• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


  • Total voters
    8
  • Poll closed .

deeppreeti

Active Member
1,708
2,344
144
परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
Last edited:

deeppreeti

Active Member
1,708
2,344
144
औलाद की चाह

269

CHAPTER 8-छठा दिन

मामा जी

अपडेट-55

खुजली भरी मुसीबत

मैंने डाइनिंग टेबल साफ़ की और हम बातें करने के लिए बालकनी पर बैठ गए। हमारी चर्चा मुख्य रूप से मौसम, शहरी जीवन आदि जैसे सामान्य विषयों पर घूम रही थी और लगभग 15-20 मिनट ही हुए थे कि हमने अपना दोपहर का भोजन पूरा कर लिया था कि मुझे अचानक सिरदर्द होने लगा! यह बहुत अजीब था क्योंकि मुझे शायद ही कभी सिरदर्द का अनुभव हुआ हो!

मामाजी: बहूरानी, तुम कुछ परेशानी में लग रही हो... क्या तुम ठीक हो? मैं: हाँ मामा जी... पर... मेरा मतलब है कि मुझे अचानक सिरदर्द हो रहा है!

मामा जी-शायद धूप बहुत तेज़ थी... और तुम गर्मी सहन नहीं कर सके. उम्म मुझे लगता है, बेहतर होगा कि आप अंदर जाकर आराम करें।

मैं: हाँ हाँ, इससे मदद मिल सकती है!

मुझे एहसास हुआ कि सिरदर्द की तीव्रता बढ़ती जा रही थी और मैं पूरी तरह से ठीक महसूस नहीं कर रही थी। मैं मामा जी के पीछे गयी और उन्होंने अपने शयनकक्ष में मेरे लिए बिस्तर तैयार किया।

मामा जी: मुझे लगता है कि अगर तुम थोड़ी देर यहीं लेट जाओगी तो तुम्हें अपने आप अच्छा महसूस होगा।

मैं: हाँ मुझे भी ऐसा लगता है...!

मामा जी ने मुझे बिस्तर पर लेटने में मदद की, लेकिन मुझे महसूस हो रहा था कि अब मुझे सिरदर्द के अलावा और अधिक असुविधा महसूस हो रही थी। मुझे अपने पूरे शरीर में खुजली महसूस हो रही थी और आराम महसूस करने के लिए मुझे अपनी बाहों को रगड़ना और रगड़ना पड़ रहा था। कुछ ही देर में मेरे पैरों में भी खुजली होने लगी और मुझे उठकर अपनी साड़ी के ऊपर से अपने पैरों को खुजलाना पड़ा! हालात आश्चर्यजनक रूप से तेजी से बदतर हो रहे थे! मैं अब अपने ब्लाउज के नीचे अपने हाथों के खुले हिस्से पर कुछ लालिमा भी देख सकती थी।

मामा जी: क्या हो रहा है बहुरानी? क्या यह आपको किसी प्रकार की एलर्जी है?

मैं: नहीं...नहीं, मैं नहीं...उफ़! (हाथ खुजलाते हुए) मुझे कोई-कोई एलर्जी नहीं है!

मामा जी: फिर? आपके हाथों पर स्पष्ट लाली है... मुझे जांचने दीजिए... !

वह बिस्तर पर बैठ गया और मेरा दाहिना हाथ अपने हाथों में ले लिया।

मामाजी: तुम्हें गर्मी लग रही है बहूरानी! आपका तापमान बढ़ रहा है और क्या आपको बुखार हो रहा है या क्या?

मैं: मैं नहीं जानती मामा जी.। ...मुझे नहीं पता कि मुझे पहले कभी इस तरह से कोई अलेर्जी नहीं हुई है!

मामा जी: हम्म... मैं भी हैरान हूँ! क्या करें?

मैं: क्या ... से हो सकता है आआह! (बुखार से अपने हाथ-पैर खुजलाते हुए) ... खाने में किसी बस्तु से मामा जी?

मामा जी: लेकिन... लेकिन ऐसा होता तो मुझे भी ऐसी ही एलर्जी होती। यही है ना?

मैं: ठीक है, ठीक है! उउउउउउउफ़्फ़! बहुत खुजली हो रही है! आह! लेकिन आप बिल्कुल ठीक हैं!

फिर... मामा जी: तुम लेट जाओ... मुझे तुम्हारे पैर रगड़ने दो... तुम्हें बेहतर महसूस होगा!

मैं: नहीं... नहीं... मामा जी... आप प्लीज़ मेरे पैर मत छुओ... मुझे पाप लगेगा ... उफ़! (झुककर घुटने खुजाते हुए) ...! आप मुझे बड़े हो! ...

मामा जी: ओहो! जैसा मैं कहता हूँ वैसा ही करो! मैं देख सकता हूँ कि आप बहुत असुविधा में हैं और ..!

उन्होंने मुझे वस्तुतः बिस्तर पर धकेल दिया और मेरी साड़ी के ऊपर से ही मेरे पैरों को मसलना और दबाना शुरू कर दिया। मामाजी जैसे बुजुर्ग रिश्तेदार से मेरे पैरों की मालिश करवाना मुझे इतना अजीब लगा कि मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया। लेकिन खुजली और झुनझुनी का एहसास तीव्रता और गंभीरता में बढ़ रहा था और मैं बेचैन हो रही थी।

मामा जी: क्या मैं उन जगहों पर थोड़ा पानी लगा दूं और देखूं कि क्या इससे तुम्हें कुछ आराम मिलता है?

मैं-नहीं, नहीं मामा जी, ठीक है... मैं सहन कर सकती हूँ।

मामा जी ने शुरू में मेरे पैरों को अपनी उंगलियों से मेरे घुटनों से नीचे की ओर रगड़ना और धीरे से खरोंचना शुरू कर दिया था, लेकिन अब मैंने देखा कि वह मेरे सुडौल पैरों से ऊपर की ओर ले जा रहे थे! मुझे पहले से ही उस बुजुर्ग आदमी द्वारा मेरे पैर छूने पर बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी, लेकिन अगर वह मुझे मेरी एड़ियों के ऊपर रगड़ते तो यह भी बहुत अशोभनीय लग रहा था।

मैं: मामा जी... मैं कुछ बेहतर महसूस कर रही हूँ... बहुत-बहुत धन्यवाद!

मामा जी: ठीक है... क्या मैं तुम्हारी बाहों के लिए भी ऐसा ही करूँ?

मैं: वह तो मैं खुद ही कर रही हूँ! उफ्फ्फ...!

मामा जी: लेकिन इस समस्या का कोई स्रोत तो होना ही चाहिए! समझ नहीं आ रहा हम क्या कर सकते हैं...!

मैं: उर्रीई! आहा! आहा!

मामा जी: क्या हुआ बेटी?

मैं: मुझे... जकड़न महसूस हो रही है उफ्फ्फ!

मामा जी: जकड़न? कहाँ?

मैं इतना असहज महसूस कर रहा था कि मैं बिस्तर पर बैठ गयी! मामा जी ने मेरी टाँगें मसलना बंद कर दिया था और आगे आ गये थे।

मैं: आआआह! यह... यह एक बहुत ही अजीब एहसास है... मेरी छाती ओह!

मामा जी: (मेरे सुविकसित परिपक्व स्तनों को देखते हुए) सीने में जकड़न? हे भगवान! तो फिर यह कुछ गंभीर होगा! इस्स...मेरी नौकरानी भी बाहर है...नहीं तो...!

मैं: आह (अभी भी लगातार मेरे पूरे शरीर को खरोंच रहा है) उससे क्या फर्क पड़ सकता है?

मामा जी: अरे... कम से कम वह तुम्हारे स्तनों की मालिश तो कर सकती थी! पर क्या करूँ?

क्या मैं डॉक्टर को बुलाऊँ?

मैं लगातार अपने हाथों और शरीर के ऊपरी हिस्से को खुजा रही थी और सीने में जकड़न का अनुभव कर रही थी। हालाँकि जकड़न ज़्यादा नहीं थी, लेकिन बेचैनी ज़रूर थी। मेरे अंदर जरूर कुछ हो रहा था। ये खुजली क्यों हो रही थी। मुझे बिलकुल समझ नहीं आ रही थी कि मेरे शरीर में ऐसी प्रतिक्रिया क्यों हो रही थी!

समय के साथ चीजें मेरे लिए बहुत बोझिल होती जा रही थीं क्योंकि मुझे मेरी गांड स्तनों और चूत के अंदर भी खुजली होने लगी थी! मैं फिर से बिस्तर पर लेट गई और अपने मांसल नितंबों को बिस्तर की सतह पर रगड़कर खुद को आराम देने की कोशिश कर रही थी, लेकिन इससे मुझे कोई राहत नहीं मिल रही थी। मुझे कुछ राहत पाने के लिए अपने स्तनों को भी मसलना और दबाना पड़ा। ये अजीब जकड़न फिर भी परेशान कर रही थी; मैं जानती थी कि मामा जी के सामने अपने स्तनों की स्वयं मालिश करना बहुत अजीब लग रहा था, लेकिन मेरे पास ऐसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

मामा जी: बहुरानी! ये अचानक क्या हो गया? ईश! बिल्कुल लाल लग रही हो बहूरानी!

मैं: मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा है मामा जी... !

मामा जी: नहीं! मुझे डॉक्टर को बुलाने दो... मैं तुम्हें इस तरह नहीं देख सकता!

मामा जी बिस्तर से उतरे और दरवाजे की ओर बाहर तो तरफ मुड़े और जैसे ही मैंने यह देखा, मैंने तुरंत अपना हाथ सीधे अपने ब्लाउज के अंदर डाल दिया और अपने स्तनों की मालिश करना शुरू कर दिया और इस तरह यह निश्चित रूप से बहुत बेहतर महसूस हुआ। जकड़न और खुजली से कुछ हद तक राहत मिली। मैंने भी जल्दी से दोनों हाथों से अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी पूरी योनि को रगड़ा और खरोंचा क्योंकि मामाजी के वापस आने के बाद मुझे निश्चित रूप से ऐसा करने का मौका नहीं मिलेगा। खुजली मेरे पूरे शरीर में फैल गई थी और मैं बहुत असहाय महसूस कर रही थी। फिर मामा जी जल्दी ही वापस आ गये।

मैं: इश्श... मामा जी, मैं आपके लिए मुसीबत बन गयी हूँ! आपको इतनी तकलीफ देते हुए मुझे सच में बहुत दुख हो रहा है... अब आपको डॉक्टर को बुलाना होगा...!

मामाजी: मुसीबत! हुंह! बहूरानी, लगता है तुम अब भी मुझसे कुछ दूरी बनाए हुए हो और मुझे अपना नहीं मानती...!

मैं (अपनी जीभ बाहर निकालते हुए) : नहीं, नहीं मामा जी! यह निश्चित रूप से ऐसा नहीं है...!

मामा जी: तो फिर यह "मुसीबत" शब्द कहाँ से आया है? क्या आपके लिए आवश्यक कार्य करना मेरा कर्तव्य नहीं है?

मुझे उनके चेहरे से अंदाज़ा हो गया था कि मामा जी को शायद थोड़ा बुरा लगा है। आख़िर वह एक बुजुर्ग आदमी थे और मैं लगभग उनकी बेटी की उम्र की थी।

मैं: मामा जी अपने शब्दों के लिए माफी चाहती हूँ... ...आप मेरे साथ बहुत अच्छे रहे हैं! आआहह!

मामा जी: ठीक है बहुरानी! (वह नीचे आकर मेरे सिर के पास बैठ गये और मेरे माथे पर हाथ रखा) मैंने डॉक्टर को फोन कर दिया है। वह इसी इलाके में रहता है... इसलिए तुरंत यहीं आना चाहिए! डॉ दिलखुश। एक युवा होनहार डॉक्टर है।

मैं: ओह्ह आयी! मैं लगातार अपना बदन खुजा रही थी । ।

मामा जी: मुझे उसके लिए एक कुर्सी लाने दो। बहूरानी, तुम डॉक्टर के आने तक किसी तरह इस तकलीफ को बर्दाशत करो। बाद थोड़ी देर डाक्टर आता ही होगा!

मैंने सिर हिलाया और जैसे ही मामा जी कुर्सी लाने के लिए दूसरे कमरे में गए, मैंने तुरंत अपनी साड़ी अपने पैरों से उठा दी और अपनी जांघें खुजलाने लगी। ऐसा लग रहा था कि खुजली हर मिनट बढ़ती जा रही है! मेरी गोरी नग्न जांघें लाल दिखाई दे रही थीं और मुझे एहसास हो रहा था कि दाने / जलन ने मेरे पूरे शरीर को अपनी चपेट में ले लिया है। मेरी चिकनी जांघों पर एक या दो बहुत प्रमुख लेकिन छोटे लाल धब्बे भी थे और ऐसा लग रहा था जैसे उस क्षेत्र में खून की एक बूंद जम गई हो। जैसे ही मैंने अपनी जाँघों को जाँचा और रगड़ा, मैं बार-बार दरवाज़े की ओर देख रही थी कि क्या मामाजी वापस आ रहे हैं क्योंकि मैंने अपनी साड़ी को लगभग अपनी जाँघों के ऊपरी हिस्से तक ऊपर उठा लिया था और मेरे मोटे सुगठित पैर पूरी तरह से उजागर हो गए थे। इस छोटी-सी समय सीमा में मैंने जल्दी से अपना पल्लू गिराकर अपने स्तन भी चेक किये। वे मेरे ऊपरी स्तन के मांस पर एक या दो लाल बिंदुओं के साथ भी लाल दिखाई दिए। मैंने जल्दी से अपना दाहिना हाथ अपने ब्लाउज के अंदर डाला और अपने स्तनों को रगड़ा क्योंकि मुझे अपने निपल्स के बहुत करीब लगातार खुजली हो रही थी। मेरे स्तनों पर जकड़न का एहसास वास्तव में था, लेकिन अब उतना ज़्यादा नहीं है और जो सिरदर्द मुझे शुरू में हुआ था वह भी थोड़ा कम हो गया था।

जैसे ही मैंने मामा जी के कदमों की आहट सुनी, मैंने तुरंत अपनी साड़ी नीचे कर ली और अपने पैरों के ऊपर सीधी कर ली और अपना पल्लू भी ठीक कर लिया ताकि मेरे बड़े आकार के स्तन सामने से ठीक से ढके रहें।

मामाजी एक कुर्सी लेकर आये और जैसे ही उसे रख रहे थे, दरवाजे की घंटी बजने की आवाज आई।

मामा जी: आह डॉक्टर आ गए! वह तो डॉ. दिलखुश होगा! बस अब एक क्षण और रुको बहुरानी...! मैं देखता हूँ!

जारी रहेगी
 

macssm

Active Member
720
540
93
Wah... ab yahan Dr bhi or mamaji bhi yoni pooja kar lenge
Badhiya update diya hai 💦
 

deeppreeti

Active Member
1,708
2,344
144



औलाद की चाह

270

CHAPTER 8-छठा दिन

मामा जी और डॉक्टर

अपडेट-1

आरंभिक सामान्य जांच
इससे पहले वाले भाग में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के यौन उत्पीड़न के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए रश्मि के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ... वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

अब आगे-

जैसे ही मामा जी कुर्सी लाने के लिए दूसरे कमरे में गए, मैंने तुरंत अपनी साड़ी अपने पैरों से उठा दी और अपनी जांघें खुजलाने लगी। ऐसा लग रहा था कि खुजली हर मिनट बढ़ती जा रही है! मेरी गोरी नग्न जांघें लाल दिखाई दे रही थीं और मुझे एहसास हो रहा था कि दाने / जलन ने मेरे पूरे शरीर को अपनी चपेट में ले लिया है। मेरी चिकनी जांघों पर एक या दो बहुत प्रमुख लेकिन छोटे लाल धब्बे भी थे और ऐसा लग रहा था जैसे उस क्षेत्र में खून की एक बूंद जम गई हो। जैसे ही मैंने अपनी जाँघों को जाँचा और रगड़ा, मैं बार-बार दरवाज़े की ओर देख रही थी कि क्या मामाजी वापस आ रहे हैं क्योंकि मैंने अपनी साड़ी को लगभग अपनी जाँघों के ऊपरी हिस्से तक ऊपर उठा लिया था और मेरे मोटे सुगठित पैर पूरी तरह से उजागर हो गए थे। इस छोटी-सी समय सीमा में मैंने जल्दी से अपना पल्लू गिराकर अपने स्तन भी चेक किये। वे मेरे ऊपरी स्तन के मांस पर एक या दो लाल बिंदुओं के साथ भी लाल दिखाई दिए। मैंने जल्दी से अपना दाहिना हाथ अपने ब्लाउज के अंदर डाला और अपने स्तनों को रगड़ा क्योंकि मुझे अपने निपल्स के बहुत करीब लगातार खुजली हो रही थी। मेरे स्तनों पर जकड़न का एहसास वास्तव में था, लेकिन अब उतना ज़्यादा नहीं है और जो सिरदर्द मुझे शुरू में हुआ था वह भी थोड़ा कम हो गया था।

जैसे ही मैंने मामा जी के कदमों की आहट सुनी, मैंने तुरंत अपनी साड़ी नीचे कर ली और अपने पैरों के ऊपर सीधी कर ली और अपना पल्लू भी ठीक कर लिया ताकि मेरे बड़े आकार के स्तन सामने से ठीक से ढके रहें।

मामाजी एक कुर्सी लेकर आये और जैसे ही उसे रख रहे थे, दरवाजे की घंटी बजने की आवाज आई।

मामा जी: आह डॉक्टर आ गए! वह तो डॉ. दिलखुश होगा! बस अब एक क्षण और रुको बहुरानी...! मैं देखता हूँ!

वह मुख्य दरवाज़ा खोलने के लिए बाहर गये और मैंने तेजी से अपनी बगल और पीठ पर नज़र डाली यह देखने के लिए कि मेरी ब्रा का पट्टा ब्लाउज के बाहर दिखाई दे रहा है या नहीं। मैं बिस्तर पर ठीक से लेट गई ताकि डॉक्टर मुझे अश्लील मुद्रा में या अस्त-व्यस्त कपड़ों में न देख ले। मैं स्वाभाविक रूप से थोड़ी घबराई हुई थी, क्योंकि मैं हमेशा पुरुष डॉक्टरों के सामने बहुत असहज रहती थी। इसी कारण से जब मुझे गर्भधारण नहीं हो रहा था तो मैं पुरुष चिकित्सकों से दूर रहती थी और मैं इस मुद्दे को लेकर इतनी सशंकित थी कि मैंने अपने पति से यहाँ तक अनुरोध किया कि वह हमारी समस्या के लिए किसी पुरुष स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें!

हाँ, मुझे यह स्वीकार करना होगा कि आश्रम में आने के बाद मेरे लिए चीजें काफी हद तक बदल गई हैं और पिछले कुछ दिनों में कई पुरुषों ने जिस तरह से मेरे साथ "व्यवहार" किया वह बिल्कुल अकल्पनीय था! मैंने बहुत तेजी से और ईमानदारी से इसे स्वीकार कर लिया है और अब मैंने उत्तेजना, छेड़छाड़ और सेक्स की पूरी घटना का "आनंद" लेना शुरू कर दिया है! गुरुजी के चरण-दर-चरण उपचार ने निश्चित रूप से मुझे अधिक परिपक्व और साहसी बना दिया था, बाद वाला गुण हमेशा मेरे अंदर बहुत छिपा हुआ था, जिसे गुरूजी ने बहुत सफलतापूर्वक मुझमें से बाहर निकाला।

मामाजी: आओ, आओ डॉक्टर!

जैसे ही मैंने दरवाजे की ओर देखा तो पाया कि एक बहुत ही सुंदर दिखने वाला लड़का मेरी ओर आ रहा है। जैसे ही डॉक्टर करीब आया, मैंने देखा कि वह अधेड़ उम्र का था, 40 के आसपास, लेकिन काफी आकर्षक लग रहा था और मैं यह भी समझ सकती थी कि वह अपने स्वास्थ्य का अच्छा ख्याल रखता है! उसका रंग गोरा था और उसने इस्त्री किए हुए कपड़े और पॉलिश किए हुए जूते पहने हुए थे। कुल मिलाकर, बहुत प्रभावशाली लुक; वास्तव में मैं किसी स्थानीय डॉक्टर में ऐसे स्मार्ट व्यक्ति क देख थोड़ा चकित थी!

मामा जी: यहाँ आपका मरीज है। मैं सचमुच हैरान हूँ कि क्या हो रहा है और यह दाने अचानक कहाँ से विकसित हो गए!

डॉ. दिलखुश: सर, अब मैं यहाँ आ गया हूँ तो चिंता मत कीजिए। आपने ठीक समय पर मुझे फोन किया, नहीं तो मैं कुछ किलोमीटर दूर एक मरीज को अटेंड करने के लिए बाहर जा रहा था। हैलो मैडम!

मैंने बस सिर हिलाया, क्योंकि मैं अभी भी उसकी स्मार्ट उपस्थिति से कुछ हद तक "प्रभावित" थी। उसने अपना ब्रीफकेस बिस्तर पर रखा और अपने लिए रखी कुर्सी पर बैठ गया।

मामा जी: मैं आपको फिर से बता दूं... ये सभी सिरदर्द, खुजली, लालिमा और सीने में जकड़न दोपहर के भोजन के 20 मिनट बाद शुरू हुई है। मुझे वास्तव में कुछ भी पता नहीं है क्योंकि हमने एक ही खाना खाया और आश्चर्य की बात यह है कि मुझे कुछ नहीं हुआ, लेकिन मेरी बहूरानी...!

डॉ. दिलखुश: हम्म... हम्म... उससे पहले कुछ खाया था?

मामा जी: हम लोग शॉपिंग के लिए बाहर गए थे। और... और जैसा कि मैंने आपको बताया था कि वह यहाँ रहती भी नहीं है... इसलिए मैं और भी अधिक चिंतित हूँ...!

डॉ. दिलखुश: क्या आपने रास्ते में या सड़क पर किसी दुकान पर कुछ खाया?

मामा जी: नहीं, कुछ भी नहीं!

डॉ. दिलखुश: ठीक है! अब मुझे जांच करने दीजिये।

यह कहते हुए उन्होंने अपना ब्रीफ़केस खोला और उसमें से एक प्रिस्क्रिप्शन पैड और एक पेन के साथ-साथ एक स्टेथोस्कोप, एक थर्मामीटर और एक छोटी डिजिटल मशीन निकाली, जिसके बारे में मुझे समझ नहीं आया कि वह किसलिए थी। मैं बिस्तर पर लेटी हुई थी और डॉ. दिलखुश मेरे पेट के पास बिस्तर पर बैठे थे। मैं थोड़ी चिंतित थी, मुख्यतः मेरी घबराहट का मुख्य कारण एक पुरुष डॉक्टर द्वारा जांच कराने को लेकर मेरी हिचक के कारण था।

मैं पहले से ही जोर-जोर से सांस ले रही थी और मेरे ब्लाउज से ढके बड़े शंक्वाकार स्तन पहले से ही तेजी से ऊपर-नीचे हो रहे थे। मैं बार-बार नीचे अपने वक्ष की ओर देख रही थी कि मैं सभ्य दिख रही हूँ या नहीं। मैंने देखा कि मेरी साड़ी मेरे स्तनों पर कुछ ज्यादा ही कसकर तनी हुई थी।

मेरी सांस लेने के कारण मेरे मजबूत स्तनों की हरकत काफी हद तक स्पष्ट थी। इससे पहले कि डॉ. दिलखुश मेरी ओर देखते, मैंने तुरंत अपना पल्लू ढीला कर दिया।

डॉ. दिलखुश: मैडम, अपना नाम बताएँ... मैं: रश्मी... रश्मी सिंह।

डॉ. दिलखुश: रश्मी... सिंह (जैसा कि उन्होंने अपने प्रिस्क्रिप्शन पैड पर लिखा था) ... ओह! तुम्हें पता है, मेरी पत्नी का नाम भी रश्मी है... (वह मेरी ओर देखकर मुस्कुराया)।

मैं: ओ! अच्छा ऐसा है! (मैं भी जवाब में मुस्कुरायी।)

मुझे अभी भी भयानक खुजली और सीने में हल्की जकड़न महसूस हो रही थी, लेकिन मैंने पूरी कोशिश की कि कम से कम डॉक्टर के सामने खुजलाना न चाहूँ।

डॉ. दिलखुश: उम्र? मैं: बीस...28!

डॉ. दिलखुश: मुझे लगता है कि आप शादीशुदा हैं?

मैं: हाँ डॉक्टर।

डॉ. दिलखुश: कोई बच्चा?

मैं: नहीं... अभी नहीं।

डॉ. दिलखुश: ठीक है। क्या आप इस समय कोई दवा ले रहे हैं? कोई... मेरा मतलब है कोई खांसी और सर्दी से बनी दवा या पाचक सिरप जो आप लेते हैं?

मैं: नहीं, कोई नहीं।

डॉ. दिलखुश: हम्म... कोई गर्भ निरोधक या नियंत्रण गोली जो आप ले रही हैं?

उसने सीधे मेरी आँखों में देखा और मैं स्वाभाविक रूप से उस सवाल को सुनकर शरमा गयी और नकारात्मक रूप से सिर हिलाया।

डॉ. दिलखुश: अन्य कोई पिछले रोग या ऐसी बात जो आप मुझे बताना चाहे?

मैं: नहीं, कोई विशेष नहीं।

डॉ. दिलखुश: अन्य कोई पिछली अलेर्जी हिस्ट्री । कोई दवा जिससे आपको एलर्जी हो?

मैं: नहीं, ।

डॉ. दिलखुश: दरअसल निदान सही ढंग से करने के लिए मुझे इन्हें जानने की जरूरत है। उम्म... श्रीमती... सिंह... ठीक है? क्या आप कृपया मुझे अपनी वर्तमान परेशानी के बारे में बता सकते हैं?

मैं: हाँ... दरअसल यह सब तब शुरू हुआ जब मामा जी ने दोपहर के भोजन के लगभग 15-20 मिनट बाद हल्के सिरदर्द से शुरू हुआ। फिर मेरे हाथों और पैरों पर खुजली के साथ-साथ सिरदर्द गंभीर हो गया, जो तेजी से मेरे पूरे शरीर में फैल गया और मुझे अपनी त्वचा पर लालिमा और जलन दिखाई देने लगी।

डॉ. दिलखुश: ठीक है...!

मैं: इसके साथ-साथ मुझे अपने सीने में जकड़न महसूस होने लगी... (मैंने अपने स्तनों की ओर इशारा किया) । हालांकि यह बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है, लेकिन इससे बेचैनी का एहसास तो होता ही है। और... जैसा कि आप यहाँ मेरे हाथों पर लाल धब्बे और खुजली देख सकते हैं... यह असहनीय है... क्षेत्र को हल्के से रगड़ने से मदद मिल रही है, लेकिन...!

डॉ. दिलखुश: ठीक है मैं समझता हूँ। श्रीमती सिंह, यह निश्चित रूप से किसी चीज़ से एलर्जी की प्रतिक्रिया है, जिसका मुझे पता लगाना है, लेकिन चूंकि आपने कोई अंडा या झींगा या कोई स्ट्रीट फूड नहीं खाया है, इसलिए इसकी संभावना भोजन से उत्पन्न होने की संभावना नहीं है। फिर भी... आप वास्तव में कभी नहीं जान पाएंगे कि समस्या क्या है? एलर्जी विभिन्न प्रकार की होती है और आपका इलाज करने से पहले मुझे सटीक प्रकार का पता लगाना होगा।

उसने अपना पेन और प्रिस्क्रिप्शन पैड एक तरफ रख दिया और स्टेथोस्कोप ले लिया। मामा जी शायद डॉक्टर को अधिक जगह देने के लिए बिस्तर के दूसरी ओर चले गये थे। डॉ. दिलखुश ने स्टेथोस्कोप अपने कानों पर लगा लिया था और मेरे पास आये। मैं स्वाभाविक रूप से किसी पुरुष डॉक्टर से जांच करवाने के कारण थोड़ा उत्सुक थी, क्योंकि मेरा हमेशा से पुरुष डॉक्टर से इलाज करवाने में हिचक का इतिहास रहा है। हालाँकि मैं अच्छी तरह जानती थी कि यह सिर्फ एक नियमित जांच थी (और कोई स्त्री रोग सम्बंधी मूल्यांकन नहीं) , लेकिन मेरे पेट में हलचल होने लगी!

मामा जी: चिकित्सक महोदय! मेरी बहुरानी ठीक हो जाएगी ना? उसे आज शाम तक अपने स्थान पर वापस आना होगा। इसलिए मैं अधिक चिंतित हूँ...!


जारी रहेगी
 
Last edited:

deeppreeti

Active Member
1,708
2,344
144
Wah... ab yahan Dr bhi or mamaji bhi yoni pooja kar lenge
Badhiya update diya hai 💦

इससे पहले वाले भाग में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ... वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।


धन्यवाद
 

deeppreeti

Active Member
1,708
2,344
144
औलाद की चाह

271

CHAPTER 8-छठा दिन

मामा जी और डॉक्टर

अपडेट- 2


आरंभिक जांच-ब्लड प्रेशर, तापमान इत्यादि

डॉ. दिलखुश: ठीक है मैं समझता हूँ। श्रीमती सिंह, यह निश्चित रूप से किसी चीज़ से एलर्जी की प्रतिक्रिया है, जिसका मुझे पता लगाना है, लेकिन चूंकि आपने कोई अंडा या झींगा या कोई स्ट्रीट फूड नहीं खाया है, इसलिए इसकी संभावना भोजन से उत्पन्न होने की संभावना नहीं है। फिर भी... आप वास्तव में कभी नहीं जान पाएंगे कि समस्या क्या है? एलर्जी विभिन्न प्रकार की होती है और आपका इलाज करने से पहले मुझे सटीक प्रकार का पता लगाना होगा।

उसने अपना पेन और प्रिस्क्रिप्शन पैड एक तरफ रख दिया और स्टेथोस्कोप ले लिया। मामा जी शायद डॉक्टर को अधिक जगह देने के लिए बिस्तर के दूसरी ओर चले गये थे। डॉ. दिलखुश ने स्टेथोस्कोप अपने कानों पर लगा लिया था और मेरे पास आये। मैं स्वाभाविक रूप से किसी पुरुष डॉक्टर से जांच करवाने के कारण थोड़ा उत्सुक थी, क्योंकि मेरा हमेशा से पुरुष डॉक्टर से इलाज करवाने में हिचक का इतिहास रहा है। हालाँकि मैं अच्छी तरह जानती थी कि यह सिर्फ एक नियमित जांच थी (और कोई स्त्री रोग सम्बंधी मूल्यांकन नहीं) , लेकिन मेरे पेट में हलचल होने लगी!

मामा जी: चिकित्सक महोदय! मेरी बहुरानी ठीक हो जाएगी ना? उसे आज शाम तक अपने स्थान पर वापस आना होगा। इसलिए मैं अधिक चिंतित हूँ...!

डॉ. दिलखुश: बिल्कुल! बिलकुल भी चिंता मत करो। श्रीमती सिंह, आप निश्चिंत रहें कि आप सामान्य स्थिति में वापस आ सकेंगी। वास्तव में सर, इसीलिए मैं इन्हे तुरंत कोई सामान्य एंटी-एलर्जी नहीं दे रहा हूँ। बस मुझे कुछ समय दीजिए... !

मामा जी: ज़रूर डॉक्टर, ज़रूर! कृपया आप अपना समय लें। चूँकि आपने कहा है कि वह शाम तक वापस आ सकती है, मुझे बहुत राहत मिली है। तुम क्या कहती हो बहुरानी?

मैं: बिल्कुल मामा जी!

मामा जी की तरह मुझे भी शाम तक आश्रम वापस आने की उतनी ही चिंता थी और एक बार जब डॉक्टर ने विश्वास के साथ कहा कि मैं कुछ समय में सामान्य स्थिति में वापस आ सकती हूँ, तो मैं निश्चित रूप से काफी खुश हुई थी।

डॉ. दिलखुश: मैडम! आप चिंता मत करो, चिंता मत करो! (डॉ. दिलखुश अपनी कुर्सी से खड़े हुए और मेरी जांच करने के लिए स्टेथोस्कोप ले लिया) कृपया बैठिए... !

मैं डॉक्टर के कहे अनुसार बिस्तर पर बैठ गई और वह मेरे पीछे की ओर आ गया।

डॉ. दिलखुश: कृपया आप अपने बालों को पीछे की ओर से हटा लीजिये ...!

मैंने जल्दी से अपने बालों को अपनी गर्दन से हटा दिया और मेरे बाल मेरे ब्लाउज पर वापस सामने की तरफ आ गए।

डॉ. दिलखुश: (मेरे पल्लू का एक हिस्सा खुद ही मेरी पीठ से हटाते हुए ताकि वह स्टेथो लगा सके) ठीक है... ठीक है। धन्यवाद... अब आप गहरी सांस लीजिए मैडम...!

उसने स्टेथोस्कोप का बल्ब मेरी पीठ पर मेरे ब्लाउज के ऊपर रख दिया और मैं गहरी साँस लेने और छोड़ने लगी। बेशक स्टेथोस्कोप के स्पर्श ने मुझे क्षण भर के लिए उत्तेजित कर दिया और जैसे ही मैंने अपनी पीठ पर डॉक्टर की उंगलियों को महसूस किया तो मैं स्वतः ही अकड़ गई।

डॉ. दिलखुश: और... गहरी साँसें... हाँ... ऐसे ही...!

उसने यह भी प्रदर्शित किया कि वह मुझसे क्या चाहता था और मैंने उसकी नकल करने की कोशिश की और अधिक तीव्रता से हवा अंदर लेना और छोड़ना शुरू कर दिया। जैसे ही मैंने गहरी साँस लेना शुरू किया, मेरे बड़े स्तन मेरी साड़ी के पल्लू के नीचे बहुत कामुकता से ऊपर-नीचे होने लगे और जैसे ही मेरी नज़र मामा जी से मिली, जो मेरे ठीक सामने खड़े थे, मैंने देखा कि वह मेरी सेक्सी हरकत पर नज़र रख रहे थे। उनकी नजरे मेरे बड़े स्तनो पर थी ।

मामा जी: इससे क्या कुछ अधिक स्पष्ट हुआ डॉक्टर?

डॉ. दिलखुश: भिन्नता। मैंने देखा है कि जब मैं एक विवाहित महिला की हृदय गति मापता हूँ और जब मैं एक किशोर लड़की की हृदय गति लेता हूँ तो यह मेरी नर्स की तुलना में भिन्न होती है।

मामा जी: ओह्ह!

डॉ. दिलखुश: लेकिन यहाँ श्रीमती सिंह की हृदय गति भी कुछ-कुछ किशोरी जैसी ही चल रही थी!

मामा जी: चिंता की कोई बात है डॉक्टर?

डॉ. दिलखुश: वास्तव में नहीं... (डॉ. दिलखुश अभी भी तमतमाये हुए थे) उम्म... मुझे नाड़ी जांचने दो फिर मैं कुछ सुनिश्चित बता सकता हूँ। महोदया, कृपया अपना हाथ ...!

उसने मेरी कलाई पकड़ ली और अपनी कलाई घड़ी पर नज़र डालकर मेरी नब्ज़ जांचने लगा।

डॉ. दिलखुश: उहू! कुछ और ही होगा सर! नाड़ी की दर अपेक्षा से काफी अधिक है!

मामाजी: ओह्ह! सच में?

डॉ. दिलखुश: मिसेज सिंह, क्या आप खरीदारी करते समय उत्साहित हो गईं, मेरा मतलब है कि क्या किसी दुकानदार के साथ कोई तीखी नोकझोंक हुई थी या ऐसा कुछ?

मैं: (मैं स्पष्ट रूप से "दुकानदार" शब्द सुनकर बहुत सतर्क हो गयी थी) नहीं, ऐसा कुछ नहीं है!

डॉ. दिलखुश: पिछले 2-3 घंटों में कोई भावनात्मक तनाव?

मैं: नहीं!

मामा जी: वह पूरे समय मेरे साथ थी...ऐसा कुछ नहीं हुआ डॉक्टर।

डॉ. दिलखुश: बहुत अजीब है! यदि हाल ही में कोई"शारीरिक या मानसिक उत्तेजना" नहीं हुई है, तो नाड़ी इतनी तेज़ नहीं चलनी चाहिए जब तक कि श्रीमती सिंह का इतिहास ऐसा न रहा हो!

"शारीरिक उत्तेजना"-तुरंत ही मानो मेरे दिमाग में खतरे की घंटियाँ बजने लगीं। क्या उस दुकान में श्री प्यारेमोहन के साथ हुई यौन मुठभेड़ के कारण मेरी धड़कनें तेज हो गई थीं? क्या शूटिंग के दौरान मेरे बेशर्म प्रदर्शन और एक्ट की मांग के अनुसार श्री प्यारेमोहन के साथ मेरी शारीरिक निकटता के कारण डॉ. दिलखुश की हृदय गति बढ़ी हुई मिली है? हे भगवान!

क्या डॉ. दिलखुश को पहले से ही कोई सुराग मिल गया था? क्या मैं पकड़ी जाऊँगी? एक डॉक्टर के तौर पर उन्होंने कई तरह के मामले देखे होंगे। क्या वह यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि मेरी तेज़ हृदय गति यौन क्रिया के कारण थी? हे भगवान! यह कितनी शर्मनाक बात होगी अगर उन्हें यह पता लग गया और मामाजी को बता दिया तो मैं कही की नहीं रहूंगी! हाय दईया! इससे यह और भी स्पष्ट हो जाएगा कि मैंने अपने पति के अलावा किसी और के साथ यौन सम्बंध बनाए हैं!

मैं: हे भगवान, कृपया मुझे इस शर्मनाक स्थिति से बचाएँ, केवल आप ही मुझे बचा सकते हैं। (मैं पहले से ही चुपचाप प्रार्थना करने लगी थी!)

मामा जी: फिर डॉक्टर?

डॉ. दिलखुश: मैं वास्तव में उत्सुक हूँ...हो सकता है कि उसे हुई एलर्जी की वजह से मेरी स्थिति में यह वृद्धि हुई हो लेकिन अभी निश्चित नहीं हूँ। मुझे आगे जांच करने दीजिए!

मामा जी: ठीक है डॉक्टर। मैं केवल यही आशा करता हूँ कि मेरी बहूरानी जल्द ही ठीक हो जाए, मैं खुद को बहुत दोषी महसूस कर रहा हूँ की मैं उसे यहाँ ले आया और अब वह बहुत परेशानी में है!

वह अपना सिर इधर-उधर हिला रहे थे और स्वाभाविक रूप से मुझे उन्हें शांत करना पड़ा।

मैं: मामा-जी! इसके बारे में आप शायद ही कुछ कर सकते हैं कृपया इसके बारे में बुरा मत मानें मामा-जी..!

डॉ दिलखुश: अरे चिंता मत कीजिये सर! वह जल्द ही ठीक हो जाएंगी।

युवा डॉक्टर ने अब एक डिजिटल उपकरण से मेरा रक्तचाप मापने की व्यवस्था की। उसने मेरे बाएँ हाथ को सीधा फैलाया और जल्दी से कफ को मेरे ब्लाउज की आस्तीन के ऊपर लपेट दिया। उन्होंने पंपिंग शुरू की और रक्तचाप नोट किया। उन्होंने यह अभ्यास दो बार दोहराया, लेकिन फिर भी संतुष्ट नहीं हुए!

डॉ. दिलखुश: हम्म फिर से हाई! ऐसा लगता है कि ये एलर्जी कोई साधारण बीमारी नहीं है और श्रीमती सिंह। इसने आपको बहुत प्रभावित किया है ...!

मैं: डॉक्टर, मैं ठीक हो जाऊंगी ना !(मैं यह जानकर कि मुझे जो एलर्जी प्रतिक्रिया हुई थी वह एक जटिल थी, मैं स्वाभाविक रूप से अधिक चिंतित हो गयी थी ।)

डॉ. दिलखुश: हाँ, हाँ (मेरी बायीं बांह पकड़कर) आप एक-दो घंटे में ठीक हो जायेंगी ।

मैं शुष्क रूप से मुस्कुरायी, हालाँकि मेरी बांह पर उसकी हथेली का गर्म एहसास वास्तव में अच्छा लग रहा था; असल में मुझे उस जगह पर खुजली हो रही थी और उसके चिकने गर्म स्पर्श ने मुझे शांत कर दिया।

डॉ. दिलखुश: मिसेज सिंह, अब आपका तापमान बढ़ गया है। दरअसल चूँकि मुझे हाइपर साइड पर सभी महत्त्वपूर्ण संकेत मिल रहे हैं, मैं इसे ऐसे ही छोड़ नहीं सकता, आप समझिये।

मैं: ठीक है डॉक्टर।

डॉ. दिलखुश: कृपया इसे अपने मुंह में रखें । (उन्होंने एक सुरक्षित डिब्बे से थर्मामीटर निकाला ।)

मामा-जी: मुझे लगता है कि डॉक्टर लोग बगल के तापमान पर विश्वास नहीं करते क्योंकि मैं जिस भी डॉक्टर को देखता हूँ वह मुँह का तापमान मापता है!

मैंने थर्मामीटर को अपने मुँह में डाल लिया था और उसे अपने मांसल होंठों से दबा लिया था। किसी भी परिपक्व महिला के लिए मुंह में कुछ पकड़ना, जिसका एक हिस्सा मुँह से बाहे निकल रहा हो, वाकई थोड़ा अजीब था। मैंने देखा कि डॉक्टर दिलखुश ने एक बार मेरे गुलाबी होठों की तरफ देखा, आह भरी!


जारी रहेगी....
 
Last edited:
411
833
94
Bohot hi kamuk Katha hai Sir pichale 3 days se paadh Raha hu me bhee Ek apahij ( disabled person hu ) is liye bura bhee laga kee 2 aaphije ko Rashmi ne keval haato se discharge Kiya paar Sir Mishra ji vale done scen bohot hee Badhiya the Wait karaar Raha hu keee koi Viklang kaa Bhala ho jaaye
 
411
833
94
Original story Bus Vo dukaan Wale Incident ke baad ruk gayi thee , aap ne abhi aahe badhayi hai me Jaan sakungga kee aap complete karoge ise kee ?
 

deeppreeti

Active Member
1,708
2,344
144
औलाद की चाह

272

CHAPTER 8-छठा दिन

मामा जी और डॉक्टर

अपडेट-3

खुजली के कारण की जांच-ब्लड प्रेशर, तापमान

डॉ. दिलखुश: मिसेज सिंह, अब आपका तापमान बढ़ गया है। दरअसल चूँकि मुझे हाइपर साइड पर सभी महत्त्वपूर्ण संकेत मिल रहे हैं, मैं इसे ऐसे ही छोड़ नहीं सकता, आप समझिये।


FDownloader-net-728274952224203-480p-1-ezgif-com-video-to-gif-converter


मैं: ठीक है डॉक्टर।

डॉ. दिलखुश: कृपया इसे अपने मुंह में रखें। (उन्होंने एक सुरक्षित डिब्बे से थर्मामीटर निकाला।)

मामा-जी: मुझे लगता है कि डॉक्टर लोग बगल के तापमान पर विश्वास नहीं करते क्योंकि मैं जिस भी डॉक्टर को देखता हूँ वह मुँह का तापमान मापता है!

मैंने थर्मामीटर को अपने मुँह में डाल लिया था और उसे अपने मांसल होंठों से दबा लिया था। किसी भी परिपक्व महिला के लिए मुंह में कुछ पकड़ना, जिसका एक हिस्सा मुँह से बाहे निकल रहा हो, वाकई थोड़ा अजीब था। मैंने देखा कि डॉक्टर दिलखुश ने एक बार मेरे गुलाबी होठों की तरफ देखा, आह भरी!

डॉ दिलखुश: बिल्कुल नहीं सर। हालाँकि यह सच है कि मुँह का तापमान बगल के तापमान की तुलना में अधिक सटीक होता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि मैं बगल के तापमान की उपेक्षा करता हूँ। असल में सर क्षमा कीजिये ..., आप भी सराहेंगे कि महिलाओं के लिए ब्लाउज के जरिए बगल में थर्मामीटर डालना थोड़ा बोझिल होता है।



DEVR0



डॉक्टर ने मेरी ओर देखा और स्वचालित रूप से मेरी पलकें झुक गईं क्योंकि मैं अच्छी तरह से समझ गयी थी कि उसका क्या मतलब था।

डॉ. दिलखुश: लेकिन हाँ, कुछ मामलों में मुझे आवश्यकता के अनुसार दोनों तापमान पढ़ने की ज़रूरत होती है और उन मामलों में... (कंधे उचकाते हुए) मैं मदद नहीं कर सकता... दरअसल जिस निजी क्लिनिक से मैं जुड़ा हुआ हूँ, वहाँ ये समस्या ही नहीं है क्योंकि वहाँ मरीज़ एक गाउन पहने होता है जो ढीला होता है और इस तरह की चीज़ों के लिए पर्याप्त रूप से कटा हुआ होता है। लेकिन हाँ, जब मैं किसी कॉल पर किसी मरीज के घर जाता हूँ... तो ज्यादातर बार मुझे घर पर महिलाये मरीज साड़ी पहने ही मिलती है।

मामा जी: हाँ, स्वाभाविक रूप से।

डॉ. दिलखुश: और उस महिला के लिए मेरे सामने अपने ब्लाउज में थर्मामीटर डालना हमेशा अजीब होता है... आप समझ रहे हैं ये ... स्वाभाविक है।

मामा जी: बिल्कुल सच...!

तीन मिनट हो गए थे और काफी लंबा समय लग रहा था, मेरे होंठ लम्बे पतले थर्मामीटर के को कसकर दबा रहे थे, जबकि डॉक्टर और मामा-जी के बीच जो बातचीत चल रही थी, वह मुझे और भी अधिक परेशान कर रही थी!

डॉ. दिलखुश: ठीक है, हो गया! मिसेज सिंह आप इसे निकाल सकती हैं।

मैंने अपने मुँह से थर्मामीटर उपकरण निकाल कर उसे सौंप दिया और तापमान नोट करने के बाद उसने अचानक सबसे अजीब काम किया जिसकी मैं एक डॉक्टर से उम्मीद कर सकती थी!

डॉक्टर दिलखुश ने थर्मामीटर बल्ब को चूसना शुरू किया जो अभी भी मेरी लार से गीला था!

मैं: ईईई... आप क्या कर रहे हैं?

युवा डॉक्टर ने अपने हाथ से शांत रहने का संकेत दिया और पतले-पतले उपकरण को चाटना और चूसना जारी रखा। डॉक्टर दिलखुश थर्मामीटर पर फैले मेरे मुँह के रस का स्वाद ले रहे थे।

डॉ. दिलखुश: इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है मिसेज सिंह! यह एंटीसेप्टिक उपचार का बहुत पुराना रूप है। असल में मैं एंटीसेप्टिक लोशन नहीं लाया हूँ जिससे मैं इसे साफ करता हूँ, इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी लार इस पर न सूख जाए क्योंकि इसका उपयोग अन्य रोगियों के लिए भी किया जाएगा, मैंने इसे बस पोंछ दिया।

मैं: लेकिन... लेकिन आप पानी के साथ भी ऐसा कर सकते हैं... मेरा मतलब है... (मेरी आवाज़ धीमी और नम्र थी क्योंकि मैं अच्छी तरह से जानती थी कि उसने मेरे होठों को छुए बिना ही मेरी लार का स्वाद ले लिया है!)

डॉ. दिलखुश: मैडम, मैं दिन में दो बार एक एंटीसेप्टिक लिक्विड से अपना मुँह धोता हूँ जो 8-9 घंटे तक काम करता है... इसीलिए अगर मेरे पास वह लोशन नहीं है तो भी मैं... सुरक्षित हूँ ।

मैं: ओह! ...

मैं अपने चेहरे पर हल्की-सी लालिमा लिए हुए उसे देखकर मुस्कुराई और वह भी सीधे मेरी आँखों में देखकर मुस्कुराया।

मामा जी: डॉक्टर कैसा हैं मेरी बहुरानी का तापमान? कोई चिंता की बात तो नहीं?

डॉ. दिलखुश: नहीं, ये बिल्कुल सामान्य है।

मामा जी: भगवान का शुक्र है!

डॉ. दिलखुश: हाँ! (फिर से मुस्कुराते हुए) अब मुझे चकत्तों को करीब से देखना होगा ताकि मैं पहली बार में ही सटीक दवा दे सकूं। खैर दूसरा विकल्प सामान्य एंटीएलर्जिक देना है, लेकिन इस तरह हम इस प्रतिक्रिया के कारण के बारे में निश्चित महसूस नहीं कर पाएंगे और इसलिए पुनरावृत्ति की संभावना वास्तव में बनी रहेगी।

मामा जी: मैं आपसे सहमत हूँ डॉक्टर।!

डॉ दिलखुश: मिसेज सिंह, क्या आपको नहीं लगता कि आपको भी पता होना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ ताकि आप अगली बार सतर्क रह सकें।

मैं: हाँ, बिल्कुल मैं ही जानती हूँ कि इस भयानक खुजली से लड़ना कितना कष्टकारी है।

उफ्फ्फ!

डॉ. दिलखुश: मैं श्रीमती सिंह मैं आपकी तकलीफ को समझ सकता हूँ, लेकिन कृपया थोड़ी देर के लिए धैर्य रखें क्योंकि आपने देखा कि आपके महत्त्वपूर्ण जांच मानक उच्च सीमा में चल रहे हैं और इलाज करते समय मैं इनहे नजरअंदाज नहीं कर सकता।

मैं: नहीं, नहीं, मैं भी यह समझ सकती हूँ क्योंकि मैं स्वयं समग्र असुविधा महसूस कर सकती हूँ और यह सिर्फ खुजली नहीं है।

डॉ. दिलखुश: बिल्कुल आपको सीने में जकड़न और समग्र असुविधा भी महसूस हुई है

आपकी अस्थायी उच्च रक्तचाप की स्थिति के साथ-साथ आपकी उच्च नाड़ी और दिल की धड़कन भी गौर करने लायक है। डॉक्टर ने उपकरणों को एक तरफ रख दिया और उस क्षेत्र को साफ कर दिया और मेरे पास आ गया।

डॉ. दिलखुश: क्या आपको याद है मिसेज सिंह, आपके शरीर पर पहला दाने कहाँ पड़ा था? मैं: मुझे लगता है कि उम्म मेरे हाथ पर है।

मामा जी: हाँ, हाँ बहुरानी, तुमने ही सबसे पहले हाथ में खुजली महसूस की थी ।

मैं: उह! देखो वे कितने लाल दिखाई देते हैं!

डॉ. दिलखुश: (पास आकर मेरी बायीं बांह पकड़ते हुए) हम्म और ये धब्बे?

उसने मेरी बांह पर कुछ लाल छोटे गोल धब्बों की ओर इशारा किया।

मैं: वे बहुत बाद में विकसित हुए।

डॉ दिलखुश: मैं देखता हूँ।

मैं तकिये पर सिर रखकर बिस्तर पर लेटी हुई थी और वह मेरी बायीं बांह पर पड़े चकत्तों का निरीक्षण कर रहा था। चूँकि वह काफी लंबा था इसलिए वह काफ़ी झुक रहा था; इससे भी अधिक क्योंकि बिस्तर की ऊंचाई भी कम थी। जैसे ही मैंने उसकी ओर देखा तो मैंने देखा कि उसकी शर्ट का ऊपरी बटन खुला हुआ था और मैं उसकी सफेद बनियान के साथ-साथ उसकी छाती पर बाल भी देख सकती थी। उसने मेरी बायीं बांह को दोनों हाथों से पकड़ रखा था और जांच करते समय कुछ स्थानों को दबा रहा था और रगड़ रहा था। उसकी कुछ हरकतों ने निश्चित रूप से मुझे काफी असहज कर दिया, उदाहरण के लिए एक बार उसने अपने अंगूठे से मेरी कोमल हथेली को रगड़ना शुरू कर दिया, विशेष रूप से मेरी गुलाबी हथेली के खोखले क्षेत्र की जांच करने लगा; दूसरी बार जब वह मेरे ब्लाउज की आस्तीन के ठीक बाहर के क्षेत्र को रगड़ रहा था और सहला रहा था तो मैं बिल्कुल एक नवविवाहित लड़की की तरह लाल दिख रही थी!

डॉ. दिलखुश: हम्म अब मुझे आपका दाहिना हाथ जांचने दीजिए।

यह एक अजीब स्थिति थी क्योंकि डॉक्टर मेरे बायीं ओर था और मैं लेटी हुई थी और अब वह मेरी दाहिनी बांह की जांच करना चाहता था।

मुझे अपना हाथ फैलाना पड़ा, जो मैंने किया। डॉ. दिलखुश ने अपने दाहिने हाथ से मेरी बांह पकड़ी और वास्तव में उन्होंने इसे मेरे शरीर के लगभग लंबवत रखा। जैसे ही मेरी नज़रें क्षण भर के लिए उससे मिलीं तो मैंने पाया कि उसकी नज़रें मेरी बगल पर थीं! मैं तुरंत सतर्क हो गई और नीचे देखा तो पाया कि मेरा भीगा हुआ ब्लाउज का बगल उसे पूरी तरह से दिखाई दे रहा था। मुझे बेहद शर्मिंदगी महसूस हुई क्योंकि शायद ही कोई ऐसा तरीका था जिससे मैं अपनी गीली बगल को डॉक्टर की नजरों से छुपा सकूं।

दरअसल डॉक्टर जांच के बहाने अपने हाथों से मेरी पूरी दाहिनी बांह को छू रहा था और इस बार मैंने नोट किया कि उसकी उंगलियाँ मेरे ब्लाउज की आस्तीन के ऊपर भी चल रही थीं। स्वाभाविक रूप से इसका मुझ पर प्रभाव पड़ने लगा-मैं एक वयस्क विवाहित महिला थी और मेरी बांहों पर गर्म पुरुष हाथों का अहसास मुझे लगभग हांफने पर मजबूर कर रहा था।

डॉ. दिलखुश: अजीब बात है कि इस हाथ की गर्मी और खून के धब्बों की प्रकृति बाएँ से अलग है, जो एक तरह से साबित करता है कि यह एक मिश्रित एलर्जी का मामला है।


जारी रहेगी
 
Last edited:
  • Like
Reactions: mahesh_arpita_cpl
Top