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Waaaah kya maast गाँव की रीत haiचंदू
और जब वो अपने अखाड़े में , सब कपडे उतार के , सिर्फ लंगोट में , लंगोट ठीक करते समय भुजंग का दरसन हो गया , ...
मेरी देह गनगना गयी ,सोते हुए भी जबरदस्त ,... सब काम करनेवालियाँ ठीक ही कहती थीं। जबरदंग।
मैं बँसवाड़ी में छिप के देख रही थी , एक एक मसल्स जबरदस्त, कितनी ताकत होगी इसमे ,
और जब वो बँसवाड़ी के पास आया , बस पीछे से मैंने दबोच लिया ,
मेरे दोनों मुट्ठी में रंग , आँचल में चोली में भी भी रंग की पुड़िया ,
चेहरे पर तो मैंने रंग लगा लिया ,
" काहो भौजी , हमहीं से पहला फागुन ,... " मुस्कराते हुए वो बोला और मेरे दोनों हाथ उसके कब्जे में थे ,
पर धक्का मुक्की में मेरे ब्लाउज के बटन खुल गए , और मेरी चोली का रंग मेरे जोबन पर ही बिखर गया , मेरे दोनों गुदाज उभार लाल लाल ,
" काहें भौजी और रंग न हौ"
" ई भौजी अइसन देवर को छोड़ने वाली नहीं हैं ,... आवा "
मेरे तरकश में बहुत तीर थे , बस अपने रंगों से रंगे जोबन से उसकी पीठ , छाती
और चलने के पहले एक चुटकी रंग लंगोट के अंदर भी ,...
जैसे कोई सोते से शेर जाग जाय ,....
" हे भौजी , यह गाँव की रीत मालूम है न "
चंदू बोला ,
" एकदम तभी तो पहला फागुन ,... " लौटते हुए मुड़ के मैंने देखा और मुस्करा दी।
,उसे भी मालूम था , मुझे भी , पहला फागुन का रंग नयी बहू ,...साल भर तक न तो भौजी देवर को मना कर सकती है , न देवर भौजी को , जब चाहे तब और जहाँ चाहे तहाँ
…….
Agge ki baat ke liye to aapke viewers(including ur Raji) taras gye hai dear lovely Komal sis, jitni lambi wait karvai hai ab utna hi lamba dilwana bhauji ko.Welcome didi. u u" देवर जी मुझे सब पता चल गया , ये अच्छी बात नहीं है , मुझे यही पता करना था ,.... "
वो बेचारा एकदम घबड़ा गया , लेकिन वो कुछ बोलता , उसके पहले मैं जोर जोर से हंसने लगी और उसे गरियाती गाँव की भौजी की तरह बोली ,
" तोहरी बहन की फुद्दी मारुं ,... बस दो चार दिन फागुन बचा है , ... तुझे तोहरे भौजी की कसम , एही अखाड़ें में तोहसे पटक पटक के ,... और देवर भौजी की कुश्ती एक राउंड में नहीं पूरी होती , कम से कम तीन बार ,... और तेल वेल लगा के डंड पेल के ,... तब देखूंगी मेरे देवर को पेलना आता है की नहीं ,... समझे अबकी फागुन में तुम बचने वाले नहीं , ... अगर कतौं हमरे सास के पास भी जाके लुकाये न तो उन के भी भोंसडे में हाथ डाल के निकाल लुंगी ,.... "
और ये कह के मैं मुड़ गयी और जान बूझ के उसे दिखाते हुए , मैंने अपने बड़े बड़े चूतड़ मटका दिए ,...
हालत खराब , बड़ी मुशिकल से मुझे छेड़के बोला ,
" भौजी आपका पिछवाड़ा भी मुझे अच्छा लगता है , ... "
अच्छे घर दावत दे दी थी उसने ,
मुड़ के मैं बोली ,
" सही करते हो देवर जी , ... मुझे भी जो छेद , छेद में भेद करता है न वो अच्छा नहीं लगता , और अगर कही तू मेरा पिछवाड़ा छोड़ देते न , तो तुझे पलट कर , निहुरा कर तेरा पिछवाड़ा मैं मार लेती। "
और मैं चल दी , रास्ते भर सोचती रही , स्टार्ट तो सही हो गयी लेकिन जब तक पिचकारी का रंग मेरे अंदर नहीं घुसता तो मैंने जो बात तय की थी वो पूरी नहीं होगी .
कहानी यहीं ठहरी थी, पेज ७२ पर
तो आगे की बात आज
Kya jalwa bikhera hai aate hi didi, kitni speed se kamukta bhar deti ho tum apni story se, ya yun kahe ke effortlessly sixer lagati ho tum,tumari chunnu chunni wali battein kitni madak, erotic aur lagti hai.Awesome update Komal sis,ab toh exam dekar a gaya hoga Chunnu.कच्चा
काहें भौजी , चंदू के चक्कर में खो गयी , नैना ने चिढ़ाया ,
और मैं यादों की भंवर से वापस आयी
' अभी तो दर्जनों देवर बचे हैं जो मेरी मीठी भौजी के नाम पर मुठिया रहे हैं " हँसते हुए मेरी छुटकी ननद ने छेड़ा।
लेकिन मेरा मन अभी कहीं और भटक रहा था , कच्चा केला , ...कोई ऐसा देवर हो जो बस जवानी के दहलीज पर कदम रख रहा हो , एकदम कुंवारा, रेख आ रही हो ,
लेकिन गाँव में और कोई नहींतो कामवालियां ही चढ़ती उमर वाले लौंडों को , सब कुछ , सिखा पढ़ा देतीं हैं , मजाक मजाक में पकड़ना, टटोलना, मसलना , घर में ही कभी भूसे , पुआल के कमरे में तो कभी खलिहान में नेकर में हाथ डाल के , फिर रिश्ता भी भौजाई का लगता है तो , उमर कोई नहीं देखती ,... और एक बार चक्कर लग गया तो , ... कभी गन्ने के खेत में तो कभी अरहरिया में तो कभी अमराई में ,... पक्की ट्रेनिंग ,
जैसे कच्चे टिकोरे वालियों को मरद पसंद करते हैं न वही हालत औरतों की होती है ,
और होली में तो और कोई रोक टोक नहीं , चंपा भाभी के यहां होली में जब सब औरतें इकठ्ठा हुयी थीं , उसके बाद निकलते समय रस्ते में कोई पकड़ा गया तो सब मेरी जेठानियाँ चढ़ातीं , ... हे खोल स्साले का नाड़ा , देख खड़ा वड़ा होता है की नहीं ,...
और उससे बढ़कर मेरे मायके में , होली में मेरी भौजाइयों ने ख़ास कर मिश्राइन भाभी और रीतू भाभी ने पूछा ,
' कच्चे केला का मजा लिया ससुराल में होली में। "
मैंने उन्हें किसी तरह समझा दिया की मेरी ससुराल की असली होली तो रंग पंचमी में होगी जब मैं लौटूंगी , अभी तो सिर्फ घर में ही , सास , ननद , नन्दोई के साथ "
रीतू भाभी ने मेरा गाल नोचते हुए छेड़ा , " कच्चा केला , मतलब असली वाला "
मैं जोर से मुस्करायी , असली वाला , ... मतलब एकदम ही सीधा , ... जिसने खुद भी कभी मुट्ठ न मारा हो , पता ही न हो उसे असली मजा ,...
नैना से बढ़ के इस गाँव के लौंडों के बार में कौन जानेगा ,
बस मैंने उसी से पूछ लिया , उस के भाइयों का हाल ,
लेकिन इस सवाल पर उस का भी डिब्बा गोल हो गया ,...
कुछ देर तक वो सोचती रही , फिर अचानक जोर से खिलखिला के हंसी ,
" भौजी , गोद में छोरा ,... अरे चुन्नू , अपना , ...अब तो वो भी , अपने ,... "
उसकी बात काट के मैं भी हंसने लगी , बोली , ' तू यार एकदम सच में एकदम सही कहा , लेकिन वो ,... "
" अरे भौजी आप ट्राई तो करिये , ... लेकिन थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी आपको , लजाता बहुत है , पर मैं चलती हूँ , सांझ को ,…….. और वो रफू चक्कर हो गयी
और मैं यादों की झुरमुट में खो गयी ,
चुन्नू , लड़के से ज्यादा लड़की लगता था , छुटकी की उमर का ही होगा या दो चार महीने बड़ा ,
मुंह दिखाई की रस्म हो रही थी ,
मंजू भाभी , हमारी ही पट्टीदारी की , मेरी सबसे बड़ी जेठानी मंजू , हम लोगों की पट्टी में सबसे आखिर में घर था , उसके बाद बाग़ बगीचा ,...
उन्ही का छोटा देवर , चुन्नू ,...
धक्का देकर सब भौजाइयां उसे मेरे पास ले आयीं तो वो इतना शरमा रहा था ,
भाभी ने उसे मेरे पास बिठाते हुए बोला , तेरा सबसे छोटा देवर , चुन्नू ,
तो भौजाइयां एक साथ बोलीं , चुन्नू की चुन्नी ,
पीछे से किसी ननद की आवाज आयी , अरे भाभी खोल कर देख लीजिये न , की चुन्नू है की चुन्नी ,
तो कोई मेरी जेठानी बोलीं , ' ये काम इसकी नयकी भौजी करेंगी '
क्या कोई लड़की ब्लश करेगी , जिस तरह वो ब्लश कर रहा था।
लेकिन बाद में मेरी उससे दोस्ती हो गयी , सबने मुझे बताया की होली के एक दिन पहले से ही वो कमरा बंद कर लेता था तो मैंने भी तय कर लिया अबकी तो इसके साथ होली खेल कर रहूंगी , लेकिन उसका दसवें का इम्तहान , जैसे मंझली का था , जिस दिन मैं अपने घर गयी थी , उसी दिन उस का पेपर था तो मैंने भी बख्स दिया पर उससे बोल के गयी , लौट के आउंगी तो सूद ब्याज सहित ,...
आज का दिन होली तो होती नहीं गाँव में , पर मैंने तय कर लिया था की आज शाम अपनी जेठानी मंजू के यहाँ एक चक्कर जरूर लगा के आउंगी।
तब तक सासू की आवाज आ गयी , खाने के लिए और मैं अंदर ,...