माँ की ममता अपने बच्चों पर... लुटानाekdam bina maa ke to mamala poora hi nahi hota aapne ekdam sahi kha Bhai Behan ke pyaar ke aage maa maan gayin
माँ की ममता अपने बच्चों पर... लुटानाekdam bina maa ke to mamala poora hi nahi hota aapne ekdam sahi kha Bhai Behan ke pyaar ke aage maa maan gayin
ये तो 'आ... तक' से भी तेज न्यूज चैनल है..और फिर माँ ने सोचा ये सहेलियां ही तो पूरे स्कूल में बांटेंगी की गीता की दूकान खुल गयी है
और एक बार जब शटर उठ जाता है दूकान का तो यार दोस्त शटर डाउन थोड़े ही होने देंगे,... जो पर्चे छपते हैं न खुल गयी खुल गयी , आपके शहर में पहली बार,... और अब गीता उनसे झूठ भी नहीं बोल सकती जी नहीं उसकी प्रेम गली अभी तक बंद है,
तो उस गली में एक बार रस्ता खुला तो बहुत से आने जाने वाले
जहाँगीरी घंटा है...गीता को नाइंसाफी एकदम बर्दास्त नहीं , खास तौर से अपने भाई अरविन्द के साथ
बहुत बहुत आभार आने के साथ आपने कहानी पढ़ी भी और कमेंट्स भी दिए
correctएकदम मेरे, आपके और गीता के विचार एकदम मिलते जुलते हैं
बेसब्री से प्रतीक्षा में...Thanks so much aur HOLI aane vaali bhi hai to isliye ek chhota sa hi HOLI ka bhi prsang
सात हीं क्यों मिलियन भी क्रॉस करेगी....Thanks so much aap ka saath rha to ye kahani 7 lakh bhi touch karegi bas Jude rahiye, Padhte rahiye aur comments dete rhiye
हाँ.. मिल बांट के लेने का अपना मजा है....ekdam aur aage vo prasang bhi post ho gaya hai Bhaag 44 men maan beta beti tino ek saath apane jo pics share ki thin bas usi tarah se
पतंग के उड़ना शुरू करने पर लूटने वाले बेताब हो जाते हैं...एकदम और ये सहेलियां ही गीता और उसके भाई का किस्सा स्कूल भर में पूरे गाँव में मशहूर कर देंगी, उसके बाद तो गीता लाख ना ना करे वो निकलेगी तो सब जान जाएंगे की चिड़िया उड़ना शुरू कर चुकी है
हाँ ... उसमें कहानी के उदाहरण के माध्यम से समझाया जाता था...एकदम जैसे पंचतंत्र की कहानियां होती थी, बच्चों इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है बस एकदम उसी तरह से माँ ने गितवा को उसके मौसा लोगों का किस्सा सुनाया
फागुन चढ़ते हीं फगुआ गाना शुरू हो जाता है..होली पर्व ही आग लगाने वाला है, होलिका दहन से शुरू होती है मस्ती