Part 8A
खुल जाएगी चूत मेरी बाबूजी चुद गई जो मैं आप से
और कैसे कहूंगी पतिदेव से कि मैं चुद गई तेरे बाप से
तेरी चूत की फाँको पे ही हम ये लन अपना सहलाएँगे
जब तुम मांगो ना हमसे हम अपना लौडा नहीं घुसाएंगे
बहुत दिनों से अरमान था बहू कि मैं चखू तेरी जवानी
बाहर खींच लेगे लौड़ा अपना पिला तेरी चूत का पानी
खोल के मेरी कोमल जांघें बाबूजी अब लगे सुंघने चूत
मेरे सर पर भी चढ़ के बोल रहा था अब चुदने का भूत
तेरी चूत की खुशबू बहूरानी मुझे लगे है बड़ी नशीली
हाथ लगा के देख जरा तू तेरी पूरी चूत पड़ी है गीली
आप ने अपनी बातों से बाबूजी इसको किया है गिली
आप ने इसको घुसा दिया तो मेरी हो जाएगी ढिल्ली
ज्यादा ढिल्ली ना करे रखेंगे ख्याल हम इस बात का
सारी चिंता छोड़ दो मजा लो अब इस मुलाकात का
मेरी चूत की फाँको पे बाबू जी लगे अब जीभ चलाने
और अपने हाथों में थाम के मेरी मोटी चुची लगे दबाने
फिर धीरे से मेरी पीठ के पीछे अपना हाथ दिया डाल
और खोल के मेरे योवन से चोली बिस्तर पे दी उछाल
हाय बाबूजी आपने आज हमें पूरा ही कर दिया नंगा
अगर सासुजी वापस आ गई जल्दी तो हो जाएगा पंगा
पूरी नंगी हो औरत जो बिस्तर पे मजा तभी ही आता है
नंगी औरत को ही बिस्तर पे मर्द अच्छी तरह बजाता है
आज हम अपनी बहू को गांव का गन्ना खूब चुसवायेंगे
अपने इस मोटे गन्ने का रस भी तुमको खूब पिलायेंगे
खोल के अपना मुँह बहुरानी अपने होठों में इसे दबाओ
चाटो इसका टोपा और लौड़े पर अपनी जीभ चलाओ
अपने प्यारे खिलोने को जैसे कोई बच्चे करता है प्यार
अपने मुँह में ले के बाबूजी लौड़ा मैं करने लगी दुलार
मुँह में भर के लगी चुस्ने बाबूजी के भारी टट्टो का जोड़ा
लोहे के जैसा सख्त हो चुका था अब बाबूजी का लौड़ा
आ जाइये अब बाबूजी बहुत लगी है मेरी चूत में आग
मेरे बिल में घुसा दीजिये अब अपना काला मोटा नाग
जिसका इंतजार था मुझे महीनों से घड़ी आज वो आई
प्यासी तड़पती इस चूत की अब आज होगी खूब ठुकाई
लोहा तो गरम अब हो चुका उनको मारना होगा हथौड़ा
ऐसा ही कुछ सोच बाबूजी ने लगाया मेरी चूत पे लौड़ा
https://poetandpoem.com/Robert-William-Service