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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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बहुत ही कामुक और उत्तेजित करने वाली कथा है लेकिन मिसेज मोइत्रा और उनके दामाद की रति क्रीड़ा का प्रदर्शन नही देखने को मिला कोमल जी आपसे विनती है आप कोई राजसी कथानक पर भी लिखे जिसमे रति भवन की संभोग लीला हो फेमडोम फेटिश और शिमेल के मैथुन इत्यादि हो अगर आप ये लिखे तो मस्तराम को भी पीछे छोड़ देगी आशा है आप मेरी भावनाओं को समझ रही होगी कृपया राजसी कथानक पर भी लिखे धन्यवादजोरू का गुलाम भाग२०९
मंजू और मिसेज मोइत्रा - किचेन में मस्ती
20,88,002
रोल प्ले में तो मंजू एकदम माहिर, ऐक्शन हो , आवाज हो,... और अब वो एकदम किसी नयी नौसिखिया की तरह, जो पहली बार बुर पर मुंह लगा रही हो, उसी तरह मुंह लगा रही थी, जैसे छेद ढूंढ रही हो, कभी जाँघों के ऊपर वाले हिस्से पे चाटती तो कभी बुर के छेद के ठीक बगल में,... तो कभी गलती से उसकी जीभ क्लिट को छू के हट जाती,... तो मिसेज मोइत्रा के तन में आग लग जाती,...
वो बोलने लगतीं,
" अरे छुटकी क्या करती है, सही जगह चाट न, ओह्ह उफ़ बहुत अच्छा लग रहा है, मस्त चाटती है,... अरे वहां लगा न,... छेद पे सीधे, डाल दे जीभ अंदर "
मिसेज मोइत्रा की छोटी बेटी छुटकी का रोल कर रही, एकदम यंग टीनेजर की तरह छुटकी की आवाज में मंजू बोली,...
" मम्मी, किधर किस छेद में,... आप एक बार साफ़ साफ़,... "
और बिना बात पूरी किये मिसेज मोइत्रा ने दोनों हाथों से सर पकड़ के कस के खींच के सीधे अपनी बुर के छेद पर लगा दिया, और प्यार से हड़काते बोलीं,
" छुटकी तू भी न इत्ती बड़ी हो गयी अभी तुझे छेद सिखाना पड़ेगा, ... अरे मेरी बुर में, आग लगी है वहां, प्लीज बेटी जरा चाट कस कस के, हाँ ऐसे ही,... फिर अंदर डाल, .... ओह्ह छुटकी उफ्फ्फ "
मिसेज मोइत्रा तड़प रही थीं और छुटकी की आवाज निकाल रही मंजू उन्हें तड़पा रही थीं, लेकिन मिसेज मोइत्रा ने कस के उनका सर पकड़ रखा था जैसे कोई बच्चे का हाथ पकड़ के क ख ग लिखना सिखाती हो माँ,...
और छुटकी का रोल निभा रही मंजू की जीभ,.. मिसेज मोइत्रा की रसीली फांकों के ठीक ऊपर से क्लिट के नीचे से लेकर एकदम अंत तक सपड़ सपड़, सपड़ सपड़ चाट रही थी, और फिर दोनों फांको को अपने होंठों में जब दबा के चूसना शुरू किया तो मिसेज मोइत्रा के बदन में आग लग गयी,... एक यंग टीनेजर जो अभी हाईस्कूल में गयी गयी हो, वो जब चूसेगी कितना रस होगा,
मिसजे मोइत्रा अपने बड़े बड़े चूतड़ पटक रही थीं और बोल रहीं थीं हाँ छुटकी हाँ बेटी बस एक बार अंदर, जरा सा अंदर,.. अरे दोनों फांको को फैला के, हाँ ही बस थोड़ा सा और , ओह्ह उफ़ उफ्फ्फ
मंजू एकदम किसी नयी लड़की तरह चूस रही थी, कभी जीभ बुर से बाहर सरक जाती तो कभी चाटते चूसते, और मिसेज मोइत्रा को भी बस यही लग रहा था की उनकी छुटकी बिटिया ही अपनी माँ की बुर चूस चाट रही है, एकदम नए तरह का मज़ा आ रहा था, कभी चूतड़ पटकती तो कभी छुटकी का नाम लेके बुलाती,...
"ओह्ह साली चूस चूस कस के चूस अपनी माँ की बुर, अरे बेटी क्या मस्त चूस रही है, आज झाड़ दे ना तेरी माँ बहुत दिन से तड़प रही है"
और मंजू उनकी बात सुन के और कस के, लेकिन जैसे हो मिसेज मोइत्रा झड़ने के कगार पर होतीं बस जैसे गलती से जीभ निकल जाती,
और वो तड़प उठतीं कराहने लगती, चार पांच बार मिसेज मोइत्रा को झड़ने के कगार पर ले जाकर,... मंजू रुक गयी,... और एक बार जब मिसेज मोइत्रा एकदम झड़ना शुरू कर रही थीं, मंजू ने उन्हें छोड़ दिया और उठ के खड़ी हो गयीं,...
बेचारी मिसेज मोइत्रा, तड़प के रह गयीं, मंजू से बोलीं , यार प्लीज झाड़ दे न,...
मंजू ने मुस्कराते हुए उनका हाथ पकड़ के बिस्तर से उठाते हुए चिढ़ाया भी हड़काया,...
" स्साली, इत्ते दो दो मस्त माल घर में रखे हैं, इसी चूत से निकले तो हैं तो,... अब छुटकी से चुसवा के झड़वाना, ...
मिसेज मोइत्रा की निगाहें कपडे के लिए इधर उधर ढूंढ रही थीं पर कपडे, तो सब मंजू ने हटा दिए थे,
मंजू समझ गयी, हंस के बोली, अरे दामाद से चुदवाना है तो पहले सब लाज सरम अपने भोंसडे में डाल साली और अपने बिटियों की चूत में तभी मस्त मोटा लंड मिलेगा,... घबड़ा मत यार झाड़ दूंगी और तुझे तेरे दामाद से चुदवा भी दूंगी, अभी पेट में आग लगी है चल पहले किचेन में कुछ,...
और वैसे ही नंगी पुंगी,... दोनों किचेन में,
Manju ne Moitra ko bahut sahi lapete me liya hai, haan krne ke alawa koi option nhi haiमान गयीं मिसेज मोइत्रा -
मंजू की बात
मिसेज मोइत्रा इस मामले में एक्सपर्ट थीं की कौन सा काम किससे कैसे कराया जा सकता है और ये पक्का था की अगर उन्हें अपने दामाद को अपनी टांगों के बीच में लाना है,... तो उन्हें मंजू की हर बात माननी होगी। और मंजू बहुत तेज थी, वो उनके सोचने के पहले ही सोच लेती थी की क्या वो सोच रही है,... और झूठ तो उससे बोल नहीं सकती थीं, वो तुरंत पकड़ लेती,
और मंजू के साथ मज़ा भी कितना आ रहा है,... बीसो साल हो गए,... जब कलिम्पोंग के बोर्डिंग में उनकी रैगिंग हुयी थी क्लास ११ में थीं वो, तब आया था, खूब रगड़ी गयीं थी, कित्ती तो गालियां याद की थी उन्होंने,... और जितना उन सब सीनियर्स ने मिल के उससे कई गुना ज्यादा मंजू अकेले,... और सेक्स के मजे के साथ मंजू की हर बात में दम होता था,... सबसे बढ़कर, अगर उनके मन की तन की बात कोई समझता था बिन बोले तो मंजू,... और भले ही डांटे गरियाये, लेकिन बात वो उनके फायदे के लिए ही करती थी और मंजू के चिढ़ाने में बदमाशी में मजा भी तो आता है.
मंजू ने घुसते ही कस के उन्हें दबोच लिया दोनों चूँचियाँ मसलते बोली,
" लगता है बहुत मन कर रहा है अपने दामाद से चुदवाने को,... "
मंजू की इस बात ने मिसेज मोइत्रा का जख्म छू लिया था,... वो हुलस कर बोलीं,...
" अरे मंजू,... वो चोद दे न तो मज़ा आ जाए, इत्ते दिन का उपवास,... लेकिन ये तू ही कर सकती है, तेरी हर बात मानूंगी,... बस. एक बार उसका मूसल घोटवा दे,... "
" अरे साली छिनार एक बार क्यों वो तो बार बार चोदेगा,... दामाद है, .... और खाली चोदेगा नहीं तेरी इन बड़ी बड़ी मस्त चूँची के बीच लंड डाल के रगड़ेगा, चुसायेगा, दोनों चूँची पकड़ के हुमच हुमच के बेटीचोद तेरी गाँड़ मारेगा, कोरी कुँवारी जो अब तक बचा के रखी थी,... फाड़ के रख देगा "
मंजू प्यार से दुलार से मिसेज मोइत्रा की चूँचियो को हलके से मसलते बोली,...
" सब करवा लूंगी, अरे उसी दर्द का तो सपना था,... जो आज तक नहीं पूरा हुआ,... " मिसेज मोइत्रा की आँखे चमक गयीं. और मंजू ने मौका देख कर जिस ओर वो बात मोड़ना चाहती थी मोड़ दी,
पहले एक खूब कस के चुम्मा लिया फिर बोली,
" अच्छा ये बता की तेरा दामाद करता क्या है,... दामाद का तो एक ही काम होता है की,... अब बात पूरी करने की जिम्मेदारी मिसेज मोइत्रा की थी,...
पहले तो झिझकी फिर हलके से मुस्करा के बोलीं,... वो समझ तो रही थी मंजू क्या और किस भाषा में सुनना चाहती हैं, लेकिन झिझक दूर नहीं हो पा रही थी
" दामाद वो जो बेटी को,... " और फिर रुक गयीं,...
बस मंजू अलफ़, कस के मिसेज मोइत्रा के निपल मरोड़ती हड़काया,
" स्साली भोसड़ी की, तेरी बुर में कभी लंड नहीं जाएगा ऐसे,.... बोल तो पा नहीं रही है चुदवायेगी क्या दामाद से,... बोल नहीं तो मैं चलती हूँ,... "
अब मिसेज मोइत्रा की फट के हाथ में आ गयी, हड़बड़ा के बोलीं,...
'दामाद वो जो बेटी को चोदता है,... "
यही तो मंजू सुनना चाहती थी, अबकी दुलार से सीधे उनके होंठों पर कस के चुम्मा लिया और पूछा,
" अच्छा सुन, दामाद तेरा , दोनों बेटियां तेरी,... और तू स्साली कह रही है दामाद जो बेटी को चोदे,... तो तेरी दोनों बेटी को चोद दे तो,... बोल चुदवायेगी दामाद से,... "
मिसेज मोइत्रा अब इतना गरमा गयीं थीं,की खुल के बोलीं
" मेरा दामाद, मेरी बेटियां, चोद ले न, स्साली सीधे से न माने तो जबरदस्ती चोद दे, जब चाहे तब चोदे, उमर तो उन दोनों की भी हो गयी है, मैं कुछ नहीं कहूंगी,.... लेकिन सास के साथ भी तो,... मुझको भी तो,... "
पर अभी भी हलकी सी हिचक हलकी सी आवाज में थी और उसे तोडना जरूरी था,...
मंजू ने कस के मिसेज मोइत्रा का गाल दबाया, उनका मुंह खुल गया, देर से मंजू अपने मुंह में थूक इकट्ठा कर रही थी,... बोली,...
स्साली तेरी मुख शुद्धि करनी पड़ेगी तब तेरी आवाज निकलेंगी, ...
और मंजू के मुंह से ढेर सारा थूक, मिसेज मोइत्रा के मुंह में,...
और मंजू ने अपने होंठों से मिसेज मोइत्रा के होंठों को सील कर रखा था, उसकी देह का पूरा दबाव मिसेज मोइत्रा पर था, वो चूम या चूस नहीं रही थी बल्कि मिसेज मोइत्रा के होंठों को चबा रही थी, साथ में एक हाथ कस के मिसेज मोइत्रा की जबरदस्त चूँची को मसल रहा था और दूसरे हाथ की हथेली, उनकी चिकनी चमेली पर,... फिर एक झटके में मंजू ने दो उँगलियाँ मिसेज मोइत्रा की बुर में जड़ तक पेल दीं और गच्चागच गच्चागच, उस कसी बुर में अंदर बाहर,... क्या किसी मर्द का लंड जाएगा,...
Maan gaye manju ko, apni baaten tark ke sath manana koi manju se sikhe.मंजू ने की रगड़ाई
पर अभी भी हलकी सी हिचक हलकी सी आवाज में थी और उसे तोडना जरूरी था,... मंजू ने कस के मिसेज मोइत्रा का गाल दबाया, उनका मुंह खुल गया, देर से मंजू अपने मुंह में थूक इकट्ठा कर रही थी,... बोली,...
स्साली तेरी मुख शुद्धि करनी पड़ेगी तब तेरी आवाज निकलेंगी, ...
और मंजू के मुंह से ढेर सारा थूक, मिसेज मोइत्रा के मुंह में,... और मंजू ने अपने होंठों से मिसेज मोइत्रा के होंठों को सील कर रखा था, उसकी देह का पूरा दबाव मिसेज मोइत्रा पर था, वो चूम या चूस नहीं रही थी बल्कि मिसेज मोइत्रा के होंठों को चबा रही थी, साथ में एक हाथ कस के मिसेज मोइत्रा की जबरदस्त चूँची को मसल रहा था और दूसरे हाथ की हथेली, उनकी चिकनी चमेली पर,...
फिर एक झटके में मंजू ने दो उँगलियाँ मिसेज मोइत्रा की बुर में जड़ तक पेल दीं और गच्चागच गच्चागच, उस कसी बुर में अंदर बाहर,... क्या किसी मर्द का लंड जाएगा,...
मिसेज मोइत्रा छटपटा रही थीं, हाथ पैर पटक रही थीं छुड़ाने की कोशिश कर रही थीं,... पर मंजू की देह में बहुत ताकत थी.
मिसेज मोइत्रा के मुंह में उसका थूक, मिसेज मोइत्रा की बुर में उसकी दो मोटी मोटी उँगलियाँ,...
दो चार मिनट में ही मिसेज मोइत्रा थक के हार गयीं,... मंजू जान गयी थी अब तक उन्हें, और समझ रही थी की मिसेज मोइत्रा को इस जबरदस्ती में बहुत मजा आ रहा होगा,... और फिर अभी, आज रात को ही मिसेज मोइत्रा के इसी मुंह में बहुत कुछ जाना था, आज रात को मिसेज मोइत्रा की पूरी सोच बदल जानी थी, लड़को के लिए और सबसे उन दोनों कबुतरियों के लिए जिसे उन्होंने पिजड़े में बंद कर रखा था
मजा तो तब है जब मिसेज मोइत्रा खुद पिंजड़ा खोल के अपनी दोनों कबुतरियों को अपने दामाद के हवाले कर दें,... और उन्हें उड़ने के लिए छोड़ दें,...
और जब मंजू ने अब मिसेज मोइत्रा को छोड़ा और
निपल उमेठती हुयी बोली,
" चल साली बोल, तेरी बेटी और तेरा दामाद,... "
अबकी मिसेज मोइत्रा की आवाज में कोई भी हिचक नहीं थी बल्कि एक नयी मस्ती थी,... वो ख़ुशी से बोलीं,
" अरे यार बेटियां मेरी, दामाद मेरा,... दामाद का काम ही है बेटियों को चोदना,... आखिर इत्ता ढूंढ ढांढ के दामाद लाते क्यों हैं बेटी को भेजते क्यों है चुदवाने के लिए न ,.बेटियां मेरी, दामाद मेरा, जवानी मेरी बेटियों पर चढ़ी, जोबन उनके गदरा रहे हैं, खूंटा मेरे दामाद का तना रहता है, तो बेटियों को दामाद नहीं चोदेगा तो कौन चोदेगा ... तो चोदना हो तो चोद दे मेरी बेटियों को मेरा दामाद,... "
मिसेज मोइत्रा में मंजू की आत्मा घुस गयी थी,... दोनों पक्की सहेलियों की तरह खिलखिलाती रहीं बड़ी देर तक और मंजू कस कस के उनकी कसी टाइट बुर में ऊँगली करती रही, कभी गोल गोल घुमाती,.... कभी चम्मच की तरह मोड़ के बुर की अंदर की दीवालों को खुजलाती, तो कभी जब कैंची की फाल की तरह फैलाती तो मिसजे मोइत्रा की जान निकल जाती, लेकिन उन्हें मजा भी आ रहा था , चूत से चाशनी निकलनी शुरू हो गयी थी.
" अबे स्साली एक बात है लेकिन तेरे दामाद में,... "
मिसेज मोइत्रा बोली नहीं उन्हें मालूम था मंजू बात पूरा करेगी,... और मंजू ने बात पूरी की,... जोर जोर से ऊँगली करते हुए,
" स्साला तेरा बहनचोद दामाद,... उसे तेरी बेटियां अपनी स्सालिया नहीं,... ये चाहिए ये, अपनी सास का भोंसड़ा। स्साला मरता है उसके लिए, कित्ती बार मैंने अपने कान से सुना, जो स्साला को चोदते हुए तेरे जोबन की तारीफ़ करे,... और दो तीन राउंड के बाद तो कम से एक राउंड और,... उसकी बीबी बोलती है ,
" अबे यार चल तेरी किस्मत में तो वो मस्त माल है नहीं, तू मुझे ही मिसेज मोइत्रा समझ के चोद ले,... "
और सुनते ही तीन राउंड के बाद ही उसका लोहे के रॉड ऐसा कड़ा, खड़ा हो जाता है और फिर तो वो चुदाई होती है नॉन स्टाप, जैसे कोई धुनिया रुई धुनें, और हर धक्का बच्चेदानी तक सीधे,... तीन बार झाड़ के ही उसका झड़ता है,... और ये सब सिर्फ तेरे बारे में सोच के होता है,... और सोच अगर तू सच में उससे चुद गयी, तेरा पाँव धुल के पियेगा,... "
" रोज पिलाऊंगी " हंसती हुयी मिसेज मोइत्रा बोलीं,....
और मंजू ने मिसेज मोइत्रा की गीली बुर से चाशनी से डूबी उँगलियाँ दोनों निकाल के मिसेज मोइत्रा के मुंह में ठूंस दी हलक तक. मिसेज मोइत्रा मजे से अपनी ही चाशनी मंजू की ऊँगली से चाट रही थीं, और मंजू उनकी दोनों कबुतरियों के बारे में बात कर रही थीं,
" चोदना तो अपनी सास को चाहता है वो लेकिन जीजा साली का रिश्ता, फिर उसकी सालियों पर जवानी चढ़ रही है तो कहीं कभी मन आ जाए जीजा साली का चोद ही दे,... इसलिए में कह रही थी ज्यादा चूतड़ मत पटकना,.. लेकिन मन उसका इन चूँचियो में ही उलझा है। लेकिन असली परेशानी उसे पटाने में तेरी बेटियां ही है , इसलिए की तुम उन दोनों से डरती घबड़ाती हो,... कहीं देख ले क्या सोचेंगी,... बस इसी घबड़ाहट में जवानी निकल जाती है। मेरी बेटी उसका खून खच्चर महीने वाला शुरू हुआ , एकदम मेरी सहेली सब काम मैंने ही उसे समझाया, खाली माँ बेटी, ... बाकी बातें माँ समझाती है तो चुदवाना कौन सिखाएगा,... "
बात मंजू की सही थी और मिसेज मोइत्रा भी मान रही थीं मंजू मन के अंदर की बात पकड़ लेती है और अगर उन्हें अपने दामाद के साथ मज़ा लेना है तो जो जो मंजू कहे वो करना होगा।
मंजू ने मिसेज मोइत्रा के मुंह से ऊँगली निकाल ली थी और उसमें उनका जो मुख रस लगा था, उसे प्यार से मिसेज मोइत्रा के गाल पर लपेटते हुए समझाया, ...
" देख यार तेरी बेटियां, मेरी बेटी, लेकिन अपनी जवानी, अपना जोबन हरदम थोड़ी रहने वाला है और तेरे पीछे तो एक मस्त सांड़ पड़ा है,... और मैं कहती हूँ एक बार वो तेरी ले लेगा न तो एकदम गुलाम हो जाएगा, जब ब्लाउज के ऊपर से देख के टनटनाता है उसका तो एक बार खोल के पकड़ा देगी या उसका खोल के पकड़ लेगी तो फिर तो नाक रगड़वाएंगी तो नाक रगड़ेगा तेरे आगे. "
Mtlb suhagaraat jesi hi manegi apni damad ke sathसमझ गयीं मिसेज मोइत्रा
मंजू ने मिसेज मोइत्रा के मुंह से ऊँगली निकाल ली थी और उसमें उनका जो मुख रस लगा था, उसे प्यार से मिसेज मोइत्रा के गाल पर लपेटते हुए समझाया, ...
" देख यार तेरी बेटियां, मेरी बेटी, लेकिन अपनी जवानी, अपना जोबन हरदम थोड़ी रहने वाला है और तेरे पीछे तो एक मस्त सांड़ पड़ा है,... और मैं कहती हूँ एक बार वो तेरी ले लेगा न तो एकदम गुलाम हो जाएगा, जब ब्लाउज के ऊपर से देख के टनटनाता है उसका तो एक बार खोल के पकड़ा देगी या उसका खोल के पकड़ लेगी तो फिर तो नाक रगड़वाएंगी तो नाक रगड़ेगा तेरे आगे. "
मिसेज मोइत्रा मंजू की बात सुन के मुस्करा रही थीं, बात एकदम सही कह रही थी, कितनी बार उन्होंने देखा है वो आता है उनकी बेटियों को लेने के लिए लेकिन चोरी चोरी चुपके चुपके बस उन्ही के चोली के फूल, और कहीं जान बूझ के शरारत से आँचल उन्होंने हल्का सा लुढ़का दिया
तो क्या कस के स्साले की पेंट टाइट हो जाती है, दूर से ही लम्बा मोटा नजर आता है,... लेकिन बात अब आगे बढ़नी चाहिए न देखा देखी से, ललचाता वो भी है, चाहती मिसेज मोइत्रा भी लेकिन कैसे,
और मंजू ने नब्ज पकड़ ली और इलाज भी बता दिया,...
" देख बे, असली परेशानी है तेरी बेटियां, बल्कि जिस तरह से तू उनके बारे में सोचती है,.... अब उस दिन अपने होने वाले यार का लंड पैंट के ऊपर से छू रही थी न तू, बस खोल के एक बार पकड़ लेती, मन तो तेरा कर रहा होगा न,... "
मिसेज मोइत्रा ने हामी में सर हिलाया,... और मंजू ने बात आगे बढ़ाई,
" तो क्यों नहीं पकड़ा,... और तू एक बार पकड़ लेती न लंड उसका खुल्लम खुल्ला, तो उस बहनचोद की भी झिझक खुल जाती, समझ जाता की तो तू खुद चुदवासी हो रही बस वो मौका निकाल के चोद देता, लेकिन क्यों नहीं पकड़ा,... इसलिए की तुझ साली को अपनी बेटियों का डर लग रहा था, की कहीं वो न आ जाएँ , क्या सोचेंगी,... और वो बहनचोद भी यही डर रहा था,.... की उसकी सालिया सोचेंगी की जीजू उनकी मम्मी पे लाइन मारते हैं... इसलिए वो ललचा रहा था वरना वो तेरे जुबना पकड़ लेता,...
तो बस मुझे यही डर लग रहा है की स्साली तुम दोनों की उमर इसी शरमा सरमी में निकल जाएगी, अरे जिसने की सरम उसके फूटे करम,... और जिसने सरम गंवाई उसने खायी रबड़ी मलाई, तो तुझ स्साली को अगर दामाद की रबड़ी मलाई घोंटनी है तो बेटियों से सरम हिचक छोड़नी पड़ेगी वरना उसी सरम में ये जोबन गँवा दोगी और वो अभी तो मरता है तुझे पे लेकिन कितने दिन,... "
मिसेज मोइत्रा हाँ में सर हिला रही थीं लेकिन उनकी समझ में नहीं आ रहा था हल क्या है।
मंजू जोर से हंसी और बोली,
" यार देख तू मान ले की तेरी बेटियां भी बड़ी हो गयीं हैं , जवान हो रही हैं जोबन आ रहा है,
तो बस तू ये बात मान ले, उन्हें छोटी बच्ची मानना बंद कर दे तो वो भी तेरी देह की आग समझेंगी, उनके सामने भी अगर चिपका चिपकी करोगी तो वो कुछ नहीं बोलेंगी,... मान लेंगी मम्मी का भी मन करता होगा,...
तांक झांक उनके कमरे में जाना मोबायल चेक करना,... देखो अगर ये सब करोगी और वो तुझे तेरे दामाद के साथ कुछ करते देखेंगी तो बुरा लगेगा,... उन्हें की मम्मी तो हमें पिंजड़े में बंद करके रखती हैं और खुद .“ तो उन्हें सहेली की तरह मानो, अच्छे वाले मज़ाक करो, छेड़ो,... और अपने दामाद का नाम ले ले के ही,...
' अरे कैसी सालियाँ हो, हमारे जीजू होते तो मैं तो सीधे गोद में बैठती, जीजू साली में तो सब कुछ चलता है,..."
कभी थोड़ा लेट हो जाएँ तो, कुछ मत बोलो, बल्कि खुद उन्हें बाहर जाने को बोलो, कहीं बाहर से कुछ सामान लाना है, उन्हें समझाओ की चाहे तो अपनी सहेली के यहाँ चली जाएँ फिर देखना,... वरना ऐसे ही तड़पते तड़पते,... और वो बिचारा भी कबतक इन्तजार करेगा,... हफ्ता, दस दिन महीना, मान लेगा ये मिसेज मोइत्रा मिलने वाली नहीं,... बस हाथ मलती रहना। "
मंजू की बात मिसेज मोइत्रा के मन में घर कर रही थी और साथ साथ मंजू की उँगलियाँ जो एक बार फिर से चूत की गहराइयों में मंथन कर रही थी,...
मंजू ने छेड़ा,... इसी में से निकली होंगी दोनों जुड़वां बहनें,...
और मिसेज मोइत्रा खिलखिला के हंसी, बोलीं
" आज यह पहली बात मंजू तूने गलत बोली,.... वरना तेरी हर बात १०० फीसदी सही, अरे यार वो दोनों, आपरेशन से हुयी थीं, और लेडी डाक्टर मेरी सहेली थी, इतना बढ़िया आपरेशन किया एक चीरे का निशान भी नहीं दिखता,... और मेरी बुर उस कमीनी डाक्टर ने, बोर्डिंग में मेरी जूनियर थी,... उसी के साथ फिर से जो थोड़ी बहुत ढीली हुयी भी थी, फिर से टाइट कर दी और चिढ़ाया की जीजू को अब सुहागरात का मजा मिलेगा,... उसे क्या मालूम था का जीजू का मैगी छाप है उसी तरह पतला उसी तरह लुजलुज, .... "
अब मंजू समझी साल्ली छिनार की इतनी टाइट क्यों है, कुँवारी तो नहीं लेकिन नयी ब्याही ऐसी ही लगती है,...
what now I do is to ' reserve' or block space on a page starting from the first post to normally 6 posts, when i start coming up with a new post.haha...ok. Madam...But I could only see post 207 on pg#1035. After that, no update...am I missing something? What about post 208??
maine upar 209 statement dekha..but could not find the update...was wondering if it got deleted....or on a lighter note...that update had "Mr India" watch...yaane "invisible" ho gaya hain
look forward to it thoughThanks.
komaalrani
बहुत बहुत धन्यवादबहुत ही कामुक और उत्तेजित करने वाली कथा है लेकिन मिसेज मोइत्रा और उनके दामाद की रति क्रीड़ा का प्रदर्शन नही देखने को मिला कोमल जी आपसे विनती है आप कोई राजसी कथानक पर भी लिखे जिसमे रति भवन की संभोग लीला हो फेमडोम फेटिश और शिमेल के मैथुन इत्यादि हो अगर आप ये लिखे तो मस्तराम को भी पीछे छोड़ देगी आशा है आप मेरी भावनाओं को समझ रही होगी कृपया राजसी कथानक पर भी लिखे धन्यवाद
Wow Madam..now I could understand and relate to your (empty) post nos on that page. Fully agree with what you wrote and explained. You are one of a kind (in a very positive way) in this forum.what now I do is to ' reserve' or block space on a page starting from the first post to normally 6 posts, when i start coming up with a new post.
The last part 209 is on page 648, So if I mention somewhere that part 209 is page 609, he will not have to search among all the 10 posts, it will be right on the top of the page. Secondly, suppose, I am planning to post 5 or 6 parts but it is taking me some time to look for pictures or I got caught up in some other chore, and some reader comes and posts a comment, it may lead to a situation where that particular post spills into the next page.
This ensures continuity and is easy to read for the reader without discontinuity.
However, if someone comes, he will see a lot of blank posts only with a number on the top and it adds to his frustration. To alleviate this, in the last post i mentioned that this is a work in progress and please read after all the posts are posted.
I try my best, to innovate, and change to ensure that the reading experience is not flawed. and it is one step in that direction. And this must have led to the situation you found yourself, Mr India Posts a very apt name you coined.
But I am happy to see you on my page and read your comments. Thousand thanks
Wow Madam..now I could understand and relate to your (empty) post nos on that page. Fully agree with what you wrote and explained. You are one of a kind (in a very positive way) in this forum.
komaalrani