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एकदम ध्यान लगा के सुनियेगा , छुक छुक घच घच, छुक छुक घच घच, चाय , चाय गरम चाय,... छुक छुक घच घच,बहुत बढ़िया...अब देखते है ट्रैन घचाघच की आवाज होगी कि नही....
एकदम ध्यान लगा के सुनियेगा , छुक छुक घच घच, छुक छुक घच घच, चाय , चाय गरम चाय,... छुक छुक घच घच,बहुत बढ़िया...अब देखते है ट्रैन घचाघच की आवाज होगी कि नही....
एकदम कच्ची कली के साथ प्रौढ़ा का भी रस,...आपकी सास और ननद का तो हमे भी इंतजार है ...
गज़ब के लेखन के साथ बेहतरीन फ़ोटो, gif सेलेक्शन लौड़े पर कहर बनकर टूटता है मैडम बहुत ही जबरदस्त अपडेटजुगल बंदी
और फिर मैं और मेरे साजन की जुगल बंदी शुरू हो गयी ,
मैं उनकी साली की चूत चूस रही थी और वो उसकी चूँची , दूसरा जोबन अब उनके हाथों में था और कस के रगड़ा मसला जा रहा था ,
छुटकी के उछलने कूदने की चिंता न मुझे थी , न उन्हें इतनी कस के उसी की ब्रा से उन्होंने अपनी साली के हाथों को डिब्बे की खिड़की से बाँध रखा था
थोड़ी देर में उसकी बुर एकदम पनिया गयी थी बस , अगर वो अपने जिज्जा के लंड से चुदने से घबड़ा रही थी तो मेरी जीभ थी न ,...
दोनों अंगूठों से मैंने उस कली की कली को फैलाया और मेरी पूरी जीभ अंदर ,
और जीभ की टिप से चूत की अंदरूनी दीवालों को , क्या कोई मर्द बुर चोदेगा जिस तरह से मेरी जीभ चोद रही थी ,साथ में मेरे होंठ कस कस के निचले होंठ चूस रहे थे ,
खूब खेली पक्की छिनार भी पांच छह मिनट में इस चुसाई में पानी छोड़ देती और ये तो नयी बछेड़ी थी , ...
ऊपर से उसके जिज्जा भी साथ साथ उसके निप्स कभी होंठों से चूसते कभी जीभ से जोर जोर से फ्लिक करते
चार पांच मिनट में वो कगार पर पहुँच गयी , ... बस मैं थोड़ी देर और चूसती तो वो पानी छोड़ देती , जोर जोर से वो सिसक रही थी चूतड़ पटक रही थी ,
मैंने ' उनकी ' ओर देखा , और उन्होंने जोर से सर हिला के मना कर दिया
और बस उसने झड़ना शुरू ही किया था की हम दोनों ने उसे छोड़ दिया
और उन्होंने कचकचा के अपनी साली के निप्स काट लिए ,
झड़ना रुक गया और दर्द के मारे चीख निकल गयी उसकी ,...
हम दोनों ने उसे छोड़ दिया , एक दो मिनट बाद जब वो साँसे लेने के लायक होई तो एक बार मैं फिर से ,
और अबकि जीभ से चपड़ चपड़ चाट रही थी अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर।
कुछ देर बाद फिर छुटकी की वही हालत होने लगी , मैं उसको तड़पा रही थी बार बार कगार तक ला कर छोड़ रही थी , उसकी क्लीट एकदम कड़ी , ... फूली ,...
मैं बस अब जीभ की टिप से सीधे क्लिट को सहला रही थी , और जैसे ही उसने झड़ना शुरू किया मैंने कचकचा के क्लिट काट ली , ... और वो एकदम से चीख पड़ी
पौन घंटे तक , ... छह सात बार वो आलमोस्ट झड़ने के कगार पर पहुंचा के हम दोनों ने उसे रोक दिया ,
मैं उनकी बदमाशी समझ रही थी ,
होली के पहले वाली रात को भी तो उन्होंने मेरे साथ यही किया था ,...
सारी रात चोदा था छह सात घंटे , सच में बड़ी ताकत है इनमें ,...
लेकिन मुझे झड़ने नहीं दिया , खुद ही सिर्फ दो बार झड़े ,... एक बार मेरी बुर में और एक बार सुबह ,... जब ननद दरवाजा खटखटा रही थी , मुझे होली खेलने के लिए निकालने के लिए ,... उस समय वो मेरी गाँड़ में झड़ रहे थे , ....
उसका मतलब मैं सुबह समझी , होली खेलते , ... बस मन कर रहा था कोई मुझे झाड़ दे , मेरी ननद , नन्दोई , देवर कोई भी ,...
तो बस कल सुबह यही हालत इस गौरेया की भी होगी , जब हम लोग इनके मायके पहुंचेंगे , मेरी छुटकी बहिनिया एकदम गर्मायी होगी ,
वो एकदम थेथर हो चुकी थी अब तो बस दो तीन मिनट मैं उसकी चूत चूसती तो वो झड़ने के कगार पर पहुंच जाती , ...
जैसे मेरी ऊँगली लगेगी तो भी वो झड़ जाएगी
गाड़ी धीमे हो रही थी , स्टेशन की लाइट दिख रही थी , लग रहा था कोई बड़ा स्टेशन आ रहा है , ... गाड़ी कुछ देर तक यहाँ रूकती , ...
मैंने इनकी ओर देखा छुटकी की ओर इशारा कर के , ... उसकी ब्रा से तो उसके हाथ बंधे थे और चड्ढी नीचे पड़ी थी , ... और खिड़की खूली हुयी थी
उन्होंने आँख से इशारा कर के मना कर दिया , तब भी मैंने चादर से उसे आधा तिहा ढक दिया और खुद उनकी शर्ट पहन ली , ...
इन्होने भी शार्ट अपना ऊपर चढ़ा लिया , गाडी रुक गयी थी ,... कोई बड़ा स्टेशन था ,
चाय चाय की आवाज करता कोई लड़का हमारी खिड़की के पास बार बार चक्कर लगा रहा था ,...
Komal Rani aapki her story ek hira h. bas ek kami h aapke is khajane main .ek pure incest story ki kami h. agar ek incest story likh sako. aapki ati krapa hogi .but style yahi hona chahiye.plz aapse nivedan h next story incest likhiye.chahe to ek poll kra kr dekh lijiye pata chal jayega kitne log aapki incest story pdana chahte hain...की बुरी हालत
मुझसे नहीं रहा गया , मैंने एक हाथ उसकी चड्ढी के ऊपर से ,... पहले हलके हलके सहलाया फिर कस के दबोच लिया उसकी नन्ही चुनमुनिया को ,
बुदबुदा रही थी , एकदम गीली , और फिर ऐसे मौके पर ऊपर झाँपर से क्या मजा लेना , ...
मैंने ऊँगली अंदर तो नहीं डाली लेकिन मेरी हथेली कस के उसकी गीली गुलाबो को कस कस के दबाने लगी , रगड़ने लगी , ...
और फिर सिर्फ तर्जनी फुद्दी के दोनों पपोटों के बीच हलके हलके रगड़ना शुरू किया और साथ में हम दोनों कभी उसके निप्स को फ्लिक करते जीभ से कभी होंठों से कस कस के चूसते ,
बेचारी की हालत खराब , ....
और मुझसे भी नहीं रहा गया , मैंने उसकी चड्ढी सरका कर नीचे , ऐसी उम्र वाली की बुर का मजा एकदम खोल कर लेने का अलग ही है ,
ट्रेन अपनी रफतार से चली जा रही थी , बीच बीच में कभी धीमी होती। चारो ओर अँधेरा था बस रुपहली चांदनी कभी कभी छलक कर केबिन में आ जाती , छोटे स्टेशनों पर गाडी को रुकना नहीं था , और कहीं एक दो मिनट के लिए किसी स्टेशन पर रुकी तो हम लोग नहीं रुके छुटकी रगड़ाई करने से ,
छुटकी जोर जोर से चीख रही थी , छोड़िये न , प्लीज थोड़ी देर के लिए छोड़िये न ,.... ओह्ह ओह्ह उफ़ , ... छोडो , छोड़ो ,...
" हे क्या कह रही है , गाडी चल रही है साफ़ सुनाई नहीं दे रहा , ... क्या कह रही है , चोदो , अरे अपने जीजू से बोलो न , अभी चोद देंगे , ... तेरी ऐसी साली को मना करने की हिम्मत है उनकी ,"
अपनी छोटी बहन के उभारों से होंठ हटाते मैंने उसे चिढ़ाया , ....
और वो गुस्से से अलफ़ ,
" आप भी न , इतना कस कस , ... वहां तो इतना दर्द हो रहा है , जान निकली जा रही है , अब तक चिलख रहा है , जैसे किसी ने मिर्चा कूट दिया हो , ... अभी तो छूने की हिम्मत नहीं पड़ रही है और आप चुदवाने की बात कर रही है ,..... "
और मैंने छुटकी को छोड़ दिया ,
लेकिन उठते हुए , मैंने उनका शार्ट खींच के ट्रेन के डिब्बे के फर्श पर ,... आखिर मेरी बहिनिया की गुलाबो एकदम खुल गयी है तो उन्ही का खूंटा क्यों परदे में रहे , .... पूरा बित्ते भर का मोटा लंड टनटनाया फनफनाया बाहर ,
" अरे चल बुरिया में दर्द हो रहा है तो मुंह से तो चूस सकती है न , ले ज़रा स्वाद ले अपने जीजू का ,... "
और अपने हाथ से उनके मोटे खूंटे को छुटकी के होंठों के बीच , गप्प से सुपाड़ा गप्प कर लिया उस टीनेजर ने ,...
और मैं छुटकी की दोनों टांगो के बीच उसके छोटे छोटे चूतड़ उठाकर दूसरी बर्थ पर रखी एक तकिया मैंने उसके चूतड़ के नीचे , ... और फिर कस के दोनों जाँघों को फैलाते हुए ,
सच में बुर की बुरी हालत थी , ,
एकदम लाल ,
रगड़ने घिसने का साफ़ साफ़ निशान था और छूते ही , जैसे कोई कच्चे घाव को छू ले , वैसे सिहर पड़ती थी वो ,...
असल में उसकी भाभी , इनकी सलहज , रीतू भाभी ने ,... इनके पहाड़ी आलू ऐसे मोटे सुपाड़े पर बस जैसे कोई बच्चे को नजर बचाने के लिए दिठौना लगा दे बस उतना सा , ... मेरे बहुत कहने पर उसे थोड़ा सा फैला दिया सुपाड़े पर ,
इनका काम तो हो गया थोड़ी चिकनाई सुपाड़े पर थी ,
लेकिन ऐसे थोड़े ही हुआ , ....
मैंने इस बेचारी किशोरी के होंठों के बीच अपनी मोटी मोटी चूँची ठेल रखी थी
और ऐसे बैठी थी की उसके दोनों हाथ मेरे पैरों से दबे ,
उसकी रीतू भाभी ने पहले तो अपने दोनों अंगूठों से उसकी बिलिया फैलाई , अपने नन्दोई का सुपाड़ा सटाया और फिर कस के ,... उसकी दोनों जाँघे फैलायीं और उन्होंने भी पूरी ताकत से पेल दिया ,
पूरी गाँव में चीख सुनाई दी ,... और यही तो रीतू भाभी चाहती थीं पूरे गाँव को मालूम हो जाये की छुटकी की फट गयी ,...
तो बुर की बुरी हालत तो होनी ही थी,...
कोई बात नहीं आराम आराम से पढ़िए, स्वाद ले ले कर, ... लेकिन पढ़िए जरूर और कैसा लगा खटमिठ्वा कच्ची अमियों का स्वाद, ये भी जरूर बताइयेगा,...ओह्ह्ह ग़ज़ब की गरमा गर्म कहानी लगती है एक बार में पढ़ना मुश्किल है दर्द होने लगता है
अपडेट आते रहेंगे, बस आप अपनी हाल चाल और कमेंट देते रहें , साथ बनाये रखें,... और वो किस्सा क्या जो लथपथ न कर दे,.... जुड़े रहें पढ़ते रहें, कमेंट देते रहें, ... आभारकच्ची कली और प्रोढ़ा का रस क्या कहने कैसे हज़म होगा क्या आपके पास कोई उपाय है हम तो वैसे ही लस्त पस्त हो जाते जब भी आपकी कोई भी कहानी वो चाहे __ मोहे रंग दे, जेकेजी या होली के रंग अथवा छुटकी.............पढ़े पहले से इंतजाम करना पड़ता है
कृपया स्नेह बनाए रखे और ऐसे ही अपडेट देते रहे ओर साथ ही उपाय भी बताए रहे
आपने तो पूरा खाका ही खींच दिया,ये मेरे लिये best story है और प्यारी komal भऊजी best लेखिका... ससुराल मै छुटकी मंझली का स्वागत... नांडोई जी और जीजू के कांड... फिर दोनो को वापीस लेने आई सासुजी... और नैकी भौजी का एक ही हॉल मै सामूहिक चुदाई पढने का मन है plz हमारी सूचना स्वीकार करें... Love you ढेर सारा प्यार