ऐसा मत कहिए कोमल मैमइस से बड़ी तारीफ़ हो भी नहीं सकती
क्यों सबके मुंह से सच उगलवाना चाहती हैं ??
सादर
ऐसा मत कहिए कोमल मैमइस से बड़ी तारीफ़ हो भी नहीं सकती
1)Are wah komaliya apne sajan ke khute par bethane ki sari vidhya puri tarah se taiyar kar liya. Ha bhi bulvakar chhinar nandiya ko mana bhi liya. Vese vo kaha mana karegi. Chhinar jo thahari. Kachi kali ko rondte padhne me bada maza aaega.भाग ७२ - मेरा भाई मेरी जान
किस्से भैया बहिनिया के
12,93,990
सुबह रेनू और कमल की गाँठ जुड़वानी है ,
देवर को ननद पर चढाने से बड़ा पुण्य काम भौजाई के लिए क्या होगा।
और अब बात अगले दिन की, मेरी सारी गाँव भर की नंदों ने मनाया, मेरा भाई मेरी जान,...
जिसके जिसके सगे भाई थे, छोटे बड़े, सब चढ़े अपनी बहनों पर, कच्ची कलियाँ हो, बिन ब्याही चुदी ननदें हो या ब्याही और गौना न हुआ, साजन के पहले भाइयों ने नंबर लगाया, कुछ ने सीधे, कुछ ने धोखे से कुछ ने जबरदस्ती, लेकिन सबका पानी बच्चेदानी तक गया,... और जिसके सगे नहीं थी, तो चचेरे, नहीं तो उसी पट्टी के जिसको वो राखी बांधती थी, सबके सामने भैया भैया बोलती थीं, उन सब के संग जम के चुदेया हुयी और वो भी बीच गाँव में सब भौजाइयों के सामने,... न कोई ननद बची न बिन ब्याहा देवर, सब ने होली के संग राखी मनाई,
अब आप ये मत समझिये की मैंअपनी सगी ननद और उनके सगे भैया की कबड्डी गोल कर गयी, वो तो सारी रात चली और मेरे सामने चली, ... और कित्ती मुश्किल से फंसी थी, स्साली ( वैसे तो सब ननदें साली होती है लेकिन मेरी ननद तो असली वाली थीं,... मेरा ममेरा भाई, उनकी छोटी बहन मेरी सबसे छोटी ननद जो छुटकी की समौरिया, उसकी झिल्ली ऐन होली के दिन फाड़ गया, और मैंने खुद देखा,... बाद में ननद के बिल में से ऊँगली निकाल के अपने भैया की मलाई भी उसे चटाई,... तो जिसकी बहन मेरे भैया से चुदी, तो मेरे भैया की स्साली ही तो हुयी, बड़ी ही सही,... तो उसकी साली तो मेरी साली )
चमेलिया और गुलबिया दोनों ने जुगत लगाई और मिश्राइन भाभी ने भी घी डाला,...
दोंनो छेदो में डबल फिस्टिंग, पिछवाड़े चमेलिया और गुलबिया की मुट्ठी घुसती, अगवाड़े मेरी दोनों,... और बस मेरी ननद हदस गयी, वो समझी सचमुच,... खास तौर से पिछवाड़े,... कुछ दर्द का डर, कुछ बिना बियाये, बुर के भोंसड़ा होने का डर,... बस मान गयी मेरी शर्त, अपने भैया की गोदी में बैठ के चुम्मा चाटी, मेरे साजन के खूंटे पे बैठने की बात,...
और मेरे सामने,... और वैसे भी ननद भौजाई में कौन सरम,... कौन सबके सामने,... मेरे ही सामने तो,...
हाँ बाद में जब उन्हें आसीर्बाद मिला की पांच दिन में ही वो गाभिन होंगी और नौ महीने में मुझे मामी बना देंगी,.... तो एक और बदमासी मेरे दिमांग में बताउंगी,... बताउंगी सब फुल डिटेल, और दो तीन पार्ट में और सिर्फ ननद की नहीं मेरी सास की भी,... लेकिन अभी बात तो गाँव की बगिया की और मेरी सारी ननदिया की,...
ननदों को हम लोगों ने दस बजे बुलाया था, और देवरों को साढ़े दस बजे, ननदों को छुटकी बगिया में और देवरों को बड़की बगिया में, दोनों सटी थीं, अगल बगल बस बीच में एक पतली सी पगडण्डी जहाँ से कभी कभार कोई भूला भटका ही जाता था, दोनों बगिया गझिन थी, दुपहरिया में अमावस,... लेकिन बड़की बगिया के बीच में एक थोड़ा खूला मैदान था,... जहाँ कल कबड्डी हुयी थी,...
और नंदों को दस बजे बुलाया गया था तो साढ़े नौ बजे के पहले हम सबो को पहुंचना ही था,
मुझे कुछ सोचना नहीं था क्या पहनूं, दूबे भाभी ने कल बता दिया था आसीर्बाद में होलिका माई की जो उतरन मिली थी,... उसके जबरदस्त असर के बारे में,... वो साड़ी पहनने के बाद, चाहे सास हो चाहे ननद चाहे देवर या कोई, बस एक नजर और उसके बाद वो सोच भी नहीं सकता था पहनने वाली की कोई बात टाले,... और कोई कहने की जरूरत भी नहीं होती जो सोचो वही अपने आप उसके मन में दिमाग में पत्थर की लकीर,
लेकिन असर और भी थे, होली तो मदन का त्योहार और होलिका माई रति का रूप, तो पहनने वाली और देखने वाली/वाले दोनों के मन में मन्मथ इस तरह मथता था की बस काम भावना ही,... फिर रिश्ता नाता कुछ नहीं बस जो सामने दिखे उस पे चढ़ जाने का मन,... लेकिन अच्छा हुआ दूबे भाभी ने उसको पहनने का गुन ढंग भी समझा दिया था,
सिर्फ वही उतरन की साड़ी, देह पे उसके बाद एक चिथड़ा भी नहीं बचना चाहिए, हर अंग पे उस माई के परसाद का स्पर्श होना चाहिए और फिर आधे घंटे के अंदर उसका असर पूरा हो जायेगा, जोबन एकदम पथरा जायँगे, जैसे प्रस्तर प्रतिमाओ में होते हैं,... निपल दोनों बरछी की नोक, योनि से हल्का हल्का मादक अलग ढंग की महक वाला स्त्राव निकलना शुरू करेगा, बस बूँद बूँद और उसकी महक जिस मरद की नाक में भी पड़ी तो बसंत में फूलों से भरी बगिया में जो
भौरे की हालत होती है, वही हालत होगी,... और बदमासी में कही वो एक बूँद किसी मर्द को चखा दिया, तो फिर तो खरगोश भी सांड़ हो जायेगा,... और अगर पहले से सांड़ हो तो दस सांड़ों की ताकत आ जायेगी,...
पर उस के साथ जरूरी है सुहागन का सोलह सिंगार, मांग में भरभराता, सिन्दूर, गले में मंगल सूत्र, आँखों में काजल, होंठों पे लाली हलकी नहीं पूरी और पैरों में घुंघरू वाले बिछुए,... कोहनी तक चूड़ियां, कुछ चुरमुर करें कुछ चटके,
देवर को भाभी पर चढ़ने में मजा तभी आता है, जब चढ़े हुए वो भौजाई के मांग में किसी और का सिन्दूर देखता है, गले में मंगल सूत्र दोनों उभारों के बीच दबा छुपा, तो वो और जोर से पूरी ताकत से धक्के लगाने लगता है , भाई के नाम का सिन्दूर और मंगल सूत्र देखकर खूंटा और कड़ा हो जाता है, ... खूब रगड़ रगड़ कर दरेर कर पेलता है और भाभी ये सब समझते हुए और जोर से नीचे से चूतड़ उठा उठा के देवर के धक्कों का जवाब देती है,
सच है,.. किसी और की कुर्सी में बैठने का मजा ही और है।
तो मैं आधे घंटे तक रगड़ रगड़ के नहाई सोलह सिंगार किया, उबटन लगाया और फिर एक बार होलिका माई को स्मरण करके उनका परसाद, उनकी उतरन वो खूब चटक लाल रंग वाली साड़ी पहनी, अंदर कुछ पहनने का सवाल नहीं था और हाँ जोबन पे ऐसे कस के बाँधा था की कुश्ती में भी न खुलें जब तक मैं न चाहूँ . और सिर्फ मैं ही नहीं जितनी मेरी जेठानियाँ थी ( और अकेली देवरानी चमेलिया, कल्लू हमरे कहार क दुल्हिन भी ). सब की सब उसी तरह से सिर्फ लाल साड़ी न ब्लाउज न साया और उभारों पर खूब कस के बंधी,...
एक झलक भी नहीं, आखिर आज देवरों को ललचाना भी तो था, और सबसे बढ़िया, जब चाहो तब खाली पतले से छल्ले की तरह कमर पर अटका, और देवर के ऊपर चढ़ के उसको चोद दो, ननद को चटा दो, शरबत पिला दो,...
मैं मोहिनी भौजी के साथ ही पहुंची, वो बगल में ही रहती थीं. हम दोनों सीधे छोटी बगिया में जहाँ ननदों को आना था अभी भी पंद्रह बीस मिनट बाकी था। लेकिन हम लोगों के पहले रमजनिया, आशा बहू और उनकी सहेली आ चुकी थीं. उसी के साथ साथ चमेलिया और गुलबिया भी आ गयीं,...
आशा बहू को बोला गया था अंतरा की सूई २०-२५ ले आने के लिए ( गाँव में ये सूई आशा बहू ही लगाती हैं , तीन महीने तक कितना भी कोई लड़की मलाई खाये, पेट नहीं फूलेगा १४ से ४४ तक सब उम्र वालों के लिए ठीक है )आशा बहू थी तो बगल के गाँव की लेकिन रिश्ते में तो बजाय २०-२५ के पूरे ४० लायी थीं साथ में उनकी सहेली भी जिससे आधे पौने घंटे में सब ननदों को ( लीला और नीलू को छोड़ के उन दोनों को तो तीन महीने में गौने जाना था, तो जायँ पेट फुला के, सास भी खुस हो गयी जब दुल्हिन उतारने के महीने भर के अंदर खट्टा मांगेगी, उलटी शुरू कर देगी ),...
रमजनिया पूरी तैयारी के साथ आयी थी,
आज उसे रहना नहीं था साढ़े ग्यारह बजे के करीब कहीं जाना था. जड़ी बूटियों के मामले में उस का कोई जोड़ नहीं था सौ पचास गाँव तक, दूबे भाभी ने उसे अच्छी तरह समझाया था, तो वो नंदों और देवरों के दोनों के लिए,... दो चार जड़ी बूटी बड़ी तगड़ी नंदों के लिए,... और दो चार देवरों के लिए,... ननदों वाली ठंडाई में मिला के देनी थी। उस का असर पंद्रह बीस मिनट में हो जाना था, ऐसी मस्ती चढ़ती,... सगे भाई पर चढ़ के चोद दे ऐसी आग लगेगी चूत में, और ठंडाई में भांग तो थी ही,...वैसे भी ननदों पर जो कल परसाद वाला भभूत मैंने लगाया था उसका असर पूरे २४ घंटा रहना ही था , काम के पूरी तरह सब बस में रहतीं।
और लड़कों वाला और खतरनाक था एक तो रमजानिया दूबे भाभी से ढेर सारे शिलाजीत की असली गोलियां, मजमे वाली नहीं, असली,... जो सच में बकरे को सांड़ बना दे और सांड़ को दस सांड़ की ताकत दे,... वो लड्डू ऐसी गोलियों में और रामजनिया अपनी बूटियां मिला रही थी, उसके दो असर थे एक तो फ्रीक्वेंसी,... जिसका मुश्किल से सुबह दूसरी बार सुबह जाके खड़ा हो वो भी छह बार के पहले न रुके,... दूसरे मन बहुत तेज करता सारी शरम झिझक खाने के आधे घंटे के अंदर ख़तम हो जाती।
थोड़ी देर में बाकी जेठानियाँ भी आ गयीं,... चननिया ने मना कर दिया था कुछ काम था, मंजू भाभी भी नहीं आ रही थी, रमजानिया भी थोड़ी देर में चली जाती लेकिन ६-७ और दस बजने के पहले आ गयीं।
Arr ghabdati kyo he ri banno. Nahi to jilla top kese banegi. Bhai bhi tera hi he. Ghar ki diwar ghar me hi giregi. Chal ab taiyar ho ja.मस्ती की पाठशाला
नंदों की
थोड़ी देर में बाकी जेठानियाँ भी आ गयीं,... चननिया ने मना कर दिया था कुछ काम था, मंजू भाभी भी नहीं आ रही थी, रमजानिया भी थोड़ी देर में चली जाती लेकिन ६-७ और दस बजने के पहले आ गयीं।
दस बजते बजते १८-२० भाभियाँ आ गयीं, कल की कबड्डी टीम वाली मंजू भाभी और चननिया को छोड़ के बाकी सब ८ लोग थीं, दूबे भाभी भी दस बजे के पहले आ गयी थीं, रामजानिया को जाना था लेकिन साढ़े ग्यारह बजे, पर कल कबड्डी की बाद की मस्ती के चलते और भी, सब की सब मेरी जेठानियाँ ही, रानो, कामिनी, निम्मी सब मुझसे चार से सात आठ साल तक बड़ी थी, दो चार और आने वाली थीं, और दूबे भाभी ने सबको काम पकड़ा दिया, ननदों के आने के बाद चार काम था,
पहला था, उन्हें सुई लगवाने का जो काम मेरे अरे चमेलिया के जिम्मे,
मोहिनी भाभी और रमजनिया मिल के ठंडाई पिलातीं जिसमें रमजानिया की लायी जड़ी बूटी पड़ी थी जो आधे एक घण्टे में उन्हें लंड के लिए पागल कर देती थी, वैसे भी होलिका माई के भभूत का असर तो सब पर था ही,..
तीसरा काम था बिलिया में तेल डालने का, .... वैसे तो ऊँगली में तेल लगा के अंदर तक या बुर फैला के डाल देते लेकिन करीब दर्जन भर तो ऐसी थीं जिनकी आज फटनी थी,... तो एक जो मशीन में तेल डालते हैं कुप्पी ऐसी, पतला सा नोजल बस वैसे ही, वो दो चार दूबे भाभी ने इंतजाम किया था,... और उसमें शुद्ध कडुवा तेल, जो कस कस के छरछराये परपराये, और नोजल से अंदर ही पड़े यानी बाहर का हिस्सा तेल से हल्का ही गीला ही,... लेकिन वो तेल ऐसा नहीं था, उसमें भी रामजनिया की करामात थी, ... ऐसी जड़ी बूटियां, जो एक तो फटी चूत को भी टाइट कर दें, कुँवारी ऐसी, दूसरे थोड़ी देर में हजार चींटियां एक साथ काटती नंदों की बुर में और वो लंड की मलाई से ही ठीक होती, तेल लगाने का काम दूबे भाभी ने रानो और निम्मी को पकड़ा दिया।
और सबसे कठिन काम था नंदों को समझाने का अपने सगे भाई के खूंटे पर चढ़ने का,... और ये काम दूबे भाभी ने अपने जिम्मे लिया था उनके साथ ठकुराइन भौजी जो दूबे भाभी की उम्र की ही थीं उनके जिम्मे,...
चुदी चुदाई ननदें तो अपने आप ही लंड पे,चढ़ने के लिए बेकरार थीं
लेकिन परेशानी थी जो दर्जन भर बारी कुँवारी थी,... उनकी फड़वाने की
और उनको भी तीन जोड़ी भाभियों में बाँट दिया गया,...
मेरे हिस्से में रेनू, कम्मो, रूपा और लीना पड़ीं। और देवर हमारे थे तो खाली नंदे थोड़ी मजा लेतीं, तो दो एकदम कुंवारे और दो सबसे लम्बू मोटू पे मैंने निशान लगा दिया था, उसके बाद जिस देवर की मर्जी हो,... आज न तो देवर मना कर सकता था न भाभी। और मैं तो होलिका माई की उतरन पहनी थी , मैं जो सोचती चाहती, देवर ननद जो सामने होता वो भी उसी तरह सोचने लगता, ...
लेकिन तब भी मेरी परेशानी सिर्फ एक थी, और इच्छा भी एक ही थी,... परेशानी थी रेनू आएगी की नहीं,... कल मैंने उसकी चाची को पक्का वादा किया थी की उनकी भतीजी की झिल्ली उनका बेटा ही फाड़ेगा, और हचक के और गाँड़ भी मारेगा, और मैंने वादा तो नहीं किया था लेकिन अपने से तय कर लिया था की रेनू के भाई से, कमल से एक दो और कुँवारी की झिल्ली भी फड़वाउंगी और जो कच्ची उमर वाली नंदे उछल रही थीं उस पर भी उसे चढ़ाउंगी, ... नैना ने बोला था वैसा रफ और वाइल्ड सेक्स वाला कोई है नहीं लेकिन सवाल ये था की रेनू आ जाए, अगर उसे जरा भी अंदाजा लग जाएगा की आज उसका भाई उसकी कच्ची चूत फाड़ेगा तो वो आएगी नहीं ,
अभी दस नहीं बजा था लेकिन चंदा दिखी, वही कल कबड्डी में जिसके एक पैर में मोच लग गयी थी और कल उसकी जरा भी रगड़ाई नहीं हुयी थी बल्कि, चननिया, और दूबे भौजी ने मिल के उसके पैरों पे जड़ी बूटी लगाई, पैरों में पट्टी बाँधी,... बहुत ख्याल किया,... चंदा ने किसको किसको अपने ऊपर चढ़वाया था कहना मुश्किल था, नहीं शब्द वो जानती नहीं थी, लेकिन फायदा ये था की सब लड़को लड़कियों दोनों में बहुत ही पॉपुलर,...
रज्जो भाभी ने उसको ही काम पकड़ाया था रेनू को लाने का,... चंदा के साथ ही रेनू भी थी, मीना भी थी और एक दो लड़कियां और,... मैंने चैन की साँस ली, ... चंदा ने रेनू की ओर इशारा करके दूर से ही आँख मारी और मैंने मुस्कराकर जवाब दिया ,
और रेनू के आते ही उससे अँकवार भर के मिली,...
" अरे आज तक मोटी सुई नहीं लगवाई हो तो पतली वाली तो लगवा लो ,"
मैंने छेड़ा और आशा बहू ने अंतरा की पहली सूई लगा के शुरुआत की,... अब तीन महीने तक पाने भाई कमल से दिन रात चुदवाये, पेट नहीं फूलना था,... मैंने और चंदा ने उसका हाथ पकड़ा, और मोहिनी भाभी ने जड़ी मिली ठंडाई का ग्लास पकड़ा दिया।
वो ठंडाई सुड़क रही थी और मैं चिढ़ा रही थी,
" अरे निचले होंठों से भी आज घोंटना पड़ेगा'
" अरे भाभी मैं तो कबसे,... आप को मना थोड़े ही कर रही हूँ , आपके मुंह में गुड़ घी। लेकिन मेरा वो भाई, उसके साथ,... " उसने हँसते हुए अपनी परेशानी बतायी,
" अरे यार आज उसको भी देख लुंगी लेकिन तेरा भरतपुर आज लुट के रहेगा, ... बस तू मना मत करना, रो सकती हो चीख चिल्ला सकती हो " मैंने उसके गाल पे चिकोटी काटते, हुए चिढ़ाया।
तभी मुझे बेला दिखी,...
रज्जो भाभी के साथ और मैं खुश. मेरी इच्छा पूरी हुयी आज उसकी मुझे चुन्नू से फड़वानी थी, सारी नन्दो में सबसे कोमल सुकवार यही थी,... गोरी इतनी की छूने पर मैली हो जाए, दूध में कोई दो थोड़ा सा ईंगुर डाल दे तो रंग वैसा, हँसे तो दूध मखाने की तरह, जोबन बस अभी आ ही रहे थे, लेकिन देखने वालों की नज़र से छुप नहीं सकते थे,.. उसे मुझे लड़कों की नजर से बचा के रखना था, लेकिन मैं आज खुद उसका रस लिए बिना छोड़ने वाली नहीं थी.
और उस पर तो मेरे देवर चुन्नू का नाम लिखा था, उम्र में उससे थोड़ा ही बड़ा, उतना ही शर्मीला, लेकिन पम्प चलने लगा था दो दिन पहले मैंने चला के पानी निकाल के देखा था, अच्छा खासा गाढ़ा और कल होली खेलने के नाम पर उस पर चढ़ के उसे चोद भी दिया था और उसे चुदाई सिखा भी दी थी, लेकिन होली की आशीष मैंने उसे दे दी थी,फिर तो बस घंटे दो घण्टे में ये मेरी ननद, कच्ची कली हम लोगों की बिरादरी में आ जाती,... उसके आते ही मैंने उसे गपुच लिया और सीने से लगा लिया, अपने बड़े बड़े जोबन उसकी जस्ट आती कच्ची अमिया दबायी, एक हाथ से छोटे छोटे लौंडे टाइप चूतड़ को सहलाया और कस के होंठों से उसके होंठों को चूम के सीधे आशा बहू के पास अंतरा सुई लगवाने, और उन्होंने छेड़ा,
" अभी तो मोट मोट अपने भाई लोगन क सुई लगवानी होगी, इससे काहें डर रही हो,... "
बेला पूछ भी पाती की काहें की सुई है, आशा बहू की सहेली जो उनसे भी चार हाथ आगे थी, समझाते बोली, हाथ पकड़ के
" अरे पेट क पक्का इलाज है तीन महीना का, कुछ भी खाओगी, दिन में चार बार बार पांच बार जब जब मन करे,... न पेट फूलेगा, न उलटी आएगी "
आशा बहू ने इंजेक्शन लगा दिया तो उनकी सहेली ने बेला की स्कर्ट के अंदर हाथ डाल के उसकी चुनमुनिया रगड़ते अब साफ़ साफ़ समझाया,...
" इस वाले मुंह में, अब घोंटना शुरू कर दो लम्बा मोटा अपने भाइयों का खूंटा , बिना किसी डर के न पेट फूलेगा, न उलटी आएगी,... "
जब तक बेला कुछ समझती मैं उसे खींच के रामजानिया के पास, जहाँ डबल डोज भांग वाली ठंडाई में रमजनिया ने अपनी जड़ी बूटी मिला के जबरदस्त , दो घूँट ही काफी होता,... पीने के बाद कुल लाज शरम गायब और चूत में ऐसी आग लगती की अगर सगा भाई भी सामने हो तो उसे पटक के चोद देगी।
और मैंने अपने हाथ से,... अरे एक भाभी के हाथ से, कह के बेला को डबल डोज घोंटा दी, आज उसे मेरे बहुत देवरों का लंड घोंटना होगा, ... और मैं भी रस लूंगी,...
Man gae Komalji. Jabardasti erotic feeling di he. Sajan na sahi dewar sahi. Par jaan nikal li. Superb. Jitna erotic utna hi shararat se bhara.कच्ची कोरी बेला
जब तक बेला कुछ समझती मैं उसे खींच के रामजानिया के पास, जहाँ डबल डोज भांग वाली ठंडाई में रमजनिया ने अपनी जड़ी बूटी मिला के जबरदस्त , दो घूँट ही काफी होता,... पीने के बाद कुल लाज शरम गायब और चूत में ऐसी आग लगती की अगर सगा भाई भी सामने हो तो उसे पटक के चोद देगी।
और मैंने अपने हाथ से,... अरे एक भाभी के हाथ से, कह के बेला को डबल डोज घोंटा दी, आज उसे मेरे बहुत देवरों का लंड घोंटना होगा, ... और मैं भी रस लूंगी,...
लेकिन ननदें तो पहिले से ही गर्मायी बौराई थीं, दूबे भाभी ने समझा दिया था मुझे, कल शाम को होलिका माई का परसाद, वो भभूत,... असर तो बहुत लम्बा रहता है,... लेकिन २४ घण्टे तक तो एकदम पगलाई रहेंगी लंड के लिए,... जिन पांच नंदों की माहवारी पिछली होली के बाद शुरू हुयी थी उनकी बिल में तो खुद उन्होंने अपने हाथ से , बाकी के लिए भभूत उन्होंने मुझे दिया था, और मैंने जी भर भर के सबकी बिल में ऊँगली अंदर डाल के दोनों फांके फैला के,...
दूबे भाभी ने बोला था की धूप जैसे जैसे चढ़ेगी ननदों की बुर की गर्मी बढ़ेगी,....
और साफ़ साफ़ दिख भी रहा था
और एक बात और दूबे भाभी ने समझाया था की बिलिया में जब २४ घंटे तक भभूत का घनघोर असर होता है उस समय अगर कउनो लौंडे की मलाई बिल में पड़ गयी तो वो असर परमानेंट, उसको पक्की छिनार होने से कोई रोक नहीं सकता।
एक और मेरी जेठानी ने जोड़ा,
" लेकिन ननद का भी तो फायदा होगा, एक तो कच्ची चूत की तरह चूत टाइट रहेगी, हर रात गौने की रात,... हरदम,... दो चार बच्चे उगल देगी तब भी, ... दूसरे कउनो रोग दोष नहीं लगेगा बिल में , ... "
बेला क न कोई सगा भाई था न चुन्नू की कोई सगी बहन,... हाँ रिश्ते से सबसे नजदीक बेला ही थी उसकी बहन, चचेरी लेकिन सगी से बढ़कर, समौरिया भी आलमोस्ट, इसलिए बचपन से दोस्ती और बेला राखी भी उसी को बांधती और वो ही सिर्फ बेला से ही राखी बंधवाता था तो बेला की झिल्ली फाड़ने वाला उसके अलावा कौन हो सकता था,... हाँ लेकिन पहला राउंड मैं उसे किसी खेली खायी ननद पे चढ़ाना चाहती थी , एक तो फिर दूसरे राउंड में टाइम लगेगा,... दूसरे कुछ चुदाई का गुन ढंग सीख जाएगा, और कच्ची कली की झिल्ली फाड़ने के लिए कुछ तो ताकत लगेगी और तरकीब आनी चाहिए ही,
हालंकि सब काम भौजाई लोग ही करतीं, ... चुन्नू के आँख पे पहले पट्टी बाँधी जाती, काली खूब मोटी और उसे बगिया में दो तीन भौजाइयां पटक के लिटा देतीं, फिर उसकी बहन बेला का नंबर आता,... और उसके पास च्वायस होता, या तो बिन बोले चुपचाप भौजाई की बातें माने या अपनी झिल्ली भौजाई की मुट्ठी से फड़वाये और फिर सब सांड ऐसे लौंडो से गैंग बैंग करवाए,
तो भौजाई लोग ( और तब तक मैं भी आ जाती खेल में ) जबरदस्ती पकड़ के उसके हाथ में उसके भाई का आधा सोया जाग लंड पकडातीं,
और बहन का , बेला का काम होता सब भाभियों के सामने अपने भाई का लंड मुठियाना सहलाना पकड़ के, सुपाड़ा खोल के सहलाना, और झुक के पहले चुम्मा लेना, हलके हलके चूसना,...
और जब लंड एकदम टनटना जाए, देवर चोदने के लिए बेताब हो जाए,... तो दो ननदें बेला को पकड़ के चुन्नू के खड़े लंड के ऊपर और मेरी जिम्मेदारी होती, वो कसी बिन चुदी चूत को फैला के, देवर का लंड पकड़ के उसके ऊपर सेट करने की,... फिर दोनों भौजाइयां कंधा पकड़ के जोर जोर से दबातीं और नीचे से उसका भाई भी ( उस बिचारे को क्या मालूम होता की जिसकी चूत उसका लंड खा रही है वो उसकी बहन है ) धक्का ऊपर की ओर मारता,
एक बार सुपाड़ा अंदर घुस जाने पे चुन्नू ऊपर बेला नीचे,...
हाँ झड़ने के ठीक पहले चुन्नू की या जो भी देवर होता उसकी पट्टी खोल देतीं,
और जोर जोर से चिढ़ातीं, गरियाती
" हां देवर राजा, हां भैया जोर से चोदा अपनी बहिनिया को पूरा पानी बच्चेदानी में, अरे बहनचोद लगा दे ताकत फाड़ तो दिया बहन की चूत आज, चलो आगे से हम लोगों के भाई चढ़ेंगे,... गिरा दे पानी अंदर, ... अरे ननद रानी मजा आ रहा है न भैया से चुदवाने में न "
और झड़ते समय कौन मरद बाहर निकालता है और एक बार पूरे गाँव की भौजाइयों के सामने अपने भाई से चुद के अपनी बहन को चोद के दोनों की लाज झिझक ख़तम हो जाती
बेला के टॉप के ऊपर से दोनों चूजों को कस के रगड़ते मैंने स्कर्ट के अंदर हथेली घुसा दी. एकदम चिक्कन, चुनमुनिया,... हथेली से रगड़ते मैंने चिढ़ाया,...
" आज घुसेगा, बेला लम्बा मोटा,... "
ठंडाई ख़तम करते मुस्करा के बोली, " अरे हमार मीठ भौजी रोज बिन नागा घोटती हैं तो आज उनकी ननद भी घोंट लेगी "
" तेरे लिए खास इंतजाम किया है, लम्बा मस्त,... " मैंने उसके गाल पे चूम के बताया।
" अच्छा भौजी आपने घोंटा है वो,... जो मेरे लिए इंतजाम किया है " खिलखिलाती बेला बोली। और मैंने हड़का लिया,
" क्या,... नाम लेने में फट रही है,... बोल न साफ़ साफ़ " और कुछ ठंडाई का असर कुछ रमजनिया की जड़ी का, ननद गरमा रही थी, बिना झिझके बोली,
" लंड,... तो वो लंड आपने भौजी घोंटा है की नहीं "
" एकदम, चढ़ के चोदा है उसको, बिना जाँच पड़ताल किये अपने ननद के लिए थोड़े ही,... सटासट पेलेगा मेरी छोटी ननद को मोटा लंड,... "
मैंने उसे छेड़ा,...
लेकिन तबतक दूबे भाभी ने मुझे इशारा किया बड़की बगिया में जाने के लिए, और मेरी निगाह घड़ी पर पड़ी बस पांच मिनट बचे थे, जो टाइम देवरो को दिया था, मैंने अपनी एक जेठानी केतकी को बेला को सौंपा,... और मेरे साथ गुलबिया रमजानिया भी,... दो चार ननदें, नीलू, लीला, चंपा भी,... सब पर ठंडाई का असर हो रहा था,... जो खेली खायी ननदें थी वो सब आज हम सब भौजाइयों के साथ,.. और जो कच्ची कलियाँ उन्हें पटाने में फंसाने में हम लोगों का साथ दे रही थी,..
Wah komalji. Shararat to koi aap se sikhe. Pichhle update ke maze ke bad bhi koi teer baki ho to bolna padega. Pichar abhi baki he mere dostइंतजाम देवरों के लिए
दूबे भाभी ने मुझे इशारा किया बड़की बगिया में जाने के लिए, और मेरी निगाह घड़ी पर पड़ी बस पांच मिनट बचे थे, जो टाइम देवरो को दिया था, मैंने अपनी एक जेठानी केतकी को बेला को सौंपा,... और मेरे साथ गुलबिया रमजानिया भी,... दो चार ननदें, नीलू, लीला, चंपा भी,... सब पर ठंडाई का असर हो रहा था,... जो खेली खायी ननदें थी वो सब आज हम सब भौजाइयों के साथ,.. और जो कच्ची कलियाँ उन्हें पटाने में फंसाने में हम लोगों का साथ दे रही थी,..
रमजानिया और चमेलिया के बड़ी सी डलिया में चालीस पचास लडडू,..
आज दूबे भाभी ने अपना खजाना खोल दिया, शुद्ध पहाड़ से आया शिलाजीत, जिसका एक दो बार के बाद खड़ा नहीं होता उसका भी आज पांच छह के राउंड के बाद भी बैठने का नाम नहीं लेगा और कड़ापन और देर तक रगड़ाई,... एकदम सांड़ कल जिस तरह कमल का जिक्र उसकी माँ ने किया था और उससे पहले नैना ने मैंने दूबे भाभी से पूछा भी की जो पहले से सांड़ होगा वो,...
वो हंस के बोलीं, ... दस सांड़ के बराबर और कुँवारी बछिया को बचाना उससे, चार दिन तक चल नहीं पाएगी,...
मैंने रेनू की ओर मुस्करा के देखा वो अपनी सहेली चंदा से बतिया रही थी,...
न चल पाए तो न चल पाए. हम भाभियाँ किस लिए हैं टांग के घर पहुंचा देंगे, और वैसे भी उसकी चाची और माँ दोनों ही हफ्ते भर के लिए उसकी चाची के मायके चली गयी होंगी और घर पर भी तो वही दस सांड़ की ताकत वाला उसका भाई कमल मिलेगा,... इत्ते दिन से तड़पा रही थी बेचारे को, उमर की कच्ची नहीं थी, १२ में गयी थी लेकिन थी अभी बिन चुदी।
रेनू को अंदाज नहीं था की आज जिससे बचा के रखी है इत्ते दिन से वही चढ़ेगा और वो भी सब भौजाइयों के सामने,...
बड़की बगिया में सबसे पहले देवर आया, और कौन चुन्नू,...
मंजू भाभी ने उससे मेरा नाम लेकर कहा था और मेरे नाम पे तो वो बरसते पानी में खड़ा हो जाए,...
रमजानिया और मैं नीलू के साथ वो पेसल लड्डू वाली डोलची लेकर खड़े थे, ... चुन्नू से मैं बोली हे खोल, ...
वो कनफुजिया गया, और हँसते हुए मैंने चिढ़ाया
" अबे तेरी गाँड़ नहीं मारनी है, नेकर नहीं खोलनी है,मुंह खोल "
और उसने मुंह खोल दिया, कच्चे केले को देख कर कौन नहीं ललचाता, नीलू के भी ऊपर और नीचे वाले दोनों मुंह में पानी आ रहा था, झट्ट से उसने शिलाजीत वाला लड्डू चुन्नू के मुंह में डाल दिया,...
उसका असर शुरू हो रहा था, और मैंने उसे और चढ़ाया, " हे देवर भौजी क नाम मत डुबोना,... उसने तेरे मुंह में डाला तू नीचे वाले मुंह में डाल हचक के,... " और नेकर के ऊपर से उसका थोड़ा थोड़ा टनटनाया लंड पकड़ के दबा दिया, जादू सा असर हुआ. एकदम खड़ा,
नीलू की आँखे वहीँ,...
" चल देखती हूँ तोहार भौजी कुछ डालना वालना सिखाई भी है की नहीं,... तू नहीं डाल पायेगा तो मैं ही चढ़ के डाल लूंगी "
हंस के नीलू उसे पकड़ के बाग़ जिधर गझिन थी खींच के ले गयी,...
तब तक चार पांच देवर एक साथ आये, एक के साथ रज्जो भौजी भी थीं जिन्हे मैंने सकारा था की कुछ भी हो कमल को रेनू के भाई को जरूर ले आना ,... रज्जो भौजी ने इशारा किया
यही कमल है।
Are wah bhai komaliya. Pura intjam kar rakha he. Konsi nandiya chhinar kaha fadvaegi. Maza aa gaya. Ab to dewar nandiya dono hi bhouji ko pujenge. Maza aa gaya. Taiyar karo chhinaro ko.कमल -रेनू का भाई
तब तक चार पांच देवर एक साथ आये, एक के साथ रज्जो भौजी भी थीं जिन्हे मैंने सकारा था की कुछ भी हो कमल को रेनू के भाई को जरूर ले आना ,... रज्जो भौजी ने इशारा किया
यही कमल है।
नैना ने जैसा बोला था एकदम वैसे ही, रॉ रफ़ और वाइल्ड,... लम्बा, मस्क्युलर, थोड़ी दाढ़ी हलकी हलकी बढ़ी दो चार दिन की,... चौड़ा सीना, देख के लगता था जबरदस्त ताकत होगी, एक अलग तरह की महक,... मैं शायद नहीं पहचानती अगर रज्जो भाभी ने इशारा न किया होता लेकिन वो पहचान गया और हाथ जैसे उसने जोड़े मैंने कस के बाहों में भर लिया और कस के अपने गदराये जोबन को उसकी चौड़ी छाती पर रगड़ती हुयी बोली,
'अरे देवर भौजी फागुन में गले मिलते हैं और देवर भाभी क फागुन बारहों महीने रहता है,... "
और डोलची से निकाल के एक लड्डू सीधे उसके मुंह में ठेल दिया, लेकिन उसका रंग ढंग पता चल गया कुछ तो उसकी बात से,... वो बोला,
" अरे भौजी अस छोट छोट लड्डू खाये में मजा नहीं अब आता अब तो तोहार ऐसे गद्दर,... " उसकी बात बीच में काटते मैं बोली,
" अरे कइसन देवर हो जो भौजाई से पूछते हो, ले लो न, लेकिन तोहरे बहिनियन क जउन छोट छोट हौ वो तो दबा दबा के बड़ा कर दो न,... अस मस्त माल घर में रखे हो,... "
और पता चला उसके पैंट के तम्बू से झट्ट से टनटना के, और मैं ने हाथ लगा के नाप लिया, चंदू से और मेरे इनसे खाली १९-२० का फरक था, लेकिन असली खतरनाक चीज़ थी, रेनू के भाई कमल का सुपाड़ा, बहुत ही मोटा, पहाड़ी आलू ऐसा, जैसे कोई मुट्ठी करे, और कड़ा भी जबरदस्त,...
तभी लड़कियां डरती थीं, और ऊपर से वो पेलता भी बिना दया माया के और सूखे,... मैंने हलके सुपाड़े को सहलाना शुरू कर दिया और वो और कड़ा होने लगा, अंगूठे से में रगड़ रही थी, और साथ में चिढ़ा रही थी,
" आज देवर को नन्दोई बनाना है, देखना कौन कौन नन्द पे चढाती हूँ तोहके,... "
वो कौन चुप रहने वाला था, कमल, रेनू का भाई बोला, " अरे भौजी तोहार ननद कुल डराय के पास नहीं आतीं, हाँ,... "
मैं समझ रही थी वो क्या बोलने वाला था लेकिन मैंने कस के खूंटे को दबा के उसकी बात काट के छेड़ा,...
" अरे अब तोहार भौजी हैं तोहरे साथ,... जउन जउन ननद छिनार मना करे तो पटक के पेलवाउंगी अपने देवर का, उहो सूखे,... "
लेकिन तबतक किसी ने पीछे से मुझे दबोच लिया, और दोनों हाथ आगे खूंटा ठीक पीछे की दरार में,..
" भौजी खाली कमल को देंगी की हमहुँ के खाली आगे से की पीछे से "
जवाब मेरी ओर से ननद ने दिया। कौन ननद भौजाई को रगड़ने का मौका छोड़ती हैं , लीलवा थी, बोली
" अरे पंकजवा, नयकी भौजी आगे से भी देती हैं और पीछे से भी और वो भी साथ साथ,... सरकाओ साड़ी, फैलाओ और ठोंक दो, "
पंकज , यानी कम्मो का बड़ा भाई, नंबरी चोदू। इसी से हम लोगो ने कम्मो की सील फड़वाने का तय किया था,...
तबतक रज्जो भाभी ने कम्मो के के भाई को गप्प से वो शिलाजीत वाला लड्डू खिला दिया, और मैंने भी अपना पिछवाड़ा उसके खूंटे पे रगड़ना शुरू कर दिया और मुड़ के पंकज को आँख मारी और लीलवा से बोली,
" अरे हमार छिनार भाइचोद ननद क बात कभी गलत हो सकती है लेकिन बहनचोद देवर पहले दो दो ननद के पेलें फिर अगवाड़े से पिछवाड़े से जैसे चाहे वैसे, ननद पियासी रहे, भौजी मजा लूटें ये ठीक थोड़े ही है "
और कमल को पकड़ के जिधर बाग़ गझिन था मैं उधर वैसे तो तय था की सब देवरों की आंख पे पट्टी बाँधी जायेगी, उनकी बहनों पे उन्हें चढाने के पहले,... जिससे वो ऐन मौके पे खूंटा तुड़ा के न भागें, और जब एक बार वो झिल्ली फाड़ लेंगे, हचक हचक के चोदने लगेगें, तो झड़ने के पहले उनकी आँख से भौजाइयां पट्टी खोलेंगी,... और गरियायेंगी,
" कयों बहनचोद मजा आ रहा है बहिन चोदने में, अरे छिप छिप के तो बहुत चोदा होगा, आज भौजाई लोगन के सामने, अब तो बन गए पक्के बहिनचोद,... "
और झड़ते समय कौन लौंडा बाहर निकालेगा,... और ननद के गाभिन होने का भी डर नहीं था, और एक बार जब सबके सामने बहिन चोद दिया तो फिर ननद कौन मुंह से नखड़ा करती, और फिर भौजाइयां भी पीछे पड़तीं,...
अरे बुर तो फड़वायी ही ली हो गाँड़ भी फड़वा लो,... भाई चोद,...
लेकिन कमल और रेनू के साथ ये नहीं चलने वाला था,
एक तो कमल छुट्टा सांड़, इत्ती बेरहमी से चोदता था की चार चार बच्चों की माँ भी पानी मांग जाती, वो मानेगा भी नहीं पट्टी बंधवाने के लिए,... दूसरे वो तो खुद जबसे उसकी बहन रेनू नीचे से खून फेंकने लगी तब से उसको चोदने के चक्कर में था,... लेकिन रेनू उसकी बहन ऐसी हदस गयी थी उसका मोटा लम्बा खूंटा देखकर, और चुदने वालियों की चीख रोना धोना सुन के,...
और कमल ने रेनू को बोल दिया था वो नहीं तो कोई नहीं, ...
इस चक्कर में रेनू बारहवें में पहुचं गयी फिर भी कोरी थी,... जबकि गाँव में शायद ही कोई लड़की हाईस्कूल पार कर पाती हो, टांग उठाने के पहले।
आपकी लेखन शैली सबसे अलग है कोमल दीदी, कामुकता है तो कामसूत्र का ज्ञान भी..... मर्द हो या औरत, अगर ध्यान से पढ़े तो अपने पार्टनर को खुश रखने का तरीका भी सीख ले..... ऊपर से इंसेस्ट लवर होने के नाते तो मैं आपकी शैली में हर तरह का इंसेस्ट पढ़ना चाहूंगाइस से बड़ी तारीफ़ हो भी नहीं सकती
Jabardst, chehre ka expression kitana hot hai, kahan se dhoondh ke laati hain ye sab aap, pakka ye meri kahani ke agle kisi episode men nazar aayengi, save kar li maine sb ki sb