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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Last edited:
यही संवाद तो छेड़खानी का मजा देते हैं...Neelu ka nakhre or bola ki " ruk saale, bhabhi roko na". Ese hi samvad hi baat kr raha tha me apse. Last ke 2-3 part me to maja hi aa gya, ek dam hot
ये तो लेने वाली पर भी निर्भर करता है...Jinki 10-12 ki nayi nayi seal khul hai, wo sab hi bahar ho gyi ya koi hai himmat wali jisko doubling or tripling hogi,
हर पोस्ट एक से एक उम्दा...बहुत बहुत धन्यवाद।
आप संस्कृत और रीतिकाल दोनों के श्रृंगार साहित्य के इतने ज्ञाता हैं, मुझे लगा की शायद इस पोस्ट पर आपकी कुछ टिप्पणियां मिलें।
हिना पोस्ट संख्या ७७८५
जो अंतिम पोस्ट है।
हो सकता है बाकी पोस्टें जो पहले पोस्ट हुईं उन्ही के आधार पर टिप्पणी आपने दी हो।
बहुत बहुत आभार, आप कहानी के साथ जुड़े हैं आप के कमेंट्स के लिए यह थ्रेड प्रतीक्षारत रहता है।
रिश्तों में हसीन बदलाव.. डॉ राजी....बदलाव की कहानी ही तो असली कहानी है।
बदलाव जो धीरे धीरे होता है नजर नहीं आता लेकिन अचानक यही बदलाव ध्यान बरबस खींच लेता है। चूल्हे पर गरम होता पानी हो, बदलता मौसम हो या जवान होती लड़की,
लेकिन बदलाव के पीछे के जो कारक है, बदलाव की इस प्रक्रिया को कैसे दिखाए यही लिखने वाले की चुनौती है वरना सेक्स सीन तो नीली पीली फिल्मों में भी होते हैं और उनसे बोरिंग कुछ नहीं होता, लड़की का आना, कपडे उतारना, ब्लो जॉब, कनिलंगुअस और पांच छह तरीके से देह के रिश्ते,...
रेनू में यह बदलाव धीरे धीरे धीरे लेकिन साफ़ आता है। अब वह सेक्स के प्रति ज्यादा सहज है और अपने भाई के लिए भी।
कई कहानियां स्त्री को प्रधान बना कर गढ़ी जाती है...इस कहानी मेंन किरदार का रोल कब आएगा कोमल में अभी उसका नंबर नहीं आया उसी का इंतजार कर रहा हूं कोमल में जैसे कमल मैन कोई मूवी देखते हैं तो हीरो पर लेकर देखते हैं हीरो अच्छा है तो पिक्चर भी बढ़िया होगी वैसे ही हम कहानी पढ़ते हैं तो मैं किरदार को लेकर पढ़ते हैं में किरदार का रूल अच्छा होता है तो समझ लो कहानी अच्छी ही लगती है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
जरुर...I am planning to repost my long story Phagun ke din chaar in the Erotica part.
Please share your opinion, (a) Should I or I should not dare.
( b ) will there be readers for a story already posted, read and copied by many forums?
I have to take a call in a few days as posting will start from 11th February, if readers want it.
यही गालियां तो रस भर देती हैं...Dono nandiya le pichhvade ki thukai to kamal ke khute ki PHD ho gai. Par jo gariya ke daulog hena. Pagal hi kar deti ho. Geet aur gariyane ki to me deewani hu.
Ek to ye seen create
चंदा सब मेरी ननदों की तरह जनम की चुदवासी, सात पुश्त की रंडी, पैदायशी छिनार, गाँड़ में मोटे मोटे चींटे काट रहे थे, तड़प के बोली
aur ye gariya
1).
2).
Kya conversation he. Aap to pagal hi kar doge.