• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
Congratulations for more than 1000 Likes.


but more than that what will amaze anybody is your ratio of posts to likes. Your posts are 310 and likes are 1023

so more than 3 times posts to likes, i have not seen in this forum. many of us will garner likes as many as posts or near by for some it may be 1.5 but more than 3 times only proves what we all know,


You are Madam ji, EXCEPTIONAL.
Well deserved...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
Thanks all for your love and support. I just try to post some messages and thoughts for entertainment. Never knew that will get such huge response and appreciation. Once again thanks to all and i assure that i will keep posting such naughty and kinky messages and pics

बड़ी बड़ी चूंचियां हैं मेरी और बुर है बिना बाल की

पेलो देवर जी कसके आपकी भाभी हूं कमाल की


A4-FFE30-D-C02-E-46-BE-828-E-680-E6-A29681-D 666-A7-E33-CB98-45-F1-86-A2-4-A61942-EDE0-D AFA43725-9177-4-A30-A900-BB8-D6-C34-A10-B
आपके पोस्ट किए गए चित्र इतने परफेक्ट होते हैं कि लगता है कम्पूटर गढ़े गए हों....
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
"प्यास क्या हें बस एक शादीशुदा औरत जानती हें खासकर जिसके पति सतुस्टी नहीं दे पाता."

इस लाइन में आपने औरतों की सारी व्यथा कथा कह दी.

और पति के संतुष्ट न कर पाने की वजहें कई होती हैं. कई बार शादी के कुछ दिन बाद देह संबंधो का नयापन खतम हो जाना और उसका रूटीन हो जाना, और धीरे धीरे देह संबंध बस कभी कभी हो जाता है. कई बार कुछ दिनों के बाद काम या बाकी किसी शौक में पुरुष को किक मिलने लगता है पर ज्यादातर बार जो आपने कहा वही होता है,... कमज़ोर पति पत्नी को बिस्तर पे संतुष्ट नहीं करपाते है। लेकिन इसके साथ खासतौर पर ग्रामीण या कस्बाई क्षेत्र में माइग्रेशन के कारण पुरुष अक्सर बाहर रहते हैं, उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में अधिकतर जिलों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं ज्यादा है और पुरुष बंबई से पंजाब तक या दुबई और कतर कमाने के लिए जाते हैं फिर साल दो साल में एक बार,... और आपने एक अन्य पोस्ट में बहुत सही कहा था की काम की गर्मी प्रौढ़ा महिलाओं में विवाहिताओं में अधिक होती है। कुंवारियों में तो यह उत्सुकता वश या वर्जित फल चखने की चाह होती है पर विवाहिता तो काम रस का आनंद ले चुकी होती है और उसके बाद जो वो सुख नहीं मिलता तो उसकी देह में मन में उस बड़वानल का जलना स्वाभाविक है।

और समाजशास्त्रीयो के अनुसार परिवार में दो तरह के रिश्ते होते हैं, जोकिंग रिलेशनशिप या मजाक के रिश्ते और एवायडेंस रिलेशनशिप या वर्जित संबंध। देवर भाभी और जीजा साली इस मजाक के रिश्ते में आते हैं। देवर भाभी के रिश्ते की एक अन्थ्रोपोलिजकल हिस्ट्री है , वो है पाली एंड्री या बहुपति परम्परा जहाँ एक महिला सभी भाइयों की पत्नी होती थी जिसका कारण महिलाओं की कमी होने के साथ सम्पति का बटवारा न होना भी शायद रहा हो। देवर -भाभी संबंध भी वहीँ से उपजा है. फिर भाभी को काम का अनुभव होता है देवर अभी उत्सुक होता है उसका मन करता है और अगर जैसे मैंने ऊपर कहा की पति बाहर गया, कमजोर है या अपनी पत्नी पर ध्यान नहीं दे रहा तो देवर भाभी में आकर्षण होना स्व्भविक है , फिर मज़ाक का रिश्ता होने से देवर को छेड़ने का भाभी को हक भी होता है।

इसलिए देवर भाभी का संबध हो जाता है।

ससुर का रिश्ता एवायडेंस रिलेशनशिप या वर्जित संबंध में आता है और जेठ का भी इसलिए उनसे पर्दा होता है। लेकिन व्यवाहरिक पक्ष यह है की कई बार घर का स्वामी वही होता है क्योंकि जमीन घर सब जगह उसी की चलती है , और स्त्री कई बार सेक्स के साथ पावर के लिए भी आकर्षित हो सकती है लेकिन यह अपवाद स्वरूप है और क्योंकि ससुर या जेठ का काम जो उससे छोटी है उसके संरक्षण में है उसकी रक्षा करना है , इसलिए वो इन्सेस्ट में भी गिना जता है अपर देवर भाभी या जीजा साली संबंध इन्सेस्ट की कैटगरी में नहीं आता।


लेकिन जो बात आप कविता में कह देती हैं वो मैं गद्य में कभी नहीं कह सकती , एक बार फिर आपका आभार इस थ्रेड पर पोस्ट करने के लिए.
एकदम गूढ़ विशलेषण....
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
Kal JKG meri bhi subah se se sham tak chalegi. Update pe review to aate rahenge. Hame bas yaha chhutki kisse sunati rahena. Banaras kab lonch hogi????
ये तो मेरी भी जानने की इच्छा है कि 'बनारस..' का ताना बाना किस हद तक बुना जा चुका है....
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
कोमल जी..जिस तरह से आपने पूरी बात का विश्लेषण किया है वह वास्तव में काबिले तारीफ है। मैं आपके विचारों से पूरी तरह सहमत हूँ। नई पीढ़ी के जोड़ों के बीच बेवफाई करने के कई कारण हैं
हमारे दैनिक जीवन पर सोशल मीडिया के इतने अधिक प्रभाव के साथ बेडरूम में साथी से अपेक्षाएं बढ़ रही हैं जो कभी-कभी उचित नहीं होती हैं। दंपति बदलाव चाहते हैं और बेडरूम में नई चीजों को आजमाना चाहते हैं जो आपके साथी को स्वीकार्य नहीं हो सकता है और इसलिए आप नए अवसरों को खोजने की कोशिश करते हैं। शहरी और मेट्रो शहरों में ऑफिस जाने वाली महिलाओं की बढ़ती संख्या के साथ, यह स्पष्ट है कि आप किसी के प्रति आकर्षित हो जाते हैं और बह जाते हैं। आजकल ऑफिस ट्रिप के चलते काफी औरते अपने बॉस के साथ हमबिस्तर होजाती हें। इसके कई कारण होते हें, घर की दुरी, पति कानामर्द होना या बस प्रमोशन और बोनोस के लिए।
साथ ही आपने कहा कि जिन विवाहित महिलाओं का पति नौकरी पर बाहर होता है और साल में एक या दो बार आता है, उनमें यौन इच्छाओं को वश में रखना बहुत मुश्किल होता है।आजकल की औरते अपनी प्यास को दबाके नहीं बैठती। खास कर गाओ की औरते जो पति की गैर मजूदगी मे घर मे ही किसी के साथहमबिस्तर होजाती हें।और जब पति दूर हो और घर पर जेठ या ससुर जैसे बड़े के अलावा कोई न हो..मुझे लगता है कि जब तक उन्हें यौन संतुष्टि मिल रही है, तब तक उनके साथ अंतरंग होने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है
शरीर में यौन ज़रूरतें और भूख अच्छे और बुरे का मूल्यांकन नहीं करती है
यौन जरूरतें भी शरीर के भूख की तरह एक आवश्यकता है...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
एकदम सही कहा आपने


न मैंने न मेरी कहानियां इसी लिए जजमेंटल नहीं होतीं।

जैसे शहरों में कैजुअल सेक्स, वन नाइट स्टैंड कभी पार्टी में किसी के साथ

उसी तरह गाँव में भी

और नैतिकता पर अगर तोलना हो है तो उस इंसान की ईमानदारी, निष्ठा कमिटमेंट और सबसे बढ़ के वो कितना केयरिंग है रिलेशनशिप में कितना इन्वेस्ट करता है कितनी उसे वैल्यू देता है ये ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है
और ऑफिस में साथ काम करते भी नजदीक आ जाते हैं...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
एक कविता मेरी ओर से भी लीजिये कोमल जी, पिछली होली पर भांग के नशे में धुत होकर कुछ बोल फूट पड़े थे....


खेल रही थी आंगन में सखियों संग जब होली
देखा भैया वापस आये छोड़कर अपनी टोली

विदा किया सखियों को, पहुंची भैया के पास
उनका खूंटा खड़ा देखकर जगी थी मन में आस

रंग लेकर पूछा भैया ने मुझसे कब लगवायेगी
मेरी पिचकारी लेकर बुर में, बहना क्या चुदवायेगी!

इठलाती, शर्माती मैं झूल गई उनकी बाँहों में
चूमकर लबों को फिर देखा उनकी आँखों में

"भैया हूँ पर बनकर सैंया सील मैं तेरी तोड़ूंगा
बहुत तड़पा हूँ बहना मेरी, आज रगड़कर चोदूंगा"

करके नंगी मुझको भैया ने चोदा बनकर साजन
"चोदो भैया, जोर से चोदो" से गूंजा सारा आंगन
किलकारियों से जोर से गूंजा आंगन.... वाह... वाह...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,731
173
Aap vakei me bahot achhe redar ho. Ek writer ko achhe redars ki bahot jarurat hoti he. Jitni jabardast mezban komalji he. Utne hi achhe aap kadardan ho. Bahot bahot sukriya kahani ki feelings ko batne ke lie.
सब आपकी जर्रानवाजी है...
 
Top