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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

komaalrani

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Part7A
एक दिन सुबह सासुमाजी जब गई हुई थी मंदिर

बोले ससुर हमारे हमको आते ही घर के अंदर

बिमला को मेरे कमरे में भेज दो जाके तुम बहुरानी

थोड़ा बदन टूट रहा है मुझको मालिश है करवानी

समझा गई थी मैं मालिश के पीछे बाबूजी का राज

शायद फिर से मूड बना है बिमला को चोदेंगे आज

बाबूजी बिमला चाची तो गई है माँ जी संग बाजार

उन दोनों को तो आने में लगेंगे कम से कम घंटे चार

आप कहें तो मैं कर देती हूँ मालिश आपकी आज

लेकिन सासुजी को पता चले ना ये रहे हमेशा राज

तुम क्यों कष्ट करोगी मैं कल बिमला सेकरवा लूंगा

अपने पूरे बदन मैं ऊस से कल ही तेल मलवा लूंगा

बाबूजी मुझे भी दीजिए मौकाकरने का आपकी सेवा

शायद मुझे मिल जाए जो मिलता है बिमला को मेवा

बाबूजी भी खिलाड़ी थे समझ गए थे वो मेरी चतुराई

बहू ने उन्हें देख लिया है बिमला की करते हुए चुदाई

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ले के तेल गरम मैं पहुंची कमरे में बाबूजी के पास

शायद मैं चुद जाउं बाबूजी से ले के मन में ये आस

करने लगी टांगों की मालिश मैं हाथों में ले कर तेल

जान बुझ तेल की शीशी मैंने अपने ऊपर ली उड़ेल

तेल लग गया साड़ी पे तो ये साड़ी हो जाएगी ख़राब

अपनी सासू मां को बहू फिर तुम क्या दोगी जवाब

अगर तुम्हें दिक्कत ना हो तो उतार के रख दो साड़ी

बिना साड़ी के तुम मेरी मालिश रख सकती हो जारी

उतार के रख दी साड़ी फिर मैंने बाबू जी के सिरहाने

मालिश के बहाने मैं झुक 2 के चुचिया लागी दिखाने

बाबूजी मैं थोड़ा सा मुड़ जाती हूँ मालिश होगी अच्छी

मुड़ने से पेटीकोट से मेरी दिखने लगी गुलाबी कच्छी

झीने से पेटीकोट से देख के मेरे मोटे मोटे फेले चुत्तड़

बुरी तरह चलने लगी छुरिया बाबूजीके दिल के ऊपर

बहू बैठ जाओ जाँघों के ऊपर छाती पर मल दो तेल

समझ गई बाबूजी ने अब अपना शुरू कर दिया खेल

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खेल शुरू

बहुत ही बढ़िया अपडेट और बहुत ही नेचुरल, ससुर जी मौके की तलाश में और बहू उनसे भी चतुर

इन अपडेट्स की सबसे अच्छी बात है की ये धीमी आंच वाला सेक्स है जो स्टार्ट तो स्लो होता है लेकिन एक बार हो गया तो फिर चौथे गियर में ही चलता है, ससुर और बहू जो परदे वाला रिश्ता है उसमे यही तरीका स्वाभाविक लगता है की दोनों पक्ष धीमे धीमे आगे बढ़ रहे हैं जैसे इस भाग में बहू ने कैसे बहाना बना के साड़ी उतारी,

करने लगी टांगों की मालिश मैं हाथों में ले कर तेल

जान बुझ तेल की शीशी मैंने अपने ऊपर ली उड़ेल

तेल लग गया साड़ी पे तो ये साड़ी हो जाएगी ख़राब

अपनी सासू मां को बहू फिर तुम क्या दोगी जवाब

अगर तुम्हें दिक्कत ना हो तो उतार के रख दो साड़ी

बिना साड़ी के तुम मेरी मालिश रख सकती हो जारी


और साडी के बाद पेटीकोट के अंदर की कच्छी भी और क्या अच्छा बहाना बनाया इसके लिए

बाबूजी मैं थोड़ा सा मुड़ जाती हूँ मालिश होगी अच्छी

मुड़ने से पेटीकोट से मेरी दिखने लगी गुलाबी कच्छी


दोनों ओर से जिस तरह से चाल पर चाल चली जा रही है वो इस कविता की मूल कहानी की तरह काल जयी बनाने की ताकत रखती है। आपकी लेखनी को और शक्ति और ऊर्जा मिले।

:applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause: :applause:
 

komaalrani

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Part 7B
बहुरानी तुमने भगवान से सच मे इतनी सुन्दरता पाई

जरा बताओ कोलज में तुमने कितनी की नींद उड़ाई

घूमते थे पीछे काफी लड़के लेकर मन में कुछ आस

हमने कभी किसी लड़के को नहीं डाली जरा भी घास

बहूरानी मेरा बेटा बिस्तर में तुझे क्या पूरा सुख है देता

एक पूरे हफ्ते में वो तेरी यह चूत कितनी बार है लेता

बाबूजी ये सब मत पूछिए हमसे हम कैसे कह पायेंगे

ऐसी बातें आप से करेंगे तो हम शर्म से ही मर जायेंगे

बहू रानी तुम मेरी बेटी जैसी हो फिर हमसे कैसी शर्म

अपनी बहू का दुख दर्द समझना हमारा है परम धरम

बाबूजी वो जब भी मांगे चूत मेरी मैं नहीं करती इंकार

लेकिन मेरी चूत तो एक हफ्ते में वो लेते हैं एक ही बार

बहू हमारा बेटा है नालायक और वो बिल्कुल है बेकार तुम्हारी जैसी बीवी मुझे मिले तो तुझे लन पे रखु सवार

तेरी उम्र में तो बहू हर औरत में होती है भरपुर चुदासी

एक बार ही चुदने में तो तुम रह ही जाती होगी प्यासी

बहू तुम्हारी मालिश से आज हमें मिला है बहुत आराम

कहना था कुछ और भी तुमसे अगर कर पायो वो काम

अगर बुरा ना लगे तुम्हें तो जरासा और ऊपर को आओ

और खोल के लंगोट हमारा जरा वहां भी तेल लगाओ

जिसका था इंतज़ार मुझे कब से घड़ी आज वो आई

मेरी चूत को फाड़ेगा जो लंड आज देगा मुझे दिखाई

लंड और चूत की भाषा हम दोनों खुल के रहें थे बोल

इतने मे खुद मैंने ही उनके लंगोट की गाँठ दी खोल

लंगोट के फिर अंदर जो देखा मैंने देख के मैं चिल्लाई

गधे के जैसा ससुर का देख के लौड़ा मैं सच में घबराई

जिसकी चूत में बाबूजी ये अपना मोटा लौड़ा धक देंगे

चुदी चुदायी चुत को भी ये फिर से फाड़ के रख देंगे

अपने इसी फ़ौलादी लौड़े पे बहू तुमको आज बिठाएँगे

चोद के तुमको अपने लौड़े से तुम्हारी प्यास बुझाएंगे

बाबूजी ये कैसा हो सकता है मेरे पिता समान है आप

अगर कभी मैं आपसे चुदवा बैठी तो मुझे लगेगा पाप

अगर पाप पुण्य के भेद में पड़ जाओगी तुम बहुरानी

फिर तुम तो बेकार में करोगी अपनी बरबाद जवानी

हमसे नहीं चुदवा सकती तो हम और कोई बुलवा देंगे

फिर उससे ही हम चुदवा के तुमको गर्मी तेरी मिटा देंगे

अब आप के होते ससुर जी मैं क्यों चुदवाउंगी गैरो से

इतना बोल के मैंने कच्ची निकाल दी अपनी पैरो से

इस से बेहतर क्या है बहू जो तू मुझसे ही चुदवायेगी

इस से बेटी अपने घर की इज्जत घर में ही रह जाएगी

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यह भाग एक नयी ऊंचाई छूता है की किसी तरह से दोनों ने अपने मन की बात रख दी

कंचन ने बिना पति की बुराई किये साफ़ साफ़ कह भी दिया,


बाबूजी वो जब भी मांगे चूत मेरी मैं नहीं करती इंकार

लेकिन मेरी चूत तो एक हफ्ते में वो लेते हैं एक ही बार


और ससुर ने भी अपनी बात कह दी और बहु ने भी हामी भर दी

अब आप के होते ससुर जी मैं क्यों चुदवाउंगी गैरो से

इतना बोल के मैंने कच्ची निकाल दी अपनी पैरो से

इस से बेहतर क्या है बहू जो तू मुझसे ही चुदवायेगी

इस से बेटी अपने घर की इज्जत घर में ही रह जाएगी



दोनों ने ही होने मन को समझाने के लिए एक वर्जित संबंधो में भी देह की प्यास बुझाने का कितना सटीक तर्क निकाला, "
घर की इज्जत घर में रह जायेगी "

यह कविता निस्संदेह एक लम्बी कविता और और संबधो के सहज विकास को बहुत अच्छे ढंग से रेखांकित करती है।

बहुत बहुत साधुवाद,...


:claps::claps::claps::claps::claps::claps:👍👍👍👍
 

komaalrani

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भाग ७९

हिना और दूबे भाभी


update posted, please read, enjoy, like and comment.
 

arushi_dayal

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Part 8A
खुल जाएगी चूत मेरी बाबूजी चुद गई जो मैं आप से

और कैसे कहूंगी पतिदेव से कि मैं चुद गई तेरे बाप से

तेरी चूत की फाँको पे ही हम ये लन अपना सहलाएँगे

जब तुम मांगो ना हमसे हम अपना लौडा नहीं घुसाएंगे

IMG-0845 IMG-0801 IMG-0863
बहुत दिनों से अरमान था बहू कि मैं चखू तेरी जवानी

बाहर खींच लेगे लौड़ा अपना पिला तेरी चूत का पानी

खोल के मेरी कोमल जांघें बाबूजी अब लगे सुंघने चूत

मेरे सर पर भी चढ़ के बोल रहा था अब चुदने का भूत

IMG-0925 IMG-0936 IMG-0761
तेरी चूत की खुशबू बहूरानी मुझे लगे है बड़ी नशीली

हाथ लगा के देख जरा तू तेरी पूरी चूत पड़ी है गीली

आप ने अपनी बातों से बाबूजी इसको किया है गिली

आप ने इसको घुसा दिया तो मेरी हो जाएगी ढिल्ली

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ज्यादा ढिल्ली ना करे रखेंगे ख्याल हम इस बात का

सारी चिंता छोड़ दो मजा लो अब इस मुलाकात का

मेरी चूत की फाँको पे बाबू जी लगे अब जीभ चलाने

और अपने हाथों में थाम के मेरी मोटी चुची लगे दबाने

IMG-0852 IMG-0781 IMG-0721
फिर धीरे से मेरी पीठ के पीछे अपना हाथ दिया डाल

और खोल के मेरे योवन से चोली बिस्तर पे दी उछाल

हाय बाबूजी आपने आज हमें पूरा ही कर दिया नंगा

अगर सासुजी वापस आ गई जल्दी तो हो जाएगा पंगा

IMG-0956 IMG-0955 IMG-0736
पूरी नंगी हो औरत जो बिस्तर पे मजा तभी ही आता है

नंगी औरत को ही बिस्तर पे मर्द अच्छी तरह बजाता है

आज हम अपनी बहू को गांव का गन्ना खूब चुसवायेंगे

अपने इस मोटे गन्ने का रस भी तुमको खूब पिलायेंगे

IMG-0763 IMG-0762
खोल के अपना मुँह बहुरानी अपने होठों में इसे दबाओ

चाटो इसका टोपा और लौड़े पर अपनी जीभ चलाओ

अपने प्यारे खिलोने को जैसे कोई बच्चे करता है प्यार

अपने मुँह में ले के बाबूजी लौड़ा मैं करने लगी दुलार

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मुँह में भर के लगी चुस्ने बाबूजी के भारी टट्टो का जोड़ा

लोहे के जैसा सख्त हो चुका था अब बाबूजी का लौड़ा

आ जाइये अब बाबूजी बहुत लगी है मेरी चूत में आग

मेरे बिल में घुसा दीजिये अब अपना काला मोटा नाग

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जिसका इंतजार था मुझे महीनों से घड़ी आज वो आई

प्यासी तड़पती इस चूत की अब आज होगी खूब ठुकाई

लोहा तो गरम अब हो चुका उनको मारना होगा हथौड़ा

ऐसा ही कुछ सोच बाबूजी ने लगाया मेरी चूत पे लौड़ा

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https://poetandpoem.com/Robert-William-Service
 

arushi_dayal

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Part 8B
रख के चूत के होठों पर अपने लौड़े को जरा दबाया

और देकर हल्का सा धक्का मेरी फुद्दी में उसे घुसाया

चीख पड़ी मैं बाबूजी के इसधक्के से पूरी दर्द के मारे

दिन के पूरे उजाले में ही मुझे दोस्तो नज़र आ गए तारे

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बाबूजी इस लौड़े ने फाड़ दी मेरी बाहर इसे निकालो

हाय मेरी अम्मा आकर मुझको इनसे आज बचा लो

बहु क्यो इतना चिल्लाती हो जरा रखो हौसला थोड़ा

पहली बार लिया है तुमने क्या अपनी चूत में लौड़ा

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लिया कई बार चूत में अपनी आपके बेटे का हाथियार

लेकिन एक गधे के लंड से मैं चुदवा रही हूं पहली बार

हर औरत चाहे है चूत अपनी ऐसे ही लौड़े से मारवानी

ऐसे लौड़े का पानी लेकर ही बहु निखारेगी तेरी जवानी

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बहु ये लौड़ा पूरा घुस लेने दे मेरा अभी घुसा है आधा

उछल उछल के फिर देगी तू अपनी चूत मेरा है ये वादा

बन जाएगा चूत का भोसड़ा जो आप से मैं चुद जाउंगी

फिर वापस जाके आपके बेटे को मैं क्या मुंह दिखाऊंगी

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बाबूजी ने नीचे हाथ डाल के कंधो से मुझको पकड़ा

हल्का लंड निकल के बाहर लगया एक धक्का तगड़ा

शेर के पंजे में बकरी की भँति मैं लगी ख़ूब मिमियाने

पर बाबूजी तो पूरे जोश में लगे थे अपना लंड घुसाने

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कुछ देर पहले बाबूजी आप ने बोला था मुझको बेटी

अभी देखिए खोल के टांगे मैं हूं आपको नीचे लेटी

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पकड़ के चुची भर ली मुँह में और बाबूजी लगे सहलाने

सुपाड़े तक निकालके बाहर लौड़ा उसे अंदरलगे घुसाने

अपनी गोद में लेके बाबूजी ने नीचे से ऐसा धक्का मारा

मस्त हो गई मैं उनका जोश देखकर दर्द भूल गई सारा

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अलग-अलग आसन में बाबूजी ने मेरी ऐसी चूत बजाई

चुदी चुदाई चूत भी मेरी अब अब वो भी देने लगी दुहाई

बहूरानी अब हम हैं छूटने वाले हो अब जाओ तुम त्यार

मेरे पूरे बदन पे कर दी बाबूजी ने अपने वीर्य की बौछार

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komaalrani

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Part 8A
खुल जाएगी चूत मेरी बाबूजी चुद गई जो मैं आप से

और कैसे कहूंगी पतिदेव से कि मैं चुद गई तेरे बाप से

तेरी चूत की फाँको पे ही हम ये लन अपना सहलाएँगे

जब तुम मांगो ना हमसे हम अपना लौडा नहीं घुसाएंगे

IMG-0845 IMG-0801 IMG-0863
बहुत दिनों से अरमान था बहू कि मैं चखू तेरी जवानी

बाहर खींच लेगे लौड़ा अपना पिला तेरी चूत का पानी

खोल के मेरी कोमल जांघें बाबूजी अब लगे सुंघने चूत

मेरे सर पर भी चढ़ के बोल रहा था अब चुदने का भूत

IMG-0925 IMG-0936 IMG-0761
तेरी चूत की खुशबू बहूरानी मुझे लगे है बड़ी नशीली

हाथ लगा के देख जरा तू तेरी पूरी चूत पड़ी है गीली

आप ने अपनी बातों से बाबूजी इसको किया है गिली

आप ने इसको घुसा दिया तो मेरी हो जाएगी ढिल्ली

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ज्यादा ढिल्ली ना करे रखेंगे ख्याल हम इस बात का

सारी चिंता छोड़ दो मजा लो अब इस मुलाकात का

मेरी चूत की फाँको पे बाबू जी लगे अब जीभ चलाने

और अपने हाथों में थाम के मेरी मोटी चुची लगे दबाने

IMG-0852 IMG-0781 IMG-0721
फिर धीरे से मेरी पीठ के पीछे अपना हाथ दिया डाल

और खोल के मेरे योवन से चोली बिस्तर पे दी उछाल

हाय बाबूजी आपने आज हमें पूरा ही कर दिया नंगा

अगर सासुजी वापस आ गई जल्दी तो हो जाएगा पंगा

IMG-0956 IMG-0955 IMG-0736
पूरी नंगी हो औरत जो बिस्तर पे मजा तभी ही आता है

नंगी औरत को ही बिस्तर पे मर्द अच्छी तरह बजाता है

आज हम अपनी बहू को गांव का गन्ना खूब चुसवायेंगे

अपने इस मोटे गन्ने का रस भी तुमको खूब पिलायेंगे

IMG-0763 IMG-0762
खोल के अपना मुँह बहुरानी अपने होठों में इसे दबाओ

चाटो इसका टोपा और लौड़े पर अपनी जीभ चलाओ

अपने प्यारे खिलोने को जैसे कोई बच्चे करता है प्यार

अपने मुँह में ले के बाबूजी लौड़ा मैं करने लगी दुलार

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मुँह में भर के लगी चुस्ने बाबूजी के भारी टट्टो का जोड़ा

लोहे के जैसा सख्त हो चुका था अब बाबूजी का लौड़ा

आ जाइये अब बाबूजी बहुत लगी है मेरी चूत में आग

मेरे बिल में घुसा दीजिये अब अपना काला मोटा नाग

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जिसका इंतजार था मुझे महीनों से घड़ी आज वो आई

प्यासी तड़पती इस चूत की अब आज होगी खूब ठुकाई

लोहा तो गरम अब हो चुका उनको मारना होगा हथौड़ा

ऐसा ही कुछ सोच बाबूजी ने लगाया मेरी चूत पे लौड़ा

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आपकी हर पोस्ट अनूठी होती है और सबसे बड़ी बात की चाहे चित्र हो या शब्द मन की बात जरूर चेहरे पर भी आती है और मुंह से शब्दों में भी आती है जैसे पाठक भी समझ लें,...

अब इस पोस्ट की शुरुआत में क्योंकि रिश्ता ही कुछ ऐसा है, ससुर ने इस बात का ख्याल रखा की बहू को चाहे विमला का इस्तेमाल कर पटाने, में या झलक दिखला कर गरमाने में,... या फोरप्ले में, ... बहुत खुद अपने मुंह से मांगे, खुद अपनी जाँघे फैला दे जिससे कोई ये न कहे की ससुर ने बहू का फायदा उठाया, बहू से जबरदस्ती की या अकेली बहू को पा के उसके ना ना करने पे चढ़ गया,

ससुर ने साफ़ साफ़ कहा और एकदम शुरू में इस पार्ट के

तेरी चूत की फाँको पे ही हम ये लंड अपना सहलाएँगे

जब तुम मांगो ना हमसे हम अपना लौड़ा नहीं घुसाएंगे।

और कोई भी सोच सकता है की फांको पे रगड़ खाने के बाद प्यासी बहू का क्या हाल होगा और ससुर को दोष भी नहीं दे सकते, इसी भाग में आगे वो हालत भी जब तड़पती हुयी बहू खुद कहती है

मेरे सर पर भी चढ़ के बोल रहा था अब चुदने का भूत
---

आ जाइये अब बाबूजी बहुत लगी है मेरी चूत में आग

मेरे बिल में घुसा दीजिये अब अपना काला मोटा नाग


देह के रिश्ते के बारे में तो कोई लिख लेता है लेकिन मन का द्वन्द इस प्रकार दिखाएं की वो बोझिल हो , उस कामुक माहौल में बाधा न पड़े और चित्र भी एक भारतीय नारी के इस्तेमाल करती हैं, और कंचन एक शादीशुदा औरत है, एक गौने की कल की आयी दुल्हिन नहीं, कंचन ऐसी है जिसे देह का सुख मालूम है और चित्र भी उसी आयु की नारी की है तो कविता के साथ संगत करता है ,

एक और अच्छी पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई,...
 

Random2022

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Part 8A
खुल जाएगी चूत मेरी बाबूजी चुद गई जो मैं आप से

और कैसे कहूंगी पतिदेव से कि मैं चुद गई तेरे बाप से

तेरी चूत की फाँको पे ही हम ये लन अपना सहलाएँगे

जब तुम मांगो ना हमसे हम अपना लौडा नहीं घुसाएंगे

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बहुत दिनों से अरमान था बहू कि मैं चखू तेरी जवानी

बाहर खींच लेगे लौड़ा अपना पिला तेरी चूत का पानी

खोल के मेरी कोमल जांघें बाबूजी अब लगे सुंघने चूत

मेरे सर पर भी चढ़ के बोल रहा था अब चुदने का भूत

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तेरी चूत की खुशबू बहूरानी मुझे लगे है बड़ी नशीली

हाथ लगा के देख जरा तू तेरी पूरी चूत पड़ी है गीली

आप ने अपनी बातों से बाबूजी इसको किया है गिली

आप ने इसको घुसा दिया तो मेरी हो जाएगी ढिल्ली

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ज्यादा ढिल्ली ना करे रखेंगे ख्याल हम इस बात का

सारी चिंता छोड़ दो मजा लो अब इस मुलाकात का

मेरी चूत की फाँको पे बाबू जी लगे अब जीभ चलाने

और अपने हाथों में थाम के मेरी मोटी चुची लगे दबाने

IMG-0852 IMG-0781 IMG-0721
फिर धीरे से मेरी पीठ के पीछे अपना हाथ दिया डाल

और खोल के मेरे योवन से चोली बिस्तर पे दी उछाल

हाय बाबूजी आपने आज हमें पूरा ही कर दिया नंगा

अगर सासुजी वापस आ गई जल्दी तो हो जाएगा पंगा

IMG-0956 IMG-0955 IMG-0736
पूरी नंगी हो औरत जो बिस्तर पे मजा तभी ही आता है

नंगी औरत को ही बिस्तर पे मर्द अच्छी तरह बजाता है

आज हम अपनी बहू को गांव का गन्ना खूब चुसवायेंगे

अपने इस मोटे गन्ने का रस भी तुमको खूब पिलायेंगे

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खोल के अपना मुँह बहुरानी अपने होठों में इसे दबाओ

चाटो इसका टोपा और लौड़े पर अपनी जीभ चलाओ

अपने प्यारे खिलोने को जैसे कोई बच्चे करता है प्यार

अपने मुँह में ले के बाबूजी लौड़ा मैं करने लगी दुलार

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मुँह में भर के लगी चुस्ने बाबूजी के भारी टट्टो का जोड़ा

लोहे के जैसा सख्त हो चुका था अब बाबूजी का लौड़ा

आ जाइये अब बाबूजी बहुत लगी है मेरी चूत में आग

मेरे बिल में घुसा दीजिये अब अपना काला मोटा नाग

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जिसका इंतजार था मुझे महीनों से घड़ी आज वो आई

प्यासी तड़पती इस चूत की अब आज होगी खूब ठुकाई

लोहा तो गरम अब हो चुका उनको मारना होगा हथौड़ा

ऐसा ही कुछ सोच बाबूजी ने लगाया मेरी चूत पे लौड़ा

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Bahut khub
 

komaalrani

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Part 8B
रख के चूत के होठों पर अपने लौड़े को जरा दबाया

और देकर हल्का सा धक्का मेरी फुद्दी में उसे घुसाया

चीख पड़ी मैं बाबूजी के इसधक्के से पूरी दर्द के मारे

दिन के पूरे उजाले में ही मुझे दोस्तो नज़र आ गए तारे

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बाबूजी इस लौड़े ने फाड़ दी मेरी बाहर इसे निकालो

हाय मेरी अम्मा आकर मुझको इनसे आज बचा लो

बहु क्यो इतना चिल्लाती हो जरा रखो हौसला थोड़ा

पहली बार लिया है तुमने क्या अपनी चूत में लौड़ा

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लिया कई बार चूत में अपनी आपके बेटे का हाथियार

लेकिन एक गधे के लंड से मैं चुदवा रही हूं पहली बार

हर औरत चाहे है चूत अपनी ऐसे ही लौड़े से मारवानी

ऐसे लौड़े का पानी लेकर ही बहु निखारेगी तेरी जवानी

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बहु ये लौड़ा पूरा घुस लेने दे मेरा अभी घुसा है आधा

उछल उछल के फिर देगी तू अपनी चूत मेरा है ये वादा

बन जाएगा चूत का भोसड़ा जो आप से मैं चुद जाउंगी

फिर वापस जाके आपके बेटे को मैं क्या मुंह दिखाऊंगी

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बाबूजी ने नीचे हाथ डाल के कंधो से मुझको पकड़ा

हल्का लंड निकल के बाहर लगया एक धक्का तगड़ा

शेर के पंजे में बकरी की भँति मैं लगी ख़ूब मिमियाने

पर बाबूजी तो पूरे जोश में लगे थे अपना लंड घुसाने

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कुछ देर पहले बाबूजी आप ने बोला था मुझको बेटी

अभी देखिए खोल के टांगे मैं हूं आपको नीचे लेटी

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पकड़ के चुची भर ली मुँह में और बाबूजी लगे सहलाने

सुपाड़े तक निकालके बाहर लौड़ा उसे अंदरलगे घुसाने

अपनी गोद में लेके बाबूजी ने नीचे से ऐसा धक्का मारा

मस्त हो गई मैं उनका जोश देखकर दर्द भूल गई सारा

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अलग-अलग आसन में बाबूजी ने मेरी ऐसी चूत बजाई

चुदी चुदाई चूत भी मेरी अब अब वो भी देने लगी दुहाई

बहूरानी अब हम हैं छूटने वाले हो अब जाओ तुम त्यार

मेरे पूरे बदन पे कर दी बाबूजी ने अपने वीर्य की बौछार

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बहुत अच्छी रचना

देह संबंधो के दौरान हर पाठक चाहता है की पात्र बोले, कुछ कहें जिससे पढ़ने वाला भी अपना संबध, सरोकार बना सके। वैसे तो चूड़ियां चुरमुर करती है, सुहागरात के अगले दिन आधी तो चटक ही जाती हैं. पायल की रुन झुन बहुत कुछ कह देती है इसलिए नववधु को घँघुरु वाले बिछुए और पायल ही पहनाये जाते हैं, जो देह के सुर ताल की संगत देते हैं।

और इस भाग में देह सुख के बारे में बहू और ससुर दोनों ने खुल के कहा और सबसे मुखर है बहू

लिया कई बार चूत में अपनी आपके बेटे का हथियार

लेकिन एक गधे के लंड से मैं चुदवा रही हूं पहली बार

हर औरत चाहे है चूत अपनी ऐसे ही लौड़े से मरवानी


और ससुर का जवाब,

ऐसे लौड़े का पानी लेकर ही बहु निखारेगी तेरी जवानी

यानी ससुर जो कर रहे हैं बहू की जवानी और निखारने के लिए कर रहे हैं।

जैसे जैसे बात आगे बढ़ती है बहू चिढ़ाती भी है उकसाती भी है


कुछ देर पहले बाबूजी आप ने बोला था मुझको बेटी

अभी देखिए खोल के टांगे मैं हूं आपको नीचे लेटी


लेकिन पुरुष के जवाब देने का तरीका एक ही होता है,... एक्शन और वो यहाँ भी भी

पकड़ के चुची भर ली मुँह में और बाबूजी लगे सहलाने

सुपाड़े तक निकालके बाहर लौड़ा उसे अंदरलगे घुसाने

अपनी गोद में लेके बाबूजी ने नीचे से ऐसा धक्का मारा

मस्त हो गई मैं उनका जोश देखकर दर्द भूल गई सारा



बहुत ही अच्छी पोस्ट और चित्रों में चेहरे के भाव अद्भुत हैं।
 

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २१८

ब्रेक -


मीठी भाभी रीनू और गुड्डी


soon
 
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