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मनमोहक चित्र...
अभियक्ति को क्या हीं सुंदर शब्दों में ढाला है....![]()
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क्या बात है बहुत ही सुन्दर कविता अद्भुत
विदा किया सखियों को, पहुंची भैया के पास
उनका खूंटा खड़ा देखकर जगी थी मन में आस
रंग लेकर पूछा भैया ने मुझसे कब लगवायेगी
मेरी पिचकारी लेकर बुर में, बहना क्या चुदवायेगी!
इठलाती, शर्माती मैं झूल गई उनकी बाँहों में
चूमकर लबों को फिर देखा उनकी आँखों में
Yes... the description is so emotional that many times readers felt the pain of character(s) and started crying.and that was the only story which brought tears to many eyes, including the end
Woe. Ati sundar. Or kuchh bataiye???हस्तिनी
ये वे स्त्रियां होती हैं जो पुरुष के मनोनुकूल होती है। हालांकि इनका शरीर थोड़ा स्थूल होता है, लेकिन इनमें भोग की इच्छा प्रबल होती है। इस प्रकार की स्त्रियों का में लज्जा, धर्म जैसे गुण कम ही पाए जाते हैं। इनके कपोल, नाक, कान तथा गर्दन मोटे होते हैं। आंखें छोटी, होंठ मोटे होते हैं चाल हाथी के समान होती है। अक्सर देखा गया है कि इस प्रकार की स्त्री विवाहेत्तर संबंधों में लिप्त रहती है।
A small step by Komal Rani but giant leap on the forum as other incest stories on the forum does not have detailed intimate scenes along with dialogues between the characters and other environmental situation(like rain outside, ropni, dawn and dusk, friends outside house etc).just taking baby steps, a debutant aap bhi naa
और हमें उनकी कविताओं से लाभान्वित होने का अवसर प्राप्त हुआ...आरुषी जी अपनी उपमा आप हैं ,
कविता और पिक्स का अद्भुत संगम, उनकी हर तारीफ़ कम है
क्योंकि माहौल हीं कुछ ऐसा है...ekdam sahi kaha hai poetry ki spirit ke hisaab se