Part 2
घर में एक रखी थी बाई बिमला था जिस का नाम
बिमला चाची करती थी घर के सारे छोटेमोटे काम
बिमला चाची सासु के घर में सुबह शाम थी आती
नमक मिर्च लगाकर पूरे गांव की बातें खूब सुनाती
धीरे-धीरे बिमला चाची से मेरी अच्छी हो गई यारी
मुझको उसकी सारी बातें अब लगने लगी थी प्यारी
कभीकभी जब मैं थक जाती तो वो मेरे पांव दबाती
कभी कभी जाने अनजाने मेरे कोमल अंग सहलाती
कंचन बहू सच में आपकी चुची कितनी है सुडोल
इन्हें देख कर किसी भी मर्द का मन जाएगा डोल
पतली कमर के नीचे आपके नितंब है कितने भारी
अनिल भैया ने शायद इन पर मेहनत बहुत है मारी
इस परिवार के मर्दो को कुछ वरदान मिला है ऐसा
शायद अनिल भैया बिलकुल हैं अपने बाप केजैसा
पहले मैं चकरायी की ये बिमला चाची क्या बोलीं
मेरे बहुत उक्साने पर ही फिर पोल थी उसने खोली
बहू रानी ये ससुर आपके सच में बहुत बड़े हैं ठरकी
पूरे गाँव को चोदा है इसने क्या औरत क्या लड़की
दस इंच से भी लंबा लौड़ा और टट्टे गजब विशाल
एक बार जो चढ़ जाए वोह तो बदल के रख दे चाल
गाँव की कोई औरतजब आपके ससुर के नीचे आये
फिर वो औरत किसी और मर्द से वैसा मजा ना पाये
बहूरानी तुमभी बचकर ही रहना अचुक है उनका वार
कहीं किसी दिन आपकी भी वो ना खोल दे सलवार
बिमला तुम क्या बोल रही हो मैं हूं उनकी बेटी जैसी
मुझे यकीन है मेरे ऊपर ना रखेंगे वो नज़र कोई ऐसी
देख के लम्बा मोटा लौड़ा फिसल जाये कोई भी नारी
लंड और चूत का रिश्ता होता है सब रिश्तों पर भारी
बेमतलब से तुम ना उलझो सोच इन रिश्तो की बातें
लंड और चूत का सच्चा रिश्ता बाकी सब झूठे है नाते