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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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Hota hai kabhi kabhiKlpd ho gya disco me
एकदम कई बार लड़कियां जान बूझ के तड़पाती हैं और असली बात निधि की थी, उसके घरवालों ने बोल रखा था बारह बजे वापस आ जाने को। और गुड्डी उसी के साथ गयी थी इसलिए वो भी,कोमला जी को 1100 पेज पूरे करने पर बधाई। आप सचमुच अद्भुत और शानदार हैं। आपने डिस्को संस्कृति को बहुत अच्छी तरह से चित्रित किया है लेकिन बेचारे लड़कों का केएलपीडी करवा दिया। आशा है कि अगली बार उन्हें भी ब्याज मिलेगा और गाइडी के दोनों छिद्रों का उपयोग इसके लिए किया जाएगा।![]()
भाग्यशाली तो मैं हूँ, यह थ्रेड है इस थ्रेड के पाठक मित्र हैंधन्यवाद कोमल जी. आपकी टिप्पणियाँ पढ़कर बहुत खुशी और संतुष्टि मिलती है। बिल्कुल अपनी कहानी की तरह, आप एक माला में मोतियों की तरह टिप्पणियाँ देती है। रिश्तों के बीच सहजता और परिपक्वता को लेकर आपमें जिस तरह की समझ है....उसका कोई मुकाबला नहीं है। मैं आप जैसी मित्र और समीक्षक पाकर प्रसन्न और भाग्यशाली हूं![]()
Arushi ji ka jawab nahi
अभी तो सास जवानी के मजे ले रही है...Part 6
बेड पे ले जाके उसको बिठाया
होठों को होठों से उसने मिलाया
हाथो में लेके उसका हसीन चेहरा
लेने लगा चुम्बन होठों का गहरा
साड़ी का सीने से फिर पलु हटाके
चूस रहा था उसके मम्मे दबाके
कोने पे गिरी पड़ी थी उसकी साड़ी
ब्रा और पैंटी लग रहे थे उसको भारी
![]()
उतर गए अब वो भी धीरे-धीरे
चूत में रेंगने लगे हजारो कीड़े
एक एक अंग को वो लगा चूमने
उसकी चूत की खुशबू लगा सुंघने
छुप छुप के चुची दिखती हो क्यो
मेरी जान मुझको सताती हो क्यो
तुम्हारी चूत की खुशबू कितनी है प्यारी
चाटूंगा और पेलुंगा इसे मैं रात सारी
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नीचे से उसने कमर को अब उठाया
अपनी चूत पे उसके होठों को दबाया
समझ गया सासु माँ का इशारा
चाट गया चूत का रस वो सारा
मछली के जैसे वो तड़पाने लगी
बिस्तर पे बदन को पटकने लगी
दामाद के वो कपडे लगी उतारने
पकड़ उसका लौड़ा लगी निहारने
हाथ में पकड़ लंड वो कांप गई थी
आज मेरी फ़ेडेगा वो भांप गई थी
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अपनी जीभ उस पर लगी फेरने
लटक रहे गोटो को लगी छेड़ने
पकड़ मुँह लौड़ा लगा पेलने
चूचो से उसका लगा खेलने
ऐसे ने मुझको तुम इतना सताओ
जल्दी से अपने ये लौड़ा घुसाओ
निचोड़ के रख दो ये ज़ालिम जवानी
मेरी चूत में बरसा दो लौड़े का पानी
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आँखो ही आँखो में हुआ फ़िर इशारा
राहुल ने कस के फिर धक्का एक मारा
लन ऐसे घुसा जैसे माखन में छुरी
बरसों की दबी प्यास हुई आज पूरी
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पहुंचा दिया था लौड़ा उसने ऐसे छोर
जहां नहीं पहुंचा अब तक कोई और
बरसो बाद उसका भोसड़ा बज रहा था
फच फच का मधुर संगीत सज रहा था
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ऐसे चोदो तुम जैसी मैं हूँ कोई रंडी
जब तक इसकी आग ना हो जाए ठंडी
सचमुच चित्रों के साथ सही तालमेल...
सास की कशिश भी कुछ कम नहीं...Concluding part
सासू जी बन जाओ घोड़ी
गांड उठाओ ऊपर थोड़ी
कितनी चौड़ी कितनी प्यारी
सासू जी ये गांड तुम्हारी
upload images
अब इसमे लन घुसाऊंगा
अब उसको खूब बजाऊंगा
गांड नहीं मरवा सकती मैं तुम्हारा लौड़ा बहुत है मोटा
चुदी चूत का भोसड़ा बन गया गांड का छेद बड़ा है छोटा
सासू जी घबराओ मत मैं तेल लगा के ठोकुंगा
जहां भी तुमको सहन ना हो वही पे लौड़ा रोकूंगा
शुरू-शुरू में तुम्हारी बेटी वो भी थी इतना चिल्लाती
जब तक अब ना ले गांड में लौड़ा उसको नींद नहीं आती
उसको चाहे जैसे चोदो वो अब बीवी तुम्हारी है
ऐसे कैसे दे मैं दू तुमको मेरी गांड कुंवारी है
बिना चोदे ये गांड तुम्हारी अब अपनी चुदाई अधूरी है
अपने दामाद से प्रथम मिलन पे इतना सगुन जरूरी है
पहले लेके तेल जरा सा लौड़ा चिकना कर लो
मेरी गांड में भी अंदर तक तेल जरा सा भर लो
वादा करो तुम पहले मुझसे धीरे से घुसाओगे
जैसे ही मैं झेल ना पाउ तुम वही रुक जाओगे
जैसे घुसा सुपाड़ा अंदर खुल गया गांड का छल्ला
रोक लो इसको बाहर निकालो लगी मचाने हल्ला
रुका नहीं राहुल ये सुन के धक्का और दिया करारा
सासू की कुंवारी गांड के छोर पे पहूंचा दिया सुपाड़ा
गाय जैसी सास के ऊपर चढ़ा हुआ था सांड
हचक हचक के चोद रहा अपनी सास की गांड
थोड़ी से पीड़ा के बाद लगा मजा अब आने
उछल-उछल के सासु जी लगी गांड मारवाने
आज चुदवा के तुमसे मुझको जन्नत का मिला नजारा
रेनू तो रात को आएगी देर से तो चोद दो मुझे दोबारा
जितने दिन रुकी सासू मा रोज़ चुदाई होती थी
घर के हर कोने में उसकी खूब ठुकाई होती थी
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