This milestone achieved says more about content, characterization, presentation and delivery with fine details.
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यही रियल लाइफ प्रसंग हीं तो अक्सर बोल-चाल में प्रयोग होते हैं .. जिससे रिलेट कर लगता है कि सचमुच कुछ आस-पास संवाद हो रहा है...बीच बीच में थोड़ा सा फ़्लैश बैक हो जाता है,
रियल लाइफ में भी तो अक्सर कुछ मीठे तीखे प्रसंग याद आ जाते हैं,... और ननदों का मुकाबला करने के लिए नयी दुलहन का साथ देने के लिए उसकी जेठानिया तो होती हैं हैं,... नयी जगह नया माहौल, यह सब छेड़ छाड़ धीरे धीरे नयी दुल्हन को भी सहज कर देती है.
Exploring unchartered waters will give exhilarating feeling.एकदम यह कहानी जिस का सीक्वेल है उस के शुरू में ही मैंने कहा था की होली की इस कहानी में सारी वर्जनाएं टूटेंगी, सभी लाइने पार होंगी
तो सीक्वेल में बची खुची,... और कुछ तो बैकग्राउंड होना चाहिए था तो कबड्डी की जीत की ये शाम
और इन्सेस्ट का तड़का भी
आखिर प्यारी-दुलारी और सबसे बढ़कर मनभावनएकदम जबरदस्त मुकाबला होगा
और मैं अपनी सास का साथ दूंगी, सास न होतीं तो साजन कहाँ से आते
ये भेड़ चाल से हटकर एक ऐसी प्रस्तुति थी जो कहानी को बेजोड़ और बेमिशाल बनाती है....और सास ने ये जो बातें कही वो कहीं न कहीं पृष्ठ ६४३ के अपडेट और ६४६ की टिप्पणी से भी जुडी थीं
वह गाँव आदर्श गाँव की सूची में भी है
जो जीवन चक्र का आधार है...एकदम सही कहा आपने इसी से तो जीवन चक्र चलता है कोटिश वर्षों से इस पृथ्वी पर जीवन है तो इसी कृत्य के कारण
वही तो... मोती चुनने के लिए गहरे पानी उतरना हीं पड़ेगा...कई स्टोरीज इस फोरम पर भी पीडीफ सेक्शन में हैं
अलग होने के कारण हीं अद्भुत और अपूर्व है....यह भाग और भाग से थोड़ा सा अलग है
धन्यवाद आपने सारी पोस्ट्स पर और कमेंट्स पर भी कमेंट्स किये
प्रजनन और उत्सर्जन हीं तो अगली पीढ़ी की बुनियाद है....कुछ जीवन का उत्स है
कुछ काम -रति से और फर्टिलिटी रिचुअल से जुड़े और
कुछ तंत्र के प्रतीक थोड़ी चर्चा जिनकी मैंने आगे भी की पृष्ठ ६४६ में,
ग्रामीण जीवन से जो लोग जरा भी जुड़े होंगे उन्हें याद होगा, शादी के मंडप में हल की फाल, वो फर्टिलिटी रिचुअल ही तो है वो भी एकदम साफ़ जहाँ हल पुरुष है स्त्री धरती और मण्डप में गाँठ जोड़ के बैठे दुलहा दुलहन को उनकी भूमिका की याद दिलाता,
पांच तोते मंडप में लगे, कामदेव का वाहन है तोता, और कामदेव तो अशरीर हैं तो उनकी उपस्थिति उनके वाहन के रूप में, लावा और दोनों परिवारों का लावा मिलाना और साथ में अगर किसी को अभी भी न समझ में आ रहा हो तो गारियां,... मोर लावा तोर लावा एक में मिलाय दूँ तोर बहिनी आपन भाई,... कोहबर जो लिखा जाता है, उसमें बांस और कुमुदिनी,... सब कुछ प्रजनन से जुड़े प्रतीक है, नयी बहू के आने पर उसकी गोद में एक छोटा बच्चा बैठाना,...
इससे ज्यादा क्या साफ़ साफ़ कहा जाएगा उसकी भूमिका के बारे में,...
काम हमारी संस्कृति में चार पुरुषार्थों में एक है उसके साथ कोई सेन्स आफ गिल्ट नहीं जुड़ा है