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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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ये सौवां भाग ( ननद की बिदाई- बाँझिन का सोहर पृष्ठ १०३५) जैसा बन पड़ा आप लोगों की सेवा में हाजिर है और इन पोस्टों के लिखने के बाद कम से कम मैं ज्यादा कुछ कहने, बोलने की हालत में नहीं हूँ। हाँ बस कह सकती हूँ, जैसा कुछ आप लोगों को लगे, मन में महसूस हो तो हो सके तो दो चार लाइन लिख जरूर दीजियेगा।
 
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motaalund

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Best wishes to Friends for support

for 1000 pages and

Merry X Mas
Xmas-2-OIP.jpg
I think you deserve more than this but whatever is there is solace.
 
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motaalund

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१००० पृष्ठ सम्पन्न होने पर ढेरों बधाइयाँ.. आशा करते है की पृष्ठों की इस संख्या में एक शून्य और जुड़ जाएँ.. 🎉

con
अवश्य ... हम सबकी भी मनोकामना है...
 
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arushi_dayal

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मेरी ननद

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मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था, बस सूनी आँखों से उस रास्ते को देख रही थी जिधर से मेरी ननद गयी थीं, कभी उनकी उदास सूरत नजर आती आँखों के सामने,

“ भौजी, अगर वो साधुवा के पास जाना पड़ा तो बस ये आखीरी मुलाकात, इसलिए मैं अबकी इतना रह गयी, घर क आँगन डेहरी देख लूँ, जहाँ गुड्डा गुड़िया खेली, माई से तो बता नहीं सकती थी, इतना दुःख का बोझ, नहीं बर्दास्त कर पाती वो, एक तो बड़की भाभी चली गयीं तोहार छुटकी ननदिया को लेके, और बड़े भैया तो अब बम्बइये के, उनका बस चले तो सब खेत खलिहान बेच के बंबई ही, और फिर हमार ये, “

Teej-B-W-e009b3db8c1823a682dec66b1658be73.jpg


जिस तरह से ननद भभक के रोई थीं,

मैंने तय कर लिया था कुछ भी हो आपन ननद को,

ओह्ह साधुवा, उनकी सास और ननद के बीच दीवार की तरह खड़ी होना पड़े,



इसलिए छुटकी को इतने दिन मैंने घर से दूर रखा, अरविन्द गीता के यहाँ फिर नैना ननदिया के साथ,…

है तो बच्ची ही, कहीं गलती से ही कुछ सुन लेती, कुछ मायके में मेरे जाके मुंह से निकल जाता उसके,

ये बात सिर्फ मेरी ननद और हमारे बीच की थी, इनको बताने का तो सवाल ही नहीं था। गुस्से से पागल हो जाते, अपने बहनोई के साथ, ननद की ससुरार में,

अब चाहे जो पाप दोख लगे, बरम बाबा, सत्ती माई, भाई का बीज बहिन के कोख में,

लेकिन हमको कुछ और नहीं सूझा.
जो पाप दोख लगे, बस हमको लगे, ...भले हमरी कोख पे लगे. हमरे ननद को कुछ न हो उनकी कोख हरदम हरी रहे, नौवें महीना सोहर हो, उनकी मुंहझौसी सास ननद क मुंह बंद हो,... हमार सोना अस ननद,



मेरी सास, अब जब खुश खबरी उनकी समधन की ओर से आ गयी थी तो पूजा मनौती, तिझरिया तक तो उनको आना नहीं था, लेकिन दो चीजे आ गयी और मेरा मन एकदम बदल गया,

एक तो मायके से फोन मेरी माँ का, और उसके बाद मेरी सास का पूत, मेरी सास और ननद का भतार ये




बताती हूँ , बताती हूँ अगली पोस्ट में
आज सच में मेरी आंखें डबडबा आई। एक औरत के मन की पीड़ा का इतना जीवंत विवरण आपके इलावा कोई नही लिख सकता था। क्षमा चाहूंगी लेकिन आज मैं कुछ नहीं लिख पाऊंगी। मेरी औकात नहीं है कि मैं कुछ कमेंट लिख पाऊं इस मार्मिक और संवेदना से भरपूर अपडेट पर🙏🙏🙏
 

motaalund

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जैसे अरविन्द और गीता का किस्सा था सगे भाई बहिन वाला, कई पार्ट्स में एकदम उसी तरह, थोड़ी बहुत झलकी तो दिखी थी पहले लेकिन आरुषि जी ने एक कविता ससुर बहू की इसी पोस्ट पे पोस्ट की थी तो बस उसी से प्रभावित हो के मैंने सोचा इन्सेस्ट का एक और रूप

सगे भाई बहन का किस्सा तो अभी मेरी ननद का चल ही रहा है और उसके पहले अरविन्द गीता और एक तरह से रेनू कमल का भी

तो ससुर बहू का किस्सा सुगना के जरिये,


इस थ्रेड में एक कहानी में कई कहानियां घुसी हैं अलग अलग तरह के इनसेस्ट्स की और कई लोगों की ककोल्ड की भी फरमाइस रहती है तो हो सकता है वो भी।

बाकी दोनों कहानियां अब कुछ दिन के लिए गंभीर दिशा में मुड़ गयी हैं तो बाकी सब कुछ यहीं
सचमुच बहु-रेखीय कहानी है...
लेकिन मानवीय भावनाओं से ओत-प्रोत...
जीवन के कुछ खट्टे-मीठे प्रसंगों की भरमार ..
और बीच बीच में हँसी ठिठोली भरे डायलोग्स..

लगता है कहानी यूं हीं चलती रहे...
कभी खत्म ना हो...
 
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motaalund

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एकदम अभी सारा जोर बहिनिया को गाभिन करने पे है

भाई बहिन का किस्सा तो अरविन्द गीता में भी था और फोरम में बहुत कहानी हैं भाई बहिन की लेकिन सगा भाई बहिनिया को गाभिन करे, अपनी निशानी दे दे, बहिनिया ९ महीना भैया की निशानी ले के पेट फुला के घूमे, अपनी सास ननद को दिखावे और फिर बिटिया जने, तब तो रिश्ता असली पक्का हुआ
भाग ९५ - सास का पिछवाड़ा last post on page 995
कहानियां तो इस फोरम भरी पड़ी हैं...
लेकिन जो हाजिरजवाबी और हास्य तथा छेड़ छाड़ से भरा वार्तालाप आपकी कहानी में होता है...
वो और कहाँ..

और यही कारण है कि जहाँ बाकी कहानियों को एक बार तो पढ़ सकते हैं.. या कभी वो भी नहीं...
लेकिन कुछ अंतराल पर आपकी कहानियां दुबारा पढ़ने पर भी गुदगुदा जाती है...
और कुछ कुछ प्रसंग तो बार बार पढ़ने पर भी मन नहीं भरता...
 

motaalund

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Kyon Komalji pathan tole ki ladkiyan kaha gayi
लगता है पठान टोले वालियों के कुछ नया हीं प्रसंग तैयार करने का जोर है...
और इस नएपन का तो बेसब्री से इंतजार रहेगा...
 
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komaalrani

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मेरे नहीं आने का कारण तो कुछ और है...
कहीं मेरी कोई गलती तो नहीं या मेरी कहानी की, अगर है तो,

🙏🙏
 
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komaalrani

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Belated merry christmas.
आप लौट आये

क्रिसमस, होली, ईद सब हो गयी एक साथ।

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