एकदम सही अर्थ जोड़ा आपने चौदह से
एकदम सही अर्थ जोड़ा आपने चौदह से
बिल्कुल...ब्याज भी चक्रवृद्धि
उन्होंने एक अधूरी कहानी शीला और पंडित जी को भी पूरा किया था...Ashok Ji ki har kahani bejod hai aur diwali ka jua ka jvaab nahi
और मना भी तो उपरी मन से होता है...इसी लिए तो चाहे मना कर के, चाहे धोखे से, चाहे जबरदस्ती एक बार भाई का मूसल बहन की ओखली में चलवाना जरूरी था।
रोयेगी, चीखेगी, चिल्लायेगी, लेकिन एक बार भाई का स्वाद लग गया तो,
मना करने वाली का हरदम मन करेगा,... और फिर तो बहिनिया है, हक से बोलेगी जिस तरह अभी रेनू बोल रही है।
सिर्फ सांड या फिर साडों का झुण्ड...एकदम सही कहा आपने
जब जब जिसका जिससे फटना लिखा होता है न बस उसी से,...
जैसे जैसे दाने दाने पर खानेवाले का नाम लिखा होता है उसी तरह भरतपुर स्टेशन पर भी लिखा रहता है कौन इंजिन सबसे पहले घुसेगा,
और हिना के लिए तो बाईसपुरवा का सांड़ तैयार है,
कमल
सही कह रहे हो भाई मैं गलत साइड पर आ गया था जिस कहानी में लॉजिक ही ना हो उसे कहानी में पढ़ने में क्या मजा मेरे जैसे कितने दर्शकों का दिमाग की दही हो गई है मैंने कब से पढ़ना छोड़ दिया हूं सोचा था कुछ सुधार आ जाएगा तो आगे भी पढ़ूंगा उससे भी घटिया कर दिए तुम लोग सोच रहे हो मेंन किरदार की गांड मार के बोलो कहानी हिट कर दूं तो कभी नहीं होगी कहानी शुरू शुरू में अच्छी लगी थी इसलिए कमेंट फॉलो कर दिए थे आब कहो कमेंट फॉलो करें तो कभी नहीं होगा आपका बहुत-बहुत धन्यवादशायद आप गलत साईट पर हैं...
कोमल मैमLast Update is on Page 749
भाग ७६
बुरके वाली, पठान टोली की
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बुरके वाली, पठान टोली की
सर्वधर्म समभावकोमल मैम
हिना की कहानी के साथ आप थोड़ी - थोड़ी secular लगने लगी हो। अच्छा लगा, स्वागत है।
सादर