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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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komaalrani

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Sutradhar

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Part 4
चाची लिपट गई मुझसे और बोली मुझको थाम
अगर दोनों पकड़े गए तो सोचो क्या होगा अंजाम

IMG-9768 IMG-9759
मेरे नीरस जीवन में तो छाये है काले काले मेघा
मुझे बिस्तर में जो ख़ुशी चाहिए तू वो कैसे देगा

हाथ पकड़ के चाची का रख दिया लन के ऊपर
और कानो में उसके बोला उसके होठों को छुकर

IMG-9899 IMG-9894

चाची बिस्तर में जो तुमको चाहिए वो है मेरे पास
पेल के अपने लौड़े से बुझा दूंगा तेरी सारी प्यास

देखा है मैंने जिस दिन से ये लम्बा और मोटा लौड़ा
मेरा भी मन मचलने लगा है इसको लेने को थोड़ा

IMG-9908 IMG-9904

लेकिन अभी नहीं है ये वक़्त मिटाने को मेरी प्यास
जब भी मिलेगा सही मौका खुद आऊंगी तेरे पास

प्यासी चाची ने कर दिया था अब खुल के इज़हार
मेरे मोटे लौड़े से चूदने को बिलकुल थी अब त्यार

IMG-9893 IMG-9872

आंख मिचौली शुरू हो गई मेरी अब चाची के साथ
ढूंढ रहा था बस इक ऐसा मौका जब आये वो हाथ

जान बूझ के चाची मुझको अब थी बड़ा सताती
सिने से सरका के पल्लू अपनी चूची खूब दिखती


IMG-9909 IMG-9842 IMG-9818

IMG-9762
एक दिन जब बोले चाचू मैं आज शहर को जाउंगा
एक दिन का है कम्म वहां पे परसो वापस आऊंगा

सुन के ये बात चाचा की चाची हल्के से मुस्कायी
देख की मेरी आँखो में धीरे से अपनी आँख दबायी

IMG-9934 IMG-9824
समाज गया मैं चाची की चंचल आंखो की वो बात
मधुर मिलन जब होगा अपना आज आएगी वो रात

बाजार से जाकर ब्रा और पैंटी ले के आया खास
इसको पहन के रात को चाची तुम आना मेरे पास


IMG-9764 IMG-9759 IMG-9871 IMG-9884 IMG-9932

पकड़ के ब्रा और पैंटी मुझसे चाची थोड़ी शरमाई
बोली मुझसे तु भी नीचे की आज कर लेना सफाई

करने लगे फिर हम दोनों इस हसीन रात की तयारी
हम दूल्हा दुल्हन और आज जैसी सुहागरात हो हमारी

IMG-9833 IMG-9838 IMG-9852किंकर्तव्यविमूढ़ अवस्था में हूं कि आरुषि मैम की कविता के अपडेट का इंतेजार करू या कोमल मैम की कहानी का ???

सादर
 

komaalrani

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Part 4
चाची लिपट गई मुझसे और बोली मुझको थाम
अगर दोनों पकड़े गए तो सोचो क्या होगा अंजाम

IMG-9768 IMG-9759
मेरे नीरस जीवन में तो छाये है काले काले मेघा
मुझे बिस्तर में जो ख़ुशी चाहिए तू वो कैसे देगा

हाथ पकड़ के चाची का रख दिया लन के ऊपर
और कानो में उसके बोला उसके होठों को छुकर

IMG-9899 IMG-9894

चाची बिस्तर में जो तुमको चाहिए वो है मेरे पास
पेल के अपने लौड़े से बुझा दूंगा तेरी सारी प्यास

देखा है मैंने जिस दिन से ये लम्बा और मोटा लौड़ा
मेरा भी मन मचलने लगा है इसको लेने को थोड़ा

IMG-9908 IMG-9904

लेकिन अभी नहीं है ये वक़्त मिटाने को मेरी प्यास
जब भी मिलेगा सही मौका खुद आऊंगी तेरे पास

प्यासी चाची ने कर दिया था अब खुल के इज़हार
मेरे मोटे लौड़े से चूदने को बिलकुल थी अब त्यार

IMG-9893 IMG-9872

आंख मिचौली शुरू हो गई मेरी अब चाची के साथ
ढूंढ रहा था बस इक ऐसा मौका जब आये वो हाथ

जान बूझ के चाची मुझको अब थी बड़ा सताती
सिने से सरका के पल्लू अपनी चूची खूब दिखती


IMG-9909 IMG-9842 IMG-9818

IMG-9762
एक दिन जब बोले चाचू मैं आज शहर को जाउंगा
एक दिन का है कम्म वहां पे परसो वापस आऊंगा

सुन के ये बात चाचा की चाची हल्के से मुस्कायी
देख की मेरी आँखो में धीरे से अपनी आँख दबायी

IMG-9934 IMG-9824
समाज गया मैं चाची की चंचल आंखो की वो बात
मधुर मिलन जब होगा अपना आज आएगी वो रात

बाजार से जाकर ब्रा और पैंटी ले के आया खास
इसको पहन के रात को चाची तुम आना मेरे पास


IMG-9764 IMG-9759 IMG-9871 IMG-9884 IMG-9932

पकड़ के ब्रा और पैंटी मुझसे चाची थोड़ी शरमाई
बोली मुझसे तु भी नीचे की आज कर लेना सफाई

करने लगे फिर हम दोनों इस हसीन रात की तयारी
हम दूल्हा दुल्हन और आज जैसी सुहागरात हो हमारी

IMG-9833 IMG-9838 IMG-9852
कितनी सलहजो, सालियो, चाचियों का इस जनवरी की भीषण सर्दी में आपको आशीर्वाद मिलेगा गिना नहीं जा सकता। नारी के तन और मन दोनों के दर्द को अगर किसी ने समझा है तो बस आपने। नन्दोई जीजा और भतीजों के लम्बे मोटे रॉड वाले हीटर का इंतजाम इन कविता कहानियों ने कर दिया। जिसके मन में थोड़ी झिझक लाज हिचक रही भी होगी तो इस पार्ट को पढ़ के दूर हो गयी होगी।

चाची की इस बार की फोटुएं एकदम मादक है, नव विवहिता भी थोड़ी प्रौढ़ा भी लेकिन एम् आई एल ऍफ़ वाली उम्र की भी नहीं २५ -३० के बीच की जब आग सबसे ज्यादा लगती है। मन तो करता है चुरा के अपनी कहानियों में इस्तेमाल कर लूँ लेकिन अगर आप इजाजत देंगी तभी।

किसी कवि ने कहा है जाड़े में गर्मी छिप के नारी के उन्ही दोनों उपत्यकाओं में छिप जाती है तो गुणीजन रसिक और मर्मज्ञ वहीँ हाथ बढ़ाते हैं।

और आपकी इस पोस्ट की चाची के चित्रों को देख कर बस यही लगता है।

मंच एकदम तैयार है अगली पोस्ट में चाची भतीजे को चटनी चटा देंगी ऐसा लगता है हम सब सांस थामे इन्तजार कर रहे हैं


आपकी पोस्ट को अच्छी कहना पुनरोक्ति दोष से युक्त होगी।

आपकी पोस्ट है तो अच्छी होगी ही। और पहली बार चाची भतीजे के रिश्ते पर किसी ने कलम चलायी है।


मैं सामन्यतया इन्सेस्ट नहीं लिखती, लेकिन आपकी पोस्टें पढ़ पढ़ के लगता है आपको और डाक्टर साहिबा को ट्रिब्यूट के तौर पर ही सही एक पूरी इन्सेस्ट कथा लिखनी ही होगी।।।


आभार, नमन,

:thank_you: :thank_you: :bow::bow::bow::bow::bow::bow::claps::claps::claps::claps::claps::claps:
 

komaalrani

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सादर
आपने एकदम सही कहा आरुषि जी की इस कविता की जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है

पांच बार तो मैं पढ़ चुकी हूँ, एक एक लाइन को बार बार पढ़ने का मन करता है


एक दिन जब बोले चाचू मैं आज शहर को जाउंगा
एक दिन का है कम्म वहां पे परसो वापस आऊंगा


सुन के ये बात चाचा की चाची हल्के से मुस्कायी
देख की मेरी आँखो में धीरे से अपनी आँख दबायी



वो मुस्कान, वो इशारा

कितने कम शब्दों में आप ने बात कह दी और भतीजे के ऊपर क्या गुजरी होगी एकदम चित्र सा खीँच दिया और अगली लाइने तो और गजब है


भतीजा उम्र में छोटा है थोड़ा नासमझ भी होगा पहली बार मिलन होगा उसका, देह सुख लेगा तो चाची ने बड़े होने का फर्ज अदा किया समझा दिया साफ़ साफ़


पकड़ के ब्रा और पैंटी मुझसे चाची थोड़ी शरमाई
बोली मुझसे तु भी नीचे की आज कर लेना सफाई



यह थ्रेड धन्य है हम सब धन्य है ऐसी रचना पढ़ने का सौभाग्य मिला


:thank_you: :thank_you: 👍👍:claps::claps::claps::claps::claps:
 
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komaalrani

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komaalrani

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ओहो ... तो बुआ जी पहले से हीं ताड़ के रखे थी...
और मेहनत करके मूसल को मजबूत भी कर रही थी....
एकदम सही कहा आपने

लांग टर्म इन्वेस्टमेंट
 

komaalrani

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गुड्डी ने भी तो खेद के इधर कराया था ...
तो सास तो आपकी इधर आने का जुगत लगाएंगी..
लेकिन गुड्डी का साथ भी जरूरी होगा छुटकी के लिए...
गुड्डी ने हांका कर के शिकार को अपने बचपन के यार की ओर खेद तो दिया ही है,

अब वही हो न हो, शिकारी भी अब होशियार हो गया है उसके मुंह में दो दो बुआ के बेटी की उम्र की दर्जा नौ वाली दो दो सालियों, मिसेज मोइत्रा के रसगुल्ले का खून बस लगने ही वाला है, और साथ में उनकी माँ का भी, अपनी भाभी का शिकार वो कर ही चुका है,

तो बस बुआ जी और उनकी बिटिया के आने की देर है, शिकार खुद झपट लेगा,

और बुआ जी के यहाँ सोहर भी तो होगा, नौ महीने बाद,

इसलिए गुड्डी हो न हो


और फिर आरुषि जी ने चाची भतीजा की कहानी लिख के बुआ भतीजे के प्रसंग को और हवा दे दी है।
 

komaalrani

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सास ने तो आधा काम कर दिया...
अब बाकी का आधा... आपके जिम्मे...
होगा होगा बुआ भतीजे का भी मिलन भी होगा,

इनकी कोई मायकेवाली नहीं बचेगी

न उम्र का कोई बंधन, और बुआ जी तो बचपन से नजर लगाए थीं
 

arushi_dayal

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Part 5
अभी ब्यूटी पार्लर जाकर मुझको अच्छे से है सजना
पूरी रात तो बिस्तर पे फिर मुझको तुझसे है बजाना

कंडोम की अब नहीं जरूरत सुबह ले लुंगी गोली
तगडे लौड़े से आज है चुदना जब से आई है डोली

तेल की शीशी के साथ रखना ये छोटा छेद है मेरा
चूत मैं मैं तो सुखा ना ले पाऊंगी मोटा लन है तेरा

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रात को जल्दी खाके खाना अपने कमरे में आया
फ़िर खुशबू वाला सबुन ले अच्छे से खूब नहाया

गुलाब चमेली के फूलो की सेज भी ख़ूब सजाई
पूरी रात जहां करनी थी अपनी चाची की ठुकाई

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आधी रात को सज धज चाची जब कमरे में आई
देख के सेज फुलो से महकी चाची फ़िर मुस्कुराईं

हाथ में कंगन नाक में नथनी और आंखों में काजल
चोली में कसे चुचो पर छाये काले बालो के बादल

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भींच लिया चाची को मैंने बाहों की आगोश में
और लगा चूमने अंग अंग उसका पूरा जोश में

चूम रहा था चाची को मैं अपनी पूरी शिद्दत से
आज मिला था मौका हमको कितनी मुद्दत से

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मैंने धीरे से खींच दिया चाची के पेटीकोट का नाड़ा
और हाथों में थाम लिया चाची का चौड़ा पिछवाड़ा

मुझे पता है चाचा तो है बिस्तर पर है पूरे निक्कमे
चाची मैं ही चुसुंगा रोज़ तुम्हारे नरम मुलायम मम्मे

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एक एक वस्त्र चाची की फर्श पे लगा था गिरने
कामदेवी के हर एक अंग पे हाथ लगे तब फिरने

पहले दाबे मम्मे चाची के और फिर गांड सहलाई
आगे से खिस्का पैंटी को उसमे उंगली एक घुसाई

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चूत थी नीचे पूरी गीली और छोड़ रही थी पानी
पहली बार कोई मसल रहा उसकी गरम जवानी

पलट के चाची को फिर मैंने दीवार के साथ लगाया
और खोल के उसकी दोनो जांघें उनके बीच में आया

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पकड़ के चाची को कमर से मैंने खींचा उसे करीब
गांड से लेके चूत तक उसकी मैं लगा चालाने जीभ

मस्ती में बंद करके आंखें चाची मेरे सिर पे फेरे हाथ
चाट ले मेरे पागल प्रेमी इसका सारा पानी तू आज

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पिगल रही चाची की चूत कच्छे में तड़पे मेरा नाग
दोनों तरफ प्रेम मिलन को अब लगी हुई थी आग

चाची मुझको ना तड़पाओ अब करो ना अत्याचार
एक बार मुंह में लेकर ये लौड़ा कर दो इसको प्यार


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मुझे गिरा के बिस्तर पर चाची फिर पलटी वो थोड़ा
झाँक के मेरी आँखों में उसके मुँह में ले लिया लौड़ा

चूम चाट के लौड़ा चाची हलक तक लगी निगलने
नीचे मेरे दोनों अंडे चाची की गरमी से लगे पिघलने


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