Last part
चाची उठ कर बिस्तर से जरा मेरी गोद में आओ
मेरे होठों को चूत से अपना अमृत रस पिलवाओ
चाची मेरे मुख पे फिर बैठ गई खोल के योनि द्वार
अपनी जीभ से लगा चाटने ऊसमे से रस की धार
चाची चलो अब बिस्तर पर वही खेलेंगे अब खेल
आ चाची तेरी प्यासी चूत को लौड़े से दू अब पेल
पहुंच गई चाची बिस्तर पर कच्छी नीचे सरकायी
खोल के अपनी दोनों फाँके टपकती चूत दिखायी
पहले ही अपनी जीभ से तूने मुझको दिया है झाड़
अब घुसा के अपना मोटा लौड़ा मेरी चूत दे फाड़
पकड़ के कमर चाची की पीछे खिंचा फिर थोड़ा
पकड़ के मम्मे चाची के गांड पे लगा रगड़ने लौड़ा
खोल के जांघें चाची की फिर रखा छेद पर लौड़ा
रख की तकिया गांड के नीचे पैरों को थोड़ा मोड़ा
थाम के चुची चाची के और होठों पर रख के होठ
अपने लौड़े से चाची की चूत पर मैंने कर दी चोट
जैसा ही मोटा सुपाड़ा चूत की फांको में हुआ पैबंद
मस्ती में सिस्की चाची और उसकीआँखें हो गईं बंद
हल्के से फिर खींच सुपाड़ा दिया जोर का झटका
चूत की झिल्ली पे फिर जाकर मेरा लौड़ा अटका
समझ गया चाची की चूत की फटी नहीं है झिल्ली
मुझे ही अब चूत चोद चोद के करनी होगी ढिल्ली
अगले धक्के में चूत फटी चाची की निकली चीख
मुन्ना लौड़ा निकाल ले बाहर तुझसे मांगू मैं भीख
चाची कोई सुन ले गा चिल्लायो ना इतना ज्यादा
चाची तेरी टाइट चूत में मेरा अभी घुसा है आधा
सुन मुन्ना तेरा चाचा तो बिस्तर पर है पूरा छक्का
असली मर्द का आज लगा है मेरी चूत पर धक्का
चूत में जब है लगे कुलबुलाने चुदाई वाला कीड़ा
पहली बार लेने पे लौड़ा फिर मिलती है ये पीड़ा
लेकिन इस पीड़ा से कोई औरत कभी नहीं घबराए
मर्द में दम हो तो वो ये पीड़ा ख़ुशी ख़ुशी सह जाए
औरत की चूत तो बनी हुई है खाने को लंड की मार
औरत की छेद हर रात लंड निगलने को रहते हैं त्यार
चाची इतनी ज्ञान की बातें फ़िर काहे मुझे समझाये
चूत में तुमको जब लेना है लौड़ा फिर काहे चिल्लाये
जिस चूत में घुसा नहीं है कुछ चार इंच से ज़्यादा
एक झटके में घुसा दिया तूने अपना लौड़ा आधा
चाहे मैं चीखू चिल्लाऊं लेकिन तू मत रहम दिखाना
अपना ये लम्बा लौड़ा मेरी बच्चे दानी तक पहुचाना
चाची को खिसकाया मैने बिस्तर के कोने में थोड़ा
हचक हचक कर लगा पेलने उसकी चूत में लौड़ा
चाची को फिर पलट के बिस्तर पे बना दिया घोड़ी
फ़िर लगा लगाने धक्के गहरे गांड पकड़ के चौड़ी
मुन्ना अब तुम आ जाओ नीचे मैं तेरे ऊपर आऊंगी
कूद कूद के तेरे लौड़े पे अब अपनी चूत मारवाऊंगी
चार बार उस रात को चाची फिर मुझ से चुदवाई
कभी चुदाई वो मेरे नीचे और कभी वो ऊपर आयी
पहली बार झड़ी हूं इतना मेरी काँप रही अब टागे
अपनी गांड भी दे दू तुझको कभी जो मुझसे मांगे
उस रात पूरे बदन पे चाची के हो गए थे लव बाइट्
एक रात में कर दी खुल्ली कल तक थी जो टाइट
छाती पर सिर रख चाची मेरे बा बालों को सहलाए
औरत कैसे ख़ुश रखी जाती है वो मुझको समझाए
औरत चोदते वक्त बिस्तर में जो मर्द रहम दिखाये
औरत उस मर्द के लंड के नीचे फिर कभी ना आये
चुदते वक्त औरत बिस्तर में पसंद करती है वो मर्द
पटक के चोदे चूत बेरेहमी से दे के मिट्ठा मिट्ठा दर्द
मसल मसल के दोनों चूची जो धक्के खूब लगाए
फाड़ के फुद्दी औरत की लौड़ा नाभी तक पहुँचाये
किसी औरत के लिये नहीं कोई इससे ज्यादा दुख
बिस्तर पर मिलता नहीं जब पति से मन चाहा सुख