• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

Well-Known Member
22,114
57,286
259
जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,659
173
Part 2

घर में एक रखी थी बाई बिमला था जिस का नाम

बिमला चाची करती थी घर के सारे छोटेमोटे काम

बिमला चाची सासु के घर में सुबह शाम थी आती

नमक मिर्च लगाकर पूरे गांव की बातें खूब सुनाती

धीरे-धीरे बिमला चाची से मेरी अच्छी हो गई यारी

मुझको उसकी सारी बातें अब लगने लगी थी प्यारी

कभीकभी जब मैं थक जाती तो वो मेरे पांव दबाती

कभी कभी जाने अनजाने मेरे कोमल अंग सहलाती

कंचन बहू सच में आपकी चुची कितनी है सुडोल

इन्हें देख कर किसी भी मर्द का मन जाएगा डोल

पतली कमर के नीचे आपके नितंब है कितने भारी

अनिल भैया ने शायद इन पर मेहनत बहुत है मारी

इस परिवार के मर्दो को कुछ वरदान मिला है ऐसा

शायद अनिल भैया बिलकुल हैं अपने बाप केजैसा

पहले मैं चकरायी की ये बिमला चाची क्या बोलीं

मेरे बहुत उक्साने पर ही फिर पोल थी उसने खोली

बहू रानी ये ससुर आपके सच में बहुत बड़े हैं ठरकी

पूरे गाँव को चोदा है इसने क्या औरत क्या लड़की

दस इंच से भी लंबा लौड़ा और टट्टे गजब विशाल

एक बार जो चढ़ जाए वोह तो बदल के रख दे चाल

गाँव की कोई औरतजब आपके ससुर के नीचे आये

फिर वो औरत किसी और मर्द से वैसा मजा ना पाये

बहूरानी तुमभी बचकर ही रहना अचुक है उनका वार

कहीं किसी दिन आपकी भी वो ना खोल दे सलवार

बिमला तुम क्या बोल रही हो मैं हूं उनकी बेटी जैसी

मुझे यकीन है मेरे ऊपर ना रखेंगे वो नज़र कोई ऐसी

देख के लम्बा मोटा लौड़ा फिसल जाये कोई भी नारी

लंड और चूत का रिश्ता होता है सब रिश्तों पर भारी

बेमतलब से तुम ना उलझो सोच इन रिश्तो की बातें

लंड और चूत का सच्चा रिश्ता बाकी सब झूठे है नाते


IMG-0718 IMG-0713 IMG-0703 IMG-0685 IMG-0664 IMG-0665 IMG-0697
हर अपडेट शब्द विहीन कर देता है..
केवल इतना हीं कहना है अति-उत्तम...
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,659
173
Part 3

एक दिन फिर सुबह सुबह बदन पर मल के तेल
बड़े मजे से बाहर आंगन में ससुर जी दंड रहे पेल
बदन पे उनके बधा हुआ था एक छोटा सा लंगोट
उस लंगोट से बाहर झाक रहे दो मोटे से अखरोट

IMG-0783 IMG-0623
देख कठोर बदन ससुर का दिल में उठी इक टीस
ससुर जी होते मेरे पति तो अपने नीचे देते पीस
देख उभार लौड़े का लंगोट में अरमान लगे मचलने
डाल हाथ कच्छी में अपनी मैं लगी थी चूत मसलने

IMG-0716 IMG-0698
एक जवान छोरे की भँति वो ऐसे पेल रहे थे दंड
मुझे लगे ऐसे वो जैसे मेरी चूत में पेल रहे हो लंड
वैसे ही मैं तड़प रही थी पिछले तीन महीने से प्यासी
ससुर के नंगे बदन ने मेरी प्यास थी और भड़का दी

IMG-0712 IMG-0645 IMG-0647
रसोईघर में जाके फिर मैं एक मोटा सा खीरा लाई
देके अपनी चूत में उस को मैंने अपनी प्यास बुझाई
लन कीप्यास कहां बुझती है एक बेजान से खीरे से
लगी रेंगने हजारो चींटियाँ नीचे मेरी चूत के चिरे में

IMG-0787 IMG-0695 IMG-0643
एक अदद लम्बे लौड़े की मुझे अब थी बहुत तलाश
बिना चुदाए चुत इतने दिनों से मैं होने लगी हताश
काश ससुर जी आज ही मुझे अपने नीचे बिछा ले
और चोद चोद के चूत मेरी को इसकी आग बुझा दे

IMG-0686 IMG-0634 IMG-0627
एक और बेहतरीन अध्याय....
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,659
173
सामने हलवाई की दूकान पर गरम गरम जलेबी निकल रही हो,

रसीला चमचम रखा हो, मीठा कलाकंद।

और खाने को न मिले,... जो हालत किसी भूखे की नदीदे की होती है वही हालत कंचन की हो रही थी, ऊपर से विमला ने ससुर के पौरुष का बखान करके और उसकी हालत ख़राब कर दी, ...

और लंगोट में बंद, लेकिन एक प्यासी सुहागन मन की आँखों से देख रही थी

बदन पे उनके बधा हुआ था एक छोटा सा लंगोट


उस लंगोट से बाहर झाक रहे दो मोटे से अखरोट

देख कठोर बदन ससुर का दिल में उठी इक टीस


ससुर जी होते मेरे पति तो अपने नीचे देते पीस

देख उभार लौड़े का लंगोट में अरमान लगे मचलने

डाल हाथ कच्छी में अपनी मैं लगी थी चूत मसलने


सच में सुहागन की हालत कुँवारी से ज्यादा खराब होती है, वो स्वाद ले चुकी होती है, एक बार नहीं कई बार,... और उस स्वाद को याद कर कर के हजार चीटियां चुनमुनिया में चिकोटी काटती है, और सामने लंगोट में बंद मूसलचंद हों,... तो वो क्या न करेगी उस लंगोट को खोलने के लिए,...

और खीरे वाली बात भी आपने एकदम अच्छी कही,

लन कीप्यास कहां बुझती है एक बेजान से खीरे से

लगी रेंगने हजारो चींटियाँ नीचे मेरी चूत के चिरे में


खीरे और चीरे की तुक भी अपनी अच्छी मिलाई और ये बात एकदम सही है , खीरा हो, सेक्स ट्वायज हों, डिलडो, वाइब्रेटर हों लेकिन जो बात असली मूसलचंद में है, वो वाइब्रेटिंग, पल्सेटिंग फीलिंग

बहुत ही अच्छा अपडेट, ... आपके नियमित अपडेट कथा की गति को बनाये रखते हैं

बहुत बहुत आभार

Thanks Thank You GIF by 大姚Dayao
और हर बार ये स्वाद और आनंद पहले से अलग लगता है....
 

motaalund

Well-Known Member
9,165
21,659
173
Part 4
मेरे पीछे से क्या पकती है खिचड़ी मैं सब से अंजान

एक दिन मैं गई बाजार को लेने कुछ जारुरी सामान

जल्दी लौट के जब बाजार से मैं घर को वापस आई

बाबूजी के कमरे से मुझे हल्की से सिस्की दी सुनाई

खोल के देखि जब उनके कमरे की खिड़की थोड़ी

बाबूजी चोद रहे बिमलाको बिस्तर पर बना के घोड़ी

आंखें लगा लगी देखने में कमरे में फिर पूरे ध्यान से

बाबूजी के लौड़े की तलवार घुसी चूत की मयान में

हचक हचक के चोद रहे थे बिमला को पूरे जोर से

गूँज रहा पूरा कमरा बिमला की सिस्की के शोर से

मालिक जैसा कहा था आपने चिंगारी मैंने सुलगा दी

कंचन बहू की चूत की अब मैंने खुजली खूब बडा दी

अब सोच समझ कर अब आपको कदम बढ़ाना होगा

जल्द ही कंचनबहू को अपने लौड़े के नीचे लाना होगा

शाबाश बिमला तुमने कर दिया जैसा कहा था काम

उसी बेहतर काम का मैं आज तुझे दे रहा हूं ये इनाम

धीरे-धीरे कर के अब खुलने लगे बंद कड़ियो के धागे

बाबूजी का जिक्रकिया क्यों बिमला चाची ने मेरे आगे

लेकिन सच यह था कि अब मैं भी चुदना थी चाहती

इस निगोड़ी चुत की अब मुझसे गर्मी सही नहीं जाती

IMG-0749 IMG-0747 IMG-0748 IMG-0739 IMG-0740 IMG-0744
चित्रों ने कविता का मजा और बढ़ा दिया है...
 
Top