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Shayari गुफ्तगू

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हमारे दिल में क्या है, ये बस हमें पता है.
"अफवाहों" का क्या है, ये तो उड़ती ही रहेंगी।
 

lone_hunterr

Titanus Ghidorah
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थोड़ा सा और "बिखर" जाऊं
मैंने यही "ठानी" है,

ऐ "ज़िंदगी" थोड़ा "रूक"
मैंने अभी "हार" कहाँ मानी है।

एक बार फिर से करेंगे इश्क़ जनाब
भरोसा ही तो उठा है, जनाज़ा तो नहीं |
 
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एक बार फिर से करेंगे इश्क़ जनाब
भरोसा ही तो उठा है, जनाज़ा तो नहीं |

ज़नाजा़ इश्क़ का निकले कोई नयी बात नहीं,
कभी हुस्न भी हो ज़ख्मी तो मिसा़ल बन जाए।
 
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मिली हयात ही ऐसी
के हया भी रो पड़ी.

तेरी तलाश में जा़लिम
सजा भी रो पड़ी.

तुझे टूट कर चाहा
और इतना चाहा,

तेरी वफ़ा की ख़ातिर
वफ़ा भी रो पड़ी.

मेरा नसीब मेरी किस्मत
मेरी मुकद्दर बने तू,

तुझे मांगते - मांगते
दुआ भी रो पड़ी..!
 

lone_hunterr

Titanus Ghidorah
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ज़िंदगी की जद्दोजहद ने , हुस्न को ,
इश्क़ से उम्र की तरफ , अग्रसर कर दिया
 
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हुस्न की तासीर इतनी गर्म थी
सबसे पहले इश्क़ जल कर मर गया।।


ना मैं मरा..... ना इश्क मरा.
वो जो मर गया.... यकीन था।
 
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तुझे भूलने के लिए,
एक पल चाहिए.

वो पल है जिसे लोग,
मौत कहते हैं.
 
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हमारी "गुफ़्तुगू" महदूद रहती है इशारों तक,
मुझे इंगलिश नहीं आती, उसे उर्दू नहीं आती।
 

lone_hunterr

Titanus Ghidorah
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वो तेरे होटों की शबनम ही काफी है..
उसमे बह जाने को,
वो मेरी ख़ामोशी ही काफी थी..
तेरे दिल को आवाज़ लगाने को.
 
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