Waah bhabhi ho to aisiएकदम सही कहा अपने और मैं चाहती भी यही था की मेरा ये देवर जबरदस्त शिकारी बने, मेरी कोई ननद पियासी न रहे
Waah bhabhi ho to aisiएकदम सही कहा अपने और मैं चाहती भी यही था की मेरा ये देवर जबरदस्त शिकारी बने, मेरी कोई ननद पियासी न रहे
You are very good educator..Thanks are story likh ke saare readers apane aap educate ho jaate hain
नारी भक्षी... वाह बहुत खूब..एकदम सही कहा आपने जो बात कच्ची कलियों के लिए सही है, वही एकदम कच्चे केले पर भी सही उतरती है , इसलिए दो बार तो,.. और फिर पांच छह दिन लगातार, एक बार शेर के मुंह में खून लग गया फिर तो वो अपने आप नारी भक्षी हो जाएगा,... और मेरी ननदों का भी भला हो, चुन्नू की सगी बहन तो है नहीं, पर चचेरी की कमी नहीं,...
छुटकी तो जरुरी है.... by default...जल्द ही कन्या कुश्ती भी शुरू होगी, लेकिन उसके पहले होगी भौजाइयों की प्लानिंग,... और फिर छुटकी का भी मंच पर आगमन,
मैं इन्सेस्ट तो नहीं लिख पाती, लेकिन मैं अपने पाठक पाठिकाओं के आग्रह पर ये जरूर माना था की आधी अधूरी कोशिश,... इन्सेस्ट के तड़के साथ भी,... तो एकाध झोंका उसका भी
और कन्या कुश्ती तो जबरदस्त होगी।
प्यासी की प्यास बुझाना तो पुन्य का काम है...एकदम सही कहा अपने और मैं चाहती भी यही था की मेरा ये देवर जबरदस्त शिकारी बने, मेरी कोई ननद पियासी न रहे
सच ऐसी दिलदार भाभी तो...Waah bhabhi ho to aisi
जहाँ तक इंसेस्ट का सवाल है...जल्द ही कन्या कुश्ती भी शुरू होगी, लेकिन उसके पहले होगी भौजाइयों की प्लानिंग,... और फिर छुटकी का भी मंच पर आगमन,
मैं इन्सेस्ट तो नहीं लिख पाती, लेकिन मैं अपने पाठक पाठिकाओं के आग्रह पर ये जरूर माना था की आधी अधूरी कोशिश,... इन्सेस्ट के तड़के साथ भी,... तो एकाध झोंका उसका भी
और कन्या कुश्ती तो जबरदस्त होगी।
I am also back after 3 monthकच्चा
काहें भौजी , चंदू के चक्कर में खो गयी , नैना ने चिढ़ाया ,
और मैं यादों की भंवर से वापस आयी
' अभी तो दर्जनों देवर बचे हैं जो मेरी मीठी भौजी के नाम पर मुठिया रहे हैं " हँसते हुए मेरी छुटकी ननद ने छेड़ा।
लेकिन मेरा मन अभी कहीं और भटक रहा था , कच्चा केला , ...कोई ऐसा देवर हो जो बस जवानी के दहलीज पर कदम रख रहा हो , एकदम कुंवारा, रेख आ रही हो ,
लेकिन गाँव में और कोई नहींतो कामवालियां ही चढ़ती उमर वाले लौंडों को , सब कुछ , सिखा पढ़ा देतीं हैं , मजाक मजाक में पकड़ना, टटोलना, मसलना , घर में ही कभी भूसे , पुआल के कमरे में तो कभी खलिहान में नेकर में हाथ डाल के , फिर रिश्ता भी भौजाई का लगता है तो , उमर कोई नहीं देखती ,... और एक बार चक्कर लग गया तो , ... कभी गन्ने के खेत में तो कभी अरहरिया में तो कभी अमराई में ,... पक्की ट्रेनिंग ,
जैसे कच्चे टिकोरे वालियों को मरद पसंद करते हैं न वही हालत औरतों की होती है ,
और होली में तो और कोई रोक टोक नहीं , चंपा भाभी के यहां होली में जब सब औरतें इकठ्ठा हुयी थीं , उसके बाद निकलते समय रस्ते में कोई पकड़ा गया तो सब मेरी जेठानियाँ चढ़ातीं , ... हे खोल स्साले का नाड़ा , देख खड़ा वड़ा होता है की नहीं ,...
और उससे बढ़कर मेरे मायके में , होली में मेरी भौजाइयों ने ख़ास कर मिश्राइन भाभी और रीतू भाभी ने पूछा ,
' कच्चे केला का मजा लिया ससुराल में होली में। "
मैंने उन्हें किसी तरह समझा दिया की मेरी ससुराल की असली होली तो रंग पंचमी में होगी जब मैं लौटूंगी , अभी तो सिर्फ घर में ही , सास , ननद , नन्दोई के साथ "
रीतू भाभी ने मेरा गाल नोचते हुए छेड़ा , " कच्चा केला , मतलब असली वाला "
मैं जोर से मुस्करायी , असली वाला , ... मतलब एकदम ही सीधा , ... जिसने खुद भी कभी मुट्ठ न मारा हो , पता ही न हो उसे असली मजा ,...
नैना से बढ़ के इस गाँव के लौंडों के बार में कौन जानेगा ,
बस मैंने उसी से पूछ लिया , उस के भाइयों का हाल ,
लेकिन इस सवाल पर उस का भी डिब्बा गोल हो गया ,...
कुछ देर तक वो सोचती रही , फिर अचानक जोर से खिलखिला के हंसी ,
" भौजी , गोद में छोरा ,... अरे चुन्नू , अपना , ...अब तो वो भी , अपने ,... "
उसकी बात काट के मैं भी हंसने लगी , बोली , ' तू यार एकदम सच में एकदम सही कहा , लेकिन वो ,... "
" अरे भौजी आप ट्राई तो करिये , ... लेकिन थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी आपको , लजाता बहुत है , पर मैं चलती हूँ , सांझ को ,…….. और वो रफू चक्कर हो गयी
और मैं यादों की झुरमुट में खो गयी ,
चुन्नू , लड़के से ज्यादा लड़की लगता था , छुटकी की उमर का ही होगा या दो चार महीने बड़ा ,
मुंह दिखाई की रस्म हो रही थी ,
मंजू भाभी , हमारी ही पट्टीदारी की , मेरी सबसे बड़ी जेठानी मंजू , हम लोगों की पट्टी में सबसे आखिर में घर था , उसके बाद बाग़ बगीचा ,...
उन्ही का छोटा देवर , चुन्नू ,...
धक्का देकर सब भौजाइयां उसे मेरे पास ले आयीं तो वो इतना शरमा रहा था ,
भाभी ने उसे मेरे पास बिठाते हुए बोला , तेरा सबसे छोटा देवर , चुन्नू ,
तो भौजाइयां एक साथ बोलीं , चुन्नू की चुन्नी ,
पीछे से किसी ननद की आवाज आयी , अरे भाभी खोल कर देख लीजिये न , की चुन्नू है की चुन्नी ,
तो कोई मेरी जेठानी बोलीं , ' ये काम इसकी नयकी भौजी करेंगी '
क्या कोई लड़की ब्लश करेगी , जिस तरह वो ब्लश कर रहा था।
लेकिन बाद में मेरी उससे दोस्ती हो गयी , सबने मुझे बताया की होली के एक दिन पहले से ही वो कमरा बंद कर लेता था तो मैंने भी तय कर लिया अबकी तो इसके साथ होली खेल कर रहूंगी , लेकिन उसका दसवें का इम्तहान , जैसे मंझली का था , जिस दिन मैं अपने घर गयी थी , उसी दिन उस का पेपर था तो मैंने भी बख्स दिया पर उससे बोल के गयी , लौट के आउंगी तो सूद ब्याज सहित ,...
आज का दिन होली तो होती नहीं गाँव में , पर मैंने तय कर लिया था की आज शाम अपनी जेठानी मंजू के यहाँ एक चक्कर जरूर लगा के आउंगी।
तब तक सासू की आवाज आ गयी , खाने के लिए और मैं अंदर ,...
Please read all the posts you missed and post individual comments, we missed you badly, all my storiesI am also back after 3 month
अभी तक बहुत बढ़िया चल रही है । हमारे लंड को आपका ही सहारा है । बाकी आपको वादे के हिसाब से तड़के से आगे जाना होगा । आखिर आपकी सासु मा इतनी मेहनत से तीर्थ यात्रा कर रही है । मनौती तो पूरी ही करनी पड़ेगी । और आपकी बुआ सास का किस्सा तो पिछले कई फ़ोरम्स से उधार चल रहा है , उनकी पेलगाडी आपके सांड से कब और कैसे हुई उसका भी तो बखान होना बनता है । अगले उपकार आई मीन अपडेट की प्रतीक्षा में ...जल्द ही कन्या कुश्ती भी शुरू होगी, लेकिन उसके पहले होगी भौजाइयों की प्लानिंग,... और फिर छुटकी का भी मंच पर आगमन,
मैं इन्सेस्ट तो नहीं लिख पाती, लेकिन मैं अपने पाठक पाठिकाओं के आग्रह पर ये जरूर माना था की आधी अधूरी कोशिश,... इन्सेस्ट के तड़के साथ भी,... तो एकाध झोंका उसका भी
और कन्या कुश्ती तो जबरदस्त होगी।