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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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deeppreeti

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औलाद की चाह

264

CHAPTER 8-छठा दिन

मामा जी

अपडेट-50


क्या दृश्य है - एक्टिंग-जबरदस्ती का प्रयास बना लव सीन

निर्देशक ने कैमरा उठा लिया और फिर से मेरे भारी हिलते हुए स्तनों पर केंद्रित करना शुरू कर दिया था, जबकि श्री प्यारेमोहन ने मेरी आंतरिक जांघों को सहलाते हुए मेरे जुनून को भड़काना जारी रखा था। मैं महसूस कर सकती थी कि श्री प्यारेमोहन भी एक ऐसे बिंदु पर पहुँच रहे थे, जिसे वे अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते थे और वह अब निश्चित रूप से मुझे चोदने के लिए जुट रहा था क्योंकि उसने जबरदस्ती मेरे पैरों को अलग कर दिया और उनके बीच बैठ गया! ऐसी स्थिति में मुझे बहुत बुरा महसूस हुआ। यह निश्चित रूप से सबसे अजीब स्थिति थी जिसका मैंने कभी सामना किया था-मैं निर्वस्त्र लेटी हुई थी, एक आदमी मेरे पैरों के बीच बैठा था, कमरे में कई लाइटें जल रही थीं और एक आदमी मेरे ठीक ऊपर कैमरा लेकर खड़ा था!

कोई और रास्ता न देखकर मैंने उन्हें खुश करने के लिए एक आखिरी भावुक रास्ता अपनाया।

मैं: सुनो... कृपया मुझ पर कुछ दया करो... कृपया... मिस्टर प्यारेमोहन, आप एक शादीशुदा आदमी हैं... आपको समझना चाहिए... आप मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं? मेरा एक परिवार है...कृपया...मुझे छोड़ दो!

प्यारेमोहन: मैं तुम्हारे परिवार में शामिल हो जाऊंगा... हो सकता है कि 9 महीने बाद तुम मेरे बच्चे की माँ बनो... हा-हा हा...!

मैं: मैं आपसे विनती करती हूँ...मुझे छोड़ दो! । मैंने बिल्कुल वैसा ही किया जैसा आपने कहा था... मैंने इस शूटिंग के लिए सारे कपड़े उतार दिए हैं... आपने कहा था कि यह एक दुष्कर्म के प्रयास के **** दृश्य के फिल्मांकन का प्रयास है... लेकिन अब आप... कृपया मुझे जाने की अनुमति दें... प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो!

मेरे गालों पर आँसू बहने लगे।

प्यारेमोहन: हमने आपके विश्वास का कोई उल्लंघन नहीं है प्रिय! दुष्कर्म करने की कोशिश अभी पूरा नहीं हुया है! मैं इसे ठीक से समाप्त करूँगा! हो-हो हो...!

मेरा गला सूख रहा था और मेरी उंगलियाँ ठंडी हो रही थीं क्योंकि अब मुझे एहसास हो रहा था कि मैं परेशानी में हूँ। शूटिंग के दौरान मुझे जो गहन उत्साह और प्रसन्नता महसूस हुई थी, वह पूरी तरह से वाष्पित हो गई थी और अब मैं अपने साथ एक दुष्कर्म होने के डर से घिर गयी थी! मैं अच्छी तरह से महसूस कर सकती थी कि इस दुकानदार पर विश्वास करना और एक दुष्कर्म के प्रयास वाले दृश्य की शूटिंग के लिए सहमत होना मेरी ओर से एक बड़ी मूर्खता थी। जिस तरह से मैंने इन पुरुषों के सामने अपने बदन को उजागर किया और उन्हें अपने शरीर को छूने की अनुमति दी, वह निश्चित रूप से एक बूमरैंग की तरह काम कर रहा था आवर अब मुझे लग रहा था कि मैं बुरी तरह से फस गयी थी। साफ़ दिख रहा था और यह अब मेरे लिए बहुत स्पष्ट और स्पष्ट था कि शूटिंग की कहानी सिर्फ निर्वस्त्र करने के लिए बनाई गई थी, जो श्री प्यारेमोहन मुझे चोदने के लिए यही योजना बनायीं थी!

प्यारेमोहन: आहा! उह! क्या चुत हैं रे! मुझे यकीन है यह स्वीट और मजेदार होगा!

वह आगे झुका और अपना मुँह मेरे पेट के नीचे ले गया तब तक ले गया जब तक कि उसने अपने होंठ मेरी भगनासा पर नहीं फेरे और फिर धीरे से मेरी चूत को चूम लिया! और मैं जोर से कराह उठी ।

मैं: नहींउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ उउउउउउउउउउउउउहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह!

मिस्टर प्यारेमोहन अब मेरी चूत को सूँघ रहे थे! वह मुझे वहाँ चूम रहा था! वह मेरी दरार की दीवारों को चाट रहा था! स्पर्श इतना विद्युतीय था कि मैं अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख सकी और स्वेच्छा से अपनी जांघो का क्षेत्र उसके चेहरे पर टिका दिया!

श्री मंगेश: वाह! क्या निशाना है! बढ़िया चल रहा है! (उसने कैमरा बिल्कुल मेरी चूत पर घुमाया) मुझे भी आपकी मदद करने दीजिए!

कह कर वह अपनी थ्री क्वार्टर पैंट के बटन खोलने लगा! ये देख कर मैं बहुत हैरान हो गयी । उसकी योजना क्या थी? क्या वह दोनों मिलकर मुझे चोदेंगे? अरे नहीं! क्या करु? निर्देशक ने अपनी पैंट फर्श पर गिरा दी। उसने सफ़ेद कच्छा पहना हुआ था जिसमें से उसका तना हुआ लंड एकदम उभरा हुआ दिख रहा था। बिना एक पल भी बर्बाद किए उसने अपना कच्छा नीचे खींच लिया और अपनी पहले से ही खड़ी मर्दानगी को बहुत ही अश्लील तरीके से मेरे सामने प्रदर्शित किया। अब मेरी नंगी जवानी के चारों ओर खड़े लटकते लंड वाले दो पुरुष थे!

श्री मंगेश: इसे चखें रश्मी... आप अधिक ऊर्जा से भर जायेंगी! हा-हा हा...!

चूँकि मेरे हाथ मेरे सिर के ऊपर बंधे हुए थे, इसलिए मैं इस बेहद घिनौनी हरकत का विरोध नहीं कर सकी और डायरेक्टर ने एक हाथ में अपना कड़क लंड पकड़ लिया और मेरे चेहरे के बिल्कुल करीब आ गया। उसने सबसे पहले अपने गर्म मांस को मेरे गालों पर छुआ और दबाया और यह अहसास बहुत कामुक था! हालाँकि मैं इस घटनाक्रम से स्तब्ध थी, फिर भी मैं उसके नंगे लंड को मेरे गालों पर छूने को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकी। मैं क्षण भर के लिए अपनी "कब्जा कर ली गई" अवस्था को भूल गयी!

मैं: उउउउउउउउउउउउ... आआआआआआआ!

निर्देशक अब शरारती ढंग से अपना लंड मेरी नाक और होंठों पर दबा रहा था और हालाँकि मैंने अपना सिर झटका देकर इससे बचने की कोशिश की, लेकिन वह जबरदस्ती ऐसा कर रहा था। उसके लंड की खुशबू मुझे बहुत परिचित लग रही थी-बिल्कुल मेरे पति के लंड जैसी! यह कैसे हो सकता है? क्या सभी पुरुष लंडों की गंध ऐसी ही होती है? मैं अच्छी तरह से महसूस कर सकती थी कि श्री प्यारेमोहन और श्री मंगेश की यौन उत्तेजना की इस दोहरी खुराक के कारण मैं फिर से कमजोर हो रही थी और ज्यादा विरोध करने में असमर्थ थी।

इस बीच, मिस्टर प्यारेमोहन ने मेरी चूत को सूंघना बंद कर दिया था और मेरी गीली योनि में एक उंगली डाल दी थी! मैं और विरोध नहीं कर पायी और तरह-तरह की कराहें निकालने लगी और अब इस दोहरे हमले से आसानी से चरम की ओर बढ़ रहा था।

मैं: ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह हाईए हाय अह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह उफ्फ्फ! एईईयययय एईई!

खुद को आरामदायक रखने के लिए मेरे पैर अपने आप ही चौड़े हो रहे थे और मैं अब पूरी तरह से उसके लिए खुली हुई थी और उसकी दया पर निर्भर थी।

डायरेक्टर भी शायद इसी पल का इंतज़ार कर रहा था और उसने मौका देखकर अपना लंड सीधा मेरे मुँह में पेल दिया! मैं यौन रूप से इतना उत्तेजित हो गया था कि मैं अब और विरोध नहीं कर सकी और स्वेच्छा से इसे अपने मुँह में ले लिया। श्री मंगेश ने अपने कूल्हों को आगे पीछे हिलाते हुए चुदाई की मुद्रा का अनुकरण करना शुरू कर दिया ताकि मेरे लिए उनके खड़े लंड को चूसना आसान हो जाए।

मैं: ऊऊऊऊऊ... ऊऊऊऊ... ऊऊऊ... आआआ... आआआ... आआआआ... गलप्प्प गलप सुदड़पपप! आह उम्मम्मम!

जब वह अपनी लंबी मर्दानगी से मेरे मुँह को चोद रहा था तो मैं लयबद्ध रूप से कराह रही थी। मैं इसे लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और निश्चित रूप से एक असली वेश्या की तरह दिख रही थी, जिसमें एक आदमी मेरी चूत में उंगली कर रहा था और दूसरे ने अपना लंड मेरे मुँह में डाला हुआ था। यह वास्तव में एक बहुत ही नए तरह का अनुभव था, लेकिन मुझे निश्चित रूप से यह नापसंद नहीं था! आनंद बहुत ज्यादा था! स्वाभाविक रूप से मैं तेजी से सांस ले रही थी और मेरे बड़े स्तन ऊपर-नीचे हो रहे थे क्योंकि मैं इस अविश्वसनीय यौन सेटिंग में परमानंद में छटपटा रही थी।

सबसे मज़ेदार बात यह थी कि जब निर्देशक मेरा मुँह चोद रहा था तब भी उसने एक हाथ से कैमरा अपने कंधे पर रखा हुआ था! श्री प्यारेमोहन निश्चित ही अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे थे। उसने अब मुझे ऊँगली करना बंद कर दिया और अपने हाथ ऊपर बढ़ाकर मेरे बड़े स्तनों को पकड़ लिया और अपने शरीर को चरमोत्कर्ष के लिए रख दिया। उसने मेरे स्तनों को इतनी जोर से दबाया मानो रोटी बनाने के लिए आटा गूंथ रहा हो। उसका क्रूर बल बहुत अच्छा लग रहा था और अजीब तरह से मुझे जंगली महसूस हो रहा था! उसने मेरे सूजे हुए निपल्स को सहलाना शुरू कर दिया, लेकिन इस बार यह सुनिश्चित कर लिया कि वह विशेष रूप से मेरे बाएँ निपल के प्रति बहुत कोमल था! हालाँकि मेरे बाएँ निपल में वास्तव में दर्द हो रहा था, लेकिन उसके गर्म छोटे स्पर्शों ने मुझे बेहतर महसूस कराया!

में: आआआआआआअअअअअअह्ह्ह्हहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह!

इस बीच पूरे समय मैं मिस्टर मंगेश का लंड चूस रही थी और आख़िरकार उन्होंने बहुत ज़्यादा उत्तेजित होकर मेरे मुँह से अपना लंड वापस निकाल लिया। उनके लंड का लाल सिरा मेरे चेहरे के सामने हवा में लटकता हुआ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था, क्योंकि श्री मंगेश शायद अपना "नियंत्रण" सुनिश्चित करने के लिए उत्सुकता से उसे सहला रहे थे।

मैं: उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़! आह्ह्ह्ह!

मैं महसूस कर सकती थी कि मेरे अंदर एक बहुत ही तीव्र कामोन्माद उमड़ रहा है और मैं आग की लपटों में घिर गयी थी। स्वाभाविक रूप से चरमोत्कर्ष मेरे अंदर पल भर में विकसित हो रहा था और मेरे द्वारा की गई अधिक जरूरी हांफने और आवाजों से इसे महसूस करते हुए, श्री प्यारेमोहन ने बहुत जल्दी खुद को चुदाई के लिए तैयार कर लिया। उसने मेरे पैरों को उचित तरीके से अलग कर दिया ताकि वह आराम से मेरे अंदर "प्रवेश" कर सके। मैं जोर-जोर से कराह रही थी और उत्तेजना में छटपटा रही थी।

मैं: उउउउउउउउउ... प्लीज मेरे हाथ खोलो... मैं इसे ऐसे नहीं सह सकती प्लीज!

फिर मैंने पहली बार बिना किसी शर्त के उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

श्री मंगेश: आप हमसे क्या चाहती हैं?

मैं: मेरे हाथ खोलो... आआआआआआअह्हह्हह! कृपया... मैं उसे पकड़ना चाहती हूँ...।

श्री मंगेश: हे! अवश्य रश्मी! क्यों नहीं!

निर्देशक ने तुरंत मेरे हाथ खोल दिए और जैसे ही मेरी बाहें आज़ाद हुईं, मैंने मिस्टर प्यारेमोहन को बहुत कसकर गले लगा लिया। उसे पकड़ना बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि मुझे एहसास हो रहा था कि वह अपना लंड मेरी योनि में घुसाने वाला है।

मैं: प्लीज... भगवान के लिए... मुझे और इंतज़ार मत कराओ! (मैंने उसके कान में फुसफुसाया)

मैं वस्तुतः यौन भावनाओं पर अपने नियंत्रण के अंतिम बिंदु पर पहुँच गयी थी। सच तो यह है कि मैं अब चुदाई के लिए मरी जा रही थी!

श्री प्यारेमोहन भी मेरे नग्न शरीर को इतनी देर तक सहलाने और पुचकारने के बाद मुझमें प्रवेश करने के लिए समान रूप से उत्सुक थे! उसने मुझे तीव्रता से चूमना शुरू कर दिया और साथ ही अपनी मर्दानगी को मुझमें "प्रवेश" करने के लिए उचित रूप से तैनात किया। कुछ ही सेकंड में मैं महसूस कर सकती थी कि उसका लिंग सिर मेरे प्यार के स्थान पर चुभ रहा था और जैसे-जैसे वह दबाव बढ़ा रहा था, वह धीरे-धीरे मेरी अत्यधिक गीली योनि में प्रवेश कर रहा था और फिर एक ज़ोरदार झटके के साथ उसने अपना तना हुआ औज़ार मेरे अंदर अच्छी तरह से सरका दिया!

मैं: आआआआआआआआआआईईईईई! आआआआआआआआआआआआआआआ! आआआह!

यह मेरे लिए बहुत रोमांचक और आरामदायक था कि उसका खड़ा हुआ कड़ा पुरुषत्व मेरी योनि के अंदर प्रवेश कर रहा था। जैसे ही उसने अपने लंड को इंच दर इंच मेरे अंदर धकेला, उसने मुझे जोर से चूमा और मेरे स्तन उसकी छाती के नीचे कसकर दब गए।

मैं: आआआआआआआआआआआआआआआआआ! ऊऊऊऊऊऊऊउउउउउइइइइइइइइइइ!

श्री प्यारेमोहन का लंड मुझे स्वर्गीय आनंद देने के लिए काफी मोटा था और उनके झटके काफी कठोर और जोरदार थे, जिससे मेरी साँसें अटक जाती थीं। मैंने इस उम्र में भी उनकी कमर की ताकत और उनके ऊर्जा स्तर की सराहना की! मैं बस रोमांचित थी! कुछ ही जोरदार झटकों में उसने अपना पूरा लंड मेरी योनि में घुसा दिया और मुझे यौन आनंद की नई ऊंचाइयों पर ले गया! हाय! क्या भावना थी! कितना मजा!

उसने मेरे चौड़े कूल्हों को अपने हाथों से पकड़ लिया और धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा। उसने मुझे जोश से चूमा और मैं खुद को दुनिया के शिखर पर महसूस कर रही थी ! मेरे ठोस स्तनों के साथ खेलने के लिए उसके हाथ धीरे-धीरे हमारे शरीर के अंदर रेंगने लगे और मैंने भी पूर्ण आनंद के लिए अपने कूल्हों को उसके साथ-साथ हिलाना शुरू कर दिया। कुछ मिनट तक अपने लंड को अन्दर-बाहर करने के बाद उसने गति बढ़ा दी।


जारी रहेगी
 
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hny24

नए साल की हार्दिक शुभकामनाये !
नया साल आपके जीवन में सभी अच्छी चीजें लेकर आये.!
 

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औलाद की चाह

265

CHAPTER 8-छठा दिन

मामा जी

अपडेट-51


एक्टिंग- प्रेम पूर्वक सेक्स !

मैं वस्तुतः यौन भावनाओं पर अपने नियंत्रण के अंतिम बिंदु पर पहुँच गयी थी । सच तो यह है कि मैं अब चुदाई के लिए मरी जा रही थी !श्री प्यारेमोहन भी मेरे नग्न शरीर को इतनी देर तक सहलाने और पुचकारने के बाद मुझमें प्रवेश करने के लिए समान रूप से उत्सुक थे! उसने मुझे तीव्रता से चूमना शुरू कर दिया और साथ ही अपनी मर्दानगी को मुझमें "प्रवेश" करने के लिए उचित रूप से तैनात किया। कुछ ही सेकंड में मैं महसूस कर सकती थी कि उसका लिंग सिर मेरे प्यार के स्थान पर चुभ रहा था और जैसे-जैसे वह दबाव बढ़ा रहा था, वह धीरे-धीरे मेरी अत्यधिक गीली योनि में प्रवेश कर रहा था। और फिर एक ज़ोरदार झटके के साथ उसने अपना तना हुआ औज़ार मेरे अंदर अच्छी तरह से सरका दिया!

मैं: आआआआआआआआआआईईईईई! आआआआआआआआआआआआआआआ! आआआह!

यह मेरे लिए बहुत रोमांचक और आरामदायक था कि उसका खड़ा हुआ कड़ा पुरुषत्व मेरी योनि के अंदर प्रवेश कर रहा था। जैसे ही उसने अपने लंड को इंच दर इंच मेरे अंदर धकेला, उसने मुझे जोर से चूमा और मेरे स्तन उसकी छाती के नीचे कसकर दब गए।

मैं: आआआआआआआआआआआआआआआआआ! ऊऊऊऊऊऊऊउउउउउइइइइइइइइइइ!

श्री प्यारेमोहन का लंड मुझे स्वर्गीय आनंद देने के लिए काफी मोटा था और उनके झटके काफी कठोर और जोरदार थे, जिससे मेरी साँसें अटक जाती थीं। मैंने इस उम्र में भी उनकी कमर की ताकत और उनके ऊर्जा स्तर की सराहना की! मैं बस रोमांचित थी ! कुछ ही जोरदार झटकों में उसने अपना पूरा लंड मेरी योनि में घुसा दिया और मुझे यौन आनंद की नई ऊंचाइयों पर ले गया! हाय ! क्या भावना थी ! कितना मजा !

उसने मेरे चौड़े कूल्हों को अपने हाथों से पकड़ लिया और धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा। उसने मुझे जोश से चूमा और मैं खुद को दुनिया के शिखर पर महसूस कर रही थी ! मेरे ठोस स्तनों के साथ खेलने के लिए उसके हाथ धीरे-धीरे हमारे शरीर के अंदर रेंगने लगे और मैंने भी पूर्ण आनंद के लिए अपने कूल्हों को उसके साथ-साथ हिलाना शुरू कर दिया। कुछ मिनट तक अपने लंड को अन्दर-बाहर करने के बाद उसने गति बढ़ा दी।

मैं: ऊऊऊ... आआआ.... आआआ.... ऊऊऊऊउ... आआआ आआआआआ हहहहह !

अब मैं सारी शर्म और झिझक छोड़कर इस आदमी के साथ पूरा आनंद ले रही थी - मानो वह मेरा पति हो! मैं पूरी ताकत से कराह रही थी और चिल्ला रही थी क्योंकि मिस्टर प्यारेमोहन अब तेज़ी से चुदाई कर रहे थे..

"और तेज़...! और तेज़.. ! ".

मैं महसूस कर सकती थी कि उसका लंड अंदर जाते समय मेरी चूत की दीवारों से टकरा रहा था। यह एहसास बिल्कुल मन को झकझोर देने वाला था! मैं सचमुच बहुत प्रभावित हुई कि इस उम्र में भी वह मुझे एक अच्छी तरह से चिकनाई लगी मशीन की तरह चोद रहा था। मेरे भारी मम्मे अब बहुत कामुकता से हिल रहे थे क्योंकि उसने गति बढ़ा दी थी। उसने मेरे स्तनों को दोनों हाथों से पकड़ा और उनकी हरकत को नियंत्रित किया और मेरी ओर देखकर मुस्कुराया।

जाहिर है मैं उसके सिर पर लहराते बालों को पकड़कर मुस्कुराना बंद नहीं कर सकी । स्पष्ट था की मुझे मजे आ रहे थे और मैं उत्तेजित थी .

,ऐन : अह्ह्ह ! जोर से करो ! करते रहो !

वह अब और नीचे झुका और मेरे स्तनों को धीरे से पकड़ लिया और उन्हें एक-एक करके चूसने लगा। जवाब में मैंने उसे कसकर गले लगा लिया और अपने कूल्हों को उसके साथ-साथ बहुत सटीकता से हिलाया। मैं उसकी चुदाई पर बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया देने लगी . मैंने अपने हाथ लाकर उसकी सपाट छाती पर फेरे और उसके छोटे-छोटे कठोर निपल्स को सहलाया। उन्हें चुटकी बजाना बहुत "अच्छा" लगा!

मिस्टर प्यारेमोहन : आआआआआआआ अअअअअअअ गगगगगगगगगगगररररररररर !

मैंने उसकी पीठ को भी सहलाया और उसके कसे हुए नितंबों को महसूस किया और उस क्षेत्र में थप्पड़ मारा और मांसपेशियों को मसला। मेरे पति को मुझे चोदते समय अपने चूतड़ों पर थप्पड़ खाना बहुत पसंद है। शुरू में मुझे बहुत शर्म महसूस हुई . हम दोनों अब प्रेमपूर्वक चुदाई कर रहे थे, मुझे शुरू में थोड़ा अटपटा लगा था लेकिन बाद में ऐसा करने में बहुत मजा आया. मैंने बिल्कुल वैसा ही किया जैसा मैं अपने पति के साथ करती हूं और श्री प्यारेमोहन ने ज़ोर से चिल्लाकर इसका स्वागत किया।

मैं : उउउउउउउउउउउउ उउउउउ उउउउउउ उउउउउउउउ उउउउउउइइइइइइ उउउउउ उउउउउउउ उउउउउउउ उउउउउउउ आआअह्ह्ह ओह्ह्ह !

मैं सबसे तेज़ और लंबे समय तक कराहती रही क्योंकि मैं अपने उत्कर्ष के करब थी और फट रही थी और मैं महसूस कर सकती थी कि श्री प्यारेमोहन भी स्खलन के लिए अकड़ रहे थे। कुछ और धक्कों के बाद उसने बहुत ज़ोर से आवाज़ निकाली

"आआआआआआआआआआआआआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह हहहहहह आआआआआआआआआ।"

और मैं उसे मेरे अंदर तक वीर्यपात करते हुए महसूस कर सकती थी । मैं पहले से ही बहुत अधिक मात्रा में रिसाव कर रही थी और अब मैंने चरमोत्कर्ष पर पहुँचते हुए अपना सारा रस अपने अंदर उसके मांस पर छिड़क दिया। वह अपने कूल्हों को बहुत तेज गति से इधर-उधर हिला रहा था क्योंकि मैं उसके गर्म वीर्य को अपनी योनि की दीवारों पर छिड़कता हुआ महसूस कर सकती थी। मेरा पूरा शरीर पीछे की ओर झुक गया और मैं कांप रही थी क्योंकि मैं भी जोर से डिस्चार्ज हो रही थी। हम दोनों की सांसें बहुत तेज चल रही थीं और एक दूसरे से चिपके हुए थे.


मैं: उउउ उउउउउउउ उउउउउउ उउउउउउ उउउउ उउउउउउउउआहहह उईईई

प्यारेमोहनः ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह्ह्ह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह!

फिर मिस्टर प्यारेमोहन मेरे ऊपर निश्चल लेटे रहे क्योंकि उन्होंने अपना सारा वीर्य मेरी चूत के अंदर ही निकाल दिया था और मेरा वीर्य भी पूरी तरह से निकल चुका था। मैं बहुत, बहुत संतुष्ट थी ! मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और उस पल का आनंद ले रहा थी !

मुझे नहीं पता था कि मैं कितनी देर तक वहां पड़ा रही . जब मुझे श्री प्यारेमोहन की पहली हरकत महसूस हुई जब उन्होंने अपने शरीर को मुझसे दूर करने की कोशिश की ।

प्यारेमोहन: (फुसफुसाते हुए) मैडम, आप बहुत खूबसूरत हैं! मैं बहुत संतुष्ट हूँ आपकी चूत बहुत टाइट है!

मैंने अपनी आँखें हल्की सी खोलीं और मुस्कुराया। मैं बहुत संतुष्ट महसूस कर रही थी !

प्यारेमोहन: और तुम्हारे ममे ... उह! इतने दृढ़ और सघन! काश मेरी पत्नी के पास ये होते...

मैं फिर पलकें झुका कर मुस्कुरायी .

प्यारेमोहन: मैडम.... आपके सेक्सी होंठ...ऊऊहहह...! वाह क्या चीज हो आप ! मस्त . शानदार और महा सेक्सी !

उसने धीरे से मेरे निचले होंठ को अपने मोटे होंठों में लेकर अपने मुँह बंद कर लिया और बहुत धीरे से उसे चूसने लगा।

श्री मंगेश: प्यारेमोहन जी... प्यारेमोहन जी! कृपया उठें बहुत देर हो चुकी है!

प्यारेमोहन: (होंठ खोलकर) ओह! हां हां!

जब मिस्टर प्यारेमोहन मुझे चोद रहे थे तो मैं कमरे में डायरेक्टर की मौजूदगी को पूरी तरह से भूल गयी थी। मुझे तुरंत होश आ गया. श्री प्यारेमोहन ने धीरे-धीरे अपना शरीर सोफे से उठाया, स्पष्ट रूप से थके हुए लग रहे थे, और अंततः सोफ़े से बाहर निकले। मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मैंने अपनी नग्नता को छुपाने के लिए अपनी बाहों को हिलाने की भी परवाह नहीं की और पूरी तरह से निर्वस्त्र होकर सोफे पर आराम करती रही, मेरे बड़े ठोस स्तन छत की ओर इशारा कर रहे थे और मेरे पैर काफी दूर-दूर थे जिससे मेरी योनि दोनों पुरुषों को दिखाई दे रही थी। कमरे में मौजूद. इसके अलावा, मेरी बालों वाली चूत और जाँघें मिस्टर प्यारेमोहन के वीर्य से रंगी हुई थीं।

प्यारेमोहन का चिपचिपा वीर्य और मुझे तुरंत वहां पूरी तरह से सफाई की जरूरत थी।

प्यारेमोहन: लेकिन... लेकिन हमें अनुक्रम पूरा करना होगा कम से कम विज्ञापन को ठीक से समाप्त करने की आवश्यकता है।

मैं होश में वापस आ रही थी और श्री प्यारेमोहन जो जिक्र कर रहे थे वह वास्तव में मेरे लिए थोड़ा आश्चर्यजनक था! मुझे पूरा यकीन था कि यह पूरा घटनाक्रम मेरा पूरा शोषण करने के लिए एक योजनाबद्ध घटना थी, लेकिन जब से वह मुझे चोदने के बाद भी शूटिंग को बात पर वापस लौट आया, मैं फिर से संशय में थी।

श्री मंगेश: अवश्य! लेकिन उसके लिए (उसने मेरी ओर इशारा किया) मैडम का सहयोग चाहिए होगा .

प्यारेमोहन: ज़रूर! ज़रूर! (वह मेरे करीब आया) मैडम, आपके सहयोग के लिए धन्यवाद। यदि आप थोड़ी और सहायता करें तो हमारा विज्ञापन पूरा हो जायेगा।

स्वाभाविक रूप से दोनों पुरुष मेरी नंगी जवानी को देख रहे थे और मैंने तुरंत अपना सिर उठाया और किसी आवरण की तलाश की। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सदियों से नग्न हूँ!

निर्देशक ने तुरंत मेरा पेटीकोट मेरी ओर बढ़ा दिया और मैंने सोफे पर बैठते ही उसे तुरंत अपने हिलते हुए स्तनों और अपने जघन क्षेत्र के ऊपर रख लिया।

मैं: क्या अभी भी कुछ बाकी है? मेरा मतलब है...


प्यारेमोहन: मैडम, ये विज्ञापन का आखिरी हिस्सा नहीं है... निर्देशक ने उनसे काम ले लिया है।

श्री मंगेश: रश्मी, देखो मुझे स्पष्ट कारणों से वास्तविक संभोग को संपादित करना होगा... और किसी भी तरह से मैं विज्ञापन में तुम्हें नग्न नहीं दिखा सकता...!

इसलिए रील से एक बड़ा हिस्सा हटाना होगा... लेकिन विज्ञापन को पूरा करने के लिए मुझे निश्चित रूप से विज्ञापन के नट के फिल्मनाकेँ की आवश्यकता है जहां नायक आपको बचाते हुए हमारे ब्रांड के अंडरवियर पहनकर प्रवेश करता है।

मैं: ओह! मैं यह पूरी तरह से भूल गयी थी ...

श्री मंगेश: बिल्कुल स्वाभाविक!

हम सभी मुस्कुराये और स्वाभाविक रूप से मेरे चेहरे पर लालिमा छा गयी। हालाँकि मैं काफी थक गयी थी , लेकिन चूँकि मैं चुदाई से काफी संतुष्ट था इसलिए मेरा मन बहुत खुश था और इसलिए मैं विज्ञापन को समाप्त करने के लिए अंतिम भाग शूट करने के लिए तुरंत सहमत हो गयी ।

मिस्टर मंगेश: रश्मी, क्या तुम पहले ... धोना चाहोगी?

मैं: हाँ... हाँ... बिल्कुल!

श्री मंगेश: तो फिर आप कृपया जल्दी से शौचालय का उपयोग करें, लेकिन जल्दी से।

श्री प्यारेमोहन: हाँ मैडम, आपके मामा-जी औरअंकल आपका इंतज़ार कर रहे होंगे।


मैं: ऊऊऊह हाँ! हे भगवान! मामा जी !

मैं तो चुदाई के मजे में मामा जी और अंकल को भूल ही गई थी! मैं तुरंत सोफ़े से उतर गई और अपने ढीले पेटीकोट को अपनी नग्न आकृति के ऊपर पकड़कर शौचालय की ओर भागी।

मिस्टर मंगेश: रश्मी, रश्मी...


जारी रहेगी
 
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266

CHAPTER 8-छठा दिन

मामा जी

अपडेट-52


एक्टिंग-विज्ञापन के अंतिम भाग की शूटिंग की तयारी!

श्री मंगेश: अवश्य! लेकिन हमे विज्ञापन अंतिम भाग की शूटिंग के लिए (उसने मेरी ओर इशारा किया) मैडम का सहयोग चाहिए होगा ।

प्यारेमोहन: ज़रूर! ज़रूर! (वह मेरे करीब आया) मैडम, आपके सहयोग के लिए धन्यवाद। यदि आप थोड़ी और सहायता करें तो हमारा विज्ञापन पूरा हो जायेगा।

स्वाभाविक रूप से दोनों पुरुष मेरी नंगी जवानी को देख रहे थे और मैंने तुरंत अपना सिर उठाया और किसी आवरण की तलाश की। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सदियों से नग्न हूँ!

निर्देशक ने तुरंत मेरा पेटीकोट मेरी ओर बढ़ा दिया और मैंने सोफे पर बैठते ही उसे तुरंत अपने हिलते हुए स्तनों और अपने जघन क्षेत्र के ऊपर रख लिया।

मैं: क्या अभी भी कुछ बाकी है? मेरा मतलब है...!

प्यारेमोहन: मैडम, ये विज्ञापन का आखिरी हिस्सा नहीं है... निर्देशक ने बोला है।

श्री मंगेश: रश्मी, देखो मुझे स्पष्ट कारणों से वास्तविक संभोग को संपादित करना होगा... और किसी भी तरह से मैं विज्ञापन में तुम्हें नग्न नहीं दिखा सकता...!

इसलिए रील से एक बड़ा हिस्सा हटाना होगा... लेकिन विज्ञापन को पूरा करने के लिए मुझे निश्चित रूप से विज्ञापन के नट के फिल्मनाकेँ की आवश्यकता है जहाँ नायक आपको बचाते हुए हमारे ब्रांड के अंडरवियर पहनकर प्रवेश करता है।

मैं: ओह! मैं यह पूरी तरह से भूल गयी थी ...

श्री मंगेश: बिल्कुल स्वाभाविक!

हम सभी मुस्कुराये और स्वाभाविक रूप से मेरे चेहरे पर लालिमा छा गयी। हालाँकि मैं काफी थक गयी थी, लेकिन चूँकि मैं चुदाई से काफी संतुष्ट था इसलिए मेरा मन बहुत खुश था और इसलिए मैं विज्ञापन को समाप्त करने के लिए अंतिम भाग शूट करने के लिए तुरंत सहमत हो गयी।

मिस्टर मंगेश: रश्मी, क्या तुम पहले ... धोना चाहोगी?

मैं: हाँ... हाँ... बिल्कुल!

श्री मंगेश: तो फिर आप कृपया जल्दी से शौचालय का उपयोग करें, लेकिन जल्दी से।

श्री प्यारेमोहन: हाँ मैडम, आपके मामा-जी औरअंकल आपका इंतज़ार कर रहे होंगे।

मैं: ऊऊऊह हाँ! हे भगवान! मामा जी!

मैं तो चुदाई के मजे में मामा जी और अंकल को भूल ही गई थी! मैं तुरंत सोफ़े से उतर गई और अपने ढीले पेटीकोट को अपनी नग्न आकृति के ऊपर पकड़कर शौचालय की ओर भागी।

मिस्टर मंगेश: रश्मी, रश्मी...!

मैंने शौचालय के दरवाज़े से बाहर झाँका।

श्री मंगेश: अरे! इस शॉट के लिए आप अपनी पोशाक ले लें ताकि हम निरंतरता न खोएँ। यह कहते हुए उसने मुझे मेरे साइज़ की एक ताज़ा ब्रेसियर और पैंटी दे दी।

मैं: बस! बस इतना ही? मेरा मतलब है... बस यही?

चूँकि चुदाई ख़त्म हो चुकी थी, सभी वयस्क महिलाओं की तरह, मैं भी अब नग्न या अर्धनग्न रहने की बिल्कुल भी इच्छुक नहीं थी और ठीक से कपड़े पहनना चाहती थी।

श्री मंगेश: आपका बलात्कार होने वाला है और फिर नायक आपको बचाने आता है तो जाहिर है आपको अपने जरूरी सामान पहनने की जरूरत है। यही है ना?

मैं उसकी बात समझ गयी और बातचीत को लम्बा नहीं बढ़ाया और दरवाज़ा बंद कर लिया। मैंने अपनी चिपचिपी ऊपरी जाँघों के साथ-साथ अपनी योनि को भी धोया। मैंने अपना मुँह और हाथ धोये और वह अंडरगारमेंट्स पहने और टॉयलेट से बाहर आ गयी। मैं अब सचमुच जल्दी में थी क्योंकि मुझे पूरा एहसास था कि मामा जी और राधेश्याम अंकल नीचे मेरा इंतजार कर रहे थे।

श्री मंगेश: ठीक है, आप दोनों अपनी पिछली पोजीशन ले लीजिए। प्यारेमोहन-जी, आप रश्मी के ऊपर लेट जाइए और मैं अभी आकर आपको सोफे से बाहर निकाल दूँगा। अच्छा? आपकी भूमिका यही समाप्त हो जाती है। आप सॉरी ... करते हैं...आप बस यह सुनिश्चित करें कि आप कैमरे के रास्ते में न आएँ (उन्होंने कैमरे को ऑटो मोड में स्टूल पर रखा) ठीक है?

अब डायरेक्टर ने मेरी तरफ देखा।

श्री मंगेश: और रश्मी, चूँकि यह आदमी जो तुम्हें बचाने के लिए आता है, वास्तव में तुम्हारा पति है, तो जब तुम मुझे अपनी बात समझाते हुए देखती हो तो तुम्हें वह उत्सुकता दिखानी होगी?

मैं: हाँ, हाँ। इसमें कितना समय लगेगा?

मैं वास्तव में अब इस अध्याय को समाप्त करने के लिए बहुत उत्सुक थी।

मिस्टर मंगेश: ज्यादा नहीं मुश्किल से 5-10 मिनट।

मैं: ठीक है! कृपया सुनिश्चित कीजिये कि मुझे यहाँ और अधिक समय नहीं बिताना पड़े। मुझे पहले ही बहुत देर हो चुकी है।

श्री मंगेश: यह पूरे दृश्य की सिर्फ एक छोटी-सी अगली कड़ी है, मैंने आपको बताया था कि आपको बचा लिया गया है और आप वापस अपने पति की बाहो में आएंगे ...थोड़ा-सा गले लगाना और सहलाना, बस इतना ही!

मैं: जी!

श्री मंगेश: मैंने कैमरा ऑटो मोड में रखा है...!

प्यारेमोहन जी और मैं अपनी मूल स्थिति में वापस आ गए थे-मैं सोफे पर लेटी हुई थी और प्यारेमोहन जी मेरे शरीर के ठीक ऊपर थे। मुझे अब ब्रा और पैंटी पहनने में काफी सहजता महसूस हो रही थी, हालाँकि मैं मानसिक रूप से इन दो पुरुषों के सामने नग्न रहने की आदी हो चुकी थी क्योंकि शूटिंग एक लंबी, चरण-दर-चरण प्रक्रिया थी!

प्यारेमोहन जी: हम तैयार हैं...!

श्री मंगेश: (एक सफेद बनियान (= बनियान) और एक सफेद चड्डी (= कच्छा) में अद्भुत गतिशीलता से अपने कपड़े बदलते हुए) बढ़िया! एक्शन!

श्री प्यारेमोहन फिर से मेरे ऊपर झुके और यह महसूस करते हुए कि हम इस शूटिंग में उनकी भूमिका के अंत तक पहुँच चुके हैं और उन्हें अब मुझे छूने का मौका नहीं मिलेगा, उन्होंने मेरे ब्रा से ढके हुए कसे हुए स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें धीरे से निचोड़ कर महसूस करना शुरू कर दिया। । इस समय तक स्वाभाविक रूप से मेरे निपल्स अपने मूल छोटे आकार में वापस आ गए थे, हालाँकि कुछ हद तक सूजे हुए थे क्योंकि मैंने केवल अंडरवियर और ब्रा पहनी थी और मेरे शरीर का अधिकांश भाग खुला हुआ था।

प्यारेमोहन की उंगलियाँ मेरे स्तनों पर दब गईं, मुझे एहसास हुआ कि मेरे निपल्स फिर से सख्त और फूल गए थे!

अभी मैं उस पर ध्यान केंद्रित ही कर पाई थी कि तभी मैंने देखा कि मिस्टर मंगेश सोफे पर कूद पड़े और मिस्टर प्यारेमोहन को लात मारकर मेरे शरीर से धक्का देने लगे। उन्होंने थोड़ी देर तक विरोध करने का नाटक किया, लेकिन अंततः कद्दू की तरह सोफे से लुढ़क गए और मिस्टर मंगेश ने उनका पीछा किया और उन्हें इस तरह मुक्का मारने का नाटक किया कि मिस्टर प्यारेमोहन कैमरे की रेंज से बाहर हो गए।

मिस्टर मंगेश तुरंत मेरे पास वापस आए और सोफे के पास खड़े हो गए और मैं भी अपनी लेटने की स्थिति से उठी और अपने भारी शरीर के साथ केवल एक छोटी-सी ब्रा और एक छोटी-सी पैंटी से ढके हुए एक बेहद सेक्सी दृश्य पेश करते हुए खड़ी हो गई! निर्देशक मेरे करीब आने के लिए बहुत उत्सुक लग रहा था और उसने मेरे सेक्सी फिगर को बहुत कसकर पकड़ लिया।

मैं: क्या अभी भी कुछ बाकी है? मेरा मतलब है... !

प्यारेमोहन: मैडम, विज्ञापन का आखिरी हिस्सा नहीं है...!

निर्देशक ने प्यारेमोहन का स्थान ले लिया।

आख़िरकार वह मेरा पति ही था जिसने मुझे मेरे साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे एक दरिंदे से मुझे बचाया है!

मिस्टर मंगेश अपने दोनों हाथों से मेरी चिकनी नंगी पीठ को महसूस कर रहे थे और जैसे ही उन्होंने मुझे गले लगाया तो मेरे मजबूत स्तन उनकी बेहद सपाट छाती पर कसकर दब गए। तुरंत करंट की एक धारा मानो मेरे पूरे शरीर से होकर गुज़री और मेरी त्वचा के रोम-रोम को सचेत कर दिया! लेकिन सच कहूँ तो मैं फिर से उत्तेजित होने के मूड में नहीं थी क्योंकि जिस तरह से मिस्टर प्यारेमोहन ने मुझे चोदा उससे मैं काफी संतुष्ट थी। इसके अतिरिक्त, लंड चूसने वाला प्रकरण भी बहुत सामयिक और उचित था, जिसने वास्तव में मेरे जुनून को एक विस्फोटक चरमोत्कर्ष तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया था। हालाँकि यह चुदाई गुरु-जी की तरह महान और मन-उड़ाने वाली नहीं थी, लेकिन यह निश्चित रूप से आजकल मुझे अपने पति से जो मिलती है, उससे अधिक भावुक थी। मैं वास्तव में कारण के बारे में निश्चित नहीं थी-क्या यह इस अजीब स्थिति और एक अलग पुरुष के लंड चूसने के संयुक्त प्रभाव के कारण था जो मुझे नहीं चोद रहा था या कुछ और!


जारी रहेगी
 
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CHAPTER 8-छठा दिन

मामा जी

अपडेट-53


एक्टिंग-विज्ञापन का अंतिम भाग!

मिस्टर मंगेश तुरंत मेरे पास वापस आए और सोफे के पास खड़े हो गए और मैं भी अपनी लेटने की स्थिति से उठी और अपने भारी शरीर के साथ केवल एक छोटी-सी ब्रा और एक छोटी-सी पैंटी से ढके हुए एक बेहद सेक्सी दृश्य पेश करते हुए खड़ी हो गई! निर्देशक मेरे करीब आने के लिए बहुत उत्सुक लग रहा था और उसने मेरे सेक्सी फिगर को बहुत कसकर पकड़ लिया।

मैं: क्या अभी भी कुछ बाकी है? मेरा मतलब है...

प्यारेमोहन: मैडम, विज्ञापन का आखिरी हिस्सा नहीं है...

निर्देशक ने प्यारेमोहन का स्थान ले लिया।

आख़िरकार वह मेरा पति ही था जिसने मुझे मेरे साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे एक दरिंदे से मुझे बचाया है!

मिस्टर मंगेश अपने दोनों हाथों से मेरी चिकनी नंगी पीठ को महसूस कर रहे थे और जैसे ही उन्होंने मुझे गले लगाया तो मेरे मजबूत स्तन उनकी बेहद सपाट छाती पर कसकर दब गए। तुरंत करंट की एक धारा मानो मेरे पूरे शरीर से होकर गुज़री और मेरी त्वचा के रोम-रोम को सचेत कर दिया! लेकिन सच कहूँ तो मैं फिर से उत्तेजित होने के मूड में नहीं थी क्योंकि जिस तरह से मिस्टर प्यारेमोहन ने मुझे चोदा उससे मैं काफी संतुष्ट थी। इसके अतिरिक्त, लंड चूसने वाला प्रकरण भी बहुत सामयिक और उचित था, जिसने वास्तव में मेरे जुनून को एक विस्फोटक चरमोत्कर्ष तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया था। हालाँकि यह चुदाई गुरु-जी की तरह महान और मन-उड़ाने वाली नहीं थी, लेकिन यह निश्चित रूप से आजकल मुझे अपने पति से जो मिलती है, उससे अधिक भावुक थी। मैं वास्तव में कारण के बारे में निश्चित नहीं थी-क्या यह इस अजीब स्थिति और एक अलग पुरुष के लंड चूसने के संयुक्त प्रभाव के कारण था जो मुझे नहीं चोद रहा था या कुछ और!

दुर्भाग्य से, श्री मंगेश की कुछ और ही योजनाएँ थीं! मैं अपनी चूत और पैंटी पर उसकी चड्ढी के माध्यम से उसके बहुत तने हुए लंड की थपथपाहट और उसकी गर्म सांसें अपने पूरे चेहरे पर महसूस कर सकती थी। जब मिस्टर प्यारेमोहन मेरे शरीर पर थे तब मैं उनके लंड को काफी देर तक चूस चुकी थी और मैं उसके आकार से अच्छी तरह परिचित हो चुकी थी। सोफे की नरम सतह पर खड़े होकर संतुलन बनाए रखने के लिए मुझे श्री मंगेश को गले लगाना पड़ा और उन्होंने शायद इसे मेरी ओर से एक सकारात्मक प्रतिक्रिया के रूप में लिया और मैंने जल्द ही पाया कि उन्होंने अपने हाथों को मेरी नंगी पीठ से हटा दिया है और उन्होंने अब मेरा चेहरा ऊपर की ओर पकड़ लिया है। उसके हाथ। इससे पहले कि मैं ठीक से उसकी आँखों में देख पाता, उसने मेरे होंठों को छू लिया और मेरे निचले होंठों को अपने होंठों के बीच ले लिया।

स्स्स्स्स! मेरे होठों पर शायद अभी भी मिस्टर प्यारेमोहन की लार थी और अब मुझे कोई दूसरा आदमी चूम रहा था! मैंने फिर से उत्तेजित न होने की पूरी कोशिश की और यह कहकर अपने मन को सांत्वना दी कि निश्चित रूप से इसका अंत होना चाहिए क्योंकि उसने पहले ही शरारती नौकर को बाहर निकाल दिया था और मुझे बचा लिया था, लेकिन...

...लेकिन दृश्य जारी रहा!

जब मिस्टर मंगेश ने मेरे होठों को चूमा तो उनके हाथ मेरे चेहरे से मेरे कंधों तक और फिर नीचे मेरे स्तनों तक आ गये! मुझे वास्तव में किसी भी अधिक यौन उत्तेजना में कोई दिलचस्पी नहीं थी, बल्कि मैं मामा-जी और अंकल के पास वापस जाने के लिए उत्सुक थी। लेकिन मैंने देखा कि मिस्टर मंगेश ने पहले ही मेरी ब्रा के ऊपर से मेरी दूध की टंकियों को मजबूती से पकड़ लिया था और उन्हें मसलना शुरू कर दिया था। मैंने अपने होंठ उसके मुँह से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन ऐसा करने में असमर्थ रही क्योंकि वह मुझे कसकर चूम रहा था। मेरे अंतरंग अंगों को इतने करीब से चूमने और सहलाने से मुझे फिर से अत्यधिक उत्तेजना होने लगी थी। यह वास्तव में ये फिल्मांकन मेरे लिए कुछ ज्यादा ही खिंच रहा था और ठीक उसी समय आगे किसी भी तरह की यौन उत्तेजना पाने की मेरी अनिच्छा धीरे-धीरे खत्म होने लगी थी!

मैं: ओह! नहीं! फिर नहीं!

मैं पीछे की ओर झुक रही थी क्योंकि श्री मंगेश ने मुझ पर अपने शरीर का दबाव बढ़ा दिया था क्योंकि वह सीधे मेरे स्तनों को सहला रहे थे और मैं स्वाभाविक रूप से अपने घुटनों में कमजोरी महसूस कर रही थी और तो और मिस्टर प्यारेमोहन से चुदवाने के बाद मुझे 10 मिनट का भी आराम नहीं मिला। लेकिन...लेकिन क्या हो रहा था?

मैं महसूस कर सकता थी कि श्री मंगेश का शरीर बहुत अकड़ रहा है और मैं अच्छी तरह से जानती थी कि जब कोई पुरुष इस स्थिति से गुजरता है। मुझे इस पर बहुत गुस्सा आया और मुझे पूरी तरह पता था कि वह क्या कर रहा है? वह मुझे अपनी आंखों के सामने चुदते हुए देखकर बेहद उत्तेजित हो गया होगा और मेरे लंड चूसने से उसे बहुत आनंद आया होगा और अब मुझे सामने से गले लगाने से वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया होगा और वह अपने वीर्य को स्खलित होने से रोक पाने की स्थिति में नहीं था।

वह मुझ पर काफ़ी झुक गया और उसके शरीर का पूरा दबाव व्यावहारिक रूप से मुझ पर था! मिस्टर मंगेश मेरे स्तनों को बहुत जोर से दबा रहे थे और मेरे होंठों को इतनी जोर से काट रहे थे कि मुझे लग रहा था कि मेरा खून निकल जायेगा। मेरे घुटनों में काफी कमजोरी महसूस हो रही थी और चूंकि सोफे की सतह नरम और असमान थी, इसलिए मैंने अपना नियंत्रण खो दिया और सोफे पर गिर पड़ी और श्री मंगेश ने भी स्वाभाविक रूप से ऐसा ही किया। जैसे ही हम सोफे की क्षैतिज सतह पर उतरे, वह बेताब होकर मेरी पैंटी को मेरी कमर से नीचे खींचने की कोशिश कर रहा था और मेरी चूत को उजागर करने की कोशिश कर रहा था। वह पहले से ही उत्तेजना में कांप रही थी और मैं उस समय उसकी शारीरिक स्थिति और इरादों को स्पष्ट रूप से समझ सकती थी।

जाहिर तौर पर मैं इस बात से बहुत परेशान हो गई थी कि अब क्या हो रहा है क्योंकि निर्देशक मेरी योनि में स्खलन करने की कोशिश कर रहा था और मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। क्या मैं सिर्फ एक सेक्स खिलौना थी या ये सब । इन लोगों ने मुझे क्या समझा हुआ था? अब मैं कैसे किसी दूसरे आदमी को उसकी यौन इच्छा को पूरा करने के लिए अपनी योनि में अपना लंड डालने की इजाजत दे सकती हूँ! बिलकुल नहीं! क्या मैं इतना सस्ती थी या चालु थी या वैश्या या फिर रंडी? क्या मुझमें कोई स्वाभिमान नहीं था? पहले जब मैंने समझौता किया था तो उसके पीछे एक निश्चित तर्क था-मेरे पास वह रुपये नहीं थे। मुझे 2000 / -वापस करने थे, लेकिन अभी? मैंने अपनी सभी भावनाओं को समाप्त कर दिया और चिल्ला पड़ी।

मैं: ईई... ईआई! यह क्या है? आप मुझे क्या समझते है? एह? एक वेश्या या क्या? मैं श्री मंगेश पर लगभग चिल्लायी। वह स्वाभाविक रूप से अचंभित हो गया।

मैं: मेरे शरीर से हटो! तुम गंदे प्राणी!

वास्तव में मैंने उसे अपने शरीर से बाहर निकाल दिया; यह स्पष्ट रूप से संभव नहीं होता अगर श्री प्यारेमोहन होते, लेकिन निर्देशक का शरीर काफी नाजुक था और मैं उनसे आसानी से छुटकारा पाने में सक्षम थी।

मैं: (मिस्टर प्यारेमोहन की ओर देखते हुए) आप दोनों, मिस्टर मंगेश, मिस्टर प्यारेमोहन मुझे क्या समझते हैं? प्यारेमोहन जी मैं आपकी बात से सहमत थी और यह आदमी कौन है? मैं अच्छी शर्तों पर सोचकर इस भाग के लिए सहमत हुई थी और अब यह आदमी मेरे को निर्वस्त्र करने की कोशिश कर रहा है! (मैंने अपनी योनि को ठीक से ढकने के लिए अपनी पैंटी ऊपर खींची क्योंकि वह पहले से ही मेरी जांघो से नीचे थी!) सिर्फ इसलिए कि मेरे पास पैसे नहीं थे और मैं शूटिंग के लिए तैयार हो गयी, आपने पूरी चीज़ का मज़ाक बना दिया! अगर मैं पुलिस के पास जाऊँ और आप पर वास्तविक दुष्कर्म के प्रयास * का आरोप लगाऊँ, तो आप क्या करेंगे? एह? अपना शेष जीवन जेल में बिताओगे? एह? मुझे जवाब दें? हुंह! आपकी ये दूकान बंद होने में समय नहीं लगेगा! आप ऐसा करते हैं ये जान कर आपके पास कोई महिला ग्राहक नहीं आएगी ।

मैं बुरी तरह से चिल्ला रही थी-मेरे बड़े गोल स्तन मेरी ब्रा में जकड़े हुए भी चिल्लाते समय ज़ोर से झटके खा रहे थे! श्री प्यारेमोहन निश्चित रूप से थोड़ा हिले हुए दिखाई दिए और उन्होंने फर्श की ओर देखा और निर्देशक शायद अपने जीवन की सबसे अजीब स्थिति में थे-वह और अधिक नियंत्रण नहीं कर सके और मेरे चिल्लाने के दौरान उनका स्खलन हो गया और वे अपने हाथों से अपने ब्रीफ की रखवाली कर रहे थे और छिपाने की कोशिश कर रहे थे। वह। लेकिन मैं साफ़ देख सकती थी कि उसका सफ़ेद कच्छा पल-पल गीला होता जा रहा था, क्योंकि उसके लंड से रस बाहर निकल रहा था। यह बहुत ज़्यादा अजीब दृश्य था! किसी की डांट सुन कर उनका लंड स्खलित हो रहा था ।

मैं: जरा उसे देखो! इस्स्सश! तुम गंदे सुअर! मिस्टर प्यारेमोहन, इसे बाहर निकालो, क्या तुम मेरी बात सुन रहे हो? मुझे बाहर करो! उफ़! जेल जाना है तुम्हे? मामा जी को बताऊँ? क्या होगा तुम्हारा ? क्या इज्जत रह जायेगी तुम्हारी ?

प्यारेमोहन: हाँ... सॉरी हाँ मैडम।

जैसे ही वह निर्देशक को शौचालय में गया, मैंने देखा कि वह चल रहा था और साथ-साथ स्खलन कर रहा था, क्योंकि चलते समय उसका शरीर झुक रहा था और दर्द हो रहा था। यह सचमुच एक अविश्वसनीय दृश्य था!

फिर श्री प्यारेमोहन ने मेरे कपड़े इकट्ठे किये-मेरी ब्रा, मेरी पैंटी, मेरा पेटीकोट, मेरा ब्लाउज और मेरी साड़ी।

प्यारेमोहन: मैडम, हो सके तो मुझे माफ़ कर देना। मुझे ज्यादा कुछ नहीं कहना है...!

वह फर्श की ओर देख रहा था। इस बीच निर्देशक ऐसे चुप था जैसे उसने सांप सूंघ लिया हो।

प्यारेमोहन: मैडम, मुझे 2 मिनट दीजिए, मैं आपकी साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज को ड्रायर से सुखा दूंगा। मैं तुम्हें अपने गीले अंडरगारमेंट्स पैक करने के लिए एक कैरी बैग दूंगा। आप कृपया कपड़े पहन लें और फिर हम नीचे आपके मामा जी के पास चलेंगे।

मैं: भगवान के लिए. जल्दी करो! आप मुझे सुन रहे हैं?

प्यारेमोहन: हाँ, हाँ मैडम।

शुक्र है कि वह 5 मिनट के भीतर वापस आ गया और मैंने आख़िरकार अपने पूरे कपड़े पहन लिए! इतने लंबे समय के बाद कितनी राहत मिली! जैसे-जैसे समय बीत रहा था और मैं पूरी तरह से अपने होश में आ रही थी, मुझे यह एहसास करके और अधिक शर्म महसूस हो रही थी कि मैं शूटिंग के दौरान कितनी बेशर्म और निर्भीक थी, हालाँकि मैं इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकती थी कि मैंने दुकानदार द्वारा मुझे चोदने का पूरा आनंद लिया था।

मैं जल्दी से मिस्टर प्यारेमोहन के साथ नीचे गयी जहाँ मामा जी मेरा इंतज़ार कर रहे थे।


जारी रहेगी
 
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macssm

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Ekdam sahi and dhansu update diya hai deepreeti ji.... 💦💦💦💦💦💕💕💦👙👙👙👙💦💦💦💦💦💦
 

bhagya077

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Please continue the story and updates
 

deeppreeti

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CHAPTER 8-छठा दिन

मामा जी

अपडेट-54


कुछ देर राहत के पल

शुक्र है कि मिस्टर प्यारेमोहन कपडे सूखा कर 5 मिनट के भीतर वापस ले कर आ गया और मैंने आख़िरकार अपने पूरे कपड़े पहन लिए! इतने लंबे समय के बाद कितनी राहत मिली! जैसे-जैसे समय बीत रहा था और मैं पूरी तरह से अपने होश में आ रही थी, मुझे यह एहसास करके और अधिक शर्म महसूस हो रही थी कि मैं शूटिंग के दौरान कितनी बेशर्म और निर्भीक थी, हालाँकि मैं इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकती थी कि मैंने दुकानदार द्वारा मुझे चोदने का पूरा आनंद लिया था।

तैयार हो कर मैं जल्दी से मिस्टर प्यारेमोहन के साथ नीचे गयी जहाँ मामा जी मेरा इंतज़ार कर रहे थे। किसी भी अन्य वयस्क महिला की तरह मैं भी सेक्स के बाद अपने शरीर की गतिविधियों को लेकर बहुत सचेत थी। मैं अपनी चूत में स्पष्ट रूप से चिर परिचित चिपचिपाहट महसूस कर रही थी और चलते समय मैं अनजाने में अपने कूल्हों को सामान्य से थोड़ा अधिक हिला रही थी। मुझे अपनी ब्रा के नीचे भी काफी कसाव महसूस हो रहा था क्योंकि संभोग के बाद मेरे स्तनों का आकार बड़ा हो गया था। हालाँकि मामा जी ने बड़े भाव से मेरा स्वागत किया।

मैं भी बहुत सामान्य रूप से मुस्कुरायी लेकिन मैं अंदर से काफी कठोर थी क्योंकि अभी मेरा बदन सम्भोग के बाद सामान्य नहीं हुआ था। मेरे ओंठ अभी भी सूख रहे थे और मैं सामान्य व्यवहार करने के लिए बार-बार अपनी जीभ से अपने होठों को गीला कर रही थी और इस तरह मानो अभी भी श्री प्यारेमोहन के होठों का स्वाद अपने होठों पर ले रही थी ।

मामा जी: ओह! तुम औरतें साड़ी की दुकान में इतना समय लगाती हो और बहूरानी भी तुम भी अन्य महिलाओ से अलग नहीं हो! ... हे-हे हे...!

मैं: (प्यार से मुस्कुराते हुए) हाँ... सॉरी मामा जी ... वास्तव में मुझे अपने माप के कपड़े प्राप्त करने में कुछ समय लगा... मेरा मतलब है कि सही फिटिंग प्राप्त करने से है।

मामा जी: ठीक है... ठीक है! मैं बिल्कुल भी ऊब नहीं रहा था, लेकिन तुम्हारे चाचा अब और नहीं रुक सकते थे क्योंकि उन्हें कुछ कामों के लिए घर वापस जाना था। लेकिन चिंता न करें, उन्होंने यहाँ बिल का भुगतान कर दिया है। हा-हा हा...!

जब काउंटर सेल्सगर्ल ने मुझे रंग-बिरंगे कैरी बैग दिए तो मैं मुस्कुरायी।

प्यारेमोहन: मैडम, हमारे स्टोर पर आने के लिए धन्यवाद और कृपया जब आप दोबारा यहाँ आएँ तो जरूर आएँ। ही-ही ही! ...

उस आदमी की बात सुनकर मेरा पूरा शरीर तुरंत चिढ़ गया-मैंने उन्हें घूर कर देखा! फिर भी, लेकिन चूँकि मामा-जी वहाँ मौजूद थे, इसलिए मैंने किसी तरह खुद को नियंत्रित किया और फिर मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ उन्हें सिर हिलाया। जब वह मुझसे बात कर रहा था तब भी कमीने की नज़र अभी भी मेरे स्तनों पर थी और मुझे उस दुकान से हमेशा के लिए बाहर निकलने पर बहुत राहत मिली।

हम परिणीता स्टोर से निकले और जौहरी के पास गए। उस दुकान से मामा जी ने मेरे लिए सोनेके कर्णफ़ूलो की एक बहुत अच्छी जोड़ी खरीदी। निश्चित रूप से किसी भी महिला की तरह मैं भी नए सोने के आभूषण प्राप्त होने से बेहद खुश थी और इसके अलावा, मैं पहले से ही परिणीता स्टोर में अनुभव की गई उस सेक्सी "शूटिंग" के बाद हल्का और प्रसन्न महसूस करते हुए दिल से बहुत संतुष्ट थी। हमें पहले ही देर हो चुकी थी और मामाजी दोपहर के भोजन के लिए जल्दी करने लगे। हम तेजी से घर वापस चले गए और पैक लंच हमारा इंतजार कर रहा था, क्योंकि मामा-जी ने होम डिलीवरी सेवा से लंच का ऑर्डर पहले ही दे दिया था। अंकल अपने घर लौट गए ।

मामा जी: बहूरानी, तुम पहले स्नान कर लो, मैं प्लेट आदि की व्यवस्था कर दूँगा।

मैं: अरे... नहीं, नहीं मामा जी... मेरे होते हुए तुम्हें यह सब क्यों करना चाहिए!

मामा जी: बहुरानी, तुम तो मेरी मेहमान हो... साथ ही तुम यहाँ नई हो...!

मैं: मामा जी... आप भी ना! जो भी क्रॉकरी वगैरह चाहिए वह किचन में ही होनी चाहिए... मैं ढूँढ लूंगी ... आप बिल्कुल भी चिंता न करें।

मामा जी: हम्म... ये सच है। अच्छा तब! चलो एक काम करते हैं! तुम यहाँ शौचालय का उपयोग करो और मैं छत के शौचालय का उपयोग करूँगा। इस तरह हम जल्दी से एक साथ दोपहर के भोजन के लिए तैयार हो सकते हैं। मुझे बहुत भूख लगी है!

मैं: (मुस्कुराते हुए) हाँ, मामा जी! ऐसा किया जा सकता है।

मामा जी ने मुझे एक ताज़ा सूखा तौलिया दिया और बताया कि यदि आवश्यकता हो तो गर्म पानी कैसे मिलेगा और फिर ऊपर के बाथरूम में नहाने चले गए। मैंने अपने साथ तौलिया और कैरी बैग जिसमें मेरे गीले अंडरगारमेंट्स थे, ले जाकर दरवाज़ा बंद कर दिया।

मैं: भगवान का शुक्र है!

मैंने अपनी ब्रा और पैंटी की जाँच की और वे अब लगभग सूखी थीं! मुझे बहुत राहत मिली क्योंकि मैं कुछ बाहरी अंडरगारमेंट्स पहनकर आश्रम वापस नहीं जाना चाहती थी, क्योंकि वे स्पष्ट रूप से कीटाणुरहित नहीं थे।

मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए क्योंकि मैं नहाने के लिए काफी उत्सुक थी क्योंकि मेरे पूरे शरीर पर श्री प्यारेमोहन के स्पर्श की "छाप" थी! उसका लम्बा चुंबन, उसका गहन स्नेह, उसका कठोर व्यवहार, उसका कस कर दबाना...उसके लिंग का स्पर्श और चुदाई, सब कुछ मेरे मन में इतनी सजीवता से जीवित था! जैसे ही मैंने अपने शरीर पर पानी डाला, मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और उस जादू से बाहर निकलने के लिए कुछ गहरी साँसें लीं। मैंने अपने शरीर पर अच्छे से साबुन लगाया और ऐसा करते समय मुझे एहसास हुआ कि मेरे बाएँ निपल में अभी भी बहुत दर्द हो रहा था, जिनसे श्रीमान प्यारेमोहन ने उस शूटिंग एपिसोड के दौरान ने बहुत ही अभद्र तरीके से छेड़छाड़ की। बदमाश! और मुझे जो मजा आया था उसे सोच मैं मुस्कुरायी! फिर मैंने नीचे अपने स्तनों की ओर देखा और ध्यान से जांच की और पाया कि मेरा बायाँ निपल निस्संदेह अधिक गुलाबी दिखाई दे रहा था और आसपास का घेरा भी गहरा दिख रहा था। मैंने अपनी उंगलियों से अपने निपल को हल्के से रगड़कर उस क्षेत्र को शांत करने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से इसका बूमरैंग प्रभाव पड़ा! बजाय सुखदायक प्रभाव के, मैंने देखा कि मेरे निपल्स फिर से खड़े हो गए और मुझे अपने स्तनों पर कसाव महसूस हो रहा था! मैं महसूस कर सकता थी कि उस बहुत लंबी कामुक शूटिंग का खुमार अभी भी मेरे शरीर पर था। मैंने तुरंत अपनी कार्यवाही रोक दी और अपना स्नान पूरा कर लिया।

स्नान पूरा कर मैं बहार आयी तो कुछ ही क्षण में माँ जी भी स्नान कर आ गये ।

मामा जी: ओह बढ़िया! बहुरानी! आपने स्नान जल्दी ही पूरा कर लिया!

मामा जी स्नान करके नीचे आये थे और ताज़ा बनियान और लुंगी पहने हुए थे। उनके बनियान से उनके शरीर का ऊपरी बालों वाला हिस्सा दिखाई दे रहा था।

मैं: हाँ। मामा जी मुझे भी बहुत भूख लगी है।

मामा जी ने मुझे रसोई दिखाई जहाँ पैक किया हुआ खाना रखा हुआ था।

मैं: आप बस डाइनिंग टेबल पर रुकिये ... मैं इसे एक मिनट में तैयार कर दूंगी!

मामा जी: ठीक है बहूरानी।

मुझे सब कुछ व्यवस्थित करने में मुश्किल से पाँच मिनट लगे।

मामा जी: अच्छा खाना, क्या कहती हो बहुरानी!

मैं: जरूर मामा जी!

हमने जल्दी से अपना दोपहर का भोजन समाप्त कर लिया क्योंकि हम दोनों काफी भूखे थे।

मामा जी: इस मिश्रित जूस को भी लो जो वे अपने लंच पैक के साथ देते हैं... यह एक अनोखा पाचक पेय है।

मैं (गले में पीते हुए) उम्म... बहुत स्वादिष्ट भी!


जारी रहेगी
 
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