Part 6
बेड पे ले जाके उसको बिठाया
होठों को होठों से उसने मिलाया
हाथो में लेके उसका हसीन चेहरा
लेने लगा चुम्बन होठों का गहरा
साड़ी का सीने से फिर पलु हटाके
चूस रहा था उसके मम्मे दबाके
कोने पे गिरी पड़ी थी उसकी साड़ी
ब्रा और पैंटी लग रहे थे उसको भारी
उतर गए अब वो भी धीरे-धीरे
चूत में रेंगने लगे हजारो कीड़े
एक एक अंग को वो लगा चूमने
उसकी चूत की खुशबू लगा सुंघने
छुप छुप के चुची दिखती हो क्यो
मेरी जान मुझको सताती हो क्यो
तुम्हारी चूत की खुशबू कितनी है प्यारी
चाटूंगा और पेलुंगा इसे मैं रात सारी
नीचे से उसने कमर को अब उठाया
अपनी चूत पे उसके होठों को दबाया
समझ गया सासु माँ का इशारा
चाट गया चूत का रस वो सारा
मछली के जैसे वो तड़पाने लगी
बिस्तर पे बदन को पटकने लगी
दामाद के वो कपडे लगी उतारने
पकड़ उसका लौड़ा लगी निहारने
हाथ में पकड़ लंड वो कांप गई थी
आज मेरी फ़ेडेगा वो भांप गई थी
अपनी जीभ उस पर लगी फेरने
लटक रहे गोटो को लगी छेड़ने
पकड़ मुँह लौड़ा लगा पेलने
चूचो से उसका लगा खेलने
ऐसे ने मुझको तुम इतना सताओ
जल्दी से अपने ये लौड़ा घुसाओ
निचोड़ के रख दो ये ज़ालिम जवानी
मेरी चूत में बरसा दो लौड़े का पानी
आँखो ही आँखो में हुआ फ़िर इशारा
राहुल ने कस के फिर धक्का एक मारा
लन ऐसे घुसा जैसे माखन में छुरी
बरसों की दबी प्यास हुई आज पूरी
पहुंचा दिया था लौड़ा उसने ऐसे छोर
जहां नहीं पहुंचा अब तक कोई और
बरसो बाद उसका भोसड़ा बज रहा था
फच फच का मधुर संगीत सज रहा था
ऐसे चोदो तुम जैसी मैं हूँ कोई रंडी
जब तक इसकी आग ना हो जाए ठंडी