- 23,117
- 62,141
- 259
जोरू का गुलाम भाग 246 ----तीज प्रिंसेज कांटेस्ट पृष्ठ १५३३
अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
Click anywhere to continue browsing...
What nonsense komalya , you sound mch more confused than the guy who asked the qstn.Thanks, for taking out time to read.Bahoot saaf saaf kahana mushkil hai lekin log kahte hain ki kothe par kisi Tawaaif ke saath first intercourse ke liye jo sabse jyada paisa deta tha use vo mauka milata tha. Uske pahle vo saare singar kar ke rahti hogi aur normal course me bhi sone ke pahale sab ornament uatra jaata hai to bas Nath bhi utharne ke baad vo kunvaari ladki us pusush ke paas aatti hogi ya vah pursush intercourse ke pahle Nath utharata hoga , ornaments utarate smaay.
सारा शेड्यूल तैयार है....हक पूरा है आप का
इसी हफ्ते तीनो कहानियों का अपडेट आएगा
सबसे पहले फागुन के दिन चार का
फिर छुटकी और
उसके बाद जोरू का गुलाम - अगले पांच दिन में पक्का
ससुर लंड पे बिठा के जन्नत की सैर कराएगा...Part 5
एक दिन बोली सासु बाबूजी को बहू को गांव घुमाओ
बहू को ले जा कर साथ में जरा अपना खेत दिखाओ
निकल पड़ी फिर घर से बाबूजी के संग मैं होकर त्यार
बड़े बड़े चूचो पे कसी सी कुर्ती और झीनी सी सलवार
आगे-आगे को मैं चलने लगी खेतो की पतली माँड पे
पीछे चलते ससुर जी की नज़र टिकी थी मेरी गांड पे
एक बार जब देखा झट से से मैंने मुड़कर पीछे थोड़ा
ससुर जी देख मेरी गांड को अपना मसल रहे थे लौड़ा
उनको देख मसलते हुए लंड मैं मंद-मंद सी मुस्कायी
मुझे यकीन था अब जल्दी ही होगी मेरी दमदार चुदाई
चलते चलते खेत की पगडंडी पे मैं गई जरा फिसल
और गिरने के डर के मारे मेरे मुँह से चीख गयी निकल
झट से थाम लिया बाबूजी ने मुझे डाल कमर में हाथ
बड़ी चतुराई से सटा दिया था लौड़ा मेरी गांड के साथ
थाम के मुझको बाबूजी लौड़े का एहसास लगे कराने
रगड़ के अपना लौड़ा बाबूजी मेरी आग लगे बड़काने
बाबू जी संग चलते-चलते एक गन्ने का खेत भी आया
खेत में लहराते देख के ताजा गन्ने मेरा मन ललचाय
बाबूजी ये गांव के ताजे गाने मुझको भी एक दिला दो
इन मोटे ताजे गन्नो का इकबार मुझे भी स्वाद चखा दो
गांव के लंबे मोटे गन्नो का बहूरानी होता है बहुत स्वाद
एक बार जो चूस लियावो गन्ना तो हमेशा रखोगी याद
चतुर बड़े बाबू जी एक तो तीर से लगा दिये दो निशाने
सुन के उनकी बात अब मेरी निगोड़ी चुत लगी पनियाने
हर दिन भड़कती ही जा रही थी अब मेरी चूत की गर्मी
मुझे अब कुछ करना होगा दिखानी होगी थोड़ी बेशर्मी
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
इतनी करारी माल पर तो किसी की नजर डोल जाएगी....Part 6A
एक दिन सुबह सासुमाजी जब गई हुई थी मंदिर
बोले ससुर हमारे हमको आते ही घर के अंदर
बिमला को मेरे कमरे में भेज दो जाके तुम बहुरानी
थोड़ा बदन टूट रहा है मुझको मालिश है करवानी
समझा गई थी मैं मालिश के पीछे बाबूजी का राज
शायद फिर से मूड बना है बिमला को चोदेंगे आज
बाबूजी बिमला चाची तो गई है माँ जी संग बाजार
उन दोनों को तो आने में लगेंगे कम से कम घंटे चार
आप कहें तो मैं कर देती हूँ मालिश आपकी आज
लेकिन सासुजी को पता चले ना ये रहे हमेशा राज
तुम क्यों कष्ट करोगी मैं कल बिमला सेकरवा लूंगा
अपने पूरे बदन मैं ऊस से कल ही तेल मलवा लूंगा
बाबूजी मुझे भी दीजिए मौकाकरने का आपकी सेवा
शायद मुझे मिल जाए जो मिलता है बिमला को मेवा
बाबूजी भी खिलाड़ी थे समझ गए थे वो मेरी चतुराई
बहू ने उन्हें देख लिया है बिमला की करते हुए चुदाई
सोच लिया मैंने भी आज बाबूजी को खूब तड़पाऊंगी
ख़ूब उनको तड़पा तड़पा के फिर अपनी चूत मारवाऊंगी
![]()
![]()
![]()
![]()
ले के तेल गरम मैं पहुंची कमरे में बाबूजी के पास
शायद मैं चुद जाउं बाबूजी से ले के मन में ये आस
करने लगी टांगों की मालिश मैं हाथों में ले कर तेल
जान बुझ तेल की शीशी मैंने अपने ऊपर ली उड़ेल
तेल लग गया साड़ी पे तो ये साड़ी हो जाएगी ख़राब
अपनी सासू मां को बहू फिर तुम क्या दोगी जवाब
अगर तुम्हें दिक्कत ना हो तो उतार के रख दो साड़ी
बिना साड़ी के तुम मेरी मालिश रख सकती हो जारी
उतार के रख दी साड़ी फिर मैंने बाबू जी के सिरहाने
मालिश के बहाने मैं झुक 2 के चुचिया लागी दिखाने
बाबूजी मैं थोड़ा सा मुड़ जाती हूँ मालिश होगी अच्छी
मुड़ने से पेटीकोट से मेरी दिखने लगी गुलाबी कच्छी
झीने से पेटीकोट से देख के मेरे मोटे मोटे फेले चुत्तड़
बुरी तरह चलने लगी छुरिया बाबूजीके दिल के ऊपर
बहू बैठ जाओ जाँघों के ऊपर छाती पर मल दो तेल
समझ गई बाबूजी ने अब अपना शुरू कर दिया खेल
![]()
![]()
![]()
![]()
upload image
सचमुच इस विधा की आरुषि जी रानी हैं...एक विधा को दूसरी विधा में परवर्तित करना बहुत कठिन है लेकिन तब भी आप उस कहानी को जिसकी स्मृति पाठकों के मन में है उसे उसी रूप में बिना कुछ काटे, सभी महत्वपूर्ण चरित्रों के साथ, सभी घटनाओं को जोड़ कर कविता के रूप में चित्रों से संजो कर प्रस्तुत कर रही है जो बहुत ही स्तुत्य है।
इस भाग में कंचन और ससुर के बीच कम होती दूरियां, गांव का माहौल, गन्ने का खेत और कंचन के मन में होती उथलपुथल को जिस तरह से अपने दिखाया वो आप ही क्र सकती थीं
और चित्र विशेष रूप अंतिम, जस्ट गजब
कल का दिन मेरे फागुन के दिन चार का भाग २ पोस्ट करने में लग गया इसलिए कमेंट में थोड़ी देर हुयी।
लड़कों के तो लंड पर घी शक्कर...abhi to Guddi rani ki tripling bhi hogi, aur kayi baar doubling, ... party ki taiyaari
अब ससुर बहु की मालिश करेगा...Part 6 c
बहुरानी तुमने भगवान से सच मे इतनी सुन्दरता पाई
जरा बताओ कोलज में तुमने कितनी की नींद उड़ाई
घूमते थे पीछे काफी लड़के लेकर मन में कुछ आस
हमने कभी किसी लड़के को नहीं डाली जरा भी घास
बहूरानी मेरा बेटा बिस्तर में तुझे क्या पूरा सुख है देता
एक पूरे हफ्ते में वो तेरी यह चूत कितनी बार है लेता
बाबूजी ये सब मत पूछिए हमसे हम कैसे कह पायेंगे
ऐसी बातें आप से करेंगे तो हम शर्म से ही मर जायेंगे
बहू रानी तुम मेरी बेटी जैसी हो फिर हमसे कैसी शर्म
अपनी बहू का दुख दर्द समझना हमारा है परम धरम
बाबूजी वो जब भी मांगे चूत मेरी मैं नहीं करती इंकार
लेकिन मेरी चूत तो एक हफ्ते में वो लेते हैं एक ही बार
बहू हमारा बेटा है नालायक और वो बिल्कुल है बेकार
तुम्हारी जैसी बीवी मुझे मिले तो तुझे लन पे रखु सवार
तेरी उम्र में तो बहू हर औरत में होती है भरपुर चुदासी
एक बार ही चुदने में तो तुम रह ही जाती होगी प्यासी
बहू तुम्हारी मालिश से आज हमें मिला है बहुत आराम
कहना था कुछ और भी तुमसे अगर कर पायो वो काम
अगर बुरा ना लगे तुम्हें तो जरासा और ऊपर को आओ
और खोल के लंगोट हमारा जरा वहां भी तेल लगाओ
जिसका था इंतज़ार मुझे कब से घड़ी आज वो आई
मेरी चूत को फाड़ेगा जो लंड आज देगा मुझे दिखाई
लंड और चूत की भाषा हम दोनों खुल के रहें थे बोल
इतने मे खुद मैंने ही उनके लंगोट की गाँठ दी खोल
लंगोट के फिर अंदर जो देखा मैंने देख के मैं चिल्लाई
गधे के जैसा ससुर का देख के लौड़ा मैं सच में घबराई
जिसकी चूत में बाबूजी ये अपना मोटा लौड़ा धक देंगे
चुदी चुदायी चुत को भी ये फिर से फाड़ के रख देंगे
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
ऐसा गदराया हुश्न... तौबा.. तौबा..Part7A
एक दिन सुबह सासुमाजी जब गई हुई थी मंदिर
बोले ससुर हमारे हमको आते ही घर के अंदर
बिमला को मेरे कमरे में भेज दो जाके तुम बहुरानी
थोड़ा बदन टूट रहा है मुझको मालिश है करवानी
समझा गई थी मैं मालिश के पीछे बाबूजी का राज
शायद फिर से मूड बना है बिमला को चोदेंगे आज
बाबूजी बिमला चाची तो गई है माँ जी संग बाजार
उन दोनों को तो आने में लगेंगे कम से कम घंटे चार
आप कहें तो मैं कर देती हूँ मालिश आपकी आज
लेकिन सासुजी को पता चले ना ये रहे हमेशा राज
तुम क्यों कष्ट करोगी मैं कल बिमला सेकरवा लूंगा
अपने पूरे बदन मैं ऊस से कल ही तेल मलवा लूंगा
बाबूजी मुझे भी दीजिए मौकाकरने का आपकी सेवा
शायद मुझे मिल जाए जो मिलता है बिमला को मेवा
बाबूजी भी खिलाड़ी थे समझ गए थे वो मेरी चतुराई
बहू ने उन्हें देख लिया है बिमला की करते हुए चुदाई
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
ले के तेल गरम मैं पहुंची कमरे में बाबूजी के पास
शायद मैं चुद जाउं बाबूजी से ले के मन में ये आस
करने लगी टांगों की मालिश मैं हाथों में ले कर तेल
जान बुझ तेल की शीशी मैंने अपने ऊपर ली उड़ेल
तेल लग गया साड़ी पे तो ये साड़ी हो जाएगी ख़राब
अपनी सासू मां को बहू फिर तुम क्या दोगी जवाब
अगर तुम्हें दिक्कत ना हो तो उतार के रख दो साड़ी
बिना साड़ी के तुम मेरी मालिश रख सकती हो जारी
उतार के रख दी साड़ी फिर मैंने बाबू जी के सिरहाने
मालिश के बहाने मैं झुक 2 के चुचिया लागी दिखाने
बाबूजी मैं थोड़ा सा मुड़ जाती हूँ मालिश होगी अच्छी
मुड़ने से पेटीकोट से मेरी दिखने लगी गुलाबी कच्छी
झीने से पेटीकोट से देख के मेरे मोटे मोटे फेले चुत्तड़
बुरी तरह चलने लगी छुरिया बाबूजीके दिल के ऊपर
बहू बैठ जाओ जाँघों के ऊपर छाती पर मल दो तेल
समझ गई बाबूजी ने अब अपना शुरू कर दिया खेल
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
दोनों ओर की प्यास बुझ जाएगी...Part 7B
बहुरानी तुमने भगवान से सच मे इतनी सुन्दरता पाई
जरा बताओ कोलज में तुमने कितनी की नींद उड़ाई
घूमते थे पीछे काफी लड़के लेकर मन में कुछ आस
हमने कभी किसी लड़के को नहीं डाली जरा भी घास
बहूरानी मेरा बेटा बिस्तर में तुझे क्या पूरा सुख है देता
एक पूरे हफ्ते में वो तेरी यह चूत कितनी बार है लेता
बाबूजी ये सब मत पूछिए हमसे हम कैसे कह पायेंगे
ऐसी बातें आप से करेंगे तो हम शर्म से ही मर जायेंगे
बहू रानी तुम मेरी बेटी जैसी हो फिर हमसे कैसी शर्म
अपनी बहू का दुख दर्द समझना हमारा है परम धरम
बाबूजी वो जब भी मांगे चूत मेरी मैं नहीं करती इंकार
लेकिन मेरी चूत तो एक हफ्ते में वो लेते हैं एक ही बार
बहू हमारा बेटा है नालायक और वो बिल्कुल है बेकार तुम्हारी जैसी बीवी मुझे मिले तो तुझे लन पे रखु सवार
तेरी उम्र में तो बहू हर औरत में होती है भरपुर चुदासी
एक बार ही चुदने में तो तुम रह ही जाती होगी प्यासी
बहू तुम्हारी मालिश से आज हमें मिला है बहुत आराम
कहना था कुछ और भी तुमसे अगर कर पायो वो काम
अगर बुरा ना लगे तुम्हें तो जरासा और ऊपर को आओ
और खोल के लंगोट हमारा जरा वहां भी तेल लगाओ
जिसका था इंतज़ार मुझे कब से घड़ी आज वो आई
मेरी चूत को फाड़ेगा जो लंड आज देगा मुझे दिखाई
लंड और चूत की भाषा हम दोनों खुल के रहें थे बोल
इतने मे खुद मैंने ही उनके लंगोट की गाँठ दी खोल
लंगोट के फिर अंदर जो देखा मैंने देख के मैं चिल्लाई
गधे के जैसा ससुर का देख के लौड़ा मैं सच में घबराई
जिसकी चूत में बाबूजी ये अपना मोटा लौड़ा धक देंगे
चुदी चुदायी चुत को भी ये फिर से फाड़ के रख देंगे
अपने इसी फ़ौलादी लौड़े पे बहू तुमको आज बिठाएँगे
चोद के तुमको अपने लौड़े से तुम्हारी प्यास बुझाएंगे
बाबूजी ये कैसा हो सकता है मेरे पिता समान है आप
अगर कभी मैं आपसे चुदवा बैठी तो मुझे लगेगा पाप
अगर पाप पुण्य के भेद में पड़ जाओगी तुम बहुरानी
फिर तुम तो बेकार में करोगी अपनी बरबाद जवानी
हमसे नहीं चुदवा सकती तो हम और कोई बुलवा देंगे
फिर उससे ही हम चुदवा के तुमको गर्मी तेरी मिटा देंगे
अब आप के होते ससुर जी मैं क्यों चुदवाउंगी गैरो से
इतना बोल के मैंने कच्ची निकाल दी अपनी पैरो से
इस से बेहतर क्या है बहू जो तू मुझसे ही चुदवायेगी
इस से बेटी अपने घर की इज्जत घर में ही रह जाएगी
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
![]()
Par koe deta nahe na dono trah ky , all these pages and whether update is good or bad everybody claps. Yeah encourage the writer but kch standard, don't gobble up garbage, kehty hyn yo r what you eat.दोनों तरह के कमेंट अपेक्षित रहती है...