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Superb updateपापाजी के साथ कामया अपने नये काम को देखती हुई कॉंप्लेक्स में आज कुछ और अंदर तक घुसी वहां के लोगों से मिली और कुछ देर बाद वहां से निकलकर अपने शोरुम में भी पहुँची और फिर कल की तरह ही पूरी शाम तक वो अपने पति और पापाजी के साथ ही रही उसके मन में एक बार भी कही कोई त्रुटि नहीं आई या फिर कहिए सेक्स के बारे में कोई भी सोच नहीं आई वो इसी तरह से अपने शाम तक का टाइम निकाल कर जब अपने पति के साथ घर पहुँची तो बहुत थक गई थी घर पहुँचकर भी उसने ना तो भीमा चाचा से नजर ही मिलाई और नहीं लाखा काका के सामने कोई उत्तेजना ही
इसी तरह रात को भी कामया अपने कमरे में ही रही रात को कामेश के साथ सेक्स का मजा भी लिया और बहुत ही प्यार भरी बातें भी की कामेश उसे बहुत छेड़ रहा था उसे बार-बार अपने काम के बारे में पूछकर उसे एमडी एमडी कहकर , छेड़ता जा रहा था उसे भी अपने पति की छेड़ छाड़ अच्छी लग रही थी वो अगर इतना ध्यान उसे दे तो क्या जरूरत है उसे किसी के पास जाने की अगर वो उसे समय दे तो क्या जरूरत है उसे किसी से समय माँगने की वो बहुत खुश थी और अपने बिस्तर पर पड़े हुए वो एक चरम सुख का आनद ले रही थी उसे आज साफ्ट सेक्स में मजा आ रहा था कितना प्यार करते है कामेश उसे कितने हल्के हाथों से और कितने जतन से कही उसे चोट ना लग जाए या फिर निशान ना पड़ जाए कितने प्यार से उन्होंने उसकी चुचियों को छुआ था और कितने प्यार से उन्हें मुख में डालकर चूसा भी था वो एक परम आनंद के सागर में गोते लगा रही थी जब कामेश ने उसकी योनि के अंदर प्रवेश किया तो आआआआआह्ह एक सिसकारी उसके मुख से आनयास ही निकल गई थी और वो कामेश के होंठों को अपने होंठों में लेकर चुबलने लगी थी कितना आनंद और सुख है कामेश के साथ कोई चिंता नहीं कैसे भी और किसी भी वक़्त वो अपने पति के साथ आनंद ले सकती थी कामेश की स्पीड धीरे-धीरे बढ़ने लगी थी और वो अब पूरी गति से कामया पर छाया हुआ था और कामया भी अपने पति का पूरा साथ दे रही थी और आज तो कुछ ज्यादा ही
वो हर धक्के पर उच्छल जाती और अपनी बाहों के घेरे को और भी कामेश के चारो ओर कस्ति जा रही थी हर धक्के को वो भी कामेश के धक्के के साथ मिलाना चाहती थी और हर धक्के के साथ ही वो कामेश को किस भी करती जा रही थी और उसके होंठों के बाद अब तो वो उसकी जीब को भी अपने होंठों में दबा कर अपने मुख के अंदर तक ले जाने लगी थी कामया की सेक्स करने की कला से कामेश भी हैरान था और वो जानता था , कि कामया बहुत ही गरम है और वो अब ज्यादा देर तक ठहर नहीं पाएगा जिस तरह से कामया अपनी कमर को उछाल कर उसका साथ दे रही थी उसे अंदाजा हो गया था कि कामया भी कभी भी उसका साथ छोड़ सकती है कामया के होंठों से निकलने वाली हर आवाज अब उसे साफ-साफ सुनाई दे रही थी जो कि उसके कान के बिल्कुल करीब थी और भी उसे उसके करीब खींचने की कोशिश कर रही थी
कामेश ने भी अपने पूरे जोर लगाकर कामया को अपनी बाहों के घेरे में कस रखा था और लगातार अपनी स्पीड को बढ़ा रहा था हर धक्के में वो कामया के जेहन तक उतर जाना चाहता था और उसे रास्ता भी मिल रहा था आज कामया उसे पागल कर दे रही थी वो जिस तरह से अपनी दोनों जाँघो को उसकी कमर के चारो ओर घेर रखा था उससे वो बहुत ज्यादा ऊपर भी नहीं हो पा रहा था उसकी जकड़ इतनी मजबूत थी कि वो छुड़ाने की कोशिस भी नहीं कर पा रहा था
कामया- जोर से कामेश और जोर से
कामेश- हूँ हूँ आअह्ह हाँ …
कामया- और कस कर पकडो प्लीज और कस कर मारो प्लीज
कामेश अपनी पूरी ताकत लगाके कामया को जकड़े हुए था पर कामया उसे और भी पास और भी नजदीक लाने की कोशिस कर रही थी वो उत्तेजना में जाने क्या-क्या कह रही थी वो अपने पूरे जोर से कामया के अंदर-बाहर हो रहा था पर कामया के मुख से निकल रहे शब्दों को सुनक र , सच में पागल हुए जा रहा था वो अपनी पूरी शक्ति लगाकर कामया को भोगने में लगा था पर कामया को उपने शिखर में पहुँचने में अभी थोड़ी देर थी वो कामेश को जितना हो सके उसने जोर से कस कर भिच रखा था और लगातार अपनी कमर को हिलाकर कामेश के लिंग को जितना हो सके अंदर तक ले जाने की कोशिश करती जा रही थी वो एक साधारण औरत जैसा बिहेव नहीं कर रही थी वो एक सेक्स मेनिक जैसी हो गई थी और अपने ऊपर अपने पति को ही निचोड़ने में लगी हुई थी वो अपनी योनि को भी सिकोर्ड कर उसके रस को अपने अंदर तक समा लेने चाहती थी
और उधर कामेश जितना रुक सकता था रुका और धम्म से कामया के ऊपर ढेर हो गया वो अपनी पूरी शक्ति लगा चुका था और कामया को भोगने में कोई कसर नहीं छोड़ा था पर पता नहीं कामया को क्या हो गया था कि आज वो उसका साथ नहीं दे पाया वो अब भी नीचे से धक्के लगा रही थी और कामेश के सिकुडे हुए लिंग को अपने से बाहर निकलने नहीं दे रही थी अचानक ही कामया जैसे पागल हो गई थी एक झटके से अपनी जाँघो को खोलकर वापस आपास में जोड़ लिया और कामेश को नीचे की ओर पलट दिया और खुद उसके ऊपर आके उसके ऊपर सवार हो गई अब कामया कामेश को भोग रही थी ना कि कामया को कामेश शिथिल होता जा रहा था उसके शरीर में इतनी भी ताकत नहीं थी कि वो कामया को सहारा दे और उसे थामे पर कामया को जैसे किसी तरह की मदद की जरूरत ही ना हो वो कामेश के ऊपर सवार होकर अपनी कमर को तेजी चलाकर अपनी हवस को शांत करती जा रही थी पर शायद कामेश के सिकुड़ जाने के बाद उसे इतना मजा नहीं आया था वो एकदम से कामेश के सीने में गिर गई और उसे चूमते हु ए
कामया- प्लीज कामेश थोड़ी देर और प्लीज करो ना आआआआआआअ
कमाया की कमर अब भी अपने अंदर कामेश के लिंग को निचोड़ जा रही थी पर कामेश में अब ताकत नहीं बची थी सो वो अपने हाथों को उसकी कमर के चारो और लेजाकर कस के उसे पकड़ लिया और नीचे से धीरे-धीरे धक्के मारने लगा था ताकि कामया को शांत कर सके पर कामया ने तो जैसे आशा ही छोड़ दी थी वो कामेश के सीने से चिपकी हुई अपने कमर को आगे पीछे करती जा रही थी और कामेश के सीने पर किस करते-करते अपनी उंगलियों से उसके बालों को खींचने लगी थी
कामेश- आहह क्या करती हो
कामया- धात थोड़ी देर और नहीं कर सके
कामेश- अरे आज क्या हुआ है तुम्हें पहले तो ऐसा नहीं देखा
कामया- एक तो इतने दिन बाद हाथ लगाते हो और फिर अधूरा ही छोड़ देते हो
और कामेश के ऊपर से अपनी साइड में उतरगई कामेश को भी दुख हुआ और कामया को अपनी बाहों में भर कर उसके गालों को चूमते हुए कहा
कामेश- अरे यार पता नहीं क्या हुआ आज पर पहले तो ऐसा नहीं हु आ
कामया- बुड्ढे हो गये हो और क्या सिर्फ़ दुकान औ र , पैसा ने तुम्हें बूढ़ा बना दिया है और कुछ नहीं
और गुस्से में पलटकर सोने की कोशिश करने लगी पर नींद कहाँ वो अपनी अधूरी छोड़ी हुई वासना को कैसे पूरी करे सोचने लगी थी
वो अचानक ही कामेश की ओर मूडी और फिर से कामेश को अपनी बाहों में भर कर उसे किस करने लगी
कामेश को भी लगा कि शायद गुस्से के कारण उसने जो कहा उसके लिए शर्मिंदा है सो उसने भी कामया को अपनी बाहों में भर लिया और वो भी कामया को किस्स करने लगा था पर कामया के दिमाग में कुछ और ही था वो कामेश को किस करते हुए अपना एक हाथ नीचे उसके लिंग तक पहुँचा चुकी थी कामेश एक दम भौचक्का रह गया वो आखें खोलकर कामया की ओर ध्यान से देखने लगा कामया के चहरे पर एक कातिल सी मुश्कान थी जैसे वो कह रही हो कहाँ जाओगे बचकर वो कामेश के लिंग को अपने हाथों में लेकर उसे अपने लिए तैयार करने चेष्टा में थी उसकी आखों में एक अजीब सी चमक थी जो कि कामेश ने आज से पहले कभी नहीं देखी थी वो एक अलग सी कामया को देख रहा था पर हाँ … उसे अपनी पत्नी का यह अंदाज अलग और अच्छा लगा वो भी फिर से अपनी में आने लगा था कामया की हथेलियो में उसके लिंग को एक नई उर्जा मिल रही थी और उसके किस में भी एक अलग ही बात थी जो कि आज तक उसने कभी महसूस नहीं किया था
कामया कामेश के लिंग को धीरे-धीरे अपने हाथों से सहलाती हुई कामेश के होंठों को किस करती जा रही थी और एकटक कामेश की ओर देखती जा रही थी फिर धीरे से कामेश के होंठों को छोड़ कर वो कामेश के सीने के बालों में अपने होंठों को एक दो बार घुमाकर उसके पेट और नाभि तक पहुँच गई थी उसका एक हाथ अब भी उसके लिंग पर ही था जो कि अपने अस्तित्व में आने लगा था और थोड़ा बहुत झटके लेकर अपने आपको जगा हुआ परवर्तित करवाने की चेष्टा में था कामेश के होंठों से कामेश के शरीर में एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी थी और वो झुक कर अपनी पत्नी को उसे इस तरह से प्यार करते हुए नीचे की ओर जाते हुए देख रहा था वो कामया के सिर को सहलाते हुए अपने तकिये में चुपचाप लेटा हुआ था कामया के होंठों ने जब उसकी नाभि और पेट को छोड़ कर अचानक ही उसके लिंग को किस किया तो वो लगभग चौक गया और नीचे की और देखते हुए अपनी पत्नी के सिर पर अपने हाथों के दबाब को बढ़ते हुए पाया था शायद हर मर्द की चाहत ही होती है कि कोई औरत उसके लिंग को चूसे बिस्तर पर एक वेश्या जैसे वर्ताव करे पर जब यह सब होने लगता है तो एक बार आश्चर्य होना वाजीब है और कामेश को भी हो रहा था पर कामया जिस तरह से उसके लिंग को अपने मुख के अंदर लेकर खेल रही थी या फिर उसके लिंग को अपने लिए तैयार कर रही थी वो अपना आपा खो चुका था अपने लिंग को कामया के मुख में डालने की शायद वो चाहत कामेश के अंदर भी थी पर शायद कह नही पाया था पर आज तो जैसे वो कामया को अपने लिंग का स्वाद लेने के लिए दबाब भी बनाने लगता जैसे ही कामया की जीब ने उसके लिंग को छुआ वो अपने शरीर में झटके को नहीं रोक पाया
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Lazwaab updateकामेश-----------आआआआह्ह कामयाआआआआआ अ
कामया- हाँ … क्या
कामेश- प्लीज एक बार चूस लो प्लीज बहुत इच्छा थी प्लीज़्ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज् ज
कामया- हाँ … एक बार क्यो
और चप से उसके लिंग को अपने मुख के अंदर ले गई और प्यार क्या होता है यह अब समझ में आया कामेश को जैसे ही कमाया ने अपने होंठों के बीच में उसके लिंग को दबा के आगे पीछे अपने होंठों को किया वो तो जैसे पागल ही हो गया अपनी कमर को उठाकर कामया के मुख में अपने लिंग को घुसाने की कोशिश करने लगा था और कामया जो कि कामेश की स्थिति से भली भाँति वाकिफ थी अपने हाथों को जोड़ कर और अपने होंठों को जोड़ कर उसने अपने खेल को अंजाम देना शुरू कर दिया जीब का साथ भी लेती जा रही थी कामेश अब पूरी तरह से तैयार हो चुका था और अब वो फिर से कामया को भोगने को तैयार था वो अपने हाथों को बढ़ा कर कामया के शरीर को छूने का मजा ले रहा था कामेश अब धीरे-धीरे उठकर बैठ गया था और कामया उसके सामने घुटनों के बल बैठी हुई प्रणाम करने की मुद्रा में बैठी हुई कामेश के लिंग को चूसती जा रही थी कामेश अपनी पत्नी को अपने हाथों से सहलाते हुए अपनी कमर को भी एक बार-बार झटके दे चुका था कामया को अपने मुँह में कामेश के लिंग का सख्त होना अच्छा लग रहा था वो भूल चुकी थी कि वो अपने पति के साथ है और किसी के साथ नहीं पर वो मजबूर थी जो आग उसके शरीर में लगी थी अगर वो उसे नहीं बुझाएगी तो वो पागल हो जाएगी या फिर से उसके कदम बहक जाएँगे इसलिए वो अपने पूरे जोर से कामेश को अपने लिए तैयार करने में जुटी थी उधर कामेश भी पूरी तरह से तैयार था उसके मुख से अचानक ही एक आवाज कामया के कानों में टकरा ई
कामेश- कामया निकल जाएगा
कामया ने झट से कामेश के लिंग को छोड़ दिया और एकदम से घुटनों के बल खड़ी हो कर कामेश के होंठों को चूमते हु ए
कामया- नहीं अभी मत निकालना प्लीज अंदर करो
और खुद ही कामेश के दोनों ओर अपनी जाँघो को खोलकर बैठ गई और अपने ही हाथों के सहारे से कामेश के लिंग को अपनी उत्तेजित योनि के अंदर डालने की कोशिश करने लगी कामेश भी कहाँ पीछे रहने वाला था एक ही झटके में कामया के अंदर तक समा गया
कामया जो कि अब तक बस किसी तरह से अपने को रोके हुए थी पर जैसे ही कामेश उसके अंदर तक पहुँचा वो तो जैसे पागल ही हो गई अपने हाथों से जैसे इस बार उसे नहीं जाने देना चाहती थी वो खुद ही अपने अंदर तक उसके लिंग को समाने की कोशिश में लगी थी वो अपने को उपर नीचे करते हुए कामेश को अपनी दोनों बाहों के घेरे में लिए उसकी गोद में उछल कर अपने को शांत करने की कोशिश करने लगी थी
कामेश जो कि अब पूरी तरह से तैयार था और कामया के उतावलेपन से थोड़ा सा परेशान जरूर था पर एक बात तो थी कामया के इस तरह से उसका साथ देने से वो कुछ ज्यादा ही उत्तेजित था हर एक धक्के में वो कामया के जेहन तक समा जाता था और फिर अपने को थोड़ा सा सिकोड़ कर फिर से वो कामया के अंदर तक चला जाता था कामया जो कि उसके ऊपर बैठी हुई थी अपनी दोनों जाँघो से कामेश की कमर को कस कर जकड़े हुई थी हर धक्के पर कामया के मुख से
कामया- ऊऊऊऊओह् ह … कामेश प्लीज थोड़ा जोर से उउउम्म्म्मममम
और कामेश के होंठों को अपने होंठों में दबाकर चूसती और अपनी बाहों के घेरे को और भी उसके गले के चारो और और कसते जाती जाँघो का कसाव भी बढ़ता जात ा
कामया- और जोर से और जोर से कामेश भी क्या करता कामया को झट से नीचे गिरा कर उसके ऊपर सवार हो गया और जोर से अपनी बाहों में भरकर जोर-जोर से धक्के लगाने लगा पर कामया तो जैसे भूखी शेरनी थी कामेश के बालों को पकड़कर उसने अपने होंठों से जोड़ रखा था और लगातार उससे रिक्वेस्ट करती जा रही थी
और जोर से और जोर से कामेश का दूसरी बार था पर वो अपने जोर में कोई कमी नहीं ला रहा था उसकी हथेली कामया के बालों का कस कर जकड़कर अपने होंठों से लगाए हुए था और बाहों के घेरे को कसकर कामया के सीने के चारो ओर कस रखा था अपने शरीर के जोर से उसे बेड पर निचोड़ रहा था और कमर के जोर से उसे भेदता जा रहा था और टांगों के ज़ोर से अपनी गिरफ़्त को बेड पर और मजबूती से पकड़े हुए था पर कामया लगातार उसे और जोर से कहती हुई उससे किसी बेल-की भाँति लिपटी हुई थी और लगातार हर चोट पर कामेश की चोट का साथ देती जा रही थी कामेश अपने आखिरी पड़ाव की ओर आग्रसर था पर कमाया का कही कोई पता नहीं था वो लगातार अपनी कमर को उछाल कर अपनी उत्तेजना को दिखा रही थी पर कामेश और कहाँ तक साथ देता वो झर झर करता हुआ झड़ने लगा था दो चार धक्कों के बाद ही वो अपने शिखर की ओर चल दिया कामया ने जैसे ही देखा कि कामेश उसका साथ छोड़ने को है वो एकदम से भयानक सी हो गई और कामेश को पलटकर झट से उसके ऊपर सावर हो गई ताकि बचाकुचा जो भी है उससे ही अपना काम बना ले वो नहीं चाहती थी कि वो अपने आपको तड़पता हुआ सा पूरी रात जागे या फिर अपनी आग को बुझाने को नौकरों के पास जाए
वो जैसे ही कामेश पर सवार हुई कामेश तो ठंडा हो गया पर कामया उसके ऊपर सवार होकर जैसे तैसे अपने को शांत कर सकी नहाई नहीं थी ना तो सुख के सागार में गोता ही लगाया था पर हाँ … नदी के किनारे खड़े होने से थोड़े बहुत पानी से भीग जरूर गई थी जैसे नहाई हुई हो और कामेश के ऊपर गिर कर उसे और जोर से किस किया और अपनी जगह पर पलट ग ई
कामेश- क्या हो गया है तुम्हें
कामया- क्या कुछ नहीं बस ऐसे ही
कामेश- पर आज तो कमाल कर दिया
कामया- अच्छा नहीं लगा तो कल से नहीं करूँगी
कामेश- अरे यार तुम भी ना
और कामया को कस कर अपनी बाहों में भरकर सो गया
पर कामया की आखों में नींद नहीं थी वो जागी हुई थी और अपने अतीत और भविष्य के बारे में सोच रही थी
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