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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

Lakshmanain

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ऐसी कितनी हीं फिल्में हैं जिसमें हीरो अपने माँ-बाप, बहन को विलेन के जुल्म नहीं बचा पाता... यहाँ तक कि बहन का रेप भी अपनी आँखों के सामने होता हुआ देखता है...
(अजय देवगन की फ़िल्म - नाम याद नहीं.)
'दिल चाहता है' फ़िल्म में दो हीरो दूसरे से पिट भी जाते हैं...
'bandit queen' में हिरोइन के परिवार पर जुल्म होने पर वो डाकू बन जाती है....
फ़िल्म गुलामी में हीरो.. समर्थ के ताने और जुल्म सहने को विवश है... जिसका अंत में बदला लिया जाता है...
कई बार अपहरण और बंदी बना कर भी हीरो से काम निकलवाया जाता है....
जीवन के ये उतार चढ़ाव हीं कहानी को एकरूपता से बचाते हैं....
भाई आपका बहुत-बहुत धन्यवाद दो अर्थों में समझाने के लिए लेकिन भाई मजाक छेड़खानी तो रहना ही चाहिए सब जानते हैं मजाक और छेड़खानी में कोमल जी ने अपना पिछवाड़ा अपने दोनों जीजू के नाम कर दिया अपने ननद का भी पिछवारा अपने जीजु को नाम कर दिया मजाक छेड़खानी तो कोमल के दोनों जीजू के ऊपर भी होना चाहिए था कोमल के जीजू अजय और कमल उनकी बहनें जो हैं नीतू ज्योति मीत उनके ऊपर भी मजाक छेड़खानी हो सकती थी नीतू भी तो गुड्डी की उम्र की है क्या उसे पर छेड़खानी और मजाक नहीं बनता नीतू ज्योति मीत कहानियों में आगे चलकर भाई क्या यह कहानी के हिस्सा बनेगी जैसे दोनों रसगुल्ला के बीच-बीच में जिक्र होता था अजय और कमल के बहनों को बीच-बीच में जिक्र तो होना चाहिए था भाई आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भाई
 

motaalund

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भाई आपका बहुत-बहुत धन्यवाद दो अर्थों में समझाने के लिए लेकिन भाई मजाक छेड़खानी तो रहना ही चाहिए सब जानते हैं मजाक और छेड़खानी में कोमल जी ने अपना पिछवाड़ा अपने दोनों जीजू के नाम कर दिया अपने ननद का भी पिछवारा अपने जीजु को नाम कर दिया मजाक छेड़खानी तो कोमल के दोनों जीजू के ऊपर भी होना चाहिए था कोमल के जीजू अजय और कमल उनकी बहनें जो हैं नीतू ज्योति मीत उनके ऊपर भी मजाक छेड़खानी हो सकती थी नीतू भी तो गुड्डी की उम्र की है क्या उसे पर छेड़खानी और मजाक नहीं बनता नीतू ज्योति मीत कहानियों में आगे चलकर भाई क्या यह कहानी के हिस्सा बनेगी जैसे दोनों रसगुल्ला के बीच-बीच में जिक्र होता था अजय और कमल के बहनों को बीच-बीच में जिक्र तो होना चाहिए था भाई आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भाई
जिस संदर्भ में मैंने उपरोक्त बात की है वो है १०० रूपये का दोहराव के साथ आपका पिछले पोस्ट में जिक्र..
जिसमें छेड़-छाड़ का पुट है और हँसी मजाक में कही गई बात है...

दरअसल ये मानसिकता पौरूष अहम पर केंद्रित है कि नायक चाहे घर में, नाते-रिश्तेदार, सगे संबंधियों, दोस्तों.. ऑफिस , अजनबी, नौकरानी इत्यादि किसी के साथ भी संबंध बनाए तो स्त्री कुछ न कहे..
उसे सब माफ है...
और यही अगर नायिका अगर करे तो निकृष्ट... समाज से बहिष्कृत और हेय दृष्टि से देखा जाए... उसकी भर्त्सना की जाए...
जहाँ तक अन्य पात्रों के संलग्न का जिक्र है ये भी मर्द जो करे सब सही... उसका बदला दूसरों की माँ बहन से संबंध बना कर पूरा करे... वाली मानसिकता है...

एक बार फिर कहना चाहूंगा कि किस पात्र को कितनी फूटेज दी जाए... कितनी अहमियत हो... उसका कैरेक्टराइजेशन कैसा हो... ये सिर्फ लेखिका के अधिकार क्षेत्र की बात है...
उसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप होने पर लेखिका कहानी के साथ इंसाफ नहीं कर पाएगी...
 

Lakshmanain

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और यही अगर नायिका अगर करे तो निकृष्ट... समाज से बहिष्कृत और हेय दृष्टि से देखा जाए... उसकी भर्त्सना की जाए...
जहाँ तक अन्य पात्रों के संलग्न का जिक्र है ये भी मर्द जो करे सब सही... उसका बदला दूसरों की माँ बहन से संबंध बना कर पूरा करे... वाली मानसिकता है...
आप सही कह रहे हैं भाई लेकिन कहानी का आधार से जो कोमल का सजना है शरीफ साधारण सीधा-साधा था जो कुंवारापन अपने सजनी को दिया था कोमल जी ने अपने सजन को खुद गुलामी करवाई थी कोमल जी ने एक से बढ़कर एक गलियां भी दी थी एक सजना एक सजनी में प्रीत यह सब होता रहता है इससे कोई दिक्कत नहीं सजना को बिगाड़ना वाली खुद कोमल जी हैं कोमल जी के सजन का भोलेपन का सभी ने फायदा उठाया कोमल दोनों जीजू लड़कियों लड़कों तक नहीं छोड़े हैं दोनों ने अपना कुंवारापन किसी लौंडो को दिया था जब यह दोनों ने इतने कर्म किए हैं तब उनके साथ क्या किया जाए जो दोनों अपनी बीवियों को कुंवारापन तक ना दे पाए वही तो कह रहे हैं भाई इन कभी माफ ना किया जाए जो शरीफ था उसकी मां बहन एक कर दिए जो नहीं शरीफ है उनकी चांदी है इसमें हम स्त्रियों की ही बात कर रहे हैं भाई जब कोमल की ननद जब मजा ले सकती है रोनू और चीनू की ननद क्यों नहीं ले सकती मजा जैसी आप कह रहे हैं भाई वैसे भी कहानी मैंने पढ़ी है उसे कहानी में जो सजना होता है तीन चार लड़कियों से संबंध बनाता था जब उसकी सजनी आई तब उसको लालच देकर अपने फ्रेंड को बुलाई और उसके साथ शारीरिक संबंध बनवाया मोबाइल में रिकॉर्ड करके उसे बाइक मेल करने के लिए किया था ऐसा नहीं था सजनी पास भी बॉयफ्रेंड था बॉयफ्रेंड के साथ-साथ उनके मतलब जो दोस्त रहते थे उनसे भी संबंध बनाने लगी जो उसका सजना रहता था उसको गुलाम बना के रख ली थी यह कहानी पढ़ने के बाद तो मालूम पड़ता है कि चलो दूसरे के साथ संबंध बनाता था इसलिए ऐसा किया उसके साथ लेकिन इस कहानी भाई समझ में नहीं आ रहा था इसलिए पूछा आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आप कहानी आगे देखते हैं कैसे आएगी कैसे पढ़ने को मिलेगा अच्छा लगेगा भाई तो बहुत चॉइस लेकर पढ़ेंगे आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आपका समझने का तरीका बहुत अच्छा लगा
 

komaalrani

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आप सही कह रहे हैं भाई लेकिन कहानी का आधार से जो कोमल का सजना है शरीफ साधारण सीधा-साधा था जो कुंवारापन अपने सजनी को दिया था कोमल जी ने अपने सजन को खुद गुलामी करवाई थी कोमल जी ने एक से बढ़कर एक गलियां भी दी थी एक सजना एक सजनी में प्रीत यह सब होता रहता है इससे कोई दिक्कत नहीं सजना को बिगाड़ना वाली खुद कोमल जी हैं कोमल जी के सजन का भोलेपन का सभी ने फायदा उठाया कोमल दोनों जीजू लड़कियों लड़कों तक नहीं छोड़े हैं दोनों ने अपना कुंवारापन किसी लौंडो को दिया था जब यह दोनों ने इतने कर्म किए हैं तब उनके साथ क्या किया जाए जो दोनों अपनी बीवियों को कुंवारापन तक ना दे पाए वही तो कह रहे हैं भाई इन कभी माफ ना किया जाए जो शरीफ था उसकी मां बहन एक कर दिए जो नहीं शरीफ है उनकी चांदी है इसमें हम स्त्रियों की ही बात कर रहे हैं भाई जब कोमल की ननद जब मजा ले सकती है रोनू और चीनू की ननद क्यों नहीं ले सकती मजा जैसी आप कह रहे हैं भाई वैसे भी कहानी मैंने पढ़ी है उसे कहानी में जो सजना होता है तीन चार लड़कियों से संबंध बनाता था जब उसकी सजनी आई तब उसको लालच देकर अपने फ्रेंड को बुलाई और उसके साथ शारीरिक संबंध बनवाया मोबाइल में रिकॉर्ड करके उसे बाइक मेल करने के लिए किया था ऐसा नहीं था सजनी पास भी बॉयफ्रेंड था बॉयफ्रेंड के साथ-साथ उनके मतलब जो दोस्त रहते थे उनसे भी संबंध बनाने लगी जो उसका सजना रहता था उसको गुलाम बना के रख ली थी यह कहानी पढ़ने के बाद तो मालूम पड़ता है कि चलो दूसरे के साथ संबंध बनाता था इसलिए ऐसा किया उसके साथ लेकिन इस कहानी भाई समझ में नहीं आ रहा था इसलिए पूछा आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आप कहानी आगे देखते हैं कैसे आएगी कैसे पढ़ने को मिलेगा अच्छा लगेगा भाई तो बहुत चॉइस लेकर पढ़ेंगे आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आपका समझने का तरीका बहुत अच्छा लगा
मेरा अनुरोध है जो कहानी हो उसी के बारे में कमेंट करें उसी पोस्ट के बारे में कमेंट करें तो ज्यादा मेरे लिए भी लाभप्रद होगा

आपके कमेंट अच्छे हैं लेकिन इसी कहानी से जुड़े हों तो ज्यादा लाभकर होगा।
 

exforum

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Komalrani जी पिछले कुछ दिनों से मै कॉमेंट्स पढ़ रहा हूं, जिसमे लोग आपको कुछ सलाह दे रहे हैं। मैं भी अपना विचार रखना चाहता हूं। हीरो हीरोइन साधारण कहानियों में जरूरी होते हैं। कामुक कहानियों में हीरो हीरोइन कोई जरूरी नही है। कामुक कहानियों में चूत वाली होनी चाहिए और लंड वाला होना चाहिए। चूत बराबर रस छोड़े तभी लंड को सही ग्रीस मिलती है। इसके लिए कुछ सहेलियां, भौजाइयां, ननदें सास होनी चाहिए जो चूत में आग लगा सकें और बुझवाने के लिए प्रोत्साहित भी कर सकें। बुझाने के लिए नए लउंडे, देवर आदि होने चाहिए जो कच्ची कलियों को रगड़कर फूल बनाएं। फूल बन चुकी भौजाइयों का, दीदियों का, यहां तक चाची, सास का भी रस (उप्पर और नीचे का दूध) निचोड़कर पी सके, गाभिन कर सकें। गायें जब चोकड़ेंगी (रंभाएंगी)। तो उन पर चढ़वाने के लिए हीरो ढूंढा जाएगा या अच्छा सांड़ ढूंढा जाएगा फिर चाहे वह देसी हो, साहीवाल हो, जर्सी हो या फ्रीजियन हो । अब कोई जर्सी गाय ज्यादा दूध देती है तो दूधिया के यहां बेच देते हैं। कोई भौजाई ज्यादा दूध देने लगे तो कौन दूध पिएगा देवर ही न। आप जैसी कहानी लिख रही हैं वैसे ही लिखते जाइए। कमेंट्स के अनुसार कहानी की दिशा मोड़ेंगी तो कहीं न कहीं मौज मस्ती कम हो जायेगी और कहानी एकविमीय हो जाएगी। अन्य लोगों से निवेदन है कि कहानी के ढांचे पर कृपा करके आलोचना न लिखें । लेखक कितना भी इग्नोर करने का प्रयास करे उसके मन में कोई भी आलोचना घर कर जाती है और वह उसका निदान करने का प्रयास करता है। इससे इस रसप्रद कहानी का रस ही कम होगा भले ही साहित्यिक दृष्टि से कहानी अधिक सटीक हो जाय।​
 
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motaalund

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मेरा अनुरोध है जो कहानी हो उसी के बारे में कमेंट करें उसी पोस्ट के बारे में कमेंट करें तो ज्यादा मेरे लिए भी लाभप्रद होगा

आपके कमेंट अच्छे हैं लेकिन इसी कहानी से जुड़े हों तो ज्यादा लाभकर होगा।
🙏🙏🙏🙏
 

komaalrani

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Komalrani जी पिछले कुछ दिनों से मै कॉमेंट्स पढ़ रहा हूं, जिसमे लोग आपको कुछ सलाह दे रहे हैं। मैं भी अपना विचार रखना चाहता हूं। हीरो हीरोइन साधारण कहानियों में जरूरी होते हैं। कामुक कहानियों में हीरो हीरोइन कोई जरूरी नही है। कामुक कहानियों में चूत वाली होनी चाहिए और लंड वाला होना चाहिए। चूत बराबर रस छोड़े तभी लंड को सही ग्रीस मिलती है। इसके लिए कुछ सहेलियां, भौजाइयां, ननदें सास होनी चाहिए जो चूत में आग लगा सकें और बुझवाने के लिए प्रोत्साहित भी कर सकें। बुझाने के लिए नए लउंडे, देवर आदि होने चाहिए जो कच्ची कलियों को रगड़कर फूल बनाएं। फूल बन चुकी भौजाइयों का, दीदियों का, यहां तक चाची, सास का भी रस (उप्पर और नीचे का दूध) निचोड़कर पी सके, गाभिन कर सकें। गायें जब चोकड़ेंगी (रंभाएंगी)। तो उन पर चढ़वाने के लिए हीरो ढूंढा जाएगा या अच्छा सांड़ ढूंढा जाएगा फिर चाहे वह देसी हो, साहीवाल हो, जर्सी हो या फ्रीजियन हो । अब कोई जर्सी गाय ज्यादा दूध देती है तो दूधिया के यहां बेच देते हैं। कोई भौजाई ज्यादा दूध देने लगे तो कौन दूध पिएगा देवर ही न। आप जैसी कहानी लिख रही हैं वैसे ही लिखते जाइए। कमेंट्स के अनुसार कहानी की दिशा मोड़ेंगी तो कहीं न कहीं मौज मस्ती कम हो जायेगी और कहानी एकविमीय हो जाएगी। अन्य लोगों से निवेदन है कि कहानी के ढांचे पर कृपा करके आलोचना न लिखें । लेखक कितना भी इग्नोर करने का प्रयास करे उसके मन में कोई भी आलोचना घर कर जाती है और वह उसका निदान करने का प्रयास करता है। इससे इस रसप्रद कहानी का रस ही कम होगा भले ही साहित्यिक दृष्टि से कहानी अधिक सटीक हो जाय।​
एकदम आपने सौ बात की एक बात कह दी, वो भी बिना लाग लपेट के.

बहुत बहुत धन्यवाद

और ऐसी बात पर एक अपडेट तो बनता ही है, तो

अगला अपडेट कल, पक्का।
 

Lakshmanain

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एकदम आपने सौ बात की एक बात कह दी, वो भी बिना लाग लपेट के.

बहुत बहुत धन्यवाद

और ऐसी बात पर एक अपडेट तो बनता ही है, तो


अगला अपडेट कल, पक्का।
कोमल मैं जो बात कह रही हैं वह सामूहिक सेक्स में आता है ना उसमें हीरो होता है नाही हीरोइन नहीं उसमें राजनीति होती है
 

komaalrani

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Next update part 68 thodi der men
 

komaalrani

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भाग ६८

हो गयी शाम, घर की ओर
 
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