रेनू और उसका भाई - किस्सा नैना ननदिया का

रेनू को देख के मुझे एक परेशानी याद आ गयी, इंटर में पहुँच गयी थी और अब तक बिना फटे,... और रमजानिया ने बतया था और गुलबिया और चननिया ने भी वही बात कही जब हम लोग मैच के बाद किस ननद से किसका,...
रेनू का एक चचेरा भाई था कटखना कुत्ता,... रेनू से दो तीन साल बड़ा, लेकिन गाँव में कोई उसके मुंह नहीं लगता था, लौंडे तो रेनू के पीछे,... कबसे,... माल तो खूब मस्त थी वो, गोरी चिकनी, जोबन भी एकदम टाइट, कुर्ती को फाड़ते रहते थे,... लेकिन उसके उस चचेरे भाई के डर से, ... उसने साफ़ साफ़ बोल दिया थी की अगर किसी ने उसकी बहन रेनू की ओर आँख उठा के देखा, तो वो उसकी गाँड़ मार लेगा, हाथ पैर दोनों तोड़ देगा और उसकी माँ बहिन सब चोद देगा गाँव के बीचो बीच, एक लड़के ने ऐसे कुछ कमेंट किया था रेनू के उस चचेरे भाई ने उसका हाथ तोड़ दिया।
मुझे लगा की शायद उसका भाई बहुत संस्कारी होगा, लंका में विभीषण की तरह,... पर गुलबिया, नाउन की बहू हंसने लगी, बोली
"अरे जेतना घासवाली है, खेत में काम करेवाली, ओहु में जेकरे दो चार लड़का बच्चा हो गए हैं,... कोई नहीं बची हैं उससे,... नम्बरी चोदू है स्साला, लेकिन बहिनिया को अपने सात ताला में,... लोग तो रेनुआ को चिढ़ाते है तोहार भाई अपने बहनोई को भी बोलेगा, खबरदार अगर हमारी बहन के साथ कुछ ऊंच नीच किया,..."

नैना बड़ी देर तक हंसती रही फिर उसने रेनू और उसके चचेरे भाई का खुलासा किया।
कमल नाम है उसका नैना बोली लेकिन उलटे मुझसे एक सवाल दाग दिया,
" चंदू के साथ कैसा लगा, "
मैं समझ गयी उसका मतलब और उलटे मैंने सवाल दाग दिया
" तो का, कमलवा का, रेनुआ क भाई क चंदू अस,... ? "
" अरे नहीं कोमल भौजी,.... चंदू ऐसा तो गाँव में एक ही था वो आपके हिस्से में परमानेंट आ गया,... "
नैना मुझे छेड़ते बोली, फिर कुछ सोच के जोड़ा, और थोड़ बहुत इन दोनों के आसपास कोई है तो गितवा क भाई अरविंदवा,... लेकिन वो खाली अब गितवा और दो चार और बस,... "
" तो वो कमलवा क,... "
मैं जानती थी की नैना चाहती है की मैं उससे खोद खोद के पूछूँ,...
जवाब में नैना ने बित्ता पूरा फैला के दिखाया,.. और मेरी आँखें फ़ैल गयीं, और नैना ने मामला साफ़ कर दिया, ...

चंदू से १८ नहीं १९ होगा बल्कि साढ़े उन्नीस। लेकिन मोटाई में उसके बराबर ही हमरी तोहरी कलाई ऐसा. लेकिन चोदता बहुत गन्दा है इसलिए कोई उससे चुदाने में,...
मेरे कुछ समझ में नहीं आया चुदाई में क्या गन्दा क्या साफ़ और मैंने ननद की बात काट के पूछा यार स्साली साफ़ साफ़ बोल, पहेली मत बुझा,...
और तब नैना ने बताया की रेनू का वो चचेरा भाई, सिर्फ औजार ही नहीं चोदने में भी वो सांड़ की तरह है, जैसे सांड़ एक बार बछिया पर चढ़ जाता है अपनी दोनों टाँगे उसके ऊपर रख देता है तो फिर बछिया लाख उछले कूदे,...
" सही तो करता है इसके बिना कौन लड़की चुदवायेगी सब छटक जाती हैं " मैंने बीच में अपनी राय जाहिर की

पर नैना बिना रुके बोलती रही,...
" चाहे एकदम नयी लौंडिया हो, तब भी वो स्साला एकदम सूखे चोदता है,... थूक लगाना भी नहीं सीखा उसने,... इसलिए जल्दी कोई लड़की तैयार नहीं होती,... और फिर चुदाई शुरू होते ही, लड़की जितनी चीखे चिल्लाए, उसका जोश उतना ही बढ़ जाता है और उतनी ही जोर से पेलता है,... और साथ में चूँची भी कस के मसलेगा,... दांत से काटेगा, गाल पे काटेगा,... और अगर लड़की साथ न दे, चूतड़ उठाय उठाय के साथ न दे तो और जोर से,... फिर पोजीशन बदल बदल के,... कुतिया बनाय के अगर लड़की ने पीछे से धक्के नहीं खुद मारे तो चूतड़ पे हाथ मार के लाल कर देगा,... साले का कड़ा भी बहुत अउ खड़ा भी बहुत देर तक,... फिर पांच दस मिनट में दुबारा,... और फिर बिना गाँड़ मारे नहीं छोड़ेगा, चार चार बच्चों वाली भी जब उससे चुदवा के आती है तो दो दिन टांग फैला के चलती है "
मुझे कुछ कुछ अंदाजा लग गया रेनू के भाई के बारे में लेकिन एक बात अभी भी समझ में नहीं आई, और मैंने पूछ लिया,
" यार वो सब तो ठीक है स्साला नंबरी चोदू है,... पर रेनू के ऊपर लाइन मारने वालों को उसका चचेरा भाई क्यों काटने को दौड़ता है "
मैं बस यही सोच रही थी की कल कौन तैयार होगा रेनू पर चढ़ने को फाड़ने को, सबकी फटेगी रेनू के भाई कमल के बारे में सोच के,...
और नैना ने पूरी बात साफ़ कर दी, चचेरा कहने को थे,... घर चूल्हा अलग अलग नहीं थे, एक ही घर में एक परिवार,... कमल एकलौता लड़का और रेनू एकलौती लड़की,... छोटी चचेरी बहन,...सगी से बढ़कर,... तो जबसे उसका खड़ा होना फनफनाना शुरू हुआ,... तभी से उसने तय कर लिया था की रेनू की सील कोई तोड़ेगा तो वही ,... उसका माल है, उसके घर की, तो दूसरा कैसे,... हाँ एक बार वो चढ़ गया, फाड् दिया अगवाड़ा पिछवाड़ा, तो कमल को ऐतराज नहीं था।
" तो रेनू ने काहें नहीं उससे,... " मैंने अपनी शंका बताई,...
" एकदम और यही बात तो तो रेनू की चाची, कमल की माँ भी उससे कहती हैं,
"अरे किसी ने किसी से फड़वाओगी तो मेरे बेटे में कौन सा कांटा लगा है. "
लेकिन रेनू क्या बताती कौन कौन कांटे हैं,... एक बार नहीं कई बार उसने देखा था की कोई लड़की उसके भाई से, ... एकदम खून खच्चर,... और चीखें तो सुनती रहती थी, ... लेकिन खैर अब तो कोई लड़की नहीं दो चार बच्चे वाली ही, पर औजार इतना मस्त है की वो औरतें खुद ही आती हैं उसके पास,...
दूसरी बात कमल ने जब रेनू हाईस्कूल में में गयी थी तभी बोल दिया था,...
"देख रेनुवा तेरी तो पहली बार मैं ही लूंगा और सिर्फ लूंगा ही नहीं अपनी रंडी बना के रखूंगा, एक बार तेरी फट जाए बस, उसके बाद जब जहाँ मन करे दिन दहाड़े, खेत खेताडी, बँसवाड़ी,... वहीँ निहुरा के,... सबके सामने,... "
इसलिए वो हदस गयी है। उसने चाची से कहा भी, बस एक दो बार किसी के और के साथ, एक बार उसकी खुल जाए जाए फिर भैया के साथ,...फिर भैया चाहे जितनी बार, जब चाहे तब ले लें, उसको दर्द से बहुत डर लगता है,... एक बार खुलने के बाद मना नहीं करेगी अपने भैया को,...
लेकिन न उसकी चाची तैयार न कमल,.... की घर का मॉल, है तो पहले घर वाला,... यहाँ तक की रेनू की माँ भी बजाय अपनी एकलौती बेटी का साथ देने के देवरानी का ही साथ देती हैं, पहला हक़ तो कमल का ही है, .... फाड़ेगा तो वही,... पर रेनू की जिद्द भी डर भी,... रेनू की माँ ने कितनी बार समझाने की कोशिश भी की, बेटी अच्छी तरह अपने हाथ से तेल लगा के भेजूंगी तेरे भैया के पास, माना वो सूखे पेलता है, लेकिन तू पहले से बिल में दो चार अंजुरी तेल पिला के जाना,... लेकिन रेनू कुछ हदस गयी है कुछ उसकी जिद्द,...
" यार उसकी बात तो सही है भले चचेरा है लेकिन एकलौता है, राखी वो बंधवाएगा तो चढ़ेगा कौन " हँसते हुए में बोलीं,

तो नैना ने एक राज और खोला,..
' चचेरा है की क्या पता,... " हँसते हुए बोली, फिर कहा अपनी सास से पूछ लेना,.. लेकिन मेरे पूछने पर सब बात उगल दी।
रेनू के बाबू बाहर कमाने जाते थे, कभी कलकत्ता तो कभी,... साल में ८-९ महीना बाहर,... आते भी तो हफ्ता दस दिन,... बस फिर बाहर, तो रेनू के चाचा यहाँ खेती बाड़ी,.. तो फिर जैसे बाहर खेत जोतते थे वैसे घर का खेत भी जोतना शुरू कर दिया, आखिर भौजी का ख्याल देवर नहीं रखेगा तो कौन,... सब लोग कहते हैं रेनू जब पेट में आयी तो उसके बाबू ६ महीना से बाहर थे, अरे सपने में आने से तो नहीं गरभ रह जाता,... और वो कमलवा को तो लोग कहते हैं, मैंने नहीं देखा कभी लेकिन सही होगा की स्साला मादरचोद भी है,... इ रेनू के चच्चा भी अब रेनू के बाबू के साथ कलकत्ता चले गए हैं तो,... कमलवा अपनी माँ का भी ख्याल रखता है,इसलिए रेनू की चाची खुदे रेनू के पीछे पड़ी हैं .
" तो कल, रेनू के ऊपर,... " मैंने मन की बात कह दी,
" एकदम चढ़ा दीजिये उसके उसी कटखने चचेरे भाई को, फाड़ के रख देगा,... और उसकी इतने दिन की साध पूरी हो जायेगी,... भौजी आपके तो गोड़ धोके पियेगा, गुलामी करेगा। "
नैना ने एकदम हामी भर दी।
लेकिन मेरे मन में अभी उहापोह चल रही थी। कमलवा को तो मैं जानती नहीं न उसकी माँ को तो कैसे उसे पटा के कल यहाँ,..मेरे मन की उहापोह नैना समझ गई और बोली,
"ये कौन बड़ा काम है भौजी आपकी ननद कौन दिन काम आएगी, मैं बोल दूंगी,.... बस ये बता दूंगी की कल नयकी भौजी के पास होली में , और जो जो कहें चुपचाप मानना तो बड़ा फायदा होगा, हाँ कोमल भौजी बस ये ध्यान रखियेगा की रेनुआ स्साली के खबर न हो की कल जिस जिस ननद की नहीं फटी है सब की फाड़ी जायेगी वरना वो भाग जाएगी।"
" एकदम नहीं ये प्लान खाली मुझे, मिश्राइन भौजी को और एक दो लोगो को, .. और सब को बोला गया है एकदम चुप्प रहने को " मैंने कबूला।
तबतक बड़ी जोर से हल्ला हुआ, पहली कुश्ती का फैसला हो गया था, नीलू के साथ बेला, बेला को चूस चूस के नीलू ने झाड़ दिया था और मोहिनी भाभी ने नीलू का हाथ उठा के उसे जीता हुआ घोषित कर दिया था।
दोनों तरफ के इतने सारे पात्रों को याद रखना और सबके साथ न्याय करना...
दर्शकों के हुडदंग उनकी चुहलबाजी.. दोनों पक्षों का एक दूसरे का हूटिंग करना..
अपने साथियों का मनोबल बढ़ाना...
कबड्डी और रेसलिंग दोनों के व्याख्यानों में आपकी कलम करिश्माई स्तर पर काम कर रही थी...
ऐसा लग रहा था जैसे पुराने समय(जब टीवी नहीं हुआ करता था) में रेडियो पर कमेंट्री में मैदान का नक्सा और साथ में खिलाड़ियों की एक-एक हरकत...
सबकुछ आँखों के पर्दे पर उतार दिया...(टीवी की कमी JPG और GIF से पूरी हुई)
लेकिन रेडियो कमेंट्री का मजा हीं कुछ और था...
ऐसे चमत्कारी लेखनी को नमन...