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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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खेल शुरूPart7A
एक दिन सुबह सासुमाजी जब गई हुई थी मंदिर
बोले ससुर हमारे हमको आते ही घर के अंदर
बिमला को मेरे कमरे में भेज दो जाके तुम बहुरानी
थोड़ा बदन टूट रहा है मुझको मालिश है करवानी
समझा गई थी मैं मालिश के पीछे बाबूजी का राज
शायद फिर से मूड बना है बिमला को चोदेंगे आज
बाबूजी बिमला चाची तो गई है माँ जी संग बाजार
उन दोनों को तो आने में लगेंगे कम से कम घंटे चार
आप कहें तो मैं कर देती हूँ मालिश आपकी आज
लेकिन सासुजी को पता चले ना ये रहे हमेशा राज
तुम क्यों कष्ट करोगी मैं कल बिमला सेकरवा लूंगा
अपने पूरे बदन मैं ऊस से कल ही तेल मलवा लूंगा
बाबूजी मुझे भी दीजिए मौकाकरने का आपकी सेवा
शायद मुझे मिल जाए जो मिलता है बिमला को मेवा
बाबूजी भी खिलाड़ी थे समझ गए थे वो मेरी चतुराई
बहू ने उन्हें देख लिया है बिमला की करते हुए चुदाई
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ले के तेल गरम मैं पहुंची कमरे में बाबूजी के पास
शायद मैं चुद जाउं बाबूजी से ले के मन में ये आस
करने लगी टांगों की मालिश मैं हाथों में ले कर तेल
जान बुझ तेल की शीशी मैंने अपने ऊपर ली उड़ेल
तेल लग गया साड़ी पे तो ये साड़ी हो जाएगी ख़राब
अपनी सासू मां को बहू फिर तुम क्या दोगी जवाब
अगर तुम्हें दिक्कत ना हो तो उतार के रख दो साड़ी
बिना साड़ी के तुम मेरी मालिश रख सकती हो जारी
उतार के रख दी साड़ी फिर मैंने बाबू जी के सिरहाने
मालिश के बहाने मैं झुक 2 के चुचिया लागी दिखाने
बाबूजी मैं थोड़ा सा मुड़ जाती हूँ मालिश होगी अच्छी
मुड़ने से पेटीकोट से मेरी दिखने लगी गुलाबी कच्छी
झीने से पेटीकोट से देख के मेरे मोटे मोटे फेले चुत्तड़
बुरी तरह चलने लगी छुरिया बाबूजीके दिल के ऊपर
बहू बैठ जाओ जाँघों के ऊपर छाती पर मल दो तेल
समझ गई बाबूजी ने अब अपना शुरू कर दिया खेल
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यह भाग एक नयी ऊंचाई छूता है की किसी तरह से दोनों ने अपने मन की बात रख दीPart 7B
बहुरानी तुमने भगवान से सच मे इतनी सुन्दरता पाई
जरा बताओ कोलज में तुमने कितनी की नींद उड़ाई
घूमते थे पीछे काफी लड़के लेकर मन में कुछ आस
हमने कभी किसी लड़के को नहीं डाली जरा भी घास
बहूरानी मेरा बेटा बिस्तर में तुझे क्या पूरा सुख है देता
एक पूरे हफ्ते में वो तेरी यह चूत कितनी बार है लेता
बाबूजी ये सब मत पूछिए हमसे हम कैसे कह पायेंगे
ऐसी बातें आप से करेंगे तो हम शर्म से ही मर जायेंगे
बहू रानी तुम मेरी बेटी जैसी हो फिर हमसे कैसी शर्म
अपनी बहू का दुख दर्द समझना हमारा है परम धरम
बाबूजी वो जब भी मांगे चूत मेरी मैं नहीं करती इंकार
लेकिन मेरी चूत तो एक हफ्ते में वो लेते हैं एक ही बार
बहू हमारा बेटा है नालायक और वो बिल्कुल है बेकार तुम्हारी जैसी बीवी मुझे मिले तो तुझे लन पे रखु सवार
तेरी उम्र में तो बहू हर औरत में होती है भरपुर चुदासी
एक बार ही चुदने में तो तुम रह ही जाती होगी प्यासी
बहू तुम्हारी मालिश से आज हमें मिला है बहुत आराम
कहना था कुछ और भी तुमसे अगर कर पायो वो काम
अगर बुरा ना लगे तुम्हें तो जरासा और ऊपर को आओ
और खोल के लंगोट हमारा जरा वहां भी तेल लगाओ
जिसका था इंतज़ार मुझे कब से घड़ी आज वो आई
मेरी चूत को फाड़ेगा जो लंड आज देगा मुझे दिखाई
लंड और चूत की भाषा हम दोनों खुल के रहें थे बोल
इतने मे खुद मैंने ही उनके लंगोट की गाँठ दी खोल
लंगोट के फिर अंदर जो देखा मैंने देख के मैं चिल्लाई
गधे के जैसा ससुर का देख के लौड़ा मैं सच में घबराई
जिसकी चूत में बाबूजी ये अपना मोटा लौड़ा धक देंगे
चुदी चुदायी चुत को भी ये फिर से फाड़ के रख देंगे
अपने इसी फ़ौलादी लौड़े पे बहू तुमको आज बिठाएँगे
चोद के तुमको अपने लौड़े से तुम्हारी प्यास बुझाएंगे
बाबूजी ये कैसा हो सकता है मेरे पिता समान है आप
अगर कभी मैं आपसे चुदवा बैठी तो मुझे लगेगा पाप
अगर पाप पुण्य के भेद में पड़ जाओगी तुम बहुरानी
फिर तुम तो बेकार में करोगी अपनी बरबाद जवानी
हमसे नहीं चुदवा सकती तो हम और कोई बुलवा देंगे
फिर उससे ही हम चुदवा के तुमको गर्मी तेरी मिटा देंगे
अब आप के होते ससुर जी मैं क्यों चुदवाउंगी गैरो से
इतना बोल के मैंने कच्ची निकाल दी अपनी पैरो से
इस से बेहतर क्या है बहू जो तू मुझसे ही चुदवायेगी
इस से बेटी अपने घर की इज्जत घर में ही रह जाएगी
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आपकी हर पोस्ट अनूठी होती है और सबसे बड़ी बात की चाहे चित्र हो या शब्द मन की बात जरूर चेहरे पर भी आती है और मुंह से शब्दों में भी आती है जैसे पाठक भी समझ लें,...Part 8A
खुल जाएगी चूत मेरी बाबूजी चुद गई जो मैं आप से
और कैसे कहूंगी पतिदेव से कि मैं चुद गई तेरे बाप से
तेरी चूत की फाँको पे ही हम ये लन अपना सहलाएँगे
जब तुम मांगो ना हमसे हम अपना लौडा नहीं घुसाएंगे
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बहुत दिनों से अरमान था बहू कि मैं चखू तेरी जवानी
बाहर खींच लेगे लौड़ा अपना पिला तेरी चूत का पानी
खोल के मेरी कोमल जांघें बाबूजी अब लगे सुंघने चूत
मेरे सर पर भी चढ़ के बोल रहा था अब चुदने का भूत
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तेरी चूत की खुशबू बहूरानी मुझे लगे है बड़ी नशीली
हाथ लगा के देख जरा तू तेरी पूरी चूत पड़ी है गीली
आप ने अपनी बातों से बाबूजी इसको किया है गिली
आप ने इसको घुसा दिया तो मेरी हो जाएगी ढिल्ली
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ज्यादा ढिल्ली ना करे रखेंगे ख्याल हम इस बात का
सारी चिंता छोड़ दो मजा लो अब इस मुलाकात का
मेरी चूत की फाँको पे बाबू जी लगे अब जीभ चलाने
और अपने हाथों में थाम के मेरी मोटी चुची लगे दबाने
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फिर धीरे से मेरी पीठ के पीछे अपना हाथ दिया डाल
और खोल के मेरे योवन से चोली बिस्तर पे दी उछाल
हाय बाबूजी आपने आज हमें पूरा ही कर दिया नंगा
अगर सासुजी वापस आ गई जल्दी तो हो जाएगा पंगा
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पूरी नंगी हो औरत जो बिस्तर पे मजा तभी ही आता है
नंगी औरत को ही बिस्तर पे मर्द अच्छी तरह बजाता है
आज हम अपनी बहू को गांव का गन्ना खूब चुसवायेंगे
अपने इस मोटे गन्ने का रस भी तुमको खूब पिलायेंगे
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खोल के अपना मुँह बहुरानी अपने होठों में इसे दबाओ
चाटो इसका टोपा और लौड़े पर अपनी जीभ चलाओ
अपने प्यारे खिलोने को जैसे कोई बच्चे करता है प्यार
अपने मुँह में ले के बाबूजी लौड़ा मैं करने लगी दुलार
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मुँह में भर के लगी चुस्ने बाबूजी के भारी टट्टो का जोड़ा
लोहे के जैसा सख्त हो चुका था अब बाबूजी का लौड़ा
आ जाइये अब बाबूजी बहुत लगी है मेरी चूत में आग
मेरे बिल में घुसा दीजिये अब अपना काला मोटा नाग
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जिसका इंतजार था मुझे महीनों से घड़ी आज वो आई
प्यासी तड़पती इस चूत की अब आज होगी खूब ठुकाई
लोहा तो गरम अब हो चुका उनको मारना होगा हथौड़ा
ऐसा ही कुछ सोच बाबूजी ने लगाया मेरी चूत पे लौड़ा
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https://poetandpoem.com/Robert-William-Service
Bahut khubPart 8A
खुल जाएगी चूत मेरी बाबूजी चुद गई जो मैं आप से
और कैसे कहूंगी पतिदेव से कि मैं चुद गई तेरे बाप से
तेरी चूत की फाँको पे ही हम ये लन अपना सहलाएँगे
जब तुम मांगो ना हमसे हम अपना लौडा नहीं घुसाएंगे
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बहुत दिनों से अरमान था बहू कि मैं चखू तेरी जवानी
बाहर खींच लेगे लौड़ा अपना पिला तेरी चूत का पानी
खोल के मेरी कोमल जांघें बाबूजी अब लगे सुंघने चूत
मेरे सर पर भी चढ़ के बोल रहा था अब चुदने का भूत
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तेरी चूत की खुशबू बहूरानी मुझे लगे है बड़ी नशीली
हाथ लगा के देख जरा तू तेरी पूरी चूत पड़ी है गीली
आप ने अपनी बातों से बाबूजी इसको किया है गिली
आप ने इसको घुसा दिया तो मेरी हो जाएगी ढिल्ली
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ज्यादा ढिल्ली ना करे रखेंगे ख्याल हम इस बात का
सारी चिंता छोड़ दो मजा लो अब इस मुलाकात का
मेरी चूत की फाँको पे बाबू जी लगे अब जीभ चलाने
और अपने हाथों में थाम के मेरी मोटी चुची लगे दबाने
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फिर धीरे से मेरी पीठ के पीछे अपना हाथ दिया डाल
और खोल के मेरे योवन से चोली बिस्तर पे दी उछाल
हाय बाबूजी आपने आज हमें पूरा ही कर दिया नंगा
अगर सासुजी वापस आ गई जल्दी तो हो जाएगा पंगा
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पूरी नंगी हो औरत जो बिस्तर पे मजा तभी ही आता है
नंगी औरत को ही बिस्तर पे मर्द अच्छी तरह बजाता है
आज हम अपनी बहू को गांव का गन्ना खूब चुसवायेंगे
अपने इस मोटे गन्ने का रस भी तुमको खूब पिलायेंगे
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खोल के अपना मुँह बहुरानी अपने होठों में इसे दबाओ
चाटो इसका टोपा और लौड़े पर अपनी जीभ चलाओ
अपने प्यारे खिलोने को जैसे कोई बच्चे करता है प्यार
अपने मुँह में ले के बाबूजी लौड़ा मैं करने लगी दुलार
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मुँह में भर के लगी चुस्ने बाबूजी के भारी टट्टो का जोड़ा
लोहे के जैसा सख्त हो चुका था अब बाबूजी का लौड़ा
आ जाइये अब बाबूजी बहुत लगी है मेरी चूत में आग
मेरे बिल में घुसा दीजिये अब अपना काला मोटा नाग
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जिसका इंतजार था मुझे महीनों से घड़ी आज वो आई
प्यासी तड़पती इस चूत की अब आज होगी खूब ठुकाई
लोहा तो गरम अब हो चुका उनको मारना होगा हथौड़ा
ऐसा ही कुछ सोच बाबूजी ने लगाया मेरी चूत पे लौड़ा
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https://poetandpoem.com/Robert-William-Service
Part 8B
रख के चूत के होठों पर अपने लौड़े को जरा दबाया
और देकर हल्का सा धक्का मेरी फुद्दी में उसे घुसाया
चीख पड़ी मैं बाबूजी के इसधक्के से पूरी दर्द के मारे
दिन के पूरे उजाले में ही मुझे दोस्तो नज़र आ गए तारे
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बाबूजी इस लौड़े ने फाड़ दी मेरी बाहर इसे निकालो
हाय मेरी अम्मा आकर मुझको इनसे आज बचा लो
बहु क्यो इतना चिल्लाती हो जरा रखो हौसला थोड़ा
पहली बार लिया है तुमने क्या अपनी चूत में लौड़ा
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लिया कई बार चूत में अपनी आपके बेटे का हाथियार
लेकिन एक गधे के लंड से मैं चुदवा रही हूं पहली बार
हर औरत चाहे है चूत अपनी ऐसे ही लौड़े से मारवानी
ऐसे लौड़े का पानी लेकर ही बहु निखारेगी तेरी जवानी
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बहु ये लौड़ा पूरा घुस लेने दे मेरा अभी घुसा है आधा
उछल उछल के फिर देगी तू अपनी चूत मेरा है ये वादा
बन जाएगा चूत का भोसड़ा जो आप से मैं चुद जाउंगी
फिर वापस जाके आपके बेटे को मैं क्या मुंह दिखाऊंगी
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बाबूजी ने नीचे हाथ डाल के कंधो से मुझको पकड़ा
हल्का लंड निकल के बाहर लगया एक धक्का तगड़ा
शेर के पंजे में बकरी की भँति मैं लगी ख़ूब मिमियाने
पर बाबूजी तो पूरे जोश में लगे थे अपना लंड घुसाने
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कुछ देर पहले बाबूजी आप ने बोला था मुझको बेटी
अभी देखिए खोल के टांगे मैं हूं आपको नीचे लेटी
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पकड़ के चुची भर ली मुँह में और बाबूजी लगे सहलाने
सुपाड़े तक निकालके बाहर लौड़ा उसे अंदरलगे घुसाने
अपनी गोद में लेके बाबूजी ने नीचे से ऐसा धक्का मारा
मस्त हो गई मैं उनका जोश देखकर दर्द भूल गई सारा
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अलग-अलग आसन में बाबूजी ने मेरी ऐसी चूत बजाई
चुदी चुदाई चूत भी मेरी अब अब वो भी देने लगी दुहाई
बहूरानी अब हम हैं छूटने वाले हो अब जाओ तुम त्यार
मेरे पूरे बदन पे कर दी बाबूजी ने अपने वीर्य की बौछार
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