आपके साथ तो धोखे से हुआ..मेरी ननद
" नहीं नहीं भौजी आउंगी जरूर आउंगी,... " मुस्कराते हुए बेला बोली,... फिर जोड़ा, " हमारी मीठी भौजी से मिलने तो आना ही होगा "
" और सुन चुनमुनिया में कडुवा तेल वेल मत लगाना,... लगा के आओगी तो मैं फटे बोरे से पहले पोंछ के सुखा दूंगी " मैंने उसे चिढ़ाया,...
और तब तक दो चार और ननदें जिन्हे प्रसाद देना बचा था वो दिख गयी तो मैं उनकी ओर लपकी,
कोई ननद बची नहीं थी जिससे मैं प्यार दुलार से न मिली, और जिसके उभार कस के न मसले हों, और वो भी उसी तरह जवाब देती थी,...
आज की कबड्डी का सबसे बड़ा फायदा मुझे यही हुआ की कम से कम दो दर्जन ननदों से मुलाकात नहीं, अच्छी वाली दोस्ती हो गयी,... चार पांच उसमे से लीला, नीलू की तरह भी थीं जिनकी शादी हो गयी थी गौना नहीं हुआ था,...
चार पांच ब्याहिता भी मिली, अक्सर लड़कियां होली ससुराल में मनाती हैं, देवर ननदोई का मजा कौन छोड़ेगा,... और सावन में मायके, पुराने यारों के साथ, भौजाइयों के साथ झूला झूलने,
लेकिन दो चार पांच ब्याहता ननदे, जिनकी छोटी बहने, भाभियाँ थी, उनके पति होली में साली सलहज का मजा लेने आये थे,... और गाँव में कोई सगी साली ही थोड़े साली होती है पूरे गाँव की लड़कियां,... और वो सब भी छुछियाती रहती हैं तो वो सब होली में स्साली सलहज का मजा ले के अपने मायके चले गए और ननदें रंग पंचमी मनाने यही रुक गयीं.
मेरे बोलने से पहले ही ननद सब बोलतीं, हाँ भौजी जरूर आउंगी, और कुछ नहीं तो आपन यह मालपुवा अस मीठ मीठ भौजी से मिलने आएंगे।
सब से जोश में छुटकियाँ था जिनकी चिड़िया अभी उड़नी नहीं शुरू हुयी थी, आज कबड्डी के बाद की मस्ती देख के सब गरमा रही थी,
मैंने ननद को चिढ़ाते हुए कहा,... अरे काहें भौजी क नाम ले रही हो, हमरे देवर से मिलने आओगी, यह छोट छोट जुबना के लालच में दौड़े आएंगे, ...सब। "
और रूपा के जोबन कस के मजाक में दबा दिए, लेकिन एक मेरी ब्याहता ननद क्यों छोड़ती मुझे, वो कस के मेरे उभार मल के बोली,
" अरे भौजी, लौंडे सब आएंगे लेकिन इसके लिए,... आपको मालूम नहीं इसके चाहने वाले पूरे बाइस पुरवा में कितने हैं, कल कउनो भौजाई मना नहीं करती। "
मैं हँसते बोली,
" अरे बिन्नो कल क्या, और फागुन क्या , देवर भौजाई का तो साल भर फागुन रहता है,... जेतनो तोहरे बचपन के यार होंगे सबको बता देना,... जो नहीं आया उसकी मैं गाँड़ मार लूंगी, और उसकी बहन की तो ऐसी तैसी होगी ही, "
सब ननदें खिलखिला के हंस पड़ी तो एक छुटकी का चुम्मा लेती मैं बोली,
" चल यार आज तूने बहुत भौजाइयों की चूसी होगी न कल मैं चूसूंगी,... लेकिन झाड़ेंगे हमारे देवर "
" अरे भौजी तब तो हम सब सबेरे से यही डेरा डाल लेंगी " लीना जो इसी साल रजस्वला हुयी थी हँसते हुए बोली।
सब नंदों से हम लोगों ने बिदा ली,...
मेरी ननद अपनी कुछ बचपन की सहेलियों के साथ थीं, सब बियाहिता,... कुछ प्लान कर रही थीं,... उनके चलने के पहले भेटते हुए मैंने बोला,
" मैं अभी थोड़ी देर में आउंगी,.. आपके भैया तो अभी एकाध घंटे बाद ही आएंगे, उनके आने के पहले ही आ जाउंगी,...और रतजगे की तैयारी कर लीजियेगा आज रात भर मूसल चलेगा आपकी ओखली में, आपके सैंया नहीं है तो क्या मेरे तो हैं। "
वो समझ तो रही थीं , तीन बार तिरबाचा भरवाया था उनसे, पिछवाड़े की डबल फीस्टिंग से बचाया था उन्हें,...
मेरी ननद कुछ झेंप रही थी, जान तो वो भी रही थीं की तीन तिरबाचा भर चुकी हैं आज रात अपने सगे भैया की सेज पर चढ़ने का, उनके आगे अपनी जाँघे फ़ैलाने के लिए इसलिए आज तो भैया बहिनी की कबड्डी हो के रहेगी, वो भी भौजाई के सामने। आज सास भी नहीं थीं, कल रात में उनको आना था, छुटकी गीता के यहां और नन्दोई जी भी अपने मायके चले गए थे, दो दिन बाद आने वाले थे, इसलिए सिर्फ ननद, ननद के भैया और ननद की भौजाइ
पर यह बात ननद रानी अपनी बचपन की सहेलियों, बाकी ननदों के सामने और भौजाइयों के सामने कबूलना नहीं चाहती थी,
लेकिन जंगल में मोर नाचा किसने देखा इसलिए जब तक घर घर ये बात फ़ैल न जाए की मेरी ननद ने मेरे सैंया के सामने अपना लहंगा पसारा तब तक क्या मज़ा
और इसलिए दुहरी फिस्टिंग की धमकी मैंने चमेलिया और गुलबिया के साथ मिल के दी, चमेलिया और गुलबिया की मुठ्ठियाँ पिछवाड़े और मेरी दोनों अगवाड़े,... और घबड़ा के उन्होंने मेरे साजन से अपनी ओखली में मूसल चलवाने की बात गुलबिया और चमेलिया के सामने कबूल की और वो भी सिर्फ एक बार नहीं , सिर्फ एक रात नहीं मैं जब चाहूँ तब, ... और मुझे उम्मीद थी की चमेलिया गुलबिया ये बात पूरे गाँव में बाँट ही देंगी,
लेकिन कौन भौजाई होगी जो ननद को गाँव की भौजाइयों के सामने रगड़ने का मौका छोड़ देगी, इसलिए मैंने फिर साफ़ साफ़ बोला,...
" अरे ननद रानी इसलिए पहले भेज रही हूँ आप को की पाव भर घर का कडुआ तेल अपनी कुप्पी में डाल के अभी से बैठ जाइएगा, फिर आपके भैया का गपागप जाएगा, ननदोई जी से २० नहीं २२ है, डर तो नहीं रही हैं आप, वरना कह दूंगी उनसे की जरा धीरे धीरे,... "
ननद कौन जिसका मुंह बंद हो जाय और मेरी ननद तो सब ननदों में निपट छिनार ( अब अपने भाई का नाम लेकर गाली तो दे नहीं सकती तो मेरी बहन का नाम लगाया)
" किससे डरूंगी, ओह्ह छुटकी के जीजा से,... लेकिन मैं सिर्फ इसलिए बोल रही हूँ की आपका उपवास हो जाएगा, कब्बडी में जीत के बाद भी "
अब मैं कैसे ननद रानी से बोलूं की मैं उन भौजाइयों में नहीं हूँ जो ससुराल में भी उपवास करे. नाश्ते में ही दो चार,... अजा सुबह दो राउंड चंदू देवर के जबरदस्त मूसल को घोंटा फिर चुन्नू की नथ उतराई की, कबड्डी खेलने उतरी तो मेरी कटोरी में रबड़ी मलाई दोनों देवरों की छलक रही थी।
लेकिन मेरी ओर से रमजनिया बोली,
" अरे मन मन भावे मूड हिलावे, मन तो कह रहा होगा बचपन में बहुत डाक्टर नर्स खेली हो भैया के साथ ,... आज असली वाली सुई लगेगी,... अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर "
" एकदम एक ओर से कैसे काम चलेगा मेरी ननद का,... " मैंने भी मौका देखकर चौक्का मार दिया।
ननद अब घिर गयी थीं बात बदल कर हँसते हुए बोलीं,... अभी पहुँच के सो लेती हूँ थोड़ी देर मैं, ....वैसे भी . कल हम सहेलियों के साथ शाम को हम लोग छावनी में जाएंगे और कल रात वहीँ रहेंगे, पुराने जमाने की हम सब सहेलियां .
" पुराने यार तो नहीं बुलाना है " मैंने चिढ़ाया।
" अरे नहीं आज के बाद कल चलने की हालत नहीं रहेगी, अच्छा चलती हूँ " मुस्कराते हुए उन्होंने कबूल किया की आज रात क्या होना है और वो घर चल दी।
लेकिन अब तो राजीनामे से...
आखिर बचपन का याराना जो ठहरा....