Baawri Raani
👑 Born to Rule the World 🌏
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देखिये दो बातें साफ़ साफ़दो दर्जन .. फिर तो पांच-छः अपडेट भी कम पड़ जाएंगे...
और सबकी कुटाई अच्छे से पूरे विस्तार के साथ...
साथ में गाँव का कोई युवक छूटना नहीं चाहिए...
और संभव हो तो एकाध आपके साजन के साथ भी.. आखिर वो भी इसी गाँव से...
एकदम सही कहा आपनेजोरा जोरी हुई चने के खेत में...(गन्ने और अरहर के खेत में भी)
हाँ लेकिन चरम उत्कर्ष और चरम ( चर्म ) सुख फागुन में ही मिलता है देवर को भी भाभी को बाकी तो बतकही और नैन मटक्का में निकल जाता है।दस्तूर के मुताबिक देवर और भौजाईयों की तो साल भर होली होती है...
और एक एक करके अपनी टोली वालियों, को सारी सैयदाइन को, चचेरी बहनों, पडोसीनो, सहेलियों को भी ले आएगी, और जो हिचकचायेंगी उनका नाड़ा अपने हाथ से खोलेगी।अभी प्रैक्टिकल देख रही हैं..
फिर खुद प्रैक्टिकल करके देखेंगी...
इसीलिए सिर्फ कुंवारे देवर और ननदें भी जो गौने न गयी होइसलिए सारे वर्जित लोग गाँव से बाहर..
और जब पति पास न हों तो एकदम खुल्लम खुल्ला खेल ..
बिना कोई डर.. शरम .. लिहाज के..
ननदें भी तो भौजाइयों की सिखाई हैं, इसलिए वो भी छेद छेद में भेद नहीं करती, फिर देवर ज्यादा भौजाई कम, तो बस एक एक पर तीन तीन,... तीन नहीं तो दो और बचे छेद पर ननदें अपना हक जताएंगी।Multi tasking and multi processing..
कोई छूट ना जाए...
आखिर तीन छेद(processor) जो है...
और साथ में ननदों का भी सूद-ब्याज समेत भौजाईयों से बदला लेने की बारी...
क्या बात कही आपने आरती की आरतीपट-पट चूत और चूतड़ पर धक्कों के पटाखे चल रहे थे...
और आँखों में रंगीन आतिशबाजी...
आरती की आरती भी उतारी गई और मोटी मोमबत्ती अंदर तक पिघला कर उजाला किया गया...