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भाग ९८
अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६
अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, मजे ले, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
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बरस जाओ तुम अब यू मेरे अंदरभैया तेरी लाडली अब हो गई है सयानी
मेरी चुत से भी रोज बहता है अब पानी
मेरी चुत में भी अब चींटियाँ रेंगती हैं
जब कभी अब तेरा लौड़ा देखती है
हर रात बिस्तर पे जब तुम्हे सोचती हूं
अपने भरकते बदन को मैं खुद नोचती हूं
हर रात चुदने का कुलबुलता है कीड़ा
नहीं अब सही जा रही है ये पीड़ा
काम की अग्नि में ये बदन जल रहा है
तुझसे चुदने की का ख्वाब पल रहा है
मेरी चुत की तुम खुजली मिटा दो
जड़ तक तुम अपना लौड़ा घुसा दो
मेरे दर्द की तुम न परवाह करना
मेरी चीखो पे ने तुम कान धरना
बड़ी खूबसूरत बनेगी अपनी जोड़ी
जब तुम कहो बन जाओगी घोड़ी
जैसे कहोगे के चुदवाउंगी तुमसे
हर छेद में लौड़ा घुसवाओंगी तुमसे
शर्म ओ हया की सब दिवारे गिरा दे
खुल के मजा दे और खुल के मजा ले
बरस जाओ तुम अब यू मेरे अंदर
प्यासी नदिया को मिल जाए समंदर
बरसों की प्यास अब यूं न भुजेगी
जब तक तेरी बहना तुमसे न चुदेगी
aapki 4 lines ne bahut kuch yaad dila diyaना भूली वो होली
होली हो और साली न हो, बहुत ना इंसाफी है। होली हो, साली हो और उसकी चोली न खुले, बहुत ना इंसाफी है। चोली में हाथ घुसे, और साली की गाली न हो, बहुत ना इंसाफी है। जीजा और साली की होली, नंदोई और सलहज की होली, ननद और भाभी की होली।
ससुराल में मची पहली होली का धमाल, एक साली की जुबानी, कैसे खेली जीजा ने होली? कैसे खोली जीजा ने चोली? और फिर क्या-क्या खुला?
कहानी, होली जीजा साली की
Erotica - रंग -प्रसंग,कोमल के संग
https://exforum.live/threads/%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8-%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B0.126857/page-81भाग ६ -चंदा भाभी, ---अनाड़ी बना खिलाड़ी Phagun ke din chaar update postedplease read, like, enjoy and commentतेल...exforum.live
रंग -प्रसंग,
page 33
please read, like and comment
congratulations for 400 pages400 hundred pages
400 hundred pages
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400 hundred pages
Thanks, friends, for your support and affection which made this story reach
400 pages
आपने एकदम सही कहाaapki 4 lines ne bahut kuch yaad dila diya
मैं पलके बिछा के आपके एक एक शब्द का इन्तजार करुँगी और मेरे साथ मेरे सभी मित्र पाठक भी बाट तकते हैं आपकी हर एक पोस्ट का और ऊपर से आप जो चित्र पोस्ट करती हैं वो भी अद्भुत है।कोमल जी... आपके शब्द हमेशा से प्रेरणादायी रहे हैं। भाई और बहन के सेक्स संबंध पर आपके अध्याय ने मुझे इस मंच पर कुछ पंक्तियाँ जोड़ने के लिए प्रेरित किया है। मुझे आशा है कि यह भविष्य में भी जारी रहेगा। मैं देवर और भाभी के बीच संवाद पर कुछ पंक्तियाँ जोड़ने की भी योजना बना रही हूं…आपके सुझाव का इंतजार रहेगा
Thanks so much, Your presence itself is a great inspiration and i wish aapki belssings sahi ho,congratulations for 400 pages
mehnat se likhi kahani ko sab dil se pasand karte hai, isi ka nateeja hai ye milestone
keep reading komaal bhabhi
waiting for 500 pages.
क्या बात हैभैया तेरी लाडली अब हो गई है सयानी
मेरी चुत से भी रोज बहता है अब पानी
मेरी चुत में भी अब चींटियाँ रेंगती हैं
जब कभी अब तेरा लौड़ा देखती है
हर रात बिस्तर पे जब तुम्हे सोचती हूं
अपने भरकते बदन को मैं खुद नोचती हूं
हर रात चुदने का कुलबुलता है कीड़ा
नहीं अब सही जा रही है ये पीड़ा
काम की अग्नि में ये बदन जल रहा है
तुझसे चुदने की का ख्वाब पल रहा है
मेरी चुत की तुम खुजली मिटा दो
जड़ तक तुम अपना लौड़ा घुसा दो
मेरे दर्द की तुम न परवाह करना
मेरी चीखो पे ने तुम कान धरना
बड़ी खूबसूरत बनेगी अपनी जोड़ी
जब तुम कहो बन जाओगी घोड़ी
जैसे कहोगे के चुदवाउंगी तुमसे
हर छेद में लौड़ा घुसवाओंगी तुमसे
शर्म ओ हया की सब दिवारे गिरा दे
खुल के मजा दे और खुल के मजा ले
बरस जाओ तुम अब यू मेरे अंदर
प्यासी नदिया को मिल जाए समंदर
बरसों की प्यास अब यूं न भुजेगी
जब तक तेरी बहना तुमसे न चुदेगी
मैंने निम्नलिखित पंक्तियों में अपने विचार व्यक्त करने का प्रयास किया है। पहली दो पंक्तियाँ भाभी की हैं और अगली दो पंक्तियाँ देवर की हैं। कृपया पढ़ें और इस प्रयास पर अपने विचार व्यक्त करें:मैं पलके बिछा के आपके एक एक शब्द का इन्तजार करुँगी और मेरे साथ मेरे सभी मित्र पाठक भी बाट तकते हैं आपकी हर एक पोस्ट का और ऊपर से आप जो चित्र पोस्ट करती हैं वो भी अद्भुत है।
इन्सेस्ट के क्षेत्र में तो बस मैंने अभी घुटनों के बल चलना शुरू किया और आपकी कविताओं का सहारा लेकर कुछ बेबी स्टेप्स ले रही हूँ,
देवर भाभी तो बहुत ही रसिक रिश्ता है आप जरूर इस दिशा में भी लिखें
देवर को तो द्वितीयो वर भी कहा गया है।
आपका कितना भी आभार व्यक्त करूँ कम होगा