रगडने लगी.

उनके चुंबन ऐसे थे कि देखते ही किसी का खड़ा हो जाये. सादे प्यार के चुंबन नहीं थे, बल्कि प्रखर वासना से भरे, मुंह खोल कर मुंहों को चूसने वाले चुंबन थे. उनके खुले मुंह एक दूसरे पर ऐसे जमे थे जैसे वे किसी फ़ल का रस चूस रही हों. बीच बीच में वे चुंबन तोडकर अपनी जीभेम लड़ाती और फ़िर उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगती.

पूरा मस्त होने पर ब्रेसियर और पेंटियाँ भी निकाल दी गई. दोनों अब वहीं सोफ़े पर उलटी लेटकर सिक्सटी-नाइन में जुट गई. मैं तो बस कसमसा कर देखने के सिवाय कुछ नहीं कर सकता था. एक दो बार बुर चूस कर झडने के बाद दोनों उठ बैठी. बिना कुछ बोले आर्या मैडम जाकर दो तकिये अपने चूतड़ों के नीचे लेकर सो गई जैसे चुदाने की तैयारी कर रही हों. मैं सोच ही रहा था कि सोनिया मैडम अब क्या करेंगी, तभी मुझे जवाब मिल गया.

एक ड्रावर खोल कर सोनिया मैडम ने एक लम्बा डेढ. फ़ुट का ई शेप का डिल्डो निकाला. आधा अपनी चूत में घुसाकर सोनिया मैडम ने डिल्डो के दो पट्टे अपनी कमर में बांध लिये. डिल्डो का आधा भाग अब कोण बनाता हुआ ऐसा खड़ा था कि जैसे सोनिया मैडम का लंड हो. उसे पकड़कर सोनिया मैडम बिलकुल ऐसे पुचकार रही थी जैसे सचमुच में उनका शिश्न हो. फ़िर मेरी ओर देखकर मुझे चिढ़ाकर हंसते हुए वे पलंग पर चढकर आर्या मैडम के ऊपर झुकी और डिल्डो उनकी चूत में जड. तक उतार दिया

डिल्डॊ बहुत मोटा था, मेरे लंड से दुगना तो जरूर होगा. पर दोनों चुदैल मैडमों के भोंसड़े उसे आसानी से खा गयी थी. इसी से मुझे अंदाजा हुआ कि उनकी चूते कितनी गीली थी. आर्या मैडम पर लेटकर अब सोनिया मैडम उन्हें चोदने लगी.

ऐसी चुदाई मैंने कभी नहीं देखी या सुनी थी और मैं देख देख कर पागल सा हो गया. सोनिया मैडम अपनी सहेली को ऐसे हचक हचक कर चोद रही थी जैसे मर्द औरत पर चढ. कर चोदता है. लगातार वे अपने चूतड उछाल उछाल कर पूरे जोर से आर्या मैडम की बुर में अपना नकली लंड पेल रही थी. इस जोर से अगर कोई मर्द चोदता तो जरूर दो मिनिट में झड जाता. यहाँ डिल्डो होने से उसके ढीले होने का प्र्श्न ही नहीं था.

बीच में अगर सोनिया मैडम झड जाती तो सुस्ताने के लिये आर्या मैडम पर लेटकर उनका मुंह चूमने लगती. बीच बीच में झुककर उनकी चूची चूस लेती या फ़िर अपना मम्मा आर्या मैडम को चूसने दे देती. आर्या मैडम भी अपने नितंब उछाल उछाल कर चुदवा रही थी. उनकी हालत थोड़ी खस्ता जरूर थी क्यों की उनके कई बार झडने पर भी सोनिया मैडम उन्हें चोदती ही रहीं, जरा भी न रुकी. चुदी झड़ी बुर में डिल्डो चलने से आर्या मैडम को वह सहन नहीं हो रहा था पर उनका मुंह अपने मुंह से बंद करके उनकी सहेली उन्हें बेदर्दी से चोदती रही. मजा दोनों को खूब आ रहा था.

दोनों ने मन भर कर खूब चुदाई की. आखिर तृप्त होकर सोनिया मैडम उठी और सपाक से डिल्डो खींच कर बाहर निकाला. आर्या मैडम कराहने लगी. "सोनिया, तूने मेरी आज बजा दी, लगता है शरीर में जान ही नहीं है."

उष मैडमने उन्हें मीठी गाली दी. "साली चुदैल रंडी, मजा आता है ऐसा चुदवाकर तभी तो गांड उछाल कर चुदवाती है. चल अब डिल्डो साफ़ करते हैं."

उन्हों ने झुककर आर्या मैडम की चूती बुर चाट कर साफ़ की और फ़िर अपनी बुर में से भी डिल्डो खींच कर निकाल लिया. आर्या मैडम की जीभ से अपनी चूत साफ़ करवा कर दोनों आमने सामने हंसते हुए बड़ी अधीरता से बैठ गई. गीला डिल्डो ऐसा लग रहा था कि शहद या चासनी में डुबो कर निकाला गया हो.

फ़िर उस गीले चिपचिपे डिल्डो को उठाकर दोनों ने मुंह में ले लिया. दोनों ने वह भाग मुंह में लिया था जो दूसरी की बुर में था. देखते देखते दोनों डिल्डो को आधा आधा निगल गयी और उनके होंठ आपस में मिल गये. इसी आसन में वे एक दूसरे का चुंबन लेती हुई और अपने अपने मुंह में निगला हुआ डिल्डो का भाग चूस कर अपनी सहेली की बुर का रस चखती हुई बहुत देर बैठी रहीं.

मैं यह देखता ही रह गया. इस आसानी से उन्हों ने वह आठ इम्च लम्बा और दो इम्च मोटा भाग अपने गले में उतार लिया था कि सिवाय उनके फ़ूले गालों के कोई नहीं बता सकता था कि वे डिल्डो मुंह में लिये हैं. इस मस्त नज़ारे को देख मैं तड़प कर चिल्ला उठा. अपनी मैडमो से मैं गिड़गिड़ा कर यह कहने लगा कि मुझे कम से कम डिल्डो ही चाटने दें जिससे उस अमृत का कुछ तो स्वाद मैं ले सकूँ.

दोनों ने डिल्डो मुंह से बाहर निकाला और मेरे पास आयी. डिल्डो पर अब भी कुछ रस लगा था, साथ ही दोनों का थूक भी अब उस पर लिपटा था. आर्या मैडम ने बड़े प्यार से डिल्डो मेरे मुंह पर रखा और मैं उसे प्यासे की तरह चाटने लगा. दोनों का मुखरस और चूत रस मिलकर कुछ ऐसा मिश्रण बन गया था जैसे कामदेव का प्रसाद हो.

डिल्डो पूरा चटवाकर आर्या मैडम मेरे ऊपर चढ. बैठी. "चलो वाइन पीते हैं." कहकर सोनिया मैडम तीन गिलास और एक वाइन की बोतल ले आई. "दो में ही निकालना रानी." आर्या मैडम ने कहा. उड़ेलते हुए सोनिया मैडम ने पूछा. "क्यों, इस बच्चे को भी पीने दे ना." हाथ में वाइन का गिलास लेकर हंसते हुए आर्या मैडम मेरे मुंह पर अपनी चूत लगाकर बैठ गई. "यह सिर्फ़ शेंपेन पीता है, और वह भी मेरी बुर की. बेटे, जरा मुंह खोल, तुझे भी प्यास लगी होगी"

मैंने मुंह खोला और आर्या मैडम अपने गिलास से वाइन सिप करते हुए सावधानी से मेरे मुंह में धीरे धीरे रुक रुक कर मूतने लगी. मैं चटखारे ले ले कर उनकी बुर का शरबत पीने लगा. सोनिया मैडम जो वाइन सिप कर रही थी, मुझे मूत पीता देखकर अचम्भे में रुक गई. फ़िर आँखें फ़ैला कर बोली. "अरी आर्या जान, यह लड़का तो हीरा है हीरा, मजा आ गया मेरी जान, तूने तो लम्बा हाथ मारा है. और क्या क्या करता है यह?"

मूतते मूतते आर्या मैडम ने मेरी उनके पैरों और चप्पलों के चाटने की आदत के बारे में बताया. सुनकर सोनिया मैडम अपनी उँगली अपनी बुर में चलाती हुई बोली. "स्लिपर फेटीश है? बहुत अच्छे. बस तू देख, अब इससे क्या क्या करवाते हैं, बहुत दिन से मेरी फेंटेसी थी कि कोई गुलाम मिले, जिससे गंदे गंदे काम करवाऊ. हसीन कमसिन लडकी होती तो ज्यादा मजा आता. पर यह लड़का भी कम चिकना नहीं, इसी से काम चला लूँगी."

फ़िर उन्हों ने आर्या मैडम के कान में फ़ुसफ़ुसा कर कुछ कहा. मुंह बना कर आर्या मैडम मेरी ओर देखकर हंसने लगी. " क्या क्या सोचती है तू, बेचारा वरुण, उसे पता चले तो घबरा जायेगा." सोनिया मैडम बोली. "अरे उसे मजा आ जायेगा. देखती जा."
Bahut hi behtarin updates … ab Varun fans gaya hai do vasna ki bhukhi aurton ke beech mein…
 

vakharia

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Bahut hi badhiya update he vakharia Bhai,

Bechare varun ke sath ye dono hawas ki maari sex ki bhukhi aurate na jane kya kya gul khilane wali he...........

Keep posting Bro
शुक्रिया भाई
 

vakharia

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उनकी बातें सुनकर मैं थोड़ा घबरा गया था. मैंने एक जगह पढ़ा था कि होशियार ज्यादा आई.क्यू. की औरते ज्यादा कामुक और विकृत आनंद की शौकीन होती हैं. आज इसका उदाहरण देख रहा था. पर डर के साथ एक अजीब तीव्र कामुक उत्तेजना भी मुझे हो रही थी. लंड ऐसे खड़ा हो गया था जैसे लोहे का रॉड हो.

"सोनिया डार्लिंग, तेरी परमिशन हो तो अब इसे थोड़ा चोद लूँ. मस्त घोड़े जैसा खड़ा है इसका" आर्या मैडम मेरे गालों को पुचकारते हुए बोली.

"जरूर जानेमन, पर झड़ाना नहीं, मैं देखना चाहती हूँ कि इस छोकरे में कितना कंट्रोल करने की ताकत है." सोनिया मैडम उनकी चूची हाथ में लेकर बोली.

आर्या मैडम ने मेरा लंड अपनी बुर में घुसेड़ा और ऊपर नीचे होकर चोदने लगी. मेरा लंड अब इतना जोर से खड़ा हो गया था कि डिल्डो से चुदी ढीली चूत होने पर भी उन्हें मजा आ गया. सोनिया मैडम आर्या मैडम के चेहरे पर छाये सुख के भाव देखकर उन्हें बाँहों में लेकर चूमने लगी. उनके उरोज दबाते हुए सोनिया मैडम ने अपनी उँगली उनकी गांड में डाली और बोली. "चोद ले रानी, मन भर के चोद इस बच्चे को, फ़िर मैं तेरी गांड मारती हूँ"

यह सुनकर मैं ऐसा मचला कि झडने को आ गया. मैंने फ़िर एक बार उन दोनों कामातुर औरतों से विनती की कि मेरे प्यासे मुंह को भी कुछ रस चखने दें. आर्या मैडम ने सोनिया मैडम से कहा. "चटा दे ना अपनी चूत बेचारे को, क्यों तरसाती है?."

सोनिया मैडम मेरी ओर देखकर नटखट अंदाज में बोली. "यह अमृत ऐसे नहीं मिलेगा तुझे. मेहनत करना पड़ेगी. अच्छा चल, पहले मेरी गांड चूस, मुझे मजा आया तो फ़िर चूत भी दे दूँगी तेरे मुंह में."

पीछे सरककर उन्हों ने अपने साँवली चूतड. अपने हाथों से खोले और फ़िर अपना भूरा काला गुदा का छेद मेरे मुंह पर जमा कर वे मेरे चेहरे पर अपना पूरा वजन देकर बैठ गई. बैठते हुए दो सेकंड मुझे उनकी साँवली चिकनी गांड पास से दिखी और गुदा के छेद में से अंदर की कोमल गुलाबी म्यान के भी दर्शन हुए. मैंने सीधे अपनी जीभ ही बाहर निकाल दी जिससे उनके बैठते ही मेरी जीभ उनकी गांड के अंदर घुस गयी.

वे खुशी से चिहुम्क उठी क्यों की उन्हें लगा नहीं था कि मैं उनकी गांड का इस तरह से स्वागत करूंगा. "आर्या, यह लड़का तो सच में कोई चीज़ है यार, देख कैसे अपनी जीभ मेरी गांड में डाल दी तुरंत, जरा भी गंदा इसे नहीं लगा." मैं मन लगाकर सोनिया मैडम की गांड का सौम्धा स्वाद लेते हुए चूसने लगा. उधर आमने सामने मेरे ऊपर चढ़ी हुई मेरी दोनों मैडमें आपस में लिपट कर मम्मे दबाती हुई एक दूसरे के चुंबनों पर चुंबन लेने लगी.

दस मिनिट बाद सोनिया मैडम मेरे गांड चूसने की कला पर इतनी खुश हुई कि मुड. कर अपनी चूत मेरे मुंह में दे कर बैठ गयी. "यार आर्या, मुझे भी जोर से पेशाब लगी है."

आर्या मैडम हंस कर बोली. "तो सोचना क्या है रानी? मूत ले इसके मुंह में, यह तो कब का तरस रहा है अपनी इस दूसरी सेक्सी मैडम की पेशाब चखने को! अब तो अपना ही प्यारा चलता फ़िरता जिंदा बाथरूम है अपने पास. इसे जैसा चाहे यूज़ कर."

सोनिया मैडम सरककर ठीक से मेरे मुंह पर चूत दो इम्च ऊपर जमा कर बैठ गई और अपनी झांटे बाजूम में की. उनकी लाल लाल चूत और जरा सा मूत्र छिद्र दिख रहा था. "मुंह खोल वरुण राजा. आज से तुझे खाने पीने की कमी नहीं होगी." कहकर वे मेरे मुंह में मूतने लगी. वे दो इंच ऊपर से मूत रही थी जिससे मेरे मुंह में जाती धार साफ़ दिखे. जब मैंने मूत निगला तो उन्हों ने सुख की एक गहरी सांस ली.

गिलास भर मूत मुझे पिला कर वे चूत मेरे मुंह पर जमा कर बैठ गई. "ले बेटे तेरा इनाम, चूस ले जल्दी से, तू पहला मर्द है पाँच छह साल में जिसे मैंने अपनी चूत चूसने दी है. और हाँ, यह मत सोच लेना कि अब मुझे चोद भी लेगा. चुदवाने का काम मैं अपनी इस रानी के सिवा किसी से नहीं कराती."

सोनिया मैडम की घनी काली झांटों में मुंह डाल कर मैं मस्ती से झूम उठा. चिपचिपे मादक रस की नदी सी बह रही थी उनकी बुर से. मैंने मन भर कर उस खजाने का स्वाद लिया. सोनिया मैडम जब झड़ीं तो मुझे बहुत अच्छा लगा कि अपनी इस पक्की लेस्बियन मैडम को भी मैं स्खलित कर सका.

आर्या मैडम मुझे चोदती हुई अब तक कई बार झड चुकी थी. अखिर वे निढाल हो कर झुक कर बैठ गई और सुस्ताने लगी. वे जब मेरा लंड अपनी चूत से निकालने लगी तो सोनिया मैडम ने मना कर दिया. उठकर डिल्डो फ़िर अपनी चूत में डालते हुए बोली. "रुक आर्या डार्लिंग, ऐसे ही इस छोकरे पर लेट जा. अब मैं तेरी गांड मारती हूँ. एक साथ चुदवाने और गांड मराने का मजा ले ले आज."

आर्या मैडम थोड़ी हिचकिचाई. "सोनिया रानी, आज रहने दे ना, कल मार लेना, आज थक गयी हूँ, चूत भी चुद चुद कर नरम हो गई है. मुझे अपनी चूत चुसवा दे और सो जा."

पर सोनिया मैडम अडिग थी. डिल्डो अपनी चूत में अंदर बाहर करके उसे चिकना कर के उन्हों ने निकाला और दूसरी ओर से घुसेड लिया. पट्टे बांधते हुए बोली. "नखरा नहीं कर, मुझे अपना मर्द मानती है ना, फ़िर चुपचाप गांड मरवा ले."

अभी भी इन्कार करती हुई आर्या मैडम को जबरदस्ती मुझपर लिटा कर झुककर उन्हों ने आर्या मैडम की गांड में अपनी उँगली से उन्ही की चूत का रस लगाया और फ़िर उनपर पीछे से चढकर वह मोटा डिल्डॊ उनकी गांड में घुसेडने लगी. आर्या मैडम दर्द से कराह उठी. "दुखता है रानी, धीरे धीरे"

"हमेशा तो नहीं दुखता चुदैल तुझे, आज इस छोकरे का लंड चूत में फंसा है इसलिये गांड संकरी हो गयी है, और कुछ नहीं." सोनिया मैडम डिल्डो को अंदर पेलती हुई बोली.

बात ठीक थी. आर्या मैडम की चूत में घुसे मेरे मचलते लंड को भी उनकी गांड में उतरते उस रबर के लंड का दबाव साफ़ महसूस हो रहा था. आर्या मैडम के मुंह से निकलती दर्द की सिसकियों को नजर-अंदाज करके सोनिया मैडम ने जड तक डिल्डो उनके चूतड़ों के बीच गाड दिया. फ़िर वे आर्या मैडम पर लेट गई और उनकी गांड मारने लगी.

अब मैं समझ गया था कि मैडम की गांड इतनी नरम और खुली क्यों थी. शायद सोनिया मैडम ने रोज मार मार कर गांड खोल दी थी. इसी लिये मुझे कल उनकी गांड मारने में इतनी आसानी हुई थी!

आर्या मैडम की चूत और गांड के बीच की बारीक दीवार से उस डिल्डो का घर्षण मैं अपने लंड पर होता महसूस करके सह न सका और नीचे से ही उछल कर उन्हें चोदने लगा. मेरे शरीर पर दो औरतों का वजन था फ़िर भी मैं इस तैश में था कि हचक हचक कर नीचे से उन्हें काफ़ी जोर से चोद सकता था.

इस दोहरी मार के आगे आर्या मैडम बेचारी कराह उठी. उधर वासना से फ़नफ़नाती सोनिया मैडम ने उनकी चूचियाँ भी मसलना शुरू कर दी. मेरे हाथ पैर बंधे होने से मैं कुछ न कर सकता था नहीं तो मन तो यही हो रहा था कि सोनिया मैडम के चूतड फ़ाड कर अपनी उंगलीयाँ उनकी गांड में डाल दूँ.

कुछ देर बाद मस्ती में आने पर आर्या मैडम भी अपना दर्द भूल कर मेरे होंठों पर होंठ जमा कर चूमती हुई मुझे चोदने लगी. कुछ देर तो हम तीनों के धक्के अलग अलग लय में चल रहे थे. फ़िर धीरे धीरे हमने अपना सुर जमा लिया.

मैं जब अपने चूतड. उछालता तो आर्या मैडम ऊपर से धक्का देती और मेरे लंड को पूरा अपनी बुर में ले लेती. उधर सोनिया मैडम अपने चूतड उचकाती और डिल्डो करीब करीब पूरा आर्या मैडम की गांड में से निकाल लेती. फ़िर जब मैं नीचे होता, तो आर्या मैडम ऊपर उछलकर लंड बुर के बाहर खींचती और सोनिया मैडम पूरा डिल्डो उनकी गांड में पेल देती. बीच बीच में अपना मुंह बाजू में करके आर्या मैडम अपनी चूची मेरे मुंह में ठूस देती.
 
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