बहुत बढ़िया कोमल जी. एक तो ननद के गभिन होने की खुशी और दूसरा इतना बढ़िया अपडेट देने के लिए आपको कोटि-कोटि बधाई। सास और बहू के बीच के रिश्ते का जो खांचा जो आपने बांधा है वो सच में आदर्श रिश्ते को दर्शाता है। सास का बहू की तरफ प्यार, उसकी प्राथमिकता का ख्याल सच में एक दुर्लभ लेकिन एक सुखद एहसास है. बहू का भी परिवार के प्रति समर्पण परिवार की इज्जत और कुर्बानी का जज्बा सच में सराहनीय है। जैसी कुछ पंक्तियाँ …फिर तो जिस घर की इज्जत को तोप ढांक के रखने का काम मेरा था…घर की इज्जत कच्ची मिटटी का घड़ा है और बहू का पहला काम है घर की इज्जत, घर का नाम…. सच में ऐसा देख और पढ़ के बहुत अच्छा लगता है. आप एक अद्भुत लेखिका हैं। जहां हमारी सोच का अंत होता है वहां से आप शुरू करती हैं। धन्य है आप और आपकी लेखनी