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बहुत बहुत धन्यवाद, आभार आपको यह प्रयास पसंद आया बस दोनों कहानियों पर आपका साथ मिलता रहे, कहानियां आगे बढ़ती रहेंगींशृंगार का उत्तेजनात्मक वर्णन
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बहुत बहुत धन्यवाद, आभार आपको यह प्रयास पसंद आया बस दोनों कहानियों पर आपका साथ मिलता रहे, कहानियां आगे बढ़ती रहेंगींशृंगार का उत्तेजनात्मक वर्णन
Ekdam use Bela mil gayi,Chunnu ki to nikal padi
welcome to thread
क्या जबरस्त शक्तिवर्धक उपमा दी है आपने, मान गयी.शिलाजीत जैसा जोशवर्धक अपडेट..... बस अब जल्दी से खेल शुरु कर दीजिए
Lgta hai kamal nayi bhabhi komal ko bhi nhi chhodne walaकमल -रेनू का भाई
तब तक चार पांच देवर एक साथ आये, एक के साथ रज्जो भौजी भी थीं जिन्हे मैंने सकारा था की कुछ भी हो कमल को रेनू के भाई को जरूर ले आना ,... रज्जो भौजी ने इशारा किया
यही कमल है।
नैना ने जैसा बोला था एकदम वैसे ही, रॉ रफ़ और वाइल्ड,... लम्बा, मस्क्युलर, थोड़ी दाढ़ी हलकी हलकी बढ़ी दो चार दिन की,... चौड़ा सीना, देख के लगता था जबरदस्त ताकत होगी, एक अलग तरह की महक,... मैं शायद नहीं पहचानती अगर रज्जो भाभी ने इशारा न किया होता लेकिन वो पहचान गया और हाथ जैसे उसने जोड़े मैंने कस के बाहों में भर लिया और कस के अपने गदराये जोबन को उसकी चौड़ी छाती पर रगड़ती हुयी बोली,
'अरे देवर भौजी फागुन में गले मिलते हैं और देवर भाभी क फागुन बारहों महीने रहता है,... "
और डोलची से निकाल के एक लड्डू सीधे उसके मुंह में ठेल दिया, लेकिन उसका रंग ढंग पता चल गया कुछ तो उसकी बात से,... वो बोला,
" अरे भौजी अस छोट छोट लड्डू खाये में मजा नहीं अब आता अब तो तोहार ऐसे गद्दर,... " उसकी बात बीच में काटते मैं बोली,
" अरे कइसन देवर हो जो भौजाई से पूछते हो, ले लो न, लेकिन तोहरे बहिनियन क जउन छोट छोट हौ वो तो दबा दबा के बड़ा कर दो न,... अस मस्त माल घर में रखे हो,... "
और पता चला उसके पैंट के तम्बू से झट्ट से टनटना के, और मैं ने हाथ लगा के नाप लिया, चंदू से और मेरे इनसे खाली १९-२० का फरक था, लेकिन असली खतरनाक चीज़ थी, रेनू के भाई कमल का सुपाड़ा, बहुत ही मोटा, पहाड़ी आलू ऐसा, जैसे कोई मुट्ठी करे, और कड़ा भी जबरदस्त,...
तभी लड़कियां डरती थीं, और ऊपर से वो पेलता भी बिना दया माया के और सूखे,... मैंने हलके सुपाड़े को सहलाना शुरू कर दिया और वो और कड़ा होने लगा, अंगूठे से में रगड़ रही थी, और साथ में चिढ़ा रही थी,
" आज देवर को नन्दोई बनाना है, देखना कौन कौन नन्द पे चढाती हूँ तोहके,... "
वो कौन चुप रहने वाला था, कमल, रेनू का भाई बोला, " अरे भौजी तोहार ननद कुल डराय के पास नहीं आतीं, हाँ,... "
मैं समझ रही थी वो क्या बोलने वाला था लेकिन मैंने कस के खूंटे को दबा के उसकी बात काट के छेड़ा,...
" अरे अब तोहार भौजी हैं तोहरे साथ,... जउन जउन ननद छिनार मना करे तो पटक के पेलवाउंगी अपने देवर का, उहो सूखे,... "
लेकिन तबतक किसी ने पीछे से मुझे दबोच लिया, और दोनों हाथ आगे खूंटा ठीक पीछे की दरार में,..
" भौजी खाली कमल को देंगी की हमहुँ के खाली आगे से की पीछे से "
जवाब मेरी ओर से ननद ने दिया। कौन ननद भौजाई को रगड़ने का मौका छोड़ती हैं , लीलवा थी, बोली
" अरे पंकजवा, नयकी भौजी आगे से भी देती हैं और पीछे से भी और वो भी साथ साथ,... सरकाओ साड़ी, फैलाओ और ठोंक दो, "
पंकज , यानी कम्मो का बड़ा भाई, नंबरी चोदू। इसी से हम लोगो ने कम्मो की सील फड़वाने का तय किया था,...
तबतक रज्जो भाभी ने कम्मो के के भाई को गप्प से वो शिलाजीत वाला लड्डू खिला दिया, और मैंने भी अपना पिछवाड़ा उसके खूंटे पे रगड़ना शुरू कर दिया और मुड़ के पंकज को आँख मारी और लीलवा से बोली,
" अरे हमार छिनार भाइचोद ननद क बात कभी गलत हो सकती है लेकिन बहनचोद देवर पहले दो दो ननद के पेलें फिर अगवाड़े से पिछवाड़े से जैसे चाहे वैसे, ननद पियासी रहे, भौजी मजा लूटें ये ठीक थोड़े ही है "
और कमल को पकड़ के जिधर बाग़ गझिन था मैं उधर वैसे तो तय था की सब देवरों की आंख पे पट्टी बाँधी जायेगी, उनकी बहनों पे उन्हें चढाने के पहले,... जिससे वो ऐन मौके पे खूंटा तुड़ा के न भागें, और जब एक बार वो झिल्ली फाड़ लेंगे, हचक हचक के चोदने लगेगें, तो झड़ने के पहले उनकी आँख से भौजाइयां पट्टी खोलेंगी,... और गरियायेंगी,
" कयों बहनचोद मजा आ रहा है बहिन चोदने में, अरे छिप छिप के तो बहुत चोदा होगा, आज भौजाई लोगन के सामने, अब तो बन गए पक्के बहिनचोद,... "
और झड़ते समय कौन लौंडा बाहर निकालेगा,... और ननद के गाभिन होने का भी डर नहीं था, और एक बार जब सबके सामने बहिन चोद दिया तो फिर ननद कौन मुंह से नखड़ा करती, और फिर भौजाइयां भी पीछे पड़तीं,...
अरे बुर तो फड़वायी ही ली हो गाँड़ भी फड़वा लो,... भाई चोद,...
लेकिन कमल और रेनू के साथ ये नहीं चलने वाला था,
एक तो कमल छुट्टा सांड़, इत्ती बेरहमी से चोदता था की चार चार बच्चों की माँ भी पानी मांग जाती, वो मानेगा भी नहीं पट्टी बंधवाने के लिए,... दूसरे वो तो खुद जबसे उसकी बहन रेनू नीचे से खून फेंकने लगी तब से उसको चोदने के चक्कर में था,... लेकिन रेनू उसकी बहन ऐसी हदस गयी थी उसका मोटा लम्बा खूंटा देखकर, और चुदने वालियों की चीख रोना धोना सुन के,...
और कमल ने रेनू को बोल दिया था वो नहीं तो कोई नहीं, ...
इस चक्कर में रेनू बारहवें में पहुचं गयी फिर भी कोरी थी,... जबकि गाँव में शायद ही कोई लड़की हाईस्कूल पार कर पाती हो, टांग उठाने के पहले।
Pata hi nhi chala yeh kahani kab 700 page cross kar gayi, shuru me lga rha ki yeh story jaldi khatam ho jayegi sirf chutki tk simit rhegi,lekin ab yeh non stop chalegiआभार, नमन, धन्यवाद
१३, लाख व्यूज इस कहानी के
बिना आपके साथ के सहयोग के यह कथा यात्रा यहां तक नहीं पहुंच सकती थी,...
पिछली पोस्ट पृष्ठ ७०३ पर, पढ़े, कमेंट करें, लाइक करें और इस कथा यात्रा में साथ चलें,
धन्यवाद
pahle Renu ko to samhaleLgta hai kamal nayi bhabhi komal ko bhi nhi chhodne wala
There was a demand from some friends to add a touch of incest, and it was not possible with Chhutaki so characters of Arvind and Geeta were added. Kabaddi was part of Holi festivities and now some more touch of Incest. and i hope against hope that may be with the support, story may stretch to 1 K. my original guess was 300 to 400 pages.Pata hi nhi chala yeh kahani kab 700 page cross kar gayi, shuru me lga rha ki yeh story jaldi khatam ho jayegi sirf chutki tk simit rhegi,lekin ab yeh non stop chalegi
Again & again fir maja aa gaya didi .. ., Jis tarah se aap ne Family planning ko explain kiya with sarcasm thats too great .. . Too powerful .. is adbhut savd bhandar ki aur kalpana shakti ka shrot kya hai aur mujhe kaise mil sakta hai ..सांझ की बेला
पिछला हफ्ता इसी मस्ती में और कल का दिन भी, लेकिन अभी जो होना था उसके बारे में मुझे कुछ नहीं मालूम था, सिवाय इसके की ..., और सबको एकदम चुप रहना है, ये मेरी सास ने भी बताया था और दूबे भाभी ने भी। जो पुरानी लड़कियां औरतें थीं उन्हें तो सब मालूम ही था,...
अचानक सारी मस्ती बंद हो गयी, सब लोग मिश्राइन भौजी से दूर,.... आम की उस बगिया में सामने जमीन पर बैठ गए, अँधेरा हो रहा था, पश्चिम की ओर सूरज डूब रहा था, हलकी सी लाली अभी भी जैसे गौने की रात के बाद, रतजगा करने के बाद नयी दुल्हन की आँखों में रहती है,... बगिया वैसे भी गझिन थी अब और गझिन लग रही थी,...
हम सब जैसे कुछ होने का इन्तजार कर रहे थे,...
और जैसे ही पश्चिम में सूरज डूबा, दूबे भाभी ने इशारा किया,...
पांच सुहागिने, मैं और चमेलिया जो साल भर के अंदर गौने उतरी थीं, और उनकी पहली होली थी, ... मोहिनी भौजी जो अभी लड़कोर नहीं हुयी थी, गौने के तीन साल हो गए थे,... और दो ननदें बियाहता लेकिन जिनका गौना अभी नहीं हुआ था, नीलू और लीला,... सबसे आगे मैं और चमेलिया,.... और