Kalpana singh
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Kya mast update diya apneचुन्नू
वो लोग घर से बाहर गए और मैं किचेन में साथ में सासू जी और मेरी ननद ,
मैं चाय बना रही थी की सासू जी ने बोला की सुन तेरी जेठानी वो मंजू कल आयी थी तुझे याद कर रही थी , आज कल तेरे जेठ भी बाहर गए हैं "
मंजू यानी चुन्नू की भाभी ,
"मैं भी सोच रही थी जरा उन के यहाँ हो आऊं " सासू जी और ननद को चाय देते हुए में बोली ,
" हाँ बड़ी हैं फिर आज भी आने जाने लायक है , कल से तो तीन दिन तक होली का हुड़दंग ही चलेगा , ... " सासू जी ने चाय सुड़कते हुए कहा ,
थोड़ी देर में मैं मंजू भाभी के घर की ओर थी।
मेरे मन में जो नैना ने चुन्नू के बारे में बोला था , वो घूम रहा था।
मंजू भाभी ने मुझे देखते ही मुस्कराकर कहा, जाओ, ऊपर के कमरे में है कल से ही बहुत गुस्सा है तुमसे, जब से पेपर दे के आया है,
' तो मैं ही मनाऊंगी, ... बस आती हूँ देवर जी को मना के "
और सीढ़ी से मैं ऊपर चढ़ के उसके कमरे में , मुंह उसका फूला था, होली के मौसम में कोई मायके जाता है, पर उनका तो फायदा हो गया न सास, सलहज, साली सबका मज़ा लिया और छोटी साली को उठा भी ले आये, ...
पर अभी तो मुझे रूठे देवर को मनाना था,... '
मुंह उसका फूला था, मुझे देख के दूसरी ओर चेहरा कर लिया, पर उसकी दवा आती थी मुझे , मैंने गुदगुदी लगाई , पर हँसते हँसते वो बोला, ...
" जाइये मैं नहीं बोलता आपसे , एक तो होली में इम्तहान, और कल पेपर के बाद क्यों नहीं आयीं,... "
" गलती हो गयी, सजा दे दो पर गुस्सा मत हो और अभी तो हमारी तुम्हारी होली भी बाकी है , लेकिन पहले ये बताओ पेपर कैसा हुआ,... "
मैं उससे सट के बैठ गयी, नैना की बात एकदम सही थी , स्साला लेने लायक हो गया है।
अब उसके चेहरे पे मुस्कान आयी,... बोला, ...
" तभी तो मैं और गुस्सा हूँ आपसे, जो बताया था आपने पढ़ाया था, बस पेपर एकदम वैसा,... बाकी सब तो रो रहे थे , लेकिन मेरा एकदम बहुत अच्छा और आयी नहीं आप। "
मैंने मन ही मन सोचा अभी असली पढ़ाई रज्जा तेरी करानी बाकी है , पहले मैं मजा लूंगी , फिर तेरी बहनों पे तुझे चढ़ाउंगी , सगी न सही , चचेरी, फुफेरी सही।
" अरे अभी तो मेरी तेरी होली उधार है , अब तो इम्तहान का बहाना भी नहीं है , " उसका गाल सहलाते मैं बोली।
" नहीं नहीं , भाभी प्लीज मैं होली नहीं खेलता, ... "
छटकते वो बोला।
और इसी अदा पे तो मैं निहाल हो गयी। बहुत मज़ा आता है इन कमसिन उमर वालों पर जबरदस्ती करने में,
" तुम मत खेलना, मैं तो खेलूंगी, सबसे छोटे देवर हो मेरे, होली में भले बच गए इम्तहान के चक्कर में लेकिन अब थोड़ी , और अभी तो चार दिन पूरे बचे हैं "
और एक बार फिर गुदगुदी लगाते मैं पहले पेट , फिर मेरा हाथ नेकर के अंदर और मैंने उसे पकड़ लिया,
ठीक ठाक बल्कि अच्छा खासा था, ... मेरे पकड़ते ही वो कसमसाने लगा, जैसे कोई जीजा होली में साली की नयी नयी आती चूँची पकड़ के दबा दे,...
पर न जीजा छोड़ते हैं और न मैं छोड़ने वाली थी और थोड़ी ही देर में सोते से वो जग गया, मूसल चंद तो नहीं लेकिन साढ़े पांच छह से तो कम नहीं ही रहा होगा, और कड़ा भी बहुत ,
लेकिन सबसे अच्छी बात, जो इस उमर के लड़कों में होती है छूते ही टनटना गया. वो छटपटा रहा था छूटने की कोशिश कर रहा था, लेकिन बार चिड़िया चंगुल में आ जाए तो फिर,...
कुछ देर तक तो मैं दबाती रही, बस उसके कड़ेपन का मोटापे का अंदाज ले रही थी, बहुत अच्छा लग रहा था, फिर हलके हलके सहलाते मैंने छेड़ा,
" हे देवर जी, एच पी,... अरे हैंडप्रैक्टिस करते हो न,... किसका नाम ले ले कर अपनी किस बहन "
उसकी कोई सगी तो थी नहीं तो चचेरी बहनों का नाम ले ले कर मैंने छेड़ा, नीता, मीता, नैना, रीता, किस किस का, या और है कोई
Shandar chunnu ki tab khair nhi....
So hot update