Shetan
Well-Known Member
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Wah komalji wah. Erotic lady cuckold ehsas to aap hi deti ho. Jo muje kisi bhi kahani me nahi milta. Aur to ye me khud ki story me bhi likhne ki bahot kosis kar chuki hu. Par ye likhna mere bhi bas ki nahi hai. Kabhi kabhi me ye likhne ke lie aap ki story se kuchh ehsas chura leti hu. Chhutki ki kahani ka train vala seen aaj tak nahi bhuli.खुसखबरी
मेरी भी आँख लग गयी,
एक घडी मैं सोई होउंगी मुश्किल से और जब नींद खुली तो रात ने अपने कदम समेटने शुरू कर दिए थे।
आसमान जो गाढ़ी नीली स्याही से पुता लगता था अब स्लेटी हो गया था, पेड़ जो सिर्फ छाया लग रहे थे वो थोड़ा बहुत दिखने लगे थे, लेकिन भोर होने में अभी भी टाइम था,
तभी कुछ आहट सी हुयी, दरवाजा खुलने बंद होने की, और मुझे याद आया आज भोर होने के पहले करीब चार बजे ही इन्हे खेत पे जाना था, गेंहू की कटनी की तैयारी के लिए अभी हफ्ता दस दिन बाकी था कटनी शुरू होने में और कटनी तो एक पहर रात रहते शुरू हो जाती,
मैंने निकल के दरवाजा बंद किया और सीधे ननद के कमरे में।
ननद थेथर पड़ी थी।
हिलने को कौन कहे, आँख खोलने की ताकत नहीं लग रही थी, मेरे मर्द ने आज अपनी बहिनिया को कुचल के रख दिया था, जाँघों पर, मेरे मरद के वीर्य के थक्के पड़े थे, बुर से अभी भी बूँद बूँद कर मलाई रिस रही थी।
मैंने उनका हाथ पकड़ के सहारा देकर उठाया, उनकी मुस्कराती आँखों ने मेरे बिन पूछे सवाल को समझ लिया था, बुदबुदाते बोलीं,
' पूरे पांच बार, हिला नहीं जा रहा है "
नीचे पड़ी साडी उठा के बस अपने बदन पे उन्होंने डाल लिया, लेकिन अबकी उन्होंने जो अपनी दीये जैसे बड़ी बड़ी आँखों को उठा के देखा मैं उनका डर समझ गयी, बस हाथ दबा के, अपनी ओर दुबका के मैंने बिस्वास दिलाया, बिन कहे,
' होलिका माई की बात याद रखिये बस'
कुछ देर में हम लोग कच्चे आंगन में जहाँ पांच दिन पहले रात में मैंने ननद ने बच्चे वाली पट्टी से चेक किया था, साथ साथ मूत के, दोनों की एक लाइन, न मैं गाभिन न वो। आज फिर उकडू मुकड़ू हम दोनों बैठ गए, जाँघे फैला के, ननद के जाँघों के बीच मैंने गुदगुदी लगाई, और छेड़ा,
" अरे मूता कस के, रोकी काहें हो "
पहले तो एक दो बूँद, फिर तेज धार, अब ननद चाह के भी रोक नहीं सकती थीं,
बस मैंने उस जांच वाली पट्टी को, जैसे आशा बहु ने समझाया था सीधे मूत की धार में, और फिर हटा लिया, और मैं भी ननद के साथ
जब हम दोनों उठे, तो बड़ी देर तक मैं वो जांच पट्टी हाथ में लिए देवता पित्तर, होलिका माई की दुहाई, फिर खोल के देखा, दो लाइन लग तो रही थी,
ननद परेशान का हुआ, लेकिन आंगन के उस कोने में अँधेरा सा था, जिधर रौशनी थी, हम दोनों उधर आये,
भोर बस हुआ चाहती थी, हलकी सफेदी सी लग रही थी, एकाध चिड़िया चिंगुर बोलने लगे थे,
ननद को मैंने दूर कर दिया और अब साफ़ साफ़ देखा,
पक्का दो लाइन,
मेरी मुस्कान से ही वो समझ गयीं, एक बार पूरब मुंह हो के मैंने हाथ जोड़ा और दौड़ के ननद को बाँहों में भर लिया और वो मारे ख़ुशी के चिल्लाई,
" भौजी, हमार भौजी.... "
ख़ुशी के मारे न मुझसे बोला जा रहा था न मेरी ननद से, जैसे छोटे छोटे बच्चे आंगन में बादल आने पर गोल गोल घूमते हैं हाथ फैला के, गोल गोल चक्कर काटते हुए बस हम दोनों ननद भौजाई, उसी तरह
फिर मैंने अपनी ननद को बाहों में भर लिया, क्या कोई मर्द किसी औरत को दबोचता होगा, और कस कस के उनको चूमते, होंठों को चूसते बोली,
" मिठाई खाउंगी, पेट भर, "
" एकदम खियाइब लेकिन तबतक नमकीन खारा ही, "
सच में पक्की बदमाश ननद, और मेरा सर खींच के अपनी जाँघों के बीच, जहां अभी भी, लेकिन कौन भौजाई ननद क रसमलाई छोड़ती है, जो मैं छोड़ती, बस बिना ये सोचे की वहां अभी,
कस कस के चूसने चाटने लगी, और फिर दोनों फांको को फैला के ननद की चूत से बोली,
" अरे चूत महरानी, आपकी जय हो, जउन बढ़िया खबर आप दिहु, जउने चूत में हमरे मरद क लंड गपागप गया, जेकर मलाई खाऊ, ओहि चूत में से नौ महीने के बाद अँजोरिया अस गोर गोर बिटिया हो, खूब सुन्दर "
नन्द मेरी बात सुन के खिलखिला रही थीं, हंस रही थीं, लेकिन हँसते खिलखिलाते आगे की बात मेरी ननद ने ही पूरी की,
" और ओह बिटिया की चूत में हमरे भाई क,हमरे भौजाई के मरद क लंड गपागप सटासट जाए "
और मैंने नन्द को अँकवार में लेटे लेटे ही भेंट लिया।
थोड़ी देर में हम दोनों बोलने लायक हुए तो उसी हालत में लथर पथर,... सास के सामने हम दोनों,
हम दोनों को देख के वो समझ गयीं खुशखबरी, उनके चेहरे की चमक मुस्कान रुक नहीं रही थी, उन्होंने हाथ बढ़ाया और मेरी ननद उनकी बाहों में
देर तक माँ बेटी भेंटती रही, न बेटी बोली न माँ, बस माँ कभी बेटी के खुले बालों पे हाथ फेरतीं, कभी पीठ सहलातीं, फिर उन्होंने मेरी ओर हाथ बढ़ाया,
लेकिन मैंने मना कर दिया, " आज आपकी बात नहीं मानूंगी "
उन्होंने मेरे गौने उतरने के अगले दिन ही मना कर दिया था की मैं उनके गोड़ न छूउ, वो मुझे बेटी की तरह ले आयी हैं।
घूंघट माथे से नीचे लाकर, दोनों हाथों से आँचल पकड़ के माथे को सास के दोनों पैरों पर लगाकर पांच बार मैंने सास के पैर छुए और बस यही मन में मांग रही थी,
" मेरी ननद खुश रहे, नौ महीने में बिटिया ठीक से हो अच्छे से हो, किसी की नजर न लगे हमरे ननद के सुख पे "
Unko hath dekar khada kiya. Nandiya ka sharmate mushkurana aur smaile karte batana 5 bar. Nadiya ki suji chut ko gudgudana aur erotic ward muta kash ke.
Nadiya ka pahele sisakte 2 bund fir tez dhar se nutna. Amezing erotic ehsas
Wah maza aa gaya. Holika mai ke sath bhabhi devi ka ashirwad Kamyab huaa. Apne marad ke khute ka jadu aur bhai chudi nadiya ka pregnancy kit me jadui nishan ban gaya. Nadiya bhai chudi apne bhai se gambhin ho gai.
Bhabhi mithai to pet bhar khaungi nahi nadiya ko bolo ki bhabhi devi par mithai prasad chadhae. Bhog lagega.
Amezing ehsas. Dill khush ho gaya. Khushi ke mouke par nandiya ki chinat chut manthan. Sahi kaha. Kon bhoujai nandiya ki chut ki ras malai chhodti hai. Upar se vo malai apne marad ki ho to. Aur dialogue to jan leva tha.
" अरे चूत महरानी, आपकी जय हो, जउन बढ़िया खबर आप दिहु, जउने चूत में हमरे मरद क लंड गपागप गया, जेकर मलाई खाऊ, ओहि चूत में से नौ महीने के बाद अँजोरिया अस गोर गोर बिटिया हो, खूब सुन्दर "
Aur nandiya sang sas ke samne romance. Love it. Aap to jadugar ho. Kisi kahani me to nandiya ko sabakh sikha diya. Aur kabhi prem varsha. Nadiya hi nahi uske beti bhi chu...
Ab sasu maa ki bari. Dekh lo sasu maa. Tumhare bete ka jadu. Kahi tumko bhi pet se kar ke ek aur meri nandiya na nikal de.