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Are man gar Komalji. Kab se taras gae the. Jiju ke aane ka. Vo aa gae to fir chhinar Nandita rani guddi ke aane ka. Aa gai kache pichhvade vali.जोरू का गुलाम भाग २१६
कमल जीजू और गुड्डी का पिछवाड़ा
आ गयी गुड्डी
कमल और अजय जीजू की निगाह एक बार फिर से गुड्डी की मेन्टलपीस पर रखी पिक्चर पर पड़ी ,
" क्या मस्त पटाखा है , स्साली। " अजय के मुंह से निकल गया।
" स्साली का पिछवाड़ा तो देखो , क्या हॉट हॉट है ,... " रीनू ने और आग लगाई।
कमल जीजू ने ठंडी सांस भरी , " स्साली एक बार मिल जाय गांड मारने को। "
मैंने मुंह में खूब ढेर सारा थूक इकठ्ठा किया और सब धीरे धीरे कमल जीजू के खूंटे पर , मैं क्यों आग भड़काने का मौका छोड़ती , मैंने भी बोल दिया ,
" जीजू इस टीनेजर का पिछवाड़ा एकदम कोरा है , कच्ची कसी कसी , ... कैसे पेल पाएंगे आप अपना मोटा खूंटा ,..."
"" अरे यार एकदम कच्चे लौंडो की मैंने फाड़ी है , लेकिन क्या नमक है इसमें और रीनू सही बोलती है , मस्त ब्वाइश चूतड़ हैं इसके , बस मिल जाए ,... "
कमल जीजू गुड्डी की गाँड़ फाड़ने के लिए पागल हो रहे थे।
मैंने थोड़ा सा और थूक उनके खूंटे पर डाल कर स्लर्प स्लर्प कमल जीजू के सुपाड़े को और गीला कर के ,... असल में , मैं इतना ज्यादा थूक परोपकार के लिए ,... अपनी ननद के फायदे के लिए लगा रही थी। मेरी कमीनी बहन , तो कमल जीजू को तेल वैसलीन कुछ भी लगाने नहीं देगी , पक्की आर्गेनिक है वो ,... नथिंग केमिकल , और कुछ तो चिकनाई इस थूक से ,...
हलके हलके मुठियाते मैंने जीजू को और उकसाया
"अरे जीजू आपने लौंडो की फाड़ी होगी, इस माल का पिछवाड़ा बहुत टाइट है। छेद क्या दरार भी नहीं है, पूरी कलाई के जोर से मैंने पेलने की कोशिश की थी पर ऊँगली भी नहीं गयी अंदर। और आपका तो मेरी मुट्ठी में भी नहीं समाता। " मैंने और आग में घी डाला
वास्तव में कमल जीजू का बहुत मोटा था।
मैंने फिर घडी की ओर देखा , बस चार मिनट , और मैंने भी कमल जीजू को छेड़ते हुए , उनके गाल सहलाते हुए ,...
" जीजू , मेरी दो शर्त हैं , आप मान जाइये तो क्या पता , आपको मिल जाए इस पटाखे का कोरा पिछवाड़ा ,... "
" अरे यार इस के पिछवाड़े के लिए दो के मैं सौ शर्त मान जाऊँगा , लेकिन तुम न बस ,... " कमल जीजू की आँख अभी भी गुड्डी की फोटो पर चिपकी थी।
" तो चलिए देखिये मेरी पहली शर्त है आप उसकी कोरी गांड मारिएगा मत ,... " मैंने बोला और बिचारे कमल जीजू का मुंह लटक गया ,
" मतलब ,... " किसी तरह से उनके मुंह से निकला।
मैं जोर से खिलखिलाई और कस के उनके खड़े खूंटे को दबाती बोली ,
" अरे जीजू मेरा मतलब एकदम साफ़ है , इस पटाखे की कोरी गांड मारिएगा मत , .... एकदम फाड़ दीजियेगा। हचक हचक के ,... "
और अगर मेरा मतलब अभी भी साफ न हुआ तो तो मैंने दोनों हाथ के अंगूठे और तर्जनी को जोड़ के बड़ा सा छेद बनाया ,
" बस ऐसा , खूब चाकर ,... अगर आपके गांड मारने के बाद भी वो खड़ी हो पाए अपने पैर न , ... तो जीजू हमारी आपकी परमानेंट कुट्टी। "
" इतनी चौड़ी हो जाय की मेरी मुट्ठी सटासट उसकी गांड में चली जाय , और सोच लीजिये जीजू , अगर ऐसी चौड़ी न हुयी तो बस मेरी मुट्ठी और आपका पिछवाड़ा"
, .. " रीनू क्यों चुप रहती।
" पर आप दोनों की बहन लगेगी वो , रिश्ते में , ... मेरी ननद है। " मैंने और छेड़ा और अबकी जवाब अजय जीजू ने दिया ,
" यार ऐसी बहन हो तो कोई भी बहनचोद होने को तैयार हो जाएगा। "
" तुम दोनों न , खाली आग लगाती हो ,... अरे बस मिल जाए न, पक्का ऐसा फाड़ूंगा उसकी , ..बड़ा से बड़ा मोची भी नहीं सिल पायेगा। लेकिन एक बार मिल तो जाय ,... सोच सोच के ही कमल जीजू का खूंटा पत्थर का हो गया था।
और दरवाजा खुलने की आवाज आ गयी , मैं समझ गयी , जीजू की बात का जवाब मिल गया है , गुड्डी ही होगी।
" पता नहीं कौन है " मैं बुदबुदायी और शेर को एक बार फिर से पिंजड़े में डाल दिया , और अपना टॉप भी नीचे कर लिया।
और गुड्डी ही थी।
गुड्डी की आंखे मेरे दोनों जीजू पर ,
और दोनों जीजू की आँखे उस किशोरी पर ,.. न इनके बोल फूट रहे थे न उसके ,
मैं ही बोली ,
गुड्डी मेरी ननद , अभी जस्ट इंटर पास किया है कुछ दिन पहले ,
मेरे दोनों जीजू ,बेचारे दोनों के खूंटे एकदम खड़े, सामने वो फोटो से भी ज्यादा हॉट लग रही थी।
…………
Shandar updateकच्ची कच्ची कोरी टाइट पिछवाड़े पर हमला
जीजू ने दूसरी ऊँगली गुड्डी की कसी कोरी टाइट मस्त गाँड़ में घुसाने की कोशिश की तो गुड्डी बड़ी जोर से चीखी , और जीजू ने ऊँगली निकाल कर ,
उस टीनेजर के चीखने का फायदा उठाकर सीधे , उसके मुंह में ,...
इतनी ट्रेनिंग तो मैंने गुड्डी रानी को दे ही दी थी , वो हलके हलके उस ऊँगली को चूसने चाटने लगी , ... और अब रीनू मेरी बहन भी मैदान में आगयी। आखिर गुड्डी उसकी भी तो ननद थी , उसकी भी तो जिम्मेदारी बनती थी ,...
रीनू ने कस कर गुड्डी के गोल गोल नितम्बों को पकड़ा , प्यार से सहलाया और फिर पूरी ताकत से दोनों नितम्बों को पकड़ कर फैला दिया , रीनू दे दोनों हाथों के अंगूठे गांड के छेद को फैलाये हुए थे ,
बस , कमल जीजू ने गुड्डी के मुंह से गुड्डी के थूक से भीगी गीली ऊँगली निकाली और उस ऊँगली के साथ अब एक ऊँगली उसी के नीचे चिपका कर पेल दी।
रीनू के अंगूठो ने पूरी ताकत से गांड चियार रखी थी , और अबकी दोनों उँगलियाँ जड़ तक अंदर घुसी।
…………………………………………………..
फिर तो क्या कोई लंड गांड मारेगा , जिस तरह कमल जीजू की दोनों उंगलियां अंदर बाहर , गपागप गपागप , सटासट ,
बीच बीच में वो अंदर घुसी दोनों उँगलियों को कैंची की फाल की तरह फैला देते तो मेरी ननद चीख उठती ,
साथ साथ पिछवाड़े के छेद से अंदर घुसी दोनों उंगलिया , अंदर की दीवालों पर , करोचते रगड़ते , लिसड़ लिसड़ ,...
और अबकी दोनों उँगलियाँ जब एक बार फिर बाहर निकल कर गुड्डी के मुंह की ओर बढ़ीं तो अबकी गुड्डी ने कस के होंठ भींच लिए ,
जैसे कुछ भी अब वो इन उँगलियों को मुंह में नहीं लेगी , .. उसे अब अंदाज हो गया था की वो कहाँ से ,...गीता ने उसे सब ' किंक ' समझा रखे थे, कुछ प्यार दुलार से कुछ जोर जबरदस्ती, देह के हर छेद से निकलने वाले देह रस का गुड्डी को रसिया बना दिया था। तो गुड्डी समझ तो गयी ही थी की ये उँगलियाँ उसके कहाँ से आ रही हैं .
पर मेरी कमीनी बहन थी न , ...
उसने पूरी ताकत से गुड्डी के गाल दबा दिए और गौरेया ने चोंच चियार दी ,
लेकिन उस किशोरी , सारंग नयनी ने अब अपनी पलके मूँद ली , जैसे वो देखेगी नहीं तो ,...
लेकिन रीनू ये भी कैसे होने देती , ... जोर से अपने बड़े लम्बे नाखूनों से उसने कस के गुड्डी के निप्स को नोच लिया , और एक हाथ सीधे गुड्डी की गर्दन पर ,
" स्साली , रंडी , तेरा सारा खानदान गांड मराता है , ... छोड़ छिनारपना , वरना ये टेटुआ दबा दूंगी ,... चूस मजे ले ले के आँख खोल के देख , तेरा ही माल है , तेरी ही मक्खन मलाई ,... खोल , भोंसड़ी की भंडुए की ,... "
गुड्डी ने पट पट आँखे खोल दी ,...
फिर तो थोड़ी देर मुंह में और थोड़ी देर पिछवाड़े , ... और अब रीनू को उसका पिछवाड़ा फैलाना भी नहीं पड़ा न गुड्डी ने सिकोड़ा , दोनों ऊँगली आराम से अंदर बाहर हो रही थीं ,
और ये नहीं जीजू उसकी प्रेम गली को भूल गए थे , सुपाड़ा अभी भी पूरा धंसा था , हलके हलके अंदर बाहर हो रहा था , और जीजू का दूसरा हाथ भी उस किशोरी की जाँघों के बीच घुसा , कभी फांको को रगड़ देता , तो कभी कोई ऊँगली क्लिट को छेड़ देती , बुर एकदम पनिया रही थी , जीजू का सुपाड़ा उस पानी से एकदम गीला हो गया था ,
और अब असली खेल शुरू होने वाला था ,...
और रीनू से भौजाई वाला अपना रोल निभाया , अबकी जब कमल जीजू ने पिछवाड़े से ऊँगली निकाली दोनों तो रीनू ने पिछवाड़े का मोर्चा सम्हाल लिया , उसने कस के नन्द की गांड पूरी ताकत से दोनों हाथों से फैला दिया और जोर से जैसे बच्चे थूक का बबल बनाते हैं , उसी तरह का खूब ढेर सारे थूक का बबल बना के , ... सीधे गुड्डी की गांड फैले खुले छेद पर एक नहीं दो तीन बार , ....
और कमल जीजू ने अपना मोटा खूंटा निकाल के गांड के छेद पर ,
मैं और अजय जीजू सांस रोके देख रहे ,
कच्ची कसी कोरी गांड , मुश्किल से दिख रहा छेद और
बीयर कैन ऐसा मोटा लंड ,
रीनू ने दोनों हाथों का अंगूठा , रीनू के थूक से लथपथ ,जरा सा खुले गांड के छेद में जबरन ठूंस के घुसेड़ दिया और एक बार कस के दोनों अंगूठो को विपरीत दिशाओं में पकड़ के कस के पूरी ताकत से स्ट्रेच कर दिया , ज़रा सा छेद खुला और बस उसी में कमल जीजू ने अपना सुपाड़ा सटा दिया ,...
गुड्डी की हालत कसाई की छुरी के नीचे बकरी के बच्चे की तरह हो रही थी , जो जानता है बस अब किसी भी पल ,...
" स्साली ढीली कर ,... " जोर से रीनू गरजी और दो चांटे कस के चूतड़ पर ,
जब तक गुड्डी सम्हलती , जोर से कमल जीजू का जो हाथ गुड्डी की जांघों के बीच था , उसने कस के मेरी ननद की क्लिट को पिंच कर दिया
साथ ही रीनू ने मेरी ननद की निप्स को शैतान बच्चे के कान की तरह पकड़ के ऐंठ दिया , जोर से , पूरी ताकत से , ... और गुड्डी इस दुहरे हमले से चिल्ला पड़ी।
और वो भूल गयी असली हमला कहाँ होने वाला है , कमल जीजू ने कस के एक हाथ से उसकी पतली कमर पकड़ रखी थी ,
बस पूरी ताकत से ,... जीजू की कमर की ताकत का मुझे अच्छी तरह अंदाजा था और गुड्डी बिचारी तो नयी बछेड़ी थी ,थोड़ा सा सुपाड़ा , खुले छेद में फंस गया , बस दोनों हाथों से अब जीजू ने गुड्डी की कमर पकड़ी ,...
और पूरा जोर लगा के ,
एक बार दूसरी बार तीसरी बार ,... और अब सुपाड़ा आलमोस्ट धंस गया ,
जैसे पतली मुंह वाली बोतल में कोई जबरन पूरी ताकत लगा के मोटा कार्क ठूंस दे , बस उसी तरह ,
Man gae Komalji. Chhinar Nandita ka billkul perfect bakhan kiya he. 100 taka khara. Tenish ball aur school vali skrit. Amezing.गुड्डी
गुड्डी लग भी ऐसी रही थी की किसी भी मरद की बोलती बंद हो जाए।
किसी भी आदमी की जो फैंटेसी होती है , बस लगता है वही मूर्तिमंत हो गयी हो ,
स्कूल गर्ल , विद इनोसेंट फेस एंड जस्ट मेच्योरिंग बॉडी
स्कूल यूनिफार्म का टॉप , जस्ट जैसे उसके नए नए आये जुबना को दबोचे ,
टेनिस बॉल्स की साइज के ,एकदम मुट्ठी में आ जाएँ , छोटे लेकिन खूब कड़े
और ऊपर से उस टॉप में साफ़ झलकते पोकिंग निप्स , एकदम खड़े , कड़े तने बरछी की तरह सीने में बेधते,
टॉप भी सिर्फ एक गाँठ से बंधा , बस वो खुला और जोबन छलक कर टॉप उसकी गहरी नाभी के बहुत ऊपर ख़तम हो जाता था , गोरा चिकना पेट
कातिल कटीली कमरिया , मुट्ठी में आ जाय इतनी पतली ,
और स्कर्ट भी कमर से बहुत नीचे बस किसी तरह कूल्हे पर टिकी फँसी ,...
और मुश्किल से बित्ते भर की , ज़रा सा भी निहुर जाए तो गोलकुंडा और प्रेम गली दोनों दिख जाए।
थॉन्ग भी क्रॉच लेस आगे पीछे दोनों ओर से ,.... खूब लम्बी छरहरी गोरी गोरी टाँगे , रेशमी चिकनी जाँघे ,
और सबसे बढ़कर , गालों के डिम्पल और जान लेने वाली मुस्कराहट ,
मुंह चिरैया ने ही खोला ,
" भाभी आपके जीजू तो मेरे भी जीजू , .... हलके से हँसते हुए वो बोली
और जैसे कोई तिलस्म टूटा हो , कमल जीजू भी खड़े हो गए ,
" और क्या जीजू से तो ,... " कमल जीजू बोले
लेकिन उनके पहले गुड्डी ही आगे बढ़ी और खिलखलाते बोली ,
' ... गले मिलना चाहिए। "
मैंने करेक्शन इशू किया ,
" अरे , मेरे जीजू तेरे जीजू नहीं भैय्या लगेंगे , ...और ये मेरी नालायक बहन , तेरी भाभी रीनू। "
" तो क्या भइया गले नहीं मिल सकते , .... " रीनू ने दोनों जीजू को उकसाते बोला ,
" एकदम मिल सकते हैं , ... " गुड्डी खुद बोली ,
" और दो हों तो एक आगे , एक पीछे ,... " मैं बोली लेकिन उसके पहले ही कमल जीजू पीछे और अजय आगे से ,...
और दोनों बदमाश , पहले तो उस छोटे से स्कूल टॉप के ऊपर से नाप जोख और फिर दोनों के हाथ अंदर ,
……………….
लेकिन कुछ देर बाद अजय ने मैदान कमल जीजू के लिए छोड़ दिया , और कमल जीजू पीछे से चिपके हुए।
गुड्डी भी खूब मजे से मजा ले रही थी। स्कर्ट कब की उठ चुकी थी , टॉप की टाइ खुल चुकी थी। बस किसी तरह क्वार्टर ब्रा नीचे से जुबना को और उभार उभार कर दिखा रहा था, वो आगे की ओर ज़रा सी झुकी तो बस निप्स भी दिखने लगे , ...
और रीनू मेरी कमीनी बहन मैदान में आगयी ,
कमल जीजू को हड़काया जोर से , अरे बहन से मिल रहे हो या उसके कपड़ों से ,
और ये कह के रीनू ने कमल जीजू का बॉक्सर शॉर्ट्स नीचे खींच दिया ,
मेरे होंठों ने पहले ही उनके खूंटे को खड़ा कर दिया था , फिर उस किशोरी के साथ रगड़ घिस , .... जीजू का औजार एकदम बौराया था ,
खूब मोटा , बालिश्त भर लंबा और एकदम टनटनाया ,...
रीनू ने थोड़ा सा , गुड्डी को आगे की ओर पुश किया तो वो सामने एक सोफे को पकड़ के झुक गयी , बस अपने आप
और कमल जीजू का खूंटा गुड्डी के अगवाड़े पिछवाड़े ठोकर मारने लगा ,.. और गुड्डी भी अब इतनी नादान नहीं थी की न समझ पाती
वो और आगे निहुर गयी , जबसे वो आयी थी , कितनी बार उसके भैया उसे कुतिया बना कर , निहुरा कर ,...
लेकिन कमल जीजू पक्के खिलाड़ी , उनका एक हाथ गुड्डी के जाँघों के बीच और दूसरा उसके उभार के बीच ,
अंगूठे और तर्जनी के बीच मेरी ननद के निप्स पकड़ कर वो हलके हलके रगड़ रहे थे , दूसरे हाथ की उँगलियाँ खुले क्रॉच से सीधे चुनमुनिया के भीगे भीगे होंठों रगड़ रही थी।
गुड्डी सिसक रही थी , गीली हो रही थी , और सिसकियों के बीच हलके से चीख उठी , ... मैं रीनू की ओर देख कर मुस्करायी ,
साफ़ था कमल जीजू ने अपनी एक ऊँगली , अंदर घुसेड़ दी थी , प्रेम गली में और अगले पल उनका अंगूठा गुड्डी की क्लिट पर ,..
कमल जीजू का सिर्फ हथियार ही नहीं जबरदस्त था उन्हें नयी नवेली हो या खूब खेली खायी ,... दोनों को पिघलाना भी अच्छी तरह से आता था।
और गुड्डी पिघल रही थी , मचल रही थी ,... और वैसे भी उसकी सहेली अब एक बार खूंटे का मजा ले चुकी थी , तो उसका मन भी ,...
और एक बार फिर एक और ऊँगली , और अबकी गुड्डी जोर से चीखी ,.... मैं समझ गयी दोनों उँगलियाँ कम से कम दो पोर तक घुस चुकी है और गोल गोल,
लेकिन कुछ हो देर में चीखें एक बार फिर जोर जोर की सिसकियों में बदल चुकी थीं ,