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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
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ननद की सास, और सास का प्लान
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एकदम सही कहा आपने , कोई भी रणनीति, बिना विरोधी की शक्ति की समीक्षा के नहीं बन सकती। विशेष रूप से जब आप लगातार हार रहे हैं और आपके पक्ष ने हारना नियति मान लिया हो।और विरोधी टीम के सारी कमजोरी का फायदा और अपनी कमजोरी का बचाव....
नहीं नहीं दो बातें, पहले तो नैना नहीं मानेगी वो उसे नयकी भौजी की छुटकी बहिनिया ही मान के. और छुटकी के सामने ही सासू माँ ने नैना को ये जिम्मेदारी दी हैदोनों एक दूसरे की पूरक...
लेकिन क्या पता बहन बनाने पर गितवा छुटकी को ननदों की टीम में शामिल करके..
कोमल की प्लानिंग फेल कर दे....
बस अब मैच शुरू होने दीजिये, एक से एक दांव, हर तरह की ननदें और उनके दांव,ऐसा शमां बाँधा है कि हम पाठकगण खुद को भी दर्शक दीर्घा में महसूस करने लगे हैं....
इनकी संस्कृत काव्य पर भी बहुत अच्छी पकड़ है और हिंदी साहित्य पर भीआपके रंगीन चित्र होली के रंग से सराबोर कर देते हैं...
so sexy pics
आप को हर रस लिखने में पारंगत हासिल है....
आजकल महंगाई के कारण कॉमेंट की तंगी चल रही है इसलिए क्षमा प्रार्थी हूँपहले तो देर से उत्तर देर के लिए खेद, और तारीफ़ के लिए बहुत बहुत आभार
ये सब आपकी ज़र्रानवाज़ी है.
हाँ ये बात सही है की इसके पहले सगे रिश्तों का इन्सेस्ट मैंने कभी नहीं लिखा,... शायद वो मेरी स्ट्रेंथ भी नहीं है, गाँव से जुडी कहानियां, रीत रिवाज, त्यौहार खास तौर से होली, शादी अक्सर मेरी कहानियां इसी पृष्ठभूमि में घूमती रहती है, और मैं फर्स्ट पर्सन में ज्यादातर लिखती हूँ तो ननद भाभी की छेड़खानी या पति पत्नी के श्रृंगारिक संबंध और रोमांस,
इस प्रकार के रिश्तों के बारे में क्षेपक के तौर पे मैंने इस कहानी में पैर रखा, सम्हलते सम्हलते,... इस लिए नहीं की यह विधा इस फोरम में बहुत पॉपुलर है बल्कि इस लिए की मेरे पाठक मेरे मित्र होते हैं जो जिंदगी की आपधापी में किसी तरह समय काट कर , न सिर्फ पढ़ते है बल्कि आज कल बार बार उचक उचक के आने वाले विज्ञापनों से बच कर कमेंट भी करते है, और उनकी बात का आदर न करना कहानी का आदर न करना होता।
पर कमिया मेरी हैं ,
हाँ मैं धीमी आंच वाली हूँ चाह के भी इंस्टेंट टाइप नहीं पेश कर पाती इसलिए थोड़ा सिडक्शन, और पढ़ने में भी मुझे वही कहानियां ज्यादा अच्छी लगती हैं जहाँ ये पता तो चले की दिन है की रात मौसम बारिश का है की जाड़े का
इस लिए लिखने में भी मेरी पोस्ट्स स्लो हो जाती हैं
एक बार फिर से आभार।
और इंस्टा में अगर आपने कुछ इस्तेमाल किया है तो ये तो मेरी कहानी के लिए गर्व की बात है , लिंक तो यहाँ देना मना है पर आप कभी चाहें तो उसे कोट कर सकते हैं।
मुझे चोरी करना पसंद नहीं कभी, इसलिये अपने इंस्टाग्राम पेज पर "कोमलरानी" नाम की लेखिका इस पेज की invisible admin है, ऐसी घोषणा मैंने की.... आप स्पेशल हो वाकई....पहले तो देर से उत्तर देर के लिए खेद, और तारीफ़ के लिए बहुत बहुत आभार
ये सब आपकी ज़र्रानवाज़ी है.
हाँ ये बात सही है की इसके पहले सगे रिश्तों का इन्सेस्ट मैंने कभी नहीं लिखा,... शायद वो मेरी स्ट्रेंथ भी नहीं है, गाँव से जुडी कहानियां, रीत रिवाज, त्यौहार खास तौर से होली, शादी अक्सर मेरी कहानियां इसी पृष्ठभूमि में घूमती रहती है, और मैं फर्स्ट पर्सन में ज्यादातर लिखती हूँ तो ननद भाभी की छेड़खानी या पति पत्नी के श्रृंगारिक संबंध और रोमांस,
इस प्रकार के रिश्तों के बारे में क्षेपक के तौर पे मैंने इस कहानी में पैर रखा, सम्हलते सम्हलते,... इस लिए नहीं की यह विधा इस फोरम में बहुत पॉपुलर है बल्कि इस लिए की मेरे पाठक मेरे मित्र होते हैं जो जिंदगी की आपधापी में किसी तरह समय काट कर , न सिर्फ पढ़ते है बल्कि आज कल बार बार उचक उचक के आने वाले विज्ञापनों से बच कर कमेंट भी करते है, और उनकी बात का आदर न करना कहानी का आदर न करना होता।
पर कमिया मेरी हैं ,
हाँ मैं धीमी आंच वाली हूँ चाह के भी इंस्टेंट टाइप नहीं पेश कर पाती इसलिए थोड़ा सिडक्शन, और पढ़ने में भी मुझे वही कहानियां ज्यादा अच्छी लगती हैं जहाँ ये पता तो चले की दिन है की रात मौसम बारिश का है की जाड़े का
इस लिए लिखने में भी मेरी पोस्ट्स स्लो हो जाती हैं
एक बार फिर से आभार।
और इंस्टा में अगर आपने कुछ इस्तेमाल किया है तो ये तो मेरी कहानी के लिए गर्व की बात है , लिंक तो यहाँ देना मना है पर आप कभी चाहें तो उसे कोट कर सकते हैं।
क्या कहूं अब मैं सिवायआजकल महंगाई के कारण कॉमेंट की तंगी चल रही है इसलिए क्षमा प्रार्थी हूँ
किसने कहा कि धीमी आंच पर पकने वाला खाना सही नही होता अरे भाई धीमी आंच का खाना बहुत ही स्वादिष्ट और सुपाच्य होता है इसके बारे मे वो ही सही तरीके से परिभाषित करेंगे जो इसे स्वाद को जानते हो और इसका स्वाद चखा हो हर कोई को ये स्वाद हज़म भी नही होता ये मेरे व्यक्तिगत विचार है इसलिए इसे के लिए लेखक पर लिसि प्रकार का आक्षेप अनुचित और असहनीय होगा
कोमल जी अगर आपको याद होगा (शायद याद नही होगा) मैंने आपसे incest पर लिखने का आग्रह किया था अपन प्रतिउत्तर मे ये जरूर कहा था कोशिश की जायेगी उन कोशिश का परिणाम आज हमारे सामने है incest मे भाई बहन माँ बेटा बाप बेटी आदि रिश्ते तीन या चार अपडेट मे समाप्त नही जाते वैसे भी मंच पर incest के लेखक तीन चार अपडेट दे कर सीधे चु.. .. पर पहुँच जाते जैसे से सभी कपड़े खोल कर तैयार बैठे है बहुत अफसोस होता है
मैने सभी अपडेट पढ़े है और आगे भी पढ़ता रहूँगा जिस प्रकार चूल्हे की मध्यम आग पर दूध को रडाया जाता है या पकाया जाता है उसका स्वाद पीने वाला ही बता सकता है अन्य कोई नही
अब चाहे ये आपका पहला प्रयत्न हो वाकई आप बहुत ही उम्दा लिखा रहे है इसके लिए प्रशंसा के शब्द नही है जैसा आपका नाम कोमल है आप उसी कोमलता से भाई बहन माॅ बेटा के आंतरिक रिश्तों का चित्रण कर रही है
आशा है उसी कोमलता से पाठकों को अपनी रसभरी कलम से अभीभुत करेंगे