Real@Reyansh
हसीनो का फेवरेट
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Totally addicted yaar .. Komal didi aab aap hi bachao aap ke is sundar aur mohini lekhan jaal se kaise bache ... mai to pura nashe me ho chala hu ufffff .. kya style hai .. great againऔर,....
जो ननदें ये हुकुम नामा में एक पल भी सोचेगीं , भौजाई की बात पे ना नुकुर करेंगी, उनके मायके वालों का मन नहीं रखेंगी,... वो लंड के लिए तरस जाएंगी,... घोंटना तो छोड़ दरसन नहीं होगा, ... पूरे दस साल और उसके बाद मिलेगा तो केंचुआ जस,...
और जो ननदें भौजाइयों की बात मानेगी उनको एक से एक सांड़ मिलेंगे,... एक साथ दो दो, तीन तीन, तीन चढ़ेंगे तीन तैयार रहेंगे, ननदें समझ लें धन और जोबन बांटने से बढ़ता है, और ननद भौजाई के बीच में कोई नहीं आएगा,... भौजाइयां जिसके साथ कहें जब कहें, जहाँ कहें,... और जो पिलाये, खिलाएं मेरा परसाद समझकर बिना किसी नखड़े के, खुद आगे बढ़ के और उस ननद पर सबसे जबरदस्त जोबन होगा, सबसे नमकीन होगी। और अगर कोई ननद जरा भी नखड़ा करे किसी भी बात के लिए तो भौजाइयां उससे जबरदस्ती कर सकती हैं.
यह संवत पिछले पचास सालों में सबसे अच्छा होगा, खेत में खूब फसल होगी, गाय, भैंस खूब दूध देंगी,... लड़का बच्चा होगा, .... बस बात सब याद रखना। और बात मानना।
और उसके बाद आवाज बंद हो गयी, जो थोड़ी सी रौशनी आ रही थी उस जगह से धुंधली पड़ती जा रही थी, और धुल का एक गुबार वहां आ गया था, उसने उन्हें छिपा लिया था ,
मेरी सास ने इशारा किया हम सब लोग तुरंत इशारा किया हम सब लोग वापस चलें, और सबकी देखा देखी,.... मैं भी अपनी दोनों छोटी नंदों का हाथ पकड़ के बिना उधर पीठ किये और जैसे ही १०० -२०० कदम हम लोग चल कर उस बाग़ से निकले जहाँ आज कबड्डी हुयी थी,... मेरी सास बोलीं , जल्दी बहुत जल्दी
मेरी दोनों छोटी ननदें घबड़ा रही थीं कस के मेरा हाथ पकडे थीं, रूपा घबड़ा कर बोली,
भाभी,...
मैंने उन दोनों से कहा चिंता न कर मैं हूँ न बस मेरा हाथ तुम दोनों कस के पकडे रहना,
मैं तेजी से चल रही थी दोनों मेरी छोटी ननदें मेरा हाथ पकड़े साथ साथ, करीब करीब भागती
हू हू हू हू कर के हवा की तेज भयानक आवाज पीछे से आ रही थी, और तेज होती जा रही थी,...
मेरी एक चचिया सास ने जोर से चेताया, " हे लड़कियों, पीछे मत देखना,... और जल्दी "
मैंने लगभग दौड़ना शुरू कर दिया, ... और मेरा हाथ पकडे मेरी दोनों ननदें भी, लीला की छोटी बहन रूपा के साथ वो जो जल्द ही रजस्वला हुयी थी,.. मैंने कस के उनके हाथ को दबाया और वो दोनों भी, उन को लग रहा था की मैं साथ हूँ तो उनका कुछ भी नहीं बिगड़ने वाला है,... मेरी देखादेखी साथ साथ बाकी ननदें भी,...
सांस फूल रही थी लेकिन हम लोग रुक नहीं रहे थे, फिर कोई एक बाग़ पड़ी, मेरी सास ने आवाज लगाई अब रुक जाओ , अब कोई बात नहीं,... बादल छंटने शुरू हो गए थे हलकी हलकी चांदनी थी,... मेरी दोनों ननदें जिनका हाथ पकड़ रखा था मुस्करा रही थीं, दोनों मुझसे लिपट गयीं, और मैंने दोनों को चूम लिया सीधे होंठों पे,... और कस के दुबका लिया।
अब हम तीनों सबकी तरह उधर देख रहे थे जिधर से आये थे, जहां हम लोग कुछ देर पहले थे आज दिन भर जहाँ मस्ती हुयी , तेज आंधी चल रही थी, पेड़ झूम रहे थे, लग रहा था कुछ भी बचेगा नहीं सब पुराने बड़े बड़े पेड़ उखड जाएंगे,... और वहां,... वहीँ बीच में से एक गुबार उठा सिर्फ वही पर रौशनी थी
सब लोगों की तरह हम तीनो ने भी झुक कर उस ओर मुंह किये हाथ जोड़ लिए आँखे झुका ली. वो गुबार बहुत ऊपर उठ कर,.... मैं देख रही थी बाग़ के पेड़ों के ऊपर से,... जिस रास्ते से मैं, चमेलिया, मोहिनी भाभी, लीला और नीलू गयीं थी बस वही, पाकड़ का पेड़, बँसवाड़ी,... और दूर कहीं जहाँ वह पोखर रहा होगा,... उसी के ऊपर कुछ देर बवंडर मंडराता रहा,
हू हू की आवाज धीमी हो रही थी
सब के साथ मैं मेरी ननदें भी धीरे धीरे बुदबुदा रहे थे , जय होलिका माइ जय होलिका माई रच्छा करा आसीस दा, किरपा करा,...
कुछ देर बाद बहुत जोर से झपाक की आवाज आयी जैसे वो बवंडर उसी पोखर में समा गया हो,...
जहाँ हम लोग थोड़ी देर पहले बैठे थे वहां अभी भी तेज हवा चल रही थी, जैसे तूफ़ान बाबा झाड़ू लगा के सब कुछ साफ़ कर रहे हों और साथ साथ हम लोगों के मन से भी सब कुछ मिट रहा था, सिवाय हुकुमनामे, भविष्यवाणी और आसीस के,...
कुछ देर में एक बार फिर से वही मदन समीर किंशुक आम्र मंजरी की महक वाली महुआ के रस से भी तेज और अबकी सिर्फ हम पांचो को नहीं सारी औरतों, लड़कियों को,... चांदनी भी निकल आयी थी, हमें नहला रही थी,... थोड़ी देर में हम सब सामान्य हो गए,... सब से पहले सास लोग निकल गयीं कल की होली भौजाई देवर और नंदों की होती उसमें घर का कोई भी बड़ा, सास नहीं होती थीं,...