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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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Guddi ne to pighal na hi tha yaha to padhne walian pighal ne lagi hai.घुस गया कमल जीजूका
और गुड्डी पिघल रही थी , मचल रही थी ,... और वैसे भी उसकी सहेली अब एक बार खूंटे का मजा ले चुकी थी , तो उसका मन भी ,...
और एक बार फिर एक और ऊँगली , और अबकी गुड्डी जोर से चीखी ,.... मैं समझ गयी दोनों उँगलियाँ कम से कम दो पोर तक घुस चुकी है और गोल गोल,
लेकिन कुछ हो देर में चीखें एक बार फिर जोर जोर की सिसकियों में बदल चुकी थीं ,
मैं अजय जीजू की गोद में बैठी हुयी अपनी ननद का हाल देख रही थी ,
उस बिचारी को क्या मालूम अभी तो ट्रेलर भी नहीं शुरू हुआ ,
मेरी और अजय जीजू दोनों की निगाहे वहीँ गड़ी , लेकिन अजय जीजू के हाथ अब कमल जीजू की तरह खुल के मेरे उभारों पर , टॉप मेरा कब का उतर कर नीचे आ गया था , बस एक छोटी सी पुश अप ब्रा , और अजय का हाथ उसके अंदर।
और मेरा हाथ अजय जीजू के शार्ट के अंदर , 'उसे ' सहलाता , मसलता ,....
सीन थोड़ा बदला , कमल जीजू की उंगलिया अब मेरी ननद की बिलिया से निकल कर बीच बीच में उसके पिछवाड़े के छेद को भी रगड़ मसल देते और बुर का पानी गांड के छेद पर ,
गुड्डी एक बार फिर जोर से चीखी , अबकी कमल जीजू ने दोनों उँगलियाँ थोड़ी ज्यादा ही , लेकिन जिस तेजी से वो अंदर गोल गोल घुमा रहे थे आगे पीछे कर रहे थे , गुड्डी अब उतनी ही तेजी से सिसक रही थी। गीली हो रही थी ,
बस दो तीन मिनट , और अबकी गुड्डी बड़ी जोर से चीखी , .... और ,... चीखती ही रही , ...
………
मैं और अजय जीजू दोनों समझ रहे थे , मुस्करा रहे थे , ...
कमल जीजू ने गुड्डी की फैली टांगो के बीच अपनी टाँगे घुसा के उसे फैला दिया था , पूरी तरह , इत्ती देर से वो ऊँगली कर रहे थे , उन्हें अंदाज तो लग ही गया था , इस ओखली में मूसल चल चुके हैं , और एक दो बार नहीं कई कई बार , ...
बस , अबकी उन्होंने जब ऊँगली निकाली तो बस अपना पगलाया , इतनी देर से इंतज़ार करता सुपाड़ा , पूरी ताकत से पेल दिया , .. और उनका सुपाड़ा था भी तो इत्ता मोटा , एक के बाद दूसरा तीसरा , चौथा , ... जब तक सुपाड़ा मेरी ननद की बिल में आलमोस्ट घुस नहीं गया ,
वो पेलते रहे, ठेलते रहे, धकेलते रहे
और गुड्डी रानी चाहती भी थीं चुदवाना , जानती भी थी की सुपाड़ा एक बार धंस गया तो लंड बिना चोदे छोड़ेगा नहीं।
पर किसी छोटे बच्चे की मुट्ठी ऐसा सुपाड़ा घुसेगा तो कोई भी लड़की ,...दर्द के मारे उसका बुरा हाल था ,
पर जीजू ने उसी दर्द का फायदा उठाकर , एक ऊँगली जो अब तक बुर में कोलाहल मचा रही थी , कलाई के जोर से सीधे गुड्डी रानी के पिछवाड़े के छेद में पेल दिया , बड़े दर्द के आगे कोई भी छोटा दर्द भूल जाता है , और हुआ यही , जब तक गुड्डी अपनी गांड सिकोड़े , वो ऊँगली ऑलमोस्ट पूरी तरह अंदर ,...
जीजू ने अपना मूसल और नहीं ठेला , बस हलके से कभी आगे पीछे , तो कभी गोल,...
बुर के अंदर की एनाटामी जितना कमल जीजू को मालूम थी उतना बड़े से बड़े गायंकोलॉजिस्ट्स को भी नहीं मालूम होगी ज्यादातर नर्व एंडिंग्स शुरू के भाग में ही होती हैं और उनका सुपाड़ा तो उससे ज्यादा ही अंदर घुसा हुआ था , और किसी लड़की को पागल करने का मंतर उनसे ज्यादा कौन जानता था , .. तो बस अब गुड्डी सिसक रही थी , उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव लहरा रहे थे ,
जीजू का सुपाड़ा और ऊँगली अंदर धंसे हुए , एक बुर में दूसरा गांड में
लेकिन एक ऊँगली से किसी का क्या भला होना था ,...
जीजू ने दूसरी ऊँगली घुसाने की कोशिश की तो गुड्डी बड़ी जोर से चीखी , और जीजू ने ऊँगली निकाल कर ,
उस टीनेजर के चीखने का फायदा उठाकर सीधे , उसके मुंह में ,...
इतनी ट्रेनिंग तो मैंने गुड्डी रानी को दे ही दी थी , वो हलके हलके उस ऊँगली को चूसने चाटने लगी , ... और अब रीनू मेरी बहन भी मैदान में आगयी। आखिर गुड्डी उसकी भी तो ननद थी , उसकी भी तो जिम्मेदारी बनती थी ,...
रीनू ने कस कर गुड्डी के गोल गोल नितम्बों को पकड़ा , प्यार से सहलाया और फिर पूरी ताकत से दोनों नितम्बों को पकड़ कर फैला दिया ,
रीनू दे दोनों हाथों के अंगूठे गांड के छेद को फैलाये हुए थे ,
बस , कमल जीजू ने गुड्डी के मुंह से गुड्डी के थूक से भीगी गीली ऊँगली निकाली और उस ऊँगली के साथ अब एक ऊँगली उसी के नीचे चिपका कर पेल दी।
रीनू के अंगूठो ने पूरी ताकत से गांड चियार रखी थी , और अबकी दोनों उँगलियाँ जड़ तक अंदर घुसी।
Rinu ne entry karva di back gate meinकच्ची कच्ची कोरी टाइट पिछवाड़े पर हमला
जीजू ने दूसरी ऊँगली गुड्डी की कसी कोरी टाइट मस्त गाँड़ में घुसाने की कोशिश की तो गुड्डी बड़ी जोर से चीखी , और जीजू ने ऊँगली निकाल कर ,
उस टीनेजर के चीखने का फायदा उठाकर सीधे , उसके मुंह में ,...
इतनी ट्रेनिंग तो मैंने गुड्डी रानी को दे ही दी थी , वो हलके हलके उस ऊँगली को चूसने चाटने लगी , ... और अब रीनू मेरी बहन भी मैदान में आगयी। आखिर गुड्डी उसकी भी तो ननद थी , उसकी भी तो जिम्मेदारी बनती थी ,...
रीनू ने कस कर गुड्डी के गोल गोल नितम्बों को पकड़ा , प्यार से सहलाया और फिर पूरी ताकत से दोनों नितम्बों को पकड़ कर फैला दिया , रीनू दे दोनों हाथों के अंगूठे गांड के छेद को फैलाये हुए थे ,
बस , कमल जीजू ने गुड्डी के मुंह से गुड्डी के थूक से भीगी गीली ऊँगली निकाली और उस ऊँगली के साथ अब एक ऊँगली उसी के नीचे चिपका कर पेल दी।
रीनू के अंगूठो ने पूरी ताकत से गांड चियार रखी थी , और अबकी दोनों उँगलियाँ जड़ तक अंदर घुसी।
…………………
फिर तो क्या कोई लंड गांड मारेगा , जिस तरह कमल जीजू की दोनों उंगलियां अंदर बाहर , गपागप गपागप , सटासट ,
बीच बीच में वो अंदर घुसी दोनों उँगलियों को कैंची की फाल की तरह फैला देते तो मेरी ननद चीख उठती ,
साथ साथ पिछवाड़े के छेद से अंदर घुसी दोनों उंगलिया , अंदर की दीवालों पर , करोचते रगड़ते , लिसड़ लिसड़ ,...
और अबकी दोनों उँगलियाँ जब एक बार फिर बाहर निकल कर गुड्डी के मुंह की ओर बढ़ीं तो अबकी गुड्डी ने कस के होंठ भींच लिए ,
जैसे कुछ भी अब वो इन उँगलियों को मुंह में नहीं लेगी , .. उसे अब अंदाज हो गया था की वो कहाँ से ,...गीता ने उसे सब ' किंक ' समझा रखे थे, कुछ प्यार दुलार से कुछ जोर जबरदस्ती, देह के हर छेद से निकलने वाले देह रस का गुड्डी को रसिया बना दिया था। तो गुड्डी समझ तो गयी ही थी की ये उँगलियाँ उसके कहाँ से आ रही हैं .
पर मेरी कमीनी बहन थी न , ...
उसने पूरी ताकत से गुड्डी के गाल दबा दिए और गौरेया ने चोंच चियार दी ,
लेकिन उस किशोरी , सारंग नयनी ने अब अपनी पलके मूँद ली , जैसे वो देखेगी नहीं तो ,...
लेकिन रीनू ये भी कैसे होने देती , ... जोर से अपने बड़े लम्बे नाखूनों से उसने कस के गुड्डी के निप्स को नोच लिया , और एक हाथ सीधे गुड्डी की गर्दन पर ,
" स्साली , रंडी , तेरा सारा खानदान गांड मराता है , ... छोड़ छिनारपना , वरना ये टेटुआ दबा दूंगी ,... चूस मजे ले ले के आँख खोल के देख , तेरा ही माल है , तेरी ही मक्खन मलाई ,... खोल , भोंसड़ी की भंडुए की ,... "
गुड्डी ने पट पट आँखे खोल दी ,...
फिर तो थोड़ी देर मुंह में और थोड़ी देर पिछवाड़े , ... और अब रीनू को उसका पिछवाड़ा फैलाना भी नहीं पड़ा न गुड्डी ने सिकोड़ा , दोनों ऊँगली आराम से अंदर बाहर हो रही थीं ,
और ये नहीं जीजू उसकी प्रेम गली को भूल गए थे , सुपाड़ा अभी भी पूरा धंसा था , हलके हलके अंदर बाहर हो रहा था , और जीजू का दूसरा हाथ भी उस किशोरी की जाँघों के बीच घुसा , कभी फांको को रगड़ देता , तो कभी कोई ऊँगली क्लिट को छेड़ देती , बुर एकदम पनिया रही थी , जीजू का सुपाड़ा उस पानी से एकदम गीला हो गया था ,
और अब असली खेल शुरू होने वाला था ,...
और रीनू से भौजाई वाला अपना रोल निभाया , अबकी जब कमल जीजू ने पिछवाड़े से ऊँगली निकाली दोनों तो रीनू ने पिछवाड़े का मोर्चा सम्हाल लिया , उसने कस के नन्द की गांड पूरी ताकत से दोनों हाथों से फैला दिया और जोर से जैसे बच्चे थूक का बबल बनाते हैं , उसी तरह का खूब ढेर सारे थूक का बबल बना के , ... सीधे गुड्डी की गांड फैले खुले छेद पर एक नहीं दो तीन बार , ....
और कमल जीजू ने अपना मोटा खूंटा निकाल के गांड के छेद पर ,
मैं और अजय जीजू सांस रोके देख रहे ,
कच्ची कसी कोरी गांड , मुश्किल से दिख रहा छेद और
बीयर कैन ऐसा मोटा लंड ,
रीनू ने दोनों हाथों का अंगूठा , रीनू के थूक से लथपथ ,जरा सा खुले गांड के छेद में जबरन ठूंस के घुसेड़ दिया और एक बार कस के दोनों अंगूठो को विपरीत दिशाओं में पकड़ के कस के पूरी ताकत से स्ट्रेच कर दिया , ज़रा सा छेद खुला और बस उसी में कमल जीजू ने अपना सुपाड़ा सटा दिया ,...
गुड्डी की हालत कसाई की छुरी के नीचे बकरी के बच्चे की तरह हो रही थी , जो जानता है बस अब किसी भी पल ,...
" स्साली ढीली कर ,... " जोर से रीनू गरजी और दो चांटे कस के चूतड़ पर ,
जब तक गुड्डी सम्हलती , जोर से कमल जीजू का जो हाथ गुड्डी की जांघों के बीच था , उसने कस के मेरी ननद की क्लिट को पिंच कर दिया
साथ ही रीनू ने मेरी ननद की निप्स को शैतान बच्चे के कान की तरह पकड़ के ऐंठ दिया , जोर से , पूरी ताकत से , ... और गुड्डी इस दुहरे हमले से चिल्ला पड़ी।
और वो भूल गयी असली हमला कहाँ होने वाला है , कमल जीजू ने कस के एक हाथ से उसकी पतली कमर पकड़ रखी थी ,
बस पूरी ताकत से ,... जीजू की कमर की ताकत का मुझे अच्छी तरह अंदाजा था और गुड्डी बिचारी तो नयी बछेड़ी थी ,थोड़ा सा सुपाड़ा , खुले छेद में फंस गया , बस दोनों हाथों से अब जीजू ने गुड्डी की कमर पकड़ी ,...
और पूरा जोर लगा के ,
एक बार दूसरी बार तीसरी बार ,... और अब सुपाड़ा आलमोस्ट धंस गया ,
जैसे पतली मुंह वाली बोतल में कोई जबरन पूरी ताकत लगा के मोटा कार्क ठूंस दे , बस उसी तरह ,
Very niceघुस गया, धंस गया, अटक गया, अंड़स गया
बस पूरी ताकत से ,... जीजू की कमर की ताकत का मुझे अच्छी तरह अंदाजा था और गुड्डी बिचारी तो नयी बछेड़ी थी ,
थोड़ा सा सुपाड़ा , खुले छेद में फंस गया , बस दोनों हाथों से अब जीजू ने गुड्डी की कमर पकड़ी ,...
और पूरा जोर लगा के ,
एक बार दूसरी बार तीसरी बार ,... और अब सुपाड़ा आलमोस्ट धंस गया ,
जैसे पतली मुंह वाली बोतल में कोई जबरन पूरी ताकत लगा के मोटा कार्क ठूंस दे , बस उसी तरह ,
उईईईइ , ओह्ह्ह्हह ,.... आह्हः , उफ्फ्फ्फ़ नहीं ओह्ह्ह्ह
उईईईईईई उईईईईई
गुड्डी चीख रही थी , बिसूर रही थी ,...
पर रीनू , एकदम पक्की भौजाई ,... अब पिछवाड़े से आगे आगयी , सीधे गुड्डी के गाल उसने चूम लिया और बोली
"ननद रानी , अब एक बार जब तेरी गांड में सुपाड़ा घुस गया है न , तो बस ,... लाख चूतड़ पटको , गांड चियारो , रोओ चिल्लाओ , अब बिना गांड मरवाये कोई बचत नहीं , फिर ननद की ऐसी मस्त गांड हो और मारी न जाय ,... ये ननद से बढ़ कर भौजाई के लिए शर्म की बात है ,..."
और जैसे रीनू की बात के जवाब में , कमल जीजू ने फिर एक के बाद एक एक चार पांच करारे धक्के मारे ,.... और अब सुपाड़ा पूरा गांड के अंदर था।
दर्द से मेरी ननद की गांड फटी जा रही थी , वो चीख रही थी चिल्ला रही थी , पर मैं जानती थी असली दर्द तो अभी बाकी है , जब खैबर का दर्रा पार होगा , गांड का छल्ला ,.... बस बेहोश न हो उस समय तो ,
रीनू आकर मेरी बगल में बैठ गयी , मैं अजय जीजू की गोद में ,
कमल जीजू ने एक धक्का और मारा फिर से पूरी ताकत से ,
उईईईईईई उईईईईईई ,... जोर से चीखी मेरी ननद ,
कमल जीजू ने उसकी आवाज बंद करने की कोशिश की उसके मुंह पर हाथ रख कर ,
पर
नहीं नहीं ,
मैं और रीनू एक साथ चिल्लाई ,
" अरे जीजू चलने दीजिये न ये रेडियो मिर्ची का संगीत , बहुत अच्छा लग रहा है। " मैं बोली।
" अरे गांड फड़वाते समय ननद की चीखों से ज्यादा कोई मीठी आवाज भौजी के कान के लिए नहीं हो सकती ,... और चिल्लाने दीजिये इसे " रीनू ने तुरप का पत्ता जोड़ा ,
Superb updateऔर "ये "आ गए,...
ये और इनकी साली रीनू
तब तक एक मीठी आवाज आयी , ये आ गए थे
( बताया तो था, ये अभी ही मुंबई से लौटे थे, कल ही इनकी साली रीनू ने जोर से हड़काया था, इनके फ्लाइट पकड़ने के पहले, और आज फ्लाइट से लौट के गुड्डी को घर लाने की जिम्मेदारी इनकी थी, लेकिन मैंने इनको बोला था की गुड्डी को छोड़ देंगे लेकिन ये घर में खुद तब घुसेंगे जब मैंने मेसेज करुँगी। और अब जब गुड्डी की गाँड़ ने कमल जीजू का बांस ले लिया था अंदर मैंने इन्हे ग्रीन सिग्नल दे दिया था अंदर आने के लिए )
और रीनू को देखकर ,
फिर तो सब भूलकर वो और उनकी साली एक दूसरे की बाँहों में ,... और रीनू ने कुछ देर में ही उन्हें बाकी लोगों की तरह बनयान और ब्रीफ में
वो क्यों छोड़ते , रीनू भी बस ,... आलमोस्ट टॉपलेस , ब्रा थी लेकिन हुक खुले ,.... और रीनू ठसके से उनकी गोद मेऔर चूम कर बोली
" आप एकदम टाइम से आगये , अभी ज्यादा कुछ नहीं मिस किया , अपनी बहन का ,...अभी तो बस फिल्म शुरू हुयी है , ....
रीनू का हाथ भी उनके ब्रीफ में ,... और
उधर कमल जीजू ,... जैसे कोई धनुर्धर धनुष की कमान अपने कंधे तक ,पूरी ताकत से खींच कर तीर छोड़ने की तैयारी करे ,
कोई राइफल शूटर कंधे पर राइफल सेट कर के , सीधे निशाना लगा कर ,...
बस उसी तरह ,... कमल जीजू ने अपना मोटा सुपाडा थोड़ा सा बाहर निकाला ,
अपने दोनों हाथों से गुड्डी की कमर को पकड़ा , ... और एक दो पल रुके रहे ,
गहरी ;लम्बी सांस ली , ....
बिचारी गुड्डी , ...उसने समझा , जीजू शायद , उसके भइया के आने के कारण ,... बाहर निकाल रहे हैं , थोड़ी राहत की सांस ली ,
पिछवाड़ा थोड़ा ढीला किया ,
बस ,...
कमल जीजू ने तीर चला दिया , उनके राइफल की गोली चल गयी ,
पूरी ताकत से उन्होंने ढकेल दिया , पेल दिया , ठेल दिया ,
गुड्डी दर्द से बिलबिलाती रही , चीखती रही , चिल्लाती रही , बिसुरती रही ,
जीजू धकेलते रहे , ठेलते रहे , पेलते रहे ,....
घायल हिरनी की तरह वो सारंग नयनी तड़प रही थी ,
एक कुशल शिकारी की तरह कमल जीजू अपना भाला उसके मर्मस्थल पर बेधे हुए , धकेल रहे थे ,
और अंदर , और अंदर ,....
थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक बार कमल जीजू ने पूरी ताकत से ठेला ,
गुड्डी ने एक बहुत तेज चीख मारी और उस की चीखें दर्द से बेहाल हो कर रुक गयीं ,
लेकिन मेरी अजय जीजू की , रीनू की इनकी निगाहें सीधे सिर्फ जीजू के बीयर कैन ऐसे मोटे खूंटे पर थी , करीब आधा , आधे से थोड़ा ही कम
४ इंच तक अंदर घुस गया था ,
इसका मतलब खैबर का दर्रा पार ,
कमल जीजू का पहाड़ी आलू ऐसा मोटा सुपाड़ा मेरी टीनेजर कच्ची उम्र की ननद के गांड के छल्ले को दरेरता रगड़ता घिसटता अंदर घुस गया था।
जीजू रुक गए थे ,
कुछ देर में गुड्डी ने हलके सुबकना फिर शुरू किया , .... बस जीजू ने बहुत धीरे धीरे , सुपाड़े को पीछे खींचा और एक बार फिर पूरी ताकत से अंदर ठेल दिया ,
उईईईईई उईईईईई ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह नहीं उफ्फ्फ्फ्फ़
लेकिन कमल जीजू , जिसने भी गांड का मजा लिया होगा उसे मालूम होगा , असली मजा तो उस छल्ले को पार करने का है ,
कम से कम चार पांच बार ,... जीजू थोड़ा बाहर निकालते , फिर घुसेड़ देते , ... फिर बाहर निकालते , फिर पूरी ताकत से ,..
फिर हलके हलके धक्के से उन्होंने गुड्डी की गांड मारनी शुरू की , आधे से थोड़ा ज्यादा उस कच्ची कली के पिछवाड़े उन्होंने ठूंस दिया था ,
गुड्डी की चीखें अब बंद हो गयी थी , पर बीच बीच में जीजू , अपना खूंटा आलमोस्ट बाहर तक निकाल के पूरी ताकत से ठूंस देते और गुड्डी चीख उठती
और बार बार 'इनकी ' ओर देखती की शायद
लेकिन ये तो पूरी तरह अपनी साली में खोये हुए
रीनू ने चिढ़ाया ,... ( गुड्डी तो शायद सोच रही होगी की मेरे भैया बचा लेंगे पर ,... )
ब्रीफ रीनू ने खींच कर नीचे उतार दिया ,
इनका खूंटा , खूब मस्त , एकदम कड़ा , खड़ा , तना ,...
" क्यों जीजू , ... बहिन की गांड मरौव्वल देख के इतना टनटना रहा है ,... सच में तेरी बहन की गाड़ हैं भी बहुत मस्त ,... "
फिर अपने तोप का मुंह रीनू ने ननद की ओर मोड़ दिया ,
" देख अपने भैय्या का , न मैंने छुआ न पकड़ा , न दबाया न मसला , ...और इतना तगड़ा टनटनाया ,... ये सब तेरी गांड मरौव्वल देख कर , तेरे भाई का ,...."
गुड्डी पहली बार हल्का सा मुस्करायी ,
रीनू में अब मेरे उनका , ' वो ' अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया और एक झटके में ही इतने जोर से खींचा , सुपाड़े का चमड़ा खिंच गया , सुपाड़ा निकल कर बाहर , पूरी तरह।
गुड्डी अभी भी उनकी तरफ देख रही थी , रीनू ने फिर छेड़ा ,
" क्यूँ मन कर रहा है , चल यार छोटी ननद है ,... वरना अब की तो मैंने बोला था की इसे किसी को छूने नहीं दूंगी , ...सिर्फ मैं अकेले अकेले ,... अब तेरे मुंह में इत्ता पानी आ रहा है , तो पहले जिसका घोंट रखा है उससे निपट ,... तेरे भइया से भी तेरी गांड मरवा दूंगी , .... "
लेकिन उनकी निगाह अब बार रीनू के ब्रा में छिपे कम दिख ज्यादा आरहे उभारों को देख कर मचल रही थी ,
थी भी मेरी बहना की एकदम परफेक्ट डी कप ,...
रीनू ने इनकी ओर मुंह किया और हड़काया ,
" लालची , नदीदे , ... मिलेगा मिलेगा ,.... लेकिन तुझे मालुम नहीं , ऊपर के लिए नीचे अर्जी लगानी पड़ती है , और अगर उसके बाद मेरी मर्जी होगी तो दे दूंगी , तू भी क्या याद करेगा यार ,... "
रीनू को मैंने बता दिया था की कैसे जबरदस्त चूत चटोरे हैं वो , और रीनू जब से आयी थी उसकी बिल में खुजली मची हुयी थी
उन्हें और बोलने की जरूरत भी नहीं थी , अगले पल वो रीनू की खुली जाँघों के बीच में , ...
" नो हैंड्स ,... " रीनू बोली ,
और वो नहीं भी बोलती तो ,... उन्होंने अपने होठों से लेसी पैंटी खींच के नीचे उतार दी , और तड़पाने में उनका ,... और पहली बार साली के साथ , पिछली बार रीनू ने खूब छेड़खानी की थी लेकिन उसकी वो पांच दिन वाली छुट्टी चल रही थी , ....
उनकी जीभ की नोक रीनू की सिल्कन जाँघों के ऊपरी हिस्से को बस कभी छूती कभी छोड़ देती , ... और धीरे लेबिया के चारो ओर , बस हलके हलके , ... जैसे कोई फेदर से सहला रहा हो , ... बस बीच में दोनों फांको के बीच में भी जीभ की नोक हलके से छू के हट जाती ,
अब रीनू तड़प रही थी , सिसक रही थी , ...
' जीजू कर न ,... ओह्ह नहीं ,... प्लीज ,... उफ्फ्फ ,... "
मैं कनखियों से देख रही थी और मुस्करा रही थी , आज मेरी बहन पहली बार किसी ऐसे मर्द के साथ ,... सच में उनकी जीभ किसी तगड़े से तगड़े मर्द के खूंटे से भी ज्यादा मजा देती थी, और अबकी तो सामने साली थी
रीनू से नहीं रहा गया , खुद अपने हाथ से उनका सर पकड़ कर दोनों जांघ के बीच ,... और वो भी सीधे पहले गियर से चौथे गियर में ,
जीभ उनकी सीधे रीनू की बिल के अंदर , क्या कोई लंड से चोदेगा ,... जिस तरह वो जीभ से चोद रहे थे , साथ में दोनों होंठों से रीनू के भगोष्ठों को चूस रहे थे कस कस के ,
रीनू बिचारी जोर जोर से चूतड़ पटक रही थी , आँखे उसकी मस्ती से बंद हो रही थी , सिसक रही थी , तड़प रही थी ,...
और वो भी आज पहली बार स्साली मिली थी , ... बीच बीच में जीभ की नोक से रीनू की क्लिट छेड़ देते , और वो पानी से बाहर आयी मछली की तरह तड़प उठती थी ,...
लगता था की रीनू अब गयी तब गयी , पर मैं जानती थी आज उन्हें पहली बार साली मिली है , उसे इतनी आसानी से छोड़ नहीं देंगे ,
बस जैसे ही वो झड़ने के कगार पर पहुंचती , वो रुक जाते , अपने होंठ हटा लेते ,
और रीनू की गालियों का टारगेट सिर्फ वह नहीं होते उनसे ज्यादा वो कमीनी मुझे गाली देती ,
" नालायक , कमीनी ,कोमल , ...बेईमान ,... तभी इस स्साले को छुपा के रखा था ,... ओह्ह क्या मस्त ,.... स्साली छोटी बहन है तो क्या मतलब ,... अकेले अकेले मजा लेगी ,... ओह्ह जीजू ,... ओह्ह झाड़ दो न , ... प्लीज जीजू ,... झाड़ दो , ..आज तक किसी भी मरद के साथ इत्ता मजा नहीं मिला जो आज मिल रहा है ओह्ह जीजू, कोमलिया स्साली तभी तुझे छिपा के रखती थी, ओह्ह्ह जीजू प्लीज जीजू
और मैं उनकी ओर हलके से आँख मार के इशारा करती , ... अभी नहीं और वो फिर और ,...
तीन चार बार रीनू को एकदम किनारे पर ले जाके ,...
लेकिन ऐसा नहीं है मेरी हालत कम खराब थी , अजय , रीनू का मरद कम कमीना नहीं है , उसकी उंगलिया , एक साथ वो मेरे निप्स को भी फ्लिक कर रहा था और क्लिट को भी , कभी खच्चाक से एक साथ दो ऊँगली मेरी गीली बुर में पेल देता और साथ में अपना अंगूठा , मेरे क्लिट पर ,
मैं अजय जीजू की गोद में बैठे प्यार से अपने खिलौने को , अजय के खूंटे को कभी सहलाती तो कभी , कस के दबोच लेती ,...
लेकिन मुझे लगा बेईमानी हो रही है ,
और मुझे बेईमानी एकदम पसंद नहीं।
Maza to padhne walion ko bhi a gya, Guddi ko to aana hi tha.हे बोल न मजा आया न,
मैं अजय जीजू की गोद में बैठे प्यार से अपने खिलौने को , अजय के खूंटे को कभी सहलाती तो कभी , कस के दबोच लेती ,...
लेकिन मुझे लगा बेईमानी हो रही है , और मुझे बेईमानी एकदम पसंद नहीं।
कमल जीजू हलके हलके अब गुड्डी की गांड मार रहे थे , गुड्डी की चीख पुकार भी बंद हो गयी थी , बीच बीच में कमल जीजू रुक रुक कर अपने दोनों हाथ ,...एक हाथ से उस किशोरी के नए नए आये जोबन का रस लेते , तो दूसरा गुड्डी रानी की सहेली पर , कभी हथेली से उसकी कसी चूत रगड़ते मसलते तो कभी एक ऊँगली पूरी ताकत से पेल देते , और अंगूठा तो उनका लगातार गुड्डी की क्लिट पर ,...
और असर इस खेल तमाशे का मेरी ननद पर भी था , ....
लेकिन कमल जीजू बेईमानी कर रहे थे ,.. सिर्फ छः साढ़े छः इंच खूंटा अंदर था ,... एक तिहाई अभी भी बाहर था , ... ये बेईमानी नहीं तो क्या है ,...
और मैं सीधे उठकर जीजू के पीछे खड़ी हो गयी।
" जीजू ये बेईमानी नहीं चलेगी , ये आपकी बहन लगेगी तो इसका क्या मतलब ,... ये बेचारी इत्ते दिन से गांड मरवाने के लिए बेचैन थी और आज आप ,... आधे तिहे से न हमें मजा आता है न हमारी ननदों को , ... और इसकी चीख पुकार से आप घबड़ा जायेगे तो ,... बिना बेरहमी के ,... डालिये न पूरा ,... "
और साथ में मैं कमल जीजू के पिछवाड़े वाले छेद कोस सहला रही थी रगड़ रही थी , मेरी ऊँगली उनके गोल दरवाजे के ठीक ऊपर ,...
कुछ तो मेरी बात का असर हुआ , ... जीजू ने थोड़ा सा पीछे खींच के एक धक्का , फिर चार पांच करारे धक्के और मारे ,
सच में गुड्डी की कुछ ज्यादा ही टाइट थी। जीजू के पूरे जोर लगाने के बाद भी ,... मुश्किल से एक साव इंच और घुसा होगा , अभी भी काफी बाहर था ,
" क्या जीजू , मारिये न स्साली की पूरी ताकत से , फाड़ के रख दीजिये , ... अरे सिलवा लेगी ये मोची के पास जाके ,... अपनी माँ के भोंसडे के लिए बचा रखा है क्या , ... ठेल दीजिये पूरा , ... "
मेरी बात का असर होता न होता , मेरी ऊँगली का असर जरूर हुआ ,... मैंने कलाई के जोर से अपनी ऊँगली कमल जीजू के पिछवाड़े ,
गच्चाक ,...
और गोल गोल ,...
और अब जीजू का खूंटा इस धक्के में पूरा घुस गया था , बीयर कैन सा मोटा , पूरे बालिश्त भर का ,... इस कच्ची कोरी किशोरी के पिछवाड़े ,
गुड्डी ने जोर से चीखा , और जैसे ही चीखने के लिए उसने मुंह खोला , जीजू के पिछवाड़े से मेरी ऊँगली निकल कर सीधे मेरी ननद के मुंह में ,... पूरे हलक तक।
जीजू भी हलके हलके नहीं अब पूरे जोर से धक्के पर धक्का मार रहे थे , साथ में एक हाथ उनका गुड्डी की प्रेमगली को मसल रहा था , क्लिट पर रगड़ रहा था और डाक्टर गिल ने जो हुडोक्टोमी की थी , ...क्लिट एकदम खुली, और गुड्डी की कुछ थी बड़ी बस उसके बाद तो एक टच ही गुड्डी को पागल करने के लिए काफी थी ,
चीखें उसकी सिसकियों में बदल गयीं। लग रहा था वो अब झड़ी तब झड़ी ,...
पर सबसे पहले झड़ी मेरी बहना , रीनू।
मेरे पति की जीभ का कमाल ,... सिर्फ पांच मिनट हुए थे , उसमें दो तीन बार तो किनारे पर ले जाकर उन्होंने अपनी साली को वापस ,...
आज से पहले वो कभी , नौ दस मिनट से पहले नहीं झड़ी थी ,... कई बार उसमें और चीनू में बद कर बाजी लगती थी और अजय जीजू और कमल जीजू ,... अभी काठमांडू में भी , ... कमल जीजू ने उसे ,... नौ मिनट में लगातार चूस कर ,... पर पांच मिनट
जिस तरह से रीनू कभी उन्हें देखती कभी मुझे में समझ गयी अब मेरा मरद गया,... ये साली उनकी दीवानी हो गयी, जिस तरह से प्यार से इच्छा से मस्ती से उन्हें रीनू देख रही थी, कमल जीजू से अजय जीजू से कितनी बार उसने चुदवाया, गाँड़ मरवाई, चुसवाया लेकिन जो मजा आज उसे मेरे मर्द के साथ मिला था, रीनू सोच भी नहीं सकती थी ऐसा भी मरद हो सकता है, ऐसा भी मजा हो सकता है
और मेरी ओर वो घूर के देख रही थी, कुछ जलन से कुछ गुस्से से,.... जब बचपन में तय हो गया था की हम तीनो एक दूसरे के मरद के साथ मिल बाँट के और मेरी शादी सबसे पहले हुयी थी जबकि मैं सबसे छोटी थी तब भी मैंने इन्हे डब्बे में बंद कर रखा था, आज पहली बार मेरी कोई बहन इनसे झड़ी
देर तक मेरी बहिनिया झड़ती रही कांपती रही , सिसकती रही , और जब उन्होंने अपनी साली को छोड़ भी दिया तो भी उसे दो तीन मिनट लगे ,.. सिर्फ ठीक से बैठने में , तबतक मैं भी उसकी बगल में जा के बैठ गयी ,
रीनू ने मुस्कराते हुए देखा , और जोर से आँख मारी ,... मान गयी थी वो इनको ,... और जोर से उन्हें भींच लिया।
जैसे मैं उसका इशारा न मैं समझी होऊं , ... वो खुल के बोली ,
नालायक कमीनी , अब इसकी ओर देखना भी मत ,... इतना मस्त माल तूने छुपा रखा था ,...
" चल यार दिया , मेरे पास तो मेरे जीजू है ,... " रीनू के पति , अजय जीजू को गले लगाते मैं बोली।
" अरे यार तू छोटी बहन है , तुझे मरद भी दिया , जीजू भी दिया ,... लेकिन अब ये मेरा है। "
खुद उनका हाथ खींच के अपने उभार पर रखती रीनू बोली , ...
और अब एक बार फिर मैं अजय जीजू के गोद में , और रीनू इनकी गोद में ,...
और हम चारो देख रहे थे की गुड्डी की किस तरह , क्या कोई धुनिया रुई धुनता होगा , जिस तरह गुड्डी रानी की गांड धुनी जा रही थी , साथ में जीजू की उंगलिया तेजी से गुड्डी की सहेली के अंदर बाहर ,
गुड्डी काँप रही थी और थोड़ी देर में वो झड़ने लगी , लेकिन कमल जीजू की रफ़्तार नहीं कम हुयी
न गुड्डी की चूत में अंदर बाहर होती उनकी ऊँगली धीमी हुयी न गुड्डी की गांड में अंदर बाहर होता उनका मोटा खूंटा ,...
और बस पांच छः मिनट के अंदर गुड्डी फिर दुबारा झड़ रही थी और साथ में ,...
कमल जीजू , खूंटा पूरी तरह अंदर घुसा ,... वो झड़ते हुए रुक गए , फिर दुबारा और ,... अब गुड्डी के पैरों ने जैसे जवाब दे दिया और वो वही गद्दे पर कटे पेड़ की तरह गिर पड़ी।
कमल जीजू भी साथ साथ ,... खूंटा अभी भी मेरी ननद के पिछवाड़े पूरी तरह धंसा था , वहीँ गद्दे पर पड़ गए।
रीनू उठी और गुड्डी के पास जा कर थोड़ी देर तक उसका सर सहलाती रही , फिर जितने तकिये , कुशन , मसनद थीं सब लगा कर , उनके सहारे उसे अधलेटा , बैठा दिया।
गुड्डी एकदम थकी थेथर लग रही थी , आँखे उसकी बंद , रीनू थोड़ी देर तक उसका चेहरा , सर , खुले बाल सहलाती रही , अब वो रीनू के सीने के सहारे बैठी थी ,
" क्यों मजा आया न ननद रानी ,... "
हलके से रीनू ने मेरी टीनेजर ननद के ईयर लोब्स को किस करते हुए पूछा
गुड्डी ने न जवाब दिया , न आँख खोली बस हलके से मुस्करा दी , और ये दावतनामा बहुत था उसकी रीनू भाभी के लिए , झुक के उन्होंने उस कच्ची कली के गुलाब की पंखुड़ियों को चूम लिया।
हलके से होंठ लरज के रह गए उस कली के , लेकिन रीनू लड़कियों खास तौर से कच्ची कलियों के मामले में एकदम पक्की उस्ताद थी , उसने झुक के गुड्डी की बगल में गुदगुदी लगाई और अब वो कोरी कली हंस पड़ी ,
" भाभी ,... " शिकायत भरे अंदाज में वो बोली और रीनू ने झुक कर फिर एक बार , अबकी कस के उसे चूम लिया और चिढ़ाते हुए पूछा ,
" हे बोल न मजा आया न ,गांड मरवाने में ,... "
" धत्त , जान निकल गयी , ... इत्ता दर्द हो रहा है , अभी तक ,... " बिना आंख खोले दर्द भरी आवाज में वो बोली।
Mene injoy to bahot kiya. Is update ko. Aur nandiya ko chhinarpan karwate dekhne ka to maza hi kuchh alag hi he. Par us prakar se last ke 2 review nahi de pai. Jo dena tha. Esa feel huaa ki ek ek bat mai dohara rahi hu. Jab ki aap ke sato update me alag alag kisse the. Ek me bahekana, dusre me dikhana, tisre me bat, chouthe me sharuat pachave me lagatar , chatthe me halat aur satve me dikhvana. Amezing you Komalji. Mazedar update the.Koyi baat nahi fir se 7 updates ek sath padhiye aur fir apane overall comments bhi dijiye
"Delay"?? I thought you are bang on time with this update...sorry for delay but now updates have been posted on page 1162. Please do read and share your comments, opinions and advice.
तरुण मन की इच्छाओं/अभिलाषा को बखूबी उभारती हैं .. आरुषि जी अपनी कविताओं के माध्यम से...कहने को यह कविता है चित्र है लेकिन कहानी के भी सभी गुण यहाँ दीखते हैं और वो एक अच्छी सिद्धहस्त लेखिका की कहानी के
पैंटी का कितना अच्छा इस्तेमाल किया है आपने
भतीजे को चाची की प्यास तो मालूम हो गयी थी लेकिन चाची को भी भतीजे की प्यास और ताकत दोनों का अहसास हो गया और बड़ी तो चाची ही थीं, तो पहल भी उन्होंने की
और गीली पैंटी के ये उत्तेजक चित्र कहाँ से मिले आपको बहुत ही कामोत्तेजक
फिर चाची के दमकते खुश चेहरे के चित्र,... असली एरोटिक फीलिंग तो यहीं दिखती है
रुक के दरवाजे पे चाची मुझे देख मुस्काई
फेंक के पैंटी वापस मुझ पे ली उसने अंगड़ाई
और इन लाइनों के बाद का चित्र, सब कुछ कह देता है
अद्भुत है
बहुत बहुत धन्यवाद आभार नमन इत्ती अच्छी पोस्ट के लिए।
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