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Thanks so much for the first Comments aapke suuport ke bina ye kya meri koyi bhi story aage nahi badh skati , thanks so much.Awesome super gazab updates
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Thanks so muchWaah
Kya shandar likhti ho aap
Yeh banti ke sath subah ghanti kab baj gayi. Kuchh update miss kr diya kya mene ya pehli baar jikar kiya haiबंटी
तभी मुझे बंटी दिख गया, और मैंने दौड़ के उसे दबोच लिया, मेरा सबसे कम उमर वाला देवर, बताया तो था उसके बारे में
चलिए फिर से याद दिला देती हूँ।
मिश्राइन भाभी के यहाँ से हम लोग होली खेल के लौट रहे थे, होली की मस्ती, भांग, ठंडाई सब भौजाई बौराई थी, रस्ते में कोई मिले उसकी रगड़ाई तय, और हम सबकी नेता थीं यही दूबे भाभी
यहाँ तक की भाभी लड़कों को भी नहीं बख्शती थीं| एक छोटा लड़का पकड़ में आया तो मुझसे बोलीं,
“खोल दे, इस साल्ले का पजामा|”
मैं जरा सा झिझकी तो बोलीं,
“अरे तेरा देवर लगेगा, जरा देख अभी नूनी है कि लंड हो गया| चेक कर के बता, इसने अभी गांड़ मरवानी शुरू की या नहीं, वरना तू हीं नथ उतार दे साल्ले की|”
वो बेचारा भागने लगा, लेकिन हम लोगों की पकड़ से कहाँ बच सकता था|
मैंने आराम से उसके पजामे का नाड़ा खोला, और लंड में, टट्टे में खूब जम के तो रंग लगाया हीं, उसकी गांड़ में उंगली भी की और गुलाल भरे कंडोम से गांड़ भी मार के बोला,
“जा जा, अपनी बहन से चटवा के साफ करवा लेना|”
तबतक रज्जो भौजी ने आवाज लगायी,
"अरे नयको जरा हैंडपंप चला के देख पानी वानी निकलता है की नहीं
मैं उन देवरानियों में नहीं थी जो जेठानी की बात न माने, वो लाख छटपटाता रहा लेकिन पहले तो मैंने एक झटके में चमड़ा खींच के सुपाड़ा खोला और उसे छेड़ा,
"अभी मुट्ठ मारना शुरू किये की नहीं अरे जवान बहिन सुशीला घर में है, कुछ सिखाती नहीं ,"
मिनट भर भी नहीं लगा होगा की फनफना के खड़ा हो गया और पांच सात मिनट में पानी फेंक दिया, सब मेरी हथेली पे, ... वही उसके मुंह पे पोत के बोली, अपनी बहिनिया से चटवाना, एकदम नया स्वाद मिलेगा उसको,...
तो वही बंटी
सुबह तो मैंने उसकी नथ उतारी थी, स्साला क्या नखड़ा पेल रहा था, इत्ता तो जिन कुंवारियों की झिल्ली फटी थी उनके साथ जोर जबरदस्ती नहीं करनी पड़ी जित्ता मुझे बंटी के साथ थोड़ा दूबे भाभी की गोली का भी असर था, खड़ा तो टनाटन होगया,
आखिर में मैंने उसके ऊपर चढ़ के एक हाथ से उसकी दोनों कलाईयां पकड़ के दबोची, दूसरे से उसकी कमर पकड़ के सेट किया, अपने को और खूब करारा धक्का मारा, रोया तो वो नहीं लेकिन तड़पना, छटकना उसका एकदम गाँव की उसकी छिनार बहनों जैसे ही था, जबतक मैं ऊपर चढ़ी रही खुद धक्के मारते रही तब तक तो ठीक था
लेकिन जब पलट के उसे ऊपर किया तो फिर वही नखड़ा, मुझे हड़काना पड़ा
" चुप्प स्साले, मार सीधे से धक्का, एक धक्का भी हल्का हुआ न तो ये मुट्ठी देख रहे हो सीधे तेरी गाँड़ में जायेगी जड़ तक सोच ले. मारना है की मरवाना। "
तब जाके वो कुछ सहज हुआ, उसका हाथ भी खींच के मैंने जोबन पर रखा, फिर उसने हलके हलके,... हाँ झड़ने में आज सात आठ मिनट से ज्यादा ही लगा।
लेकिन दिन भर दो चार भौजाइयों ने और उस पर हाथ साफ़ कर लिया था, जैसे कच्चे टिकोरों के सब लौंडे दीवाने होते हैं वैसे ही कमसिन लौंडे के लिए खेली खायी भौजाई सब भी।
तो वही दिख गया,
Komal bhabhi to itna garma gayi yeh sab dekhkar ki koi nhi mila to chhote devar pr jabardasti chadh gyiमस्ती बंटी संग
लेकिन दिन भर दो चार भौजाइयों ने और उस पर हाथ साफ़ कर लिया था, जैसे कच्चे टिकोरों के सब लौंडे दीवाने होते हैं वैसे ही कमसिन लौंडे के लिए खेली खायी भौजाई सब भी।
तो वही दिख गया,
मुझे देखकर वो आम के एक चौड़े पेड़ के पीछे छुपने लगा, मैं उसे अनदेखा करके बाग़ के अंदर जिधर बाग़ और गझिन थी, उधर घुस गयी,
बेचारे बंटी ने चैन की साँस ली,.. वो भी जिधर भौजाइयां रगड़ी जा रही थी, किसी पे दो किसी पे तीन चढ़े हुए,... किसी किसी के ऊपर ननदें चढ़ी अपनी बुर चटवाती, उसे क्या मालूम खतरा टला नहीं है,
बस पीछे से मैंने उसे धर दबोचा, और हड़का लिया,
" अबे स्साले क्या लौंडिया की तरह छुपा है? और छुपने छुपाने से काईन लौंडिया बची है आज तक, जो रहरिया में गन्ने के खेत में जा के छुपती हैं उनकी वहीँ ले ली जाती है। और आज के दिन भौजाई से न कोई ननद बचती है न देवर, "
जबतक वो समझ पाता, खींच के मैं उसे थोड़ा और अंदर, जहाँ बाग़ और गझिन हो गया था, दिन में भी अँधेरा रहता था,...
देवर भाभियों की मस्ती देखकर उसका भी टनटना रहा था,... उसे पकड़ के मैंने थोड़ा और मुठियाया,... फिर एक झटके में खींच के सुपाड़े के ऊपर का चमड़ा खोल दिया, और गरियाया,
" तोर बहिन महतारी समझायी नहीं की अब इसको खुला ही रखो,... रगड़ खा खा के ही पत्थर होगा , टनटना रहा है, अबे स्साले ये समझ ले की पहले बुर रानी को मनाना पड़ता है चाहे लौंडिया हो या मेहरारू। चल चाट , कबो तोर बहिनिया चटाई है की नहीं , आज स्साली है नहीं वरना अपने सामने तुमसे चटवाती, चलो बहिन न सही भौजाई"
घास पर मैं लेटी, ... जाँघे फैलाये,... स्लेटी अँधियारा, गलबाँही डाले बड़े बड़े पुराने पेड़, जिन्होंने न जाने कितनो की प्रेम लीला देखी होगी अपने नीचे,... और जाँघों के बीच में वो नौसिखिया चटोरा,...
आज चाहे कोई ननद हो या भौजाई, किसी की बुर ऐसी नहीं थी जिसमें दो चार कटोरी मलाई न बजबजा रही हो, मेरी कैसे बची रहती मेरी कटोरी में भी खीर छलक रही थी,...
बस जैसे उसकी जीभ वहां लगी वो जोर से गिनगिनाया, पर मुझे मालूम था ये होगा इसलिए मैं पहले से तैयार थी, मैंने झट से अपनी जाँघों के बीच उसके सर को दबोच लिया, लाख कोशिश करे वो हिल नहीं सकता था, बिन चाटे भौजाई की बुर छूट नहीं थी , मरद चोदने के बाद तो जल्दी अपनी मेहरारू की नहीं चाटता, भले वो झड़ी हो न झड़ी हो, ...
तो मालूम हो की न जाने किसकी मलाई अंदर से छलक रही है, फिर कोई भी झिझकेगा ही,... लेकिन इसी झिझक का ही तो इलाज करना ही था,..
कमर उठा के मैंने बुर उसके मुंह में लगा दिया और हड़काया,
" चाट साले, जब तेरी बहन यारन से चुदवा के लौटती है तो शलवार खोल के चटवाती है की नहीं, चाट मेरे भैया तेरे आज के बहनोई का माल है,... कल दुसरे बहनोई का माल ले आउंगी,.. अब छोड़ना मत, चाहे स्कूल से आये चाहे खेत से बोलना दीदी जरा सा मलाई चटवा दो , देखना जरूर चटवायेगी अपने छोटे भैया को, ... चाट स्साले कस कस के एक बूँद मत छोड़ना, एक दम साफ़ हो जाएगी तब दूंगी,... "
कुछ देर में वो खुद जीभ बिल में डाल के मलाई का स्वाद ले रहा था और असर वही हुआ जो मैं सोच रही थी पहले से टनटनाया खूंटा अब और पागल हो गया,...
और इस बार उसके धक्के में तेजी भी थी और ताकत भी, थोड़ा बहुत जोबन का रस लेना भी सीख गया था. मैं शरारत से कभी अपनी बुर निचोड़ लेती, उसके औजार को दबोच लेती और उस बेचारे की हालत खराब हो जाती, ... थोड़ी देर में उसने मुझे दुहरा कर दिया था और लम्बे लम्बेशॉट लगा रहा था,... मैंने भी रोका नहीं ,... और थोड़ी देर में उसने सब अपनी ताकत मेरी बिल में उंडेल दी और कटे पेड़ की तरह मेरे ऊपर,...
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वो अलग होकर मेरे बगल में लेटा ही था की एक झाडी के पास से उठ के आती हुयी सुगना दिखी,... आज भौजाइयों में सबसे ज्यादा वही गरमाई थी, कोई सगा देवर था नहीं , मरद साढ़े तीन साल हो गए क़तर गया था। पच्छिम पट्टी की,...
Apne ekdam miss nahi kiya, din men itti jyada ghantnaaye ho rhi thi to kuch flash back men bhi aayengi aur isme to 4 -5 din pahle vaali holi ka bhi jikra hai jo is ke prequel men haiYeh banti ke sath subah ghanti kab baj gayi. Kuchh update miss kr diya kya mene ya pehli baar jikar kiya hai