मैं यह सहन न कर पाया और झड गया. "अरे लड़का झड गया." आर्या मैडम ने गरम गरम वीर्य का फ़ुहारा अपनी चूत में महसूस करके हंसते हुए सोनिया मैडम से कहा. हांफते हुए सटासट आर्या मैडम की गांड मारती हुई सोनिया मैडम बोली. "बदमाश कहीं का, इसे सजा दूँगी, याद रखेगा हमेशा."
सोनिया मैडम ने अपनी सहेली की मन भर कर मारी और आखिर तृप्त होकर निढाल हो गयी, सुस्ता कर वे दोनों उठ बैठी. मैं बिलकुल बेजान सा पड़ा था. मेरी तो मानों जान ही निकल गयी थी; इतनी जोर से मैं झड गया था.
सोनिया मैडम ने डिल्डो आर्या मैडम के गुदा से खींचा और अपनी चूत से भी बाहर निकाला. मेरे मुंह में अपनी चूत वाला भाग देती हुई बोली. "ले रस चूस". मैंने पूरा रस चाट लिया
मेरी कामुक प्रवृत्ति और इन दोनों मैडमों के प्रति मेरी वासना और दासत्व की भावना की यह विजय थी. एक बार चाटने के बाद मेरी रही सही हिचकिचाहट भी जाती रही और मैं उस डिल्डो को मन लगा कर चाटने लगा. स्वाद बिलकुल अलग कसैला सा था पर मेरे लंड को भी भा गया था क्यों की तेजी से वह फ़िर अपना सिर उठाने लगा था. आखिर जब मैंने मुंह खोल कर डिल्डो निगल लिया और चूसने लगा तो सोनिया मैडम खिलखिला कर हंस उठी.
"आर्या डार्लिंग, मैं इसकी परीक्षा ले रही थी. यह लड़का पास हो गया. यह सच में तेरा दीवाना है और तेरे लिये कुछ भी कर सकता है. और मेरे लिये भी करेगा. अगर यह डिल्डो मुंह में पाँच मिनिट और नहीं लेता तो मैं इसे भगा देने के मूड में थी. पर यह तो हमे जैसा चाहिये वैसा ही प्यारा और आज्ञाकारी निकला. तुझे मालूम नहीं रानी अब हम इसके साथ क्या क्या गुल खिला सकते हैं. यह छुट्टी तो अब समझो हमारे लिये वासना के स्वर्ग की सैर बन जायेगी."
मेरे लंड को खड़ा देखकर आर्या मैडम ने मौके का फ़ायदा उठाया और उसे चूस कर मेरे वीर्य का बेड-टाइम-स्नैक कर लिया. रात काफ़ी हो गयी थी इसलिये मेरे हाथ पैर खोल दिये गये.
आर्या मैडम ने सोनिया मैडम से पूछा. "अरे तू वरुण को जल्दी झडने के लिये सजा देने वाली थी ना?" मेरा दिल धक धक करने लगा कि मेरी यह महा चुदैल सोनिया मैडम मुझे न जाने क्या सजा देंगी. वे बोली. "अभी नहीं, कल दूँगी, सजा ऐसी होगी कि उसके लिये मेरा एकदम चुस्त होना जरूरी है. कल सुबह देखेंगे. और इससे चप्पल चटवाने का भी काम करना है."
हम सब अब सोने को चले गये. दोनों मैडमें लिपट कर सिक्सटी नाइन के पोज़ में सो गई और मुझे भी पास सुला लिया. सोनिया मैडम जब आर्या मैडम की चूत चूस रही थी तो मुझे लगा कि मेरा भी वीर्य अब उनके मुंह में आर्या मैडम के रस के साथ जा रहा होगा. मालूम नहीं उन्हें अच्छा लगे न लगे, आखिर पक्की लेस्बियन जो थी. पर वे आराम से चटखारे ले लेकर चूसती रहीं और मैं भी उन्हें लिपट कर उनके नंगे बदन को चूमता हुआ कब सो गया, मुझे पता ही नहीं चला.
रात में मुझे दो बार जगाया गया. पहली बार जब सोनिया मैडम को पेशाब लगी तब और दूसरी बार जब आर्या मैडम को बाथरूम जाने की इच्छा होई. बिस्तर पर ही मेरे मुंह में उन्हों ने मूता. आधे नींद में भी मैंने पूरा मूत पिया, बिना उसे छलकाये.
सुबह उठने पर पहले दोनों बिस्तर पर ही फ़िर मेरे मुंह में मूती, फ़िर चाय बनायी गयी पर मुझे नहीं दी गयी. "आज से तेरे लिए पीने की व्यवस्था अलग से होगी बच्चे, बिलकुल फ़्रेश और नेचरल" सोनिया मैडम ने थोड़ी दुष्ट भावना से मुस्कराते हुए मुझे समझाया. उनकी आँखों में शैतानी चमक रही थी.
फ़िर सामूहिक नहाना हुआ. नहाने में दोनों ने खूब मजा किया. एक दूसरे की बुर चूसी और मुझसे भी चुसवाई. मुझे मस्त करके मेरा लंड खड़ा करके वैसा ही छोड़ दिया गया. "तेरी सजा के समय तेरा कामुक रहना जरूरी है. और देख अब सजा के पहले झड़ा तो सजा दोगुनी हो जायेगी." मैं किसी तरह अपने आप पर काबू किये रहा.
दोनों अपनी रबर की स्लिपरें पहने थी. नहाते समय मेरा ध्यान बार बार उन गीली सुंदर चप्पलों पर जा रहा था. आर्या मैडम की तो वही गुलाबी पुरानी घिसी चिकनी चप्पलें थी. सोनिया मैडम ने क्रीम कलर की हाई हील रबर की मोटी चप्पलें पहनी थी. वे शायद कल ही उन्हें अपने सामान में ले आयी थी.
आर्या मैडम ने मुझे चप्पलों को ललचायी नज़रों से तकते देखा तो मुस्कुराई. मुझे नीचे बिठा दिया और अपनी एक टांग उठा कर मेरे मुंह के सामने चप्पल अपनी उंगलियों पर लटकाकर नचाती हुई बोली. "ले चाट ना पगले, तब से ललचा कर देख रहा है. इसमें हमारी परमिशन की जरूरत थोड़े ही है. और मेरे बाद सोनिया मैडम की भी चाट."
मेरे अगले बीस मिनिट बड़े कामसुख में गये. उन दोनों औरतों के पैर, तलवे और चप्पलें मैंने खूब चूमी और चाटी. दोनों स्त्रियो के पैरों का स्वाद उनमें लगा होने से बड़ा मजा आ रहा था. सोनिया मैडम ने तो बीच में अपनी चप्पल का पंजा मेरे मुंह में दे दिया. "जरा चबा कर चूस, मजा आयेगा."
और सच में मैं झूम उठा. उस मुलायम रबर की चप्पल को चबाने में इतना मजा आया कि मैं उसे छोड़ने को ही तैयार नहीं था. आखिर आर्या मैडम ने मुझे सोनिया मैडम के पैरों से अलग करते हुए कहा. "अरे खा जायेगा क्या, चल छोड़"
"कोई बात नहीं वरुण, चबाने की प्रेक्टिस कर ले, खिला भी दूँगी आज कल में ये चप्पलें तुझे, और भी बहुत कुछ खिलाना पिलाना है तुझे. तू तो बस देखता जा मेरे कारनामे." मुझे चिढ़ाती सी हुई सोनिया मैडम बोली.
मेरी इस कामुक सेवा भावना को देखकर दोनों बहुत खुश हुई. "आर्या, बच्चा बहुत आज्ञाकारी है. इसे इनाम देना चाहिये, मैं जानती हूँ क्या इनाम ठीक रहेगा. तू पट लेट जा फ़र्श पर. पर पहले इसे कुछ पिला तो दे रानी. गरमागरम नाश्ते के बाद अब प्यास लगी होगी"
और मेरी प्यास बुझाने को आर्या मैडम के मूत से अच्छा और क्या हो सकता था. वे बड़े प्यार से मेरे मुंह पर बैठकर उसमें मूतने लगी. प्यारे स्लिपर और फ़िर गरम मूत, मेरी उस दशा में तो मुझे लग रहा था जैसे फ़ाइव स्टार नाश्ता मिल गया हो. लगे हाथ सोनिया मैडम ने भी मेरे मुंह का इस्तेमाल कर लिया. मूतते हुए बोली. "प्यास लगी होगी जोर से इतन खाने के बाद. मेरा भी पी ले."
मेरे मुंह में मूतने के बाद आर्या मैडम ओम्धी लेट गई. "चढ. जा बेटे अपनी मैडम पर और मार ले गांड, इतनी मस्त होगी कि तुझे मजा आ जायेगा."
मैं भी तुरंत आर्या मैडम पर चढकर उनकी गांड मारने लगा. उस मुलायम गीली और तपती गांड में मेरा लंड ऐसा गया जैसा मक्खन में छुरी. इस बीच सोनिया मैडम ने भी आर्या मैडम के सामने बैठ गई और अपनी चूत उनसे चुसवाने लगी.
मैं झड़ा तो ऐसा कि करीब करीब बेहोश हो गया. लगता था कि जान ही निकल गयी हो. मुझे उसी हालत में सहारा देकर दोनों चुदैले बेडरूम में ले गई और कल की ही तरह मुझे अपनी ब्रेसियरो से बांध कर पलंग पर आराम करने के लिये पटक दिया. फ़िर वे नाश्ते को चली गई. में बेहद थक गया था पर मजा भी इतना आया था कि उस बाथरूम वाले सीन को याद करके मैं फ़िर कामना से भरने लगा. जब दोनों रंडियाँ वापिस आयी तब तक मेरे लंड में फ़िर गुदगुदी शुरू हो गयी थी.
नाश्ते के बाद चुदाई फ़िर शुरू हुई. सोनिया मैडम ने आज एक नया डिल्डॊ निकाला. वह पहले से छोटा था फ़िर भी बुर के बाहर का भाग छह इम्च लंबा और डेढ. इंच मोटा था, करीब करीब मेरे लंड जितना ही बड़ा. मैं सोच रहा था कि आज सोनिया मैडम शायद इस छोटे डिल्डो से आर्या मैडम को भोगेंगी पर उन्हों ने डिल्डो बस पास के टेबल पर रख दिया.
दोनों मिलकर फ़िर तरह तरह की लेस्बियन रति क्रीडाओ में लग गई. खेल खेल में आर्या मैडम की चप्पल उतारकर सोनिया मैडम ने मेरे मुंह पर रख दी. "ले चाट बेटे, मजा कर, जब तक मैं अपनी इस सहेली के साथ आनंद लेती हूँ. आज का इनाम तो तुझे बाथरूम में ही मिल गया. पर कल तू झड़ा था ना बिना इजाजत के, उसकी सजा अभी बाकी है"
हाथ पैर बंधे होने से मैं चप्पलें पकड तो नहीं सकता था पर फ़िर भी जैसा हो सके मैंने उन्हें खूब चूमा और चाटा. मुंह में लेकर दांतों में पकड़कर उन्हें चबाया भी. मजा आ गया. इस सारे कार्य से मेरा लंड फ़िर धीरे धीरे खड़ा हो गया.
सोनिया मैडम ने फ़िर आर्या मैडम को मुझ पर चढ. कर कल जैसा चोदने को कहा. वे तब तक मुझे फ़िर अपनी गांड और चूत चुसवाती रहीं. आधे घंटे में मेरी हालत कल जैसी हो गयी. आर्या मैडम को उकसा कर सोनिया मैडम ने खूब ज़ोरों से मुझे चुदवाया. वे शायद मुझे झड़ाना चाहती थी कि और बड़ी सजा मुझे देने का मौका मिले. पर मैं किसी तरह यह मीठी मार सहता रहा और उशा मैडम की चूत चूसता रहा.
जब दोनों कई बार झड चुकी तो आखिर सोनिया मैडम ने आर्या मैडम को उठाया और वेसलीन लाने को कहा. मैं समझ गया कि अब डिल्डो बाजी शुरू होने को है. अपने तन्नाये लंड को उचकाता हुआ मैं सोनिया मैडम द्वारा आर्या मैडम की गांड मारी जाने का सीन देखने का इंतज़ार करने लगा. पर वेसलीन क्यों जरूरी है यह मुझे समझ में नहीं आ रहा था. कल तो उन्हों ने बिना वेसलीन के ही अपनी सहेली की मार ली थी.
पर जब सोनिया मैडम मुझे ओम्धा पलटाकर मेरे गुदा में वेसलीन चुपड़ने लगी तो मैं डर और एक अजीब वासना से सिहर उठा. तुरंत समझ गया कि आज मेरे साथ क्या होने वाला है. सोनिया मैडम ने अब डिल्डॊ को भी वेसलीन लगाया और फ़िर उसे मेरे गुदा में घुसेडने लगी. मैंने कभी अपनी गांड में कुछ नहीं डाला था, अपनी उँगली भी नहीं. इसलिये बहुत दर्द हुआ. "मैडम, प्लीज़, मेरी गांड मत मारिये, बहुत दुखता है." सोनिया मैडम ने मेरी एक न सुनी और डिल्डॊ घुसेडती रहीं.
मैं कराह उठा और गिड़गिड़ाने लगा. सोनिया मैडम ने आर्या मैडम की चप्पल उठायी और मेरे मुंह में ठूस दी. मेरा मुंह बंद हो गया. उन्हों ने जोर लगाकर आधी से ज्यादा चप्पल अंदर डाल दी. मैं गॉन्गियाने लगा. आर्या मैडम बोली. "अरे अरे, जरा रहम कर बेचारे पर, दम घुट जायेगा उसका."