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Adultery काला साया – रात का सूपर हीरो(Completed)

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AK 24

Supreme
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(UPDATE-31)



वो दरवाजा पे दस्तक दिए जा रही थी ऊसने आवाज़ लगाई पर देवश ने दरवाजा नहीं खोला….अचानक ऊसने खुद ही दरवाजे को ज़ोर से धकेला दरवाजा खुल गया…दरवाजे से अंदर जाते ही ऊस्की मुँह से चीख निकल पड़ी….एक शॅक्स मुकोता पहने उसके सामने चाकू लिए खड़ा था..

शीतल का हाथ काँपने लगा उसका पूरा बदन सिहर उठा…सामने खड़ा वो मुकोता पहना शॅक्स जिसके राक्षस जैसे भयंकर मुकोते को देखकर शीतल की सांसीएन काँप उठी वो एक एक कदम पीछे जैसे होती वो शकस आगे बढ़ने लगता है और एकदम से वो उसके इतने करीब आया अपना चाकू लिए की शीतल ने झुककर अपनी आंखें क़ास्सके बंद की और ज़ोर से चीखी

ऊस्की चीख तब शांत हुई जब ऊस शॅक्स ने उसे बाहों में काश लिया और अपने चाकू को फैक्टे हुए…अपने मुकोते को उतार फैका…”देवस्सह भैयाअ आप”…..शीतल ने चैन की साँस ली….देवश मुस्कराए बस कुछ देर वैसे ही पेंट पकड़े बिस्तर पे हस्सते रहा उसे शीतल की बेवकूफी पे बड़ा हँसी आया

शीतल : आपने तो मेरी जान ले ली होती आज (शीतल ने चिल्लाके कहा)

देवश : हाहाहा तुम डर गयी ना?

शीतल : ऐसे कोई मुकोता पहनें खड़ा होता है क्या? बाबा हमें लगा की आप हमको मर ही डालोगे

देवश : हाथ पगली आ इधर (देवश ने नखरे करती शीतला का हाथ पकड़ा और उसे अपने बगल में बिठाया उसके ज़ुल्फो पे उंगली फहीरते हुए कंधे पे हाथ रखा) अरे मेरी मां नाराज़ मत हो असल में तू तो जानती है ना तेरा भाई कितना टेन्शन में दुबला पट्तला होते जा रहा है

शीतल : हाँ लगता तो है पर आपने ये मुकोता कहाँ से लिया?

देवश : असल में ये खूनी ने पहना था जिसकी केस मैं हैंडिल कर रहा हूँ ये सबूत है मेरे पास (शीतल बारे ध्या न्स सुनती रही)

शीतल : फिर भी आपको ऐसे चीज़ें घर में नहीं रखनी चाहिए पता है मैं कितना डर गयी थी

देवश : तू भी ना अच्छा चल अपना मूंड़ मत खराब कर ये बता आज तू लेट कैसे हो गयी?

शीतल : मां के साथ बर्तन माझने गयी थी एक मालकिन के यहां इसलिए लाइट हो गया फिर वहां से खेत में मां का हाथ बताया मां बहुत तक गयी इसलिए मुझे भेज दिया

देवश : आजकल तू बड़ी समझदार हो गयी अपने भाई का इतना ख्याल रखने लगी है (देवश ने शीतल को आँख मारी शीतल का चेहरा गुलाबी हो गया [ईम्ग]फाइल:///सी:\डोकूमए~1\यूज़र\लोकल्स~1\टेंप\ंसोहटँल1\01\क्लिप_इमेज001.जिफ[/ईम्ग])

देवश ने मुकोते को दराज़ में रख दिया और फिर चाकू को किचन में ले जाकर रखा कुछ देर बाद देवश आया उसके हाथ में एक बॉक्स था….शीतल पहले तो डर गयी कहीं ये भी देवश का कोई मज़ाक ना हो उसे डरने के लिए..पर देवश ने उसे खुद खोलने को कहा…शीतल ने जैसे ही बॉक्स खोला ऊसमें चमचमाती पएेल थी

देवश : कैसी लगी?

शीतल : श भैयाअ कितनी खूबसूरत हाीइ

देवश : तू जब पाओ पे पहन के छान चनाएगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा पतः आई एक ही तू ही तो है जिसे मैं इतना चाहता हूँ

शीतल : श भैया (शीतल ने खुशी के मार्िएन देवश को अपने गले लगा लिया अफ ऊस्की छातियो की सक़ती देवश के खड़े लंड को जमाने लगी)

देवश : अच्छा अब ये बता ऊस दिन तू जो आई तूने मुझे और काकी मां को एक साथ देखा तो तुझे कुछ प्राब्लम तो नहीं हुआ ना देख तू मेरी बहाना है और मैं अपनी प्यारी बहन से कुछ छुपाना नहीं चाहता

शीतल : तो क्या आप मां के साथ?

देवश : नहीं नहीं तेरी मां मेरी मां है वो मुझे कलेजे से खिलाती है सुलाती है क्योंकि ऊँका कोई बेटा नहीं (शीतल थोड़ी मायूस हो गई…देवश ने उसके उदासी चेहरे को उठाया और मुस्कराया)

शीतल : हाँ मां आपसे बहुत प्यार करती है…(देवश मन ही मन मुस्कराया इसको कहना बड़ा ही मुश्किल है की ये इसकी मां अपर्णा के साथ सोता है अगर ऐसा कह दिया तो शीतल फिर देवश से रिश्ता नहीं बनाएगी)

देवश : अच्छा शीतल मैं तुझे कैसा लगता हूँ?
देवश : अगर मैं तुझसे एक बात कहूँ तो तू मानेगी


शीतल : आप जो कहना चाहते हो मैं समझ रही हूँ (देवश की गान्ड फॅट गयी क्या इसे समझ आ गया की मैं क्या सोच रहा हूँ) आप हमसे वो वाला प्यार करना चाहते हो

देवश : मैं तो तुझहहसे हर तरीके का प्यार करना चाहता हूँ पगली [ईम्ग]फाइल:///सी:\डोकूमए~1\यूज़र\लोकल्स~1\टेंप\ंसोहटँल1\01\क्लिप_इमेज002.जिफ[/ईम्ग]तू मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी

शीतल : मुझे डर लगता हाीइ कहीं मां ने सुन्न लिया?

देवश : तू बनाएगी मां को या मैं?

शीतल ने कुछ और नहीं कहा बस सोचती रही…देवश ने उसे थोड़ा टाइम दिया सोचने का…और फिर धीरे धीरे उसके करीब होने लगा….और ऊसने फौरन शीतल के सूट के अंदर से ही ओसॉके पेंट पे हाथ रख दिया…शीतल कसमसा उठी वॉ नजरें झुकाए काँपने लगी इधर उधर अपने च्चेरे को करने लगी…शायद वो बहुत सहम रही थी…एक कुँवारी लड़की को नीचे लाना इतना आसान नहीं उसे धीरे धीरे शराब की बोतल में ढालना पढ़ता है

देवश ने धीरे से गले पे शीतल के चूमा शीतल ने आँख बंद कर ली..फिर देवश धीरे धीरे उसे गर्दन पे होंठ फहरने लगा तो कभी उसके कान की बलियो को मुँह में लेकर चूमता…तो कभी उसके गाल को सहलाता ऊसने धीरे धीरे शीतल को अपने प्यज़ामे के ऊपर बिता लिया उसका खड़ा लंड शीतल की गान्ड पे चुभने लगा…स्शेटल महसूस कर सकती थी दोनों में कोई बात चीत नहीं हो रही थी….

और फिर धीरे से देवश ने उठती कसमसाती शीतल का हाथ पकड़ लिया….”भैया चोद दो मुझे डर लग रहा है”……शीतला ने छुड़ाने की कोशिश की “अरे नखरे मत कर..बहुत प्यार से करूँगा आज मेरे पास आ”…..देवश ने एकदम से शीतल को अपने ऊपर खींच लिया और उसके होठों पे होंठ सटा दिए…शीतल को बिजली का झटका लगा और वो खुद पे खुद निढल पढ़ने लगी और देवश का साथ देने लगी दोनों एक दूसरे की होठों को चूसते रहे….शीतल को किस करना तो आता नहीं इसलिए थूक जुबान सब देवश के मुँह में आ गयी…शीतल के साथ वाइल्ड किस लाजवाब था

देवश ने उठके एक एक करके शीतल के सारे कपड़े ज़मीन पे फैक दिए….और उसे ब्रा और पैंटी में घूर्रने लगा…शीतल ने देवश के बीच में खड़े लंड को देखा और फिर जब देवश ने लंड को बाहर निकाला तो शीतल की साँसें अटक गयी “हें दायया इतना बड़ा”…..शीतल ने हववव की आवाज़ निकली

देवश : बेटा ये मोटा लंबा लंड तू जैसी कामसीँ काली को औरत बनता है
शीतल : पर इसमें मजा कैसे आएगा?
देवश : बस देखती जा

देवश ने एक ब्लूएफील्म ऑन कर दी पास ही के पीसी पे जिसपे वो काम कर रहा था…ऊसमें एक केरला आंटी दो काले रक्षासो जैसे आदमियों से चुद रही थी मुँह में ले रही थी शीतल को बड़ा गीन लगा…पर देवश ने कहा इसे चूसने से औरत की छातिया बढ़ती है और ऊँका यौवन खिलता ही एक गवार जाहिल लड़की को साँचे में उतारने के लिए ऐसा कहना ही पढ़ता है

देवश शीतल की ब्रा उतार देता है..और ऊस्की इतनी मोटी मोटी छातियो को देखने लगता है जो उमर के हिसाब से जरूरत से ज्यादा बड़ी थी हो भी क्यों ना मां का जो रूप था ऊसमें….देवश दोनों छातियो को क़ास्सके क़ास्सके दबाने लगता है और उसके निपल्स को मुँह में भरके चुस्सता है..शीतल के छातियो को दबाने से शीतल आहें भरने लगती है यानि उसे मजा आने लगता है….देवश को शीतल की पैंटी गीली नज़र आती है….शीतल की निगाह ब्लूएफील्म पे है और इधर देवश उसके जिस्म से लिपटा छातियो को दबाए जा रहा है…

शीतल : बहुत ही अच्छे
 
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शीतल का हाथ काँपने लगा उसका पूरा बदन सिहर उठा…सामने खड़ा वो मुकोता पहना शॅक्स जिसके राक्षस जैसे भयंकर मुकोते को देखकर शीतल की सांसीएन काँप उठी वो एक एक कदम पीछे जैसे होती वो शकस आगे बढ़ने लगता है और एकदम से वो उसके इतने करीब आया अपना चाकू लिए की शीतल ने झुककर अपनी आंखें क़ास्सके बंद की और ज़ोर से चीखी

ऊस्की चीख तब शांत हुई जब ऊस शॅक्स ने उसे बाहों में काश लिया और अपने चाकू को फैक्टे हुए…अपने मुकोते को उतार फैका…”देवस्सह भैयाअ आप”…..शीतल ने चैन की साँस ली….देवश मुस्कराए बस कुछ देर वैसे ही पेंट पकड़े बिस्तर पे हस्सते रहा उसे शीतल की बेवकूफी पे बड़ा हँसी आया

शीतल : आपने तो मेरी जान ले ली होती आज (शीतल ने चिल्लाके कहा)

देवश : हाहाहा तुम डर गयी ना?

शीतल : ऐसे कोई मुकोता पहनें खड़ा होता है क्या? बाबा हमें लगा की आप हमको मर ही डालोगे

देवश : हाथ पगली आ इधर (देवश ने नखरे करती शीतला का हाथ पकड़ा और उसे अपने बगल में बिठाया उसके ज़ुल्फो पे उंगली फहीरते हुए कंधे पे हाथ रखा) अरे मेरी मां नाराज़ मत हो असल में तू तो जानती है ना तेरा भाई कितना टेन्शन में दुबला पट्तला होते जा रहा है

शीतल : हाँ लगता तो है पर आपने ये मुकोता कहाँ से लिया?

देवश : असल में ये खूनी ने पहना था जिसकी केस मैं हैंडिल कर रहा हूँ ये सबूत है मेरे पास (शीतल बारे ध्या न्स सुनती रही)

शीतल : फिर भी आपको ऐसे चीज़ें घर में नहीं रखनी चाहिए पता है मैं कितना डर गयी थी

देवश : तू भी ना अच्छा चल अपना मूंड़ मत खराब कर ये बता आज तू लेट कैसे हो गयी?

शीतल : मां के साथ बर्तन माझने गयी थी एक मालकिन के यहां इसलिए लाइट हो गया फिर वहां से खेत में मां का हाथ बताया मां बहुत तक गयी इसलिए मुझे भेज दिया

देवश : आजकल तू बड़ी समझदार हो गयी अपने भाई का इतना ख्याल रखने लगी है (देवश ने शीतल को आँख मारी शीतल का चेहरा गुलाबी हो गया [ईम्ग]फाइल:///सी:\डोकूमए~1\यूज़र\लोकल्स~1\टेंप\ंसोहटँल1\01\क्लिप_इमेज001.जिफ[/ईम्ग])

देवश ने मुकोते को दराज़ में रख दिया और फिर चाकू को किचन में ले जाकर रखा कुछ देर बाद देवश आया उसके हाथ में एक बॉक्स था….शीतल पहले तो डर गयी कहीं ये भी देवश का कोई मज़ाक ना हो उसे डरने के लिए..पर देवश ने उसे खुद खोलने को कहा…शीतल ने जैसे ही बॉक्स खोला ऊसमें चमचमाती पएेल थी

देवश : कैसी लगी?

शीतल : श भैयाअ कितनी खूबसूरत हाीइ

देवश : तू जब पाओ पे पहन के छान चनाएगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा पतः आई एक ही तू ही तो है जिसे मैं इतना चाहता हूँ

शीतल : श भैया (शीतल ने खुशी के मार्िएन देवश को अपने गले लगा लिया अफ ऊस्की छातियो की सक़ती देवश के खड़े लंड को जमाने लगी)

देवश : अच्छा अब ये बता ऊस दिन तू जो आई तूने मुझे और काकी मां को एक साथ देखा तो तुझे कुछ प्राब्लम तो नहीं हुआ ना देख तू मेरी बहाना है और मैं अपनी प्यारी बहन से कुछ छुपाना नहीं चाहता

शीतल : तो क्या आप मां के साथ?

देवश : नहीं नहीं तेरी मां मेरी मां है वो मुझे कलेजे से खिलाती है सुलाती है क्योंकि ऊँका कोई बेटा नहीं (शीतल थोड़ी मायूस हो गई…देवश ने उसके उदासी चेहरे को उठाया और मुस्कराया)

शीतल : हाँ मां आपसे बहुत प्यार करती है…(देवश मन ही मन मुस्कराया इसको कहना बड़ा ही मुश्किल है की ये इसकी मां अपर्णा के साथ सोता है अगर ऐसा कह दिया तो शीतल फिर देवश से रिश्ता नहीं बनाएगी)

देवश : अच्छा शीतल मैं तुझे कैसा लगता हूँ?
देवश : अगर मैं तुझसे एक बात कहूँ तो तू मानेगी


शीतल : आप जो कहना चाहते हो मैं समझ रही हूँ (देवश की गान्ड फॅट गयी क्या इसे समझ आ गया की मैं क्या सोच रहा हूँ) आप हमसे वो वाला प्यार करना चाहते हो

देवश : मैं तो तुझहहसे हर तरीके का प्यार करना चाहता हूँ पगली [ईम्ग]फाइल:///सी:\डोकूमए~1\यूज़र\लोकल्स~1\टेंप\ंसोहटँल1\01\क्लिप_इमेज002.जिफ[/ईम्ग]तू मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी

शीतल : मुझे डर लगता हाीइ कहीं मां ने सुन्न लिया?

देवश : तू बनाएगी मां को या मैं?

शीतल ने कुछ और नहीं कहा बस सोचती रही…देवश ने उसे थोड़ा टाइम दिया सोचने का…और फिर धीरे धीरे उसके करीब होने लगा….और ऊसने फौरन शीतल के सूट के अंदर से ही ओसॉके पेंट पे हाथ रख दिया…शीतल कसमसा उठी वॉ नजरें झुकाए काँपने लगी इधर उधर अपने च्चेरे को करने लगी…शायद वो बहुत सहम रही थी…एक कुँवारी लड़की को नीचे लाना इतना आसान नहीं उसे धीरे धीरे शराब की बोतल में ढालना पढ़ता है

देवश ने धीरे से गले पे शीतल के चूमा शीतल ने आँख बंद कर ली..फिर देवश धीरे धीरे उसे गर्दन पे होंठ फहरने लगा तो कभी उसके कान की बलियो को मुँह में लेकर चूमता…तो कभी उसके गाल को सहलाता ऊसने धीरे धीरे शीतल को अपने प्यज़ामे के ऊपर बिता लिया उसका खड़ा लंड शीतल की गान्ड पे चुभने लगा…स्शेटल महसूस कर सकती थी दोनों में कोई बात चीत नहीं हो रही थी….

और फिर धीरे से देवश ने उठती कसमसाती शीतल का हाथ पकड़ लिया….”भैया चोद दो मुझे डर लग रहा है”……शीतला ने छुड़ाने की कोशिश की “अरे नखरे मत कर..बहुत प्यार से करूँगा आज मेरे पास आ”…..देवश ने एकदम से शीतल को अपने ऊपर खींच लिया और उसके होठों पे होंठ सटा दिए…शीतल को बिजली का झटका लगा और वो खुद पे खुद निढल पढ़ने लगी और देवश का साथ देने लगी दोनों एक दूसरे की होठों को चूसते रहे….शीतल को किस करना तो आता नहीं इसलिए थूक जुबान सब देवश के मुँह में आ गयी…शीतल के साथ वाइल्ड किस लाजवाब था

देवश ने उठके एक एक करके शीतल के सारे कपड़े ज़मीन पे फैक दिए….और उसे ब्रा और पैंटी में घूर्रने लगा…शीतल ने देवश के बीच में खड़े लंड को देखा और फिर जब देवश ने लंड को बाहर निकाला तो शीतल की साँसें अटक गयी “हें दायया इतना बड़ा”…..शीतल ने हववव की आवाज़ निकली

देवश : बेटा ये मोटा लंबा लंड तू जैसी कामसीँ काली को औरत बनता है
शीतल : पर इसमें मजा कैसे आएगा?
देवश : बस देखती जा

देवश ने एक ब्लूएफील्म ऑन कर दी पास ही के पीसी पे जिसपे वो काम कर रहा था…ऊसमें एक केरला आंटी दो काले रक्षासो जैसे आदमियों से चुद रही थी मुँह में ले रही थी शीतल को बड़ा गीन लगा…पर देवश ने कहा इसे चूसने से औरत की छातिया बढ़ती है और ऊँका यौवन खिलता ही एक गवार जाहिल लड़की को साँचे में उतारने के लिए ऐसा कहना ही पढ़ता है

देवश शीतल की ब्रा उतार देता है..और ऊस्की इतनी मोटी मोटी छातियो को देखने लगता है जो उमर के हिसाब से जरूरत से ज्यादा बड़ी थी हो भी क्यों ना मां का जो रूप था ऊसमें….देवश दोनों छातियो को क़ास्सके क़ास्सके दबाने लगता है और उसके निपल्स को मुँह में भरके चुस्सता है..शीतल के छातियो को दबाने से शीतल आहें भरने लगती है यानि उसे मजा आने लगता है….देवश को शीतल की पैंटी गीली नज़र आती है….शीतल की निगाह ब्लूएफील्म पे है और इधर देवश उसके जिस्म से लिपटा छातियो को दबाए जा रहा है…

शीतल : बहुत ही अच्छे
Behatareen update brother.....
to akhir Shital bhi devesh ke niche aane wali hai......
keep writing....
keep posting......
 
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AK 24

Supreme
22,058
35,877
259
(UPDATE-32)



कुछ देर बाद देवश नंगा ही बिस्तर पे बैठ गया और पेंट को चूमता हुआ शीतल के नाभी से लेकर नीचे जुबान फहीरता है शीतल देवश के बालों पे हाथ फेरते है…और फिर वो झट से पैंटी नीचे खिसका देता है पहले तो शीतल काफी हस्सने लगी…पर देवश ने ज़बरदस्ती से उसे नंगा कर दिया और उसे गाओड़ी में उठाकर पलंग पे लेटा दिया…देवश ने शीतल की टाँगें चौड़ी की मज़बूती से और उसका गुलाबी भाग देखने लगा अफ कितनी चिकनी थी

देवश : तुम साफ रखती हो अपने चुत को
शीतल : हाँ बिना साफ किए खुजली होती है
देवश : हम बहुत खूब (और देवश धीरे धीरे अपने मुँह को चुत के नज़दीक लाता है…शीतल हड़बड़ा जाती है)
शीतल : भैया ये क्या कर रहे हो?
देवश : सस्शह चुप्प्प्प
शीतल : श भैया आहह उईईइ आहह सस्स (देवश जैसे ही चुत पे मुँह रखतः आई ऊस्की गंध उसके नाक में समा जाती है)

पसीने और पेशाब की गंध की मिली जुली महक…देवश शीतल की चीकनी गीली रस से भारी चुत में मुँह लगाए चाटने लगता है…और शीतल बस काँप उठती है….वॉ चहके भी देवश को रोक नहीं पाई इस करार मजे को खुद से अलग नहीं कर पाई…वो बस सर इधर उधर घुमाने लगी…होठों पे दाँत दबाने लगी….और डीवोस के बालों पे हाथ फेरने लगी

“आहह से आहह आअहह”…..कभी कभी शीतल चीख पार्टी जब देवश उसके कोलाइटिस को मुँह में भरके चुस्स देता…शीतल कसमसाए ऐतने लगी और फिर उसके पूरे टाँग में झुझुरी सी दौड़ी और ऊसने बीच से एक फावा निकाला जो सीधे देवश के चेहरे को पूरा भीगोटा हुआ फर्श पे जा गिरा

देवश ऊस गीली रस भारी चुत को फिर चुस्सने लगा…ऊस्की फहाँको को मुँह में भर लिया…उफ़फ्फ़ क्या लज़्ज़तदार मादक खुशुबूदार स्वाद था ऊस चुत का….देवश ने धीमें से एक उंगली अंघुता सहित छेद में पुश किया…तो शीतल सिहर गयी उसे कुछ गाड़ने लगा पर वॉ उठ नहीं पाई ऊसमे नैसे जान नहीं थी…फिर देवश ने धीमें से उंगली को तेज कर दिया….शीतल उसे मना करने लगी उसे चब्ब रहा था….देवश ने चुत के कुवरेपन का मुआइना करते हुए घुटनों के बाल बैठ गया

और फिर पास रखिी सेक्स लूब्रिकेट को बारे ही अच्छे से चुत के मुआयने पे लगाया….और अंदर तक उंगली से चिकना से कर दिया ताकि सुराख में लंड आराम से घुस सके…फिर ऊसने अपने लंड पे कॉंडम छड़ाया..ये सब कार्यक्रम शीतल देख रही थी ब्लूएफील्म में सफेद सफेद गाढ़े रस से औरत भीग रही थी फिर ऊसने कुछ देर लंड को मसला और सब ने उसे वैसेह ई हालत में चोद दिया

शीतल के मन में हज़ार सवाल थे उसे ध्या नहीं रहा की कब देवश ने चुत में लंड बारे ही आराम से धकेल दिया…जब 2 इंच ही अंदर लंड प्रवेश किया बस शीतल ज़ोर से दहढ़ उठी उसे बहुत ज़ोर का दरर्द हुआ…देवश ने उसे क़ास्सके पकड़ लिया…शीतल ने देवश को धकेलना चाहा..देवश वैसे ही रुका रहा चुत में लंड थोड़ा सा घुसा था फिर ऊसने थोड़ी सी गति बधाई..शीतल को काफी दर्द होने लगा वॉ मना करने लगी देवश नहीं मना अब शायर के मुँह पे खून लग चुका था अब वो कहाँ रुकता?

ऊसने शीतल के चुत में एक बार फिर लंड को थोड़ा ज़ोर से दबाया और एक हल्का धक्का मारा…बात नहीं बनी ऊसने फिर ज़ोर लगाना शुरू किया….शीतल ने टाँग भीच ली देवश ने उसे गान्ड ढीला छोढ़ने को कहा पर वो नहीं मानी देवश ने पूरी ताक़त लगा दी और इसी ताक़त के चक्कर में लंड धस्ता चला गया चुत में शीतल की आँखें बाहर आ गयी…वो दर्द से छटपटाने लगी…जैसे कोई सुई चुबो दी हो….”आअहह हाययए दूर्गगा मां मर गयी मैंन्न आहह निकालूओ आअहह”….बहुत ज़ोर से पलंग हिल उठा

पर देवश ने शीतल के बालों पे हाथ फायरा उसके माथे पे हाथ फायरा उसे चुप कराया..पर शीतल के आंखों में दर्द के आँसू आ चुके थे….”बाबू हो गया बस अब तुम कुँवारी नहीं रही आहह सस्स बाप रे इसकी कितनी स्क़त है दर्द हो रहः आई लंड में मेरे”…..देवश ने अपने लंड के जलन को बर्दाश्त किया और चुत में लंड घुसाए ही रखा

शीतल बस रोए जा रही थी…”आहह भैया जैसे हॅगने के वक्त दर्द होता है वैसे ही मुझे महसूस हो रहा है जैसे कोई सख्त चीज़ चुत में फ़ासस गयी”…..देवश हस्सा..और ऊसने बारे ही प्यार से नादान शीतल के गालों को चूमा…और फिर धक्के थोड़े देने शुरू किए…पर दर्द बरक़रार रहा…देवश चुदाई करता रहा….और उसी हालत में हल्का हल्का धक्का लगाने लगा…”आहह आहह आहह”….शीतल हर धक्को से चिल्ला रही थी…उसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था करीब कुछ 10 मिनट बाद ही उसे थोड़ी राहत मिली….लंड की मोटाई बहुत ज्यादा थी जिस वजह से शीतल को इतना दर्द सहना पड़ा…पर देवश खुश था उसके लंड के आख़िर बिल ढूँढ ही निकाला…देवश ने धक्के थोड़े तेज किए तो शीतल को गाड़ने लगा और वो दर्द से आहह आ के स्वर फीरसे निकालने लगी


देवश ने वैसे ही हालत में उसे कई देर तक लेटे लेटे चोदा…और फिर लंड को चुत के मुख से निकाला फकच्छ से लंड बाहर आ गया और साथ में गीली चुत से रस और थोड़ा खून बाहर निकला…देवश ने कुछ नहीं बताया शीतल को उसे लाइताय रखा और उठके एक गंदा काप्रा लाके उसके चुत को अच्छे से पोंछा और उसके चोट के अंदर भी उंगली काप्रा डालकर पोंछा…चुत से खून रिस रिस के निकल रहा था….देवश ने फौरन अपने खून लगे कॉंडम को भी निकालके फैक दिया उसे लगता था की इससे इन्फेक्षन होता है बार बार एक ही कॉंडम के उसे से…ऊसने फौरन शीतल को अपने ऊपर चढ़ाया पहले तो दर्द के मारें शीतल से उठा नहीं जा रहा पता लेकिन ऊस्की सुराख पूरी तरीके से चौड़ी हो चुकी थी

और काफी गहरी भी अब लंड जल्दी से चुत के मुआने में जा सकता त चुत का द्वार खोल के भोसड़ा बंचुकी थी…ऊसने फौरन डायरी ना करते हुए धीरे धीरे बोल बोलकर शीतल को अपने लंड पे सवार किया शीतल उठने लगी…पर देवश ने बारे ही संजीदगी से उसे हौले हौले नीचे से धक्के देने शुरू किए जाँघ गान्ड से चिपक जाई गान्ड उचक जाती शीतल की और अपनी चुत में लंड को घपप से ले लेती…चुत आराम से अंदर बाहर होने लगा पर दोनों के अंगों में इतना दर्द था की अब रहा नहीं जा रहा था….लेकिन इससे चुदाई का सारा मजा खराब हो जाता है यही सोचकर देवश बस लगा रहा

देवश ने फुरती से शीतल को अपने ऊपर लेटा दिया और ऊस्की ज़ुल्फोन को हटा कर उसके होठों को चुस्सने लगा….दोनों एक दूसरे को बेदर्दी से चूमने लगे…शीतल देवश के निपल्स से खेलने लगी देवश उसे बाज़ुओ में लिए नीचे से लंड को चुत में अंदर बाहर करने लगा….”आहह से आहह से आहह”…शीतल आहें भरने लगी…लौंडिया को मजा आ रहा था कोई शक नहीं

देवश ने धक्के अब करार और तेज कर दिए…शीतल की आहें ज़ोर से गूंजने लगी…और देवश किसी रेलवे गाड़ी की तरह बढ़ता में लंड को चुत से अंदर बाहर करने लगा…और जल्द ही देवश ने रफ्तार बड़ी ही तेज कर दी..थोड़े देर बाद दोनों उठे और फिर देवश ने शीतल को नया पोज़िशन लेना सिखाया कुतिया बनने का

इसमें शीतल दर्द के मार्िएन ऐसे ही हाथ बिस्तर पे रखकर पेंट के बाल लाइट गयी और देवश उसके ऊपर चढ़के गान्ड के फहाँको में लंड घिस्सते रहा…फिर ऊसने चुत के मुआने पे धायर सारा लूब्रिकेट फिर लगाया और इस बार गान्ड की छेद में भी….और बड़ी ही धीमें से लंड चुत में डाल दिया लंड तो चुत में डाल गयी पर गान्ड की बात जुड़ा थी…कुछ देर तक देवश शीतल की गान्ड पकड़ा उसे हौले हौले चोदता रहा….शीतल को बेहद मजा आने लगा अब उसे चुदाई और मर्द औरत के बीच का सुख का अहसास हुआ

कुछ देर में ही देवश ने शीतल को पूरा लेटा दिया और ऊस्की गान्ड में लंड डालने लगा …..शीतल दर्द से चिल्ला उठी…पर देवश का पूरा वज़न ऊसपे आ गया…आज तो वो किसी भी सूरत में कुँवारी जाने नहीं वाली थी घर…देवश ने ऊस्की गान्ड में लंड को आधा इंच तक घुसेड़ दिया था ऊस दिन शीतल के इकाफी चीखें निकली थी उसे खूब दर्द से गुजरना पड़ा..लेकिन वहशी देवश कहाँ छोढ़ने वाला था ऊसने और भी क़ास्सके गान्ड में लंड घुसाया और हुआ यूँ की गान्ड की भीतर लंड प्रवेश आख़िर कार कर ही गया और फिर शर हुआ दोनों का संगम

देवश वैसे ही पुश उपस की तरह ऊपर नीचे लंड को घुसता रहा खुद के बदन को ऊपर नीचे करता रहा…नीचे शीतल पीसती गयी और देवश गान्ड में धक्के पेलता रहा….और फिर जब उसका गान्ड से जी भर जाए तो चुत में लंड डाल देता…इस बीच ऊओसका कॉंडम फॅट गया धक्के तेज हो गये और इसी कशमकश में लंड से रस निकलते निकलते बच्चा…देवश ने शीतल के चेहरे पे ही अपना कामरस चोद दिया…और फारिग हो गया शीतल को ऊस्की महक बर्दाश्त नहीं हुई और वो पलंग के दूसरी ओर होंठ पे लगे वीर्य को थूकने लगी

देवश पसीना पसीने बेहाल हो गया फिर भी उसे ऊस हालत में शीतल को साफ करना था उसे गंदे कपड़े से शीतल के चुत को साफ किया खुद के कॉंडम को निकलकर फैका..फिर चादर हटाई और ऐसे ही गद्दे पे दोनों सोए…देवश ने शीतल के चेहरे को अच्छे से साफ किया दूसरे कपड़े से और फिर उसे अहेतियात और कुछ बातें बताई..ताकि आगे छलके वो गर्भवती ना हो जाए….शीतल को बड़ा गुस्सा तो आया था कारण वो जब उठी तो उसे अपनी गान्ड फील नहीं हो रही थी…वो टाँगें चौड़ी चौड़ी करके चल रही थी चुत के मुआने पे अब भी दर्द था..देवश ने फटताफट थकान को चोद उसके लिए गरम पानी उबाला और उससे ऊस्की सूजी चुत की सैकाई की और फिर तब जाकर एक ट्यूब फटी चुत के जगह जगह जहाँ चील गयी वहां लगाया और फिर कॉटन से अपने लंड के सूपड़ा जो चील गया ऊसपे लगाकर फ़ौर्दर्म् लगाया तब जाकर उसे कुछ राहत महसूस हुई….
 

Shah40

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