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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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haha...ok. Madam...But I could only see post 207 on pg#1035. After that, no update...am I missing something? What about post 208??जोरू का गुलाम भाग२०९
मंजू और मिसेज मोइत्रा - किचेन में मस्ती
Bahut badhiya, maje ki shuruatजोरू का गुलाम भाग २०७
मिसेज मोइत्रा और मंजू
20,12,82
मंजू के अंदर रस की गागर छलकती रहती थी, लेकिन वह रस की गागर दूसरे की भी छलकाना ढलकाना जानती थी और आज की रात मौका था, मिसेज मोइत्रा को न सिर्फ निचोड़ लेने का बल्कि उन्हें पागल कर देने का,... इसलिए उसने मिसेज मोइत्रा की दोनों बेटियों के घर से बाहर जाने का इन्तजार भी नहीं किया,... और फिर मिसेज मोइत्रा अगर सिसकने लगतीं,... तो जवानी की दहलीज पर चढ़ी बेटियों को भी कुछ अंदाज लग ही जाता मम्मी क्या कर रही हैं।
इसलिए मंजू मिसेज मोइत्रा को आलमोस्ट धकेलते हुए उनके बेड रूम में, बड़े से बिस्तर पर, दरवाजा भी बस लात से मारकर उढ़का दिया, और पहले तो मिसेज मोइत्रा का आँचल उड़ा दोनों कबूतर मंजू के हाथ में फिर बिन बोले पेटीकोट से उसने साड़ी खोल के निकाल ली, और साड़ी देह से अलग, ...
" ये साड़ी वाड़ी आपके ऊपर घर से बाहर ही अच्छी लगती है," ...
और दोनों सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट में मिसेज मोइत्रा के ऊपर चढ़ी मंजू बोली, और हलके हलके दोनों ब्लाउज से छलकते जोबन दबा के चिढ़ाया,
" आज तो बाबू पे दोनों गोले ये चल गए, सिर्फ यहीं निगाह अटकी थी मैं देख रही थी साफ़ साफ़ "
मिसेज मोइत्रा कुछ नयी दुल्हन की तरह लजाई फिर मंजू से बोलीं,
" तू भी न कुछ बोलती रहती है , वो बेचारा बड़ा सीधा है तू भी न सबको,... "
हलकी सी गुदगुदी लगाते हुए मिसेज मोइत्रा के चोली के बंध खोलते मंजू ने छेड़ा,
" एक तो तू सीधी है , एक वो तेरा बेचारा चाहने वाला, मैं देख नहीं रही थी क्या , पैंट में कितना बड़ा सा बम्बू खड़ा था,... इसे देख के "
और अब चोली भी साड़ी के साथ और मिसेज मोइत्रा के जोबन मंजू के हाथ, रगड़ते मसलते मंजू छेड़ रही थी,... और मिसेज मोइत्रा ने भी कबूला,....
" बात तो तू सही कह रही है है तो सीधा लेकिन एकदम टनाटन था, और कितना बड़ा,... "
गलती उनकी भी नहीं उसके पहले तो उन्होंने मिसेज मोइत्रा की दोनों जवान होती बेटियों के चूजे दबाये थे और अब खुद मिसेज मोइत्रा जिस तरह से जुबना उभार कर, एकदम चिपकी हुयी, उनका इम्पोर्टेड सेंट और मिसेज मोइत्रा का हाथ भी सीधे उनके बल्ज पर, ... कोई भी कह सकता था की गलती स इन्ही जानबूझ के वो नापतौल कर रही थीं,...
और मिसेज मोइत्रा भी आज की पार्टी में लेडीज क्लब में गरमा गयी थीं , सिर्फ सॉफ्ट ड्रिंक वाली को ऑरेंज जूस के नाम पर ऑरेंज वोडका मिला दो ग्लास, तीन पेग के बराबर,... फिर भांग मिले गुलाबजामुन और रम और शुद्ध नान वेज मज़ाक, गालियाँ,... मिसेज मोइत्रा अच्छी तरह गरमा गयीं थीं मीटिंग में पूरी तरह मस्त लेकिन उनकी हालत और खराब हुयी जब लौटते हुए अपनी दोनों जुड़वां बेटियों का उन्होंने वीडियो देखा आडियो सहित,
ऑडियो पहले उनके दामाद की आवाज,...
Bahut badhiya komal ji. Apki story me jo aajkal samvaad ki kami khal rahi rhi, pichle kuch update me improve hua hai, ese hi lage raho komal jiमंजू की ट्रेनिंग
" क्या छुआ था, नाम लेने में तो तेरी स्साली गाँड़ फटती है,... नाम तो ले नहीं पा है "
मंजू बोली कचकचा के उनके निपल काटने लगी और मिसेज मोइत्रा भी खिलखिला के हंसने लगीं जैसे मंजू ने उनकी रगरग समझ ली थी उसी तरह उन्होंने भी,... बिना बुलवाये वो,... और वो और मंजू तो अब, ... फिर आज लेडीज क्लब में भी सब एकदम खुल के,... हंस के बोलीं
"लंड मेरे दामाद का लंड"
पांच बार बोलने पे ही मंजू ने निप्स छोड़े और फिर गाल पर चूम के बोली ,
'तू सीधे से नहीं मानती कटवाने का मन कर रहा हो बोल दे न स्साली, अच्छा बोल तेरे तो दामाद का और तेरी दोनों बेटियों का,"
"मेरी बेटियों के जीजू का लंड, ... स्साला क्या मस्त खड़ा था मन कर रहा था बस उसमे पेलवा लूँ उस स्साले से "
मिसेज मोइत्रा भी अब रंग में आ गयी थीं
" स्साली भोंसड़ी की गलती तेरी ही है खोल के लंड पकड़ लेना चाहिए था न , मुठिया देती तो स्साला खुद पागल हो जाता नंबरी चोदू है वो खाली बित्ते भर का लंड नहीं है बिना तीन बार झाड़े कभी झड़ता नहीं है लेकिन जिस दिन तेरी चोदेगा न वो दो दिन बिस्तर से उठ नहीं पायेगी "
मंजू ने और आग लगाई
" अरे मंजू नहीं उठूंगी न , तू हो है ही न कर देना सब मेरा काम लेकिन तू भी न हाँकती बहुत है कोई मर्द हो सकता है जो औरत के झड़ने का इन्तजार करे,... और तू ऊपर से तीन बार बोल रही, मिस्टर मोइत्रा तो नीली गोली फुल पावर की खा के भी, ... साल दो साल में एक बार, घुसने के पहले बाहर फेंक देते थे,,.. तुझे कैसे मालूम स्साली तू भी किस्से सुनाती है मानतीं हूँ उसका मोटा है लम्बा है कड़क भी है इतना तो बल्ज देख के भी अंदाजा लग जाता है "
मिसेज मोइत्रा भी अब मंजू की तरह ही बोल रही थीं।
" अरे मैंने देखा है यह मत पूछना किसके साथ, कोमल मैडम के साथ, दोनों इतने चुदवासे रहते हैं हरदम उन्हें फरक नहीं पड़ता की घर में मैं हूँ और वैसे भी कोमल तो मेरी सहेली की तरह जैसे आप हो गयी हो अब,... "
और मंजू ने इनकी चुदाई का किस्सा सुनाना शुरू कर दिया। लेकिन उसके पहले, मंजू ने मिसेज मोइत्रा को इशारा कर दिया की उन्हें क्या करना होगा अगर दामाद का किस्सा सुनना है,...
" जरा नीचे मुंह लगाओ न, ज़रा ठीक से झाड़ दो तो आज वो सब बताउंगी न की दामाद अगले दिन आएगा तो सीधे मुट्ठी में,... " और मंजू ने अपनी मांसल जाँघे फैला के मिसेज मोइत्रा का सर खींच के अपनी बुर के बीच में,... "
चटवाया तो मंजू ने पहले भी दो चार बार था,... लेकिन आज तो पूरी रात अपनी थी, वरना मिसेज मोइत्रा के मन में ये डर रहता थी की कहीं उनकी जुड़वां बेटियां न आ जाएँ,...
मंजू ने उनका सर पकड़ कर उनके होंठ सीधे अपनी बुर की फांको पर,... और वो चुसूर चुसूर,... ऐसी नौसिखिया भी नहीं थी लेकिन बहुत दिनों से,... मंजू कुछ देर तक उनका सर सहलाती रही और सोचती रही, इस स्साली की दोनों कच्ची उमर वाली बेटियों से चुसवाने में कितना मजा आएगा,... सुबह शाम दोनों टाइम।
छुटकी तो थोड़ी बहुत चंगुल में आ रही है, उसकी चुनमुनिया उन्होंने सहलाई है एकदम कच्ची, लेकिन मक्खन मलाई,... लेने के लिए बिलकुल तैयार,... बड़की भी पट जायेगी, ...
अभी तो उन दोनों की माँ मंजू की जाँघों के बीच चूस रही थी कस के पर सर उठा के वो बोली,...
" मंजू सुना न यार, तूने खुद देखा है न "
मंजू ने उसका सर पकड़ के वापस अपनी बुर पे सटा दिया और बोली,... एकदम देखा है और ये बात गारंटी से कहती हूँ , तेरी चूँची भी चोदेगा वो गाँड़ भी मारेगा। बिना गाँड़ मारे छोड़ेगा नहीं, ... अरे पूरा नंबरी चोदू है, ... दिन में खाने में आएगा और मुझसे पहले ही बोल देगा आज जल्दी नहीं है थोड़ी देर से, ... और दरवाजा भी नहीं बंद करता चालू,... मैं कह रही थी न की तीन पानी बिना झाड़े,... तो पहला पानी तो वो करीब करीब चाट चाट के चूस के
और जब मैडम एकदम गरमा जाती हैं , झड़ने के करीब हो जाती हैं दस बार उसे कहती हैं, साफ़ साफ़ चोद न चोद न, उसकी माँ बहन का नाम ले ले के गारी देती हैं तो पहला धक्का ही इतना कस के मारता है की बच्चेदानी तक हिल जाती है, बांस ऐसा है भी,... “
सुन सुन के मिसेज मोइत्रा की हालत खराब हो रही थी, और अपना सारा जोश वो मंजू की बुर पे दिखा रही थी, पूरी ताकत से चूसती थीं, कभी पूरी जीभ निकाल के चपड़ चाटती थीं सोचती थीं, उस से भी ऐसे ही चटवाउंगी जरा भी मुंह हटाया तो दूंगी एक कस के,...
मंजू को भी चुसवाने में मजा आ रहा था, कभी वो चूतड़ उचकाती तो कभी कस के मिसेज मोइत्रा का सर अपनी बुर पे दबा के रगड़ती,...
" हे जीभ डाल न अंदर, पेल कस के जैसे वो पेलेगा तेरी बुर में,... "
सोच के ही मिसेज मोइत्रा गीली हो गयीं, आराम से खूब चुदी मंजू की बुर की दोनों भरी भरी फांको को उन्होंने ऊँगली से फांक किया और जीभ अंदर ठेल दी, उनकी जीभ गोल गोल घूम रही थी मंजू की बुर में और होंठ दोनों अभी भी बुर चूसने में लगे थे.
बहुत दिन बाद मिसेज मोइत्रा बुर चूस रही थीं, जब वो बोर्डिंग में गयी थीं, क्लास ११ में कलिम्पोंग में