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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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भाग ९८

अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, मजे ले, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

Shetan

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ये मैंने कोमल जी के किसी फोरम पर चले जाने के संदर्भ में कहा था...🤣🤣🤣🤣
Chilling man ye bas mazak he yaar. Kuchh please galat mat samazna
 

motaalund

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Tarike skill makshad sab alag hi he. Jaha komalji. Pati patni ke bich ki bhavna prem ko sarlta se likhti he. Vo sab se alag he. Vahi muje crime chhal jadu tona likhna pasand he. Ab ise bhavna kaho ya pasand.
मानवीय भावनाओं में एक भय भी है... जिसमें आप अपनी जादुई लेखनी की छटा बिखेरती हैं...
 

Shetan

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मानवीय भावनाओं में एक भय भी है... जिसमें आप अपनी जादुई लेखनी की छटा बिखेरती हैं...
Are janab aap khud itni achhi comments dete ho. Aap khud kuchh kyo nahi likhte. Bato se inshan ki skill ka pata chalta he. Muje yakin he aap kuchh likhoge to bahetar hi dukhega ???

Aap ko kuchh likhna chahiye
 

motaalund

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यही तो, गीता को ऐसी कस के डांट पड़ी,. भाई बहन सोच रहे थे अब दस दिन तक मस्ती, लेकिन जो कहते हैं न चार दिन की चांदनी,..

अब आगे क्या होगा, मुझे भी नहीं पता,

अब अगली पोस्ट में शायद कुछ अंदाज लगे,तब तक इन्तजार भी कर सकते है और मैच और इलेक्शन के रिजल्ट्स की तरह अंदाज भी लगा सकते हैं,...

मस्ती में दरवाजा नहीं बंद करने की गलती,...
हर बॉल पर नया ट्विस्ट...
हर अपडेट पर नया प्रतिफल....
 

motaalund

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Are janab aap khud itni achhi comments dete ho. Aap khud kuchh kyo nahi likhte. Bato se inshan ki skill ka pata chalta he. Muje yakin he aap kuchh likhoge to bahetar hi dukhega ???

Aap ko kuchh likhna chahiye
आप सबसे प्रेरणा पा कर कुछ लिखने की चेष्टा की...
लेकिन दो-तीन पृष्ठ के बाद मुझे लगा कि ये मेरे वश की बात नहीं...

आखिर तोता चाहे कितना भी नकल कर ले... मनुष्य की बराबरी नहीं कर सकता ...
इसलिए तोते की तरह नकल करने के बजाय.. दूसरों के अच्छे लिखे पर हीं कमेंट कर मुझे संतुष्टि का अनुभव होता है...
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
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दो बातें फुलवा की,




और चमेलिया



कि ये बौरहा सच में बौरहा था और अगर फुलवा ने उसकी आदत न सुधारी तो बस दस दिन बाद वो गौने चली जाएगी और ये बाबू फिर ऐसे वैसे खाली देखता ललचाता रहेगा ,...

तो ये काम उसे दस दिन के अंदर ही करना पडेगा,... और चमेलिया, उसकी छोटी बहन के साथ,...


इस बाबू की हिम्मत तो पड़ेगी नहीं, कोई लड़की खुद भी चाहे तो , लेकिन गौना जाने के पहले अगर दो चार अपनी समौरिया दो चार कोरी कुँवारी को इसके नीचे लिटा दिया तो इसकी धड़क खुल जायेगी और इत्ता मस्त औजार लेके, ... बस एक बार खुद थोड़ बहुत हिम्मत कर ले,... अरे जउन ससुरी एक बार एकरे नीचे लेट गयी, इससे फड़वाय लिया वो तो खुदे,... और जो गाँव वाली सब उस को बुरबक, बौरहा, सोझ बोलती हैं, दो चार धक्का खाय लेंगी न तो खुदे बौराय जाएंगी एकरे बित्ता भर के नाग के लिए,...

और चमेलिया के साथ तो और,...



अभिन तो बबुआने के कुल लौंडे मर्द, ओकरे, फुलवा के गोर रंग जोबन के पीछे पड़े रहते हैं की गवना जाए के पहले ओकर नेवान कय दें, यह लिए चमेलिया के पीछे सब नहीं पड़े थे ,...

मन तो फुलवा का भी यही था लेकिन उन सबों को देख के उसका मन एकदम नहीं होता था और जिसके साथ होता था वो खाली ललचाता था नैन मटक्का करता था बोझा उठवाने के बहाने भी, और कउनो मरद से कहती तो जोबन पे हाथ पहले लगाता,.. और इसका तो ऊँगली छू गयी थी तो गिनगीना गया , लेकिन मन की हालत तो पजामा में फनफनाता नाग बता रहा था, केतना मन कर रहा था ओकर,...



तो चमेलिया के साथ तो यह बाबू का जरूर,




वरना ओकरे गौने के अगले दिन से कउनो न कउनो चमेलिया के साथ सीधे नहीं तो थोड़ बहुत जोर जबरदस्ती, ... और सबसे खराब बात की जो करेंगे तो फिर दो चार बार के बाद ओह लड़की को अपने दोस्तों में बाँट देंगे,... और ये तो , इसलिए इसी के साथ,...

और न खाली एकर औजार जबरदस्त है , चार पांच बार हचक हचक के करने के बाद भी फनफना के खड़ा हो जाता है लेकिन ओहसे बड़ी बात है ये लड़की का इज्जत करता है, ख्याल करता है ओकरे साथ कउनो खतरा नहीं है,...

फिर यह गाँव में कउनो बात छिपती तो है नहीं , जैसे चमेलिया के ऊपर ये चढ़ेगा अगले दिन ही और फिर बबुआने वाले भी ओकरे पीछे पड़ना बंद कर देंगे,...


वो सब सोच भी रही थी और अरविन्द को तंग भी कर रही थी,...

कभी अपने खुले मस्त कड़े कड़े जोबन अपने यार की छाती में रगड़ती तो




कभी चूतड़ उसके खड़े लंड में रगड़ती,... और साथ में पहले तो लडडू अपने मुंह में रख के कुछ उसे खिलाया कुछ खुद खाया,... और फिर अरविन्द घर से जो लाया था पूड़ी हलवा सब्जी दोनो ने ,...

पर अरविन्द का मन तो कुछ और खाने का कर रहा था और उससे ज्यादा फुलवा का मन भी उसे घोंटने का कर रहा था लेकिन उससे पहले अरविन्द को तड़पा के उसे कुछ बातें मनवा लेना जरूरी था,...

" हे दो न " अरविन्द ने आखिर बोल दिया,


" ला ना " अपने मुंह से आधा खाया कुचला, उसके थूक से लिथड़ा पूड़ी हलवा अपने होंठों से यार के होंठों को चिपका के सीधे अपने मुंह से अरविन्द के मुंह में





जानती वो भी थी की बेचारे को क्या चाहिए लेकिन आज उसकी सारी लाज शरम फुलवा उसकी ख़तम करना चाहती थी,

" ये नहीं वो " मुश्किल से अरविन्द के मुंह से निकला,

" अरे स्साले साफ़ साफ़ काहें नहीं कहता की चोदना चाहते हो, ... अरे भूत की तरह चोदते हो तब सरम नहीं , और लड़की से चोदना बोलने में लाज लगती है,... दस दिन बाद मैं चली जाउंगी तो क्या होगा इसका उसका लंड पकड़ के मुठियाते हुए फुलवा ने उसे धक्का दिया , अरविन्द जमीन पर फुलवा उसके ऊपर,... "

" एतना तो लौंडिया नहीं लजातीं जितना बाबू तू लजाला,... अरे बहुत चोदे क मन करत हो साफ़ साफ़ बोला"




" हाँ ,... अरविन्द बोला, कुछ रुक के हिम्मत कर के बोला , चुदवा ले न,... "

" अरे चुदवाना न होता तो आती काहें बाबू अब तो तू मना करबा न तो तोहरे ऊपर चढ़ के हम खुदे चोद देबे तोहैं,... लेकिन एक बात बताई ,... "

और इतना बोल के फुलवा चुप हो गयी,...

" बोल न यार " उसे चूमता हुआ अरविन्द बोला , अब उसके खूंटे की हालत खराब हो रही थी,...


" अरे बाबू चोदे क एता मन करत बा और दस दिन बाद तोहरा फुलवा उड़ जायेगी, तो का होगा,... "

प्यार से उसके ऊपर चढ़ के उसके मोटे खूंटे को मुठियाती फुलवा बोली,...



फिर झुक के खुले सुपाड़े को प्यार से चूम के बोली,...

" इसे लिए कह रही हूँ, तोहरे घरे में इतना मस्त माल है , एकदम लेने के लिए तैयार और तोहें मना भी नहीं करेगी, अरे यह खूंटा जेकरे बिल में एक बार घुस गया तो खुदे आएगी चुदवाने, खूब मस्त चूँचिया उठान है,... एकदम दबावे लायक मिजे लायक ,... तोहार छोटकी बहिनिया गितवा "




" धत्त " जोर से अरबिंद ने मना किया, फिर रुक के फुलवा के जोबन चूसते हुए बोला, ... " अभी छोटी है "
" अरे नहीं "

फुलवा ने एकदम से मना किया फिर जोड़ा,


" अरे हम ये थोड़े कह रहे हैं की कल ही जा के गितवा को चोद दो,... अरे पटाओ गोद में बैठा के चूँची मीजना, मसलना रगड़ना शुरू कर दो , चुम्मा लो, वो समझ जाए की की उसका भैया भी,... अरे अभिये गाँव के आठ दस लौंडे उसके पीछे पड़े हैं गाते रहते हैं ,...

' हमरे गाँव क गोरिया जब जवान होई , तब हमरो गंगा स्नान होई,... "

और हमर बात मान ला तोहरी छोटकी बहिनिया अस जोबन बीस पचास गाँव में नहीं होगा,... तो कउनो न कउनो चोद देगा तो यह बेचारे में कौन गड़बड़ है ," कह के फुलवा उसका मूसल चूसने लगी ,



और जब मुंह से निकाला तो उसी मुंह से उसे चूमते हुए बोली
" और जउन तो कह रहे हो छोट है न तो हमार चमेलिया ओहसे छह महीना छोट है,... घर के मरद को पता नहीं चलता की घर की लड़की कब जवान हो गयी,... लेकिन पहले हाँ बोलो दो बात हम कहेंगे चुप चाप हाँ करना है , "

" बात तो बता , " अरविन्द चोदने के लिए पागल हो रहा था।

" पहले हाँ बोला "




फुलवा की जिद्द , लड़कियां गाँव की हों शहर की छोटी बड़ी, होती एकतरह की हैं पहले हाँ करो फिर बताएंगी,

और हाँ करवाने के बाद तीन बार फुलवा ने जबान खोली,...

" टिकोरा खाओगे,... "



" मुझको तो ये आम खाना है " चूसुर चुसूर चूँची चूसते हुए नीचे दबा अरविन्द बोला,...




" पूछ नहीं रही हूँ, बता रहीं हूँ "


कुछ हड़काते हुए फुलवा ने बोला, फिर पुचकारते हुए अपनी मस्त रसीली चूँची अरविन्द के मुंह में ठूंसते, चूसते उसके मन की बात की,

" खा न आम, तेरा तो है, जितना मन करे उतना चूस, बस दांत जोर से मत लगाना,... और ससुराल कौन दूर है, , दो चार महीने में बीच बीच में,... फिर नौ महीने बाद, ... जिसे पेट में डाला है , एक चूँची से वो दूसरे से तू, पिलाऊंगी न चुसूर चुसूर दूध, पहलौठी का,... लेकिन बात सुन पहले "

और कुछ रुक के वो पहली बात जिसपे अरविन्द से हामी भरवाई थी वो बोल दी,...



" टिकोरा मिली परसों, हमार तो वो पांच दिन वाली छुट्टी नहीं हुयी लेकिन चमेलिया की तीन दिन पहले हो गयी है, परसों ख़तम हो जायेगी,...




सांझ को ले आउंगी तो फाड़ना उसकी मन भर के हमारे सामने,...और जैसी हमारी घबड़ा के सम्हल सम्हल के वैसे नहीं,... खूब हचक के, पूरी ताकत से , चिल्लाने देना , मैं रहूंगी न, अपने सामने फड़वाउंगी उसकी, हाथ पकड़ के रखूंगी कस के जकड़ के,.. टाँगे तो तेरे कंधे पे रहेंगी और एक बार तेरा मूसल घुस गया,... झिल्ली फट गयी न तो बस,..



और जो मेरा खून देख के घबड़ा रहे थे वैसे घबड़ाना मत, अरे बाबू कुँवार लड़की चोदोगे तो खून खच्चर तो होगा न, सब लड़कियों को मालूम होता है दर्द होगा बहुत , खून भी निकलेगा, लेकिन खुद आके तेरे सामने पेटीकोट का नाड़ा खोलती है, टांग उठाती है, और तुम्ही खून देख के घबड़ाते हो,... एकदम मस्ती से लेना उसकी और दूसरी बात और जरूरी है। . "

अरविन्द चूँची चूसते हुए मस्ती से सुन रहा था , वो फुलवा की कोई बात नहीं टालना चाहता था।और फुलवा ने दूसरी शर्त बता दी,...

और बताने के साथ एक बार फिर से कस के अरविन्द के मूसल को पकड़ के कसके दबाने लगी,...

" अगले दस दिन तक तो इस की हमें कोई चिंता नहीं है, रोज दावत होगी,... लेकिन हमरे जायके बाद,... एको दिन एको उपवास नहीं होना चाहिए,... रोज रोज, यह गाँव मैं कउनो कमी नहीं है तीन चार नयकी कोरी की गुल्ल्क तो मैं जाने के पहले ही फोड़वा दूंगी, दो तीन तो हमरे टोले की चमेलिया की सहेली हैं,... समझ लो,.. माल फ़साना, पटाना और पटक के लेना सब सिखा के जाउंगी,... लेकिन ओकरे बाद, ... सोच ली, अरे यह चीज खाली लटकाने के लिए नहीं चोदने के लिए है समझे न। "




और उसके बाद फुलवा ने पलटी खायी, अरविन्द ऊपर और रात भर चक्की चली।

दो दिन बाद फुलवा अपने साथ अपनी छोटी बहिन चमेलिया को भी ले आयी,...





अरविन्द ने पहले उसे देखा भी था लेकिन उस नजर से नहीं पर चमेलिया आते ही चिपक आयी उससे , और रात में उस दिन चांदनी भी थी, बादल भी नहीं थे,... बस रात भर,...



वो खूब चिल्लाई, चूतड़ पटके,... उसने पर फुलवा ने खुद उसका हाथ कस के दबोच रखा था और अरविन्द को चढ़ा रही थी,




" चिल्लाने दो उसको, रोज हमको चिढ़ाती थी आज पता चल रहा है न छिनार को ,... "

अरविन्द ने सिर्फ आधा मूसल पहले पेल रखा था, जब फुलवा की निगाह पड़ी तो उसने अरविन्द की माँ बहन सब गरियाई और होने सामने पूरा का पूरा अंदर,

लेकिन अरविन्द मान गया चमेलिया को दूसरे राउंड में वो फुलवा से भी आगे और धक्को के जवाब में धक्के मार रही थी और उसके कान में बोल रही थी,




" दीदी तो १० दिन में चली जाएंगी ओकरे बाद तो हम ही काम देंगे न "

उस दिन फुलवा ने तय किया था की उपवास रखेगी लेकिन चलने के पहले अरविन्द ने एक पुराने आम के पेड़ के पास निहुरा के उसे भी ठोंक दिया ,




और अगले दिन गन्ने के खेत में।

दो दिन बाद गन्ने के खेत में ही अपने ही टोले की एक कोरी कन्या को लेकर वो पहुंची और उसके साथ भी,...




जाने के पहले सचमुच उसने उसको नए माल के लिए एकदम पक्का कर दिया था, अबतक खाली गाँव की भाभियों के साथ ही अब वो एकदम नयी उमर वालियों, ..

एक बार कच्ची कली का मजा मिलने के बाद , कौन छोड़ सकता है।



तो अब तक दर्जनों कलियों को वो फूल बना चूका था।
इसे कहते है सच्चा प्यार अपने जाने से पहले अपने यार का पूरा ध्यान रखती है कि जाने के बाद किसी भी तरह की परेशानी न हो।
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
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बहना संग मस्ती -गीता और अरविन्द






तो अब तक दर्जनों कलियों को वो फूल बना चूका था।

और फिर वो गीता से बोला,... उतना ज्यादा मज़ा मुझे न उससे पहले कभी आया था न उसके बाद ,... लेकिन कल

कल क्या भैया , उसे चूमते गीता बोली

कल उससे भी बहुत ज्यादा मज्जा आया , ... सच में ,... वो ख़ुशी से बोला।

" सच बोल न , बहन चोद बन गए इसी लिए मजा आया "



चिढ़ाते हुए उसकी छुटकी बहिनिया बोली।


" हाँ, भाई चोद, कबसे तेरी ये कुँवारी चूत फाड़ने के लिए बेकरार था मैं,... चल आज तुझे ऐसे पेलुँगा न की तू भी, ... लेकिन जानती है सबसे पहले तेरी मारने के लिए मुझे किसने उकसाया था, और कब,.... "

" बोल न, भैया, कौन, कब "


उससे चिपकते दुलराते छुटकी बहिनिया ने पूछा।

कुछ देर वो चुप रहा, फिर मुस्कराते बोला,...


" अरे और कौन, चाची ने,.... और वो भी आज नहीं पूरे डेढ़ साल पहले, बल्कि और, जब मैंने फुलवा की झिल्ली नहीं फाड़ी थी, उसके भी पहले,... मुझसे बोलती थीं ,

' स्साले इत्ता मस्त माल तेरे घर है और आज तक तूने किसी की झिल्ली नहीं फाड़ी, '



और फिर खुद ही साफ़ साफ़ तेरा नाम ले के,... "



" बहन है मेरी "


मैंने बोला, तो हँसते हुए जोर से एक हाथ मेरे चूतड़ पे लगा के बोलीं, ...

"मैं भी तो तेरी चाची हूँ , तेरी माँ की तरह, उन्ही की उमर की , पर मेरे ऊपर तो हर हफ्ते आके चढ़ाई कर जाता है, ...और बहन वहन कुछ नहीं, बोल उस के चूत है की नहीं, ... "



" वो तो सब लड़कियों की होती है," मैं झुंझला के बोला।

" तो हर चूत लंड खोजती हैं। .. तू नहीं पेलेगा तो सोच वो बची रहेगी, ... चूत है तो चींटे काटेंगे जवानी में,.... और चींटे काटेंगे तो वो लंड ढूँढेगी और ऐसे मस्त माल को कोई नहीं छोड़ने वाला,... "



" नहीं नहीं,... " फिर कुछ सोच के मैंने जोड़ा " अभी छोटी है "


तो हंस के बोलीं,

" एकदम बुद्धू है, अरे इस उमर की लड़कियां गपागप घोंटती है,... " फिर चाची ने जोड़ा ,
" तुझे मालूम है उसके पिरयड्स आते कितने दिन हो गए हैं , पहली बार मेरे पास ही थी थी जब खून,... चल अभी नहीं तो पांच छह महीने में,... "


फिर,

गीता ध्यान से सुन रही थी।





" अरे चाची आसानी से छोड़ने वाली थी थीं , कहने लगीं

:अच्छा चल तेरी मानी, तू कम से कम उसे एक मस्त माल की तरह से देखना शुरू कर,... देख चूँचियाँ उसकी आनी शुरू हो गयीं हैं,... और तेरा हाथ लगेगा तो मस्त जोबन होंगे उसके , ... एकदम जिल्ला टॉप माल. अभी नहीं तू तो कुछ दिन बाद , लेकिन देर मत कर वरना कोई फीता काट देगा,... "





गीता और भाई से चिपट गयी,... और उसके हाथ अपने छोटे छोटे जोबन पे दबाती बोली,...

" भैया, चाची कित्ती अच्छी हैं, इसी लिए तो कहते हैं की बड़ों की बात माननी चाहिए,... पर स्साला मेरी किस्मत में एकदम बुद्धू भाई मिला है "
इस चपडगंजू को चाची ने इतना समझाया सिखाया फिर भी इतनी देर से दिमाग में बात घुसी
 
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